Quote“बीते 7 सालों में हम कैसे सरकार को दिल्ली के बंद कमरों से निकालकर देश के कोने-कोने में ले आए हैं, महोबा उसका साक्षात गवाह है”
Quote“किसानों को हमेशा समस्याओं में उलझाए रखना ही कुछ राजनीतिक दलों का आधार रहा है; ये समस्याओं की राजनीति करते हैं और हम समाधान की राष्ट्रनीति करते हैं”
Quote“पहली बार बुंदेलखंड के लोग, यहां के विकास के लिए काम करने वाली सरकार को देख रहे हैं; पिछली सरकारें उत्तर प्रदेश को लूटते नहीं थकती थीं, हम काम करते-करते नहीं थकते हैं”
Quote“परिवारवादियों की सरकारें किसानों को सिर्फ अभाव में रखना चाहती थीं; वो किसानों के नाम से घोषणाएं करते थे, लेकिन किसान तक पाई भी नहीं पहुंचती थी”
Quote"बुंदेलखंड की प्रगति के लिए कर्म योगियों की डबल-इंजन वाली सरकार अथक प्रयास कर रही है"

भारत माता की, जय!

भारत माता की, जय!

जौन महोबा की धरा में, आल्हा-ऊदल और वीर चंदेलों की वीरता कण-कण में माई है, वा महोबा के वासियन को, हमाओ, कोटि-कोटि प्रनाम पौंचे।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी, यूपी के लोकप्रिय कर्मयोगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी श्री गजेंद्र सिंह शेखावत जी, यूपी सरकार में मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह जी, श्री जीएस धर्मेश जी, संसद में मेरे साथी आर के सिंह पटेल जी, श्री पुष्पेंद्र सिंह जी, यूपी विधान परिषद और विधानसभा के साथी श्री स्वतंत्रदेव सिंह जी, श्री राकेश गोस्वामी जी, अन्य जनप्रतिनिधिगण और यहां पधारे मेरे प्यारे भाइयों और बहनों!!

महोबा की ऐतिहासिक धरती पर आकर, एक अलग ही अनुभूति होती है। इस समय देश, देश की आजादी और राष्ट्र निर्माण में जनजातीय साथियों के योगदान को समर्पित जनजातीय गौरव सप्ताह भी मना रहा है। इस समय पर वीर आल्हा और ऊदल की पुण्य भूमि पर आना, ये मेरे लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है। गुलामी के उस दौर में भारत में एक नई चेतना जगाने वाले गुरुनानक देव जी का आज प्रकाश पर्व भी है। मैं देश और दुनिया के लोगों को गुरु पूरब की भी अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। आज ही भारत की वीर बेटी, बुंदेलखंड की शान, वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की जयंती भी है। इस कार्यक्रम के बाद मैं झांसी भी जाऊंगा। डिफेंस का एक बहुत बड़ा कार्यक्रम वहां चल रहा है।

भाइयों और बहनों,

बीते 7 सालों में हम कैसे सरकार को दिल्ली के बंद कमरों से निकालकर देश के कोने-कोने में ले आए हैं, महोबा उसका साक्षात गवाह है। ये धरती ऐसी योजनाओं, ऐसे फैसलों की साक्षी रही है, जिन्होंने देश की गरीब माताओं-बहनों-बेटियों के जीवन में बड़े और सार्थक बदलाव किए हैं। कुछ महीने पहले ही, यहां से पूरे देश के लिए उज्जवला योजना के दूसरे चरण की शुरुआत की गई। मुझे याद है, कुछ साल पहले मैंने महोबा से ही देश की करोड़ों मुस्लिम बहनों से वादा किया था कि कि मैं मुस्लिम बहनों को तीन तलाक की परेशानी से मुक्ति दिलाकर रहूंगा। महोबा में किया वो वायदा, पूरा हो चुका है।

भाइयों और बहनों,

अब अब आज मैं यहां बुंदेलखंड की बहनों और और मेरे प्‍यारे किसान भाइयों-बहनों को बहुत बड़ी सौगात सौंपने आया हूं। आज अर्जुन सहायक परियोजना, रतौली बांध परियोजना, भावनी बांध परियोजना और मझगांव चिल्ली स्प्रिंकलर सिंचाई परियोजना का लोकार्पण करने का मुझे सौभाग्‍य मिला है। 3 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनी इन परियोजनाओं से महोबा के लोगों के साथ ही हमीरपुर, बांदा और ललितपुर जिले के भी लाखों लोगों को, लाखों किसान परिवारों को लाभ होगा। इनसे 4 लाख से अधिक लोगों को पीने का शुद्ध पानी भी मिलेगा। पीढ़ियों से जिस पानी का इंतजार था, वो इंतजार आज समाप्त होने जा रहा है।

साथियों,

आपका उत्‍साह मेरे सिर-आंखों पर। आपका प्‍यार मेरे लिए बहुत कुछ है लेकिन मेरी प्रार्थना है कि देखिए आगे जगह नहीं है, आप आगे मत आने की कोशिश करिए, और वहां भी थोड़ा शांति रखिए।

साथियो,

गुरु नानक देव जी ने कहा है-

पहलां पानी जीओ है, जित हरिया सभ कोय!!

यानि, पानी को हमेशा प्राथमिकता देनी चाहिए क्योंकि पानी से ही सारी सृष्टि को जीवन मिलता है। महोबा सहित ये पूरा क्षेत्र तो सैकड़ों वर्ष पहले जल संरक्षण और जल प्रबंधन का एक उत्तम मॉडल हुआ करता था। बुंदेल, परिहार और चंदेल राजाओं के काल में यहां तालों-तालाबों पर जो काम हुआ, वो आज भी जल संरक्षण का एक बेहतरीन उदाहरण है। सिंध, बेतवा, धसान, केन और नर्मदा जैसी नदियों के पानी ने बुंदेलखंड को समृद्धि भी दी, प्रसिद्धि भी दी। यही चित्रकूट, यही बुंदेलखंड है, जिसने वनवास में भी प्रभु राम का साथ दिया, यहां की वन संपदा ने भी उन्हें आशीर्वाद दिया।

लेकिन साथियों,

सवाल ये कि समय के साथ यही क्षेत्र पानी की चुनौतियों और पलायन का केंद्र कैसे बन गया? क्यों इस क्षेत्र में लोग अपनी बेटी को ब्याहने से कतराने लगे, क्यों यहां की बेटियां पानी वाले क्षेत्र में शादी की कामना करने लगीं। इन सवालों के जवाब महोबा के लोग, बुंदेलखंड के लोग बहुत अच्‍छी तरह जानते हैं।

दिल्ली और उत्तर प्रदेश में लंबे समय तक शासन करने वालों ने बारी-बारी से इस क्षेत्र को उजाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यहां के जंगलों को, यहां के संसाधनों को कैसे माफिया के हवाले किया गया, ये किसी से छिपा नहीं है। और अब देखिए, जब इन्हीं माफियाओं पर यूपी में बुलडोजर चल रहा है, तो कुछ लोग हायतौबा मचा रहे हैं। ये लोग कितनी भी तौबा मचा लें, यूपी के विकास के काम, बुंदेलखंड के विकास के काम, रुकने वाले नहीं हैं।

साथियों,

इन लोगों ने बुंदेलखंड के साथ जैसा बर्ताव किया, उसे यहां के लोग कभी भी भूल नहीं सकते। नलकूप, हैंडपंप की बातें तो बहुत हुईं लेकिन पहले की सरकारों ने ये नहीं बताया कि भू-जल के अभाव में उससे पानी कैसे आएगा? ताल-तलैया के नाम पर फीते बहुत काटे लेकिन हुआ क्या, मुझसे बेहतर आप जानते हैं। बांधों, तालाबों के नाम पर खुदाई की योजनाओं में कमीशन, सूखा राहत में घोटाले, बुंदेलखंड को लूटकर पहले की सरकार चलाने वालों ने अपने परिवार का भला किया। आपका परिवार बूंद-बूंद के लिए तरसता रहे, इससे उनको कोई सरोकार नहीं रहा।

भाइयों और बहनों,

इन्होंने कैसे काम किया, इसका एक उदाहरण ये अर्जुन सहायक परियोजना है। वर्षों तक ये परियोजना लटकी रही, अधूरी पड़ी रही। 2014 के बाद जब मैंने देश में ऐसी लटकी हुई परियोजनायें, ऐसी लटकी हुई सिंचाई योजनाओं का रिकॉर्ड मंगवाना शुरू किया। अर्जुन सहायक परियोजना जल्द से जल्द पूरी हो, इसके लिए भी उस समय की यूपी सरकार से कई बार चर्चा की, अनेक स्‍तर पर चर्चा की। लेकिन बुंदेलखंड के इन गुनहगारों ने, यहां सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।

2017 में योगी जी की सरकार बनने के बाद आखिरकार, इस परियोजना पर काम की गति बढ़ाई गई। और आज ये परियोजना आपको, बुंलेदखंड के लोगों को समर्पित है। दशकों तक बुंदेलखंड के लोगों ने लूटने वाली सरकारें देखीं हैं। पहली बार बुंदेलखंड के लोग, यहां के विकास के लिए काम करने वाली सरकार देख रहे हैं। बुंदेलखंड के मेरे भाइयो-बहनों, इस कटु सत्‍य को कोई भुला नहीं सकता है कि वो उत्तर प्रदेश को लूटकर नहीं थकते थे और हम काम करते-करते नहीं थकते हैं।

साथियों,

किसानों को हमेशा समस्याओं में उलझाए रखना ही कुछ राजनीतिक दलों का आधार रहा है। ये समस्याओं की राजनीति करते हैं और हम समाधान की राष्‍ट्रनीति करते हैं। केन-बेतवा लिंक का समाधान भी हमारी ही सरकार ने निकाला है, सभी पक्षों से संवाद करके रास्ता निकाला है। केन-बेतवा लिंक से भी भविष्य में यहां के लाखों किसानों को लाभ होने वाला है। योगी जी की सरकार ने बीते साढ़े 4 साल के दौरान बुंदेलखंड में पानी की अनेकों परियोजनाओं पर काम शुरू करवाया है। आज मसगांव-चिल्ली स्प्रिंकलर योजना जैसी आधुनिक तकनीक का लोकार्पण, सिंचाई में आ रही आधुनिकता को दिखाता है।

साथियों,

मैं जिस गुजरात से आता हूं, वहां की जमीनी हकीकत, जो पहले के गुजरात के हालात थे, वो परिस्थितियां बुंदेलखंड से जरा भी अलग नहीं थीं। और इसलिए मैं आपकी परेशानियों को समझता हूं, आपकी तकलीफ को समझता हूं। मां नर्मदा के आशीर्वाद से, सरदार सरोवर बांध के आशीर्वाद से, आज गुजरात में कच्‍छ तक रेगिस्तान में भी पानी पहुंच रहा है। जैसी सफलता हमने गुजरात में पाई, वैसी ही सफलता, बुंदेलखंड में पाने के लिए हम दिन रात जुटे हुए हैं। भाइयो-बहनों जैसे बुंदेलखंड में से पलायन होता है ना, मेरे गुजरात में भी कच्‍छ में लगातार पलायन होता था। देश में जनसंख्‍या बढ़ती थी, कच्‍छ जिले में कम होती जाती थी। लोग कच्‍छ छोड़-छोड़कर चले जाते थे। लेकिन जब मुझे सेवा करने का मौका मिला, आज कच्‍छ, हिन्‍दुस्‍तान के जो प्रमुख जिले हैं तेज गति से आगे बढ़ने वाले उन तेज गति से आगे बढ़ने वाले जिलों में कच्‍छ हो गया है।

उत्‍तर प्रदेश के भी कई इलाकों के मेरे भाई-बहन अपना भाग्‍य कच्‍छ में आकर आजमा रहे हैं। और कच्‍छ के मेरे अनुभव से कहता हूं, हम बुंदेलखंड को भी फिर से वो ताकत दे सकते हैं, फिर से नई जिंदगी दे सकते हैं। यहां की माताओं-बहनों की सबसे बड़ी मुश्किल को दूर करने के लिए, बुंदेलखंड में जल जीवन मिशन के तहत भी तेजी से काम हो रहा है। बुंदेलखंड और साथ-साथ विंध्यांचल में, पाइप से हर घर में पानी पहुंचे, इसके लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

भाइयों और बहनों,

परिवारवादियों की सरकारों ने दशकों तक यूपी के अधिकतर गांवों को प्यासा रखा। कर्मयोगियों की सरकारों ने सिर्फ 2 साल के भीतर ही 30 लाख परिवारों को यूपी में नल से जल दिया है। परिवारवादियों की सरकारों ने बच्चों को, बेटियों को, स्कूलों में अलग शौचालय, पीने के पानी की सुविधाओं से वंचित रखा, कर्मयोगियों की डबल इंजन की सरकार ने बेटियों के लिए स्कूल में अलग टॉयलेट भी बनाए और यूपी के 1 लाख से अधिक स्कूलों, हजारों आंगनबाड़ी केंद्रों तक नल से जल भी पहुंचाया। जब गरीब का कल्याण ही सर्वोच्च प्राथमिकता हो, तो ये ऐसे ही काम होता है, इतनी तेजी से ही काम होता है।

भाइयों और बहनों,

हमारी सरकार ने बीज से लेकर बाज़ार तक हर स्तर पर किसानों के हित में भी कदम उठाए हैं। बीते 7 सालों में साढ़े 1600 से अधिक अच्छी क्वालिटी के बीज तैयार किए गए हैं। जिनमें से अनेक बीज कम पानी में अधिक पैदावार देते हैं। आज बुंदेलखंड की मिट्टी के अनुकूल मोटे अनाज, दलहन और तिलहन पर सरकार विशेष फोकस कर रही है। बीते सालों में दलहन और तिलहन की रिकॉर्ड खरीद की गई है। हाल में सरसों, मसूर जैसी अनेक दालों के लिए 400 रुपए प्रति क्विंटल तक MSP बढ़ाया गया है। भारत, खाने के तेल में आत्मनिर्भर बने, खाने का तेल विदेश से आयात करने के लिए जो हर वर्ष हम 80 हज़ार करोड़ रुपए विदेश भेजते हैं, वो 80 हजार करोड़ किसानों के पास जाएं, आपको मिले, देश के किसानों को मिले, इसके लिए राष्ट्रीय मिशन शुरु किया गया है। इससे बुंदेलखंड के किसानों को भी बहुत मदद मिलने वाली है।

भाइयों और बहनों,

परिवारवादियों की सरकारें किसानों को सिर्फ अभाव में रखना चाहती थीं। वो किसानों के नाम से घोषणाएं करते थे, लेकिन किसान तक पाई भी नहीं पहुंचती थी। जबकि पीएम किसान सम्मान निधि से हमने अब तक 1 लाख 62 हज़ार करोड़ रुपए सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजे हैं। ये पूरी रकम हर किसान परिवार तक पहुंची है। परिवारवादियों ने तो छोटे किसानों-पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से भी वंचित रखा था। हमारी सरकार ने छोटे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से भी जोड़ने का काम किया है।

भाइयों और बहनों,

हम बुंदेलखंड से पलायन को रोकने के लिए, इस क्षेत्र को रोज़गार में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बुंदेलखंड एक्‍सप्रेस, ये बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और यूपी डिफेंस कॉरिडोर भी इसका एक बहुत बड़ा प्रमाण है। आने वाले समय में यहां सैकड़ों उद्योग लगेंगे, युवाओं को यहीं रोज़गार मिलेगा। अब इन इलाकों की किस्मत, सिर्फ एक महोत्सव की मोहताज नहीं रहेगी। यही नहीं, इस क्षेत्र के पास इतिहास, आस्था, संस्कृति और प्रकृति का जो खजाना है, वो भी रोज़गार का बहुत बड़ा माध्यम बनता जा रहा है। ये क्षेत्र तीर्थों का क्षेत्र है। इस स्थान को गुरू गोरखनाथ जी का आशीर्वाद मिला हुआ है। राहिला सागर सूर्य मंदिर हो, मां पीतांबरा शक्ति पीठ हो, चित्रकूट का मंदिर हो, सोनागिरि तीर्थ हो, यहां क्या नहीं है? बुंदेली भाषा, काव्य, साहित्य, गीत-संगीत और महोबा की शान- देशावरी पान, इनसे कौन आकर्षित नहीं होगा। रामायण सर्किट योजना के तहत यहां के अनेक तीर्थों को विकसित किया जा रहा है।

भाइयों और बहनों,

ऐसे ही अनेक कार्यकमों से डबल इंजन की सरकार इस दशक को बुंदेलखंड का, उत्तर प्रदेश का दशक बनाने में जुटी है। इस डबल इंजन को आपके आशीर्वाद की शक्ति मिलती रहेगी, इसी विश्वास के साथ मैं आप सबकी इजाजत ले करके यहां से अब झांसी के कार्यक्रम के लिए रवाना होने वाला हूं। आप इतनी बड़ी तादाद में आ करके हम सबको आर्शीवाद दिए, इसके लिए मैं हृदय से आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। मेरे साथ बोलिए-

भारत माता की, जय!

भारत माता की, जय!

भारत माता की, जय!

बहुत-बहुत धन्यवाद !

  • MLA Devyani Pharande February 17, 2024

    जय श्रीराम
  • G.shankar Srivastav June 19, 2022

    नमस्ते
  • Sonu Kumar June 01, 2022

    बम भोले जोगिया बारा जिला तहसील अंता पंचायत बरखेड़ा उदयपुर रिमाइंडर मेरी जमीन पर जबरन अंता पुलिस वाले नरयावली मिलकर मेरी जमीन में से दौरा निकाल रहे हैं इससे सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है मैं अंता थाने में जाकर बोला तो शानदार उल्टा जवाब दिया क्योंकि महावीर जी रामदयाल जी बबलू हिना के समस्त परिवार वाले थाने में वैसे किला के मेरी जमीन पर काम करवा रहे हैं मैं एक किसान हूं गरीब इसलिए मैं बाहर नौकरी करता हूं फिर भी मेरी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है अगर यह मैसेज प्रधानमंत्री तक पहुंच रहा है तो इस पर कार्रवाई की जाए मैंने ऑनलाइन रिपोर्ट भी करा चुकी 188 पर 188 पर रिपोर्ट करा कर दी मैंने मेरा जोरपुरा लगा दिया फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही कलेक्टर के पास मैंने रिपोर्ट कितनी डलवा दी कोई कार्रवाई नहीं हो रही महावीर जी के परिवार वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही वह बोल रहे हैं कि क्योंकि उन्होंने पुलिस वालों को पटवारी को तहसीलदार को सरपंच को जो नेटवर्क सरपंच होता है महेंद्र का उसको भी खरीद रखा है वह सारा काम पैसे के बलबूते पर कर रहे हैं सरकार से निवेदन है अगर मेरा मैसेज सरकार पर पहुंच रहा है तो 12 जिले पर कोई कार्रवाई मेरी जमीन पर की जाए सोनू कुमार बलिया जो ज्ञान
  • राकेश नामदेव May 24, 2022

    जय जय श्री राम
  • शिवकुमार गुप्ता January 25, 2022

    जय भारत
  • शिवकुमार गुप्ता January 25, 2022

    जय हिंद
  • शिवकुमार गुप्ता January 25, 2022

    जय श्री सीताराम
  • शिवकुमार गुप्ता January 25, 2022

    जय श्री राम
  • G.shankar Srivastav January 03, 2022

    जय हो
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कैबिनेट ने आंध्र प्रदेश में 4-लेन बडवेल-नेल्लोर कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दी
May 28, 2025
Quote108.134 किलोमीटर लंबे सड़क के निर्माण पर कुल पूंजी लागत 3653.10 करोड़ रुपये

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने डिजाइन-बिल्ड-फाइनेंस-ऑपरेट-ट्रांसफर (डीबीएफओटी) मोड पर आंध्र प्रदेश में एनएच-67 पर 3653.10 करोड़ रुपये की लागत से 108.134 किलोमीटर लंबे 4-लेन बाडवेल-नेल्लोर कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दे दी है।

स्वीकृत बाडवेल-नेल्लोर कॉरिडोर आंध्र प्रदेश के तीन औद्योगिक कॉरिडोर की महत्वपूर्ण जगहों (नोड) यानी विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक कॉरिडोर (वीसीआईसी) पर कोप्पार्थी नोड, हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक कॉरिडोर (एचबीआईसी) पर ओर्वाकल नोड और चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक कॉरिडोर (सीबीआईसी) पर कृष्णापटनम नोड को जोड़ने का काम करेगा। इसका देश के लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक (एलपीआई) पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

बडवेल नेल्लोर कॉरिडोर आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कडप्पा जिले में विद्यमान राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-67 पर गोपावरम गांव से शुरू होता है और एसपीएसआर नेल्लोर जिले में एनएच-16 (चेन्नई-कोलकाता) पर कृष्णापटनम पोर्ट जंक्शन पर समाप्त होता है। यह कॉरिडोर कृष्णापटनम पोर्ट को कार्यनीतिक संपर्क भी प्रदान करेगा, जिसे चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक कॉरिडोर (सीबीआईसी) के तहत प्राथमिकता नोड के रूप में पहचाना गया है।

प्रस्तावित कॉरिडोर से कृष्णपट्टनम बंदरगाह तक की यात्रा की दूरी मौजूदा बाडवेल-नेल्लोर सड़क की तुलना में 33.9 किलोमीटर कम होकर 142 किलोमीटर से 108.13 किलोमीटर रह जाएगी। इससे यात्रा का समय एक घंटे कम हो जाएगा। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि ईंधन की खपत में कमी के मामले में पर्याप्त लाभ प्राप्त हो, जिससे कार्बन उत्सर्जन और वाहन परिचालन लागत (वीओसी) में कमी आएगी। परियोजना संयोजन और सूचकांक मानचित्र का विवरण अनुलग्नक-I के रूप में संलग्न है।

108.134 किलोमीटर लंबी यह परियोजना लगभग 20 लाख कार्य दिवस प्रत्यक्ष रोजगार और 23 लाख कार्य-दिवस अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगी। प्रस्तावित कॉरिडोर के आसपास के क्षेत्र में आर्थिक गतिविधि में बढ़ोतरी के कारण यह परियोजना अतिरिक्त रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी।

अनुलग्नक-I

परियोजना संयोजन और सूचकांक मानचित्र का विवरण:

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चित्र 1: प्रस्तावित कॉरिडोर का सूचकांक मानचित्र

 

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चित्र 2: विस्तृत परियोजना संयोजन