“हमने दुनिया के सामने – एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य की परिकल्पना रखी है; इसमें सभी प्राणियों – मानव, पशु या पौधे सबके लिये समग्र स्वास्थ्य सम्मिलित है”
“चिकित्सा उपचार को सस्ता बनाना हमारी सरकार की उच्च प्राथमिकता रही है”
“आयुष्मान भारत और जन औषधीय योजनाओं ने निर्धन तथा मध्य वर्गों के मरीजों की एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत की है”
“पीएम-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन न केवल नये अस्पतालों की वृद्धि कर रहा है, बल्कि वह एक नई और सम्पूर्ण स्वास्थ्य इको-प्रणाली भी तैयार कर रहा है”
“स्वास्थ्य-सुविधा में प्रौद्योगिकी पर ध्यान देना उद्यमियों के लिये महान अवसर है और इससे सार्वभौमिक स्वास्थ्य-सुविधा के लिये हमारे प्रयासों को बल मिलेगा”
“आज फार्मा सेक्टर के बाजार का आकार चार लाख करोड़ रुपये का है; निजी सेक्टर और अकादमिक जगत के बीच उचित तालमेल से यह 10 लाख करोड़ रुपये तक का हो सकता है”

नमस्कार जी।

साथियों,

जब हम Healthcare की बात करते हैं तो इसे Pre Covid Era और Post Pandemic Era इसके विभाजन के साथ देखना चाहिए। कोरोना ने पूरे विश्व को ये दिखाया और सिखाया भी कि जब इतनी बड़ी आपदा होती है तो समृद्ध देशों की विकसित व्यवस्थाएं भी ध्वस्त हो जाती हैं। दुनिया का ध्यान पहले से कहीं ज्यादा अब Health-Care पर आया है, लेकिन भारत की अप्रोच सिर्फ Health-Care तक ही सीमित नहीं बल्कि हम एक कदम आगे बढ़कर Wellness के लिए काम कर रहे हैं। इसलिए हमने दुनिया के सामने एक विजन रखा है-One Earth-One Health, यानि जीव मात्र के लिए, चाहे वो इंसान हों, Animals हों, Plants हों, सबके लिए एक होलिस्टिक हेल्थकेयर की बात कही है। कोरोना वैश्विक महामारी ने हमें ये भी सिखाया है कि Supply Chain, कितना बड़ा महत्वपूर्ण विषय बन गया है। जब Pandemic, Peak पर थी तो कुछ देशों के लिए दवाएं, टीके, मेडिकल डिवाइसीस, ऐसी जीवन रक्षक चीजें भी दुर्भाग्य से हथियार बन गई थीं। बीते वर्षों के बजट में भारत ने इन सभी विषयों पर बहुत ध्यान दिया है। हम ये निरंतर कोशिश कर रहे हैं कि भारत की विदेशों पर निर्भरता कम से कम रहे। ऐसे में आप सभी स्टेकहोल्डर्स की बहुत बड़ी भूमिका है।

साथियों,

आज़ादी के बाद अनेक दशकों तक भारत में स्वास्थ्य को लेकर एक integrated approach, एक Long Term vision की कमी रही। हमने health-care को सिर्फ Health ministry तक ही सीमित नहीं रखा है, बल्कि 'whole of the government' अप्रोच पर बल दिया है। भारत में इलाज को affordable बनाना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। आयुष्मान भारत के तहत 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज को ये सुविधा देने के पीछे हमारे मन में यही भाव है। इसके तहत अभी तक देश के करोड़ों मरीज़ों के लगभग 80 हजार करोड़ रुपए जो बीमारी में उपचार के लिए खर्च होने वाले थे वो खर्च होने से बचे हैं। अभी 7 मार्च को ही कल देश जन औषधि दिवस मनाने जा रहा है। आज देशभर में करीब 9 हजार जनऔषधि केंद्र हैं। इन केंद्रों पर बाज़ार से बहुत सस्ती कीमत पर दवाएं उपलब्ध हैं। इससे भी गरीब और मिडिल क्लास परिवारों को लगभग सिर्फ दवाई खरीद करने में 20 हजार करोड़ रुपए की बचत हुई है। यानि सिर्फ 2 योजनाओं से ही अभी तक भारत के हमारे नागरिकों के 1 लाख करोड़ रुपए उनकी जेब में बचे हुए हैं।

साथियों,

गंभीर बीमारियों के लिए देश में अच्छे और आधुनिक हेल्थ इंफ्रा का होना उतना ही जरूरी है। सरकार का एक प्रमुख फोकस इस बात पर भी है कि लोगों को घर के पास ही टेस्टिंग की सुविधा मिले, प्राथमिक उपचार की बेहतर सुविधा हो। इसके लिए देशभर में डेढ़ लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तैयार हो रहे हैं। इन सेंटर्स में डायबिटीज़, कैंसर और हार्ट से जुड़ी गंभीर बीमारियों की स्क्रीनिंग की सुविधा है। पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत क्रिटिकल हेल्थ इंफ्रा को छोटे शहरों और कस्बों तक ले जाया जा रहा है। इससे छोटे शहरों में नए अस्पताल तो बन ही रहे हैं, हेल्थ सेक्टर से जुड़ा एक पूरा इकोसिस्टम विकसित हो रहा है। इसमें भी health entrepreneurs के लिए, इन्वेस्टर्स के लिए, प्रोफेशनल्स के लिए अनेक नए अवसर बन रहे हैं।

साथियों,

हेल्थ इंफ्रा के साथ सरकार की प्राथमिकता ह्यूमेन रिसोर्स पर भी है। बीते वर्षों में 260 से अधिक नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। इस वजह से मेडिकल की ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट सीटों की संख्या 2014 के मुकाबले यानि हम जब सत्ता में आए उसके पहले के मुकाबले में आज दोगुनी हो चुकी है। आप भी जानते हैं कि सफल डॉक्टर के लिए सफल टेक्निशियन बहुत आवश्यक है। इसलिए इस वर्ष के बजट में नर्सिंग क्षेत्र के विस्तार पर बल दिया गया है। मेडिकल कॉलेजों के पास ही 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोलना, मेडिकल ह्यूमेन रिसोर्स के लिए बहुत बड़ा कदम है। ये सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया की डिमांड को पूरा करने में भी काम आ सकता है।

साथियों,

स्वास्थ्य सुविधा को सुलभ और सस्ता बनाने में टेक्नॉलॉजी की भूमिका लगातार बढ़ रही है। इसलिए हमारा फोकस हेल्थ सेक्टर में टेक्नॉलॉजी के अधिक से अधिक प्रयोग पर भी है। डिजिटल हेल्थ आईडी के माध्यम से हम देशवासियों को timely health-care की सुविधा देना चाहते हैं। ई-संजीवनी जैसे टेलिकंसल्टेशन के प्रयासों से घर बैठे ही 10 करोड़ लोग डॉक्टरों से ऑनलाइन कंसल्टेशन का लाभ ले चुके हैं। अब 5G टेक्नॉलॉजी की वजह से इस सेक्टर में स्टार्ट अप्स के लिए भी बहुत संभावनाएं बन रही हैं। ड्रोन टेक्नॉलॉजी की वजह से दवाओं की डिलिवरी और टेस्टिंग से जुड़े लॉजिस्टिक्स में एक क्रांतिकारी परिवर्तन आते दिख रहा है। ये यूनिवर्सल हेल्थकेयर के हमारे प्रयासों को बल देगा। ये हमारे entrepreneurs के लिए भी बहुत बड़ा अवसर है। हमारे entrepreneurs ये सुनिश्चित करें कि हमें कोई भी टेक्नॉलॉजी अब इंपोर्ट करने से बचना चाहिए, आत्मनिर्भर बनना ही है। हम इसके लिए ज़रूरी Institutional reforms भी कर रहे हैं। फार्मा और मेडिकल डिवाइस सेक्टर में संभावनाओं को देखते हुए

पिछले कुछ वर्षो में कई नई योजनाएं शुरू की गई हैं। बल्क ड्रग पार्क की बात हो, मेडिकल डिवाइस पार्क की व्यवस्था विकसित करने की बात हो, PLI जैसी योजनाओं पर 30 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश किया गया है। मेडिकल डिवाइस सेक्टर में पिछले कुछ वर्षो में 12 से 14 परसेंट की रेट से ग्रोथ भी हो रही है। आने वाले 2-3 वर्षों में ये मार्केट, 4 लाख करोड़ तक पहुंचने वाला है। हमने भविष्य की medical technology, high end manufacturing और रिसर्च के लिए skilled manpower पर काम शुरू कर दिया है। आईआईटी और दूसरी संस्थाओं में मेडिकल उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग की ट्रेनिंग के लिए, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग या उसके जैसे दूसरे कोर्सेस भी चलाए जाएंगे। इसमें भी प्राइवेट सेक्टर की अधिक भागीदारी कैसे हो, इंडस्ट्री, academia और सरकार इन सबके बीच अधिक से अधिक तालमेल कैसे हो और इस पर हमें मिलकर के काम करना है।

साथियों,

कभी-कभी आपदा भी खुद को प्रूव करने का अवसर लेकर आती है। ये कोविड काल में फार्मा सेक्टर ने दिखाया है। कोविड काल में भारत के फार्मा सेक्टर ने जिस प्रकार पूरी दुनिया का विश्वास हासिल किया है, वह अभूतपूर्व है। इसे हमें कैपिटलाइज़ करना ही होगा। हमारी इस प्रतिष्ठा को, हमारी इस सिद्धी को, हमारे प्रति इस विश्वास पर रत्ती भर आंच नहीं आनी चाहिए, ऊपर से ज्यादा विश्वास बढ़ना चाहिए। Centres of Excellence के माध्यम से फार्मा में रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए नया प्रोग्राम लॉन्च किया जा रहा है। इन प्रयासों से अर्थव्यवस्था को काफी मजबूती मिलेगी, साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। आज इस सेक्टर का मार्केट साइज 4 लाख करोड़ का है। अगर इसमें प्राइवेट सेक्टर और academia के साथ हम तालमेल बिठा लेते हैं तो ये सेक्टर 10 लाख करोड़ को भी पार कर सकता है। मेरा सुझाव है कि फार्मा इंडस्ट्री इस क्षेत्र में important priority areas की पहचान कर उसमें निवेश करे। रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई अन्य कदम भी उठाए हैं। सरकार ने ICMR की कई लैब्स को युवाओं और रिसर्च इंडस्ट्री के लिए खोलने का भी निर्णय ले लिया है। हमें देखना होगा कि और कौन से इसी तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर हैं, जिसे Open किया जा सकता है।

साथियों,

Preventive Health-care को लेकर सरकार के प्रयासों का बहुत प्रभाव हुआ है। गंदगी से फैलने वाली बीमारियों से बचाने के लिए स्वच्छ भारत अभियान हो, धुएं से होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए उज्ज्वला योजना हो, प्रदूषित पानी से होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए जल जीवन मिशन हो, ऐसे अनेक initiative इनके बेहतर परिणाम आज देश के सामने आ रहे हैं। इसी प्रकार कुपोषण, अनीमिया हमारे देश की महत्वपूर्ण समस्या भी है। इसलिए हमने राष्ट्रीय पोषण मिशन शुरु किया। और अब तो खुशी की बात है मिलेट्स यानि श्री अन्न जोकि एक प्रकार से सुपर फूड है, nutrition के लिए, पोषण के लिए महत्वपूर्ण फूड है। और जिससे हमारे देश में बहुत स्वाभाविक तरीके से हर घर उससे परिचित है। यानि श्री अन्न पर भी बहुत अधिक बल दिया गया है। भारत के प्रयासों के कारण ही इस वर्ष को संयुक्त राष्ट्र द्वारा इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के रूप में मनाया जा रहा है। पीएम मातृवंदना योजना और मिशन इंद्रधनुष जैसे कार्यक्रमों से हम स्वस्थ मातृत्व और स्वस्थ बचपन सुनिश्चित कर रहे हैं। योग हो, आयुर्वेद हो, फिट इंडिया मूवमेंट हो, इन्होंने लोगों को बीमारियों से बचाने में मदद की है। भारत के आयुर्वेद से जुड़े प्रोडक्ट्स की डिमांड पूरी दुनिया में बढ़ रही है। भारत के प्रयासों से WHO का ट्रेडिनशनल मेडिसिन से जुड़ा ग्लोबल सेंटर भारत में ही बन रहा है। इसलिए हेल्थ सेक्टर के स्टेकहोल्डर्स से मेरा एक आग्रह है और खासकर के आयुर्वेद के साथियों से आग्रह है evidence based research को हमें बहुत बढ़ाना होगा। सिर्फ परिणाम की चर्चा पर्याप्त नहीं है। प्रमाण भी उतने ही आवश्यक हैं। इसके लिए आयुर्वेद के क्षेत्र में काम करने वाले उद्यमियों को, रिसर्च से जुड़े साथियों को जोड़ना होगा उनको आगे आना होगा।

साथियों,

आधुनिक मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर मेडिकल ह्यूमेन रिसोर्स तक देश में हो रहे प्रयासों का एक और पक्ष है। ये जो नई facility देश में तैयार कर रहे हैं, नई capacity तैयार कर रहे हैं उसका लाभ सिर्फ देशवासियों को स्वास्थ्य सुविधाओं तक सीमित नहीं रहने वाला है। अब दुनिया बहुत ही एक दूसरे से जुड़ चुकी है। ये भारत को दुनिया का सबसे आकर्षक मेडिकल टूरिज्म डेस्टिनेशन बनाने के लिए बहुत बड़ा अवसर हमारे सामने है। मेडिकल टूरिज्म अपने आप में एक बहुत बड़ा सेक्टर भारत में उभरकर के आ रहा है। ये देश में रोज़गार निर्माण का बहुत बड़ा माध्यम बन रहा है।

साथियों,

सबका प्रयास से ही हम विकसित भारत में एक विकसित हेल्थ एंड वेलनेस इकोसिस्टम तैयार कर सकते हैं। इस वेबिनार में शामिल होने वाले सभी लोगों से मेरा आग्रह है कि वो अपने सुझाव जरूर दें। हम बजट को तय समय सीमा में निर्धारित लक्ष्य के लिए निश्चित रोड़मैप के साथ अमल में लाएं, सभी स्टेकहॉल्डर्स को साथ लेकर के चलें और अगले साल बजट के पहले हम इन सपनों को धरातल पर उतारें। इस बजट संकल्प को धरातल पर उतारें, इसमें आपके सुझाव चाहिए। इसमें आपके बारीक अनुभव का लाभ चाहिए। मुझे विश्वास है कि आप सबका अनुभव, आप सबके निजी विकास के संकल्प देश के विकास के संकल्प के साथ जुड़कर के हम सामूहिक शक्ति से, सामूहिक प्रयास से सिद्धि अवश्य प्राप्त करेंगे, मेरी आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं हैं।

धन्यवाद।

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
Google creates ‘DPI in a Box’; What is this ‘Digital India’ toolkit for the world and more

Media Coverage

Google creates ‘DPI in a Box’; What is this ‘Digital India’ toolkit for the world and more
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM’s address at third edition of Kautilya Economic Conclave in New Delhi
October 04, 2024
Today, India is the fastest growing major economy:PM
Government is following the mantra of Reform, Perform and Transform:PM
Government is committed to carrying out structural reforms to make India developed:PM
Inclusion taking place along with growth in India:PM
India has made ‘process reforms’ a part of the government's continuous activities:PM
Today, India's focus is on critical technologies like AI and semiconductors:PM
Special package for skilling and internship of youth:PM

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी, Institute of Economic Growth के प्रेसिडेंट N K Singh जी, Conclave में देश-विदेश से आए अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों,

कौटिल्य कॉन्क्लेव का ये तीसरा एडिशन है। और मेरे लिए खुशी की बात है कि मुझे आप लोगों से मिलने का अवसर मिल रहा है। तीन दिनों तक यहां अनेक सेशन होने वाले हैं, इकॉनॉमी से जुड़े अलग-अलग मुद्दों को लेकर चर्चा होने वाली है, मुझे विश्वास है कि ये चर्चा, भारत की ग्रोथ को गति देने में मददगार सिद्ध होगी।

साथियों,

इस बार का ये कॉन्कलेव ऐसे समय में हो रहा है, जब दुनिया के दो बड़े रीजन में युद्ध की स्थिति है। ये दोनों रीजन ग्लोबल इकॉनॉमी के लिए, खासतौर पर एनर्जी सिक्योरिटी के लिहाज़ से बहुत अहम हैं। इतनी बड़ी global uncertainty के बीच हम सभी यहां – The Indian Era यानि भारत के युग की चर्चा कर रहे हैं। ये दिखाता है कि आज भारत पर विश्वास कुछ अलग ही है...ये दिखाता है कि आज भारत का आत्मविश्वास कुछ विशेष है।

साथियों,

आज भारत, दुनिया की fastest growing major economy है। आज भारत, GDP के हिसाब से fifth largest economy है। हम ग्लोबल फिनटेक एडॉप्शन रेट के मामले में नंबर-वन हैं। आज हम, smartphone data consumption के मामले में नंबर-वन हैं। हम इंटरनेट यूजर्स के मामले में दुनिया में नंबर- दो हैं। दुनिया की करीब-करीब आधी रियल टाइम डिजिटल ट्रांजेक्शन आज भारत में हो रही है। आज भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट अप इकोसिस्टम है। रीन्युएबल एनर्ज़ी कैपेसिटी के मामले में भारत, नंबर- चार पर है। अगर मैन्युफेक्चरिंग की बात करें, तो भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा mobile manufacturer है। भारत two-wheelers और tractors का सबसे बड़ा manufacturer है। और इतना ही नहीं, भारत दुनिया का सबसे युवा देश है। दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा scientists और technicians का पूल भारत में है। यानि साइंस हो, टेक्नॉलॉजी हो, इनोवेशन हो, भारत clearly एक स्वीट स्पॉट पर उपस्थित है।

साथियों,

रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मंत्र पर चलते हुए, हम लगातार निर्णय ले रहे हैं, देश को तेज गति से आगे बढ़ा रहे हैं। यही वो इंपेक्ट है, जिसके कारण भारत के लोगों ने 60 साल बाद, लगातार तीसरी बार किसी सरकार को चुना है। जब लोगों का जीवन बदलता है, तब लोगों में ये भरोसा आता है कि देश सही रास्ते पर चल रहा है। यही भावना, भारत की जनता के मैंडेट में दिखती है। 140 करोड़ देशवासियों का ये विश्वास इस सरकार की सबसे बड़ी पूंजी है। हमारा कमिटमेंट है कि भारत को विकसित बनाने के लिए लगातार structural reforms करते रहेंगे। हमारा ये कमिटमेंट आप हमारे थर्ड टर्म के पहले तीन महीनों के काम में भी देख सकते हैं। Bold policy changes...Jobs और स्किल्स को लेकर मज़बूत कमिटमेंट, sustainable growth और innovation पर फोकस, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, क्वालिटी ऑफ लाइफ, और तेज़ ग्रोथ की कंटीन्यूटी, ये हमारे पहले तीन महीनों की पॉलिसीज का रिफ्लेक्शन है। इस दौरान 15 ट्रिलियन रुपीज यानि 15 लाख करोड़ रुपए से अधिक के डिसीज़न्स लिए गए हैं। इन्हीं तीन महीनों में भारत में अनेक mega infrastructure projects पर काम शुरू हुआ है। हमने देश में 12 industrial nodes बनाने का भी निर्णय लिया है। हमने देश में 3 करोड़ नए घर बनाने को भी मंजूरी दी है।

साथियों,

भारत की ग्रोथ स्टोरी का एक और notable फैक्टर है और वो है इसकी inclusive spirit, पहले ये सोचा जाता था कि ग्रोथ होती है तो inequality, असमानता भी साथ ही बढ़ती है। लेकिन भारत में इसके विपरीत हो रहा है। भारत में ग्रोथ के साथ inclusion भी हो रहा है। इसी का परिणाम है पिछले 10 साल में Two Fifty million…यानि 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। भारत की तेज प्रगति के साथ हम ये भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि inequality कम हो विकास का लाभ सभी तक पहुंचे।

साथियों,

आज भारत की ग्रोथ को लेकर जो भी predictions हो रही हैं, उनका कॉन्फिडेंस भी बताता है कि भारत किस दिशा में है। ये आप पिछले कुछ हफ्तों और महीनों के आंकड़ों में भी देख सकते हैं। पिछले साल हमारी इकॉनॉमी ने हर prediction से बाहर कहीं बेहतर किया है। वर्ल्ड बैंक हो, IMF हो, मूडीज़ हो, सभी ने भारत से जुड़े फोरकास्ट को upgrade किया है। ये सारे संस्थान कह रहे हैं कि global uncertainty के बावजूद भारत सेवन प्लस रेट के साथ ग्रो करता है । वैसे हम भारतीयों को पूरा कॉन्फिडेंस है कि हम इससे भी कहीं better perform करेंगे।

Friends,

भारत के इस कॉन्फिडेंस के पीछे कुछ ठोस कारण हैं। मैन्युफेक्चरिंग हो या फिर सर्विस सेक्टर आज दुनिया भारत को इन्वेस्टमेंट के लिए पसंदीदा जगह मान रही है। ये कोई co-incidence नहीं है, बल्कि ये बीते 10 साल में हुए बड़े रिफॉर्म्स का ही नतीजा है। इन रिफॉर्म्स ने भारत के macroeconomic fundamentals को ट्रांसफॉर्म कर दिया है। जैसे एक उदाहरण भारत के बैंकिंग रिफॉर्म्स का है। हमारे बैंकिंग रिफॉर्म्स ने बैंकों की financial conditions को तो मज़बूत किया ही है, उनकी lending capacity को भी बढ़ाया है। इसी तरह, GST ने अलग-अलग सेंट्रल और स्टेट Indirect taxes को integrate किया है। इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड यानि IBC ने responsibility, recovery और resolution का नया क्रेडिट कल्चर डेवलप किया है। भारत ने माइनिंग, डिफेंस, स्पेस जैसे अनेक सेक्टर्स को प्राइवेट प्लेयर्स के लिए, हमारे young entrepreneurs के लिए खोला है। हमने FDI policy को liberalise किया, ताकि दुनियाभर के इन्वेस्टर्स के लिए यहां ज्यादा से ज्यादा अवसर बन सकें। हम अपनी logistics cost और time को कम करने के लिए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस कर रहे हैं। हमने बीते दशक में Infrastructure पर investments को अभूतपूर्व स्केल पर बढ़ाया है।

साथियों,

भारत ने Process Reforms को सरकार की Continuous Activities का हिस्सा बनाया है। हमने 40 हजार से ज्यादा Compliances को खत्म किया, Companies Act को Decriminalize किया। ऐसे दर्जनों provisions थे, जिनके कारण पहले बिजनेस मुश्किल था, हमने उनमें बदलाव किया। कंपनी स्टार्ट करने, बंद करने, क्लियरेंस को आसान बनाने के लिए नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया गया। अब हम राज्य स्तर पर प्रोसेस रिफॉर्म को गति देने के लिए राज्य सरकारों को प्रोत्साहित कर रहे हैं।

साथियों,

भारत में मैन्युफेक्चरिंग को गति देने के लिए हम Production linked Incentives लेकर आए हैं। इसका इंपेक्ट आज बहुत सारे सेक्टर्स में दिख रहा है। अगर मैं बीते 3 साल में ही PLI के impact की बात करुं, तो करीब 1.25 ट्रिलियन यानि सवा लाख करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट आया है। इससे करीब Eleven Trillion यानि 11 लाख करोड़ रुपए का प्रोडक्शन और सेल्स हुई है। स्पेस और डिफेंस सेक्टर में भी आज भारत की ग्रोथ शानदार है। इन दोनों सेक्टर्स को open किए अभी ज्यादा टाइम नहीं हुआ है। स्पेस सेक्टर में 200 से ज्यादा स्टार्ट अप्स आ चुके हैं। आज हमारी टोटल डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग का 20 परसेंट कंट्रीब्यूशन हमारी प्राइवेट डिफेंस कंपनियों का है।

साथियों,

इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर की ग्रोथ स्टोरी तो और भी अद्भुत है। 10 साल पहले तक भारत ज्यादातर मोबाइल फोन का बड़ा इंपोर्टर था। आज Three Hundred thirty million यानि 33 करोड़ से ज्यादा मोबाइल फोन भारत में बन रहे हैं। यानि आप कोई भी सेक्टर देख लें, आज भारत में Investors के लिए investments और investment पर ज्यादा रिटर्न के बेहतरीन मौके हैं।

साथियों,

आज भारत का फोकस AI और सेमीकंडक्टर जैसी critical technologies पर भी है। इनमें हम काफी ज्यादा इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं। हमारे AI mission से AI के क्षेत्र में research और skills, दोनों में वृद्धि होगी। India semiconductor mission के कारण 1.5 ट्रिलियन रुपए यानि डेढ़ लाख करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट हो रहा है। बहुत जल्द ही भारत के 5 सेमीकंडक्टर प्लांट्स, दुनिया के कोने-कोने में मेड इन इंडिया चिप्स पहुंचाने लगेंगे।

Friends,

आप सभी जानते ही हैं कि भारत affordable intellectual power का सबसे बड़ा सोर्स है। इसकी गवाही, दुनियाभर की कंपनियों के 1700 से अधिक global capability centres हैं, जो आज भारत में काम कर रहे हैं। इनमें 2 मिलियन यानि 20 लाख से ज्यादा भारतीय नौजवान दुनिया को highly skilled services दे रहे हैं। आज भारत अपने इस demographic dividend पर अभूतपूर्व रूप से फोकस कर रहा है। और इसके लिए Education, Innovation, Skills और Research पर खास ध्यान दिया जा रहा है। हमने न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी बनाकर इस क्षेत्र में बहुत बड़ा रिफॉर्म किया है। बीते 10 साल में हर हफ्ते एक नई यूनिवर्सिटी और हर दिन दो नए कॉलेज खोले गए हैं। इन 10 सालों में हमारे यहां मेडिकल कॉलेजों की संख्या दो गुनी हो गई है।

औऱ साथियों,

Quantity ही नहीं बल्कि हम, quality education पर भी उतना ही बल दे रहे हैं। इसलिए ही बीते 10 साल में QS World University Rankings में भारतीय इंस्टीट्यूशन्स की संख्या तीन गुना से ज्यादा हो चुकी है। इस साल के बजट में हमने करोड़ों युवाओं की स्किलिंग और इंटर्नशिप के लिए स्पेशल पैकेज अनाउंस किया है। पीएम इंटर्नशिप स्कीम के तहत पहले दिन ही 111 कंपनियों ने पोर्टल पर रजिस्टर किया है। इस स्कीम के तहत हम एक करोड़ युवाओं को बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप में मदद कर रहे हैं।

साथियों,

बीते 10 सालों में भारत का रिसर्च आउटपुट और पेटेंट्स भी तेजी से बढ़े हैं। 10 साल से भी कम समय में, भारत ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स की रैंकिग में Eighty First (81) से Thirty Ninth (39) स्थान तक पहुंचा है। यहां से हमें और आगे जाना है। अपने रिसर्च इकोसिस्टम को मज़बूत करने के लिए भारत ने One Trillion रुपये का रिसर्च फंड भी बनाया है।

साथियों,

आज ग्रीन फ्यूचर, ग्रीन जॉब्स के मामले में भी भारत में और भारत से बहुत उम्मीदें हैं। और उतनी ही आपके लिए इस सेक्टर में opportunities भी हैं। आप सभी ने भारत की प्रेसीडेंसी में हुई G20 Summit को फॉलो किया है। इस समिट की अनेक success story में से एक, ग्रीन ट्रांज़िशन को लेकर नया उत्साह भी रहा। G-20 समिट के दौरान ही भारत की पहल पर ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस लॉन्च किया गया। G-20 के सदस्य देशों ने भारत के green hydrogen energy development को मज़बूती से समर्थन दिया। भारत में हमने इस दशक के अंत तक 5 Million टन Green Hydrogen के production का टारगेट रखा है। भारत में हम सोलर पावर प्रोडक्शन को भी माइक्रो लेवल पर ले जा रहे हैं।

भारत सरकार ने PM सूर्यघर मुफ्त बिजली स्कीम शुरु की है। ये एक Rooftop Solar स्कीम है, लेकिन इसका स्केल बहुत बड़ा है। रूफटॉप सोलर सेटअप के लिए हम हर फैमिली को फंड कर रहे हैं, सोलर इंफ्रा install करने में भी सपोर्ट कर रहे हैं। अब तक 13 मिलियन यानि 1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा Families इसमें रजिस्टर हो चुकी हैं। यानि इतने लोग सोलर पावर प्रोड्यूसर बन चुके हैं। इससे हर फैमिली को on an average, twenty five thousand रुपए की बचत होने वाली है। हर तीन किलोवॉट सोलर बिजली पैदा करने पर, 50-60 टन कार्बन डाई-ऑक्साइड का एमिशन भी रुकेगा। इस स्कीम से करीब 17 लाख Jobs पैदा होंगी, स्किल्ड युवाओं की भी एक बड़ी फौज तैयार होगी। यानि आपके लिए इस सेक्टर में भी इंवेस्टमेंट करने के लिए नए मौके बन रहे हैं।

साथियों,

आज Indian economy एक बहुत बड़े transformational change से गुजर रही है। मजबूत economic fundamentals के आधार पर Indian economy, sustained high growth के रास्ते पर है। भारत आज सिर्फ टॉप पर पहुंचने के लिए ही तैयारी नहीं कर रहा है, बल्कि टॉप पर बने रहने के लिए मेहनत कर रहा है। हर सेक्टर में आज दुनिया की अपार opportunities हैं। मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों में आपकी चर्चा से अनेक valuable inputs आएंगे। मैं इस प्रयास को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूँ। और मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि ये हमारे लिए debating club नहीं है। यहाँ जो चर्चाएँ होती हैं, जो बातें उभर करके आती हैं, Do’s and Don’ts के लिए उसमें से जो हमारे लिए उपयोगी होते हैं, हम इसको religiously सरकार के सिस्टम में फॉलो करते हैं। हम इसको हमारी पॉलिसी का हिस्सा बनाते हैं, वो हमारे governance का हिस्सा बनाते हैं, और इसलिए आप जो समय दे करके ये जो मंथन में जुड़ते हैं, वो अमृत हैं। हमारे देश में हम हमारे भविष्य को और अधिक उज्ज्वल बनाने के लिए काम में लेते हैं, और इसलिए आपका योगदान हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आपका एक-एक शब्द हमारे लिए मूल्यवान है। आपके विचार आपका अनुभव ये हमारी पूंजी है। मैं फिर एक बार आप सबके इस योगदान के लिए आपका धन्यवाद करता हूँ, मैं इस प्रयास के लिए एन के सिंह और उनकी पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। बहुत-बहुत शुभकामनाएँ, धन्यवाद !