Published By : Admin |
February 7, 2024 | 16:33 IST
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ശ്രീല പ്രഭുപാദ ജിയുടെ 150-ാം വാർഷികം ആഘോഷിക്കുന്ന പരിപാടിയെ നാളെ (2024 ഫെബ്രുവരി 8 ന്) ഉച്ചയ്ക്ക് 12:30 ന് ന്യു ഡൽഹിയിലെ പ്രഗതി മൈതാനിലുള്ള ഭാരത് മണ്ഡപത്തിൽ പ്രധാനമന്ത്രി ശ്രീ നരേന്ദ്ര മോദി അഭിസംബോധന ചെയ്യും. മഹാ ആത്മീയ ഗുരു ശ്രീല പ്രഭുപാദ ജിയുടെ സ്മരണാർത്ഥം ഒരു സ്മരണിക സ്റ്റാമ്പും നാണയവും പ്രധാനമന്ത്രി പ്രകാശനം ചെയ്യും.
വൈഷ്ണവ വിശ്വാസത്തിൻ്റെ അടിസ്ഥാന തത്വങ്ങൾ സംരക്ഷിക്കുന്നതിലും പ്രചരിപ്പിക്കുന്നതിലും നിർണായക പങ്ക് വഹിച്ച ഗൗഡിയ മിഷൻ്റെ സ്ഥാപകനായിരുന്നു ആചാര്യ ശ്രീല പ്രഭുപാദ. ശ്രീ ചൈതന്യ മഹാപ്രഭുവിൻ്റെ പാഠങ്ങളും വൈഷ്ണവരുടെ സമ്പന്നമായ ആത്മീയ പൈതൃകവും ലോകമെമ്പാടും പ്രചരിപ്പിക്കുന്നതിലും ഗൗഡിയ മിഷൻ ഒരു പ്രധാന പങ്ക് വഹിച്ചു. ഇതിലൂടെ ഗൗഡിയ മിഷൻ ഹരേ കൃഷ്ണ പ്രസ്ഥാനത്തിന്റെ കേന്ദ്രമായി മാറുകയും ചെയ്തു.
Text of PM’s interaction with the team behind India’s bullet train in Surat, Gujarat
November 16, 2025
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बुलेट ट्रेन कर्मचारी - बुलेट ट्रेन है पहचान हमारी, ये उपलब्धि है मोदी जी आपकी और हमारी।
प्रधानमंत्री - आपको क्या लगता है स्पीड ठीक है? आप लोगों ने जो तय किया था, उस टाइम टेबल से चल रहे हैं कि आप लोगों को कुछ दिक्कत हो रही है?
बुलेट ट्रेन कर्मचारी - नहीं सर कोई दिक्कत नहीं है।
प्रधानमंत्री - आप क्या कहेंगी?
बुलेट ट्रेन कर्मचारी - मैं केरला से हूं। मैं इधर सेक्शन टू नवसारी नॉइस....
प्रधानमंत्री - गुजरात में पहली बार आई आप?
बुलेट ट्रेन कर्मचारी - हां सर, मैं इधर सेक्शन टू नॉइज़ बैरियर फैक्ट्री में रोबोटिक यूनिट देख रही हूं। उधर नॉइज़ बैरियर का जो रिबार्केज है, वो रोबोट की मदद से हम लोग वेल्डिंग कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री - क्या लगता है आपको ये बुलेट ट्रेन बनाना और भारत में पहली ट्रेन बनना, इसको आप स्वयं के मन में क्या सोचती है? परिवार को क्या बताती है?
बुलेट ट्रेन कर्मचारी - सर ऐसा लगता है कि ये ड्रीम है, जो मैं काम कर रही हूं, वो बहुत काम आएगा सर आगे परिवार के लिए प्राउड मोमेंट है, मेरे लिए ये सर।
प्रधानमंत्री - देखिए जब तक मन में यह भाव नहीं आता है, मैं मेरे देश के लिए काम कर रहा हूं, मैं देश को एक नई चीज दे रहा हूं, जिसने पहला स्पेस सैटेलाइट छोड़ा होगा, उसको लगता होगा ना और आज सैकड़ों सैटेलाइट जा रहे हैं।
बुलेट ट्रेन कर्मचारी - नमस्ते सर मेरा नाम श्रुति है। मैं बेंगलुरू से हूं और मैं लीड इंजीनियरिंग मैनेजर हूं। डिज़ाइन और इंजीनियरिंग कंट्रोल देखती हूं। तो आप जैसे कह रहे हैं, पहले जो भी अब इनिशियल प्लान और इंप्लीमेंटेशन जो भी होता है, वो पहले होता है। फिर जैसे-जैसे एग्जीक्यूशन करने की ओर जाते हैं, हम उसके Pros and Cons हर बार चेक करते हैं, हर एक स्टेप में, और अगर हमसे यह नहीं हो रहा है, तो क्यों नहीं हो रहा है? पहले सॉल्यूशन निकालने की कोशिश करते हैं। अगर तब भी नहीं हुआ तो कौन सा अल्टरनेट सॉल्यूशन उसके लिए देख सकते हैं, वो करके हम हर एक स्टेप में आगे बढ़ते जाते हैं सर।
प्रधानमंत्री - ये जो आपके अनुभव है अगर वो रिकॉर्डेड होंगे, एक ब्लू बुक की तरह तैयार होते हैं, तो देश में हम बहुत बड़ी मात्रा में बुलेट ट्रेन की दिशा में जाने वाले हैं। अब हम नहीं चाहेंगे हर लोग नया प्रयोग करें। यहां से जो सीखा हुआ है, वो वहां रिप्लिका होना चाहिए। लेकिन वो रिप्लिका तब होगा कि क्यों ऐसा करना पड़े इसका ज्ञान होगा तो होगा। वरना क्या होगा कि वो ऐसे ही कर देंगे। अगर इस प्रकार का कोई रिकॉर्ड आप मेंटेन करते हैं। भविष्य में स्टूडेंट्स के लिए भी काम आ सकता है। जिंदगी यहीं खपा देंगे, देश को कुछ देकर जाएंगे।
बुलेट ट्रेन कर्मचारी - ना नाम चाहिए, ना इनाम चाहिए, ना नाम चाहिए, ना इनाम चाहिए। बस देश आगे बढ़े, ये अरमान चाहिए।
प्रधानमंत्री – वाह।
बुलेट ट्रेन कर्मचारी - मोदी जी आपका हर सपना साकार हो, मोदी जी आपका हर सपना साकार हो, देश का नाम ऊंचा रहे, हर बार-बार हो। बुलेट ट्रेन है पहचान हमारी, बुलेट ट्रेन है पहचान हमारी, ये उपलब्धि है मोदी जी आपकी और हमारी।