Entire Rajasthan is saying the Congress is going and BJP is coming back to power: PM Modi
Congress has deprived people of Rajasthan of basic drinking water by siphoning off funds meant for the Jal Jeevan Mission through corruption and commission: PM Modi
On one hand, the BJP promotes respect and dignity towards women, and on the other hand, CM Gehlot calls violence against women baseless in Rajasthan: PM Modi
The Lal Diary, Paper-leak Mafia, crores worth scams, and scandals have become a reality owing to the Congress-led anarchy in Rajasthan: PM Modi
Unlike Congress-led governance of fear, BJP’s governance is driven by confidence. When terror strikes us, we strike back at them harder: PM Modi

भारत माता की...

भारत माता की...

भारत माता की...

सिद्ध श्री लोकदेवता खेमाबाबा की पावन धरा बायतू में आना मेरा सौभाग्य है। यहां रैलीस्थल के पास में ही उनका मंदिर भी है। मैं उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। धोरों के गढ़, बाड़मेर की आप सभी जनता जनार्दन को भी मेरा प्रणाम। थां सगला र बीच आर, म्हारों मन खूब राजी हुयो!

पूरा राजस्थान कह रहा है- जा रही है कांग्रेस, आ रही है भाजपा पूरे राजस्थान ने ऐलान कर दिया है- गहलोत जी...कोनी मिले वोट जी। एमपी और छत्तीसगढ़ में तो, कांग्रेस का डिब्बा गोल है। अब राजस्थान की बारी है। अब राजस्थान की बारी है। कांग्रेस साफ हो जाएगी ना? पोलिंग बूथ में साफ होगी कि नहीं होगी? अगर साफ करने का मज़ा तो तब आता है, जब पोलिंग बूथ में साफ करें। हमारी माताएं-बहनें दिवाली में जब घर की सफाई करती है न तो कमरे का ऊपर-ऊपर से सफाई नहीं करती है, कोने-कोने में जाकरके सफाई कर देती है, वैसे ही सफाई होनी चाहिए। हमें माताओं-बहनों से सीखना है कि सफाई कैसे होती है? सीखोगे? शर्माओगे तो नहीं ना? सीखोगे?

मेरे परिवारजनों,
पूरा देश आज भाई दूज का त्योहार मना रहा है। ये मेरा सौभाग्य है कि आज मैं राजस्थान की अपनी बहनों के बीच आया हूं। मेरा भी निरंतर प्रयास रहा है कि बहनों की हर समस्या, हर संकट को दूर कर सकूं, मेरी बहनों का जीवन आसान बना सकूं। मुझे आपके स्वास्थ्य की चिंता थी, इसलिए हमने मुफ्त गैस कनेक्शन दिए, पहले जब लकड़ी का चूल्हा जलाते थे ना, माताएं- बहनें, ये आपका बेटा ये आपका भाई एक-एक चीज़ में कितना बारीकी से सोचता है देखो। जब लकड़ी का या उपले का चूल्हा जलाते हैं और खाना पकाते हैं तो रोजना 4 सौ सिगरेट का धुआं जाता है। आप मुझे कहिए अगर दो सिगरेट भी पीते हैं तो डॉक्टर कहता है कि भाई तुझे मरना है है क्या? तू सिगरेट बंद कर। मेरी माताएं-बहनें आपको गरम खाना मिले इसलिए हर दिन चूल्हे से जो धुआं निकलता था वो 4 सौ सिगरेट जितना धुआं वो आपकी खुशी के लिए झेलती थी। माताएं-बहने आपने तो कभी कहा नहीं ना ही हमने चुनाव संकल्प पत्र भी लिखा था। लेकिन आपका ये भाई, आपका ये बेटा तय करके बैठा है। मैं हर परिवार को मुफ्त गैस कनेक्शन देकरके मेरी माताओं-बहनों को मुक्ति दूंगा। मैंने मेरी माताओं-बहनों के इलाज की मुफ्त सुविधा दी। मुझे आपकी गरिमा की, इज्जत की चिंता थी, इसलिए हमने देशभर में करोड़ों शौचालय बनवाए। ये शौचालय सिर्फ चारदीवारी का मुद्दा नहीं है। 25-50 हजार का मुद्दा नहीं है। एक भाई बहन की इज्जत का कितना खयाल रखता है उस संवेदना का मुद्दा है। मैं गरीब के घर से आया हूँ। मैं जानता हूं हमारी माताएं बहनें प्राकृतिक क्रिया करने के लिए कुदरती क्रिया करने के लिए या तो सूरज उगने से पहले लोटा लेके जंगल चली जाती थी। दिन में जाना पड़े तो सहन करती थी। रात के अंधेरे का इंतजार करती थी और तब जा कर के लोटा ले करके शौच के लिए जाती थी। उसको इज्जत की भी चिंता रहती थी ये आपका भाई आपका बेटा उसने करोड़ो-करोड़ो शौचालय बनाए ताकि मेरी माताओं और बहनो को इज्जत मिले। मैं चाहता था कि महिलाओं के नाम भी संपत्ति हो, आज भाई दूज का त्योहार है मेरे देश के माताएं-बहने सुनें. परंपरा से हमारे देश में अगर घर होता है तो पति के नाम पर या पिता के नाम पर, खेत पति के नाम पर पिता के नाम पर। दुकान पति के नाम पिता के नाम पर। गाड़ी लाए स्कूटर लाए वो भी पिता के नाम पर पति के नाम पर। और पिता और पति ना हो तो बेटे के नाम पर। महिला के नाम कुछ नहीं। होता है कुछ महिलाओं के नाम पर? होता है क्या? आपका भाई, आपका बेटा इस स्थिति को स्वीकार नहीं कर सकता है। और इसलिए आपके इस भाई ने तय किया, भाई दूज का दिन है मेरी माताएं-बहनें पीएम आवास योजना के जो मकान देते है ना वो घऱ का मालिकी हक उस परिवार के महिला के नाम किया जाता है और मालकिन मेरी माताएं और बहनें बनती हैं। राजस्थान की मेरी गरीब माताओं-बहनों को राशन की चिंता से मुक्ति भी आपके भाई ने अपना कर्तव्य निभाया है। याद करो, कोरोना का कैसा काल था मौत मंडरा रही थी कोविड में, हर परिवार चिंता में था। कहीं घर में कोविड आ गया, तो पता नहीं किसको ले जाएगा। यमराज बनकर भटक रहा था सबकुछ ठप पड़ा था रोजी रोटी कमाने बाहर गए बच्चे भी घऱ लौटकर आ गए थे। मां भी कहती थी बाहर नहीं जाना है। सहन कर लेंगे भूखे रह लेंगे लेकिन बाहर मत जाओ अभी कुछ नहीं करना है ऐसे ही गुजारा कर लेंगे। आपका ये दर्द आपकी ये पीड़ा आपके बेटे ने आपके भाई ने सुनी, और मैंने तय किया कि एक भी गरीब का चूल्हा बूझने नहीं दूंगा। मरे देश का कोई बच्चा भूखा नहीं सोएगा। बच्चे को भूखा देखकर किसी मां की आंखों से आंसू नहीं बहेंगे। ये स्थिति करूंगा और तब जाकर के अनाज के भंडार खोल दिए। 80 करोड़ लोगों को, 80 करोड़ भाई-बहन को मुफ्त में अनाज देना शुरू कर दिया। हम वो राजस्थान के लोग हैं दया-पुणय में विश्वास करते हैं। आपके घऱ पर यदि कोई गरीब आ जाए या अरोस-पड़ोस में कोई गरीब है उसको अगर रोटी खिलाते हैं तो मन में संतोष होता है कि नहीं होता है? जरा सब के सब जवाब दो, जिसने नहीं खिलाई है मत देना, जिसने अपने जीवन में ऐसा कुछ काम किया है वो बताइए, संतोष होता है कि नहीं होता है? जब ऐसा पुण्य काम करते हैं तो पुण्य मिलता है कि नहीं मिलता है? पुण्य मिलता है कि नहीं मिलता है? जब मोदी ने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दिया तो 80 करोड़ लोग आशीर्वाद देंगे कि नहीं देंगे? इसका पुण्य मिलेगा कि नहीं मिलेगा? ये पुण्य किसको मिलेगा? ये पुण्य किसको मिलेगा? ये पुण्य किसको मिलेगा? बस यहीं गलती हो जाती है। ये पुण्य मोदी को नहीं ये पुण्य आपको मिलेगा। क्योंकि आपने वोट दिया मोदी को और मोदी जाकर के यह काम कर रहा है। ये आपको वोट की ताकत है कि 80 करोड़ लोगों के पेट में अनाज जा रहा है और उसके पुण्य के हकदार आप सब मेरे भाई-बहन हैं। इसका हक आपका है। हर गरीब को अन्न मिले आप सबको पुण्य मिले, इसलिए, ये योजना दिसंबर महीने में पूरी होने वाली थी, लेकिन आपके बेटे ने आपके भाई ने ये तय किया कि पांच साल और आगे बढ़ा दूंगा।

साथियों,
बीते 10 वर्षों में केंद्र सरकार ने जितनी भी योजनाएं बनाई हैं, उसमें नारी सुरक्षा, नारी सशक्तिकरण को ही सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।
अब मेरा मिशन, माताएं-बहनें ये आपका भाई भाई-दूज को कह रहा है। मेरा मिशन बहनों को पानी की समस्या से निजात दिलाने का है। अभी तक राजस्थान में लगभग 50 लाख घरों को पाइप से पानी पहुंचाने की व्यवस्था की जा चुकी है। लेकिन साथियों, मुझे इस बात की भी तकलीफ है कि कांग्रेस सरकार ने यहां इस योजना को भी लूट लिया। पता नहीं यह पंजा कहां-कहां जाकर के लूट करता है। ये पंजे की आदत हो गई है कि कहीं पर भी हाथ मारो। मैं दिल्ली से जल जीवन मिशन का पैसा भेजता हूं, लेकिन ये कांग्रेस के लोग आदतन मजबूर, उसमें भी कमीशन खा जाते हैं। अरे ये भूमि तो हर गांव लाखा बंजारा को याद करने वाले लोग हैं। लाखा बंजारा, जिसने कहीं एक बाबरी भी बना दी तो आज सदियों के बाद भी लाखा बंजारा को याद करते हैं। जिन्होंने पानी का प्रबंध करके पुण्य कमाया। दूसरी तरफ ये कांग्रेस के लोग हैं, जो पानी जैसे पुण्य के काम में भी पैसे कमाने का कारोबार करत हैं, भ्रष्टाचार करते हैं। मुझे बताया गया है कि बाड़मेर-जैसलमेर में अनेक गांवों में काम भी नहीं हुआ और पेमेंट भी हो गया। गरीब को धोखा देने वाली कांग्रेस को यहां एक पल भी सरकार में रहने का हक नहीं है। आप मुझे बताइए, ऐसे लोग जाने चाहिए कि नहीं जाने चाहिए? जो आपका हक लूटते है उन्हें जाना चाहिए कि नहीं जाना चाहिए? जो जनता के पैसे चोरी करते हों वो जाने चाहिए कि नहीं जाने चाहिए?

साथियों,
गरीब को सुविधा देने वाली हर योजना का लाभ हर लाभार्थी तक पहुंचे, इसके लिए केंद्र सरकार आपके गांव, आपके दरवाजे पर आ रही है।आज ही, मैं अभी झारखंड रांची से आ रहा हूं। आज ही एक बहुत बड़ा अभियान भारत सरकार ने शुरू किया है। ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ उसमें भारत सरकार, देश के हर गांव तक जाएगी...हर लाभार्थी से संपर्क करेगी। मेरे जो गरीब भाई-बहन अब तक सरकार की योजनाओं से वंचित हैं...अब सामने जाकर के उनका हक उनको दिया जाएगा। इतना बड़ा काम मैंने आज आरंभ किया है। सरकारी योजनाओं के लाभ से कोई ना छूटे...यही हमारा प्रयास है। और यही.. यही.. यही मोदी की गारंटी है। औऱ, मोदी की गारंटी का मतलब क्या है, मोदी की गारंटी का मतलब हर गारंटी पूरा होने की गारंटी।

मेरे परिवारजनों,
डाली बाई की इस पावन धरा पर माताओं-बहनों के मान-सम्मान के लिए जान की बाजी लगा दी जाती है। लेकिन ऐसे राजस्थान को कांग्रेस ने महिलाओं पर अत्याचार के मामले में सबसे आगे ला दिया है। हमारी बहन-बेटियों के लिए घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। यहां मासूम बेटियां भी सुरक्षित नहीं हैं... कांग्रेस विधायकों के रिश्तेदारों पर आरोप लगते हैं... कांग्रेस विधायक महिलाओं के खिलाफ खुलकर बयानबाजी करते हैं...जब मुख्यमंत्री ऐसे हों, जो महिलाओं के खिलाफ अपराधों को फर्जी बता दें तो अत्याचारियों के हौसले बुलंद ही हो जाते हैं। जब कांग्रेस के मंत्री विधानसभा में राजस्थान को मर्दों का प्रदेश बताकर महिला अपराध की पैरवी करे, तो आपराधियों के हौसले बुलंद हो ही जाते हैं। आपने राजस्थान की मर्दानगी का, राजस्थान की वीरता का, नारी सम्मान के लिए सर कटवा देने वाले मेरे राजस्थान के वीरों का अपमान किया है आपने अपमान किया है। क्या ये अपमान सहेंगे आप? कोई मर्द ऐसा अपमान सहेगा क्या? क्या मर्द माताओं की रक्षा करता है कि नहीं करता है? मर्द माताओं की रक्षा करता है कि नहीं करता है? क्या कोई मर्द मर्द इसलिए कहलाता है कि किसी मां-बेटी की बेइज्जती करे। ये पाप राजस्थान की धऱती पर हो रहा है। और ऐसे लोगों के सम्मान में बोनस में टिकट भी दे दी जाती है। कोई परवाह नहीं है इनको। और इसलिए पूरा राजस्थान कह रहा है- बहनों-बेटियों का अपमान- नहीं सहेगा राजस्थान। बहनों-बेटियों का अपमान... बहनों-बेटियों का अपमान... बहनों-बेटियों का अपमान...

मेरे परिवारजनों,
कांग्रेस ने बहनों-बेटियों के सम्मान के साथ-साथ इस वीरधरा के मान सम्मान को भी ठेस पहुंचाई है। बीते 5 वर्षों में आप लोग राजस्थान में कोई भी तीज-त्योहार शांति से नहीं मना पाए। कभी दंगे, कभी पत्थरबाज़ी, कभी कर्फ्यू, कांग्रेस के 5 साल की यही तस्वीर रही है।
दंगों के कारण, बार-बार लगते कर्फ्यू के कारण, सबका नुकसान होता है। जब अपराध बढ़ता है तो गरीब, मजदूर की दिहाड़ी नहीं लग पाती है। जब अपराध बढ़ता है तो व्यापारियों-दुकानदारों का काम रुक जाता है। दुकाने लूट ली जाती है आग लगा दी जाती है। इसलिए कांग्रेस को यहां सरकार से हटाना बहुत जरूरी है।

साथियों,
यहां के वीर कल्ला रायमलोत की वीरता के किस्से हम सभी ने सुने हैं। आप मेरे साथ बोलिए- बाबा रामदेवजी की.. बाबा रामदेवजी की...
हिंगलाज माता की...वीर तेजाजी महाराज की... मल्लिनाथ महाराज की... तनोट माता की... नागणेची माता की... नाकोड़ा भैरव जी की... जंभेश्वर भगवान की... जसोल माता की... विरात्रा माता की... हम इन सभी आराध्यों का जयघोष करके सुख-संतोष पाते हैं। लेकिन अब राजस्थान में आतंकवाद समर्थक ऐसे नारे लगने लगे हैं, जिसकी किसी ने कभी कल्पना तक नहीं की थी। आप सोचिए, जहां-जहां कांग्रेस आती है, वहां आतंकी, दबंग और दंगाई, इनके हौसले क्यों बढ़ते हैं? इसका जवाब है- कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति...कांग्रेस, राजस्थान को उस दिशा की तरफ ले जा रही है जहां राजस्थान की संस्कृति ही, राजस्थान की परंपरा ही खतरे में पड़ जाएगी। राजस्थान की संस्कृति की रक्षा के लिए राजस्थान में भाजपा जरूरी है। है... भाजपा जरूरी है... भाजपा जरूरी है... भाजपा जरूरी है...

मेरे परिवारजनों,
जब मुख्यमंत्री अपने पूरे कार्यकाल में सिर्फ और सिर्फ एक ही काम करते रहे, कुर्सी कैसे बचे, पांच साल कुर्सी बचाने में लगे रहे। जब दिल्ली दरबार, राजस्थान में अपने ही नेता की कुर्सी गिराने में जुटा रहेगा। तब गली-गली, गांव-गांव में ऐसी ही अराजकता फैलेगी, जैसी राजस्थान में फैल रही है। कांग्रेस ने राजस्थान के नौजवानों को पूरी तरह से पेपरलीक माफिया के हवाले छोड़ दिया। राजस्थान में परीक्षा हो और पेपरलीक ना हो...ये असंभव सा हो गया है। पेपरलीक माफिया के तार सीधे-सीधे कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से जुड़े हैं। अभी तक तो काले कारनामों की लाल डायरी के ही चर्चे थे। अब लाला डायरी खुलने लगी है, आपने पढ़ा कि नहीं पढ़ा? पढ़ा है कि नहीं पढा? वो तो कहते थे कि लाल डायरी फेक है। अब उन्हीं के अक्षरों में लाल डायरी बढ़-चढ़ कर बोल रही है। क्या ये लाल डायरी पढ़ने के बाद एक भी कांग्रेसी जीतना चाहिए क्या... एक भी कांग्रेसी जीतना चाहिए क्या... मैं तो कहूंगा राजस्थान के लोग इस चुनाव में कांग्रेस का कोई भी व्यक्ति आए तो उससे दो सवाल जरूर पूछे- एक लाल डायरी का माजरा क्या है बताओ.. ये लाल डायरी है क्या.. ये लाल डायरी किसकी है? पहले तो ये लाल डायरी के बारे में तुम मना करते थे, अब तो सब निकलने लगा है। पूछोगे? हर कांग्रेस वाले घर-घर आएं तो पूछोगे? आप तो देखे होंगे कि कुछ लोग जब ऐसे मैदान में उतरते हैं तो कभी-कभी बात करते हैं कि भाई तुम्हे क्या लगता है चुनाव में... देखो मेहनत तो करता हूं आखिर तो लक पर है। क्या कहते हैं... लक पर है... लक की बात करते हैं ना.. नसीब.. कहते हैं कि नहीं कहते हैं... भाई मैं तो इग्जाम देकर के आया बाकी तो लक पर है कि कितने मार्क्स आएंगे... ऐसा ही कहते हैं ना... अब कांग्रेस में ऐसा नहीं कहते हैं... अब कांग्रेस वाले कहते हैं कि यार लॉकर तो नहीं खुलेगा ना.. अब वो लक की बात नहीं करते, उन्हें चिंता इस बात की है कि लॉकर न खुल जाए...और कहीं मोदी की नजर न पड़ जाए... लॉकर खुल रहे हैं लॉकर... और लूटा हुआ माल नजर आने लगा है...यहां राजस्थान में भी लॉकर से रुपयों का ढेर और खाली रुपये ही नहीं, ढेर सारा सोना, किलो-किलो के हिसाब से सोना। आपको विश्वास है ना ये सोना आलू वाला सोना नहीं है। ये चोरी किया हुआ सोना है आलू वाला सोना नहीं है वरना ये जाकर के लिखवा देंगे.. ये तो मैंने आलू से बनाया हुआ सोना रखा था। मुझे बताइए...ये लूट करने वालों को सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? आपको सजा देने का मौका मिला है। सबसे पहले सजा देने का मौका आपको मिला है। कमल के निशान पर ऐसे बटन दबाओ.. ऐसे बटन दबाओ.... कि उनकी सजा पक्की हो जाए। जैसे उनको फांसी दे रहे हो ना ऐसे कमल के निशान पर बटन दबाओ... जब मोदी इस घोटाले की जांच करवा रहा है, तो हमारे गहलोत साहब मुझे ही कोस रहे हैं। अब ये लोग चाहे कितनी ही गालियां दें...भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई तो होकर ही रहेगी। जिन्होंने लूटा है, उन्हे लोटाना पड़ेगा कि नहीं पड़ेगा? जिन्होंने लूटा है उन्हे जेल जाना पड़ेगा कि नहीं पड़ेगा? उनका हिसाब पक्का होगा कि नहीं होगा? ये काम मुझे करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए? आपलोग मुझे इसी काम के लिए बैठाया है ना.. तो मैं जो कर रहा हूं, सही कर रहा हूं या गलत कर रहा हूं? सही कर रहा हूं या गलत कर रहा हूं? ये मोदी की आपको गारंटी है, जो आपने कहा है वो मोदी कर के रहेगा।

साथियों,
राजस्थान वीरों और वीरांगनाओं का प्रदेश है। बहादुरी, वीरता, शौर्य यहां के रगों में है यहां की मिट्टी में है। हर माता की कोख से वीरता पैदा होती है। लेकिन कांग्रेस ने राजस्थान से कुछ नहीं सीखा। कांग्रेस जब केंद्र में थी, तो डर-डर कर सरकार चलाती थी। कांग्रेस राज में आतंकी हमले के बाद विदेश से, विदेश ऐसे जाते थे... हमारे यहां बम फूट गया, हमारे यहां लोगों को मार दिया... हमारे यहां गोली चल गई...मदद की गुहार लगाई जाती थी। आज भाजपा सरकार में आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारा जाता है। ये हमारी ही सरकार है जिसने वीरता को पचाना भी सीखा है और वीरों का सम्मान भी सीखा है...और इसलिए हमारी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन का वायदा पूरा किया है। कांग्रेस सिर्फ 500 करोड़ का बजट दिखाकर वन रैंक वन पेंशन का झूठा वायदा करती थी। भाजपा सरकार वन रैंक वन पेंशन लाकर अब तक 90 हजार करोड़ रुपए हमारे जवानों के खाते में जमा करा चुकी है।

मेरे परिवारजनों,
इस मरुधरा में अदभुत संभावनाएं हैं, बाड़मेर और जैसलमेर का सामर्थ्य अथाह है। राजस्थान के इतने बड़े सीमा क्षेत्र को भाजपा समृद्धि का क्षेत्र बनाना चाहती है। इस मरुभूमि को समृद्धि का प्रवेश द्वार बनाना चाहती है। पेट्रोकेमिकल हब के रूप में इस क्षेत्र का विस्तार किया जा रहा है। पचपदरा में HPCL रिफाइनरी का काम भी जल्द पूरा होने वाला है, जिसे कांग्रेस ने दशकों तक लटकाया हुआ था। राजस्थान की भाजपा सरकार यहां तेजी से उद्योग-धंधे और रोजगार विकसित करेगी। राजस्थान की नई भाजपा सरकार, यहां रोजगार के नए अवसर बनाएगी, सबका जीवन आसान बनाएगी।

साथियों,
कुछ महीने पहले ही हमारी सरकार ने पूरे देश में पीएम विश्वकर्मा योजना शुरु की है। इस योजना के तहत हमारे कारीगरों पर, हमारे कुम्हार, मूर्तिकार, सुनार...बाल काटने वाले, कपड़े धुलने वाले...ऐसे हर भाई बहन को 13 हजार करोड़ रुपए उसके पीछे खर्च करके उनके जीवन को उनके काम को आधुनिक बनाया जाएगा। इस योजना का लाभ बाड़मेर और जैसलमेर के गांव-गांव में रहने वाले हस्तशिल्पी कारीगरों को भी मिलेगा।

साथियों,
सीमा पर बसे जिन गांवों को कांग्रेस ने देश का आखिरी गांव मानकर छोड़ दिया था, उन्हें भाजपा सरकार देश के पहले गांव के रूप में विकसित कर रही है। हमने सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम शुरु किया है। केन्द्र सरकार ने राजस्थान के सीमावर्ती जिलों बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर में हाइवे का शानदार जाल भी बिछाया है। आज जामनगर-अमृतसर हाईवे बन रहा है, जिससे राजस्थान की कनेक्टिविटी गुजरात से होते हुए समंदर तक हो जाएगी। यानि दुनिया के साथ मेरा यह राजस्थान सीधे जुड़ जाएगा। इस क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी को भी सशक्त किया जा रहा है। ऐसे कामों पर केंद्र सरकार हजारों करोड़ रुपए खर्च कर रही है। लेकिन यहां की कांग्रेस सरकार मोदी के काम को, हर कदम को रोकना ही उनका काम है, रोकने में ही जुटी हुई है।

मेरे परिवारजनों,
आप जब वोट डालने जाएं तो, याद रखना कि कांग्रेस की सरकार ने गौमाता को भी लंपी की बीमारी के दौरान कष्ट में छोड़ दिया था। ये मोदी ही है, जो पूरे देश में पशुधन को मुफ्त टीकाकरण का अभियान चला रहा है। 2014 से पहले कांग्रेस आपकी मूंग दाल भी एमएसपी पर नहीं खरीदती थी। पिछले 9 वर्षों में भाजपा सरकार ने मूंग के MSP में करीब साढ़े 3 हज़ार रुपए की वृद्धि की है। लेकिन यहां की कांग्रेस सरकार ने मूंग किसानों को इसका पूरा लाभ नहीं दिया। बाड़मेर और जैसलमेर, पत्थर की कला और पत्थर के कलाकारों के लिए भी जाने जाते हैं। सैकड़ों वर्षों बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, तो उसमें भी मरुधरा का पत्थर ही लग रहा है।

मेरे परिवारजनों,
ये चुनाव सिर्फ विधायक या मंत्री बनाने के लिए नहीं है। ये चुनाव राजस्थान में कानून व्यवस्था की वापसी के लिए है, भाजपा सरकार की वापसी के लिए है। राजस्थान के हर मतदाता को याद रखना है और कांग्रेस को हटाने का जो लक्ष्य है, उसमें चूक नहीं होनी चाहिए।
मेरा भी आपको एक काम करना है। घर-घर जाना है, जाओगे? ऐसा तो नहीं कि इतनी बड़ी विराट सभा हो गई और यहां इतनी दूर इतनी बड़ी सभा होना, मतलब अब चुनाव जीत गए, चलो सो जाओ, ऐसा तो नहीं करोगे ना? जरा पूरी ताकत से बताइए, ऐसा तो नहीं करोगे ना? घर-घर जाओगे? कमल खिलाओगे? हर बूथ में से कांग्रेस को साफ करोगे? अच्छा मेरा एक काम करोगे? करोगे? क्यो आवाज धीमी हो गई? ऐसे नहीं जी-जान से बताओ.. करोगे मेरा काम? पक्का करोगे? लेकिन ये चुनावी काम नहीं है। फिर भी करोगे? ये मेरा निजी काम है फिर भी करोगे? पक्का करोगे? तो एक काम बताऊं? जरा हाथ ऊपर करके बताइए बताऊं? करोगे? एक काम करना। घऱ-घऱ जाकर के सबको प्रणाम करना और प्रणाम करके कहना कि मोदी जी अपने बाड़मेर इलाके में आए थे। और अपने मोदी जी ने आपको राम-राम कहा है। इतना मेरा काम कर दोगे? हर घऱ मेरा राम-राम पहुंचा दोगे? हर बुजुर्ग को मेरा राम-राम कहोगे? हर परिवार को मेरा राम-राम कहोगे? देखिए, अगर आप मेरा राम-राम पहुंचाओगे ना तो हर परिवार मुझे आशीर्वाद देगा और हर परिवार जब मुझे आशीर्वाद देगा ना तो उस आशीर्वाद में इतनी ताकत होती है मैं ऊर्जा से भर जाऊंगा और मैं थकूंगा नहीं, कभी रुकूंगा नहीं.. और ये आशीर्वाद की ताकत है कि कभी झुकूंगा भी नहीं... और इसलिए.. मुझे हर परिवार का आशीर्वाद चाहिए। क्या घऱ-घऱ जाकर मेरा राम-राम पहुंचाएगे?

अच्छा एक बात.. आप मेरा एक और संदेशा लोगों को देंगे? मोदीजी ने कहा है, जरूर कहना कि इस समय शादी-ब्याह का मौसम है, शादी-ब्याह है, बड़े मजे से करिए, लेकिन कितना भी काम हो, वोट देना ना भूलिए... कहोगे ना? क्योंकि राजस्थान के सुनहरे भविष्य के लिए जरूरी है। लेकिन राजस्थान और देश के सुनहरे भविष्य के लिए मतदान भी उतना ही जरूरी है। बहू लाने के उत्साह में या बेटी की विदाई देने के उत्साह में पांच साल कहीं डूब ना जाए इसलिए कितना ही शादी का काम क्यो ना हो 25 नवम्बर को राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए आप सभी अधिक से अधिक संख्या में मतदान करें और भाजपा उम्मीदवारों जीताए।

अब मैं अपनी बात समाप्त करूं उससे पहले मैं कुछ बात बताना चाहता हूं... बताऊ... आप जमकर के जवाब देंगे? तो जवाब देने से पहले अपना मोबाइल फोन निकालिए, अपने मोबाइल फोन का फ्लैश लाइट चालू कीजिए... बराबर सभी की फ्लैश लाइट चालू कीजिए... और जो मैं बोलूंगा वो आपको बोलना होगा..बोलोगे? मैं जो कहूंगा वही बोलोगे... मैं कुछ भी बोलूंगा आपको बोलना है कमल चुनेगा राजस्थान। क्या बोलेंगे? कमल चुनेगा राजस्थान। क्या बोलेंगे? पक्का एक साथ बोलेंगे? अब मैं बुलवाता हूं... धोरो की धरती महान... धोरो की धरती महान... कमल चुनेगा हिंदुस्तान...
धोरों की धरती महान.................कमल चुनेगा राजस्थान
सुरक्षित सरहद, खुशहाल जवान....कमल चुनेगा राजस्थान
बहन बेटियों का सम्मान..............कमल चुनेगा राजस्थान
सबको पानी सबको मान...............कमल चुनेगा राजस्थान
हस्तशिल्प की बढ़ेगी शान............कमल चुनेगा राजस्थान
भ्रष्टाचारियों पर कसेगी लगाम.......कमल चुनेगा राजस्थान
दुनिया में गूंजे राजस्थानी तान.......कमल चुनेगा राजस्थान
कमल चुनेगा... कमल चुनेगा.. कमल चुनेगा...
वोलिए भारत माता की...भारत माता की...भारत माता की..
बहुत-बहुत धन्यवाद

Explore More
ಶ್ರೀರಾಮ ಜನ್ಮಭೂಮಿ ಮಂದಿರದ ಧ್ವಜಾರೋಹಣ ಉತ್ಸವ ಉದ್ದೇಶಿಸಿ ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ ಅವರ ಭಾಷಣ

ಜನಪ್ರಿಯ ಭಾಷಣಗಳು

ಶ್ರೀರಾಮ ಜನ್ಮಭೂಮಿ ಮಂದಿರದ ಧ್ವಜಾರೋಹಣ ಉತ್ಸವ ಉದ್ದೇಶಿಸಿ ಪ್ರಧಾನಮಂತ್ರಿ ಅವರ ಭಾಷಣ
Why The SHANTI Bill Makes Modi Government’s Nuclear Energy Push Truly Futuristic

Media Coverage

Why The SHANTI Bill Makes Modi Government’s Nuclear Energy Push Truly Futuristic
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
‘Restoring Balance’ is a global urgency: PM Modi highlights global health challenges at WHO Global Summit on Traditional Medicine
December 19, 2025
It is India’s privilege and a matter of pride that the WHO Global Centre for Traditional Medicine has been established in Jamnagar: PM
Yoga has guided humanity across the world towards a life of health, balance, and harmony: PM
Through India’s initiative and the support of over 175 nations, the UN proclaimed 21 June as International Yoga Day; over the years, yoga has spread worldwide, touching lives across the globe: PM
The inauguration of the WHO South-East Asia Regional Office in Delhi marks another milestone. This global hub will advance research, strengthen regulation & foster capacity building: PM
Ayurveda teaches that balance is the very essence of health, only when the body sustains this equilibrium can one be considered truly healthy: PM
Restoring balance is no longer just a global cause-it is a global urgency, demanding accelerated action and resolute commitment: PM
The growing ease of resources and facilities without physical exertion is giving rise to unexpected challenges for human health: PM
Traditional healthcare must look beyond immediate needs, it is our collective responsibility to prepare for the future as well: PM

WHO के डायरेक्टर जनरल हमारे तुलसी भाई, डॉक्टर टेड्रोस़, केंद्रीय स्वास्थ्य में मेरे साथी मंत्री जे.पी. नड्डा जी, आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव जी, इस आयोजन से जुड़े अन्य देशों के सभी मंत्रीगण, विभिन्न देशों के राजदूत, सभी सम्मानित प्रतिनिधि, Traditional Medicine क्षेत्र में काम करने वाले सभी महानुभाव, देवियों और सज्जनों !

आज दूसरी WHO Global Summit on Traditional Medicine का समापन दिन है। पिछले तीन दिनों में यहां पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े दुनिया भर के एक्सपर्ट्स ने गंभीर और सार्थक चर्चा की है। मुझे खुशी है कि भारत इसके लिए एक मजबूत प्लेटफार्म का काम कर रहा है। और इसमें WHO की भी सक्रिय भूमिका रही है। मैं इस सफल आयोजन के लिए WHO का, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय का और यहां उपस्थित सभी प्रतिभागियों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

ये हमारा सौभाग्य है और भारत के लिए गौरव की बात है कि WHO Global Centre for Traditional Medicine भारत के जामनगर में स्थापित हुआ है। 2022 में Traditional Medicine की पहली समिट में विश्व ने बड़े भरोसे के साथ हमें ये दायित्व सौंपा था। हम सभी के लिए खुशी की बात है कि इस ग्लोबल सेंटर का यश और प्रभाव locally से लेकर के globally expand कर रहा है। इस समिट की सफलता इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इस समिट में Traditional knowledge और modern practices का कॉन्फ्लूएंस हो रहा है। यहां कई नए initiatives भी शुरू हुए हैं, जो medical science और holistic health के future को transform कर सकते हैं। समिट में विभिन्न देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रतिनिधियों के बीच विस्तार से संवाद भी हुआ है। इस संवाद ने ज्वाइंट रिसर्च को बढ़ावा देने, नियमों को सरल बनाने और ट्रेनिंग और नॉलेज शेयरिंग के लिए नए रास्ते खोले हैं। ये सहयोग आगे चलकर Traditional Medicine को अधिक सुरक्षित, अधिक भरोसेमंद बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

साथियों,

इस समिट में कई अहम विषयों पर सहमति बनना हमारी मजबूत साझेदारी का प्रतिबिंब है। रिसर्च को मजबूत करना, Traditional Medicine के क्षेत्र में डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ाना, ऐसे रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार करना जिन पर पूरी दुनिया भरोसा कर सके। ऐसे मुद्दे Traditional Medicine को बहुत सशक्त करेंगे। यहां आयोजित Expo में डिजिटल हेल्थ टेक्नोलॉजी, AI आधारित टूल्स, रिसर्च इनोवेशन, और आधुनिक वेलनेस इंफ्रास्ट्रक्चर, इन सबके जरिए हमें ट्रेडिशन और टेक्नोलॉजी का एक नया collaboration भी देखने को मिला है। जब ये साथ आती हैं, तो ग्लोबल हेल्थ को अधिक प्रभावी बनाने की क्षमता और बढ़ जाती है। इसलिए, इस समिट की सफलता ग्लोबल दृष्टि से बहुत ही अहम है।

साथियों,

पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली का एक अहम हिस्सा योग भी है। योग ने पूरी दुनिया को स्वास्थ्य, संतुलन और सामंजस्य का रास्ता दिखाया है। भारत के प्रयासों और 175 से ज्यादा देशों के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को योग दिवस घोषित किया गया था। बीते वर्षों में हमने योग को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचते देखा है। मैं योग के प्रचार और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले हर व्यक्ति की सराहना करता हूं। आज ऐसे कुछ चुनींदा महानुभावों को पीएम पुरस्कार दिया गया है। प्रतिष्ठित जूरी सदस्यों ने एक गहन चयन प्रक्रिया के माध्यम से इन पुरस्कार विजेताओं का चयन किया है। ये सभी विजेता योग के प्रति समर्पण, अनुशासन और आजीवन प्रतिबद्धता के प्रतीक हैं। उनका जीवन हर किसी के लिए प्रेरणा है। मैं सभी सम्मानित विजेताओं को हार्दिक बधाई देता हूं, अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

मुझे ये जानकर भी अच्छा लगा कि इस समिट के आउटकम को स्थायी रूप देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया हैं। Traditional Medicine Global Library के रूप में एक ऐसा ग्लोबल प्लेटफॉर्म शुरू किया गया है, जो ट्रेडिशनल मेडिसिन से जुड़े वैज्ञानिक डेटा और पॉलिसी डॉक्यूमेंट्स को एक जगह सुरक्षित करेगा। इससे उपयोगी जानकारी हर देश तक समान रूप से पहुंचने का रास्ता आसान होगा। इस Library की घोषणा भारत की G20 Presidency के दौरान पहली WHO Global Summit में की गई थी। आज ये संकल्प साकार हो गया है।

साथियों,

यहां अलग-अलग देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने ग्लोबल पार्टनरशिप का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। एक साझेदार के रूप में आपने Standards, safety, investment जैसे मुद्दों पर चर्चा की है। इस संवाद से जो Delhi Declaration इसका रास्ता बना है, वो आने वाले वर्षों के लिए एक साझा रोडमैप की तरह काम करेगा। मैं इस joint effort के लिए विभिन्न देशों के माननीय मंत्रियों की सराहना करता हूं, उनके सहयोग के लिए मैं आभार जताता हूं।

साथियों,

आज दिल्ली में WHO के South-East Asia Regional Office का उद्घाटन भी किया गया है। ये भारत की तरफ से एक विनम्र उपहार है। ये एक ऐसा ग्लोबल हब है, जहां से रिसर्च, रेगुलेशन और कैपेसिटी बिल्डिंग को बढ़ावा मिलेगा।

साथियों,

भारत दुनिया भर में partnerships of healing पर भी जोर दे रहा है। मैं आपके साथ दो महत्वपूर्ण सहयोग साझा करना चाहता हूं। पहला, हम बिमस्टेक देशों, यानी दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में हमारे पड़ोसी देशों के लिए एक Centre of Excellence स्थापित कर रहे हैं। दूसरा, हमने जापान के साथ एक collaboration शुरू किया है। ये विज्ञान, पारंपरिक पद्धितियों और स्वास्थ्य को एक साथ जोड़ने का प्रयास है।

साथियों,

इस बार इस समिट की थीम है- ‘Restoring Balance: The Science and Practice of Health and Well-being’, Restoring Balance, ये holistic health का फाउंडेशनल थॉट रहा है। आप सब एक्स्पर्ट्स अच्छी तरह जानते हैं, आयुर्वेद में बैलेन्स, अर्थात् संतुलन को स्वास्थ्य का पर्याय कहा गया है। जिसके शरीर में ये बैलेन्स बना रहता है, वही स्वस्थ है, वही हेल्दी है। आजकल हम देख रहे हैं, डायबिटीज़, हार्ट अटैक, डिप्रेशन से लेकर कैंसर तक अधिकांश बीमारियों के background में lifestyle और imbalances एक प्रमुख कारण नजर आ रहा है। Work-life imbalance, Diet imbalance, Sleep imbalance, Gut Microbiome Imbalance, Calorie imbalance, Emotional Imbalance, आज कितने ही global health challenges, इन्हीं imbalances से पैदा हो रहे हैं। स्टडीज़ भी यही प्रूव कर रही हैं, डेटा भी यही बता रहा है कि आप सब हेल्थ एक्स्पर्ट्स कहीं बेहतर इन बातों को समझते हैं। लेकिन, मैं इस बात पर जरूर ज़ोर दूँगा कि ‘Restoring Balance, आज ये केवल एक ग्लोबल कॉज़ ही नहीं है, बल्कि, ये एक ग्लोबल अर्जेंसी भी है। इसे एड्रैस करने के लिए हमें और तेज गति से कदम उठाने होंगे।

साथियों,

21वीं सदी के इस कालखंड में जीवन के संतुलन को बनाए रखने की चुनौती और भी बड़ी होने वाली है। टेक्नोलॉजी के नए युग की दस्तक AI और Robotics के रूप में ह्यूमन हिस्ट्री का सबसे बड़ा बदलाव आने वाले वर्षों में जिंदगी जीने के हमारे तरीके, अभूतपूर्व तरीके से बदलने वाले हैं। इसलिए हमें ये भी ध्यान रखना होगा, जीवनशैली में अचानक से आ रहे इतने बड़े बदलाव शारीरिक श्रम के बिना संसाधनों और सुविधाओं की सहूलियत, इससे human bodies के लिए अप्रत्याशित चुनौतियां पैदा होने जा रही हैं। इसलिए, traditional healthcare में हमें केवल वर्तमान की जरूरतों पर ही फोकस नहीं करना है। हमारी साझा responsibility आने वाले future को लेकर के भी है।

साथियों,

जब पारंपरिक चिकित्सा की बात होती है, तो एक सवाल स्वाभाविक रूप से सामने आता है। ये सवाल सुरक्षा और प्रमाण से जुड़ा है। भारत आज इस दिशा में भी लगातार काम कर रहा है। यहां इस समिट में आप सभी ने अश्वगंधा का उदाहरण देखा है। सदियों से इसका उपयोग हमारी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में होता रहा है। COVID-19 के दौरान इसकी ग्लोबल डिमांड तेजी से बढ़ी और कई देशों में इसका उपयोग होने लगा। भारत अपनी रिसर्च और evidence-based validation के माध्यम से अश्वगंधा को प्रमाणिक रूप से आगे बढ़ा रहा है। इस समिट के दौरान भी अश्वगंधा पर एक विशेष ग्लोबल डिस्कशन का आयोजन किया गया। इसमें international experts ने इसकी सुरक्षा, गुणवत्ता और उपयोग पर गहराई से चर्चा की। भारत ऐसी time-tested herbs को global public health का हिस्सा बनाने के लिए पूरी तरह कमिटेड होकर काम कर रहा है।

साथियों,

ट्रेडिशनल मेडिसिन को लेकर एक धारणा थी कि इसकी भूमिका केवल वेलनेस या जीवन-शैली तक सीमित है। लेकिन आज ये धारणा तेजी से बदल रही है। क्रिटिकल सिचुएशन में भी ट्रेडिशनल मेडिसिन प्रभावी भूमिका निभा सकती है। इसी सोच के साथ भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि आयुष मंत्रालय और WHO-Traditional Medicine Center ने नई पहल की है। दोनों ने, भारत में integrative cancer care को मजबूत करने के लिए एक joint effort किया है। इसके तहत पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को आधुनिक कैंसर उपचार के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। इस पहल से evidence-based guidelines तैयार करने में भी मदद मिलेगी। भारत में कई अहम संस्थान स्वास्थ्य से जुड़े ऐसे ही गंभीर विषयों पर क्लिनिकल स्टडीज़ कर रहे हैं। इनमें अनीमिया, आर्थराइटिस और डायबिटीज़ जैसे विषय भी शामिल हैं। भारत में कई सारे स्टार्ट-अप्स भी इस क्षेत्र में आगे आए हैं। प्राचीन परंपरा के साथ युवाशक्ति जुड़ रही है। इन सभी प्रयासों से ट्रेडिशनल मेडिसिन एक नई ऊंचाई की तरफ बढ़ती दिख रही है।

साथियों,

आज पारंपरिक चिकित्सा एक निर्णायक मोड़ पर खड़ी है। दुनिया की बड़ी आबादी लंबे समय से इसका सहयोग लेती आई है। लेकिन फिर भी पारंपरिक चिकित्सा को वो स्थान नहीं मिल पाया था, जितना उसमें सामर्थ्य है। इसलिए, हमें विज्ञान के माध्यम से भरोसा जीतना होगा। हमें इसकी पहुंच को और व्यापक बनाना होगा। ये जिम्मेदारी किसी एक देश की नहीं है, ये हम सबका साझा दायित्व है। पिछले तीन दिनों में इस समिट में जो सहभागिता, जो संवाद और जो प्रतिबद्धता देखने को मिली है, उससे ये विश्वास गहरा हुआ है कि दुनिया इस दिशा में एक साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार है। आइए, हम संकल्प लें कि पारंपरिक चिकित्सा को विश्वास, सम्मान और जिम्मेदारी के साथ मिलकर के आगे बढ़ाएंगे। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।