टेंट सिटी का उद्घाटन किया
1000 करोड़ रुपये से अधिक की अन्य अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया
हल्दिया में मल्टी मॉडल टर्मिनल का उद्घाटन किया
“एमवी गंगा विलास क्रूज से पूर्वी भारत के कई पर्यटन स्थलों को फायदा होने वाला है”
"क्रूज जहां से भी गुजरेगा वहां विकास की एक नई लाइन तैयार करेगा"
"“आज भारत के पास सब कुछ है और आपकी कल्पना से परे भी बहुत कुछ है।”
"गंगा जी हमारे लिए सिर्फ एक जलधारा भर नहीं है और हम इस पवित्र नदी की सेवा करने के लिए नमामि गंगे तथा अर्थ गंगा के माध्यम से दोहरा रास्ता अपना रहे हैं"
"एक बढ़ते वैश्विक प्रोफाइल के साथ, भारत आने और जानने में रुचि भी बढ़ रही है"
“21वीं सदी का यह दशक, भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर के कायाकल्प का दशक है”
"नदी जलमार्ग भारत का नया सामर्थ्य बन रहे हैं"

हर हर महादेव!

कार्यक्रम में हमारे साथ जुड़े विभिन्न राज्यों के आदरणीय मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी गण, टूरिज्म इंडस्ट्री के साथी, देश-विदेश से वाराणसी पहुंचे टूरिस्ट, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों,

आज लोहड़ी का उमंग भरा त्यौहार है। आने वाले दिनों में हम उत्तरायण, मकर संक्रांति, भोगी, बीहू, पोंगल जैसे अनेक पर्व भी मनाएंगे। मैं देश और दुनिया में इन त्योहारों को मना रहे सभी लोगों को बधाई देता हूं, अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

हमारे पर्वों, दान-दक्षिणा, तप-तपस्या, हमारे संकल्पों की सिद्धि के लिए हमारी आस्था, हमारी मान्यता का एक अपना महत्व है। और इसमें भी हमारी नदियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। ऐसे समय में हम सभी नदी जलमार्गों के विकास से जुड़े इतने बड़े उत्सव के साक्षी बन रहे हैं। आज मेरी काशी से डिब्रूगढ़ के बीच दुनिया की सबसे लंबी नदी जलयात्रा- गंगा विलास क्रूज़ का शुभारंभ हुआ है। इससे पूर्वी भारत के अनेक पर्यटक स्थल, वर्ल्ड टूरिज्म मैप में और प्रमुखता से आने वाले हैं। काशी में गंगा पार ये जो नई निर्मित अद्भुत टेंट सिटी से वहां आने और रहने का एक और बड़ा कारण देश-दुनिया के पर्यटकों-श्रद्धालुओं को मिला है। इसके साथ-साथ आज पश्चिम बंगाल में मल्टी-मॉडल टर्मिनल, यूपी और बिहार में फ्लोटिंग जेटी, असम में मैरीटाइम स्किल सेंटर, शिप रिपेयर सेंटर, टर्मिनल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट, ऐसे 1 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स का भी शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। ये पूर्वी भारत में ट्रेड और टूरिज्म से जुड़ी संभावनाओं का विस्तार करने वाले हैं, रोजगार के नए अवसर बनाने वाले हैं।

साथियों,

गंगा जी हमारे लिए सिर्फ एक जलधारा भर नहीं है। बल्कि ये प्राचीन काल से इस महान भारत भूमि की तप-तपस्या की साक्षी हैं। भारत की स्थितियां-परिस्थितियां कैसी भी रही हों, मां गंगे ने हमेशा कोटि-कोटि भारतीयों को पोषित किया है, प्रेरित किया है। इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि गंगा जी के किनारे की पूरी पट्टी ही आजादी के बाद विकास में पिछड़ती ही चली गई, आगे जाने की तो बात ही छोड़ दीजिए। इस वजह से लाखों लोगों का गंगा किनारे से पलायन भी हुआ। इस स्थिति को बदला जाना जरूरी था, इसलिए हमने एक नई अप्रोच के साथ काम करना तय किया। हमने एक तरफ नमामि गंगे के माध्यम से गंगा जी की निर्मलता के लिए काम किया, वहीं दूसरी तरफ अर्थ गंगा का भी अभियान चलाया। अर्थ गंगा यानि, हमने गंगा के आस-पास बसे राज्यों में आर्थिक गतिविधियों का एक नया वातावरण बनाने के लिए कदम उठाए। ये गंगा विलास क्रूज, इस अर्थ गंगा में उसके अभियान को नई ताकत देगा। उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश की यात्रा के दौरान ये क्रूज हर तरह की सुविधा मुहैया कराएगा।

साथियों,

आज मैं उन सभी विदेशी टूरिस्ट्स का विशेष अभिनंदन करता हूं, जो इस क्रूज़ के माध्यम से पहले सफर पर निकलने वाले हैं। आप सभी एक प्राचीन शहर से एक आधुनिक क्रूज़ से सफर करने जा रहे हैं। मैं अपने इन विदेशी टूरिस्ट साथियों से विशेष तौर पर कहूंगा कि- India has everything that you can imagine. It also has a lot beyond your imagination. India cannot be defined in words. India can only be experienced from the heart. Because India has always opened her heart for everyone, irrespective of region or religion, creed or country. We welcome all our tourist friends from different parts of the world.

साथियों,

ये क्रूज यात्रा एक साथ अनेक नए अनुभव लेकर आने वाली है। ये जो लोग इसमें से आध्यात्म की खोज में हैं, उन्हें वाराणसी,काशी, बोधगया, विक्रमशिला, पटना साहिब और माजुली की यात्रा करने का सौभाग्य मिलेगा। जो multi-national cruise का अनुभव लेना चाहते हैं, उन्हें ढाका से होकर गुजरने का अवसर मिलेगा। जो भारत की natural diversity को देखना चाहते हैं, उन्हें ये क्रूज सुंदरबन और असम के जंगलों की सैर कराएगा। जिन लोगों की रुचि भारत में नदियों से जुड़े सिस्टम को समझने में है, उनके लिए ये यात्रा बहुत महत्वपूर्ण होगी। क्योंकि ये क्रूज 25 अलग-अलग नदियों या नदी धाराओं से होकर गुजरेगा। और जो लोग भारत के समृद्ध खान-पान का अनुभव लेना चाहते हैं, उनके लिए भी ये बेहतरीन अवसर है। यानि भारत की विरासत और आधुनिकता का अद्भुत संगम हमें इस यात्रा में देखने को मिलेगा। क्रूज़ टूरिज्म का ये नया दौर इस क्षेत्र में हमारे युवा साथियों को रोजगार-स्वरोजगार के नए अवसर भी देगा। विदेशी पर्यटकों के लिए तो ये आकर्षण होगा ही, देश के भी जो पर्यटक पहले ऐसे अनुभवों के लिए विदेश जाते थे, वे अब पूर्वी भारत का रुख कर पाएंगे। ये क्रूज जहां से भी गुजरेगा, वहां विकास की एक नई लाइन तैयार करेगा। क्रूज टूरिज्म के लिए ऐसी ही व्यवस्थाएं हम देशभर के नदी जलमार्गों में तैयार कर रहे हैं। शहरों के बीच लंबे रिवर क्रूज के अलावा हम अलग-अलग शहरों में छोटे क्रूज को भी बढ़ावा दे रहे हैं। काशी में भी इस प्रकार की व्यवस्था अभी चल रही है। ये हर पर्यटक वर्ग की पहुंच में हो इसके लिए बजट से लेकर लक्ज़री क्रूज़ तक, हर प्रकार की सुविधाएं देश में विकसित की जा रही हैं।

साथियों,

देश में क्रूज टूरिज्म और हैरिटेज टूरिज्म का ये संगम ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत में पर्यटन का एक बुलंद दौर शुरु हो रहा है। भारत की वैश्विक भूमिका जैसे-जैसे बढ़ रही है, वैसे-वैसे भारत को देखने, भारत को जानने और भारत को समझने की उत्सुकता भी बढ़ रही है। इसलिए बीते 8 वर्षों में हमने भारत में टूरिज्म सेक्टर के विस्तार पर विशेष बल दिया है। हमने अपने आस्था के स्थानों, तीर्थों, ऐतिहासिक स्थलों के विकास को भी प्राथमिकता बनाया है। काशी नगरी तो हमारे इन प्रयासों की साक्षात साक्षी बनी है। आज मेरी काशी की सड़कें चौड़ी हो रही हैं, गंगा जी के घाट स्वच्छ हो रहे हैं। काशी विश्वनाथ धाम का पुनर्निर्माण होने के बाद जिस प्रकार श्रद्धालुओं और पर्यटकों में उत्साह देखा जा रहा है, वो भी अभूतपूर्व है। बीते वर्ष जितने श्रद्धालु काशी आए हैं, उससे हमारे नाविकों, रेहड़ी-ठेले-रिक्शा वालों, दुकानदारों, होटल-गेस्टहाउस चलाने वालों, सभी को लाभ हुआ है। अब गंगा पार के क्षेत्र में ये नई टेंट सिटी, काशी आने वाले श्रद्धालुओं को, पर्यटकों को एक नया अनुभव देगी। इस टेंट सिटी में आधुनिकता भी है, अध्यात्म भी और आस्था भी है। राग से लेकर स्वाद तक बनारस का हर रस, हर रंग इस टेंट सिटी में देखने को मिलेगा।

साथियों,

आज का ये आयोजन, 2014 के बाद से देश में जो नीतियां बनीं, जो निर्णय हुए, जो दिशा तय हुई, उसका प्रतिबिंब है। 21वीं सदी का ये दशक, भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर के कायाकल्प का दशक है। इस दशक में भारत के लोग, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की वो तस्वीर देखने जा रहे हैं, जिसकी कल्पना तक किसी जमाने में मुश्किल थी। चाहे घर, टॉयलेट, बिजली, पानी, कुकिंग गैस, शिक्षण संस्थान और अस्पताल जैसा सामाजिक इंफ्रास्ट्रक्चर हो, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर हो, या फिर रेलवे, हाईवे, एयरवे और वॉटरवे जैसा फिजिकल कनेक्टिविटी इनसे जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर हो। ये आज भारत के तेज़ विकास का, विकसित भारत के निर्माण का सबसे मजबूत स्तंभ है। सबसे चौड़े हाईवे, सबसे आधुनिक एयरपोर्ट, आधुनिक रेलवे स्टेशन, सबसे ऊंचे और लंबे पुल, सबसे ऊंचाई पर बनने वाली लंबी टनल से नए भारत के विकास का प्रतिबिंब हम सब अनुभव करते हैं। इसमें भी नदी जलमार्ग, भारत का नया सामर्थ्य बन रहे हैं।

साथियों,

आज गंगा विलास क्रूज की शुरुआत होना भी एक साधारण घटना नहीं है। जैसे कोई देश जब अपने दम पर सैटेलाइट को अंतरिक्ष में स्थापित करता है, तो वो उस देश की तकनीकी दक्षता को दिखाता है। वैसे ही 3200 किलोमीटर से ज्यादा लंबा ये सफर, भारत में इनलैंड वॉटर-वे के विकास, नदी जलमार्गों के लिए बन रहे आधुनिक संसाधनों का एक जीता-जागता उदाहरण है। 2014 से पहले देश में वॉटर-वे का थोड़ा-बहुत ही उपयोग होता था। ये हाल तब था, जब भारत में वॉटर-वे के माध्यम से व्यापार का हजारों साल पुराना इतिहास था। 2014 के बाद से भारत, अपनी इस पुरातन ताकत को आधुनिक भारत के ट्रांसपोर्ट सिस्टम की बड़ी शक्ति बनाने में जुटा है। हमने देश की बड़ी नदियों में नदी जलमार्गों के विकास के लिए कानून बनाया है, विस्तृत एक्शन प्लान बनाया है। 2014 में सिर्फ 5 राष्ट्रीय जलमार्ग देश में थे। आज 24 राज्यों में 111 राष्ट्रीय जलमार्गों को विकसित करने पर काम हो रहा है। इनमें से लगभग 2 दर्जन जलमार्गों पर सेवाएं अभी चल रही हैं। 8 वर्ष पहले तक सिर्फ 30 लाख मीट्रिक टन कार्गो ही नदी जलमार्गों से ट्रांसपोर्ट होता था। आज ये कैपेसिटी 3 गुणा से भी अधिक हो चुकी है। नदी जलमार्गों का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। इसमें भी गंगा पर बन रहा ये नेशनल वॉटर-वे, पूरे देश के लिए एक मॉडल की तरह विकसित हो रहा है। आज ये वॉटर-वे, ट्रांसपोर्ट, ट्रेड और टूरिज्म, तीनों के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम बन रहा है।

साथियों,

आज का ये आयोजन, पूर्वी भारत को विकसित भारत का ग्रोथ इंजन बनाने में भी मदद करेगा। पश्चिम बंगाल के हल्दिया में आधुनिक मल्टी-मॉडल टर्मिनल वाराणसी को जोड़ता है। ये भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग से भी कनेक्टेड है और नॉर्थ ईस्ट को भी जोड़ता है। ये कोलकाता पोर्ट और बांग्लादेश को भी कनेक्ट करता है। यानि ये यूपी-बिहार-झारखंड-पश्चिम बंगाल से लेकर बांग्लादेश तक व्यापार-कारोबार को सुगम बनाने वाला है। इसी प्रकार जेटी और रो-रो फेरी टर्मिनलों का भी नेटवर्क बनाया जा रहा है। इससे आना-जाना भी आसान होगा, मछुआरों को, किसानों को भी सुविधा होगी।

साथियों,

क्रूज हो, कार्गो शिप हो, ये ट्रांसपोर्ट और टूरिज्म को तो बल देते ही हैं, इनकी सर्विस से जुड़ी पूरी इंडस्ट्री भी नए अवसरों का निर्माण करती है। इसके लिए जो स्टाफ चाहिए, जो स्किल्ड लोग चाहिए, उसके लिए भी ट्रेनिंग का प्रबंध आवश्यक है। इसके लिए गुवाहाटी में स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाया गया है। जहाजों की मरम्मत के लिए भी गुवाहाटी में एक नई फैसिलिटी का निर्माण किया जा रहा है।

साथियों,

ये जलमार्ग पर्यावरण की रक्षा के लिए भी अच्छे हैं और पैसों की भी बचत करते हैं। एक स्टडी के मुताबिक, सड़क के मुकाबले जलमार्ग से परिवहन की लागत ढाई गुना कम आती है। वहीं रेल के मुकाबले जलमार्ग से परिवहन की लागत एक तिहाई कम होती है। आप कल्पना कर सकते हैं कि वॉटरवे से ईंधन की कितनी बचत होती है, पैसा कितना ज्यादा बचता है। भारत ने जो नई लॉजिस्टिक्स पॉलिसी बनाई है, उसमें भी तेजी से बन रहे ये वॉटरवेज बहुत मदद करने वाले हैं। इसमें भी बहुत महत्वपूर्ण बात ये कि भारत में हजारों किलोमीटर लंबा वॉटरवे नेटवर्क तैयार होने की क्षमता है। भारत में जो सवा सौ से ज्यादा नदियां और नदी धाराएं हैं, वो लोगों और सामान के ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल की जा सकती हैं। ये वॉटर वे, भारत में Port-Led-Development को भी बढ़ाने में मदद करेंगे। कोशिश यही है कि आने वाले वर्षों में वॉटरवेज, रेलवेज और हाईवेज का मल्टी-मॉडल आधुनिक नेटवर्क भारत में बने। हमने बांग्लादेश और अन्य देशों के साथ समझौते भी किए हैं, जिससे नॉर्थ ईस्ट की वॉटर कनेक्टिविटी भी सशक्त हो रही है।

साथियों,

विकसित भारत के निर्माण के लिए सशक्त कनेक्टिविटी आवश्यक है। इसलिए हमारा ये अभियान निरंतर चलता रहेगा। नदी जलशक्ति, देश के ट्रेड और टूरिज्म को नई बुलंदी दे, इसी कामना के साथ सभी क्रूज़ यात्रियों को सुखद यात्रा के लिए अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद !

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भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है: रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी
December 05, 2025

Your Excellency, My Friend, राष्ट्रपति पुतिन,
दोनों देशों के delegates,
मीडिया के साथियों,
नमस्कार!
"दोबरी देन"!

आज भारत और रूस के तेईसवें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक milestones के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी Strategic Partnership की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारी साझेदारी को "Special and Privileged Strategic Partnership” का दर्जा मिला।

पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व और दूरदृष्टि से इन संबंधों को निरंतर सींचा है। हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का, मेरे मित्र का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

Friends,

पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुज़रना पड़ा है। और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है।परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की हर कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की। आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी साझा प्राथमिकता है। इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक Economic Cooperation प्रोग्राम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश diversified, balanced, और sustainable बनेगा, और सहयोग के क्षेत्रों में नए आयाम भी जुड़ेंगे।

आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे India–Russia Business Forum में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ये मंच हमारे business संबंधों को नई ताकत देगा। इससे export, co-production और co-innovation के नए दरवाजे भी खुलेंगे।

दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ FTA के शीघ्र समापन के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि और Fertilisers के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग,food सिक्युरिटी और किसान कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन के प्रयास कर रहे हैं।

Friends,

दोनों देशों के बीच connectivity बढ़ाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है। हम INSTC, Northern Sea Route, चेन्नई - व्लादिवोस्टोक Corridors पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। मुजे खुशी है कि अब हम भारत के seafarersकी polar waters में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

उसी प्रकार से Shipbuilding में हमारा गहरा सहयोग Make in India को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारेwin-win सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे jobs, skills और regional connectivity – सभी को बल मिलेगा।

ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। Civil Nuclear Energy के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, Clean Energy की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस win-win सहयोग को जारी रखेंगे।

Critical Minerals में हमारा सहयोग पूरे विश्व में secure और diversified supply chains सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे clean energy, high-tech manufacturing और new age industries में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।

Friends,

भारत और रूस के संबंधों में हमारे सांस्कृतिक सहयोग और people-to-people ties का विशेष महत्व रहा है। दशकों से दोनों देशों के लोगों में एक-दूसरे के प्रति स्नेह, सम्मान, और आत्मीयताका भाव रहा है। इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए हमने कई नए कदम उठाए हैं।

हाल ही में रूस में भारत के दो नए Consulates खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम होगा, और आपसी नज़दीकियाँ बढ़ेंगी। इस वर्ष अक्टूबर में लाखों श्रद्धालुओं को "काल्मिकिया” में International Buddhist Forum मे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आशीर्वाद मिला।

मुझे खुशी है कि शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए निशुल्क 30 day e-tourist visa और 30-day Group Tourist Visa की शुरुआत करने जा रहे हैं।

Manpower Mobility हमारे लोगों को जोड़ने के साथ-साथ दोनों देशों के लिए नई ताकत और नए अवसर create करेगी। मुझे खुशी है इसे बढ़ावा देने के लिए आज दो समझौतेकिए गए हैं। हम मिलकर vocational education, skilling और training पर भी काम करेंगे। हम दोनों देशों के students, scholars और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान भी बढ़ाएंगे।

Friends,

आज हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है। हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।

आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस City Hall पर किया गया कायरतापूर्ण आघात — इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है।

भारत और रूस के बीच UN, G20, BRICS, SCO तथा अन्य मंचों पर करीबी सहयोग रहा है। करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते हुए, हम इन सभी मंचों पर अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।

Excellency,

मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें global challenges का सामना करने की शक्ति देगी — और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा।

मैं एक बार फिर आपको और आपके पूरे delegation को भारत यात्रा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ।