Published By : Admin | January 2, 2016 | 19:24 IST
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PM Modi visits Avadhoota Datta Peetham in Mysuru, Karnataka
Gurudev Dutt has a tremendous influence in the entire Narmada region: PM
Happy to know that Guruji returned from a visit to Gujarat and he visited Kutch: PM
At Avadhoota Datta Peetham, social work has been given a big impetus: PM Modi
At Avadhoota Datta Peetham, the work of Saints, seers, Rishis has always been for the welfare of society: PM
गुरूदेव दत्त! दत्त पीठ में मैं पहली बार आया हूं, लेकिन इस परंपरा से मैं काफी सालों से जुड़ा हुआ हूं। जो भी नर्मदा तट पर अपना समय बीताते हैं तो नर्मदा तट पर अगर किसी को साधना करने का अवसर मिलता है तो गुरूदेव दत्त के बिना न वो साधना आरंभ होती है, वो साधना की पूर्णावृत्ति है। चाहे आप नरेश्वर जाएं, चाहे गुरुदेश्वर जाएं, दत्त कृपा से ही वो पूरा क्षेत्र प्रभावित है और पूरी नर्मदा की साधना जो है। जो नर्मदा के साधक होते हैं, जो नर्मदा की परिक्रमा करते हैं वे सुबह-शाम दो ही मंत्र बोलते हैं, नर्मदा हरे और गुरूदेव दत्त। ये ही दो मंत्र होते हैं जो पूरी साधना का हिस्सा होते हैं। मुझे खुशी हुई, पिछले सप्ताह गुरू जी गुजरात होकर के आए, कच्छ के रेगिस्तान में होकर के आए। ‘रण उत्सव’ तो देखा लेकिन सबसे बड़ी बात है। वहां पर Kalo Dungar पर गुरूदेव का जन्मस्थल, तीर्थस्थान है और गुरूदेव दत्त की जयंती पर वहां पर एक बहुत बड़ा समारोह होता है, हिंदुस्तान का वो आखिरी स्थान है। उसके बाद रेगिस्तान और रेगिस्तान के उस पार पाकिस्तान है। उस स्थान पर गुरूदेव दत्त का स्थान है और अभी-अभी दत्त जयंती गई तो दत्त जयंती को मनाने के लिए गुरूदेव वहां गए थे और बड़ी प्रसन्नता मुझे भी व्यक्त कर रहे थे। मेरा भी सौभाग्य है, आज मुझे दत्त पीठ आने का अवसर मिला।
इस परंपरा ने जो सामाजिक काम तो किए ही हैं, लेकिन हमारे देश में संतों के द्वारा, ऋषियों के द्वारा, मुनियों के द्वारा जो भी होता है, समाज हित में ही होता है, समाज के लिए होता है, समाज के लिए समर्पित होते हैं लेकिन उसकी पहचान नहीं होती है क्योंकि उनको लगता है कि ये तो मेरे कर्तव्य का हिस्सा है इसलिए वो कभी ढोल नहीं पीटते हैं और उसके कारण दुनिया में एक छवि है कि भारत के संत-महंत, साधु-महात्मा या उनका मत-संदर्भ और उनका पूजा-पाठ और उसी में व्यक्त करते हैं लेकिन अगर हम देखेंगे तो हमारे देश में सारी ऋषि परंपरा, संत परंपरा ये समाज उद्धार के लिए लगी हुई है, समाज-सेवा में लगी हुई है। पूज्य स्वामी जी के जितने परिकल्प हैं चाहे वो पर्यावरण की रक्षा का हो या पंखियों की चेतना को समझने का प्रयास हो या उनकी नाद ब्रहम की उपासना हो, नाद ब्रहम की उपासना अप्रतिम मानी जाती है। नाद ब्रहम के सामर्थ्य को हमारी परंपराओं ने स्वीकार किया है और इसलिए बहुत कम लोग होते हैं जो नाद ब्रहम की उपासना कर पाते हैं। ब्रहम का ये रूप जिसको feel किया जा सकता है बाकी ब्रहम के रूप को feel नहीं किया पाता है। नाद ब्रहम है, जिस ब्रहम के रूप को हम feel कर सकते हैं, अनुभव कर सकते हैं और उसकी साधना के द्वारा सामान्य जन को ब्रहम तक पहुंचाने के लिए नाद का माध्यम, ये स्वामी जी ने करके दिखाया है और विश्व के बहुत बड़े फलक पर, हमारी इस महान परंपरा को from known to unknown, क्योंकि सामान्य मानवी गीत औऱ संगीत तो जानता है लेकिन उसे आध्यात्मिक रूप को जानना और उसको ब्रहम से जोड़ना, एक अविरत काम पूज्य स्वामी जी के द्वारा हुआ है, विश्व के अनेक स्थानों पर हुआ है। मुझे भी कुछ ऐसे स्थानों पर जाने का अवसर हुआ है लेकिन मूल स्थान पर आने का आज पहली बार अवसर मिला है, तो मेरे लिए सौभाग्य है।
मैं स्वामी जो को प्रणाम करता हूं और उनकी समाज-सेवा के लिए जो काम गिरी है, जो काम चल रहा है, उसको भगवान दत्त के आशीर्वाद मिलते रहे और गरीब से गरीब, सामान्य से सामान्य व्यक्ति की सेवा में ये शक्ति काम है। ये ही मेरा प्रार्थना है, गुरूदेव दत्त!
Odisha is experiencing unprecedented development: PM Modi in Bhubaneswar
November 29, 2024
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From Odisha to Maharashtra, BJP workers inspire confidence through hard work and commitment: PM Modi
After being out of power at the national level for over a decade, specific political forces have become increasingly desperate to regain control: PM
From sports to education and tourism, Odisha is experiencing unprecedented development: PM Modi
जय जगन्नाथ ! जय जगन्नाथ ! // ओडिशा र // सबू भाई ओ भउणी मानंकु// मोर नमस्कार //एबंग जुहार। ऑडिशार// मोर सबू परिबार-जन,// मा, // माउसी, // भाई, भउणी,// जुब साथी मानंकु शुभेच्छा // ओ अभिनंदन!
पांच दिन पहले मुझे दिल्ली में ओडिशा पर्व के शानदार समारोह में शामिल होने का अवसर मिला था। और बहुत बढ़िया मसाले वाली चाय भी पी थी। और मैंने धर्मेंद्र को जरा डांटा था, मैंने कहा कि यार इतना बढ़िया कार्यक्रम किया, मेरे पास जरा ज्यादा समय होता तो मैं और ज्यादा अंदर घूम लेता। शानदार कार्यक्रम था जी। ओडिशा पर्व में उड़िया विरासत और गौरव के वो भव्य दर्शन, ओडिशा के लोगों का स्नेह और अपनापन, वो मेरे लिए बहुत ही यादगार पल है। आज मुझे बाबा लिंगराज की पावन धरती पर आने का सौभाग्य मिला है। मैं इस एकाम्र क्षेत्र को प्रणाम करता हूं। मैं महाप्रभु जगन्नाथ के चरणों में प्रणाम करता हूं।
साथियों,
यहां एयरपोर्ट पर ही इतनी बड़ी संख्या में आपका आना, ओडिशा के लोगों का आना और मुझे तो इसका एंड दिखता ही नहीं है, लोग ही दिखते हैं। आपके इस प्यार के लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं। और मैं देख रहा हूं कि एक उमंग, ऊर्जा आपके चेहरों पर खुशी, चमक, मैं देख भी रहा हूं, मैं अनुभव कर रहा हूं। ये चमक बता रही है, महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों ने, हरियाणा के चुनाव के नतीजों ने और इन दिनों देशभर में जो उपचुनाव हुए हैं, उसके जो नतीजे आए हैं, पूरे देश में कैसा विश्वास भर दिया है, ये मैं आपकी आंखों में देख रहा हूं। अब देखिए ओडिशा ने शुरुआत की, फिर हरियाणा फिर महाराष्ट्र और यही तो भाजपा की विशेषता है। यही तो बीजेपी के कार्यकर्ताओं का सामर्थ्य है। विपक्षी दल, बीजेपी सरकार के खिलाफ अपप्रचार करते हैं, लेकिन, जनता बीजेपी सरकार के कामों को देखकर उन्हें आशीर्वाद देने खुद मैदान में दौड़ पड़ती है। आप याद करिए, चुनाव से कुछ महीने पहले तक बड़े-बड़े पॉलिटिकल एक्सपर्ट ओडिशा में बीजेपी को पूरी तरह से खारिज कर रहे थे। ये लोग कह रहे थे कि ओडिशा में बीजेपी इतनी बड़ी ताकत बन ही नहीं सकती कि वो अपने बलबूते सरकार बना ले! लेकिन, जब परिणाम आए, तो ये सारे के सारे जो अपने आप को तीसमारखां मानते थे, वो लोग हैरान हो गए। क्योंकि, ओडिशा के लोगों ने भाजपा की केंद्र सरकार के कामों को, और दिल्ली में बैठते हुए भी ओडिशा के लोगों के साथ जो अपनापन का नाता, सुख-दुख का साथ ये 10 साल में ओडिशा के गांव-गांव, घर-घर ये बात पहुंच चुकी थी। जब राज्य में हमारी सरकार भी नहीं थी। हमारी योजनाओं के नाम भी बदल दिए जाते थे। सबकुछ होता था, फिर भी ओडिसा के विकास के लिए पूरी लगन और ईमानदारी से हम लगातार काम करते रहे। केंद्र सरकार ने, और मैं कहता हूं भारत सरकार के मंत्रिपरिषद में जितना ओड़िया का प्रतिनिधित्व रहा है, पहले कभी नहीं रहा। और केंद्र सरकार ने कभी ये नहीं सोचा कि यहां पर जो सरकार है, वो हमारे साथ है, नहीं है, कार्यकर्ताओं को अच्छा लग रहा है, बुरा लग रहा है, हम वो नहीं सोचते थे। हम जनता का भला करना सोचते थे। और हमने ओडिशा को केंद्र से मिलने वाले बजट को तीन गुना किया। हमने ओडिशा के लिए नई-नई योजनाएं चलाईं। यहां हर वर्ग, हर समाज की समान भाव से सेवा की। इसीलिए, ओडिशा की जनता बीजेपी की नीतियों को और कार्यशैली को भलीभांति जान पाई, उनका एक विश्वास पैदा हुआ और दिल खोलकर हमें आशीर्वाद दिया। मैं तो इंटीरियर में जाता था कभी मैं संकोच करता था कि अरे मेरे हिंदी भाषा में अपनी बात कैसे पहुंचाऊंगा। लेकिन मैं देख रहा था कि भाषा भी कभी रुकावट नहीं बनी। भाव इतने मजबूत थे कि जो भाषा से भी ऊपर सवार हो जाते थे।
साथियों,
मुझे पहले सीएम के रूप में गुजरात की सेवा करने का मौका मिला। फिर पीएम के रूप में देश की जनता की सेवा करने का मौका मिला। और आप सबने, देशवासियों ने तीसरी बार एक सरकार बनाई, मैं दुनिया में जहां भी जाता हूं, सारे दुनिया के लोगों को लगता है अरे भाई क्या बात है। हिंदुस्तान के लोग, 140 करोड़ का देश, इतना बड़ा देश और लगातार एक सरकार को बार-बार चुनता जा रहा है। हम 14 में आए, 19 में आए, उससे दुनिया में जितना प्रभाव था, 24 में उससे अनेक गुना ज्यादा हो गया है। और साथियों जब मैं सीएम-पीएम के रूप में काम करता रहा, मैंने राजनीति के अलग-अलग रंग देखे हैं, मैंने उसके तरीके भी देखे हैं। मैं मानता हूं, राजनीति में नीतिगत विरोध बहुत स्वाभाविक है। ये लोकतंत्र का स्वभाव है। किसी भी निर्णय को लेकर अलग-अलग मत हो सकते हैं। राजनीतिक दल अपने हर तरह के विचार जनता के बीच ले जाते हैं। और पूरा अवसर होता है जनता को प्रशिक्षित करने का, हर राजनीतिक दल को, राजनीतिक विचार को हक होता है। औऱ ये अधिकार का भरपूर उपयोग कर भी सकते हैं। राजनीतिक दल अपनी बात जनता के बीच पहुंचाने के लिए, जनता को जागरूक करने के लिए आंदोलन भी करते रहते हैं। लोकतंत्र की संविधान की मर्यादाओं में रह करके अपने विचार को प्रकट करते हैं। और आंदोलन पहले भी होते थे, और आज भी हो रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से एक बड़ा बदलाव आप सभी महसूस कर रहे होंगे। भारत की संविधान की भावना को कुचल दिया जाता है। लोकतंत्र की सारी मान-मर्यादाओं को अस्वीकार किया जाता है। जो लोग सत्ता को अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं, उनके पास केंद्र की सत्ता पिछले एक दशक से वो खो चुके हैं। और पहले दिन से देश की जनता किसी और को आशीर्वाद दे, इसका गुस्सा जनता पर भी है। इस स्थिति ने उनके अंदर इतना गुस्सा भर दिया है कि वो देश के खिलाफ ही साजिश करने में जुटे हैं। ये लोग अपना गुस्सा जनता पर ही निकालने लगे हैं। देश को गलत दिशा में ले जाने के लिए उन्होंने लोगों को गुमराह करना शुरू कर दिया है। उनकी झूठ और अफवाह की दुकान तो बहुत पहले से चल रही है, अब उन्होंने इस अभियान को और तेज कर दिया है। ऐसे में जागृत नागरिकों को, भाजपा के कार्यकर्ताओं के लिए, जो देश को प्यार करते हैं उनके लिए, जो संविधान का सम्मान करते हैं उनके लिए, जो लोकतंत्र को जीते हैं उनके लिए, ऐसे लोगों की हरकतें, उनके इरादे, उनके कारनामे, बहुत बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं। और ऐसे में मैं सभी देशवासियों से कहना चाहूंगा, लोकतंत्र के प्रति समर्पित हर कार्यकर्ता को कहना चाहूंगा, हमें हर पल सतर्क रहना है और लोगों को जागरूक करते रहना है। हमें हर झूठ को बेनकाब करना है। सत्ता के ये भूखे लोग जनता से सिर्फ झूठ बोलते आए हैं। जब इनका एक झूठ लोगों पर काम नहीं करता तो उससे बड़ा दूसरा झूठ गढ़ते हैं। आप भी देखते होंगे न, 2019 में जो चौकीदार उनके लिए चोर था 2024 में आते-आते वो ईमानदार हो गया। और एक बार भी चौकीदार को चोर की गाली नहीं पड़ी। इनका मकसद सिर्फ यही है कि किसी तरह सत्ता पर इनका कब्जा हो, ताकि देश आजाद हुआ तब से आज तक जो लूट चलाने वाला गिरोह है, अलग-अलग नकाब पहनकर निकलने वाला ये गिरोह है, उसको देश की जनता को लूटने का एक मौका मिल जाए।
साथियों,
आज केंद्र की भाजपा सरकार, ओडिशा के गौरव को, ओडिशा को बड़ी प्राथमिकता दे रही है। इसी महीने ओडिशा में आप सभी ने बाली जात्रा का भव्य और सफल आयोजन किया है। अभी मैं यहां DGP कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने आया हूं। और आप में से बहुत लोगों को और यहां के मीडिया के लोगों को भी आश्चर्य होगा, हमारे देश में लगभग सवा सौ साल से ये DGP कॉन्फ्रेंस चल रहा है, हर वर्ष चल रहा है। सौ सवा सौ साल से, अंग्रेजों के जमाने से चल रहा है। सौ सवा सौ साल से DGP कॉन्फ्रेंस चल रहा है, ओडिशा में पहली बार हो रहा है। देशभर के इस क्षेत्र के जो प्रमुख लोग हैं, वो दिन यहां बैठ करके, महाप्रभु जी की इस पवित्र धरती से प्रेरणा लेकर अपने-अपने क्षेत्र में जाने वाले हैं। अभी तो DGP कॉन्फ्रेंस है, अभी चार दिन के बाद, 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के अवसर पर पुरी में ऑप डेमो 2024 का आयोजन हो रहा है। ये भी अपने आप में बहुत बड़ा अवसर होता है। वो भी पुरी के ब्लू फ्लैग बीच पर नौसेना अपने सामर्थ्य का प्रदर्शन करेगी। इसका मतलब है कि पूरी ओडिशा वैश्विक नजरों के केंद्र में आने वाला है। और फिर एक महीने के भीतर-भीतर 2025 में जनवरी महीने में ही, 8 से 10 जनवरी तक भुवनेश्वर में प्रवासी भारतीय दिवस का बहुत बड़ा आयोजन है। विश्वभर के लोग आने वाले हैं। दुनियाभर के लोगों का आपको स्वागत करने का अवसर मिलने वाला है। और यहां से जो भावनाएं लेकर लोग जाएंगे, पहले जी-20 में अलग प्रकार के लोग आए थे। ये हमारे देश के ही लोग हैं जो कई वर्षों से विदेशों में रहते हैं, वो सब आ रहे हैं। और ये सब जब वापस जाएंगे न तो ओडिशा की इतनी कथाएं दुनियाभर में पहुंच जाएगी, ओडिशा का भरपूर प्रचार प्रसार होगा, यहां पर्यटन के अवसर बढ़ेंगे। हम ओडिशा को देश ही नहीं, दुनिया के नक्शे पर प्राथमिकता दिलाना चाहते हैं। इस तरह के आयोजन ओडिशा को मिल रही प्राथमिकता का प्रमाण हैं। आप अभी प्रवासी भारतीय दिवस की तैयारियां भी जरूर करें। और जी-20 से भी शानदार होना चाहिए। ये एक ऐसा अवसर है, जिसमें हर कार्यकर्ता अपने सामर्थ्य का प्रदर्शन कर सकता है। हमारा ओडिशा स्वच्छ हो, सुंदर हो, अभी महीनभर है, शानदार सफाई अभियान चला सकते हैं। यहां की संस्कृति से लोग परिचित हों, इसके लिए जनभागीदारी बहुत जरूरी है। ओडिशा के हर नागरिक को लगना चाहिए कि दुनिया के मेहमान मेरे घर आ रहे हैं, ये भाव होना चाहिए। हम और आप मिलकर ओडिशा के गौरव को बढ़ाएंगे।
साथियों,
ओडिशा में डबल इंजन की सरकार बनने के बाद यहां हर सेक्टर में विकास ने नई गति पकड़ ली है। ओडिशा में एक साथ हजारों करोड़ की इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर काम शुरू हुआ है। सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का फायदा हर वर्ग को मिलना शुरू हुआ है। खेल हो, शिक्षा हो या पर्यटन हो, हर क्षेत्र में ओडिशा ने जो रफ्तार पकड़ी है, वो अभूतपूर्व है। ओडिशा के शहरों में आधुनिक सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं, राज्य की भाजपा सरकार यहां स्टार्टअप इकोसिस्टम डेवलप करने पर फोकस कर रही है। राज्य की धरोहर को समृद्ध बनाने का अभियान भी चलाया जा रहा है। मिशन पूर्वोदय से भी ओडिशा विकास की नई रफ्तार पकड़ रहा है। जब इनफ्रास्ट्रक्चर बेहतर होगा, तभी यहां की खनिज संपदा, यहां के समुद्री तट औद्योगिक अवसरों में बदलेंगे।
साथियों,
नए उद्योग प्रदेश में आयें, इसके लिए सरकार द्वारा सही नीतियों और सही नियत की भी जरूरत होती है। और जो आज देश और दुनियाभर के लोग अनुभव कर रहे हैं, भाजपा की सरकार बनने के कारण, और ये काम ‘उत्कर्ष उत्कल’ अभियान के जरिए हो रहा है। ओडिशा को नए निवेश के लिए तैयार किया जा रहा है। यहां नए उद्योग लगेंगे, नए अवसर बनेंगे, युवाओं को रोजगार मिलेगा। युवा बड़े अवसरों के लिए तैयार हों, उनके सामर्थ्य का सही इस्तेमाल हो, इसके लिए शिक्षा व्यवस्था में भी बड़े परिवर्तन की जरूरत थी। इसीलिए, भाजपा की सरकार आते ही हमने राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरी तरह लागू किया। ओडिशा में स्कूलों के लिए पीएम श्री योजना और हायर एजुकेशन के लिए पीएम उषा योजना को भी लागू किया है।
भाइयों बहनों,
एक ओर हम भविष्य निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, दूसरी ओर ओडिशा को जन-कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। ओडिशा के लाखों गरीब परिवारों को पक्का मकान देने का अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। हर घर तक पानी पहुंचाने के लिए हमारी सरकार मिशन मोड में काम कर रही है। गरीबी के खिलाफ लड़ाई, गरीब के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के प्रयास और तेज होंगे।
साथियों,
ओडिशा के लोग हमारी सरकार आने के बाद एक और बड़ा अंतर देख पा रहे हैं। हमारे मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी जी आज ओडिशा के अलग-अलग हिस्सों का दौरा कर रहे हैं। ओडिशा को पहली बार गांवों में पता चलता है कि मुख्यमंत्री कभी गांवों में भी आते हैं। जनता से जुड़ना और जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को समझना, यही भाजपा की परंपरा और संस्कृति है।
साथियों,
बीजेपी की सरकारें इतनी सफल इसलिए होती हैं, क्योंकि हमने इस देश की आधी आबादी, महिलाएं, उनके विकास पर भी उतना ही तवज्जो दिया है, उतना ही महत्व दिया है। ओडिशा में भी हमारी सरकार बनते ही माताओं-बहनों के लिए कई बड़े कदम उठाए गए हैं। माता सुभद्रा का आशीर्वाद लेकर हमने सुभद्रा योजना शुरू की। ये योजना महिला सशक्तिकरण की पहचान बनेगी। जब हमारी माताएं-बहनें आर्थिक रुप से सशक्त होंगी, तो राज्य की अर्थव्यवस्था में उनका योगदान बढ़ेगा। मुझे खुशी है कि बीजेपी के प्रयासों से ओडिशा की आदिवासी बेटी द्रौपदी मुर्मू जी आज देश की राष्ट्रपति हैं। इससे पूरे देश के आदिवासी समाज का गौरव बढ़ा है। मुर्मू जी के देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होने से हर वर्ग की बेटियों का आत्मविश्वास बढ़ा है। एक आदिवासी बेटी की ये यात्रा आने वाली कई पीढ़ियों को प्रेरित करेगी।
साथियों,
ओडिशा में जनजातीय कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। ओडिशा के 13 आदिवासी समुदायों को पीएम जनमन योजना का लाभ मिल रहा है। आदिवासी बच्चों की पढ़ाई बीच में ना छूटे, इसके लिए उनके घर के पास ही स्कूल की सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है। ओडिशा के आदिवासी बहुल इलाके में एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल खोले गए हैं।
साथियों,
चुनाव के समय, मोदी ने आपको कहा था कि जो गारंटी मैं दूंगा, उसे तेजी से पूरा किया जाएगा। आज ओडिशा में हमारी सरकार, हर गारंटी को पूरा करने के लिए काम कर रही है। अब ओडिशा में धान की खरीदारी 3100 रूपए प्रति क्विंटल में की जा रही है। इसके लिए राज्य सरकार के बजट में 5 हजार करोड़ रूपए की व्यवस्था की गई है। पिछले हफ्ते राज्य सरकार ने बरगढ़ जिले से बढ़ी हुई दर से धान खरीदना शुरू कर दिया। इसी तरह हम अपनी हर गारंटी को तेजी से पूरा कर रहे हैं। इसलिए ही मैं फिर कहूंगा, मोदी की गारंटी, यानि गारंटी पूरी होने की गारंटी।
साथियों,
हम हमारे संकल्पों को पूरा करेंगे, विकसित ओडिशा के लिए काम करेंगे। और मैं आपका उत्साह, उमंग देख रहा हूं। जो सपने लेकर हम चले हैं, उसके लिए मेहनत में कोई कमी नहीं रखेंगे। आप सब यहां आए, इसके मैं एक बार फिर आप सबका आभार व्यक्त करता हूं। दरअसल तो आज मैं एक सरकारी मीटिंग के लिए आया हूं। लेकिन हमारे धर्मेंद्र जी बोले नहीं, तय किया है, हम तो चाहते हैं, तो मुझे अच्छा लगा, आप सबके दर्शन करने का मुझे मौका मिल गया। आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।