5,550 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली 176 किलोमीटर लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी
काजीपेट में 500 करोड़ रुपये से अधिक की रेलवे विनिर्माण इकाई की आधारशिला रखी
प्रधानमंत्री ने भद्रकाली मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना की
“तेलुगू लोगों की क्षमताओं ने सर्वदा भारत की क्षमताओं का विस्तार किया है”
“आज का नया युवा-भारत, ऊर्जा से परिपूर्ण है”
“भारत में तेज गति से विकास पुराने इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ संभव नहीं है”
“तेलंगाना आस-पास के आर्थिक केन्द्रों को जोड़ रहा है और आर्थिक गतिविधि का केन्द्र बन रहा है”
“विनिर्माण क्षेत्र युवाओं के लिए रोजगार का बड़ा स्रोत बन रहा है”

तेलंगाणा प्रजलंदरिकी ना अभिनंदनलु...

तेलंगाना की गवर्नर तमिलसाई सौंदराजन जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी नितिन गडकरी जी, जी किशन रेड्डी जी, भाई संजय जी, अन्य महानुभाव और तेलंगाना के मेरे भाइयों और बहनों, हाल ही में तेलंगाना ने अपनी स्थापना के 9 वर्ष पूरे किए हैं। तेलंगाना राज्य भले ही नया हो लेकिन भारत के इतिहास में तेलंगाना का Contribution, यहां के लोगों का योगदान हमेशा बहुत बड़ा रहा है। तेलगू लोगों के सामर्थ्य ने हमेशा भारत के सामर्थ्य को बढ़ाया है। इसलिए आज जब भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी Economic Power बना है तो उसमें भी तेलंगाना के लोगों की बड़ी भूमिका है। और ऐसे में, आज जब पूरी दुनिया भारत में Investment के लिए आगे आ रही है, विकसित भारत को लेकर इतना उत्साह है, तब तेलंगाना के सामने अवसर ही अवसर हैं।

साथियों,

आज का नया भारत, युवा भारत है, बहुत सारी Energy से भरा हुआ भारत है। 21वीं सदी के इस तीसरे दशक में हमारे पास ये गोल्डन पीरियड आया है। हमें इस गोल्डन पीरियड के हर सेकेंड का पूरा इस्तेमाल करना है। देश का कोई भी कोना, तेज विकास की किसी भी संभावना में पीछे नहीं रहना चाहिए। इन्हीं संभावनाओं को बल देने के लिए बीते 9 वर्षों में भारत सरकार ने तेलंगाना के विकास पर, यहां की कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिया है। इसी कड़ी में आज तेलंगाना की कनेक्टिविटी और मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े 6 हज़ार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास किया गया है। इन सभी प्रोजेक्ट्स के लिए मैं तेलंगाना की जनता को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

नए लक्ष्य हों तो नए रास्ते भी बनाने पड़ते हैं। भारत का तेज विकास पुराने इंफ्रास्ट्रक्चर के बल पर संभव नहीं था। आने-जाने में अगर ज्यादा टाइम Waste होगा, Logistics अगर महंगा होगा, तो बिजनेस को भी नुकसान होता है और लोगों को भी परेशानी होती है। इसलिए ही हमारी सरकार पहले से कहीं अधिक स्पीड और स्केल पर काम कर रही है। आज हर प्रकार के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए पहले से कई गुना तेजी से काम हो रहा है। आज पूरे देश में हाईवे, एक्स्प्रेसवे, इकोनॉमिक कॉरिडोर, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर एक जाल बिछा रहा है। टू लेन के हाईवे फोर लेन में और फोर लेन के हाईवे सिक्स लेन में बदले जा रहे हैं। 9 साल पहले जहां तेलंगाना का नेशनल हाईवे नेटवर्क 2500 किलोमीटर का था, आज ये बढ़कर 5000 किलोमीटर हो चुका है। आज तेलंगाना में 2500 किलोमीटर की नेशनल हाईवे परियोजनाएं निर्माण के अलग-अलग Phases में हैं। भारतमाला परियोजना के तहत जो दर्जनों कॉरिडोर्स देश में बन रहे हैं, उनमें से अनेक तेलंगाना से होकर गुज़रते हैं। हैदराबाद-इंदौर इकोनॉमिक कॉरिडोर, सूरत-चेन्नई इकोनॉमिक कॉरिडोर, हैदराबाद-पणजी इकोनॉमिक कॉरिडोर, हैदराबाद-विशाखापट्टनम इंटर कॉरिडोर, ऐसे कितने ही उदाहरण हमारे सामने हैं। एक प्रकार से तेलंगाना, आस-पड़ोस के इकोनॉमिक सेंटर्स को जोड़ रहा है, आर्थिक गतिविधियों का Hub बन रहा है।

साथियों,

आज नागपुर-विजयवाड़ा कॉरिडोर के मंचेरियल से वारंगल सेक्शन का भी शिलान्यास हुआ है। ये तेलंगाना को महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से आधुनिक कनेक्टिविटी देता है। इससे मंचेरियल और वारंगल के बीच की दूरी बहुत कम हो जाएगी और ट्रैफिक जाम की समस्या में भी कमी आएगी। ये विशेष रूप से उन Areas से गुज़रता है, जहां विकास का अभाव था, जहां हमारे ट्राइबल कम्युनिटी के बहन-भाई बड़ी संख्या में रहते हैं। ये कॉरिडोर, मल्टीमोडल कनेक्टिविटी के विजन को भी मजबूती देगा। करीमनगर-वारंगल सेक्शन के फोर लेन में बदलने से हैदराबाद-वारंगल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, काकतिया मेगा टेक्सटाइल पार्क और वारंगल SEZ की कनेक्टिविटी भी सशक्त होगी।

साथियों,

भारत सरकार, आज तेलंगाना में जो कनेक्टिविटी बढ़ा रही है, उसका लाभ तेलंगाना की इंडस्ट्री को हो रहा है, यहां के टूरिज्म को हो रहा है। तेलंगाना में जो अनेक हैरिटेज सेंटर्स हैं, आस्था के स्थान हैं, वहां आना जाना अब और अधिक सुविधाजनक हो रहा है। यहां जो एग्रीकल्चर से जुड़े उदयोग हैं, करीमनगर की ग्रेनाइट इंडस्ट्री है, उसे भी भारत सरकार के इन प्रयासों से मदद मिल रही है। यानि किसान हों या फिर श्रमिक, स्टूडेंट हो या प्रोफेशनल्स, सभी को इसका लाभ हो रहा है। इससे युवाओं को उनके घर के पास ही रोजगार के, स्वरोजगार के नए अवसर भी मिल रहे हैं।

साथियों,

युवाओं के लिए रोजगार का एक और बड़ा माध्यम देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर बन रहा है, मेक इन इंडिया अभियान बन रहा है। हमने देश में मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिए PLI योजना शुरू की है। यानि जो ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग कर रहा है, उसे भारत सरकार से विशेष मदद मिल रही है। इसके तहत 50 से ज्यादा बड़े प्रोजेक्ट यहां तेलंगाना में लगे हैं। आप जानते हैं कि भारत ने इस वर्ष डिफेंस एक्सपोर्ट में नया रिकॉर्ड बनाया है। भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 9 वर्ष पहले एक हजार करोड़ रुपए से भी कम था। आज ये 16 हज़ार करोड़ रुपए पार कर चुका है। इसका लाभ हैदराबाद स्थित भारत डायनामिक्स लिमिटेड को भी हो रहा है।

साथियों,

आज भारतीय रेल भी मैन्युफैक्चरिंग के मामले में नए रिकॉर्ड, नए पड़ाव तय कर रही है। इन दिनों मेड इन इंडिया वंदे भारत ट्रेनों की बहुत चर्चा है। बीते वर्षों में भारतीय रेल ने हजारों आधुनिक कोच और लोकोमोटिव बनाए हैं। भारतीय रेलवे के इस कायाकल्प में अब काज़ीपेट भी मेक इन इंडिया की नई ऊर्जा के साथ जुड़ने जा रहा है। अब यहां हर महीनें दर्जनों वैगन बनेंगे। इससे इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर बनेंगे, यहां के हर परिवार को किसी ना किसी रूप में लाभ होगा। यही तो सबका साथ, सबका विकास है। विकास के इसी मंत्र पर तेलंगाना को हमें आगे बढ़ाना है। एक बार फिर आप सभी को इसे अनेक प्रगतिशील कार्यक्रमों के लिए, आयोजनों के लिए, विकास की नई धारा के लिए मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूँ ! धन्यवाद !

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प्रधानमंत्री ने वृक्षारोपण के चिरस्थायी लाभों का उल्‍लेख करते हुए संस्कृत सुभाषितम को साझा किया
December 19, 2025

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारतीय विचार के कालातीत ज्ञान को दर्शाने वाले एक संस्कृत सुभाषितम साझा किया है। श्लोक का अर्थ है कि जिस प्रकार फल और फूल वाले वृक्ष निकट रहने पर मनुष्य को संतुष्टि प्रदान करते हैं, उसी प्रकार वृक्ष दूर रहने पर भी उसे लगाने वाले को सभी प्रकार के लाभ प्रदान करते हैं।

प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया;

"पुष्पिताः फलवन्तश्च तर्पयन्तिह मानवान।

वृक्षदं पुत्रवत् वृक्षास्तारायन्ति पात्र च॥"