वायु योद्धाओं और सैनिकों के साथ बातचीत की, हमारे राष्ट्र की रक्षा में उनका साहस और पेशेवर रूख सराहनीय है: प्रधानमंत्री
'भारत माता की जय' सिर्फ एक नारा नहीं है, यह हर उस सैनिक की शपथ है जो अपने देश के सम्मान और मर्यादा के लिए अपना जीवन दांव पर लगाता है : प्रधानमंत्री
ऑपरेशन सिंदूर भारत की नीति, नीयत और निर्णायक क्षमता की एक त्रिमूर्ति है : प्रधानमंत्री
जब हमारी बहनों और बेटियों का सिंदूर मिटाया गया, तो हमने आतंकवादियों को उनके ठिकानों में ही कुचल दिया : प्रधानमंत्री
आतंक के आकाओं को अब पता है कि भारत के विरूद्ध आंख उठाने से उन्हें विनाश के अलावा कुछ नहीं प्राप्त होगा: प्रधानमंत्री
पाकिस्तान में न केवल आतंकवादी ठिकानों और एयरबेसों को नष्ट कर दिया गया, बल्कि उनके दुर्भावनापूर्ण इरादों और दुस्साहस को भी पराजित किया गया: प्रधानमंत्री
आतंकवाद के खिलाफ भारत की लक्ष्मण रेखा अब स्पष्ट है, अगर कोई और आतंकी हमला होता है, तो भारत जवाब देगा और यह एक निर्णायक जवाब होगा : प्रधानमंत्री
ऑपरेशन सिंदूर का हर क्षण भारत के सशस्त्र बलों की शक्ति का प्रमाण है: प्रधानमंत्री
यदि पाकिस्तान आगे कोई आतंकवादी गतिविधि या सैन्य आक्रमण करता है, तो हम निर्णायक जवाब देंगे, यह जवाब हमारी शर्तों पर, हमारे तरीके से होगा: प्रधानमंत्री
ये नया भारत है! यह भारत शांति चाहता है, लेकिन अगर मानवता पर हमला होता है, तो भारत युद्ध के मैदान में दुश्मन को कुचलना भी जानता है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज आदमपुर स्थित वायुसेना स्टेशन पर बहादुर वायु योद्धाओं और सैनिकों से मुलाकात की और उनसे परस्पर बातचीत की। उन्हें संबोधित करते हुए उन्होंने ‘भारत माता की जय’ के नारे की शक्ति को रेखांकित किया और इस बात पर जोर दिया कि दुनिया ने अभी-अभी इसकी ताकत देखी है। यह टिप्पणी करते हुए कि यह केवल एक नारा नहीं है, बल्कि भारत माता की गरिमा को बनाए रखने के लिए अपने जीवन को जोखिम में डालने वाले प्रत्येक सैनिक द्वारा ली गई शपथ है, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह नारा प्रत्येक नागरिक की आवाज है जो देश के लिए जीना चाहता है और सार्थक योगदान देना चाहता है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ‘भारत माता की जय’ युद्ध के मैदान और महत्वपूर्ण मिशनों दोनों में गूंजती है। उन्होंने कहा कि जब भारतीय सैनिक ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाते हैं, तो दुश्मन की रीढ़ में सिहरन पैदा हो जाती है। उन्होंने भारत की सैन्य शक्ति पर जोर देते हुए कहा कि जब भारतीय ड्रोन दुश्मन की किलेबंदी को ध्वस्त करते हैं और जब मिसाइलें सटीक हमला करती हैं, तो दुश्मन को केवल एक ही वाक्य सुनाई देता है- ‘भारत माता की जय’। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि भारत के पास बेहद अंधेरी रात में भी आसमान को रोशन करने की क्षमता है जो दुश्मनों को देश की अदम्य भावना का एहसास करा देता है। उन्होंने कहा कि जब भारत की सेना परमाणु ब्लैकमेल की धमकियों को ध्वस्त कर देती है, तो आसमान और धरती पर बस एक संदेश गूंजता है- 'भारत माता की जय'।

भारत के सशस्त्र बलों के साहस और दृढ़ संकल्प की सराहना करते हुए, उन्होंने कहा कि उन्होंने लाखों भारतीयों के दिलों को गर्व से भर दिया है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों की अद्वितीय बहादुरी और ऐतिहासिक उपलब्धियों के कारण आज हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा है। उन्होंने कहा कि इन वीर नायकों से मिलना वास्तव में सौभाग्य की बात है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब दशकों बाद देश की वीरता की चर्चा होगी, तो इस मिशन का नेतृत्व करने वाले सैनिक सबसे अधिक चर्चित होंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि वे न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गए हैं। वीर योद्धाओं की भूमि से सशस्त्र बलों को संबोधित करते हुए उन्होंने वायु सेना, नौसेना, सेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के साहसी कर्मियों का अभिवादन किया। उन्होंने उनके वीरतापूर्ण प्रयासों की सराहना की और कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव पूरे देश में गूंज रहा है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के दौरान, हर भारतीय सैनिकों के साथ मजबूती से खड़ा था, प्रार्थना कर रहा था और अटूट समर्थन दे रहा था। उन्होंने भारतीय सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति पूरे देश की गहरी कृतज्ञता व्यक्त की और उनके बलिदान को सराहा।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, "ऑपरेशन सिंदूर कोई साधारण सैन्य अभियान नहीं है, बल्कि यह भारत की नीति, इरादे और निर्णायक क्षमता की त्रिमूर्ति है।" उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत बुद्ध और गुरु गोविंद सिंह जी दोनों की भूमि है, जिन्होंने कहा था, “सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियन ते मैं बाज़ तुड़ाऊं, तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊं।” उन्होंने कहा कि धर्म की स्थापना के लिए अन्याय के खिलाफ हथियार उठाना हमेशा से भारत की परंपरा रही है। उन्होंने पुष्टि की कि जब आतंकवादियों ने भारत की बेटियों पर हमला करने और उन्हें नुकसान पहुंचाने की हिम्मत की, तो भारतीय सेना ने उन्हें उनके ही ठिकानों में कुचल दिया। उन्होंने कहा कि ये हमलावर कायरतापूर्ण तरीके से छिपकर आए थे, यह भूल गए कि उन्होंने किसे चुनौती दी थी - शक्तिशाली भारतीय सशस्त्र बलों को। उन्होंने भारत के सैनिकों की बहादुरी की प्रशंसा की, उन्होंने कहा कि उन्होंने सीधे हमला किया, प्रमुख आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। नौ आतंकवादी ठिकाने नष्ट कर दिए गए, और 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि आतंकवाद के आकाओं को अब भारत को उकसाने के एक निर्विवाद परिणाम को समझ गए हैं- पूरी तबाही। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में निर्दोष लोगों का खून बहाने की किसी भी कोशिश से केवल विनाश ही होगा, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन आतंकवादियों को पनाह देने वाली पाकिस्तानी सेना को भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना ने निर्णायक रूप से हरा दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा, "भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है- आतंकवादियों के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं बची है", उन्होंने पुष्टि की कि भारत उन्हें उनके ही क्षेत्र में मार गिराएगा, ताकि भागने का कोई मौका न मिले। उन्होंने घोषणा की कि भारत के ड्रोन और मिसाइलों ने ऐसा डर पैदा कर दिया है कि पाकिस्तान उनके बारे में सोचकर ही कई दिनों तक नींद खो देगा। महाराणा प्रताप के प्रसिद्ध घोड़े चेतक के बारे में लिखी गई पंक्तियों को उद्धृत करते हुए उन्होंने टिप्पणी की कि ये शब्द अब भारत के उन्नत आधुनिक हथियारों के साथ पूरी तरह से मेल खाते हैं।

श्री मोदी ने सशस्त्र बलों के असाधारण प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, "ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने राष्ट्र के संकल्प को मजबूत किया है, देश को एकजुट किया है, भारत की सीमाओं की रक्षा की है और भारत के गौरव को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।" उन्होंने भारतीय वायुसेना के हमलों की जबरदस्त सटीकता को रेखांकित किया और कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। श्री मोदी ने कहा कि केवल 20-25 मिनट के भीतर, भारतीय बलों ने सीमा पार हमलों को पूरी सटीकता के साथ अंजाम दिया और सटीक लक्ष्यों को भेदा। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह के ऑपरेशन केवल आधुनिक, तकनीकी रूप से सुसज्जित और अत्यधिक पेशेवर बल द्वारा ही किए जा सकते हैं। उन्होंने भारतीय सेना की गति और सटीकता की सराहना करते हुए कहा कि उनकी त्वरित और निर्णायक कार्रवाई ने दुश्मन को पूरी तरह से स्तब्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि विरोधियों को पता ही नहीं चला कि उनके गढ़ कब मलबे में तब्दील हो गए।

इस बात पर जोर देते हुए कि भारत का उद्देश्य पाकिस्तान के अंदर आतंकवादी मुख्यालयों पर हमला करना और प्रमुख आतंकवादियों को खत्म करना था, प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा नागरिक विमानों का उपयोग करके अपनी गतिविधियों को छिपाने के प्रयास के बावजूद, भारतीय सेना ने अत्यंत सावधानी और सटीकता के साथ जवाब दिया। उन्होंने सतर्कता और जिम्मेदारी बनाए रखते हुए अपने मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की। उन्होंने गर्वपूर्वक से घोषणा की कि भारतीय सैनिकों ने अपने उद्देश्यों को पूरी सटीकता और दृढ़ संकल्प के साथ पूरा किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस ऑपरेशन ने न केवल पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी ठिकानों और एयरबेसों को नष्ट कर दिया, बल्कि उनके नापाक इरादों और दुर्भावनापूर्ण दुस्साहस को भी कुचल दिया।

श्री मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद, दुश्मन ने बौखला कर कई भारतीय एयरबेस को निशाना बनाने की बार-बार कोशिश की। हालांकि, पाकिस्तान के हर हमले को निर्णायक रूप से विफल कर दिया गया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की शक्तिशाली वायु रक्षा प्रणाली के सामने पाकिस्तानी ड्रोन, यूएवी, विमान और मिसाइलें सभी विफल हो गए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की तैयारियों और तकनीकी ताकत ने दुश्मन के खतरों को पूरी तरह से बेअसर कर दिया। उन्होंने देश के एयरबेस की देखरेख करने वाले शीर्ष अधिकारियों की सराहना की और भारतीय वायु सेना के हर वायु योद्धा की हार्दिक प्रशंसा की। उन्होंने देश की रक्षा में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन और अटूट समर्पण की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख अब पूरी तरह से स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि अगर भारत पर कोई और आतंकवादी हमला होता है तो देश निर्णायक और मजबूती से जवाब देगा। उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के दौरान भारत की दृढ़ कार्रवाई को याद करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अब खतरों से निपटने में देश का नया मानक बन गया है। उन्होंने तीन प्रमुख सिद्धांतों को दोहराया जो उन्होंने कल रात राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में व्यक्त किए थे। सबसे पहले, अगर भारत पर कोई आतंकवादी हमला होता है तो जवाब अपनी शर्तों पर दिया जाएगा। दूसरा, भारत किसी भी तरह के परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा। तीसरा, भारत अब आतंकवादी सरगनाओं और उन्हें शरण देने वाली सरकारों के बीच अंतर नहीं करेगा। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, "दुनिया अब इस नए और दृढ़ भारत को पहचान रही है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के प्रति अपने दृढ़ दृष्टिकोण को समायोजित कर रहा है।"

श्री मोदी ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर का प्रत्येक क्षण भारत के सशस्त्र बलों की शक्ति और क्षमता का प्रमाण है", उन्होंने सेना, नौसेना और वायु सेना के बीच असाधारण समन्वय की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका तालमेल उल्लेखनीय रहा। उन्होंने समुद्र पर नौसेना के प्रभुत्व, सीमाओं पर सेना के सुदृढ़ीकरण और हमले तथा प्रतिरक्षा में भारतीय वायु सेना की दोहरी भूमिका रेखांकित की। उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और अन्य सुरक्षा बलों की उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सराहना की। उन्होंने भारत की एकीकृत वायु और भूमि युद्ध प्रणालियों की प्रभावशीलता को रेखांकित करते हुए घोषणा की कि यह एकजुटता अब भारत की सैन्य शक्ति की पहचान बन चुकी है।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सैनिकों और उन्नत सैन्य प्रौद्योगिकी के बीच उल्लेखनीय समन्वय को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की पारंपरिक वायु रक्षा प्रणाली जो कई युद्धों की गवाह रही है, को आकाश जैसे स्वदेशी प्लेटफार्मों और एस-400 जैसी आधुनिक, शक्तिशाली प्रणालियों द्वारा सुदृढ़ किया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत का मजबूत सुरक्षा कवच एक निर्णायक ताकत बन गया है। पाकिस्तान के बार-बार के प्रयासों के बावजूद, भारतीय एयरबेस और प्रमुख रक्षा बुनियादी ढांचा पूरी तरह सुरक्षित रहा। प्रधानमंत्री ने इस सफलता का श्रेय सीमा पर तैनात प्रत्येक सैनिक और ऑपरेशन में शामिल प्रत्येक व्यक्ति के समर्पण और वीरता को दिया। उन्होंने उनकी प्रतिबद्धता को भारत की अटूट राष्ट्रीय रक्षा की नींव के रूप में स्वीकार किया।

श्री मोदी ने कहा कि भारत के पास अब अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी है जिसका पाकिस्तान मुकाबला नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में भारतीय वायुसेना और अन्य सैन्य शाखाओं ने दुनिया की कुछ सबसे उन्नत रक्षा तकनीकों तक पहुंच प्राप्त कर ली है। उन्होंने माना कि नई तकनीक के साथ महत्वपूर्ण चुनौतियां भी आती हैं और जटिल तथा परिष्कृत प्रणालियों को बनाए रखने और कुशलतापूर्वक संचालित करने के लिए अत्यधिक कौशल एवं सटीकता की आवश्यकता होती है। आधुनिक युद्धकला में अपनी श्रेष्ठता का प्रदर्शन करते हुए सामरिक विशेषज्ञता के साथ तकनीक को सहजता से एकीकृत करने के लिए भारत के सशस्त्र बलों की सराहना करते हुए श्री मोदी ने घोषणा की कि भारतीय वायुसेना ने अब न केवल हथियारों से बल्कि डेटा और ड्रोन से भी दुश्मनों का मुकाबला करने की कला में महारत हासिल कर ली है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की अपील के जवाब में भारत की सैन्य कार्रवाई को अभी अस्थायी रूप से रोका गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर पाकिस्तान आगे भी कोई आतंकवादी गतिविधि या सैन्य उकसावे में शामिल होता है, तो भारत पूरी शक्ति से जवाब देगा। उन्होंने पुष्टि की कि भारत की प्रतिक्रिया पूरी तरह से अपनी शर्तों पर तय होगी। उन्होंने इस निर्णायक रुख का श्रेय देश के सशस्त्र बलों के साहस, वीरता और सतर्कता को दिया। सैनिकों से उनके दृढ़ संकल्प, जुनून और तत्परता को बनाए रखने का आग्रह करते हुए और इस बात पर जोर देते हुए कि भारत को हर समय सतर्क और तैयार रहना चाहिए, प्रधानमंत्री ने यह घोषणा करते हुए अपनी बात का समापन किया कि यह एक नया भारत है- एक ऐसा भारत जो शांति चाहता है लेकिन अगर मानवता को खतरा है तो वह विरोधियों को कुचलने में तनिक भी संकोच नहीं करेगा।

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

Explore More
आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी
World Exclusive | Almost like a miracle: Putin praises India's economic rise since independence

Media Coverage

World Exclusive | Almost like a miracle: Putin praises India's economic rise since independence
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है: रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी
December 05, 2025

Your Excellency, My Friend, राष्ट्रपति पुतिन,
दोनों देशों के delegates,
मीडिया के साथियों,
नमस्कार!
"दोबरी देन"!

आज भारत और रूस के तेईसवें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक milestones के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी Strategic Partnership की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारी साझेदारी को "Special and Privileged Strategic Partnership” का दर्जा मिला।

पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व और दूरदृष्टि से इन संबंधों को निरंतर सींचा है। हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का, मेरे मित्र का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

Friends,

पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुज़रना पड़ा है। और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है।परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की हर कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की। आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी साझा प्राथमिकता है। इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक Economic Cooperation प्रोग्राम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश diversified, balanced, और sustainable बनेगा, और सहयोग के क्षेत्रों में नए आयाम भी जुड़ेंगे।

आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे India–Russia Business Forum में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ये मंच हमारे business संबंधों को नई ताकत देगा। इससे export, co-production और co-innovation के नए दरवाजे भी खुलेंगे।

दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ FTA के शीघ्र समापन के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि और Fertilisers के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग,food सिक्युरिटी और किसान कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन के प्रयास कर रहे हैं।

Friends,

दोनों देशों के बीच connectivity बढ़ाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है। हम INSTC, Northern Sea Route, चेन्नई - व्लादिवोस्टोक Corridors पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। मुजे खुशी है कि अब हम भारत के seafarersकी polar waters में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

उसी प्रकार से Shipbuilding में हमारा गहरा सहयोग Make in India को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारेwin-win सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे jobs, skills और regional connectivity – सभी को बल मिलेगा।

ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। Civil Nuclear Energy के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, Clean Energy की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस win-win सहयोग को जारी रखेंगे।

Critical Minerals में हमारा सहयोग पूरे विश्व में secure और diversified supply chains सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे clean energy, high-tech manufacturing और new age industries में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।

Friends,

भारत और रूस के संबंधों में हमारे सांस्कृतिक सहयोग और people-to-people ties का विशेष महत्व रहा है। दशकों से दोनों देशों के लोगों में एक-दूसरे के प्रति स्नेह, सम्मान, और आत्मीयताका भाव रहा है। इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए हमने कई नए कदम उठाए हैं।

हाल ही में रूस में भारत के दो नए Consulates खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम होगा, और आपसी नज़दीकियाँ बढ़ेंगी। इस वर्ष अक्टूबर में लाखों श्रद्धालुओं को "काल्मिकिया” में International Buddhist Forum मे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आशीर्वाद मिला।

मुझे खुशी है कि शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए निशुल्क 30 day e-tourist visa और 30-day Group Tourist Visa की शुरुआत करने जा रहे हैं।

Manpower Mobility हमारे लोगों को जोड़ने के साथ-साथ दोनों देशों के लिए नई ताकत और नए अवसर create करेगी। मुझे खुशी है इसे बढ़ावा देने के लिए आज दो समझौतेकिए गए हैं। हम मिलकर vocational education, skilling और training पर भी काम करेंगे। हम दोनों देशों के students, scholars और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान भी बढ़ाएंगे।

Friends,

आज हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है। हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।

आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस City Hall पर किया गया कायरतापूर्ण आघात — इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है।

भारत और रूस के बीच UN, G20, BRICS, SCO तथा अन्य मंचों पर करीबी सहयोग रहा है। करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते हुए, हम इन सभी मंचों पर अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।

Excellency,

मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें global challenges का सामना करने की शक्ति देगी — और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा।

मैं एक बार फिर आपको और आपके पूरे delegation को भारत यात्रा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ।