"ಮಂಗಳೂರಿನಲ್ಲಿ ಸುಮಾರು 3800 ಕೋಟಿ ರೂ.ಗಳ ಅಭಿವೃದ್ಧಿ ಯೋಜನೆಗಳ ಶಂಕುಸ್ಥಾಪನೆ ನೆರವೇರಿಸಿ, ಉದ್ಘಾಟಿಸಿದ ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ"
"ಅಭಿವೃದ್ಧಿ ಹೊಂದಿದ ಭಾರತವನ್ನು ನಿರ್ಮಿಸಲು, 'ಮೇಕ್ ಇನ್ ಇಂಡಿಯಾ' ಮತ್ತು ದೇಶದ ಉತ್ಪಾದನಾ ವಲಯವನ್ನು ವಿಸ್ತರಿಸುವುದು ತುಂಬಾ ಅಗತ್ಯ”
"ಸಾಗರಮಾಲಾ ಯೋಜನೆಯ ಅತಿದೊಡ್ಡ ಫಲಾನುಭವಿಗಳಲ್ಲಿ ಕರ್ನಾಟಕವೂ ಒಂದಾಗಿದೆ"
"ಮೊದಲ ಬಾರಿಗೆ 30 ಲಕ್ಷಕ್ಕೂ ಹೆಚ್ಚು ಕರ್ನಾಟಕದ ಗ್ರಾಮೀಣ ಕುಟುಂಬಗಳಿಗೆ ಕೊಳಾಯಿ ನೀರು ತಲುಪಿದೆ"
"ಕರ್ನಾಟಕದ 30 ಲಕ್ಷಕ್ಕೂ ಹೆಚ್ಚು ರೋಗಿಗಳು ಆಯುಷ್ಮಾನ್ ಭಾರತದ ಪ್ರಯೋಜನ ಪಡೆದುಕೊಂಡಿದ್ದಾರೆ"
"ಪ್ರವಾಸೋದ್ಯಮ ಬೆಳೆದಾಗ, ಅದು ನಮ್ಮ ಗುಡಿ ಕೈಗಾರಿಕೆಗಳು, ನಮ್ಮ ಕುಶಲಕರ್ಮಿಗಳು, ಗ್ರಾಮೋದ್ಯೋಗಗಳು, ಬೀದಿಬದಿ ವ್ಯಾಪಾರಿಗಳು, ಆಟೋ ರಿಕ್ಷಾ ಚಾಲಕರು, ಟ್ಯಾಕ್ಸಿ ಚಾಲಕರಿಗೆ ಪ್ರಯೋಜನ ನೀಡುತ್ತದೆ"
"ಇಂದು ಡಿಜಿಟಲ್ ಪಾವತಿಗಳು ಐತಿಹಾಸಿಕ ಮಟ್ಟದಲ್ಲಿದ್ದು, ಭೀಮ್-ಯುಪಿಐನಂತಹ ನಮ್ಮ ಆವಿಷ್ಕಾರಗಳು ವಿಶ್ವದ ಗಮನ ಸೆಳೆಯುತ್ತಿವೆ"
"ಸುಮಾರು 6 ಲಕ್ಷ ಕಿ.ಮೀ ಆಪ್ಟಿಕಲ್ ಫೈಬರ್ ಅಳವಡಿಸುವ ಮೂಲಕ ಗ್ರಾಮ ಪಂಚಾಯತ್ ಗಳನ್ನು ಸಂಪರ್ಕಿಸಲಾಗುತ್ತಿದೆ"
"ಭಾರತವು ಸರಕು ರಫ್ತಿನಲ್ಲಿ 418 ಶತಕೋಟಿ ಡಾಲರ್ ಅಂದರೆ 31 ಲಕ್ಷ ಕೋಟಿ ರೂಪಾಯಿಗಳ ಹೊಸ ದಾಖಲೆ ಮಾಡಿದೆ"
"ಪಿಎಂ ಗತಿಶಕ್ತಿ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಮಾಸ್ಟರ್ ಪ್ಲಾನ್ ಅಡಿಯಲ್ಲಿ, ರೈಲ್ವೆ ಮತ್ತು ರಸ್ತೆಗಳ ಇನ್ನೂರ ಐವತ್ತಕ್ಕೂ ಹೆಚ್ಚು ಯೋಜನೆಗಳನ್ನು ಗುರುತಿಸಲಾಗಿದ್ದು, ಇದು ತಡೆರಹಿತ ಬಂದರು ಸಂಪರ್ಕಕ್ಕೆ ನೆರವಾಗುತ್ತದೆ"

कर्नाटका के राज्यपाल श्रीमान थावर चंद जी गहलोत, कर्नाटका के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोमई जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगीगण, कर्नाटका सरकार के मंत्रिगण, सांसद और विधायकगण और विशाल संख्‍या में पधारे हुए मेरे प्‍यारे भाइयों और बहनों !

आज भारत की समुद्री ताकत के लिए बहुत बड़ा दिन है। राष्ट्र की सैन्य सुरक्षा हो या फिर राष्ट्र की आर्थिक सुरक्षा, भारत आज बड़े अवसरों का साक्षी बन रहा है। अब से कुछ समय पहले, कोच्चि में भारत के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर के लोकार्पण ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया है।

और अब यहां मैंगलुरू में 3 हजार 700 करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण, शिलान्यास और भूमिपूजन हुआ है। ऐतिहासिक मंगलोर पोर्ट की क्षमता के विस्तार के साथ-साथ यहां रिफाइनरी और हमारे मछुआरे साथियों की आय बढ़ाने के लिए अनेक प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास भी हुआ है। इन परियोजनाओं के लिए मैं कर्नाटका वासियों को, आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

इन प्रोजेक्ट्स से कर्नाटका में व्यापार-कारोबार को, उद्योग को और ताकत मिलेगी, ease of doing business को बल मिलेगा। विशेष रूप से वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के तहत विकसित किए जा रहे कर्नाटका के किसानों और मछुआरों के उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों तक पहुंचाना और आसान होगा।

साथियों,

इस बार स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से जिन पंच प्राणों की बात मैंने की है, उनमें से सबसे पहला है - विकसित भारत का निर्माण। विकसित भारत के निर्माण के लिए देश के मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर में मेक इन इंडिया का विस्तार करना बहुत आवश्यक है। विकसित भारत के निर्माण के लिए जरूरी है हमारा एक्सपोर्ट बढ़े, दुनिया में हमारे प्रोडक्ट, कॉस्ट के मामले में कंपटीटिव हों। ये सस्ते और सुगम लॉजिस्टिक्स के बिना संभव ही नहीं है।

इसी सोच के साथ पिछले 8 वर्षों से देश के इंफ्रास्ट्रक्चर पर अभूतपूर्व काम हो रहा है। आज देश का शायद ही कोई हिस्सा हो जहां इंफ्रास्ट्रक्चर के किसी ना किसी बड़े प्रोजेक्ट पर काम ना चल रहा हो। भारतमाला से सीमावर्ती राज्यों के रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को सशक्त किया जा रहा है, तो कोस्टल इंफ्रास्ट्रक्चर को सागरमाला से शक्ति मिल रही है।

भाइयों और बहनों,

बीते वर्षों में देश ने Port led development को विकास का एक अहम मंत्र बनाया है। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि सिर्फ 8 वर्षों में भारत के पोर्ट्स की कैपेसिटी लगभग दोगुनी हो गई है। यानी साल 2014 तक हमारे यहां जितनी पोर्ट कैपेसिटी बनाई गई थी, पिछले 8 वर्षों में उतनी ही नई जोड़ी गई है।

मैंगलोर पोर्ट में जो टेक्नॉलॉजी से जुड़ी नई सुविधाएं जोड़ी गई हैं, इससे इसकी capacity और efficiency, दोनों बढ़ने वाली हैं। आज Gas और Liquid cargo के स्टोरेज से जुड़े जिन चार प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास यहां किया गया है, उनसे कर्नाटका और देश को बहुत लाभ होने वाला है। इससे खाद्य तेल की, एलपीजी गैस की, बिटुमिन की इम्पोर्ट कॉस्ट भी कम होगी।

साथियों,

अमृतकाल में भारत ग्रीन ग्रोथ के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। ग्रीन ग्रोथ और ग्रीन जॉब, ये नए अवसर हैं। यहां की रिफाइनरी में जो नई सुविधाएं आज जुड़ी हैं, वे भी हमारी इन्हीं प्राथमिकताओं को दर्शाती हैं। आज हमारी रिफाइनरी नदी के पानी पर निर्भर है। डीसैलिनेशन प्लांट से रिफाइनरी की नदी के पानी पर निर्भरता कम हो जाएगी।

भाइयों और बहनों,

पिछले 8 वर्षों में देशभर में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को जिस प्रकार देश ने प्राथमिकता बनाया है, उसका बहुत अधिक लाभ कर्नाटका को मिला है। कर्नाटका सागरमाला योजना के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक है। कर्नाटका में सिर्फ नेशनल हाईवे के क्षेत्र में ही पिछले 8 वर्षों में लगभग 70 हज़ार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स पर काम हुआ है। इतना ही नहीं, लगभग 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट पाइपलाइन में हैं। बैंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे, बैंगलुरू-मैसूर रोड हाईवे की सिक्स लेनिंग, बैंगलुरु से पुणे को जोड़ने वाला ग्रीनफील्ड कॉरिडोर, बैंगलुरू सैटेलाइट रिंग रोड, ऐसे अनेक प्रोजेक्ट्स पर काम हो रहा है।

रेलवे में तो 2014 से पहले की तुलना में कर्नाटका के बजट में 4 गुणा से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। रेल लाइनों के चौड़ीकरण में भी बीते 8 सालों में 4 गुना से अधिक गति से काम हुआ है। कर्नाटका में रेल लाइनों के बिजलीकरण का तो बहुत बड़ा हिस्सा पिछले 8 वर्षों में पूरा किया गया है।

साथियों,

आज का भारत, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर इतना फोकस इसलिए कर रहा है क्योंकि यही डेवलप भारत के निर्माण का मार्ग है। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण सुविधा बढ़ाने के साथ ही बड़े पैमाने पर नए रोजगार का भी निर्माण करता है। अमृतकाल में हमारे बड़े संकल्पों की सिद्धि का रास्ता भी यही है।

भाइयों और बहनों,

देश के तेज विकास के लिए ये भी बहुत आवश्यक है कि देश के लोगों की ऊर्जा सही दिशा में लगे। जब लोगों की ऊर्जा, मूलभूत सुविधाओं को जुटाने में लगी रहेगी तो फिर इसका प्रभाव देश के विकास की गति पर भी पड़ता है। सम्मान से जीवन जीने के लिए पक्का घर, टॉयलेट, साफ पानी, बिजली और धुआं मुक्त किचन, ये आज के युग में स्‍वाभाविक आवश्‍यकताएं हैं।

इन्हीं सुविधाओं पर हमारी डबल इंजन की सरकार सबसे ज्यादा जोर दे रही है। पिछले 8 वर्षों में देश में गरीबों के लिए तीन करोड़ से अधिक घर बनाए गए हैं। कर्नाटका में भी गरीबों के लिए 8 लाख से ज्यादा पक्के घरों के लिए स्वीकृति दी गई है। मध्यम वर्ग के हजारों परिवारों को भी अपना घर बनाने के लिए करोड़ों रुपए की मदद दी गई है।

जल जीवन मिशन के तहत सिर्फ तीन वर्षों में ही देश में 6 करोड़ से अधिक घरों में पाइप से पानी की सुविधा पहुंचाई गई है। कर्नाटका के भी 30 लाख से ज्यादा ग्रामीण परिवारों तक पहली बार पाइप से पानी पहुंचा है। मुझे खुशी है कि इन सुविधाओं की सबसे अधिक लाभार्थी हमारी बहनें हैं, बेटियां हैं।

साथियों,

गरीब की बहुत बड़ी आवश्यकता, इलाज की सस्ती सुविधा और सामाजिक सुरक्षा होती है। जब गरीब पर संकट आता है तो पूरा परिवार और कई बार आने वाली पीढ़ियां तक मुश्किल में पड़ जाती हैं। गरीब को इस चिंता से आयुष्मान भारत योजना ने मुक्ति दिलाई है। आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के करीब-करीब 4 करोड़ गरीबों को अस्पताल में भर्ती रहते हुए मुफ्त इलाज मिल चुका है। इससे गरीबों के करीब-करीब 50 हजार करोड़ रुपए खर्च होने से बचे हैं। आयुष्मान भारत का लाभ कर्नाटका के भी 30 लाख से अधिक गरीब मरीज़ों को मिला है और उन्हें भी 4 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की बचत हुई है।

भाइयों और बहनों,

आजादी के बाद दशकों तक हमारे यहां ऐसी स्थिति रही कि सिर्फ साधन-संपन्न वालों को ही विकास का लाभ मिला है। जो आर्थिक दृष्टि से कमजोर थे, उन्हें पहली बार विकास के लाभ से जोड़ा गया है। जिनको आर्थिक दृष्टि से छोटा समझकर भुला दिया गया था, हमारी सरकार उनके साथ भी खड़ी है। छोटे किसान हों, छोटे व्यापारी हों, मछुआरे हों, रेहड़ी-पटरी-ठेले वाले हों, ऐसे करोड़ों लोगों को पहली बार देश के विकास का लाभ मिलना शुरू हुआ है, वो विकास की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।

पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के 11 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में लगभग 2 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। कर्नाटका के भी 55 लाख से ज्यादा छोटे किसानों को लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपए मिल चुके हैं। पीएम स्वनिधि के तहत देश के 35 लाख रेहड़ी-पटरी-ठेले वाले भाई-बहनों को आर्थिक मदद मिली है। इसका लाभ कर्नाटका के भी लगभग 2 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को हुआ है।

मुद्रा योजना के माध्यम से देशभर में छोटे उद्यमियों को लगभग 20 लाख करोड़ रुपए से अधिक का लोन दिया गया है। कर्नाटका के भी लाखों छोटे उद्यमियों को लगभग 2 लाख करोड़ रुपए का बैंक लोन दिया जा चुका है।

साथियों,

कोस्टल बेल्ट में बसे गांवों, पोर्ट्स के इर्द-गिर्द बसे साथियों, मछली पालन से जुड़े हमारे भाई-बहनों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए डबल इंजन की सरकार विशेष प्रयास कर रही है। थोड़ी देर पहले ही यहां मछली पालन से जुड़े साथियों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए। गहरे समंदर में मछली पकड़ने के लिए ज़रूरी नावें, आधुनिक Vessels भी दिए गए हैं।

पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत मिल रही सब्सिडी हो या फिर मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा, मछुआरों के कल्याण और आजीविका बढ़ाने के लिए पहली बार इस तरह के प्रयास हो रहे हैं।

आज कुलई में fishing harbour का भूमिपूजन भी हुआ है। बरसों से हमारे फिशरीज सेक्टर से जुड़े भाई-बहन इसकी मांग कर रहे थे। ये जब बनकर तैयार हो जाएगा तो मछुआरों की अनेक समस्याओं का समाधान होगा। इस project से सैकड़ों मछुआरे परिवारों को मदद मिलेगी, अनेक लोगों को रोज़गार भी मिलेगा।

साथियों,

डबल इंजन की सरकार, देश के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए दिन रात मेहनत कर रही है। देश की जनता की आकांक्षा, हमारी सरकार के लिए जनता के आदेश की तरह है। देश के लोगों की आकांक्षा है कि भारत में वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर हो। आज देश के कोने-कोने में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है।

देश के लोगों की आकांक्षा है कि हमारे ज्यादा से ज्यादा शहर मेट्रो कनेक्टिविटी से जुड़े हों। हमारी सरकार के प्रयास की वजह से पिछले आठ साल में मेट्रो से जुड़े शहरों की संख्या चार गुना हो चुकी है।

देश के लोगों की आकांक्षा है, उन्हें आसानी से हवाई उड़ान की सुविधा मिले। उड़ान योजना के तहत अब तक एक करोड़ से ज्यादा यात्री हवाई जहाज में सफर कर चुके हैं।

देश के लोगों की आकांक्षा है कि भारत में clean economy हो। आज डिजिटल पेमेंट ऐतिहासिक स्तर पर हैं और BHIM-UPI जैसे हमारे Innovation, दुनिया का ध्यान खींच रहे हैं।

देश के लोग आज तेज इंटरनेट चाहते हैं, सस्ता इंटरनेट चाहते हैं, देश के कोने-कोने में इंटरनेट चाहते हैं। आज करीब 6 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछाकर ग्राम पंचायतों को जोड़ा जा रहा है।

5G की सुविधा, इस क्षेत्र में नई क्रांति लाने वाली है। मुझे खुशी है कि कर्नाटका की डबल इंजन की सरकार भी, तेज गति से लोगों की आवश्यकता और आकांक्षा को पूरा करने के लिए काम कर रही है।

साथियों,

भारत के पास साढ़े सात हजार किलोमीटर से भी ज्यादा Coastal Line है। देश के इस सामर्थ्य का हमें भरपूर लाभ उठाना है। यहां का करावली कोस्ट और वेस्टर्न घाट भी अपने टूरिज्म के लिए इतना मशहूर है। मुझे बताया गया है कि हर क्रूज सीजन में न्यू मैंगलोर पोर्ट औसतन 25 हजार टूरिस्टों को हैंडल करता है। इसमें बहुत बड़ी संख्या विदेशी नागरिकों भी होते हैं। यानी संभावनाएं बहुत हैं और जिस तरह भारत में मध्यम वर्ग की शक्ति बढ़ रही है, भारत में क्रूज टूरिज्म की संभावनाएं और ज्यादा बढ़ती जा रही हैं।

जब टूरिज्म बढ़ता है तो उसका बहुत बड़ा लाभ हमारे कुटीर उद्योग, हमारे Artisans, ग्राम उद्योग, रेहड़ी-पटरी-ठेले वाले भाई-बहन, ऑटो रिक्शा चालक, टैक्सी ड्राइवर, ऐसे समाज के छोटे तबके के लोगों को टूरिज्‍म से बहुत लाभ होता है। मुझे खुशी है कि न्यू मैंगलोर पोर्ट क्रूज टूरिज्म बढ़ाने के लिए लगातार नई सुविधाएं जोड़ रहा है।

साथियों,

जब कोरोना का संकट शुरू हुआ था, तो मैंने आपदा को अवसर में बदलने की बात कही थी। आज देश ने इस आपदा को अवसर में बदलकर दिखा दिया है। कुछ दिनों पहले GDP के जो आंकड़े आए हैं, वो दिखा रहे हैं कि भारत ने कोरोना काल में जो नीतियां बनाईं, जो निर्णय लिए, वो कितने महत्वपूर्ण थे। पिछले साल इतने global disruptions के बावजूद भारत ने 670 बिलियन डॉलर यानि 50 लाख करोड़ रुपए का टोटल एक्सपोर्ट किया। हर चुनौती से पार पाते हुए भारत ने 418 बिलियन डॉलर यानि 31 लाख करोड़ रुपए के merchandize export का नया रिकॉर्ड बनाया।

आज देश के ग्रोथ इंजन से जुड़ा हर सेक्टर पूरी क्षमता से चल पड़ा है। सर्विस सेक्टर भी तेज़ी से ग्रोथ की तरफ बढ़ रहा है। PLI स्कीम्स का असर मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर पर दिखने लगा है। मोबाइल फोन सहित पूरे electronic manufacturing sector में कई गुना वृद्धि हुई है।

Toys का import 3 साल में जितना घटा है, करीब-करीब उतना ही export बढ़ा है। इन सभी का लाभ सीधे-सीधे देश के उन Coastal Areas को भी हो रहा है, जो भारतीय सामान को एक्सपोर्ट के लिए अपने संसाधन मुहैया कराते हैं, जहां मैंगलुरू जैसे बड़े पोर्ट हैं।

साथियों,

सरकार के प्रयासों से देश में बीते वर्षों में Coastal traffic में भी वृद्धि देखी गई है। देश के अलग-अलग पोर्ट्स पर सुविधा और संसाधन बढ़ने की वजह से coastal movement अब और ज्यादा आसान हुआ है। सरकार की कोशिश है कि पोर्ट कनेक्टिविटी और बेहतर हो, इसमें और तेजी आए। इसलिए पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत रेलवे और रोड के ढाई सौ से ज्यादा प्रोजेक्ट्स की पहचान की गई है जो Seamless Port Connectivity में मदद करेंगे।

भाइयों और बहनों,

अपनी वीरता और व्यापार के लिए प्रसिद्ध ये तटीय क्षेत्र विलक्षण प्रतिभाओं से भरा हुआ है। भारत के कई उद्यमी लोग यहीं के रहने वाले हैं। भारत के कई खूबसूरत द्वीप और पहाड़ियां कर्नाटका में ही हैं। भारत के कई मशहूर मंदिर और तीर्थ क्षेत्र यहीं पर हैं। आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो मैं रानी अब्बक्का और रानी चेन्नभैरा देवी, को भी याद करना चाहूंगा। भारत की धरती को, भारत के कारोबार को गुलामी से बचाने के लिए उनका संघर्ष अभूतपूर्व था। आज निर्यात के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे भारत के लिए ये वीर महिलाएं बहुत बड़ी प्रेरणास्रोत हैं।

हर घर तिरंगा अभियान को जिस प्रकार कर्नाटका के जन-जन ने, हमारे युवा साथियों ने सफल बनाया, वो भी इस समृद्ध परंपरा का ही विस्तार है। कर्नाटका के करावली क्षेत्र में आकर राष्ट्रभक्ति की, राष्ट्रीय संकल्प की, इस ऊर्जा से मैं हमेशा प्रेरित महसूस करता हूं। मेंगलुरु में दिख रही ये ऊर्जा ऐसे ही विकास की राह को उज्जवल बनाती रहे, इसी कामना के साथ आप सभी को विकास के इन प्रोजेक्ट्स के लिए बहुत-बहुत बधाई और बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

मेरे साथ जोर से बोलिए-

भारत माता की – जय !

भारत माता की – जय !

भारत माता की – जय !

बहुत-बहुत धन्यवाद !

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ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ಭಾರತೀಯನ ರಕ್ತ ಕುದಿಯುತ್ತಿದೆ: ಮನ್ ಕಿ ಬಾತ್ ನಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ ಮೋದಿ

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PM Modi's address to the nation
May 12, 2025
Today, every terrorist knows the consequences of wiping Sindoor from the foreheads of our sisters and daughters: PM
Operation Sindoor is an unwavering pledge for justice: PM
Terrorists dared to wipe the Sindoor from the foreheads of our sisters; that's why India destroyed the very headquarters of terror: PM
Pakistan had prepared to strike at our borders,but India hit them right at their core: PM
Operation Sindoor has redefined the fight against terror, setting a new benchmark, a new normal: PM
This is not an era of war, but it is not an era of terrorism either: PM
Zero tolerance against terrorism is the guarantee of a better world: PM
Any talks with Pakistan will focus on terrorism and PoK: PM

ಪ್ರಿಯ ದೇಶವಾಸಿಗಳೇ,

ನಮಸ್ಕಾರ !...

ಕಳೆದ ಕೆಲ ದಿನಗಳಲ್ಲಿ ದೇಶದ ಶಕ್ತಿ ಮತ್ತು ಸಂಯಮ ಎರಡನ್ನೂ ನಾವೆಲ್ಲರೂ ನೋಡಿದ್ದೇವೆ. ಮೊದಲನೆಯದಾಗಿ, ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ಭಾರತೀಯನ ಪರವಾಗಿ ನಾನು ಭಾರತದ ಬಲಿಷ್ಠ ಪಡೆಗಳಿಗೆ, ನಮ್ಮ ಸಶಸ್ತ್ರ ಪಡೆಗಳಿಗೆ, ನಮ್ಮ ಗುಪ್ತಚರ ಸಂಸ್ಥೆಗಳಿಗೆ ಮತ್ತು ನಮ್ಮ ವಿಜ್ಞಾನಿಗಳಿಗೆ ನಮಸ್ಕರಿಸುತ್ತೇನೆ.

ಆಪರೇಷನ್ ಸಿಂಧೂರದ ಉದ್ದೇಶಗಳನ್ನು ಸಾಧಿಸಲು ನಮ್ಮ ವೀರ ಸೈನಿಕರು ಅಪಾರ ಧೈರ್ಯವನ್ನು ಪ್ರದರ್ಶಿಸಿದರು.

ಇಂದು ನಾನು ಅವರ ಧೈರ್ಯಕ್ಕೆ, ಅವರ ಪರಾಕ್ರಮಕ್ಕೆ, ಅವರ ಶೌರ್ಯಕ್ಕೆ... ನಮ್ಮ ದೇಶದ ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ತಾಯಿಗೆ, ದೇಶದ ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ಸಹೋದರಿಗೆ ನನ್ನನ್ನು ಅರ್ಪಿಸಿಕೊಳ್ಳುತ್ತೇನೆ ಮತ್ತು ನಾನು ಈ ಶೌರ್ಯವನ್ನು ದೇಶದ ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ಮಗಳಿಗೂ ಅರ್ಪಿಸುತ್ತೇನೆ.

ಸ್ನೇಹಿತರೇ,

ಏಪ್ರಿಲ್ 22 ರಂದು ಪಹಲ್ಗಾಮ್‌ನಲ್ಲಿ ಭಯೋತ್ಪಾದಕರು ತೋರಿಸಿದ ಬರ್ಬರತೆ ದೇಶ ಮತ್ತು ಜಗತ್ತನ್ನು ಬೆಚ್ಚಿಬೀಳಿಸಿತ್ತು. ಮುಗ್ಧ ನಾಗರಿಕರು ರಜಾದಿನಗಳನ್ನು ಆಚರಿಸುತ್ತಾ ಅವರ ಕುಟುಂಬಗಳ ಮುಂದಿದ್ದರು. ಆದರೆ, ಮಕ್ಕಳ ಮುಂದೆ ಕ್ರೂರವಾಗಿ ಕೊಲ್ಲುವುದರೊಂದಿಗೆ ಧರ್ಮದ ಬಗ್ಗೆ ಕೇಳುವುದು ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ಅತ್ಯಂತ ಭೀಕರ ಮುಖವಾಗಿತ್ತು. ಅದು ಕ್ರೌರ್ಯ. ಇದು ದೇಶದ ಸಾಮರಸ್ಯವನ್ನು ಮುರಿಯುವ ಪ್ರಯತ್ನವೂ ಆಗಿತ್ತು.

ನನಗೆ ವೈಯಕ್ತಿಕವಾಗಿ, ಈ ನೋವು ಅಪಾರವಾಗಿತ್ತು. ಈ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ದಾಳಿಯ ನಂತರ, ಇಡೀ ರಾಷ್ಟ್ರ, ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ನಾಗರಿಕ, ಪ್ರತಿಯೊಂದು ಸಮಾಜ, ಪ್ರತಿಯೊಂದು ವರ್ಗ, ಪ್ರತಿಯೊಂದು ರಾಜಕೀಯ ಪಕ್ಷ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ವಿರುದ್ಧ ಕಠಿಣ ಕ್ರಮಕ್ಕಾಗಿ ಒಂದೇ ಧ್ವನಿಯಲ್ಲಿ ನಿಂತವು. ಭಯೋತ್ಪಾದಕರನ್ನು ನಿರ್ಮೂಲನೆ ಮಾಡಲು ನಾವು ಭಾರತೀಯ ಸೇನೆಗೆ ಸಂಪೂರ್ಣ ಸ್ವಾತಂತ್ರ್ಯ ನೀಡಿದ್ದೇವೆ.

ಇಂದು ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ಭಯೋತ್ಪಾದಕನಿಗೂ, ಪ್ರತಿಯೊಂದು ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ಸಂಘಟನೆಗೂ ನಮ್ಮ ಸಹೋದರಿಯರು ಮತ್ತು ಹೆಣ್ಣುಮಕ್ಕಳ ಹಣೆಯಿಂದ ಸಿಂಧೂರವನ್ನು ತೆಗೆದುಹಾಕುವುದರಿಂದ ಉಂಟಾಗುವ ಪರಿಣಾಮವೇನೆಂದು ತಿಳಿದಿದೆ.

ಸ್ನೇಹಿತರೇ,

ಆಪರೇಷನ್ ಸಿಂಧೂರ... ಇದು ಕೇವಲ ಹೆಸರಲ್ಲ, ಇದು ದೇಶದ ಕೋಟ್ಯಂತರ ಜನರ ಭಾವನೆಗಳ ಪ್ರತಿಬಿಂಬವಾಗಿದೆ.

'ಸಿಂಧೂರ' ಕಾರ್ಯಾಚರಣೆ... ನ್ಯಾಯದ ಅವಿಚ್ಛಿನ್ನ ಪ್ರತಿಜ್ಞೆಯಾಗಿದೆ. ಮೇ 6ರ ತಡರಾತ್ರಿ ಮತ್ತು ಮೇ 7ರ ಬೆಳಿಗ್ಗೆ ಈ ಪ್ರತಿಜ್ಞೆಯು ಫಲಿತಾಂಶವಾಗಿ ಬದಲಾಗುವುದನ್ನು ಇಡೀ ಜಗತ್ತು ನೋಡಿದೆ. ಪಾಕಿಸ್ತಾನದಲ್ಲಿರುವ ಭಯೋತ್ಪಾದಕರ ಅಡಗುತಾಣಗಳು ಮತ್ತು ಅವರ ತರಬೇತಿ ಕೇಂದ್ರಗಳ ಮೇಲೆ ಭಾರತೀಯ ಪಡೆಗಳು ನಿಖರವಾದ ದಾಳಿ ನಡೆಸಿವೆ.

ಭಾರತ ಇಷ್ಟೊಂದು ದೊಡ್ಡ ನಿರ್ಧಾರ ತೆಗೆದುಕೊಳ್ಳಬಹುದೆಂದು ಭಯೋತ್ಪಾದಕರು ಕನಸಿನಲ್ಲಿಯೂ ಊಹಿಸಿರಲಿಲ್ಲ. ಆದರೆ, ದೇಶವು ಒಗ್ಗಟ್ಟಾದಾಗ ದೇಶ ಮೊದಲು ಎಂಬ ಮನೋಭಾವದಿಂದ ತುಂಬಿದಾಗ ರಾಷ್ಟ್ರವು ಸರ್ವೋಚ್ಚವಾಗಿರುತ್ತದೆ, ನಂತರ ಬಲವಾದ ನಿರ್ಧಾರಗಳನ್ನು ತೆಗೆದುಕೊಳ್ಳಲಾಗುತ್ತದೆ, ಫಲಿತಾಂಶಗಳನ್ನು ಸಾಧಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ.

ಭಾರತದ ಕ್ಷಿಪಣಿಗಳು ಮತ್ತು ಡ್ರೋನ್‌ಗಳು ಪಾಕಿಸ್ತಾನದಲ್ಲಿನ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ನೆಲೆಗಳ ಮೇಲೆ ದಾಳಿ ಮಾಡಿದಾಗ, ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ಸಂಘಟನೆಗಳ ಕಟ್ಟಡಗಳು ನಾಶವಾದವು. ಅಷ್ಟೇ ಅಲ್ಲದೆ, ಅವುಗಳ ನೈತಿಕ ಸ್ಥೈರ್ಯವೂ ಕಂಪನವಾಯಿತು.

ಬಹಾವಲ್ಪುರ್ ಮತ್ತು ಮುರಿಡ್ಕೆಯಂತಹ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ಅಡಗುತಾಣಗಳು ಒಂದು ರೀತಿಯಲ್ಲಿ ಜಾಗತಿಕ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯಗಳಾಗಿವೆ. ಜಗತ್ತಿನ ಎಲ್ಲೆಡೆ ನಡೆದ ಯಾವುದೇ ಪ್ರಮುಖ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ದಾಳಿ... ಅದು ಸೆಪ್ಟೆಂಬರ್ 11 ಆಗಿರಲಿ ಅಥವಾ ಲಂಡನ್ ಟ್ಯೂಬ್ ಬಾಂಬ್ ದಾಳಿಯಾಗಿರಲಿ ಅಥವಾ ದಶಕಗಳಲ್ಲಿ ಭಾರತದಲ್ಲಿ ನಡೆದಿರುವ ಪ್ರಮುಖ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ದಾಳಿಗಳಾಗಿರಲಿ ಅಥವಾ ಎಲ್ಲೋ, ಮತ್ತೊಂದರಲ್ಲೋ , ಈ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ಅಡಗುತಾಣಗಳೊಂದಿಗೆ ಸಂಬಂಧ ಹೊಂದಿವೆ. ಭಯೋತ್ಪಾದಕರು ನಮ್ಮ ಸಹೋದರಿಯರ ಸಿಂಧೂರವನ್ನು ನಾಶಪಡಿಸಿದ್ದರು. ಅದಕ್ಕಾಗಿಯೇ ಭಾರತವು ಈ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ಪ್ರಧಾನ ಕಚೇರಿಗಳನ್ನು ನಾಶಪಡಿಸಿತು.

ಭಾರತ ನಡೆಸಿದ ಈ ದಾಳಿಗಳಲ್ಲಿ 100 ಕ್ಕೂ ಹೆಚ್ಚು ಭೀಕರ ಭಯೋತ್ಪಾದಕರು ಹತ್ಯೆ ಮಾಡಿದ್ದಾರೆ. ಕಳೆದ ಎರಡೂವರೆ ಮೂರು ದಶಕಗಳಿಂದ ಪಾಕಿಸ್ತಾನದಲ್ಲಿ ಮುಕ್ತವಾಗಿ ಸುತ್ತಾಡುತ್ತಿದ್ದ ಮತ್ತು ಭಾರತದ ವಿರುದ್ಧ ಪಿತೂರಿ ನಡೆಸುತ್ತಿದ್ದ ಅನೇಕ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ನಾಯಕರನ್ನು ಭಾರತ ಒಂದೇ ಏಟಿನಲ್ಲಿ ನಿರ್ಮೂಲನೆ ಮಾಡಿತು.

ಸ್ನೇಹಿತರೇ,

ಭಾರತದ ಈ ಕ್ರಮದಿಂದ ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ತೀವ್ರ ನಿರಾಶೆಗೊಂಡಿದೆ.

ಅವರು ಹತಾಶೆಯಿಂದ ಸುತ್ತುವರೆದಿದ್ದಾರೆ ಮತ್ತು ಕೋಪಗೊಂಡಿದ್ದಾರೆ ಮತ್ತು ಈ ಹತಾಶೆಯಲ್ಲಿ ಅವರು ಮತ್ತೊಂದು ಧೈರ್ಯಶಾಲಿ ಕೃತ್ಯವನ್ನು ಮಾಡಿದ್ದಾರೆ. ಭಯೋತ್ಪಾದನೆ ವಿರುದ್ಧ ಭಾರತದ ಕ್ರಮವನ್ನು ಬೆಂಬಲಿಸುವ ಬದಲು, ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ಭಾರತದ ಮೇಲೆಯೇ ದಾಳಿ ಮಾಡಲು ಪ್ರಾರಂಭಿಸಿತು.

ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ನಮ್ಮ ಶಾಲೆಗಳು ಮತ್ತು ಕಾಲೇಜುಗಳನ್ನು ಗುರಿಯಾಗಿಸಿಕೊಂಡಿತು. ಗುರುದ್ವಾರಗಳು, ದೇವಾಲಯಗಳು, ಸಾಮಾನ್ಯ ನಾಗರಿಕರ ಮನೆಗಳು. ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ನಮ್ಮ ಸೇನಾ ನೆಲೆಗಳನ್ನು ಗುರಿಯಾಗಿಸಿಕೊಂಡಿತು. ಆದರೆ ಇದರಲ್ಲಿ ಪಾಕಿಸ್ತಾನದ ಮನಸ್ಥಿತಿ ಬಹಿರಂಗವಾಯಿತು. ಪಾಕಿಸ್ತಾನದ ಡ್ರೋನ್‌ಗಳು ಮತ್ತು ಕ್ಷಿಪಣಿಗಳು ಭಾರತದ ಮುಂದೆ ಹೇಗೆ ಒಣಹುಲ್ಲಿನಂತೆ ಬಿದ್ದವು ಎಂಬುದನ್ನು ಜಗತ್ತು ನೋಡಿತು.

ಭಾರತದ ಬಲಿಷ್ಠ ವಾಯು ರಕ್ಷಣಾ ವ್ಯವಸ್ಥೆಯು ಅವುಗಳನ್ನು ಆಕಾಶದಲ್ಲಿಯೇ ನಾಶಪಡಿಸಿತು. ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ಗಡಿಯಲ್ಲಿ ದಾಳಿ ಮಾಡಲು ಸಿದ್ಧತೆ ನಡೆಸುತ್ತಿತ್ತು. ಆದರೆ ಭಾರತ ಪಾಕಿಸ್ತಾನದ ಎದೆಗೆ ಹೊಡೆದಿದೆ. ಭಾರತೀಯ ಡ್ರೋನ್‌ಗಳು... ಭಾರತೀಯ ಕ್ಷಿಪಣಿಗಳು ನಿಖರವಾಗಿ ದಾಳಿ ಮಾಡಿದವು. ಪಾಕಿಸ್ತಾನಿ ವಾಯುಪಡೆಯ ಆ ವಾಯುನೆಲೆಗಳು ಹಾನಿಗೊಳಗಾದವು.

ಅದರ ಬಗ್ಗೆ ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ತುಂಬಾ ಹೆಮ್ಮೆಪಡುತ್ತಿತ್ತು. ಮೊದಲ ಮೂರು ದಿನಗಳಲ್ಲಿ ಭಾರತ ಪಾಕಿಸ್ತಾನವನ್ನು ಊಹಿಸಿಯೂ ಇಲ್ಲದಷ್ಟು ನಾಶಮಾಡಿತು.

ಭಾರತದ ಆಕ್ರಮಣಕಾರಿ ಕ್ರಮದ ನಂತರ ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ತಪ್ಪಿಸಿಕೊಳ್ಳಲು ದಾರಿಗಳನ್ನು ಹುಡುಕಲು ಪ್ರಾರಂಭಿಸಿತು. ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ಉದ್ವಿಗ್ನತೆಯನ್ನು ಕಡಿಮೆ ಮಾಡಲು ಜಗತ್ತನ್ನು ಬೇಡಿಕೊಳ್ಳುತ್ತಿತ್ತು ಮತ್ತು ಈ ಬಲವಂತದ ಮೇರೆಗೆ, ತೀವ್ರವಾಗಿ ಥಳಿಸಿದ ನಂತರ, ಮೇ 10 ರ ಮಧ್ಯಾಹ್ನ, ಪಾಕಿಸ್ತಾನಿ ಸೇನೆಯು ನಮ್ಮ ಡಿಜಿಎಂಒಗಳು ಅವರನ್ನು ಸಂಪರ್ಕಿಸಿತು.

ಆ ಹೊತ್ತಿಗೆ ನಾವು ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ಮೂಲಸೌಕರ್ಯವನ್ನು ದೊಡ್ಡ ಪ್ರಮಾಣದಲ್ಲಿ ನಾಶಪಡಿಸಿದ್ದೆವು. ಭಯೋತ್ಪಾದಕರು ಕೊಲ್ಲಲ್ಪಟ್ಟರು. ನಾವು ಪಾಕಿಸ್ತಾನದಲ್ಲಿರುವ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ನೆಲೆಗಳನ್ನು ನಾಶಮಾಡಿದ್ದೆವು. ಹಾಗಾಗಿ, ಪಾಕಿಸ್ತಾನದಿಂದ ಮನವಿ ಬಂದಾಗ, ಇದನ್ನು ಪಾಕಿಸ್ತಾನದಿಂದ ಹೇಳಿದಾಗ, ಅವರ ಕಡೆಯಿಂದ ಇನ್ನು ಮುಂದೆ ಯಾವುದೇ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ಚಟುವಟಿಕೆ ಮತ್ತು ಮಿಲಿಟರಿ ಸಾಹಸ ಇರುವುದಿಲ್ಲ ಎಂದು ಹೇಳಿದ್ದರಿಂದ ಭಾರತವೂ ಅದನ್ನು ಪರಿಗಣಿಸಿತು.

ಮತ್ತು ನಾನು ಮತ್ತೊಮ್ಮೆ ಪುನರಾವರ್ತಿಸುತ್ತೇನೆ. ಪಾಕಿಸ್ತಾನದಲ್ಲಿರುವ ಭಯೋತ್ಪಾದಕರು ಮತ್ತು ಸೇನಾ ನೆಲೆಗಳ ವಿರುದ್ಧದ ನಮ್ಮ ಪ್ರತೀಕಾರದ ಕ್ರಮವನ್ನು ನಾವು ಮುಂದೂಡಿದ್ದೇವೆ.

ಮುಂದಿನ ದಿನಗಳಲ್ಲಿ ಈ ಮಾನದಂಡದ ಆಧಾರದ ಮೇಲೆ ನಾವು ಪಾಕಿಸ್ತಾನದ ಪ್ರತಿಯೊಂದು ಹೆಜ್ಜೆಯನ್ನೂ ಅಳೆಯುತ್ತೇವೆ.

ದೇಶವಾಸಿಗಳೇ,

ಭಾರತದ ಮೂರೂ ಸೇನೆಗಳು, ನಮ್ಮ ವಾಯುಪಡೆ, ನಮ್ಮ ಸೇನೆ ಮತ್ತು ನಮ್ಮ ನೌಕಾಪಡೆ, ನಮ್ಮ ಗಡಿ ಭದ್ರತಾ ಪಡೆ-ಬಿಎಸ್‌ ಎಫ್‌, ಭಾರತದ ಅರೆ ಸೇನಾ ಪಡೆ ಸತತವಾಗಿ ನಿಗಾ ವಹಿಸಿವೆ. ಸರ್ಜಿಕಲ್‌ ಸ್ಟ್ರೈಕ್‌ ಮತ್ತು ವಾಯು ದಾಳಿಯ ಬಳಿಕ ಈಗ ಆಪರೇಷನ್‌ ಸಿಂಧೂರ್ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ವಿರುದ್ಧ ಭಾರತದ ನೀತಿಯಾಗಿದೆ. ಆಪರೇಷನ್ ಸಿಂಧೂರವು ಭಯೋತ್ಪಾದನೆ ವಿರುದ್ಧದ ಹೋರಾಟದಲ್ಲಿ ಹೊಸ ಆರಂಭವನ್ನು ಮಾಡಿದೆ. ಹೊಸ ಮಾನದಂಡವನ್ನು ಹೊಸ ಅಧ್ಯಾಯವನ್ನು ಸ್ಥಾಪಿಸಿದೆ. ಮೊದಲನೆಯದು , ಭಾರತದ ಮೇಲೆ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ದಾಳಿಯಾದರೆ ದಿಟ್ಟ ಉತ್ತರವನ್ನು ನೀಡಲಾಗುವುದು. ನಾವು ನಮ್ಮ ರೀತಿಯಲ್ಲಿ ನಮ್ಮ ಷರತ್ತುಗಳ ಮೇಲೆ ಉತ್ತರಗಳನ್ನು ನೀಡುತ್ತೇವೆ. ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ಮೂಲವನ್ನು ಬುಡ ಸಮೇತವಾಗಿ ನಿಗ್ರಹಗೊಳಿಸಲು ಕಠಿಣ ಕಾರ್ಯಾಚರಣೆಯನ್ನು ಕೈಗೊಳ್ಳುತ್ತೇವೆ. ಎರಡನೇಯದು ಯಾವುದೇ ಪರಮಾಣು ಬೆದರಿಕೆಯನ್ನು ಭಾರತ ಸಹಿಸುವುದಿಲ್ಲ. ಪರಮಾಣು ಬೆದರಿಕೆಯ ಅಡಿಯಲ್ಲಿ ಬೆಳೆಯುತ್ತಿರುವ ಭಯೋತ್ಪಾದಕ ತಾಣಗಳ ಮೇಲೆ ಭಾರತವು, ನಿಖರವಾದ ಮತ್ತು ನಿರ್ಣಾಯಕವಾದ ದಾಳಿಗಳನ್ನು ಕೈಗೊಳ್ಳಲಿದೆ. ಮೂರನೇಯದು , ಭಯೋತ್ಪಾದನೆ ಹಾಗೂ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಗೆ ಸಹಕರಿಸುವ ಎಲ್ಲ ಶಕ್ತಿಗಳನ್ನು ಸಹ ಒಂದೇ ದೃಷ್ಟಿಯಲ್ಲಿ ನೋಡಲಾಗುವುದು. ಅವರು ಸಹ ದೇಶದ ಆತಂಕವಾದಿಗಳಾಗಿದ್ದಾರೆ .

ಇಡೀ ವಿಶ್ವ, ಪಾಕಿಸ್ತಾನದ ಹೇಯ ಕೃತ್ಯವನ್ನು ಮತ್ತೊಮ್ಮೆ ನೋಡಿದೆ. ಆಪರೇಷನ್‌ ಸಿಂಧೂರ್‌ ದಾಳಿಯಲ್ಲಿ ಸಾವಿಗೀಡಾದ ಭಯೋತ್ಪಾದಕರಿಗೆ ವಿದಾಯ ನೀಡುವಲ್ಲಿ ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ಸೇನೆಯ ಉನ್ನತ ಅಧಿಕಾರಿಗಳು ನಿರತರಾಗಿದ್ದರು. ಪಾಕ್‌ ನ ಪ್ರಾಯೋಜಿತ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಗೆ ಇದೊಂದು ಬಹುದೊಡ್ಡ ಸಾಕ್ಷಿಯಾಗಿದೆ.

ನಾವು ಭಾರತ ಮತ್ತು ನಮ್ಮ ನಾಗರಿಕರನ್ನು ಯಾವುದೇ ರೀತಿಯ ಅಪಾಯದಿಂದ ರಕ್ಷಿಸುವುದಕ್ಕೋಸ್ಕರ ನಿರಂತರವಾಗಿ ನಿರ್ಣಾಯಕ ಹೆಜ್ಜೆಗಳನ್ನು ಇಡುತ್ತೇವೆ.

ಸ್ನೇಹಿತರೆ,

ಯುದ್ಧದ ಮೈದಾನದಲ್ಲಿ ನಾವು ಪ್ರತಿ ಬಾರಿ ಪಾಕಿಸ್ತಾನವನ್ನು ದೂಳೀಪಟ ಮಾಡಿದ್ದೇವೆ ಮತ್ತು ಈ ಬಾರಿ ಆಪರೇಷನ್‌ ಸಿಂಧೂರ್‌, ಹೊಸ ಆಯಾಮಕ್ಕೆ ಸೇರ್ಪಡೆಯಾಗಿದೆ.

ನಾವು ಮರುಭೂಮಿ ಮತ್ತು ಗುಡ್ಡಗಾಡು ಪ್ರದೇಶಗಳಲ್ಲಿ ನಮ್ಮ ಸಾಮರ್ಥ್ಯದ ಅತ್ಯುತ್ತಮ ಪ್ರದರ್ಶನಕ್ಕೆ ಸಾಕ್ಷಿಯಾಗಿದ್ದೇವೆ ಮತ್ತು ಜತೆಗೇ, ಹೊಸ ತಲೆಮಾರಿನ ಯುದ್ಧಕ್ರಮದಲ್ಲೂ ನಮ್ಮ ಶ್ರೇಷ್ಠತೆಯನ್ನು ಸಾಬೀತುಪಡಿಸಿದ್ದೇವೆ.

ಈ ಆಪರೇಷನ್‌ ಮೂಲಕ, ನಮ್ಮ ಮೇಡ್‌ ಇನ್‌ ಇಂಡಿಯಾ ಶಸ್ತ್ರಾಸ್ತ್ರಗಳ ದಕ್ಷತೆಯೂ ಸಾಬೀತಾಗಿದೆ.

21ನೇ ಶತಮಾನದ ಯುದ್ಧದಲ್ಲಿ ಮೇಡ್‌ ಇನ್‌ ಇಂಡಿಯಾ ರಕ್ಷಣಾ ಸಲಕರಣೆಗಳ ಸಮಯ ಈಗ ಬಂದಿದೆ ಎನ್ನುವುದನ್ನು ಇಂದು ವಿಶ್ವ ನೋಡುತ್ತಿದೆ.

ಸ್ನೇಹಿತರೇ,

ಎಲ್ಲ ರೀತಿಯ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ವಿರುದ್ಧ ನಾವೆಲ್ಲರೂ ಒಗ್ಗೂಡಿರುವುದು ನಮ್ಮ ಅತ್ಯಂತ ದೊಡ್ಡ ಶಕ್ತಿಯಾಗಿದೆ.

ನಿಶ್ಚಿತವಾಗಿ ಈ ಸಮಯ ಯುದ್ಧದ ಕಾಲವಲ್ಲ,

ಆದರೆ ಈ ಕಾಲ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ಸಮಯವೂ ಅಲ್ಲ.

ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ವಿರುದ್ಧ ಶೂನ್ಯ ಸಹಿಷ್ಣುತೆ ಹೊಂದಿರುವುದು ಉತ್ತಮ ಜಗತ್ತನ್ನು ಸುನಿಶ್ಚಿತಗೊಳಿಸುತ್ತದೆ.

ದೇಶವಾಸಿಗಳೇ,

ಪಾಕಿಸ್ತಾನಿ ಯೋಧರು, ಪಾಕಿಸ್ತಾನದ ಸರ್ಕಾರ ಯಾವ ರೀತಿಯಲ್ಲಿ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಗೆ ಪುಷ್ಟಿ ನೀಡುತ್ತಿವೆ ಎಂದರೆ, ಒಂದು ದಿನ ಅದು ಪಾಕಿಸ್ತಾನವನ್ನೇ ಅಂತ್ಯಗೊಳಿಸುತ್ತದೆ.

ಪಾಕಿಸ್ತಾನಕ್ಕೆ ಇದರಿಂದ ರಕ್ಷಿಸಿಕೊಳ್ಳಬೇಕು ಎಂದಾದರೆ ಅದು ತನ್ನ ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಗೆ ಮೂಲಸೌಕರ್ಯ ಒದಗಿಸುವ ವ್ಯವಸ್ಥೆಯನ್ನು ನಿರ್ಮೂಲನೆಗೊಳಿಸಬೇಕು. ಇದನ್ನು ಬಿಟ್ಟು ಶಾಂತಿಯ ಬೇರೆ ಯಾವುದೇ ಮಾರ್ಗವಿಲ್ಲ.

ಭಯೋತ್ಪಾದನೆ ಮತ್ತು ಮಾತುಕತೆ ಜತೆಯಾಗಿ ನಡೆಯಲು ಸಾಧ್ಯವಿಲ್ಲ ಎನ್ನುವುದು ಭಾರತದ ಅತ್ಯಂತ ಸ್ಪಷ್ಟ ನಿಲುವಾಗಿದೆ.

ಭಯೋತ್ಪಾದನೆ ಮತ್ತು ವ್ಯಾಪಾರ ಜತೆಯಾಗಿ ನಡೆಯಲು ಸಾಧ್ಯವಿಲ್ಲ ಮತ್ತು,

ನೀರು ಮತ್ತು ರಕ್ತ ಒಟ್ಟಿಗೇ ಹರಿಯಲು ಸಾಧ್ಯವಿಲ್ಲ.

ನಮ್ಮ ಪ್ರಕಟಿತ ನೀತಿಯೆಂದರೆ, ಪಾಕಿಸ್ತಾನದೊಂದಿಗೆ ಮಾತುಕತೆ ನಡೆಯುತ್ತದೆ ಎಂದಾದರೆ, ಅದು ಭಯೋತ್ಪಾದನೆಯ ಕುರಿತಾಗಿಯೇ ಆಗಿರುತ್ತದೆ. ಪಾಕಿಸ್ತಾನದೊಂದಿಗೆ ಮಾತುಕತೆಯಾಗುವುದಾದರೆ ಪಾಕ್‌ ಆಕ್ರಮಿತ ಕಾಶ್ಮೀರ-ಪಿಓಕೆಯ ಕುರಿತಾಗಿಯೇ ಇರುತ್ತದೆ ಎನ್ನುವುದನ್ನು ನಾನು ಇಂದು ಜಾಗತಿಕ ಸಮುದಾಯಕ್ಕೂ ತಿಳಿಸುತ್ತೇನೆ.

ಪ್ರೀತಿಯ ದೇಶವಾಸಿಗಳೇ,

ಇಂದು ಬುದ್ಧ ಪೂರ್ಣಿಮೆಯಾಗಿದೆ. ಭಗವಾನ್‌ ಬುದ್ಧ ನಮಗೆ ಶಾಂತಿಯ ಮಾರ್ಗವನ್ನು ತೋರಿಸಿಕೊಟ್ಟಿದ್ದಾನೆ. ಶಾಂತಿಯ ಮಾರ್ಗ ಸಹ ಶಕ್ತಿಯಿಂದ ಕೂಡಿದ್ದು ಸಾಗುತ್ತದೆ. ಮಾನವೀಯತೆ, ಶಾಂತಿ ಮತ್ತು ಸಮೃದ್ಧಿಯೆಡೆಗೆ ಮುನ್ನಡೆಯುತ್ತದೆ.

ಪ್ರತಿ ಭಾರತೀಯನು ಶಾಂತಿಯಿಂದ ಬದುಕಬೇಕು, ವಿಕಸಿತ ಭಾರತದ ಕನಸುಗಳನ್ನು ಪೂರ್ಣಗೊಳಿಸಬೇಕು.

ಇದರಿಂದಾಗಿ, ಭಾರತ ಶಕ್ತಿಶಾಲಿಯಾಗುವುದು ಅಗತ್ಯವಾಗಿದೆ.

ಮತ್ತು ಅವಶ್ಯಕತೆಯಿರುವಾಗ ಈ ಶಕ್ತಿಯ ಬಳಕೆ ಮಾಡುವುದು ಕೂಡ ಅಗತ್ಯ.

ಕೆಲವು ದಿನಗಳಿಂದ ಭಾರತವು ಇದನ್ನೇ ಮಾಡಿದೆ.

ನಾನು ಮತ್ತೊಮ್ಮೆ ಭಾರತದ ಸೇನೆ ಮತ್ತು ಸಶಸ್ತ್ರ ಪಡೆಗಳಿಗೆ ನಮನ ಸಲ್ಲಿಸುತ್ತೇನೆ. ನಮ್ಮ ದೇಶವಾಸಿಗಳ ಧೈರ್ಯ ಮತ್ತು ಏಕತೆಗೆ ವಂದಿಸುತ್ತೇನೆ.

ಧನ್ಯವಾದ,

ಭಾರತ ಮಾತಾ ಕೀ ಜೈ!!!

ಭಾರತ ಮಾತಾ ಕೀ ಜೈ!!!

ಭಾರತ ಮಾತಾ ಕೀ ಜೈ!!!