साझा करें
 
Comments
प्रधानमंत्री मोदी ने मैसूर, कर्नाटक में अवधूत दत्त पीठ का दौरा किया
गुरुदेव दत्त कृपा से पूरा नर्मदा क्षेत्र प्रभावित है: प्रधानमंत्री
मुझे खुशी हुई कि गुरू जी गुजरात होकर आये और उन्होंने कच्छ का दौरा किया: प्रधानमंत्री
अवधूत दत्त पीठ ने सामाजिक कार्यों को काफ़ी प्रोत्साहन दिया है: प्रधानमंत्री मोदी
अवधूत दत्त पीठ में संतों और ऋषियों ने हमेशा समाज कल्याण के लिए कार्य किया गया है: प्रधानमंत्री

गुरूदेव दत्त! दत्त पीठ में मैं पहली बार आया हूं, लेकिन इस परंपरा से मैं काफी सालों से जुड़ा हुआ हूं। जो भी नर्मदा तट पर अपना समय बीताते हैं तो नर्मदा तट पर अगर किसी को साधना करने का अवसर मिलता है तो गुरूदेव दत्त के बिना न वो साधना आरंभ होती है, वो साधना की पूर्णावृत्ति है। चाहे आप नरेश्वर जाएं, चाहे गुरुदेश्वर जाएं, दत्त कृपा से ही वो पूरा क्षेत्र प्रभावित है और पूरी नर्मदा की साधना जो है। जो नर्मदा के साधक होते हैं, जो नर्मदा की परिक्रमा करते हैं वे सुबह-शाम दो ही मंत्र बोलते हैं, नर्मदा हरे और गुरूदेव दत्त। ये ही दो मंत्र होते हैं जो पूरी साधना का हिस्सा होते हैं। मुझे खुशी हुई, पिछले सप्ताह गुरू जी गुजरात होकर के आए, कच्छ के रेगिस्तान में होकर के आए। ‘रण उत्सव’ तो देखा लेकिन सबसे बड़ी बात है। वहां पर Kalo Dungar पर गुरूदेव का जन्मस्थल, तीर्थस्थान है और गुरूदेव दत्त की जयंती पर वहां पर एक बहुत बड़ा समारोह होता है, हिंदुस्तान का वो आखिरी स्थान है। उसके बाद रेगिस्तान और रेगिस्तान के उस पार पाकिस्तान है। उस स्थान पर गुरूदेव दत्त का स्थान है और अभी-अभी दत्त जयंती गई तो दत्त जयंती को मनाने के लिए गुरूदेव वहां गए थे और बड़ी प्रसन्नता मुझे भी व्यक्त कर रहे थे। मेरा भी सौभाग्य है, आज मुझे दत्त पीठ आने का अवसर मिला।

इस परंपरा ने जो सामाजिक काम तो किए ही हैं, लेकिन हमारे देश में संतों के द्वारा, ऋषियों के द्वारा, मुनियों के द्वारा जो भी होता है, समाज हित में ही होता है, समाज के लिए होता है, समाज के लिए समर्पित होते हैं लेकिन उसकी पहचान नहीं होती है क्योंकि उनको लगता है कि ये तो मेरे कर्तव्य का हिस्सा है इसलिए वो कभी ढोल नहीं पीटते हैं और उसके कारण दुनिया में एक छवि है कि भारत के संत-महंत, साधु-महात्मा या उनका मत-संदर्भ और उनका पूजा-पाठ और उसी में व्यक्त करते हैं लेकिन अगर हम देखेंगे तो हमारे देश में सारी ऋषि परंपरा, संत परंपरा ये समाज उद्धार के लिए लगी हुई है, समाज-सेवा में लगी हुई है। पूज्य स्वामी जी के जितने परिकल्प हैं चाहे वो पर्यावरण की रक्षा का हो या पंखियों की चेतना को समझने का प्रयास हो या उनकी नाद ब्रहम की उपासना हो, नाद ब्रहम की उपासना अप्रतिम मानी जाती है। नाद ब्रहम के सामर्थ्य को हमारी परंपराओं ने स्वीकार किया है और इसलिए बहुत कम लोग होते हैं जो नाद ब्रहम की उपासना कर पाते हैं। ब्रहम का ये रूप जिसको feel किया जा सकता है बाकी ब्रहम के रूप को feel नहीं किया पाता है। नाद ब्रहम है, जिस ब्रहम के रूप को हम feel कर सकते हैं, अनुभव कर सकते हैं और उसकी साधना के द्वारा सामान्य जन को ब्रहम तक पहुंचाने के लिए नाद का माध्यम, ये स्वामी जी ने करके दिखाया है और विश्व के बहुत बड़े फलक पर, हमारी इस महान परंपरा को from known to unknown, क्योंकि सामान्य मानवी गीत औऱ संगीत तो जानता है लेकिन उसे आध्यात्मिक रूप को जानना और उसको ब्रहम से जोड़ना, एक अविरत काम पूज्य स्वामी जी के द्वारा हुआ है, विश्व के अनेक स्थानों पर हुआ है। मुझे भी कुछ ऐसे स्थानों पर जाने का अवसर हुआ है लेकिन मूल स्थान पर आने का आज पहली बार अवसर मिला है, तो मेरे लिए सौभाग्य है।

मैं स्वामी जो को प्रणाम करता हूं और उनकी समाज-सेवा के लिए जो काम गिरी है, जो काम चल रहा है, उसको भगवान दत्त के आशीर्वाद मिलते रहे और गरीब से गरीब, सामान्य से सामान्य व्यक्ति की सेवा में ये शक्ति काम है। ये ही मेरा प्रार्थना है, गुरूदेव दत्त!

Explore More
आज का भारत एक आकांक्षी समाज है: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

आज का भारत एक आकांक्षी समाज है: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
PM Modi gifts Buddha artwork associated with Karnataka to his Japanese counterpart

Media Coverage

PM Modi gifts Buddha artwork associated with Karnataka to his Japanese counterpart
...

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
जापान के प्रधानमंत्री किशिदा के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में पीएम मोदी का वक्तव्य
March 20, 2023
साझा करें
 
Comments
भारत-जापान स्पेशल स्ट्रैटेजिक एंड ग्लोबल पार्टनरशिप हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और अंतरराष्ट्रीय पटल पर रूल ऑफ लॉ के प्रति सम्मान पर आधारित है:पीएम मोदी
सेमीकंडक्टर और अन्य क्रिटिकल टेक्नोलॉजीज में विश्वस्त सप्लाई चेन के महत्व पर भी हमारे बीच सार्थक चर्चा हुई : जापानी पीएम के साथ बातचीत के बाद पीएम मोदी

Your Excellency, प्रधानमंत्री किशिदा,
दोनों देशों के delegates,
Friends from Media,

नमस्कार!

सबसे पहले मैं प्रधानमंत्री किशिदा और उनके प्रतिनिधिमंडल का भारत में हार्दिक स्वागत करता हूं। पिछले एक वर्ष में प्रधानमंत्री किशिदा और मैं कई बार मिले हैं। और हर बार, मैंने भारत-जापान संबंधों के प्रति उनकी positivity और प्रतिबद्धता को महसूस किया है। और इसलिए, आज की उनकी यात्रा हमारे आपसी सहयोग का मोमेन्टम बनाए रखने के लिए बहुत उपयोगी रहेगी।

Friends,

आज की हमारी मुलाकात एक और कारण से भी विशेष है। इस साल भारत G20 की अध्यक्षता कर रहा है, और जापान G7 की। और इसलिए, अपनी अपनी प्राथमिकताओं और हितों पर साथ मिलकर काम करने का यह उत्तम अवसर है। आज मैंने प्रधानमंत्री किशिदा को भारत की G20 अध्यक्षता की प्राथमिकताओं के बारे में बताया। हमारी G20 अध्यक्षता का एक महत्वपूर्ण स्तम्भ ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को आवाज़ देना है। "वसुधैव कुटुम्बकम” को मानने वाली संस्कृति सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है, और इसीलिए हमने यह पहल ली है।

Friends,

भारत-जापान Special Strategic and Global Partnership हमारे साझा लोकतान्त्रिक मूल्यों, और अंतर-राष्ट्रीय पटल पर rule of law के सम्मान पर आधारित है। इस साझेदारी को मजबूत बनाना हमारे दोनों देशों के लिए तो महत्वपूर्ण है ही, इस से Indo-Pacific क्षेत्र में शान्ति, समृद्धि और स्थिरता को भी बढ़ावा मिलता है। आज हमारी बातचीत में, हमने द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की। हमने रक्षा उपकरण और टेक्नोलॉजी सहयोग, व्यापार, स्वास्थ्य, और डिजिटल साझेदारी पर विचारों का आदान-प्रदान किया। सेमिकन्डक्टर और अन्य क्रिटिकल technologies में विश्वस्त सप्लाई chains के महत्व पर भी हमारे बीच सार्थक चर्चा हुई। पिछले साल, हमने अगले 5 वर्षों में भारत में 5 ट्रिलियन येन, यानि तीन लाख बीस हजार करोड़ रूपए, के जापानी निवेश का लक्ष्य तय किया था। यह संतोष का विषय है, कि इस दिशा में अच्छी प्रगति हुई है।

2019 में, हमने India-Japan Industrial Competitiveness Partnership की स्थापना की थी। इसके अंतर्गत, हम लॉजिस्टिक्स, food processing, MSME, textiles, machinery और Steel जैसे क्षेत्रों में भारतीय इंडस्ट्री की competitiveness बढ़ा रहे हैं। आज हमने इस Partnership की सक्रियता पर भी प्रसन्नता व्यक्त की। Mumbai-Ahmedabad High Speed Rail पर भी हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। मुझे इस बात की भी खुशी है कि हम 2023 को टूरिज्म एक्सचेंज वर्ष के रूप में मना रहें हैं। और इसके लिए हमने "Connecting Himalayas with Mount Fuji” नाम का थीम चुना है।

Friends,

आज प्रधानमंत्री किशिदा ने मुझे मई महीने में हिरोशिमा मे होने वाली G7 लीडर्स समिट के लिए निमंत्रण दिया। इसके लिए उनका हृदय से धन्यवाद करता हूँ। इसके कुछ महीनों बाद सितम्बर में G20 लीडर्स समिट के लिए मुझे प्रधानमंत्री किशिदा का फिर से भारत में स्वागत करने का अवसर मिलेगा। हमारी बातचीत और संपर्कों का यह सिलसिला इसी प्रकार चलता रहे, और भारत-जापान संबंध लगातार नई ऊंचाइयों को छूते रहें, इसी कामना के साथ, मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं।

बहुत बहुत धन्यवाद।