इस्पात ने दुनिया भर की आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं में मूल ढांचे की भूमिका निभाई है, इस्पात हर सफल गाथा के पीछे की शक्ति है: प्रधानमंत्री
हमें गर्व है कि भारत आज दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक देश बन गया है: प्रधानमंत्री
राष्ट्रीय इस्पात नीति के तहत हमने 2030 तक 300 मिलियन टन इस्पात उत्पादन का लक्ष्य रखा है: प्रधानमंत्री
इस्पात उद्योग के लिए सरकार की नीतियां कई अन्य भारतीय उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं: प्रधानमंत्री
सभी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए शून्य आयात और शुद्ध निर्यात लक्ष्य होना चाहिए: प्रधानमंत्री
हमारे इस्पात क्षेत्र को नई प्रक्रियाओं, नई श्रेणी और नए उच्‍च स्‍तर के लिए तैयार रहना होगा: प्रधानमंत्री
हमें भविष्य को ध्यान में रखते हुए विस्तार और उन्नयन करना होगा, हमें अभी से भविष्य के लिए तैयार होना पड़ेगा: प्रधानमंत्री
पिछले 10 वर्षों में, कई खनन सुधार लागू किए गए हैं, लौह अयस्क की उपलब्धता सुगम हुई है: प्रधानमंत्री
अब आवंटित खदानों और देश के संसाधनों के उचित उपयोग का समय है, ग्रीन-फील्ड खनन में तेजी लाने की आवश्‍यकता है: प्रधानमंत्री
आइए हम मिलकर एक अनुकूल, परिवर्तनकारी और इस्पात-सुदृढ़ भारत का निर्माण करें: प्रधानमंत्री

सभी सम्मानित अतिथि, मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी, इंडस्ट्री लीडर्स, इंटरनेशनल डेलिगेट्स और मेरे साथियों, नमस्कार।

आज और अगले 2 दिन, हम भारत के सनराइज सेक्टर, स्टील सेक्टर के सामर्थ्य और उसकी संभावनाओं पर व्यापक चर्चा करने वाले हैं। एक ऐसा सेक्टर, जो भारत की प्रगति का आधार है, जो विकसित भारत की मजबूत नींव है, और जो भारत में बड़े बदलाव की नई गाथा लिख रहा है। मैं आप सभी का इंडिया स्टील 2025 में अभिनंदन करता हूं। मुझे विश्वास है, ये आयोजन नए आइडियाज साझा करने के लिए, नए पार्टनर बनाने के लिए और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए एक नए लॉंच पैड का काम करेगा। ये स्टील सेक्टर में एक नए अध्याय की शुरुआत का आधार बनेगा।

साथियों,

स्टील की भूमिका दुनिया की आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं में skeleton की तरह रही है। स्काई-स्क्रैपर्स हों या शिपिंग, हाईवेज़ हों या हाई-स्पीड रेल, स्मार्ट सिटी हों या इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, हर सक्सेस स्टोरी के पीछे स्टील की ताकत है। आज भारत 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनॉमी के संकल्प को सिद्ध करने में जुटा है। इस लक्ष्य को साधने में स्टील सेक्टर की भी भूमिका कम नहीं है। हमें गर्व है कि, आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक बन चुका है। हमने नेशनल स्टील पॉलिसी के तहत 2030 तक 300 मिलियन टन स्टील उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। आज हमारी प्रति व्यक्ति स्टील की खपत लगभग ninety eight किलोग्राम है, और ये भी बढ़कर 2030 तक one hundred sixty किलोग्राम हो जाने की संभावना है। स्टील का ये बढ़ता consumption देश के इन्फ्रा और economy के लिए golden standard का काम करता है। ये देश की दिशा, सरकार की efficiency और effectiveness की भी एक कसौटी है।

साथियों,

आज हमारी स्टील इंडस्ट्री अपने भविष्य को लेकर नए भरोसे से भरी हुई है। क्योंकि, आज देश के पास पीएम-गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान जैसा आधार है। पीएम-गतिशक्ति के जरिए अलग-अलग utility services को, logistics modes को integrate किया जा रहा है। देश के mine areas और steel units को बेहतर multi-modal connectivity के लिए map किया जा रहा है। देश के पूर्वी भाग में, जहां ज़्यादातर स्टील सेक्टर मौजूद है, वहाँ क्रिटिकल इनफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने के लिए नए प्रोजेक्ट्स लाये जा रहे हैं। हम 1.3 ट्रिलियन डॉलर की National Infrastructure Pipeline को भी आगे बढ़ा रहे हैं। आज देश के शहरों को स्मार्ट सिटीज़ बनाने के लिए large scale पर काम हो रहा है। Roads, railways, airports, ports और pipeline के development का ये unprecedented pace, स्टील सेक्टर के लिए नई संभावनाएं बना रहा है। आज देश में पीएम आवास योजना के तहत करोड़ों घर बन रहे हैं। जल जीवन मिशन का इतना बड़ा इनफ्रास्ट्रक्चर गाँव-गाँव में बिल्ड हो रहा है। अक्सर हमारे देश में ऐसी योजनाओं को केवल वेलफेयर के चश्मे से देखा जाता है। लेकिन, गरीब कल्याण की ये योजनाएँ भी स्टील इंडस्ट्री को नई ताकत दे रही हैं। हमने ये भी तय किया है कि, सरकारी प्रोजेक्ट में सिर्फ़ ‘मेड इन इंडिया’ स्टील ही इस्तेमाल हो। इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि, बिल्डिंग Construction और इंफ्रास्ट्रक्चर में स्टील की जो खपत है, उसमें सबसे ज्यादा हिस्सा सरकार से जुड़े initiatives का है।

साथियों,

स्टील कितने ही सेक्टर्स की ग्रोथ का प्राइमरी कॉम्पोनेंट है। इसलिए, स्टील इंडस्ट्री के लिए सरकार की नीतियाँ भारत की दूसरी कई इंडस्ट्रीज़ को ग्लोबली competitive बनाने में अहम रोल अदा कर रही हैं। हमारा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, construction, मशीनरी और ऑटोमोटिव सेक्टर, आज इन सब को भारतीय स्टील इंडस्ट्री से शक्ति मिल रही है। इस बार बजट में हमारी सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ को गति देने के लिए National Manufacturing Mission की भी घोषणा की है। ये मिशन small, medium और large, सभी इंडस्ट्रीज़ के लिए है। National Manufacturing Mission भी हमारी स्टील इंडस्ट्री के लिए नए अवसर खोलेगा।

साथियों,

भारत लंबे समय तक हाई-ग्रेड स्टील के लिए आयात पर निर्भर रहा है। डिफेंस और strategic sectors के लिए इस स्थिति को बदलना जरूरी था। आज हमें इस बात का गर्व होता है, कि भारत के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट करियर को बनाने में जिस स्टील का इस्तेमाल हुआ है, वो भारत में बना है। हमारे ऐतिहासिक चंद्रयान मिशन की सफलता में भारतीय स्टील का सामर्थ्य जुड़ा है। Capability और Confidence, अब दोनों हमारे पास हैं। ये ऐसे ही नहीं हुआ। PLI स्कीम के तहत हाई-ग्रेड स्टील के उत्पादन के लिए हजारों करोड़ रुपए की मदद दी जा रही है। और ये तो अभी शुरुआत है, हमें लंबी दूरी तय करनी है। देश में ऐसे कितने ही मेगा-प्रोजेक्ट्स शुरू हो रहे हैं, जिनमें हाइ-ग्रेड स्टील की डिमांड और ज्यादा बढ़ने वाली है। इस बार के बजट में हमने ‘शिप बिल्डिंग’ को इनफ्रास्ट्रक्चर के तौर पर शामिल किया है। हम देश में आधुनिक और बड़े शिप्स बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। हमारा टार्गेट है, भारत में बने शिप्स दुनिया के दूसरे देश भी खरीदें। इसी तरह, पाइपलाइन ग्रेड स्टील और corrosion resistant alloys की डिमांड भी देश में बढ़ रही है।

आज देश में रेल इनफ्रास्ट्रक्चर भी अभूतपूर्व गति से expand हो रहा है। ऐसी सभी जरूरतों के लिए Goal होना चाहिए- ‘ज़ीरो इम्पोर्ट’ और net export! अभी हम 25 मिलियन टन स्टील के एक्सपोर्ट का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। हम 2047 तक अपनी क्षमता 500 मिलियन टन तक पहुंचाने के लिए भी काम कर रहे हैं। लेकिन, इसके लिए जरूरी है कि, हमारा स्टील सेक्टर new processes, new grades और new scale के लिए तैयार हो। हमें भविष्य को ध्यान में रखकर expand और upgrade करना होगा। हमें अभी से future ready बनना होगा। स्टील इंडस्ट्री के इस ग्रोथ potential में employment generation की, रोजगार के अवसर की, अनंत संभावनाएं हैं। मैं प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर, दोनों से आह्वान करता हूं, आप नए ideas develop करें, उन्हें nurture करें और share करें। Manufacturing में, R&D में, Technology upgrade में, हमें मिलकर आगे बढ़ना है। देश के युवाओं के लिए ज्यादा से ज्यादा रोजगार के नए अवसर बनाने हैं।

साथियों,

स्टील इंडस्ट्री की विकास यात्रा में कुछ चुनौतियां भी हैं और आगे बढ़ने के लिए इनका समाधान करना भी आवश्यक है। Raw Material Security एक बड़ी चिंता है। हम अभी भी निकेल, कोकिंग कोल और मैंगनीज के लिए आयात पर निर्भर हैं। और इसलिए, हमें ग्लोबल साझेदारियों को मज़बूत करना होगा, Supply chains को secure बनाना होगा, Technology अपग्रेड करने पर फोकस करना होगा। हमें और तेजी से energy-efficient, low-emission और digitally advanced टेक्नॉलजी की ओर बढ़ना होगा। AI, ऑटोमेशन, री-साइक्लिंग और by-product utilization स्टील इंडस्ट्री का भविष्य तय करेगी। इसलिए हमें इनमें इनोवेशन के लिए अपने प्रयास बढ़ाने होंगे। हमारे ग्लोबल पार्टनर्स और भारतीय कंपनियां साथ मिलकर इस दिशा में काम करेंगे, तो इन चुनौतियों का और तेजी से समाधान होगा।

साथियों,

आप सभी जानते हैं, कोल आयात, खासकर कोकिंग कोल आयात का असर, cost और economy, दोनों पर पड़ता है। हमें इसके alternatives तलाशने होंगे। आज DRI route और अन्य आधुनिक technologies उपलब्ध हैं। हम इन्हें और बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए हम coal gasification का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। Coal gasification के जरिए हम देश के कोल संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल कर सकते हैं, आयात पर निर्भरता कम कर सकते हैं। मैं चाहूँगा, स्टील इंडस्ट्री के सभी प्लेयर्स इस प्रयास का हिस्सा बनें, इस दिशा में जरूरी कदम उठाएँ।

साथियों,

एक और अहम विषय,unused greenfield mines का भी है। पिछले 10 वर्षों में देश ने कई mining reforms किए हैं। Iron ore की availability आसान हुई है। अब इन alloted mines का, देश के इन संसाधनों का सही इस्तेमाल करना और समय पर करना, ये बहुत जरूरी है। इसमें जितनी देरी होगी, देश का तो नुकसान होगा ही होगा, इंडस्ट्री का भी उतना ही नुकसान होगा। इसलिए, मैं चाहूँगा ग्रीन-फील्ड माइनिंग को तेज किया जाए।

साथियों,

आज का भारत केवल डोमेस्टिक ग्रोथ की नहीं सोच रहा, बल्कि ग्लोबल लीडरशिप के लिए भी तैयार हो रहा है। आज दुनिया हमें हाई-क्वालिटी स्टील के trusted supplier के रूप में देखती है। जैसा कि मैंने कहा, हमें स्टील के world-class standards को बनाए रखना होगा, खुद को upgrade करते रहना होगा। Logistics में सुधार, Multi-modal transport networks का विकास और लागत कम से कम, ये भारत को Global Steel Hub बनाने में मदद करेंगे।

साथियों,

इंडिया स्टील का ये प्लैटफ़ार्म हमारे पास एक अवसर है, जहां से हम अपनी क्षमताओं का विस्तार करेंगे, जहां से हमारे आइडियाज को जमीन पर उतारने का रास्ता बनाएंगे। मैं आप सभी को इस अवसर पर शुभकामनाएं देता हूं। आइए मिलकर, एक Resilient, Revolutionary और Steel-Strong भारत का निर्माण करें। धन्यवाद।

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अब पश्चिम बंगाल में महा-जंगलराज से मुक्ति की बारी: नदिया की वर्चुअल रैली में पीएम मोदी
December 20, 2025
बंगाल और बंगाली भाषा ने भारत के इतिहास और संस्कृति में अमूल्य योगदान दिया है, जिसमें 'वंदे मातरम्' देश के सबसे शक्तिशाली उपहारों में से एक है: पीएम मोदी
पश्चिम बंगाल को एक ऐसी बीजेपी सरकार की जरूरत है जो राज्य का गौरव वापस लाने के लिए दोगुनी गति से काम करे: नदिया में पीएम मोदी
जब भी बीजेपी घुसपैठ पर चिंता जताती है, तो TMC नेता गाली-गलौज से जवाब देते हैं, जो पश्चिम बंगाल में SIR के प्रति उनके विरोध की भी वजह बताता है: पीएम मोदी
पश्चिम बंगाल में जो महा-जंगलराज चल रहा है, हमें उससे मुक्ति पानी है: पीएम मोदी

आमार शोकोल बांगाली भायों ओ बोनेदेर के…
आमार आंतोरिक शुभेच्छा

साथियो,

सर्वप्रथम मैं आपसे क्षमाप्रार्थी हूं कि मौसम खराब होने की वजह से मैं वहां आपके बीच उपस्थित नहीं हो सका। कोहरे की वजह से वहां हेलीकॉप्टर उतरने की स्थिति नहीं थी इसलिए मैं आपको टेलीफोन के माध्यम से संबोधित कर रहा हूं। मुझे ये भी जानकारी मिली है कि रैली स्थल पर पहुंचते समय खराब मौसम की वजह से भाजपा परिवार के कुछ कार्यकर्ता, रेल हादसे का शिकार हो गए हैं। जिन बीजेपी कार्यकर्ताओं की दुखद मृत्यु हुई है, उनके परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। जो लोग इस हादसे में घायल हुए हैं, मैं उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। दुख की इस घड़ी में हम सभी पीड़ित परिवार के साथ हैं।

साथियों,

मैं पश्चिम बंगाल बीजेपी से आग्रह करूंगा कि पीड़ित परिवारों की हर तरह से मदद की जाए। दुख की इस घड़ी में हम सभी पीड़ित परिवारों के साथ हैं। साथियों, हमारी सरकार का निरंतर प्रयास है कि पश्चिम बंगाल के उन हिंस्सों को भी आधुनिक कनेक्टिविटी मिले जो लंबे समय तक वंचित रहे हैं। बराजगुड़ी से कृष्णानगर तक फोर लेन बनने से नॉर्थ चौबीस परगना, नदिया, कृष्णानगर और अन्य क्षेत्र के लोगों को बहुत लाभ होगा। इससे कोलकाता से सिलीगुडी की यात्रा का समय करीब दो घंटे तक कम हो गया है आज बारासात से बराजगुड़ी तक भी फोर लेन सड़क पर भी काम शुरू हुआ है इन दोनों ही प्रोजेक्ट से इस पूरे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों और पर्यटन का विस्तार होगा।

साथियों,

नादिया वो भूमि है जहाँ प्रेम, करुणा और भक्ति का जीवंत स्वरूप...श्री चैतन्य महाप्रभु प्रकट हुए। नदिया के गाँव-गाँव में... गंगा के तट-तट पर...जब हरिनाम संकीर्तन की गूंज उठती थी तो वह केवल भक्ति नहीं होती थी...वह सामाजिक एकता का आह्वान होती थी। होरिनाम दिये जोगोत माताले...आमार एकला निताई!! यह भावना...आज भी यहां की मिट्टी में, यहां के हवा-पानी में... और यहाँ के जन-मन में जीवित है।

साथियों,

समाज कल्याण के इस भाव को...हमारे मतुआ समाज ने भी हमेशा आगे बढ़ाया है। श्री हरीचांद ठाकुर ने हमें 'कर्म' का मर्म सिखाया...श्री गुरुचांद ठाकुर ने 'कलम' थमाई...और बॉरो माँ ने अपना मातृत्व बरसाया...इन सभी महान संतानों को भी मैं नमन करता हूं।

साथियों,

बंगाल ने, बांग्ला भाषा ने...भारत के इतिहास, भारत की संस्कृति को निरंतर समृद्ध किया है। वंदे मातरम्...ऐसा ही एक श्रेष्ठ योगदान है। वंदे मातरम् का 150 वर्ष पूरे होने का उत्सव पूरा देश मना रहा है हाल में ही, भारत की संसद ने वंदे मातरम् का गौरवगान किया। पश्चिम बंगाल की ये धरती...वंदे मातरम् के अमरगान की भूमि है। इस धरती ने बंकिम बाबू जैसा महान ऋषि देश को दिया... ऋषि बंकिम बाबू ने गुलाम भारत में वंदे मातरम् के ज़रिए, नई चेतना पैदा की। साथियों, वंदे मातरम्…19वीं सदी में गुलामी से मुक्ति का मंत्र बना...21वीं सदी में वंदे मातरम् को हमें राष्ट्र निर्माण का मंत्र बनाना है। अब वंदे मातरम् को हमें विकसित भारत की प्रेरणा बनाना है...इस गीत से हमें विकसित पश्चिम बंगाल की चेतना जगानी है। साथियों, वंदे मातरम् की पावन भावना ही...पश्चिम बंगाल के लिए बीजेपी का रोडमैप है।

साथियों,

विकसित भारत के इस लक्ष्य की प्राप्ति में केंद्र सरकार हर देशवासी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। भाजपा सरकार ऐसी नीतियां बना रही है, ऐसे निर्णय ले रही है जिससे हर देशवासी का सामर्थ्य बढ़े आप सब भाई-बहनों का सामर्थ्य बढ़े। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। कुछ समय पहले...हमने GST बचत उत्सव मनाया। देशवासियों को कम से कम कीमत में ज़रूरी सामान मिले...भाजपा सरकार ने ये सुनिश्चित किया। इससे दुर्गापूजा के दौरान... अन्य त्योहारों के दौरान…पश्चिम बंगाल के लोगों ने खूब खरीदारी की।

साथियों,

हमारी सरकार यहां आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी काफी निवेश कर रही है। और जैसा मैंने पहले बताया पश्चिम बंगाल को दो बड़े हाईवे प्रोजेक्ट्स मिले हैं। जिससे इस क्षेत्र की कोलकाता और सिलीगुड़ी से कनेक्टिविटी और बेहतर होने वाली है। साथियों, आज देश...तेज़ विकास चाहता है...आपने देखा है... पिछले महीने ही...बिहार ने विकास के लिए फिर से एनडीए सरकार को प्रचंड जनादेश दिया है। बिहार में भाजपा-NDA की प्रचंड विजय के बाद... मैंने एक बात कही थी...मैंने कहा था... गंगा जी बिहार से बहते हुए ही बंगाल तक पहुंचती है। तो बिहार ने बंगाल में भाजपा की विजय का रास्ता भी बना दिया है। बिहार ने जंगलराज को एक सुर से एक स्वर से नकार दिया है... 20 साल बाद भी भाजपा-NDA को पहले से भी अधिक सीटें दी हैं... अब पश्चिम बंगाल में जो महा-जंगलराज चल रहा है...उससे हमें मुक्ति पानी है। और इसलिए... पश्चिम बंगाल कह रहा है... पश्चिम बंगाल का बच्चा-बच्चा कह रहा है, पश्चिम बंगाल का हर गांव, हर शहर, हर गली, हर मोहल्ला कह रहा है... बाचते चाई….बीजेपी ताई! बाचते चाई बीजेपी ताई

साथियो,

मोदी आपके लिए बहुत कुछ करना चाहता है...पश्चिम बंगाल के विकास के लिए न पैसे की कमी है, न इरादों की और न ही योजनाओं की...लेकिन यहां ऐसी सरकार है जो सिर्फ कट और कमीशन में लगी रहती है। आज भी पश्चिम बंगाल में विकास से जुड़े...हज़ारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स अटके हुए हैं। मैं आज बंगाल की महान जनता जनार्दन के सामने अपनी पीड़ा रखना चाहता हूं, और मैं हृदय की गहराई से कहना चाहता हूं। आप सबकों ध्यान में रखते हुए कहना चाहता हूं और मैं साफ-साफ कहना चाहता हूं। टीएमसी को मोदी का विरोध करना है करे सौ बार करे हजार बार करे। टीएमसी को बीजेपी का विरोध करना है जमकर करे बार-बार करे पूरी ताकत से करे लेकिन बंगाल के मेरे भाइयों बहनों मैं ये नहीं समझ पा रहा हूं कि पश्चिम बंगाल के विकास को क्यों रोका जा रहा है? और इसलिए मैं बार-बार कहता हूं कि मोदी का विरोध भले करे लेकिन बंगाल की जनता को दुखी ना करे, उनको उनके अधिकारों से वंचित ना करे उनके सपनों को चूर-चूर करने का पाप ना करे। और इसलिए मैं पश्चिम बंगाल की प्रभुत्व जनता से हाथ जोड़कर आग्रह कर रहा हूं, आप बीजेपी को मौका देकर देखिए, एक बार यहां बीजेपी की डबल इंजन सरकार बनाकर देखिए। देखिए, हम कितनी तेजी से बंगाल का विकास करते हैं।

साथियों,

बीजेपी के ईमानदार प्रयास के बीच आपको टीएमसी की साजिशों से भी उसके कारनामों से भी सावधान रहना होगा टीएमसी घुसपैठियों को बचाने के लिए पूरा जोर लगा रही है बीजेपी जब घुसपैठियों का सवाल उठाती है तो टीएमसी के नेता हमें गालियां देते हैं। मैंने अभी सोशल मीडिया में देखा कुछ जगह पर कुछ लोगों ने बोर्ड लगाया है गो-बैक मोदी अच्छा होता बंगाल की हर गली में हर खंबे पर ये लिखा जाता कि गो-बैक घुसपैठिए... गो-बैक घुसपैठिए, लेकिन दुर्भाग्य देखिए गो-बैक मोदी के लिए बंगाल की जनता के विरोधी नारे लगा रहे हैं लेकिन गो-बैक घुसपैठियों के लिए वे चुप हो जाते हैं। जिन घुसपैठियों ने बंगाल पर कब्जा करने की ठान रखी है...वो TMC को सबसे ज्यादा प्यारे लगते हैं। यही TMC का असली चेहरा है। TMC घुसपैठियों को बचाने के लिए ही… बंगाल में SIR का भी विरोध कर रही है।

साथियों,

हमारे बगल में त्रिपुरा को देखिए कम्युनिस्टों ने लाल झंडे वालों ने लेफ्टिस्टों ने तीस साल तक त्रिपुरा को बर्बाद कर दिया था, त्रिपुरा की जनता ने हमें मौका दिया हमने त्रिपुरा की जनता के सपनों के अनुरूप त्रिपुरा को आगे बढ़ाने का प्रयास किया बंगाल में भी लाल झंडेवालों से मुक्ति मिली। आशा थी कि लेफ्टवालों के जाने के बाद कुछ अच्छा होगा लेकिन दुर्भाग्य से टीएमसी ने लेफ्ट वालों की जितनी बुराइयां थीं उन सारी बुराइयों को और उन सारे लोगों को भी अपने में समा लिया और इसलिए अनेक गुणा बुराइयां बढ़ गई और इसी का परिणाम है कि त्रिपुरा तेज गते से बढ़ रहा है और बंगाल टीएमसी के कारण तेज गति से तबाह हो रहा है।

साथियो,

बंगाल को बीजेपी की एक ऐसी सरकार चाहिए जो डबल इंजन की गति से बंगाल के गौरव को फिर से लौटाने के लिए काम करे। मैं आपसे बीजेपी के विजन के बारे में विस्तार से बात करूंगा जब मैं वहां खुद आऊंगा, जब आपका दर्शन करूंगा, आपके उत्साह और उमंग को नमन करूंगा। लेकिन आज मौसम ने कुछ कठिनाइंया पैदा की है। और मैं उन नेताओं में से नहीं हूं कि मौसम की मूसीबत को भी मैं राजनीति के रंग से रंग दूं। पहले बहुत बार हुआ है।

मैं जानता हूं कि कभी-कभी मौसम परेशान करता है लेकिन मैं जल्द ही आपके बीच आऊंगा, बार-बार आऊंगा, आपके उत्साह और उमंग को नमन करूंगा। मैं आपके लिए आपके सपनों को पूरा करने के लिए, बंगाल के उज्ज्वल भविष्य के लिए पूरी शक्ति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर के आपके साथ काम करूंगा। आप सभी को मेरा बहुत-बहुत धन्यवाद।

मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए...

वंदे मातरम्..

वंदे मातरम्..

वंदे मातरम्

बहुत-बहुत धन्यवाद