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ग्लोबल ट्रेड शो का उद्घाटन किया और इन्वेस्ट यूपी 2.0 लॉन्च किया
उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व और उत्तर प्रदेश में विकास के अवसरों की सराहना की
"अब उत्तर प्रदेश की पहचान सुशासन, बेहतर कानून व्यवस्था, शांति और स्थिरता से होती है"
“आज यूपी आशा और प्रेरणा का स्रोत बन गया है”
"देश का हर नागरिक विकास के पथ पर चलना चाहता है और एक 'विकसित भारत' देखना चाहता है"
"आज, भारत बाध्यता से नहीं, संकल्प के साथ सुधार कर रहा है"
“जब अभिनव मूल्य और आपूर्ति-श्रृंखला विकसित करने की बात आती है तो उत्तर प्रदेश एक चैंपियन के रूप में दिखाई देता है”
“डबल इंजन सरकार का संकल्प और उत्तर प्रदेश की संभावनाएं, इससे अच्छी साझेदारी नहीं हो सकती”

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य जी, ब्रजेश पाठक जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे वरिष्ठ सहयोगी और यही लखनऊ के प्रतिनिधि श्रीमान राजनाथ सिंह जी, विभिन्न देशों से आए सभी वरिष्ठ महानुभाव, यूपी के सभी मंत्रीगण और ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में पधारे इंडस्ट्री जगत के सम्मानीय सदस्य, global investor fraternity, पॉलिसी मेकर्स, कॉरपोरेट लीडर्स, देवियों और सज्जनों!

आप सभी का ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में बहुत-बहुत स्वागत है। आप सोच रहे होंगे कि मैं मुख्य अतिथि होने पर भी ये स्वागत की जिम्मेदारी क्यों उठा रहा हूं, ये इसलिए क्योंकि मेरी एक और भूमिका भी है। आप सबने मुझे भारत के प्रधानमंत्री के साथ-साथ उत्तर प्रदेश का सांसद भी बनाया है। उत्तर प्रदेश के प्रति मेरा एक विशेष स्नेह है और यूपी के लोगों के प्रति मेरी एक विशेष जिम्मेदारी भी है। मैं आज उस दायित्व को भी निभाने के लिए आज इस समिट का हिस्सा बना हूं। और इसलिए मैं देश-विदेश से यूपी आने वाले आप सभी investors का अभिनंदन करता हूं, स्वागत करता हूं।

साथियों,

उत्तर प्रदेश की धरती अपने सांस्कृतिक वैभव, गौरवशाली इतिहास और समृद्ध विरासत के लिए जानी जाती है। इतना सामर्थ्य होने के बावजूद, यूपी के साथ कुछ बातें जुड़ गई थीं। लोग कहते थे, यूपी का विकास होना मुश्किल है। लोग कहते थे, यहां कानून व्यवस्था सुधरना नामुमकिन है। यूपी बीमारू राज्य कहलाता था, यहां आए दिन हजारों करोड़ के घोटाले होते थे। हर कोई यूपी से अपनी उम्मीदें छोड़ चुका था। लेकिन सिर्फ 5-6 साल के भीतर यूपी ने अपनी एक नई पहचान स्थापित कर ली है और डंके की चोट पर कर दी है। अब यूपी को सुशासन से, Good Governance से पहचाना जा रहा है। अब यूपी की पहचान बेहतर कानून-व्यवस्था, शांति और स्थिरता के लिए है। अब यहां wealth creators के लिए नित्य नए अवसर बन रहे हैं। बीते कुछ वर्षों में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर उत्तर प्रदेश के इस इंफ्रास्ट्रक्चर की जो पहल है, उसके परिणाम नज़र आ रहे हैं। बिजली से लेकर कनेक्टिविटी तक हर क्षेत्र में सुधार आया है। बहुत जल्द यूपी देश के उस इकलौते राज्य के तौर पर भी जाना जाएगा, जहां 5 इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स हैं। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से यूपी सीधे समुद्र से जुड़ रहा है गुजरात और महाराष्ट्र के पोर्ट्स से कनेक्ट होता जा रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ यूपी में सरकारी सोच और अप्रोच में ease of doing business के लिए सार्थक बदलाव आया है।

साथियों,

आज यूपी एक आशा, एक उम्मीद बन चुका है। भारत अगर आज दुनिया के लिए Bright spot है, तो यूपी भारत की ग्रोथ को drive करने वाला एक अहम नेतृत्व दे रहा है।

साथियों,

आप सभी इंडस्ट्री के दिग्गज यहां हैं। आप में से अधिकतर को एक लंबा अनुभव भी है। दुनिया की वर्तमान स्थिति भी आप सभी से छिपी नहीं है। आप भारत की इकॉनॉमी के आज के सामर्थ्य और यहां के macro और micro economic fundamentals को भी बहुत बारीकी से देख रहे हैं। आखिर pandemic और war के shock से बाहर निकलकर भारत fastest growing economy कैसे बना है? आज दुनिया की हर credible voice ये मानती है कि भारत की अर्थव्यवस्था ऐसे ही तेजी से आगे बढ़ती रहेगी। आखिर ऐसा क्या हुआ कि वैश्विक संकट के इस दौर में भारत ने ना सिर्फ रेसिलिएंस दिखाया, बल्कि recovery भी उतनी ही तेजी से की।

साथियों,

इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है भारतीयों का खुद पर बढ़ता भरोसा, खुद पर आत्मविश्वास। आज भारत के youth की सोच में, भारत के समाज की सोच और aspirations में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। आज भारत का हर नागरिक, ज्यादा से ज्यादा विकास होते देखना चाहता है। वो अब भारत को जल्द से जल्द विकसित होते देखना चाहता है। भारत के समाज की aspirations, आज सरकारों को भी push कर रही है और यही aspirations विकास के कार्यों में भी गति ला रही है।

और साथियों,

मत भूलिए कि आज आप जिस राज्य में बैठे हैं, उसकी आबादी करीब-करीब 25 करोड़ है। दुनिया के बड़े-बड़े देशों से भी ज्यादा सामर्थ्य, अकेले उत्तर प्रदेश में है। पूरे भारत की तरह ही आज यूपी में एक बहुत बड़ी aspirational society आपका इंतजार कर रही है।

साथियों,

आज भारत में सोशल, फिजिकल और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर जो काम हुआ है, उसका बड़ा लाभ यूपी को भी मिला है। इस कारण आज यहां समाज socially and financially बहुत अधिक Inclusive हो चुका है, कनेक्टेड हो चुका है। एक मार्केट के रुप में भारत अब सीमलेस हो रहा है, सरकारी प्रक्रियाएं भी सरल हो रही हैं। मैं अक्सर कहता हूं कि आज भारत out of compulsion नहीं, बल्कि out of conviction reform करता है। यही कारण है कि भारत 40 हज़ार से अधिक compliances को खत्म कर चुका है, दर्जनों पुराने कानूनों को खत्म कर चुका है।

साथियों,

आज भारत सही मायने में स्पीड और स्केल के रास्ते पर चल पड़ा है। एक बहुत बड़े वर्ग की बेसिक ज़रूरतों को हमने पूरा कर लिया है, इसलिए वो एक लेवल ऊपर की सोचने लगा है, आगे की सोचने लगा है। यही भारत पर भरोसे का सबसे बड़ा कारण है।

साथियों,

कुछ दिन पहले भारत सरकार का जो बजट आया है, उसमें भी आपको यही कमिटमेंट साफ-साफ दिखेगा। इंफ्रास्ट्रक्चर पर रिकॉर्ड खर्च आज सरकार कर रही है और हर वर्ष इसको हम बढ़ा रहे हैं। इसलिए आज आपके लिए infrastructure में investment के नए मौके बन रहे हैं। आज आपके लिए Health, Education, Social Infrastructure में investment के भी अनेक अवसर हैं। ग्रीन ग्रोथ के जिस रास्ते पर भारत चल पड़ा है, उसमें तो मैं आपको विशेष रूप से आमंत्रित करता हूं। इस वर्ष के बजट में 35 हज़ार करोड़ रुपए तो हमने सिर्फ एनर्जी ट्रांजिशन के लिए रखे हैं, ये दिखाता है कि हमारा इरादा क्या है। मिशन ग्रीन हाइड्रोजन हमारे इसी इरादे को बुलंद करता है। इस बजट में इससे जुड़ा पूरा इकोसिस्टम विकसित करने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ट्रांसफॉर्मेशन के लिए एक नई सप्लाई और वैल्यू चेन हम विकसित कर रहे हैं।

साथियों,

मुझे खुशी है कि नई वैल्यू और सप्लाई चेन विकसित करने के लिए यूपी आज एक नया चैंपियन बनकर उभर रहा है। परंपरा और आधुनिकता से जुड़े उद्योगों का, MSMEs का एक बहुत ही सशक्त नेटवर्क आज उत्तर प्रदेश में vibrant है। यहां भदोही के कालीन और बनारसी सिल्क है। भदोही कार्पेट क्लस्टर और वाराणसी सिल्क क्लस्टर भी और उसकी वजह से यूपी भारत का टेक्सटाइल हब है। आज, भारत के कुल मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में 60 percent से भी ज्यादा मोबाइल अकेले उत्तर प्रदेश में होता है। मोबाइल कंपोनेंट की सबसे ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग भी यूपी में ही होती है। अब देश के दो डिफेंस कॉरिडोर्स में से एक यूपी में बन रहा है। यूपी डिफेंस कॉरिडोर पर तेज़ी से काम चल रहा है। आज मेड इन इंडिया defense equipments की डिमांड निरंतर बढ़ रही है। भारतीय सेना को भी हम अधिक से अधिक मेड इन इंडिया डिफेंस सिस्टम, डिफेंस प्लेटफॉर्म्स देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। और इस महान काम का नेतृत्व इसी लखनऊ की धरती के हमारे कर्मवीर राजनाथ सिंह जी संभाल रहे हैं। ऐसे समय में जब भारत एक वाइब्रेंट डिफेंस इंडस्ट्री का विकास कर रहा है, तो first mover advantage आपको ज़रूर लेना चाहिए।

साथियों,

उत्तर प्रदेश में तो Dairy, Fisheries, Agriculture और Food Processing सेक्टर में अनेक संभावनाएं हैं। फल और सब्जियों को लेकर उत्तर प्रदेश में बहुत डायवर्सिटी है। ये एक ऐसा सेक्टर है, जिसमें अभी भी प्राइवेट सेक्टर की हिस्सेदारी बहुत सीमित है। आपको जानकारी होगी कि फूड प्रोसेसिंग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम लेकर हम आए हैं। इसका लाभ आपको ज़रूर उठाना चाहिए।

साथियों,

आज सरकार का ये प्रयास है कि इनपुट से लेकर पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट तक, एक आधुनिक व्यवस्था किसानों के लिए बने। छोटे इन्वेस्टर्स, Agri Infra Fund का उपयोग कर सकते हैं। इसी प्रकार देश भर में एक बहुत बड़ी स्टोरेज कैपेसिटी विकसित करने के लिए बजट में हमने प्रावधान किया है। ये भी छोटे निवेशकों के लिए बहुत बढ़िया मौका है।

साथियों,

आज भारत का बहुत अधिक हमारा फोकस क्रॉप डायवर्सिफिकेशन पर है, छोटे किसानों को ज्यादा साधन देने और उनकी इनपुट कॉस्ट घटाने पर है। इसलिए नैचुरल फार्मिंग की तरफ हम तेज़ी से बढ़ रहे हैं। यहां यूपी में गंगा के किनारे दोनों तरफ 5 किलोमीटर क्षेत्र में नैचुरल फार्मिंग शुरु हो गई है। अब इस वर्ष के बजट में हमने किसानों की मदद के लिए 10 हज़ार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर्स बनाने की घोषणा की है। ये नैचुरल फार्मिंग को और अधिक प्रोत्साहित करेगा। इसमें भी private entrepreneurs के लिए इन्वेस्टमेंट की अनेक संभावनाएं हैं।

साथियों,

भारत में एक और नया अभियान हमारे मिलेट्स को लेकर के शुरू हुआ है। भारत के ये मिलेट्स आमतौर पर लोगों की भाषा में उसको मोटा अनाज कहते हैं। अब उसकी कई varieties हैं, विश्व बाजार में उसकी एक पहचान बने, इसके लिए आपने बजट में सुना होगा हमने इस मिलेट्स को मोटे अनाज को एक नया नाम दिया है- श्री अन्न, ये श्री अन्न जिसमें nutrition value बहुत अधिक है, ये सुपर फुड है। जैसा श्रीफल का माहात्म्य है, वैसा ही श्री अन्न का भी माहात्म्य बनने वाला है। हमारा ये प्रयास है कि भारत का श्री अन्न ग्लोबल न्युट्रिशन सिक्योरिटी को एड्रेस करे। दुनिया इस वर्ष को International Year of Millets के रूप में भी मना रही है। इसलिए एक तरफ हम किसानों को श्री अन्न के उत्पादन के लिए मोटिवेट कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इसके लिए ग्लोबल मार्केट का भी विस्तार कर रहे हैं। फूड प्रोसेसिंग सेक्टर से जुड़े साथी Ready to Eat और Ready to cook श्री अन्न के प्रोडक्ट्स में संभावनाएँ तलाश सकते हैं और मानव जाति की बड़ी सेवा भी कर सकते हैं।

साथियों,

उत्तर प्रदेश में एक और विषय में बहुत प्रशंसनीय काम हुआ है। ये काम एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट से जुड़ा है। महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष यूनिवर्सिटी, अटल बिहारी वाजपेयी हेल्थ यूनिवर्सिटी, राजा महेन्द्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी, मेजर ध्यानचन्द स्पोटर्स यूनिवर्सिटी, ऐसे अनेक संस्थान अलग-अलग स्किल्स के लिए युवाओं को तैयार करेंगे। मुझे बताया गया है कि स्किल डेवलपमेंट मिशन के तहत अभी तक यूपी के 16 लाख से अधिक युवाओं को अलग-अलग स्किल्स में trained किया गया है। यूपी सरकार ने पीजीआई लखनऊ, आईआईटी कानपुर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़े कोर्सेज भी शुरु किए हैं। और मैं जब अभी आ रहा था, तो शिक्षा जिनके जिम्मे होती है, हमारी गवर्नर साहेबान चांसलर के रूप में वो काम देखती है उन्होंने मुझे बताया कि उत्तर पद्रेश के लिए बड़े गर्व की बात है कि net-accreditation में इस बार उत्तर प्रद्रेश की 4 यूनिवसिर्टीज ने हिन्दुस्तान को अपना लोहा मनवा दिया है। मैं शिक्षा जगत से जुड़े लोगों को और चांसलर मैडम को ह्दय से अभिनंदन करता हूं। देश के स्टार्ट अप रेवोल्यूशन में भी यूपी की भूमिका लगातार बढ़ रही है। आने वाले कुछ वर्षों में 100 incubators और तीन State-of-the-Art Centres को स्थापित करने का लक्ष्य यूपी सरकार ने रखा है। यानि यहां आने वाले इंवेस्टर्स को टेलेंटेड और स्किल्ड युवाओं का एक बहुत बड़ा पूल भी मिलने जा रहा है।

साथियों,

एक तरफ डबल इंजन सरकार का इरादा, और दूसरी तरफ संभावनाओं से भरा उत्तर प्रदेश, इससे बेहतर पार्टनरशिप हो ही नहीं सकती। ये जो समय है, इसको हमें गंवाना नहीं चाहिए। भारत की समृद्धि में दुनिया की समृद्धि निहित है। भारत के उज्ज्वल भविष्य में दुनिया के उज्ज्वल भविष्य की गांरटी पड़ी है। समृद्धि की इस यात्रा में आप सबकी भागीदारी बहुत ही महत्वपूर्ण है। ये निवेश सबके लिए शुभ हो, मंगल हो। इसी कामना के साथ investment के लिए आगे आए हुए देश और दुनिया के सभी Investors को मैं अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं और उत्तर प्रदेश के एमपी के नाते मैं आपको भरोसा देता हूं कि उत्तर पद्रेश की आज की सरकार, उत्तर प्रदेश की आज की bureaucracy प्रगति की राह पर दृढ़ संकल्प होकर के चल पड़ी है वो आपके सपनों को साकार करने के लिए, आपके संकल्पों को सिद्ध करने के लिए पूरे सामर्थ्य के साथ अग्रदूत बनकर के आपके साथ खड़ी है, इसी विश्वास के साथ मैं फिर एक बार देश और दुनिया के investors को हमारे उत्तर प्रदेश की धरती पर निमंत्रण करता हूं, स्वागत करता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the closing ceremony of Kashi Sansad Sanskritik Mahotsav 2023 and dedication of Atal Awasiya Vidyalayas in Varanasi
September 23, 2023
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Inaugurates 16 Atal Awasiya Vidyalayas
“Efforts like Kashi Sansad Sanskritik Mahotsav strengthen the cultural vibrancy of this ancient city”
With the blessings of Mahadev, Kashi is scripting unprecedented dimensions of development”
“Kashi and culture are the two names of the same energy”
“Music flows in every corner of Kashi, after all, this is the city of Natraj himself
“When I came here in 2014, the dream of development and heritage of Kashi that I had imagined is now slowly coming true”
“Varanasi has been a center of learning for centuries due its all inclusive spirit”
“I want the culture of tourist guides to flourish in Kashi and Tourist Guides of Kashi to be the most respected in the world”

हर हर महादेव!

उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान योगी आदित्यनाथ जी, मंच पर उपस्थित सभी महानुभाव, काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव के सभी प्रतिभागी साथियों, और रुद्राक्ष सेंटर में उपस्थित मेरे प्यारे काशीवासियों!

बाबा के आशीर्वाद से काशी का सम्मान आज नित नई-नई ऊँचाइयों को छू रहा है। G-20 समिट के जरिए भारत ने पूरी दुनिया में अपना झण्डा गाड़ा है, लेकिन उसमें काशी की चर्चा विशेष है। काशी की सेवा, काशी का स्वाद, काशी की संस्कृति और काशी का संगीत....जी-20 के लिए जो-जो मेहमान काशी आया वो इसे अपनी यादों में समेटते हुए साथ लेकर के गया है। मैं मानता हूँ कि G-20 की ये अद्भुत सफलता महादेव के आशीर्वाद से ही संभव हुई है।

साथियों,

बाबा की कृपा से काशी अब विकास के ऐसे आयाम गढ़ रही है, जो अभूतपूर्व हैं। आपको भी लगता है ना? आप बोलेंगे तो पता चलेगा। मैं जो कह रहा हूं आपको सच लग रहा है? आप बदलाव देख रहे हैं? काशी चमक रही है? दुनिया में काशी का नाम बढ़ता चला जा रहा है?

साथियों,

आज ही मैंने बनारस के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास किया है। और अभी-अभी मुझे यूपी के 16 अटल आवासीय विद्यालयों के लोकार्पण का अवसर भी मिला है। मैं इन सभी उपलब्धियों के लिए काशीवासियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। उत्तर प्रदेश के लोगों को बधाई देता हूं, मेरे श्रमिक परिवारों को बधाई देता हूं।

मेरे परिवारजनों,

2014 में जब मैं यहाँ आया था, तो मैंने जिस काशी की कल्पना की थी, विकास और विरासत का वो सपना अब धीरे-धीरे साकार हो रहा है। दिल्ली में व्यस्तता के बीच भी मैं काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव के जो आपका कार्यक्रम चला और मैंने तो देखा बहुत व्यापक रूप से लोगों ने हिस्सा लिया, तो मैं कभी रात को देर से पहुंचता था तो भी दो पांच दस मिनट निकालकर के वीडियो देख लेता था क्या चल रहा है? और मैंने देखा बड़ी प्रभावित करने वाली आपकी प्रस्तुतियां थी। अद्भुत संगीत, अद्भुत प्रस्तुति! मुझे गर्व है कि सांसद सांस्कृतिक महोत्सव के जरिए मुझे इस क्षेत्र की, इस धरती की, इतनी प्रतिभाओं से सीधा जुड़ने का अवसर मिल गया। और अभी तो इस आयोजन का ये पहला साल रहा है। लेकिन फिर भी इसमें करीब 40 हजार लोगों ने, कलाकारों ने हिस्सा लिया, और लाखों दर्शक प्रत्यक्ष रूप में इसका आनंद लेने के लिए आए। मुझे विश्वास है, बनारस के लोगों के प्रयास से, आने वाले वर्षों में ये सांस्कृतिक महोत्सव अपने आप में काशी की एक अलग पहचान बनने वाला है। इसका सामर्थ्य इतना बढ़ने वाला है कि हर कोई लिखेगा कि मैं उस स्पर्धा में मैंने हिस्स लिया था। मैंने उस स्पर्धा में ईनाम पाया था। और दुनिया भी पूछेगी अच्छा उसमें आप नंबर लाए थे तो आ जाइये आपके इंटरव्यू की जरूरत नहीं है, ये होने वाला है। ये देश दुनिया के पर्यटकों के लिए ये हमारा काशी आकर्षण का एक नया केंद्र भी बनेगा ये मानकर के चलिए।

मेरे परिवारजनों,

काशी और संस्कृति, एक ही चीज के, एक ही ऊर्जा के दो नाम हैं। आप उनको अलग कर ही नहीं सकते। और काशी को तो देश की सांस्कृतिक राजधानी होने का गौरव प्राप्त है। और काशी की तो गली-गली में गीत गूँजते हैं। और ये स्वाभाविक भी है। क्योंकि ये नटराज की अपनी नगरी है। और सारी नृत्य कलाएं नटराज के तांडव से ही प्रकट हुई हैं। सारे स्वर महादेव के डमरू से उत्पन्न हुये हैं। सारी विधाओं ने बाबा के विचारों से जन्म लिया है। इन्हीं कलाओं और विधाओं को भरत मुनि जैसे आदि आचार्यों ने व्यवस्थित और विकसित किया। और काशी मतलब ‘सात वार- नौ त्यौहार’, ये ‘सात वार- और नौ त्यौहार’ वाली मेरी काशी में कोई भी उत्सव गीत-संगीत के बिना पूरा हो ही नहीं सकता। चाहे घर की बैठकी हो या बजड़े पर बुढवा मंगल, भरत मिलाप हो या नाग नथैया, संकटमोचन का संगीत समारोह हो या देव-दीपावली पर यहाँ सब कुछ सुरों में समाया हुआ है।

साथियों,

काशी में शास्त्रीय संगीत की जितनी गौरवशाली परंपरा है, उतने ही अद्भुत यहाँ के लोकगीत भी हैं। यहाँ तबला भी है, यहाँ शहनाई और सितार भी है। यहाँ सारंगी के सुर भी हैं, यहाँ वीणा का वादन भी है। ख्याल, ठुमरी, दादरा, चैती और कजरी जैसी कितनी ही विधाओं को बनारस ने सदियों से सहेजकर रखा है। पीढ़ी-दर-पीढ़ी परिवारों ने, गुरू-शिष्य परम्पराओं ने भारत की इस मधुर आत्मा को जीवित बनाए रखा। बनारस का तेलिया घराना, पियरी घराना, रामापुरा-कबीरचौरा मोहल्ले के संगीतज्ञ, ये विरासत अपने आपमें कितनी समृद्ध रही है! बनारस के ऐसे कितने ही कलाकार हैं, जिन्होंने पूरे विश्व में अपनी छाप छोड़ी है। मैं सबके नाम लेना शुरू करूंगा तो शायद कितने दिन निकल जाएँ। कितने ही विश्व प्रसिद्ध नाम यहाँ अभी हमारे सामने उपस्थित हैं। मेरा सौभाग्य है कि मुझे बनारस के ऐसे कई सांस्कृतिक आचार्यों से मिलने का, उनके साथ समय बिताने का सौभाग्य मिला है।

साथियों,

आज यहां काशी सांसद खेल प्रतियोगिता के पोर्टल को भी लॉन्च किया गया है। सांसद खेल प्रतियोगिता हो, सांसद सांस्कृतिक महोत्सव हो, काशी में नई परंपराओं की ये तो शुरुआत है। अब यहां काशी सांसद ज्ञान प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा। कोशिश यही है कि काशी के इतिहास, यहां की समृद्ध विरासत, यहां के त्योहार, यहां के खान-पान के प्रति जागरूकता और बढ़े। सांसद ज्ञान प्रतियोगिता भी बनारस के शहरी और ग्रामीण इलाकों में अलग-अलग स्तर पर आयोजित की जाएगी।

साथियों,

काशी के बारे में सबसे ज्यादा काशी के ही लोग जानते हैं, और यहां का हर व्यक्ति, हर परिवार वो सच्चे अर्थों में काशी का ब्रांड एंबेसडर है। लेकिन साथ ही ये भी जरूरी है कि सभी लोग काशी के बारे में अपनी जानकारी को अच्छी तरह बता पाएं। और इसलिए शायद देश में पहली बार मेरे मन में एक इच्छा है, यहां शुरू करूं। अब सबका साथ मिलेगा? आपको पता तो है नहीं मैं क्या कहने वाला हूं, फिर भी हां कह दिया। देखिए कोई भी टूरिस्ट प्लेस होता है, यात्रा धाम होता है तो वहां पर आज के युग में उत्तम से उत्तम गाइड बहुत आवश्यक होते हैं। और गाइड प्रतिभावान हो, जानकारियों के संबंध में परफैक्ट हो, गोलमोल नहीं। ये दो सौ साल है दूसरा बोलेगा ढाई सो साल पुराना है, तीसरा बोलेगा तीन सौ साल पुराना है, ऐसा नहीं। वो 240 बोलेगा मतलब 240। ये ताकत काशी में होनी चाहिए। और आजकल टूरिस्ट गाइड का भी एक बहुत बड़ा रोजगार बन रहा है। क्योंकि जो टूरिस्ट आता है वो सब चीजों को समझना चाहता है। और टूरिस्ट गाइड को पैसे भी देना चाहता है। और इसलिए मेरी एक इच्छा है और मैं कोशिश कर रहा हूं शुरू करेंगे अब यहां काशी सांसद टूरिस्ट गाइड उसकी कम्पटीशन भी आयोजित की जाएगी। आप गाइड बनकर के आइये, लोगों को समझाइये कि जगह के विषय में और इनाम पाईये। उसके कारण लोगों को पता चलेगा कि इस शहर में गाइड का एक कल्चर बन रहा है। और मुझे ये काम इसलिए करना है कि मैं चाहता हूं कि मेरी काशी का पूरी दुनिया में डंका बजना चाहिए। और में चाहता हूं कि पूरी दुनिया में अगर कोई कहीं गाइड की बात करे तो काशी के गाइड्स का नाम सबसे सम्मान से लिया जाए। मैं सभी काशी वासियों से अपील करना चाहूंगा कि आप अभी से तैयारी करिए, और बढ़-चढ़कर के उसमें हिस्सा लें।

मेरे परिवारजनों,

हमारा बनारस सदियों से शिक्षा का भी एक बड़ा केंद्र रहा है। बनारस की शैक्षणिक सफलता का सबसे बड़ा आधार है- इसका सर्वसमावेशी स्वभाव! देश और दुनिया के कोने-कोने से आकर लोग यहाँ पढ़ाई करते हैं। आज भी दुनिया के कितने ही देशों से लोग यहाँ संस्कृत सीखने आते हैं, ज्ञान लेने आते हैं। आज हमने इसी भावना को केंद्र में रखकर यहाँ से अटल आवासीय विद्यालयों का शुभारंभ किया है। आज जिन अटल आवासीय विद्यालयों का लोकार्पण हुआ है उन पर करीब 11 सौ करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। और ये स्कूल इतने भव्य स्कूल हमारे श्रमिक, हमारे यहां मजदूरी करने वाले जो लोग हैं और समाज के जो सबसे कमजोर वर्ग हैं, उनके बेटे बेटियों के लिए किया गया काम है। और इससे उनको अच्छी शिक्षा मिलेगी, संसकार मिलेंगे, आधुनिकतम शिक्षा मिलेगी। जिन लोगों की कोरोना में दु:खद मृत्यु हो गई, उनके बच्चों को भी इन आवासीय विद्यालयों में निःशुल्क पढ़ाया जाएगा। मुझे बताया गया है कि इन स्कूलों में कोर्स के साथ-साथ संगीत, कला, क्राफ्ट, कंप्यूटर, और स्पोर्ट्स के लिए भी शिक्षक होंगे। यानी, गरीब के बच्चे भी अब अच्छी से अच्छी पढ़ाई का, सर्वांगीण शिक्षा का सपना पूरा कर पाएंगे। और केंद्र सरकार की ओर से हमने इसी तरह जनजातीय समाज के बच्चों के लिए एकलव्य आवासीय स्कूल बनाए हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए हमने शिक्षा व्यवस्था की पुरानी सोच को भी बदला है। अब हमारे स्कूल्स आधुनिक बन रहे हैं। क्लासेस स्मार्ट हो रही हैं। भारत सरकार ने देश के हजारों स्कूलों को आधुनिक बनाने के लिए पीएम-श्री अभियान भी शुरू किया है। इस अभियान के तहत देश के हजारों स्कूलों को मॉर्डन टेक्नोल़ॉजी से लैस किया जा रहा है।

साथियों,

काशी में सांसद के तौर पर जो भी नए कार्यक्रम शुरू हो रहे हैं, उन सभी में मुझे आपका भरपूर सहयोग मिल रहा है। ये जो अटल आवासीय विद्यालय है ना, ये जो construction workers होते हैं। जो कभी ये गांव दूसरे गांव ऐसा काम करते हैं ना, बच्चों की पढ़ाई छुट जाती है और उसके लिए एक बजट रखा जाता है। उसमें से उनके बच्चों की चिंता करने का विषय होता है। आप देखिए कि तत्कालीन राजनीतिक लाभ लेने का जिनका इरादा नहीं होता है, स्वार्थभाव नहीं होता है वो कैसे काम करते हैं। और जिनके दिल दिमाग में सिर्फ चुनाव ही भरा रहता है, कैसे भी करके वोट बटोरने के खेल खेलने की आदत रहती है। वो ऐसे पैसों को कैसे बर्बाद करते हैं आप हिन्दुस्तान में जानकारी लेंगे तो पता चलेगा। ये पैसे सभी राज्यों के पास हैं और भारत सरकार ने पूरी की पूरी उनको छूट देकर रखी है। लेकिन ज्यादातर राज्य वोट मिलने वाले कामों के लिए उन पैसों को खपा रहे हैं। जबकि योगी जी ने और मेरी बात तो बहुत पहले हुई थी लेकिन उन्होंने मन में रखा और आज और ये बच्चे इतने तैयार होंगे ना उस परिवार को फिर मजदूरी करने की नौबत ही नहीं रहेगी। अभी मैं अटल आवासीय विद्यालय के कुछ बच्चों से मिलकर आया, श्रमिक परिवार के बच्चे थे, पक्का घर भी कभी देखा नहीं था। लेकिन इतने कम समय में जो आत्मविश्वास मैंने उनका देखा, मैं उनके सभी टीचर्स को भी बधाई देता हूं। जिस आत्मविश्वास से वो बातें कर रहे थे और प्रधानमंत्री को जिस प्रकार से वो बता रहे थे, ऐसे सवाल पूछ रहे थे, मैं भी तो कोई स्लेबस पढ़कर आया नहीं था। मुझे दिख रहा था कि इन बच्चों में स्पार्क है, सामर्थ्य है, मैं पक्का मानता हूं दोस्तों, 10 साल के भीतर-भीतर देखना इन स्कूलों में से उत्तरप्रदेश की और काशी की आन-बान-शान निखरने वाली है।

मेरे प्यारे काशीवासियों,

मुझ पर अपने आशीर्वाद ऐसे ही बनाए रखिए। इसी भावना के साथ, आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद!

हर हर महादेव!