“भारत का सेमीकंडक्टर क्षेत्र एक क्रांति के कगार पर है, जहां अभूतपूर्व प्रगति उद्योग को बदलने वाली है”
“आज का भारत दुनिया में विश्वास जगाता है… जब हालात कठिन हो तो भारत पर निर्भर किया जा सकता हैं”
“भारत की सेमीकंडक्टर उद्योग विशेष डायोड्स से सुसज्जित है जहां ऊर्जा दोनों दिशाओं में बहती है”
“भारत के पास तीन-आयामी शक्ति है, अर्थात् वर्तमान सुधारक सरकार, देश की बढ़ती निर्माण क्षमता और राष्ट्र का महत्वाकांक्षी बाजार जो तकनीकी प्रवृत्तियों से अवगत है”
“यह छोटी चिप भारत में हर जगह डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए बड़े काम कर रही है”
“हमारा सपना है कि दुनिया के हर डिवाइस में एक भारतीय-निर्मित चिप हो”
“भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है”
“हमारा लक्ष्य है कि 100 प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक निर्माण भारत में ही हो”
“चाहे मोबाइल निर्माण हो, इलेक्ट्रॉनिक्स हो या सेमीकंडक्टर हो, हमारा ध्यान स्पष्ट है—हम ऐसी दुनिया बनाना चाहते हैं जो संकट के समय भी रुकती या ठहरती नहीं बल्कि आगे बढ़ती रहती है”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी अश्विनी वैष्णव, जितिन प्रसाद, ग्लोबल सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री से जुड़े सभी दिग्गज, एजुकेशन, रिसर्च और इनोवेशन वर्ल्ड से जुड़े सभी साथी, अन्य अतिथिगण, देवियों और सज्जनों! आप सबको नमस्कार !

मैं SEMI से जुड़े सभी साथियों का विशेष रूप से अभिनंदन करता हूं। भारत दुनिया का आठवां देश है, जहां global semiconductor industry से जुड़ा ये भव्य आयोजन हो रहा है। और मैं कह सकता हूं कि- This is the right time to be in India. आप सही समय पर, सही जगह पर हैं। Twenty First Century के भारत में – The chips are never down! और सिर्फ इतना ही नहीं है, आज का भारत, दुनिया को भरोसा देता है- When the chips are down, you can bet on India!

Friends,

सेमीकंडक्टर की दुनिया से जुड़े आप लोगों का नाता Diodes से ज़रूर पड़ता है। और आप जानते ही हैं, Diode में, एनर्जी सिर्फ एक डायरेक्शन में ही जाती है। लेकिन भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में स्पेशल डायोड्स लगे हुए हैं। यहां हमारी एनर्जी दोनों Direction में जाती है। आपके मन में आएगा कैसे? और ये भी बहुत Interesting है, आप Invest करते हैं और Value create करते हैं। वहीं सरकार, आपको Stable Policies और Ease of Doing Business देती है। सेमीकंडक्टर की आपकी इंडस्ट्री ‘Integrated Circuits’ से जुड़ी हुई है। भारत भी आपको, एक ‘integrated ecosystem’ देता है। भारत के designers उनके जबरदस्त टैलेंट को तो आप भलीभाँति जानते हैं। Designing की दुनिया में 20 परसेंट टैलेंट का योगदान भारत करता है। और इसका निरंतर विस्तार हो रहा है। हम Eighty Five Thousand Technicians, Engineers और R&D experts की semiconductor workforce तैयार कर रहे हैं। भारत का फोकस अपने students और professionals को semiconductor industry ready बनाने पर है। कल ही अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की पहली बैठक हुई है। इस फाउंडेशन से भारत के रिसर्च इकोसिस्टम को एक नई दिशा भी मिलेगी, नई ऊर्जा भी मिलेगी। इसके अलावा भारत ने वन ट्रिलियन रुपये का एक स्पेशल रिसर्च फंड भी बनाया है।

Friends,

ऐसे Initiatives से सेमीकंडक्टर और साइंस सेक्टर में इनोवेशन्स का दायरा बहुत ज्यादा बढ़ने वाला है। हम सेमीकंडक्टर से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी बहुत फोकस कर रहे हैं। इसके अलावा आपके पास एक Three Dimensional Power भी है। पहली- भारत की आज की हमारी reformist government, दूसरा- भारत में growing manufacturing base और तीसरा- भारत का Aspirational Market. एक ऐसा मार्केट जो टेक्नॉलॉजी का Taste जानता है। आप लिए भी Three-D Power सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री का ऐसा बेस है, जो आपको कहीं और मिलना मुश्किल है।

साथियों,

भारत की aspirational और tech oriented society बहुत ही यूनीक है। भारत के लिए chip का मतलब सिर्फ एक टेक्नॉलॉजी भर नहीं है। हमारे लिए, ये करोड़ों aspirations को पूरा करने का माध्यम है। आज भारत चिप का एक बहुत बड़ा कंज्यूमर है। इसी चिप पर हमने दुनिया का सबसे बेहतरीन digital public infrastructure build किया है। भारत में लास्ट माइल डिलीवरी सुनिश्चित करने में आज ये छोटी सी चिप बड़े - बड़े काम आ रही है। कोरोना जैसे महासंकट में जब दुनिया के मजबूत से मजबूत बैंकिंग सिस्टम भी चरमरा गए, तब भारत में बैंक बिना रुके चल रहे थे। भारत का UPI हो, रूपे कार्ड हो, डिजी लॉकर से लेकर डिजि यात्रा तक अलग-अलग तरह के डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, भारत के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं। आज भारत आत्मनिर्भर होने के लिए हर सेक्टर में मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ा रहा है। आज भारत बड़े पैमाने पर ग्रीन ट्रांजिशन कर रहा है। आज भारत में data centres की डिमांड लगातार बढ़ रही है। यानि Global semiconductor industry को drive करने में भारत बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है।

साथियों,

एक पुरानी प्रचलित कहावत रही है-‘Let the chips fall where they may’. यानि जो चल रहा है, उसे वैसे ही चलने दिया जाए। आज का Young और Aspirational भारत इस भावना पर नहीं चलता। आज भारत का मंत्र है- ‘Increasing the number of chips produced in India’. और इसलिए हमने सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को आगे बढ़ाने के लिए बहुत सारे कदम उठाए हैं। भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी लगाने के लिए 50 परसेंट सपोर्ट भारत सरकार दे रही है। इसमें राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर और मदद कर रही हैं। भारत की इन नीतियों के कारण ही बहुत कम समय में 1.5 ट्रिलियन रुपए से ज्यादा के Investments इस क्षेत्र में भारत में हो चुके हैं। और आज कई प्रोजेक्ट्स पाइपलाइन में हैं। Semicon India Program भी एक अद्भुत योजना है। इसके तहत, Front end fabs, Display fabs, semiconductor packaging, Compound semiconductors, Sensors और display manufacturing के लिए financial support दिया जा रहा है। यानि भारत में 360 डिग्री अप्रोच के साथ काम हो रहा है। हमारी सरकार भारत में पूरे semiconductor supply chain ecosystem को आगे बढ़ा रही है। मैंने इस साल लाल किले से कहा है- हमारा सपना है कि दुनिया की हर डिवाइस में इंडियन मेड चिप हो। सेमीकंडक्टर पावर हाउस बनने के लिए जो भी जरूरी होगा, भारत वो सब करने वाला है।

साथियों,

Critical Minerals के Domestic Production और इसके Overseas Acquisition के लिए हमने कुछ समय पहले Critical Mineral Mission की घोषणा की है। Critical Minerals को Customs Duty से छूट देना हो, Critical minerals blocks की Mining के Auctions हों, इन सब पर तेजी से काम हो रहा है। और सिर्फ इतना ही नहीं है, हम Indian Institute of Space Sciences में एक सेमीकंडक्टर रिसर्च सेंटर बनाने के लिए भी काम कर रहे हैं। हम IIT’s के साथ पार्टनरशिप कर रहे हैं, ताकि हमारे engineers ना सिर्फ अभी के लिए high tech chips बनाएं बल्कि next gen chips पर भी रीसर्च करें। हम International Collaborations को भी आगे बढ़ा रहे हैं। आप लोगों ने Oil Diplomacy का नाम सुना है, आज का युग Silicon Diplomacy का युग है। इसी साल भारत Indo-Pacific Economic Framework की Supply Chain Council का Vice Chair चुना गया है। हम QUAD Semiconductor Supply Chain Initiative के भी बड़े पार्टनर हैं और हाल ही में हमने जापान और सिंगापुर समेत कई देशों के साथ एग्रीमेंट भी साइन किए हैं। इस सेक्टर में अमेरिका के साथ भी भारत अपना सहयोग लगातार बढ़ा रहा है।

साथियों,

आप सभी भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को भी जानते हैं। कुछ लोग सवाल भी उठाते हैं कि भारत इस पर फोकस क्यों कर रहा है। ऐसे लोगों को हमारे डिजिटल इंडिया मिशन को ज़रूर स्टडी करना चाहिए। डिजिटल इंडिया मिशन का लक्ष्य, देश को एक transparent, effective और leakage free governance देना था। और आज हम इसके multiplier effect को अनुभव कर रहे हैं। डिजिटल इंडिया की सफलता के लिए हमें affordable mobile handsets और data की ज़रूरत थी। इसके लिए हमने ज़रूरी रिफॉर्म्स और ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया। एक दशक पहले, हम मोबाइल फोन के बड़े importers में से एक थे। आज हम दुनिया के नंबर-2 producer और exporter हैं। अभी एक ताज़ा रिपोर्ट आई है। आज भारत, 5G handsets का दूसरा सबसे बड़ा मार्केट बन चुका है। 2 साल पहले ही हमने 5G rollout शुरु किया था। आज देखिए, हम कहां से कहां पहुंच चुके हैं। आज भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर 150 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा का हो चुका है। और अब तो हमारा लक्ष्य और बड़ा है। इस दशक के अंत तक हम अपने इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना चाहते हैं। इससे भारत के युवाओं के लिए करीब 6 मिलियन यानि 60 लाख jobs क्रिएट होंगी। भारत के सेमीकंडक्टर सेक्टर को भी इसका बहुत अधिक फायदा होगा। हमारा लक्ष्य है कि Electronic Manufacturing का 100 परसेंट काम भारत में ही हो। यानि भारत, Semiconductor Chips भी बनाएगा और उनके Finished Goods भी बनाएगा।

साथियों,

भारत का सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम, सिर्फ भारत की ही नहीं बल्कि ग्लोबल challenges को भी solution देता है। आप लोगों ने भी Designing से जुड़ा एक metaphor जरूर सुना होगा। ये metaphor है- ‘single point of failure’. डिजाइनिंग के स्टूडेंट्स को बताया जाता है कि इस flaw को avoid करना ज़रूरी है। मकसद यही होता है कि सिस्टम किसी एक ही component पर निर्भर न रहे। ये सबक सिर्फ designing तक ही सीमित नहीं है। ये हमारी life में, विशेष रूप से supply chain के context में भी उतना ही लागू होता है। कोविड हो, युद्ध हो, बीते समय में ऐसी कोई इंडस्ट्री नहीं, जिसको supply chain disruptions से नुकसान न हुआ हो। इसलिए Supply Chain का Resilience बहुत ही जरूरी है। और इसलिए मुझे खुशी है कि भारत अलग-अलग sectors में resilience पैदा करने के लिए मिशन का एक अहम हिस्सा है। और हमें एक औऱ बात याद रखनी है। टेक्नोलॉजी के साथ जब डेमोक्रेटिक वैल्यूज जुड़ जाती हैं तो टेक्नोलॉजी की पॉजिटिव एनर्जी ताकत बढ़ जाती है। वहीं अगर टेक्नोलॉजी से डेमोक्रेटिक वैल्यूज हट जाती हैं, तो वही टेक्नोलॉजी घातक बनते देर नहीं लगती। इसलिए, चाहे mobile manufacturing हो, electronics manufacturing हो या semiconductors हों, हमारा फोकस एकदम क्लियर है। हम एक ऐसी दुनिया बनाना चाहते हैं, जो संकट के समय भी रुके नहीं, ठहरे नहीं- निरंतर चलती रहे। आप भी भारत के इन प्रयासों को मज़बूत करेंगे, इसी विश्वास के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। बहुत-बहुत धन्यवाद !

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December 18, 2025

नमस्ते!
अहलन व सहलन !!!

ये युवा जोश आपकी एनर्जी यहां का पूरा atmosphere चार्ज हो गया है। मैं उन सब भाई बहनों को भी नमस्कार करता हूँ, जो जगह की कमी के कारण, इस हॉल में नहीं हैं, और पास के हॉल में स्क्रीन पर यह प्रोग्राम लाइव देख रहें हैं। अब आप कल्पना कर सकते हैं, कि यहाँ तक आएं और अंदर तक नहीं आ पाएं तोह उनके दिल में क्या होता होगा।

साथियों,

मैं मेरे सामने एक मिनी इंडिया देख रहा हूं, मुझे लगता है यहां बहुत सारे मलयाली भी हैं।

सुखम आणो ?

औऱ सिर्फ मलयालम नहीं, यहां तमिल, तेलुगू, कन्नड़ा और गुजराती बोलने वाले बहुत सारे लोग भी हैं।

नलमा?
बागुन्नारा?
चेन्ना-गिद्दिरा?
केम छो?

साथियों,

आज हम एक फैमिली की तरह इकट्ठा हुए हैं। आज हम अपने देश को, अपनी टीम इंडिया को सेलिब्रेट कर रहे हैं।

साथियों,

भारत में हमारी diversity, हमारी संस्कृति का मजबूत आधार है। हमारे लिए हर दिन एक नया रंग लेकर आता है। हर मौसम एक नया उत्सव बन जाता है। हर परंपरा एक नई सोच के साथ आती है।

और यही कारण है कि हम भारतीय कहीं भी जाएं, कहीं भी रहें, हम diversity का सम्मान करते हैं। हम वहां के कल्चर, वहां के नियम-कायदों के साथ घुलमिल जाते हैं। ओमान में भी मैं आज यही होते हुए अपनी आंखों के सामने देख रहा हूं।

यह भारत का डायस्पोरा co-existence का, co-operation का, एक लिविंग Example बना हुआ है।

साथियों,

भारत की इसी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक और अद्भुत सम्मान हाल ही में मिला है। आपको शायद पता होगा, यूनेस्को ने दिवाली को Intangible Cultural Heritage of Humanity में शामिल किया है।

अब दिवाली का दिया हमारे घर को ही नहीं, पूरी दुनिया को रोशन करेगा। यह दुनिया भर में बसे प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का विषय है। दिवाली की यह वैश्विक पहचान हमारी उस रोशनी की मान्यता है, जो आशा, सद्भाव, और मानवता के संदेश को, उस प्रकाश को फैलाती है।

साथियों,

आज हम सब यहां भारत-ओमान "मैत्री पर्व” भी मना रहे हैं।

मैत्री यानि:
M से maritime heritage
A से Aspirations
I से Innovation
T से Trust and technology
R से Respect
I से Inclusive growth

यानि ये "मैत्री पर्व,” हम दोनों देशों की दोस्ती, हमारी शेयर्ड हिस्ट्री, और prosperous future का उत्सव हैं। भारत और ओमान के बीच शताब्दियों से एक आत्मीय और जीवंत नाता रहा है।

Indian Ocean की Monsoon Winds ने दोनों देशों के बीच ट्रेड को दिशा दी है। हमारे पूर्वज लोथल, मांडवी, और तामरालिप्ति जैसे पोर्ट्स से लकड़ी की नाव लेकर मस्कट, सूर, और सलालाह तक आते थे।

और साथियों,

मुझे खुशी है कि मांडवी टू मस्कट के इन ऐतिहासिक संबंधों को हमारी एंबेसी ने एक किताब में भी समेटा है। मैं चाहूंगा कि यहां रहने वाला हर साथी, हर नौजवान इसको पढ़े, और अपने ओमानी दोस्तों को भी ये गिफ्ट करे।

अब आपको लगेगा की स्कूल में भी मास्टरजी होमवर्क देते हैं, और इधर मोदीजी ने भी होमवर्क दे दिया।

साथियों,

ये किताब बताती है कि भारत और ओमान सिर्फ Geography से नहीं, बल्कि Generations से जुड़े हुए हैं। और आप सभी सैकड़ों वर्षों के इन संबंधों के सबसे बड़े Custodians हैं।

साथियों,

मुझे भारत को जानिए क्विज़ में ओमान के participation बारे में भी पता चला है। ओमान से Ten thousand से अधिक लोगों ने इस क्विज में participate किया। ओमान, ग्लोबली फोर्थ पोज़िशन पर रहा है।

लेकिन में तालियां नहीं बजाऊंगा। ओमान तो नंबर एक पे होना चाहिए। मैं चाहूँगा कि ओमान की भागीदारी और अधिक बढ़े, ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग जुड़ें। भारतीय बच्चे तो इसमें भाग ज़रूर लें। आप ओमान के अपने दोस्तों को भी इस क्विज़ का हिस्सा बनने के लिए मोटिवेट करें।

साथियों,

भारत और ओमान के बीच जो रिश्ता ट्रेड से शुरू हुआ था, आज उसको education सशक्त कर रही है। मुझे बताया गया है कि यहां के भारतीय स्कूलों में करीब फोर्टी सिक्स थाउज़ेंड स्टूड़ेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें ओमान में रहने वाले अन्य समुदायों के भी हज़ारों बच्चे शामिल हैं।

ओमान में भारतीय शिक्षा के पचास वर्ष पूरे हो रहे हैं। ये हम दोनों देशों के संबंधों का एक बहुत बड़ा पड़ाव है।

साथियों,

भारतीय स्कूलों की ये सफलता His Majesty the Late सुल्तान क़ाबूस के प्रयासों के बिना संभव नहीं थी। उन्होंने Indian School मस्कत सहित अनेक भारतीय स्कूलों के लिए ज़मीन दी हर ज़रूरी मदद की।

इस परंपरा को His Majesty सुल्तान हैथम ने आगे बढ़ाया।

वे जिस प्रकार यहां भारतीयों का सहयोग करते हैं, संरक्षण देते हैं, इसके लिए मैं उनका विशेष तौर पर आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

आप सभी परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम से भी परिचित हैं। यहां ओमान से काफी सारे बच्चे भी इस प्रोग्राम से जुड़ते हैं। मुझे यकीन है, कि यह चर्चा आपके काम आती होगी, पैरेंट्स हों या स्टूडेंट्स, सभी को stress-free तरीके से exam देने में हमारी बातचीत बहुत मदद करती है।

साथियों,

ओमान में रहने वाले भारतीय अक्सर भारत आते-जाते रहते हैं। आप भारत की हर घटना से अपडेट रहते हैं। आप सभी देख रहे हैं कि आज हमारा भारत कैसे प्रगति की नई गति से आगे बढ़ रहा है। भारत की गति हमारे इरादों में दिख रही है, हमारी परफॉर्मेंस में नज़र आती है।

कुछ दिन पहले ही इकॉनॉमिक ग्रोथ के आंकड़े आए हैं, और आपको पता होगा, भारत की ग्रोथ 8 परसेंट से अधिक रही है। यानि भारत, लगातार दुनिया की Fastest growing major economy बना हुआ है। ये तब हुआ है, जब पूरी दुनिया चुनौतियों से घिरी हुई है। दुनिया की बड़ी-बड़ी economies, कुछ ही परसेंट ग्रोथ अचीव करने के लिए तरस गई हैं। लेकिन भारत लगातार हाई ग्रोथ के पथ पर चल रहा है। ये दिखाता है कि भारत का सामर्थ्य आज क्या है।

साथियों,

भारत आज हर सेक्टर में हर मोर्चे पर अभूतपूर्व गति के साथ काम कर रहा है। मैं आज आपको बीते 11 साल के आंकड़े देता हूं। आपको भी सुनकर गर्व होगा।

यहां क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में, स्टूडेंट्स और पेरेंट्स आए हैं, तो शुरुआत मैं शिक्षा और कौशल के सेक्टर से ही बात करुंगा। बीते 11 साल में भारत में हज़ारों नए कॉलेज बनाए गए हैं।

I.I.T’s की संख्या सोलह से बढ़कर तेईस हो चुकी है। 11 वर्ष पहले भारत में 13 IIM थे, आज 21 हैं। इसी तरह AIIMs की बात करुं तो 2014 से पहले सिर्फ 7 एम्स ही बने थे। आज भारत में 22 एम्स हैं।

मेडिकल कॉलेज 400 से भी कम थे, आज भारत में करीब 800 मेडिकल कॉलेज हैं।

साथियों,

आज हम विकसित भारत के लिए अपने एजुकेशन और स्किल इकोसिस्टम को तैयार कर रहे हैं। न्यू एजुकेशन पॉलिसी इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है। इस पॉलिसी के मॉडल के रूप में चौदह हज़ार से अधिक पीएम श्री स्कूल भी खोले जा रहे हैं।

साथियों,

जब स्कूल बढ़ते हैं, कॉलेज बढ़ते हैं, यूनिवर्सिटीज़ बढ़ती हैं तो सिर्फ़ इमारतें नहीं बनतीं देश का भविष्य मज़बूत होता है।

साथियों,

भारत के विकास की स्पीड और स्केल शिक्षा के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी दिखती है। बीते 11 वर्षों में हमारी Solar Energy Installed Capacity 30 गुना बढ़ी है, Solar module manufacturing 10 गुना बढ़ी है, यानि भारत आज ग्रीन ग्रोथ की तरफ तेजी से कदम आगे बढ़ा रहा है।

आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा फिनटेक इकोसिस्टम है। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा Steel Producer है। दूसरा सबसे बड़ा Mobile Manufacturer है।

साथियों,

आज जो भी भारत आता है तो हमारे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर को देखकर हैरान रह जाता है। ये इसलिए संभव हो पा रहा है क्योंकि बीते 11 वर्षों में हमने इंफ्रास्ट्रक्चर पर पांच गुना अधिक निवेश किया है।

Airports की संख्या double हो गई है। आज हर रोज, पहले की तुलना में डबल स्पीड से हाइवे बन रहे हैं, तेज़ गति से रेल लाइन बिछ रही हैं, रेलवे का इलेक्ट्रिफिकेशन हो रहा है।

साथियों,

ये आंकड़े सिर्फ उपलब्धियों के ही नहीं हैं। ये विकसित भारत के संकल्प तक पहुंचने वाली सीढ़ियां हैं। 21वीं सदी का भारत बड़े फैसले लेता है। तेज़ी से निर्णय लेता है, बड़े लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ता है, और एक तय टाइमलाइन पर रिजल्ट लाकर ही दम लेता है।

साथियों,

मैं आपको गर्व की एक और बात बताता हूं। आज भारत, दुनिया का सबसे बड़ा digital public infrastructure बना रहा है।

भारत का UPI यानि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस, दुनिया का सबसे बड़ा रियल टाइम डिजिटल पेमेंट सिस्टम है। आपको ये बताने के लिए कि इस पेमेंट सिस्टम का स्केल क्या है, मैं एक छोटा सा Example देता हूं।

मुझे यहाँ आ कर के करीब 30 मिनट्स हुए हैं। इन 30 मिनट में भारत में यूपीआई से फोर्टीन मिलियन रियल टाइम डिजिटल पेमेंट्स हुए हैं। इन ट्रांजैक्शन्स की टोटल वैल्यू, ट्वेंटी बिलियन रुपीज़ से ज्यादा है। भारत में बड़े से बड़े शोरूम से लेकर एक छोटे से वेंडर तक सब इस पेमेंट सिस्टम से जुड़े हुए हैं।

साथियों,

यहां इतने सारे स्टूडेंट्स हैं। मैं आपको एक और दिलचस्प उदाहरण दूंगा। भारत ने डिजीलॉकर की आधुनिक व्यवस्था बनाई है। भारत में बोर्ड के एग्ज़ाम होते हैं, तो मार्कशीट सीधे बच्चों के डिजीलॉकर अकाउंट में आती है। जन्म से लेकर बुढ़ापे तक, जो भी डॉक्युमेंट सरकार जेनरेट करती है, वो डिजीलॉकर में रखा जा सकता है। ऐसे बहुत सारे डिजिटल सिस्टम आज भारत में ease of living सुनिश्चित कर रहे हैं।

साथियों,

भारत के चंद्रयान का कमाल भी आप सभी ने देखा है। भारत दुनिया का पहला ऐसा देश है, जो मून के साउथ पोल तक पहुंचा है, सिर्फ इतना ही नहीं, हमने एक बार में 104 सैटेलाइट्स को एक साथ लॉन्च करने का कीर्तिमान भी बनाया है।

अब भारत अपने गगनयान से पहला ह्युमेन स्पेस मिशन भी भेजने जा रहा है। और वो समय भी दूर नहीं जब अंतरिक्ष में भारत का अपना खुद का स्पेस स्टेशन भी होगा।

साथियों,

भारत का स्पेस प्रोग्राम सिर्फ अपने तक सीमित नहीं है, हम ओमान की स्पेस एस्पिरेशन्स को भी सपोर्ट कर रहे हैं। 6-7 साल पहले हमने space cooperation को लेकर एक समझौता किया था। मुझे बताते हुए खुशी है कि, ISRO ने India–Oman Space Portal विकसित किया है। अब हमारा प्रयास है कि ओमान के युवाओं को भी इस स्पेस पार्टनरशिप का लाभ मिले।

मैं यहां बैठे स्टूडेंट्स को एक और जानकारी दूंगा। इसरो, "YUVIKA” नाम से एक स्पेशल प्रोग्राम चलाता है। इसमें भारत के हज़ारों स्टूडेंट्स space science से जुड़े हैं। अब हमारा प्रयास है कि इस प्रोग्राम में ओमानी स्टूडेंट्स को भी मौका मिले।

मैं चाहूंगा कि ओमान के कुछ स्टूडेंट्स, बैंगलुरु में ISRO के सेंटर में आएं, वहां कुछ समय गुज़ारें। ये ओमान के युवाओं की स्पेस एस्पिरेशन्स को नई बुलंदी देने की बेहतरीन शुरुआत हो सकती है।

साथियों,

आज भारत, अपनी समस्याओं के सोल्यूशन्स तो खोज ही रहा है ये सॉल्यूशन्स दुनिया के करोड़ों लोगों का जीवन कैसे बेहतर बना सकते हैं इस पर भी काम कर रहा है।

software development से लेकर payroll management तक, data analysis से लेकर customer support तक अनेक global brands भारत के टैलेंट की ताकत से आगे बढ़ रहे हैं।

दशकों से भारत IT और IT-enabled services का global powerhouse रहा है। अब हम manufacturing को IT की ताक़त के साथ जोड़ रहे हैं। और इसके पीछे की सोच वसुधैव कुटुंबकम से ही प्रेरित है। यानि Make in India, Make for the World.

साथियों,

वैक्सीन्स हों या जेनरिक medicines, दुनिया हमें फार्मेसी of the World कहती है। यानि भारत के affordable और क्वालिटी हेल्थकेयर सोल्यूशन्स दुनिया के करोड़ों लोगों का जीवन बचा रहे हैं।

कोविड के दौरान भारत ने करीब 30 करोड़ vaccines दुनिया को भेजी थीं। मुझे संतोष है कि करीब, one hundred thousand मेड इन इंडिया कोविड वैक्सीन्स ओमान के लोगों के काम आ सकीं।

और साथियों,

याद कीजिए, ये काम भारत ने तब किया, जब हर कोई अपने बारे में सोच रहा था। तब हम दुनिया की चिंता करते थे। भारत ने अपने 140 करोड़ नागरिकों को भी रिकॉर्ड टाइम में वैक्सीन्स लगाईं, और दुनिया की ज़रूरतें भी पूरी कीं।

ये भारत का मॉडल है, ऐसा मॉडल, जो twenty first century की दुनिया को नई उम्मीद देता है। इसलिए आज जब भारत मेड इन इंडिया Chips बना रहा है, AI, क्वांटम कंप्यूटिंग और ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर मिशन मोड पर काम कर रहा है, तब दुनिया के अन्य देशों में भी उम्मीद जगती है, कि भारत की सफलता से उन्हें भी सहयोग मिलेगा।

साथियों,

आप यहां ओमान में पढ़ाई कर रहे हैं, यहां काम कर रहे हैं। आने वाले समय में आप ओमान के विकास में, भारत के विकास में बहुत बड़ी भूमिका निभाएंगे। आप दुनिया को लीडरशिप देने वाली पीढ़ी हैं।

ओमान में रहने वाले भारतीयों को असुविधा न हो, इसके लिए यहां की सरकार हर संभव सहयोग दे रही है।

भारत सरकार भी आपकी सुविधा का पूरा ध्यान रख रही है। पूरे ओमान में 11 काउंसलर सर्विस सेंटर्स खोले हैं।

साथियों,

बीते दशक में जितने भी वैश्विक संकट आए हैं, उनमें हमारी सरकार ने तेज़ी से भारतीयों की मदद की है। दुनिया में जहां भी भारतीय रहते हैं, हमारी सरकार कदम-कदम पर उनके साथ है। इसके लिए Indian Community Welfare Fund, मदद पोर्टल, और प्रवासी भारतीय बीमा योजना जैसे प्रयास किए गए हैं।

साथियों,

भारत के लिए ये पूरा क्षेत्र बहुत ही स्पेशल है, और ओमान हमारे लिए और भी विशेष है। मुझे खुशी है कि भारत-ओमान का रिश्ता अब skill development, digital learning, student exchange और entrepreneurship तक पहुंच रहा है।

मुझे विश्वास है आपके बीच से ऐसे young innovators निकलेंगे जो आने वाले वर्षों में India–Oman relationship को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। अभी यहां भारतीय स्कूलों ने अपने 50 साल celebrate किए हैं। अब हमें अगले 50 साल के लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ना है। इसलिए मैं हर youth से कहना चाहूंगा :

Dream big.
Learn deeply.
Innovate boldly.

क्योंकि आपका future सिर्फ आपका नहीं है, बल्कि पूरी मानवता का भविष्य है।

आप सभी को एक बार फिर उज्जवल भविष्य की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद!
Thank you!