“भारत का सेमीकंडक्टर क्षेत्र एक क्रांति के कगार पर है, जहां अभूतपूर्व प्रगति उद्योग को बदलने वाली है”
“आज का भारत दुनिया में विश्वास जगाता है… जब हालात कठिन हो तो भारत पर निर्भर किया जा सकता हैं”
“भारत की सेमीकंडक्टर उद्योग विशेष डायोड्स से सुसज्जित है जहां ऊर्जा दोनों दिशाओं में बहती है”
“भारत के पास तीन-आयामी शक्ति है, अर्थात् वर्तमान सुधारक सरकार, देश की बढ़ती निर्माण क्षमता और राष्ट्र का महत्वाकांक्षी बाजार जो तकनीकी प्रवृत्तियों से अवगत है”
“यह छोटी चिप भारत में हर जगह डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए बड़े काम कर रही है”
“हमारा सपना है कि दुनिया के हर डिवाइस में एक भारतीय-निर्मित चिप हो”
“भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है”
“हमारा लक्ष्य है कि 100 प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक निर्माण भारत में ही हो”
“चाहे मोबाइल निर्माण हो, इलेक्ट्रॉनिक्स हो या सेमीकंडक्टर हो, हमारा ध्यान स्पष्ट है—हम ऐसी दुनिया बनाना चाहते हैं जो संकट के समय भी रुकती या ठहरती नहीं बल्कि आगे बढ़ती रहती है”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी अश्विनी वैष्णव, जितिन प्रसाद, ग्लोबल सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री से जुड़े सभी दिग्गज, एजुकेशन, रिसर्च और इनोवेशन वर्ल्ड से जुड़े सभी साथी, अन्य अतिथिगण, देवियों और सज्जनों! आप सबको नमस्कार !

मैं SEMI से जुड़े सभी साथियों का विशेष रूप से अभिनंदन करता हूं। भारत दुनिया का आठवां देश है, जहां global semiconductor industry से जुड़ा ये भव्य आयोजन हो रहा है। और मैं कह सकता हूं कि- This is the right time to be in India. आप सही समय पर, सही जगह पर हैं। Twenty First Century के भारत में – The chips are never down! और सिर्फ इतना ही नहीं है, आज का भारत, दुनिया को भरोसा देता है- When the chips are down, you can bet on India!

Friends,

सेमीकंडक्टर की दुनिया से जुड़े आप लोगों का नाता Diodes से ज़रूर पड़ता है। और आप जानते ही हैं, Diode में, एनर्जी सिर्फ एक डायरेक्शन में ही जाती है। लेकिन भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में स्पेशल डायोड्स लगे हुए हैं। यहां हमारी एनर्जी दोनों Direction में जाती है। आपके मन में आएगा कैसे? और ये भी बहुत Interesting है, आप Invest करते हैं और Value create करते हैं। वहीं सरकार, आपको Stable Policies और Ease of Doing Business देती है। सेमीकंडक्टर की आपकी इंडस्ट्री ‘Integrated Circuits’ से जुड़ी हुई है। भारत भी आपको, एक ‘integrated ecosystem’ देता है। भारत के designers उनके जबरदस्त टैलेंट को तो आप भलीभाँति जानते हैं। Designing की दुनिया में 20 परसेंट टैलेंट का योगदान भारत करता है। और इसका निरंतर विस्तार हो रहा है। हम Eighty Five Thousand Technicians, Engineers और R&D experts की semiconductor workforce तैयार कर रहे हैं। भारत का फोकस अपने students और professionals को semiconductor industry ready बनाने पर है। कल ही अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की पहली बैठक हुई है। इस फाउंडेशन से भारत के रिसर्च इकोसिस्टम को एक नई दिशा भी मिलेगी, नई ऊर्जा भी मिलेगी। इसके अलावा भारत ने वन ट्रिलियन रुपये का एक स्पेशल रिसर्च फंड भी बनाया है।

Friends,

ऐसे Initiatives से सेमीकंडक्टर और साइंस सेक्टर में इनोवेशन्स का दायरा बहुत ज्यादा बढ़ने वाला है। हम सेमीकंडक्टर से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी बहुत फोकस कर रहे हैं। इसके अलावा आपके पास एक Three Dimensional Power भी है। पहली- भारत की आज की हमारी reformist government, दूसरा- भारत में growing manufacturing base और तीसरा- भारत का Aspirational Market. एक ऐसा मार्केट जो टेक्नॉलॉजी का Taste जानता है। आप लिए भी Three-D Power सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री का ऐसा बेस है, जो आपको कहीं और मिलना मुश्किल है।

साथियों,

भारत की aspirational और tech oriented society बहुत ही यूनीक है। भारत के लिए chip का मतलब सिर्फ एक टेक्नॉलॉजी भर नहीं है। हमारे लिए, ये करोड़ों aspirations को पूरा करने का माध्यम है। आज भारत चिप का एक बहुत बड़ा कंज्यूमर है। इसी चिप पर हमने दुनिया का सबसे बेहतरीन digital public infrastructure build किया है। भारत में लास्ट माइल डिलीवरी सुनिश्चित करने में आज ये छोटी सी चिप बड़े - बड़े काम आ रही है। कोरोना जैसे महासंकट में जब दुनिया के मजबूत से मजबूत बैंकिंग सिस्टम भी चरमरा गए, तब भारत में बैंक बिना रुके चल रहे थे। भारत का UPI हो, रूपे कार्ड हो, डिजी लॉकर से लेकर डिजि यात्रा तक अलग-अलग तरह के डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, भारत के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं। आज भारत आत्मनिर्भर होने के लिए हर सेक्टर में मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ा रहा है। आज भारत बड़े पैमाने पर ग्रीन ट्रांजिशन कर रहा है। आज भारत में data centres की डिमांड लगातार बढ़ रही है। यानि Global semiconductor industry को drive करने में भारत बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है।

साथियों,

एक पुरानी प्रचलित कहावत रही है-‘Let the chips fall where they may’. यानि जो चल रहा है, उसे वैसे ही चलने दिया जाए। आज का Young और Aspirational भारत इस भावना पर नहीं चलता। आज भारत का मंत्र है- ‘Increasing the number of chips produced in India’. और इसलिए हमने सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को आगे बढ़ाने के लिए बहुत सारे कदम उठाए हैं। भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी लगाने के लिए 50 परसेंट सपोर्ट भारत सरकार दे रही है। इसमें राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर और मदद कर रही हैं। भारत की इन नीतियों के कारण ही बहुत कम समय में 1.5 ट्रिलियन रुपए से ज्यादा के Investments इस क्षेत्र में भारत में हो चुके हैं। और आज कई प्रोजेक्ट्स पाइपलाइन में हैं। Semicon India Program भी एक अद्भुत योजना है। इसके तहत, Front end fabs, Display fabs, semiconductor packaging, Compound semiconductors, Sensors और display manufacturing के लिए financial support दिया जा रहा है। यानि भारत में 360 डिग्री अप्रोच के साथ काम हो रहा है। हमारी सरकार भारत में पूरे semiconductor supply chain ecosystem को आगे बढ़ा रही है। मैंने इस साल लाल किले से कहा है- हमारा सपना है कि दुनिया की हर डिवाइस में इंडियन मेड चिप हो। सेमीकंडक्टर पावर हाउस बनने के लिए जो भी जरूरी होगा, भारत वो सब करने वाला है।

साथियों,

Critical Minerals के Domestic Production और इसके Overseas Acquisition के लिए हमने कुछ समय पहले Critical Mineral Mission की घोषणा की है। Critical Minerals को Customs Duty से छूट देना हो, Critical minerals blocks की Mining के Auctions हों, इन सब पर तेजी से काम हो रहा है। और सिर्फ इतना ही नहीं है, हम Indian Institute of Space Sciences में एक सेमीकंडक्टर रिसर्च सेंटर बनाने के लिए भी काम कर रहे हैं। हम IIT’s के साथ पार्टनरशिप कर रहे हैं, ताकि हमारे engineers ना सिर्फ अभी के लिए high tech chips बनाएं बल्कि next gen chips पर भी रीसर्च करें। हम International Collaborations को भी आगे बढ़ा रहे हैं। आप लोगों ने Oil Diplomacy का नाम सुना है, आज का युग Silicon Diplomacy का युग है। इसी साल भारत Indo-Pacific Economic Framework की Supply Chain Council का Vice Chair चुना गया है। हम QUAD Semiconductor Supply Chain Initiative के भी बड़े पार्टनर हैं और हाल ही में हमने जापान और सिंगापुर समेत कई देशों के साथ एग्रीमेंट भी साइन किए हैं। इस सेक्टर में अमेरिका के साथ भी भारत अपना सहयोग लगातार बढ़ा रहा है।

साथियों,

आप सभी भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को भी जानते हैं। कुछ लोग सवाल भी उठाते हैं कि भारत इस पर फोकस क्यों कर रहा है। ऐसे लोगों को हमारे डिजिटल इंडिया मिशन को ज़रूर स्टडी करना चाहिए। डिजिटल इंडिया मिशन का लक्ष्य, देश को एक transparent, effective और leakage free governance देना था। और आज हम इसके multiplier effect को अनुभव कर रहे हैं। डिजिटल इंडिया की सफलता के लिए हमें affordable mobile handsets और data की ज़रूरत थी। इसके लिए हमने ज़रूरी रिफॉर्म्स और ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया। एक दशक पहले, हम मोबाइल फोन के बड़े importers में से एक थे। आज हम दुनिया के नंबर-2 producer और exporter हैं। अभी एक ताज़ा रिपोर्ट आई है। आज भारत, 5G handsets का दूसरा सबसे बड़ा मार्केट बन चुका है। 2 साल पहले ही हमने 5G rollout शुरु किया था। आज देखिए, हम कहां से कहां पहुंच चुके हैं। आज भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर 150 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा का हो चुका है। और अब तो हमारा लक्ष्य और बड़ा है। इस दशक के अंत तक हम अपने इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना चाहते हैं। इससे भारत के युवाओं के लिए करीब 6 मिलियन यानि 60 लाख jobs क्रिएट होंगी। भारत के सेमीकंडक्टर सेक्टर को भी इसका बहुत अधिक फायदा होगा। हमारा लक्ष्य है कि Electronic Manufacturing का 100 परसेंट काम भारत में ही हो। यानि भारत, Semiconductor Chips भी बनाएगा और उनके Finished Goods भी बनाएगा।

साथियों,

भारत का सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम, सिर्फ भारत की ही नहीं बल्कि ग्लोबल challenges को भी solution देता है। आप लोगों ने भी Designing से जुड़ा एक metaphor जरूर सुना होगा। ये metaphor है- ‘single point of failure’. डिजाइनिंग के स्टूडेंट्स को बताया जाता है कि इस flaw को avoid करना ज़रूरी है। मकसद यही होता है कि सिस्टम किसी एक ही component पर निर्भर न रहे। ये सबक सिर्फ designing तक ही सीमित नहीं है। ये हमारी life में, विशेष रूप से supply chain के context में भी उतना ही लागू होता है। कोविड हो, युद्ध हो, बीते समय में ऐसी कोई इंडस्ट्री नहीं, जिसको supply chain disruptions से नुकसान न हुआ हो। इसलिए Supply Chain का Resilience बहुत ही जरूरी है। और इसलिए मुझे खुशी है कि भारत अलग-अलग sectors में resilience पैदा करने के लिए मिशन का एक अहम हिस्सा है। और हमें एक औऱ बात याद रखनी है। टेक्नोलॉजी के साथ जब डेमोक्रेटिक वैल्यूज जुड़ जाती हैं तो टेक्नोलॉजी की पॉजिटिव एनर्जी ताकत बढ़ जाती है। वहीं अगर टेक्नोलॉजी से डेमोक्रेटिक वैल्यूज हट जाती हैं, तो वही टेक्नोलॉजी घातक बनते देर नहीं लगती। इसलिए, चाहे mobile manufacturing हो, electronics manufacturing हो या semiconductors हों, हमारा फोकस एकदम क्लियर है। हम एक ऐसी दुनिया बनाना चाहते हैं, जो संकट के समय भी रुके नहीं, ठहरे नहीं- निरंतर चलती रहे। आप भी भारत के इन प्रयासों को मज़बूत करेंगे, इसी विश्वास के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। बहुत-बहुत धन्यवाद !

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भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है: रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी
December 05, 2025

Your Excellency, My Friend, राष्ट्रपति पुतिन,
दोनों देशों के delegates,
मीडिया के साथियों,
नमस्कार!
"दोबरी देन"!

आज भारत और रूस के तेईसवें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक milestones के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी Strategic Partnership की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारी साझेदारी को "Special and Privileged Strategic Partnership” का दर्जा मिला।

पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व और दूरदृष्टि से इन संबंधों को निरंतर सींचा है। हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का, मेरे मित्र का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

Friends,

पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुज़रना पड़ा है। और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है।परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की हर कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की। आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी साझा प्राथमिकता है। इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक Economic Cooperation प्रोग्राम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश diversified, balanced, और sustainable बनेगा, और सहयोग के क्षेत्रों में नए आयाम भी जुड़ेंगे।

आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे India–Russia Business Forum में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ये मंच हमारे business संबंधों को नई ताकत देगा। इससे export, co-production और co-innovation के नए दरवाजे भी खुलेंगे।

दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ FTA के शीघ्र समापन के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि और Fertilisers के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग,food सिक्युरिटी और किसान कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन के प्रयास कर रहे हैं।

Friends,

दोनों देशों के बीच connectivity बढ़ाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है। हम INSTC, Northern Sea Route, चेन्नई - व्लादिवोस्टोक Corridors पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। मुजे खुशी है कि अब हम भारत के seafarersकी polar waters में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

उसी प्रकार से Shipbuilding में हमारा गहरा सहयोग Make in India को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारेwin-win सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे jobs, skills और regional connectivity – सभी को बल मिलेगा।

ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। Civil Nuclear Energy के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, Clean Energy की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस win-win सहयोग को जारी रखेंगे।

Critical Minerals में हमारा सहयोग पूरे विश्व में secure और diversified supply chains सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे clean energy, high-tech manufacturing और new age industries में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।

Friends,

भारत और रूस के संबंधों में हमारे सांस्कृतिक सहयोग और people-to-people ties का विशेष महत्व रहा है। दशकों से दोनों देशों के लोगों में एक-दूसरे के प्रति स्नेह, सम्मान, और आत्मीयताका भाव रहा है। इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए हमने कई नए कदम उठाए हैं।

हाल ही में रूस में भारत के दो नए Consulates खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम होगा, और आपसी नज़दीकियाँ बढ़ेंगी। इस वर्ष अक्टूबर में लाखों श्रद्धालुओं को "काल्मिकिया” में International Buddhist Forum मे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आशीर्वाद मिला।

मुझे खुशी है कि शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए निशुल्क 30 day e-tourist visa और 30-day Group Tourist Visa की शुरुआत करने जा रहे हैं।

Manpower Mobility हमारे लोगों को जोड़ने के साथ-साथ दोनों देशों के लिए नई ताकत और नए अवसर create करेगी। मुझे खुशी है इसे बढ़ावा देने के लिए आज दो समझौतेकिए गए हैं। हम मिलकर vocational education, skilling और training पर भी काम करेंगे। हम दोनों देशों के students, scholars और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान भी बढ़ाएंगे।

Friends,

आज हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है। हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।

आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस City Hall पर किया गया कायरतापूर्ण आघात — इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है।

भारत और रूस के बीच UN, G20, BRICS, SCO तथा अन्य मंचों पर करीबी सहयोग रहा है। करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते हुए, हम इन सभी मंचों पर अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।

Excellency,

मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें global challenges का सामना करने की शक्ति देगी — और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा।

मैं एक बार फिर आपको और आपके पूरे delegation को भारत यात्रा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ।