एग्रीकल्चर सेक्टर में R&D को लेकर ज्यादातर योगदान पब्लिक सेक्टर का ही है,अब समय आ गया है कि इसमें प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़े : प्रधानमंत्री
छोटे किसानों का सशक्तीकरण सरकार के विजन के केंद्र में है : प्रधानमंत्री मोदी
हमें देश के एग्रीकल्चर सेक्टर का, प्रोसेस्ड फूड के वैश्विक मार्केट में विस्तार करना ही होगा : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने कृषि और किसान कल्‍याण से संबंधित बजट प्रावधानों के प्रभावी कार्यान्‍वयन के बारे में आयोजित सेमिनार को वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के माध्‍यम से संबोधित किया। इस वेबिनार में कृषि, डेयरी, मत्‍स्‍य पालन क्षेत्र के विशेषज्ञों, सार्वजनिक, निजी और सहकारी क्षेत्र के हितधारकों तथा ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था को वित्तपोषित करने वाले बैंकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कृषि मंत्री भी इस वेबिनार में शामिल हुए।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने छोटे किसानों को केन्‍द्र में रखते हुए सरकार के विजन को रेखांकित किया। उन्‍होंने कहा कि इन छोटे किसानों के सशक्तिकरण से भारतीय कृषि को अनेक समस्‍याओं से छुटकारा दिलाने में बहुत मदद मिलेगी। उन्‍होंने इस केन्‍द्रीय बजट में कृषि के लिए कुछ प्रावधानों के बारे में प्रकाश डाला। इन प्रावधानों में पशु-पालन, डेयरी और मत्‍स्‍य पालन क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए कृषि ऋण लक्ष्‍य बढ़ाकर 16,50,000 करोड़ रुपये करना, ग्रामीण बुनियादी ढांचा निधि बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपये करना, सूक्ष्‍म सिंचाई के लिए आवंटन दोगुना करना, ऑपरेशन ग्रीन स्‍कीम का दायरा 22 जल्‍दी खराब होने वाले उत्‍पादों तक बढ़ाना और ई-नाम के साथ 1,000 और मंडियों को जोड़ना शामिल हैं। उन्‍होंने लगातार बढ़ते जा रहे कृषि उत्‍पादन के बीच 21वीं सदी में पोस्‍ट हार्वेस्‍ट क्रांति या खाद्य प्रसंस्‍करण क्रांति और मूल्‍य संवर्धन से संबंधित भारत की जरूरत पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि अगर यह काम दो-तीन दशक पहले हो गया होता तो देश के लिए बहुत अच्‍छा होता।

प्रधानमंत्री ने खाद्यान्‍नों, सब्जियों, फलों और मछली पालन जैसे कृषि से संबंधित प्रत्‍येक क्षेत्र में प्रसंस्‍करण विकसित करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि इसके लिए यह महत्‍वपूर्ण है कि किसानों को अपने गांव के पास ही भंडारण सुविधाएं उपलब्‍ध हों। उन्‍होंने खेतों से प्रसंस्‍करण इकाइयों तक उत्‍पाद ले जाने की प्रणाली में सुधार लाने का आह्वान किया और इस बात पर जोर दिया कि ऐसी इकाइयों की लैंड होल्डिंग (जोत) कृषक उत्‍पादक संगठनों (एफटीओ) द्वारा की जाए। उन्‍होंने देश के किसानों को अपनी उपज बेचने के विकल्‍पों का विस्‍तार करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि हमें प्रसंस्कृत खाद्य के लिए देश के कृषि क्षेत्र का वैश्विक बाजार में विस्तार करना है। हमें गांव के पास कृषि उद्योग क्‍लस्‍टरों की संख्‍या बढ़ानी चाहिए ताकि गांव के लोगों को अपने गांव में ही कृषि से संबंधित रोजगार प्राप्‍त हो सकें। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑर्गेनिक क्‍लस्‍टर और निर्यात क्‍लस्‍टर भी इस बारे में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्‍होंने यह कल्‍पना की कि हमें ऐसे परिदृश्‍य की ओर आगे बढ़ना है जहां कृषि आधारित उत्‍पाद गांवों से शहरों की ओर और औद्योगिक उत्‍पाद शहरों से गांवों तक पहुंचे। उन्‍होंने उत्‍पादों को वैश्विक बाजारों तक ले जाने के लिए ‘एक जिला एक उत्‍पाद योजना’ का लाभ उठाने के तरीकों का पता लगाने की जरूरत पर भी बल दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हालांकि भारत दुनिया का एक प्रमुख मछली उत्‍पादक और निर्यातक देश है फिर भी अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार में प्रसंस्‍कृत मछली के बारे में हमारी हिस्‍सेदारी बहुत सीमित है। उन्‍होंने कहा कि इस परिदृश्‍य में बदलाव लाने के लिए सुधारों के साथ-साथ सरकार ने ‘रेडी टू ईट’ ‘रेडी टू कुक’ प्रसंस्‍कृत फलों और सब्जियों, प्रसंस्‍कृत ‘सी फूड’ और मोजरैला पनीर जैसे उत्‍पादों को प्रोत्‍साहन देने के लिए सरकार ने उत्‍पादन से जुड़े लगभग 11,000 करोड़ रुपये के प्रोत्‍साहनों की घोषणा की है। उन्‍होंने ऑपरेशन ग्रीन का भी जिक्र किया जिसके तहत सभी फलों और सब्जियों की ढुलाई के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। उन्‍होंने कहा कि पिछले छह महीनों ही 350 किसान रेलगाडि़यों का संचालन किया गया है और इन रेलगाडि़यों के माध्‍यम से 1,00,000 मीट्रिक टन फलों और सब्जियों की ढुलाई की गई है। किसान रेल पूरे देश के लिए कोल्‍ड स्‍टोरेज का एक मजबूत माध्‍यम बन गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के तहत पूरे देश के जिलों में फलों और सब्जियों के प्रसंस्‍करण के लिए क्‍लस्‍टरों का निर्माण करने पर जोर‍ दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री सूक्ष्‍म खाद्य प्रसंस्‍करण उद्यम उन्‍नयन योजना के तहत लाखों सूक्ष्‍म खाद्य प्रसंस्‍करण इकाइयों की सहायता की जा रही है। उन्‍होंने ट्रैक्‍टरों, स्‍ट्रॉ मशीनों या अन्‍य कृषि मशीनों के प्रति घंटे किराये के लिए सस्‍ते और प्रभावी विकल्‍प के साथ छोटे किसानों की मदद करने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की जरूरत पर जोर दिया। कृषि उत्‍पादों को बाजार तक पहुंचाने के लिए सस्‍ते और प्रभावी साधनों के लिए ट्रक समूहकों का उपयोग करने के लिए भी कहा। उन्‍होंने देश में मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड की सुविधा बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अपनी मिट्टी के स्‍वास्‍थ्‍य के बारे में किसानों की जागरूकता बढ़ाने से फसलों के उत्‍पादन में सुधार होगा। प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के बारे में निजी क्षेत्र के अधिक योगदान की जरूरत पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि हमें अब किसानों को ऐसे विकल्‍प देने होंगे जिनमें वे केवल गेहूं और चावल उगाने तक ही सीमित न रहें। हम ऑर्गेनिक खाद्य से लेकर सलाद से संबंधित सब्जियों को उगाने का प्रयास कर सकते हैं। इस प्रकार की कईं फसले हैं जिन्‍हें उगाया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि सीवीड (समुद्री शैवाल) और बीज्वैक्‍स (मधुमोम) के लिए बाजार तलाशने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सीवीड की खेती और बीज्वैक्‍स से हमारे मछुआरों और मधुमक्‍खी पालकों के लिए अतिरिक्‍त राजस्‍व जुटाया जा सकेगा। उन्‍होंने कहा कि निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ने से किसानों का आत्‍मविश्‍वास भी बढ़ेगा।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि कांट्रैक्‍ट फॉर्मिंग देश में किसी न किसी रूप में बहुत लंबे समय से मौजूद है। उन्‍होंने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि कांट्रैक्‍ट फॉर्मिंग केवल एक व्‍यावसायिक अवधारणा ही न रहे बल्कि हमें देश की भूमि के प्रति भी अपनी जिम्‍मेदारी पूरी तरह से निभानी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने देश के कृषि कार्य में ठोस प्रयास किए जाने का आह्वान किया ताकि सिंचाई से बुवाई तक फसल कटाई तक और कमाई तक व्‍यापक तकनीकी समाधानों का पता लगाया जा सके। उन्‍होंने कहा कि हमें कृषि क्षेत्र से जुड़े स्‍टार्टअप्‍स को बढ़ावा देना होगा और इन्‍हें युवाओं से जोड़ना होगा। उन्‍होंने कहा कि पिछले वर्षों में किसान क्रेडिट कार्ड का छोटे-से-छोटे किसानों, पशुपालकों और मछुआरों तक धीरे-धीरे विस्‍तार किया गया है। पिछले वर्ष 1.80 करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं। पिछले 6-7 वर्षों की तुलना में ऋण का प्रावधान दोगुना से भी अधिक कर दिया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 1,000 एफपीओ की व्‍यवस्‍था से सहकारिता मजबूत हो रही है।

 

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Prime Minister condoles the loss of lives in the blast in Delhi Reviews the situation with Home Minister Shri Amit Shah
November 10, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has condoled the loss of lives in the blast in Delhi earlier this evening."Condolences to those who have lost their loved ones in the blast in Delhi earlier this evening. May the injured recover at the earliest. Those affected are being assisted by authorities. Reviewed the situation with Home Minister Amit Shah Ji and other officials", Shri Modi said.

The Prime Minister posted on X:

“Condolences to those who have lost their loved ones in the blast in Delhi earlier this evening. May the injured recover at the earliest. Those affected are being assisted by authorities. Reviewed the situation with Home Minister Amit Shah Ji and other officials."

@AmitShah