न केवल कंक्रीट की संरचना, बल्कि एक निश्चित उद्देश्य के साथ अवसंरचना निर्माण आज हमारा लक्ष्य है: प्रधानमंत्री
भारत की 21वीं सदी की जरूरतें 20वीं सदी के तरीकों से पूरी नहीं की जा सकतीं: प्रधानमंत्री
साइंस सिटी में मनोरंजक गतिविधियाँ हैं, जो बच्चों में रचनात्मकता को प्रोत्साहित करेंगी: प्रधानमंत्री
हमने रेलवे को न केवल सेवा प्रदाता के रूप में बल्कि, एक परिसंपत्ति के रूप में भी विकसित किया है: प्रधानमंत्री
यहां तक कि टियर 2 और टियर 3 शहरों के रेलवे स्टेशन भी आधुनिक सुविधाओं से लैस हो गए हैं: प्रधानमंत्री

नमस्‍कार,

मंत्री परिषद के मेरे साथी और गांधीनगर के सांसद श्रीमान अमित शाह जी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव जी, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी जी, उप मुख्यमंत्री नितिन भाई, केंद्रीय रेल राज्यमंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश जी, गुजरात सरकार के अन्य मंत्रिगण, संसद में मेरे साथी और गुजरात प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्‍यक्ष श्रीमान सीआर पाटिल जी, अन्‍य सांसदगण, विधायक गण, और मेरे प्रिय भाइयों और बहनों, आप सबने नमस्‍कार।

आज का दिन, 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाओं का, युवा भारत की भावनाओं और संभावनाओं का बहुत बड़ा प्रतीक है। साइंस और टेक्नॉलॉजी हो, बेहतरUrban Landscapeहो या फिरconnectivityका आधुनिकInfrastructure, नए भारत की नई पहचान में आज एक और कड़ी जुड़ रही है। मैंने यहां दिल्ली से तमामprojectsका लोकार्पण तो किया है, लेकिन इनको रूबरू देखने की उत्सुकता मैं बयान नहीं कर सकता। मैं मौका देखते ही खुद भी इसे देखने के लिए आऊंगा।

भाइयों और बहनों,

आज देश का लक्ष्य सिर्फConcreteकेStructureखड़ा करना नहीं है, बल्कि आज देश में ऐसेInfraका निर्माण हो रहा है जिनका अपनाएकCharacterहो। बेहतर पब्लिक स्पेस हमारी ज़रूरी आवश्यकता है, इस प्रकार से कभीपहले सोचा नहीं जाता था।हमारी अतीत कीUrban planning में इसको भीएक प्रकार सेलग्जरीके साथजोड़ दिया गया था। आपने भी गौर किया होगा कि रियल एस्टेट और हाउसिंग कंपनियों के प्रचार का फोकसक्‍या होता है-पार्क फेसिंग घर या फिर सोसायटी के विशेष पब्लिक स्पेस के इर्दगिर्द होता है। ये इसलिए होता है क्योंकि हमारे शहरों की एक बड़ी आबादी क्वालिटी पब्लिक स्पेस और क्वालिटी पब्लिक लाइफ से वंचित रही है। अबUrban Developmentकी पुरानी सोच को पीछे छोड़कर देशआधुनिकता की तरफआगे बढ़ रहा है।

साथियों,

अहमदाबाद में साबरमती का क्या हाल था, ये कौन भूल सकता है? आज वहां पानी की धारा के साथ-साथ रिवरफ्रंट, पार्क, ओपन जिम, सी प्लेनये सब हमारी सेवा में उपलब्‍ध हैं।यानि एक प्रकार से पूराecosystemबदल चुका है। यही बदलाव कांकरिया में किया गया है। पुराने अहमदाबाद की एक झील इतनी चहल-पहल का केंद्र बन जाएगी, ये पहले कभी सोचा ही नहीं गया।

साथियों,

बच्चों के स्वाभाविक विकास के लिए मनोरंजन के साथ-साथ उनके सीखने और उनकीcreativity को भी स्पेस मिलना चाहिए। साइंस सिटी एक ऐसा प्रोजेक्ट है जो री-क्रिएशन औरcreativity को आपस में जोड़ता है। इसमें ऐसीRe-creational activitiesहैं जो बच्चों मेंcreativity को बढ़ावा देती हैं। इसमें खेल-कूद है, मौज मस्ती है और इसके साथ-साथ ये बच्चों को कुछ नया सिखाने का प्लेटफॉर्म भी है। हमने देखा है, बच्चे अक्सर मां बाप से रोबोट्स और जानवरों के बड़े खिलौनों की डिमांड करते हैं। कुछ बच्चे कहते हैं घर में डायनासोर ले आओ, कोई शेर पालने की जिद करने लगता है। अब माता-पिता ये सब कहां से लाएंगे? बच्चों को ये विकल्प मिलता है साइंस सिटी में। जो ये नया नेचर पार्क बना है, ये विशेष रूप से मेरे नन्हे साथियों को बहुत पसंद आने वाला है। इतना ही नहीं, साइंस सिटी में बनीAquatics Gallery, वो तो और भी आनंदित करने वाली है। ये देश के ही नहीं बल्कि एशिया के टॉपAquariumमें से एक है। एक ही जगह पर दुनियाभर की समुद्री जैव विविधता के दर्शन अपने आप में अद्भुत अनुभव देनेवाले हैं।

वहींRobotics Galleryमें रोबोट्स के साथ बातचीत आकर्षण का केंद्र तो है ही, साथ ही येRoboticsके क्षेत्र में काम करने के लिए हमारे युवाओं को प्रेरित भी करेगा, बाल मन में जिज्ञासा जगाएगा। मेडिसिन, खेती, स्पेस, डिफेंस, ऐसे अनेक क्षेत्रों में रोबोट्स कैसे काम आ सकते हैं, इसका अनुभव यहां हमारे युवा साथी ले पाएंगे। और हां, रोबो कैफे में रोबोटिक शैफ का बनाया और रोबोट वेटर्स का परोसा खाना खाने का आनंदशायद ही वहां गया हुआ कोई व्‍यक्ति वहां जाए बिना रहेगा।कल जब सोशल मीडिया पर मैंने इनकी तस्वीरें पोस्ट कीं, तो ऐसी टिप्पणियां भी पढ़ने को मिलीं की- ऐसी तस्वीरें तो हम विदेशों में ही देखते थे। लोगों को यकीन ही नहीं हो रहा कि ये तस्वीरें भारत की हैं, गुजरात की हैं। आज इस कार्यक्रम में, मेरा आग्रह है कि साइंस सिटी में ज्यादा से ज्यादा बच्चे आएं, विद्यार्थी आएं, स्कूलों के रेग्यूलर टूर्स हों, साइंस सिटी बच्चों से चह्कता रहे, दमकता रहे, तो इसकी सार्थकता और भव्यता और बढ़ेगी।

साथियों,

मेरे लिए ये बहुत खुशी की बात है कि गुजरात और गुजरात के लोगों का गौरव और बढ़ाने वाले ऐसे अनेक कार्यों का आज शुभारंभ हुआ है। आज अहमदाबाद शहर के साथ-साथ गुजरात की रेल कनेक्टिविटी भी, और आधुनिक, और ज्यादा सशक्त हुई है। गांधीनगर और वडनगर स्टेशन का नवीनीकरण हो, मेहसाणा-वरेठा लाइन का चौड़ीकरण और बिजलीकरण हो, सुरेंद्रनगर-पीपावाव सेक्शन का बिजलीकरण हो, गांधीनगर कैपिटल-वरेठा मेमू सेवा की शुरुआत हो, या फिर गांधीनगर कैपिटल-वाराणसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस का शुभारंभ हो, इन सभी सुविधाओं के लिए गुजरात वासियों को बहुत-बहुत बधाई। गांधीनगर से बनारस के बीच ट्रेन, एक तरह से सोमनाथकी धरतीको विश्वनाथकी धरती से जोड़ने का बड़ा काम है।

भाइयों और बहनों,

21वीं सदी के भारत की ज़रूरत 20वीं सदी के तौर-तरीकों से पूरी नहीं हो सकती थी। इसलिए रेलवे में नए सिरे सेReformकी जरूरत थी। हमने रेलवे को सिर्फ एक सर्विस के तौर पर नहीं बल्कि एकAssetके तौर पर विकसित करने के लिए काम शुरु किया। आज इसके परिणाम दिखने लगे हैं, आज भारतीय रेलवे की पहचान, उसकी साख बदलने लगी है। आज भारतीय रेल में सुविधा भी बढ़ी है, स्वच्छता भी बढ़ी है, सुरक्षा भी बढ़ी है और स्पीड भी बढ़ी है। चाहे वोInfrastructure काmodernizationया नई आधुनिक ट्रेने हों, इस तरह के कितने ही प्रयास ट्रेनों की स्पीड को बढ़ाने के लिए किए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में जैसे ही dedicatedफ्रेट corridor शुरू हो जाएंगे, ट्रेनों की स्पीड और बढ़ेगी। तेजस और वंदेभारत जैसी आधुनिक ट्रेनें तो हमारे ट्रैक पर चलने भी लगी हैं। आज ये ट्रेनें यात्रियों को एक नया और अद्भुत अनुभव दे रही हैं। विस्टाडोम कोचेस का वीडियो भी आपने सोशल मीडिया पर जरूर देखा होगा।

जो लोग Statue of Unity गए होंगे उन्‍होंने इसका लाभ भीलियाहोगा। येCoaches ease and feel of journeyको एक नए आयाम पर पहुंचाते हैं। ट्रेन में चलने वाले सभी लोग अब ये भी अनुभव कर रहे हैं कि हमारी ट्रेनें, हमारेplatformsऔरहमारेtracksपहले से कितनी साफ रहने लगे हैं। इसमें बहुत बड़ा योगदान उन 2 लाख से ज्यादा bio-toilets का भी है जो कोचेस मेंinstall की गए हैं।

इसी तरह, आज देशभर में प्रमुख रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। टीयर 2 और टीयर 3 शहरों के रेलवे स्टेशन भी अबWi-Fiसुविधा से लैस हो रहे हैं। सुरक्षा के दृष्टिकोण से देखें तो ब्रॉड गेज परunmanned railway crossingsको पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है।कभी भीषण हादसों और अव्यवस्था की शिकायतों के लिए मीडिया में छाई रहने वाली भारतीय रेल आज positivity लेकर आती है। आज भारतीय रेल को दुनिया के आधुनिकतम नेटवर्क और मेगा प्रोजेक्ट्स के लिए चर्चा में स्थान मिलता है। आज भारतीय रेल को देखने का अनुभव और नज़रियादोनों बदल रहे हैं। और मैं गर्व से कहूंगा कि आज के ये प्रोजेक्ट- भारतीय रेल के इसी नए अवतार की झांकी हैं।

साथियों,

मेरा ये स्पष्ट मत रहा है कि रेलवे देश के कोने-कोने तक पहुंचे, इसके लिए रेलवे काHorizontal Expansionज़रूरी है। इसके साथ-साथ रेलवे में कैपेसिटी बिल्डिंग, रिसोर्स बिल्डिंग, नई टेक्नॉलॉजी और बेहतर सेवाओं के लिएVertical Expansionभी उतना ही ज़रूरी है। बेहतरीन ट्रैक, आधुनिक रेलवे स्टेशन और रेल ट्रैक के ऊपर आलीशान होटल, गांधीनगर रेलवे स्टेशन का ये प्रयोग भारतीय रेलवे में एक सार्थक बदलाव की शुरुआत है। रेल से सफर करने वाले सामान्य नागरिक को भी एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलें, महिलाओं और छोटे बच्चों की विशेष ज़रूरतों को देखते हुए उनके लिए अच्छी व्यवस्था हो, ऐसा आधुनिक और सुविधाजनक स्टेशन आज देश को, गांधीनगर को मिल रहा है।

साथियों,

गांधीनगर का नया रेलवे स्टेशन देश में इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर माइंडसेट में आ रहे बदलाव को भी दर्शाता है। लंबे समय तक भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर भी एक वर्गभेद को प्रोत्साहित किया गया।और मैं आपको बताना चाहूंगा, आप सब तो भलीभांति गुजरात के लोग जानते हैं , हम लोगों ने एक प्रयोग किया था जब मैं गुजरात मुझे वहां सेवा करने का मौका मिला था। हमारे जोbus stationsहैं उनbus stationsको आधुनिक बनाने की दिशा में काम किया।Public-Private Partnership Modelपर काम किया। और जो कभीbus stationsकैसी हालत रहती थी, आज हमारे गुजरात में कईbus stationsआधुनिक बन चुके हैं। एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं bus stations पर नजर आ रही हैं।

और जब मैं दिल्‍ली आया तो मैंने अपने अफसरों को गुजरात के bus stations देखने के लिए भेजा था, रेलवे के अधिकारियों को। और मैंने उनको समझाया था कि हमारे रेलवे स्‍टेशन ऐसे क्‍यों नहीं होने चाहिए।Land useकाOptimum Utilizationहो, रेलवे स्‍टेशन पर बहुत बड़ीeconomy activityहो, और रेलवे अपने-आप में सिर्फ ट्रेन का आवागमन नहीं एक प्रकार से इकॉनामी का ऊर्जा सेंटर बन सकता है। जैसे एयरपोर्ट का विकास होता है, जैसे गुजरात में बस स्‍टेशनों के विकास का काम हुआ है, वैसे ही रेलवे के स्‍टेशनों का भीPublic-Private Partnership Modelपर विकास करने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। आज गांधीनगर उसकी शुरूआत है।जनसुविधाओं में ऐसा वर्गीकरण, ये जो इसके लिए, उसके लिए, अमीरों के लिए हो रहा है ये सब बेकार बातें हैं। समाज के हर वर्ग को व्‍यवस्‍थाएं मिलनी चाहिए।

साथियों,

गांधीनगर का आधुनिक रेलवे स्टेशन इस बात का भी बहुत बड़ा प्रमाण है कि रेलवे के संसाधनों का सदुपयोग करते हुए, इसको आर्थिक गतिविधियों का सेंटर भी बनाया जा सकता है। आधुनिक टेक्नॉलॉजी का उपयोग करते हुए, ट्रैक के ऊपर ऐसा होटल बना दिया है, जहां से रेल चलती हुई तो दिख सकती है, लेकिन महसूस नहीं होती। ज़मीन उतनी ही है, लेकिन उसका उपयोग दोगुना हो गया है। सुविधा भी बेहतरीन, पर्यटन और व्यापार-कारोबार भी उत्तम। जहां से रेल गुज़रती है उससे प्राइम लोकेशन भला क्या हो सकती है?

इस रेलवे स्टेशन से महात्मा मंदिर का जो भव्य दृष्य दिखता है, दांडी कुटीर दिखती है, वो भी अद्भुत हैं। दांडी कुटीर म्यूजियम आने वाले लोग या वाइब्रेंट गुजरात समिट में आने वाले लोग जब इसे देखेंगे तो उनके लिए ये भी एक टूरिस्ट स्पॉट बन जाएगा।और आज रेलवे का ये जो कायाकल्‍प हुआ है, महात्‍मा मंदिर से सट करके हुआ है, इसके कारण महात्‍मा मंदिर का महात्‍मय भी अनेक गुना बढ़ गया है। अब लोग छोटी-मोटी कॉन्‍फ्रेंस करने के लिए इस होटल का भी उपयोग करेंगे, महात्‍मा मंदिर का भी उपयोग करेंगे। यानी एक प्रकार से सालभर अनेक इवेंट्स के लिए यहां एक सार्वजनिक रूप से व्‍यवस्‍था मिल गई है। और एयरपोर्ट से इधर 20 मिनट के रास्‍ते पर, आप कल्‍पना कर सकते हैं कि देश-विदेश के लोग इसका कितना उपयोग कर सकते हैं।

भाइयों और बहनों,

कल्पना कीजिए, पूरे देश में रेलवे का इतना बड़ा नेटवर्क है, इतने अधिक संसाधन हैं, इस तरह की कितनी संभावनाएं उसमें छिपी हुई हैं। साथियों, भारत जैसे विशाल देश में रेलवे की भूमिका हमेशा से बहुत बड़ी रही है। रेलवे अपने साथ-साथ विकास के नए आयाम, सुविधाओं के नए आयाम लेकर भी पहुंचती है। ये बीते कुछ वर्षों का प्रयास है कि आज नॉर्थ ईस्ट की राजधानियों तक पहली बार रेल पहुंच रही है, तो बहुत जल्द श्रीनगर भी कन्याकुमारी से रेल के माध्यम से जुड़ने वाला है। आज वडनगर भी इसExpansionका हिस्सा बन चुका है। मेरी तो वडनगर स्टेशन से कितनी ही यादें जुड़ी हैं। नया स्टेशन वाकई बहुत आकर्षक लग रहा है। इस नई ब्रॉडगेज लाइन के बनने सेवडनगर-मोढेरा-पाटन हेरिटेज सर्किट अब बेहतर रेल सेवा से कनेक्ट हो गया है। इससे अमदाबाद-जयपुर-दिल्ली मेन लाइन से सीधी कनेक्टिविटी हो गई है। इस लाइन के शुरु होने से इस पूरे क्षेत्र में सुविधा के साथ-साथ रोज़गार और स्वरोज़गार के नए अवसर भी खुल गए हैं।

साथियों,

महसाणा-वरेठा लाइन जहां हमारी धरोहर से हमें कनेक्ट करती है, तो सुरेंद्रनगर-पीपावाव लाइन का विद्युतीकरण हमें भारतीय रेल के भविष्य से जोड़ता है। ये भारतीय रेल के इतिहास में बसे कम समय में पूरा होने वाले प्रोजेक्ट में से एक है। ये रेल लाइन एक महत्वपूर्ण पोर्ट कनेक्टिविटी रूट होने के साथ-साथ वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए फीडर रूट भी है। ये रेल मार्ग पीपावाव बंदरगाह से देश के उत्तरी भागों के लिए डबल स्टैक कंटेनरों वाली मालगाड़ी की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने वाला है।

साथियों,

देश में यात्रा हो या फिरGoods Transport, कम समय, कम खर्च और बेहतर सुविधा आज 21वीं सदी के भारत की प्राथमिकता है। इसलिए आज देश मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी की तरफ कदम बढ़ा रहा है। इसके लिए एक विस्तृत रोडमैप पर काम चल रहा है। मुझे विश्वास है, ट्रांसपोर्ट के अलग-अलग मोड को जोड़कर, लास्ट माइल कनेक्टिविटी, आत्मनिर्भर भारत के अभियान को और गति देगी।

साथियों,

नए भारत के विकास की गाड़ी दो पटरियों पर एक साथ चलते हुए ही आगे बढ़ेगी। एक पटरी आधुनिकता की, दूसरी पटरी गरीब, किसान और मध्यम वर्ग के कल्याण की। इसलिए आज भारत में एक तरफNext Generation Infrastructureके निर्माण पर इतना काम हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ इनका लाभ गरीब को, किसान को, मध्यम वर्ग को मिले, ये भी सुनिश्चित किया जा रहा है।

भाइयों और बहनों,

गुजरात और देश के विकास के इन कार्यों के बीच, हमें कोरोना जैसी महामारी का भी ध्यान रखना है। बीते डेढ़ साल में 100 वर्ष की सबसे बड़ी महामारी ने हम सभी के जीवन को बहुत प्रभावित किया है। कोरोना संक्रमण ने अनेक साथियों को असमय हमसे छीना है। लेकिन एक राष्ट्र के रूप में हम पूरे सामर्थ्य से इसका मुकाबला कर रहे हैं।गुजरात ने भी बहुत परिश्रम के साथ संक्रमण की गति को बढ़ने से रोका है।

अब हमें अपने आचरण से और टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंटऔर टीकाके मंत्र से कोरोना संक्रमण की दर को नीचे ही रखना है। इसलिए बहुत सावधान और सतर्क रहने की ज़रूरत है। इसके साथ ही हमें, वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को निरंतर तेज़ करना आवश्यक है। मुझे खुशी है कि गुजरात 3 करोड़ टीकों के पड़ाव पर पहुंचने वाला है। केंद्र सरकार ने टीकों की उपलब्धता से जुड़ी जो जानकारी पहले ही साझा करनी शुरु की है, उससे गुजरात को वैक्सीनेशन सेंटर स्तर की रणनीति बनाने में मदद मिली है। सभी के प्रयासों से टीकाकरण से जुड़े अपने लक्ष्यों को हम तेज़ी से हासिल कर पाएंगे, इसी विश्वास के साथ एक बार फिर से नई परियोजनाओं के लिएआप सबकोबहुत-बहुत बधाई।

धन्यवाद !

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November 08, 2025
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पीएम मोदी ने घुसपैठ के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई का वादा किया और सीतामढ़ी में मतदाताओं से सुरक्षा, विकास और सम्मान के लिए NDA का समर्थन करने का आग्रह किया।

मां जानकी प्रकट स्थली से...माँ जानकी, बाबा हलेश्वरनाथ, पंथपाकर, भगवती स्थान सहित, सम्पूर्ण मिथिलावासी के प्रणाम करैत छी।

साथियों,

पहले चरण के मतदान में बिहार ने कमाल कर दिया है। पहले चरण में जंगलराज वालों को 65 वोल्ट का झटका लगा है। चारों तरफ ये चर्चा है कि...बिहार के नौजवानों ने...विकास को चुना है, NDA को चुना है। बिहार की बहनों-बेटियों ने भी... NDA की रिकॉर्ड विजय पक्की कर दी है।

यहां सीतामढ़ी का जो माहौल है... आपका जो प्यार है और इतना जो उमंग उत्साह है, दुनिया की किसी भी ताकत से बड़ी ताकत होती है जनता जनार्दन का आशीर्वाद। इससे बड़ी कोई ताकत नहीं होती है। और हम आज सीतामढ़ी में जो माहौल देख रहे दिल को छूने वाला है दिल को छूने वाला है और यह माहौल भी यही कह रहा है ये माहौल भी इस बात का सदेश दे रहा है, ये माहौल भी इस संकल्प का परिचय करा रहा है। नहीं चाहिए कट्टा सरकार...फिर एक बार.. फिर एक बार.. फिर एक बार... नहीं चाहिए... नहीं चाहिए... नहीं चाहिए... फिर एक बार.. फिर एक बार... फिर एक बार... NDA सरकार!

साथियों,

आप ने तो कई लोगों की नींद हराम कर दी... आप लोगों ने इन तीन मिनट में अच्छों-अच्छों की नींद उड़ा दी है जी। यही तो जनता जनार्दन की ताकत होती है।

साथियों,

मां सीता की इस पुण्य भूमि पर आया हूं। ये भी बड़ा सौभाग्य है और मुझे 5-6 साल पहले का आज का ही दिन याद आता है। आपको भी याद आ जाएगा। वो तारीख थी 8 नवंबर 2019। याद कीजिए 8 नवंबर 2019। माता सीता की इस धरती पर आया था, और यहां से अगले दिन मुझे सुबह-सुबह पंजाब में करतारपुर साहब कॉरिडोर के लोकार्पण के लिए निकलना था। और अगले ही दिन सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या पर फैसला भी आना था। मैं मन ही मन प्रार्थना कर रहा था कि सीता मैया के आशीर्वाद से फैसला, रामलला के पक्ष में ही आए। मैं लगातार प्रार्थना कर रहा था और साथियों, जब सीता माता की धरती से निकलते हुए प्रार्थना करूं वो प्रार्थना कभी भी विफल जाती है क्या। इस धरती की ताकत है कि नहीं है। और यही तो मां का आशीर्वाद है और साथियों ऐसा ही हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने, रामलला के पक्ष में ही फैसला दिया। आज मां सीता की इस पुण्य भूमि पर आया हूं...आपका आशीर्वाद ले रहा हूं...और इतने सारे उत्साह से भरे लोगों के बीच वो दिन याद आना बहुत स्वभाविक है।

साथियों,

मां सीता के आशीर्वाद से ही बिहार...विकसित बिहार बनेगा। ये जो चुनाव है...ये विकसित बिहार बनाने के लिए है। ये चुनाव तय करेगा आने वाले सालों में बिहार के बच्चों का भविष्य क्या होगा। आपके संतानों का भविष्य क्या होगा। आपके बेटे-बेटियों के आने वाले कल कैसा होगा। और इसलिए ये चुनाव बहुत अहम है।

साथियों,

आरजेडी वाले, बिहार के बच्चों के लिए क्या करना चाहते हैं... ये इनके नेताओं के चुनाव प्रचार में साफ-साफ दिखता है। आप जरा जंगलराज वालों के गाने और उनके नारे जरा सुन लीजिए। आप कांप जाएंगे, क्या बोलते हैं। क्या सोचते हैं। RJD के मंचों पर मासूम बच्चों से कहलवाया जा रहा है। क्या कहलवाया जा रहा है वो बच्चे कह रहे हैं उन्हें रंगदार बनना है। रंगदार बनना है। आप मुझे बताइए...बिहार का बच्चा रंगदार बनना चाहिए या डॉक्टर बनना चाहिए? रंगदार बनना चाहिए या डॉक्टर बनना चाहिए? क्या हम हमारे बच्चों को रंगदार बनने देंगे? क्या रंगदार बनाने वालों को जीतने देंगे। बिहार का बच्चा रंगदार नहीं बन सकता अब हमारा बच्चा इंजीनियर बनेगा, डॉक्टर बनेगा...एडवोकेट बनेगा, अदालत में जज बनेगा.. मैं बिहार में आपको, यहां फैशन है ना कट्टा लेकर के आ जाते हैं और फिर बोलते हैं हैंड्स अप.. यही है ना, मैं आपको बिहार में हैंड्स-अप कहने वाले के लिए अब बिहार में जगह नही है अब तो बिहार में स्टार्ट-अप के सपने देखने वाले चाहिए.. हैंड्स-अप वाले नहीं चाहिए हमे..

साथियों,

हम बच्चों के हाथ में किताबें, कंप्यूटर-लैपटॉप दे रहे हैं...हमारे बच्चे खेल में आगे बढ़ें...इसलिए हम उन्हें बैट दे रहे हैं, हॉकी स्टिक दे रहे हैं...फुटबॉल दे रहे हैं वॉलीबॉल दे रहे हैं लेकिन RJD के लोग...बिहार के युवाओं को कट्टा और दु-नाली देने की बात कर रहे हैं। ये लोग.खुद के बच्चों को मंत्री बनाना चाहते हैं.. बेटा हो या बेटी कोई सांसद बने कोई एमएलए बने, कोई मंत्री बने कोई मुख्यमंत्री बने। अपनी संतानों के लिए तो वे ये सपने देखते हैं.और आप सभी के बच्चों को रंगदार बनाना चाहते हैं। रंगदार बनाना चाहते हैं। मुझे पूरी ताकत से बताइये भाइयों, ये रंगदार बनाने वाला पाप आपको मंजूर है क्या? ये बिहार को मंजूर है क्या? क्या इन बच्चों को मंजूर होगा क्या?

साथियों,

जंगलराज का मतलब है...कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुसंस्कार, करप्शन.. क्या कर रहे हैं ये लोग। ये कुसंस्कार से भरे हुए लोग हैं। कुशासन का राज चाहते हैं। भारत रत्न जन-नायक कर्पूरी ठाकुर जी..भोला पासवान शास्त्री जी...ऐसे महान नेताओं ने बिहार को सामाजिक न्याय और विकास का विश्वास दिया था। लेकिन जैसे ही जंगलराज आया...वैसे ही बिहार में बर्बादी का दौर शुरु हो गया। RJD वालों ने बिहार में विकास का पूरा माहौल ही खत्म कर दिया।

साथियों,

ये RJD और कांग्रेस वाले...उद्योगों की ABC भी नहीं जानते। ये उद्योगों में सिर्फ ताले लगाना जानते हैं...15 वर्ष के जंगलराज में... एक भी नई फैक्ट्री, एक नया कारखाना बिहार में नहीं लगा। यहीं मिथिला में...जो मिलें थीं, फैक्ट्रियां थीं, वो भी बंद हो गईं। 15 वर्ष के जंगलराज में...कोई भी बड़ा अस्पताल, मेडिकल कॉलेज...बिहार में नहीं बना। इसलिए जंगलराज वालों के मुंह से विकास की बातें सिर्फ सफेद झूठ हैं।

साथियों,

जंगलराज के समय में बिहार के लोगों का सरकार से भरोसा ही उठ गया था। भरोसा उठ गया था कि नहीं उठ गया था.. भरोसा बचा था? नीतीश जी के नेतृत्व में NDA सरकार ने बिहार का टूटा हुआ भरोसा लौटाया है। अब निवेशक...बिहार आने के लिए उत्सुक हैं। यहां अच्छी सड़कें बन रही हैं...रेल और हवाई कनेक्टिविटी बेहतर हो गई है...बिजली के नए-नए कारखाने बन रहे हैं... यहां जो रीगा चीनी मिल है...वो फिर से शुरु हो चुकी है। आने वाले समय में...बिहार में ऐसी मिलें और फैक्ट्रियां बनाने का काम और मजबूती के साथ आगे बढ़ेगा। गन्ना किसानों के हितों को देखते हुए..हमारी सरकार गन्ने के इथेनॉल बनाने को भी बढ़ावा दे रही है।

साथियों,

भाजपा- एनडीए जो कहती है...वो करके दिखाती है। और मोदी की गारंटी, मोदी की गारंटी मतलब पूरा होने की गारंटी। बिहार की समृद्धि का बहुत बड़ा आधार आत्मनिर्भर भारत अभियान भी है। मोदी...देश को दुनिया की फैक्ट्री...बहुत बड़ा मैन्युफेक्चरिंग हब बनाने में जुटा है...ये तभी हो सकता है...जब बिहार में खेती से जुड़े उद्योग लगें.. बिहार में पर्यटन का विस्तार हो...यहां टेक्नॉलॉजी से जुड़े उद्यम लगें...मैन्युफेक्चरिंग पर ज्यादा से ज्यादा निवेश हो। आने वाले सालों में हम इस काम को और तेज़ी से करने वाले हैं। और इसका रास्ता NDA ने अपने घोषणापत्र में भी बताया है, बताकर के ऱखा हुआ है।

साथियों,

यहां के हमारे नौजवानों में, हमारी बहनों में अद्भुत सामर्थ्य है। और मोदी आपके श्रम, आपका सामर्थ्य, आपकी कला का ब्रैंड एंबेसेडर है। अब आप कहेंगे मोदी कहां से मेरा ब्रैंड एंबेस्डर बन गया मैं बताता हूं कैसे बन गया.. अभी कुछ महीने पहले मैं अर्जेंटीना गया था...बहुत दूर है यहां से। वहां के जो उपराष्ट्रपति हैं, उनको मैंने यहां की बहनों की बनाई..मधुबनी पेंटिंग भेंट की थी। और वो ऐसे देखते थे, बड़ा अजूबा लगा था उनको, जब मैंने कहा कि मेरी बहनें बनाती हैं इसे, बिहार के एक कोने में बैठी बहनें बनाती हैं इसे गांव की बहनें बनाती हैं इसे… तो ऐसे देख रहे हैं मेरे सामने बताइए, मैं आपका एंबेसडर बना कि नहीं बना। मैं आपका ब्रैंड एंबेसडर बना कि नहीं बना। बिहार की बात दुनिया में पहुंचाई कि नहीं पहुंचाई… आपका मधुबनी पेंटिंग पहुंचाया कि नहीं पहुंचाया। इसी तरह, दिल्ली में G-20 समिट के दौरान... दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति को भी मैंने मधुबनी पेंटिंग देने का काम किया।

साथियों,

ये सब मैं इसलिए करता हूं...क्योंकि मुझे बिहार पर गर्व है। मुझे बिहार की माताओं-बहनों के सामर्थ्य पर गर्व है। मुझे बिहार की बेटियों की ताकत पर गर्व है। मैं चाहता हूं आपकी कला, आपका कौशल दुनिया भर में पहुंचे। भारत में बनी चीज़ों के लिए दुनिया में नए बाज़ार बनें।

साथियों,

एक समय था जब बिहार...दूसरे राज्यों से मछली मंगाता था। लेकिन NDA सरकार की नीतियों का असर है...कि बिहार अब दूसरे राज्यों को मछली भेजने लगा है। और ये हमारे मछली के क्षेत्र में काम करने वालों की ताकत देखिए, बड़े-बड़े लोग भी यहां की मछली देखने आ रहे हैं। पानी में डुबकी लगा रहे हैं। किसी ने मुझे कहा कि बिहार के चुनाव में डूबने की प्रैक्टिस कर रहे हैं। साथियों जैसे मछली के क्षेत्र में बिहार के लोगों ने बड़ी कमाल की है। सरकार ने और बिहार के हमारे मछुआरे भाई-बहनों ने मिलकर के एक नया क्षेत्र खोल दिया है। अब इसी तरह हम मखाने को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाना चाहते हैं। बिहार का मखाना दुनिया के घर-घर तक पहुंचेगा....तो फायदा छोटे किसानों को होगा।

साथियों,

ये माता सीता की धरती है... नारीशक्ति का सामर्थ्य कैसे, एक परिवार को, पूरे समाज को ताकत देता है...ये धरती उसकी साक्षी रही है। हमारी NDA सरकार भी महिला सशक्तिकरण के मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है।

साथियों

सरकार की नीतियों और निर्णयों का असर हम हर क्षेत्र में देख रहे हैं। साथियों, यहीं बिहार के राजगीर में पिछले वर्ष...महिला हॉकी की एशियाई चैंपियन्स ट्रॉफी हुई थी। हमारी बेटियां चैंपियन बनी थीं। कुछ दिन पहले भारत की बेटियों ने क्रिकेट विश्व कप भी जीता है...ये क्रिकेट के इतिहास में पहली बार हुआ है। तीन दिन पहले ही...ये विश्व विजेता हमारी बेटियां, दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास पर आई थीं। उनका आत्मविश्वास देखकर, मुझे गर्व हो रहा था। गांव-कस्बों से निकलकर हमारी बेटियां...140 करोड़ भारतीयों का अभिमान बनी हैं।

साथियों,

हमारी बेटियों का ये नया आत्मविश्वास इसलिए आया है..क्योंकि हमारी सरकार कदम-कदम पर नारीशक्ति के साथ खड़ी है। अब आप देखिए, जनधन बैंक खाते, मजाक उड़ाते थे मेरी, कि महिलाओं की जेब में पैसा नहीं होता है खाते कैसे खुलेंगे? मैंने कहा एक रुपया दिए बिना भी मैं खाते खोलूंगा। ये सिर्फ एक पासबुक देने का मामला नहीं था। ये बहनों-बेटियों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का माध्यम बना है। मैं आपको एक और उदाहरण देता हूं...आजकल मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की बहुत चर्चा है। बिहार की एक करोड़ चालीस लाख बहनों के खाते में...दस-दस हज़ार रुपए पहुंच चुके हैं। कल्पना कीजिए...अगर बहनों के बैंक खाते ही न खुलते... तो क्या ये योजना बन पाती? मोदी ने बैंक खाते खुलवाए...नीतीश जी की सरकार उनमें बहनों को सहायता भेज रही है। आज पाई-पाई बहनों के खाते में पहुंच रही है। इसलिए आप याद रखिए...अगर कांग्रेस-RJD का जंगलराज होता...तो आपके हक का ये पैसा भी लुट जाता। और ये मैं नहीं कह रहा हूं, ये कांग्रेस के नामदार हैं ना उनके पिताजी खुद कहते थे। वो प्रधानमंत्री थे और पूरे देश में पंचायत से पार्लियामेंट तक सिर्फ कांग्रेस का ही झंडा फहरता था, सारी सरकारें उनकी थीं। मुयनिसपैलिटी उनकी, ग्राम पंचायतें उनकी, पार्षद उनका सब उनका था। उस समय कांग्रेस के एक प्रधानमंत्री, ये नामदार के पिताजी वो कहते थे दिल्ली से एक रुपया निकलता है तो गांव में जाते-जाते 15 पैसा हो जाता है। जरा बताओ वो कौन सा पंजा था, जो एक रुपये को घिसता-घिसता-घिसता 15 पैसे कर देता था, कौन सा पंजा था। आज भाइयो-बहनों अगर पटना से एक रुपया निकलता है तो पूरे सौ पैसे आपके खाते में जमा होते हैं। आज दिल्ली से एक रुपया निकलता है तो सौ के सौ पैसे आपके खाते में जमा होते हैं। और इसलिए मेरे माताओं, बहनों, भाइयों, नौजवानों.. आपको सावधान रहना है...क्योंकि कांग्रेस-RJD आपका पैसा लूटने की फिराक में बैठी है।

साथियों,

कांग्रेस और आरजेडी के लोग...इतने सालों तक सत्ता में रहे...इन लोगों ने...विकास के नाम पर सिर्फ घोटाले किए...जो दूर-दराज के क्षेत्र थे...उनको ये लोग पिछड़ा घोषित कर देते थे। ताकि वहां लोग विकास के बारे में सोच ही न पाएं। देश के सौ से अधिक जिले ऐसे ...जिनको कांग्रेस ने पिछड़ा घोषित कर रखा था। इसमें बिहार के भी अनेक जिले थे...और सीतामढ़ी भी उनमें से एक था। साथियों, जिनको इन्होंने पिछड़ा घोषित किया था...उनको हमने आकांक्षी जिला बनाया...वहां मिशन मोड पर विकास शुरु किया...मुझे गर्व है कि हमारा सीतामढ़ी भी आज विकास के मामले में दूसरे जिलों को टक्कर दे रहा है। आज सीतामढ़ी में, पूरे बिहार में विकास की नई रफ्तार दिखाई दे रही है। नई रेल लाइनें...अमृत भारत जैसी नई रेल सेवा...आधुनिक रेलवे स्टेशन.. नया इंजीनियरिंग कॉलेज... नया मेडिकल कॉलेज....ये सब अब सीतामढ़ी की पहचान बन रहे हैं। और मैं आपको भरोसा दिलाता हूं...बिहार में फिर से NDA सरकार बनते ही...हम विकास की इस गति को और मजबूती देंगे, और आपलोगों का कल्याण का काम करेंगे।

साथियों,

हमारी सरकार...यहां विकास भी कर रही है...और विरासत को भी सम्मान दे रही है। हम इस क्षेत्र को रामायण सर्किट से जोड़ रहे हैं। सीतामढ़ी से अयोध्या के लिए सीधी रेलसेवा भी इसी प्लान का हिस्सा है। आपके पाहुन, आपके दामाद जी तो खुद प्रभु श्रीराम हैं। अयोध्या में सीतामढ़ी के दामाद जी का भव्य मंदिर बन गया है...अब माता के मायके की बारी है। पुनौराधाम की भव्यता अब पूरी दुनिया देखेगी।

साथियों,

एक तरफ NDA सरकार अपने तीर्थों का विकास कर रही है। वहीं दूसरी तरफ...कांग्रेस और आरजेडी के लोग हमारी आस्था का अपमान कर रहे हैं। आपने कांग्रेस के नामदार की बातें सुनी होंगी...उन्होंने छठ पूजा के लिए क्या कहा... छठ महापर्व के लिए क्या कहा। छठ महापर्व आज देश और दुनिया में लोग श्रद्धापूर्वक मनाने लगे हैं। ये छठ महापर्व हमारी बिहार की माताओं और बहनों की तपस्या का एक गौरवपूर्ण याद रखने वाला इतिहास की तारीख में गोल्डेन अक्षरों से लिखने वाला तप है। तीन-तीन दिन तक तपस्या करती है, आखिर में तो पानी तक नहीं पीती है। इतनी बड़ी तपस्या छठ महापर्व की होती है और कांग्रेस के ये नामदार क्या कह रहे हैं.. छठ महापर्व.. छठ पूजा ये तो ड्रामा है ड्रामा, नौटंकी है.. माताओं बहनों ये आपका अपमान है कि नहीं है? ये आपका अपमान है कि नहीं है? ये छठ मैया का अपमान है कि नहीं है? हमारी परंपरा का अपमान है कि नहीं है? हमारी विरासत का अपमान है कि नहीं है? हमारी संस्कृति का अपमान है कि नहीं है? ऐसा अपमान करने वालों को सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? ऐसा करने वालों को आप सजा देंगे कि नहीं देंगे। बड़ी ताकत से सजा देंगे कि नहीं देंगे? और लोकतंत्र में सजा देने का तरीका है वोट। आपका एक वोट उन्हें ऐसी सजा देगा ऐसी सजा देगा कि दुबारा ऐसा कहने की हिम्मत नहीं करेंगे। यही लोग है, जिन्होंने महाकुंभ को लेकर गलत बातें कीं..महाकुंभ को फालतू कहा..। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का भी इन्होंने अपमान किया। अयोध्या में राम मंदिर परिसर में ही...महर्षि वाल्मीकि का भी मंदिर बनाया गया है...निषादराज का भी मंदिर बहां बनाया गया है...माता शबरी का मंदिर भी बनाया गया है...ये RJD-कांग्रेस वाले… अपने वोट बैंक की वजह से राम जी का वहिष्कार करते ऐसा ही नहीं ये निषादराज का बहिष्कार करते हैं, ये वाल्मीकि जी का बहिष्कार करते हैं, शबरी माता का बहिष्कार करते हैं।

साथियों,

जिनकी नीतियां तुष्टिकरण से ही प्रेरित हैं..वो बिहार का भला नहीं कर सकते। ये लोग तो समाज में कटुता ही पैदा कर सकते हैं। आप देखिए...RJD-कांग्रेस के नेता वोटबैंक के तुष्टिकरण के लिए घुसपैठियों तक को बचाने के लिए पूरी शक्ति से लगे हुए हैं। जिन घुसपैठियों का भारत से कोई लेना-देना नहीं...ये लोग उनको बचा रहे हैं।

साथियों,

जो घुसपैठिए हैं...ये आपके हक पर डाका डालते हैं…ये घुसपैठिये आपके संतानों के हक की चोरी करते हैं। और ये उन चोरों को बचाने के लिए मैदान में उतरे हैं। आपकी रोजी-रोटी पर कब्जा कर लेते हैं...हमारी बेटियों की सुरक्षा, देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन जाते हैं। अब आप मुझे बताइए साथियों… आप पूरी तरह जवाब देंगे मुझे… सबके सब जवाब देंगे.. पूरी ताकत से जवाब देंगे.. ये जंगलराजवालों के कान फट जाए ना ऐसा जवाब दीजिए मुझे। देंगे? आप मुझे बताइए.. ये घुसपैठियों को निकालना चाहिए कि नहीं निकालना चाहिए? ये घुसपैठिये जाने चाहिए कि नहीं जाने चाहिए? ये घुसपैठिए जहां से आए हैं वहां जाने चाहिए कि नहीं जाने चाहिए? आप मुझे बताइए ये घुसपैठिये का हिसाब कौन कर सकता है। घुसपैठियों का हिसाब कौन कर सकता है? पूरी ताकत से बताइए कि घुसपैठियों का हिसाब कौन कर सकता है? कौन घुशपैठियों को निकाल सकता है? कौन घुसपैठियों को सजा दे सकता है। मोदी नहीं, ये आपका जवाब गलत है। ये घुसपैठियों का हिसाब चुकते करने का काम मोदी नहीं आपका एक वोट कर सकता है.. आपका एक वोट कर सकता है। आपके वोट की ताकत है, NDA को मिला आपका हर वोट... घुसपैठियों के विरुद्ध कार्रवाई को करके रहेगा ये मैं आपसे वादा कर रहा हूं।

साथियों,

पहले चरण में NDA ने बिहार में जीत की तरफ बड़ा मजबूत कदम रख दिया है। 11 नवंबर को आपका वोट NDA के सभी उम्मीदवारों को मिलेगा.. तो NDA की प्रचंड जीत तय हो जाएगी। और तभी गरीबों का कल्याण का काम, गरीबों के लिए पक्के घर बनाने का काम, हमारी बढ़ी हुई पेंशन सभी को पहुंचाने का काम, जिस तरह पहले चरण में बिहार ने मतदान के पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए...वैसे ही आपको दूसरे चरण में भी मतदान का रिकॉर्ड तोड़ना है। तोड़ेंगे? तोड़ेंगे? जरा पूरी ताकत से सब बताइये मतदान का रिकॉर्ड तोड़ेंगे? हर बूथ में ज्यादा मतदान कराएंगे? हर बुथ में पहले से ज्यादा सौ वोट जाना चाहिए। सौ लोग मतदान के लिए जाने का पक्का करेंगे। आप इतनी बड़ी तादाद में हमारे उम्मीदवारों को आशीर्वाद देने आए हैं। मैं सभी चुनाव के उम्मीदवारों को कहता हूं कि आप आगे आ जाइए.. बस यहीं खड़े रह जाइए..हां.. मैं आप सबसे मिलने के लिए आ रहा हूं। आपको शुभकामनाएं देने के लिए आ रहा हूं। इन सबके आशीर्वाद में बोलिए...
भारत माता की... जय!
भारत माता की... जय!
भारत माता की.. जय!
वंदे मातरम के डेढ़ सौ साल.. मेरे साथ बोलिए
वंदे मातरम् वंदे... वंदे... वंदे... वंदे... वंदे... वंदे... वंदे... वंदे... वंदे...