आप सबको नए कार्यालय की बहुत-बहुत बधाई। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष श्रीमान जेपी नड्डा जी, दिल्ली की मुख्यमंत्री बहन रेखा गुप्ता जी, दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा जी, दिल्ली भाजपा की सह-प्रभारी बहन अलका गुर्जर जी, दिल्ली के सभी माननीय सांसद, दिल्ली सरकार के सभी मंत्रीगण, अन्य वरिष्ठजन साथी और यहां उपस्थित भारतीय जनता पार्टी के समर्थ और समर्पित सभी कार्यकर्ता साथी। नवरात्र के इन पावन दिनों में आज दिल्ली भाजपा को अपना नया कार्यालय मिला है। ये नए सपनों और नए संकल्पों से भरा हुआ पल है। मैं दिल्ली भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
साथियों,
भारतीय जनता पार्टी की स्थापना को 45 वर्ष हो चुके हैं। अटल जी, आडवाणी जी, नानाजीदेशमुख, राजमाता विजियाराजे सिंधिया जी, मुरली मनोहर जोशी जी ऐसे अनेक व्यक्तित्वों के आशीर्वाद और परिश्रम से ये पार्टी आगे बढ़ी। लेकिन साथियों, जिस बीज से भाजपा आज इतना बड़ा वटवृक्ष बना है, उसका रोपण अक्टूबर 1951 में हुआ था। तब श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नेतृत्व में जनसंघ की स्थापना हुई थी। और उसी दौर में दिल्ली जनसंघ को भी वैद्य गुरूदत्त जी के रूप में अपना पहला अध्यक्ष मिला। फिर समय-समय पर आडवाणी जी, डॉ.भाई महावीर, हरदयाल देवगुण जी दिल्ली जनसंघ की कमान संभालते रहे। 1980 में जब भाजपा की स्थापना हुई, तो वीके मल्होत्रा जी को दिल्ली भाजपा के पहले अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली। आज दिल्ली भाजपा जिस मजबूती में हैं, वो बीते दशकों में हमारे लाखों कार्यकर्ताओं के त्याग और परिश्रम का परिणाम है। केदारनाथ साहनी जी, साहिब सिंह वर्मा जी, मदनलाल खुराना जी, ऐसे अनेक दिग्गज नेताओं ने हमें सेवा की अमिट राह दिखाई। अरुण जेटली जी और सुषमा स्वराज जी जैसे कितने ही व्यक्तित्वों ने पार्टी के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
साथियों,
दिल्ली और बीजेपी का संबंध सिर्फ एक शहर और पार्टी का नहीं है। ये संबंध सेवा, संस्कार और सुख-दुख की साथी होने का है। पहले जनसंघ के रूप में और फिर भाजपा के रूप में, हमारी पार्टी दिल्ली के दिल से, दिल्ली के हितों से जुड़ी रही है। जनसंघ की स्थापना के बाद से हमने दिल्ली के लोगों की हर तरह से सेवा की। बंटवारे के बाद दिल्ली आए पीड़ितों के लिए जनसंघ के कार्यकर्ताओं ने पुनर्वास की व्यवस्थाएं बनाई। जब यहां मेट्रोपॉलिटन काउंसिल बनी, तो आडवाणी जी और वीके मल्होत्रा जी जैसे नेता दिल्ली के लोगों की आवाज बने। आपातकाल के दौर में, दिल्ली के लोगों के साथ जनसंघ के नेताओं ने सत्ता के दमन के खिलाफ संघर्ष किया। 1984 के जिन सिख दंगों में दिल्ली की आत्मा पर, मानवता पर एक भयंकर आघात हुआ, उस संकटकाल में भी, दिल्ली बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने हमारे सिख भाई-बहनों की हरसंभव रक्षा की। दिल्ली और बीजेपी का साथ भावना का है, भरोसे का है।

साथियों,
जनसंघ के जमाने में और उसके बाद भी, जब भी बड़े राष्ट्रीय आयोजन हुए, आंदोलन हुए, उसके केंद्र में हमेशा दिल्ली ही रही। और उस समय शहर में तीन-तीन, चार-चार बड़े आंदोलन जनसंघ और बीजेपी के लोग करते थे। हमारे ज्यादा लोग चुनकर के देश में कोई ज्यादा लोग नहीं आए थे, लेकिन राष्ट्रीय मुद्दों पर आंदोलन की ऐसी परंपरा हम लोगों ने खड़ी की थी, हमारे भूतपूर्व सभी नेताओं ने, कार्यकर्ताओं ने। और मैं देख रहा था कि हिंदुस्तान के कोने-कोने से जब लोग दिल्ली आते थे, तो कभी भी उनको ये महसूस नहीं होने दिया, दिल्ली के कार्यकर्ताओं ने कि हम कहीं बाहर के हैं। दिल्ली के कार्यकर्ता देशभर से आए हुए कार्यकताओं को अपने घरों में रखते थे। क्योंकि उस समय हमारे पास उतनी व्यवस्थाएं नहीं थीं। और जब सारी, जनसंघ के जमाने में, भाजपा के जमाने में कार्यकर्ता आते थे तो पांच-पांच, सात-सात दिन रूकते थे। अगली ट्रेन का आरक्षण मिले ना मिले, इंतजार करना पड़ता था। इतनी दूर से आने पड़ता था। तो इन सबको पांच-पांच, सात-सात दिन तक दिल्ली के कार्यकर्ता अपने घरों में रखते थे। और उनकी सारी व्यवस्थाएं देखते थे। यानि एक प्रकार से पूरे देश में इस विचार को पहुंचाने में दिल्ली के कार्यकर्ताओं के वो अथक पुरूषार्थ, परिश्रम आज बीजेपी को यहां पहुंचाने में मदद की है। और इसलिए, आज जब हम इस नए कार्यालय में प्रवेश कर रहे हैं, तो हमें दिल्ली भाजपा के इतिहास, उसके सेवाकार्यों से निरंतर प्रेरणा लेते हुए आगे बढ़ना है।
साथियों,
हमारे लिए कोई भी भाजपा कार्यालय, किसी देवालय से, किसी मंदिर से कम नहीं है। कोई भी भाजपा कार्यालय सिर्फ इमारतें नहीं हैं, ये वो मजबूत कड़ियां हैं, जो पार्टी को जमीन से, जन-अपेक्षाओं से जोड़े रखती हैं। भाजपा, सत्ता के लिए नहीं, सेवा के लिए सरकार में है। ये कार्यालय इसी चेतना को जागृत रखते हैं। इसलिए, हमें निरंतर प्रयास करते रहना होगा कि दिल्ली भाजपा के इस नए कार्यालय की पहचान, यहां की सुविधाओं से नहीं, बल्कि जन-सुनवाई और जनसेवा से होनी चाहिए। हमें हमेशा-हमेशा याद रखना होगा। इस कार्यालय में हमारा कार्यकर्ता किसी ना किसी जरूरतमंद की उम्मीदें लेकर आएगा। हम उन उम्मीदों पर खरा उतरें, ये हम सबका सामूहिक प्रयास होना चाहिए। इस कार्यालय में बैठकर लिए गए निर्णयों में जितनी संवेदना और सेवाभाव होगा, उतना ही दिल्ली के लोगों का हित होगा।
साथियों,
कई वर्षों के अंतराल के बाद दिल्ली में आज भाजपा की सरकार है। दिल्ली के लोगों ने अपने सपनों, अपने बेहतर भविष्य की उम्मीद भाजपा पर जताई है। इसलिए नए प्रदेश कार्यालय में बैठने वाले प्रत्येक जनप्रतिनिधि का दायित्व बहुत बड़ा है। दिल्ली के लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए दिल्ली भाजपा, हमारी ये सरकार कठोर परिश्रम कर रही है। झुग्गी-बस्तियों में रहने वालों के लिए नए घर बनाना। दिल्ली के सैकड़ों सरकारी स्कूलों-अस्पतालों को बेहतर बनाना, दिल्ली में सैकड़ों इलेक्ट्रिक बसें चलवाना, यमुना जी को साफ करवाने के लिए दिन-रात मेहनत करना, यमुनाजी के तट पर शहर के दूसरे हिस्सों में शानदार लिविंग स्पेस बनाना, मेट्रो-फ्लाईओवर के काम को गति देना। दिल्ली सरकार, दिल्ली के नवनिर्माण में लगी है। और इसलिए दिल्ली भाजपा सरकार और दिल्ली भाजपा कार्यालय जब कंधे से कंधा मिलाकर ऐसे ही चलेंगे, तो हम विकसित भारत, विकसित दिल्ली का सपना और तेजी से पूरा कर पाएंगे।

साथियों,
भाजपा-NDA की सरकारों ने देश में सुशासन का एक नया मॉडल दिया है। हम विकास भी और विरासत भी के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहे हैं। हमने देश की, देशवासियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। हमने बड़े-बड़े घोटालों से देश को मुक्ति दिलाकर, भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक जंग का विश्वास जगाया है।
साथियों,
भाजपा के सुशासन का एक और मजबूत पहलू है। हमारी सरकारों का फोकस डिलीवरी पर है। और सामान्य जन की बचत बढ़ाने पर भी है। मैं आपको टैक्स का एक उदाहरण देता हूं। 2014 में जब कांग्रेस की सरकार थी। ये बयानबाजी करने वाले लोग, बयान-बहादुर, आए दिन झूठे बयान देने में एक्सपर्ट हैं। लेकिन मैं जरा उनका कच्चा चिठ्ठा खोलता हूं। 2014 तक हमारे देश में इनकम टैक्स का क्या हाल था। दो लाख रुपए से ज्यादा की आय होने पर टैक्स लग जाता था। हमारे आने से पहले दो लाख की आय के ऊपर टैक्स लग जाता था। आज 12 लाख रुपए तक की इनकम पर भी टैक्स जीरो है।
साथियों,
यही स्थिति Goods और Services पर लगने वाले टैक्स की भी थी। 2014 से पहले अगर एक सामान्य परिवार अपनी रोज की जरूरतों पर साल में एक लाख रुपया अगर खर्च करता है, तो उसे करीब पच्चीस हजार रुपया टैक्स देना पड़ता था। ये मैं 2014 से पहले की कथा सुना रहा हूं। हम 2017 में GST लेकर आए, तो सामान सस्ते हुए, टैक्स भी कम हुआ। अब नेक्स्ट जेनरेशन GST रिफॉर्म्स के बाद एक लाख के खर्च पर उस परिवार को सिर्फ पांच या छह हजार रुपए का ही टैक्स देना पड़ता है। यानि 11 साल पहले की तुलना में सीधे करीब बीस हजार की बचत उस परिवार को हर साल तय है। अगर इनकम टैक्स और GST की बचत दोनों को मिला लें, तो हर साल देशवासियों के करीब ढाई लाख करोड़ रुपये की बचत होने वाली है।

साथियों,
भाजपा सरकारों के हर नेक काम का लाभ, हर लाभार्थी तक पहुंचना जरूरी है। इसके लिए भाजपा के हर कार्यकर्ता को हमेशा जागरूक रहना है। निरंतर काम करना है। आज के इस शुभ अवसर पर, जब इतनी बड़ी संख्या में नए-पुराने सभी कार्यकर्ताओं से मैं मिला हूं, तो मैं आपसे कुछ मांगने के लिए भी अपेक्षा लेकर आता हूं। और आप तो भली-भांति मुझे जातने हैं। कि मैं ऐसे ही काम नहीं करता, कुछ काम आपको भी देते रहता हूं। मेरा आपसे कुछ आग्रह है, जो मैं दिल्ली और देशभर के अपने कार्यकर्ता परिवार से साझा करना चाहता हूं। हमें ये सुनिश्चित करना है कि नेक्स्ट जेनरेशन GST रिफॉर्म्स का फायदा सामान्य से सामान्य व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। हमें ग्राहकों को भी जानकारी देनी है और अपने दुकानदार भाइयों को भी जागरूक करना है। जहां हम विपक्ष में हैं, वहां तो हमारी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है। वहां जो सरकार है, वो GST में कमी का पूरा लाभ जनता को दे, ये हमें पक्का करना ही होगा। ये विपक्ष में बयानबाज लोग हैं, करते उल्टा हैं, ये हिमाचल वालों ने जैसे ही हमने जीएसटी से दाम कम कर दिया, उन्होंने सीमेंट पर पैसा बढ़ा दिया और तिजोरी भरने का खेल शुरू कर दिया। यानि जो जनता को मिलना चाहिए, जो जनता के हक का है। वो हिमाचल में सरकार लूटने में तुरंत, उसी दिन लग गई।
साथियों,
हमें भारत को आत्मनिर्भर बनाना है और स्वदेशी को अपनाना है। ये भाजपा कार्यकर्ताओं की जिम्मेवारी है कि हर दुकान पर एक बोर्ड लगा रहना चाहिए। और बोर्ड भी बड़ा हो, डेढ़-दो फुट का बोर्ड हो और उस पर लिखा हो– गर्व से कहो ये स्वदेशी है। ये हर दुकान पे लगना चाहिए। ये दायित्व बीजेपी के हर कार्यकर्ता का है। ये स्वदेशी है, ये भाव गर्व-पूर्वक व्यक्त होना चाहिए। हमें गांव-गांव, गली-गली का अभियान बनाना है। विदेशी उत्पादों पर जितनी हमारी निर्भरता कम होगी, उतना ही देश के लिए बेहतर होगा।
साथियों,
आजकल देशभर में स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान भी चल रहा है। ये बहनों-बेटियों के स्वास्थ्य की जांच का बहुत बड़ा अभियान है। अब तक लाखों कैंप्स में 3 करोड़ से ज्यादा महिलाओं की मुफ्त जांच हो चुकी है। टीबी, ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर ऐसी अनेक बीमारियों को शुरुआत में ही पकड़ना बहुत जरूरी है। स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार से इसमें बहुत मदद मिल रही है। दिल्ली के भाजपा कार्यकर्ताओं को भी चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा बहनें इन हेल्थ कैंप्स का लाभ ले पाएं।

साथियों,
दिल्ली देश की राजधानी तो है ही, ये सांस्कृतिक विविधताओं की भी राजधानी है। दिल्ली में एक मिनी इंडिया बसता है। अलग-अलग राज्यों के लाखों लोग यहां बसे हुए हैं। इसलिए हमें दिल्ली में निरंतर एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को भी मजबूत करना है। बीते वर्षों में ये हमने दिल्ली में होते देखा है। यहां सिख गुरुओं के प्रकाश पर्व बहुत उल्लास से मनाए गए। हमने यहां असम के वीर योद्धा लाचित बोरफुकन जी की 400वीं जयंती पर बहुत बड़ा आयोजन किया। हम यहां छठ महापर्व भी मनाते हैं। दुर्गा पूजा में बंगाल के रंगों का आनंद लेते हैं। पोंगल और पुथांडु पर प्रकृति का नमन करते हैं। मुझे भी कई बार दिल्ली के ऐसे अनेक उत्सवों में जाने का अवसर मिला है। अभी मैंने देखा हमारी मुख्यमंत्री बहन रेखा गुप्ता जी भी तेलगू छात्र संघ द्वारा आयोजित बथुकम्मा उत्सव में शामिल हुईं। मेरा दिल्ली भाजपा से आग्रह है। सभी कार्यकर्ताओं से आग्रह है। देश के कोने-कोने के ऐसे पर्वों को, क्योंकि वहां के लोग यहां रहते हैं। उनके साथ मिलकर हिंदुस्तान के किसी भी कोने का कोई भी उत्सव ऐसा नहीं हो, कि जो हम यहां रहने वाले उस राज्य के लोगों के साथ मिलकर धूम-धाम से सेलीब्रेट ना करें। ये हमने करना चाहिए। देश से यहां रहने के लिए लोगों को लगना कि एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना ये सिर्फ नारा नहीं है, भाजपा मेरा परिवार है। उस भाव से वो प्रगट होती है। देश का हर उत्सव दिल्ली में भारत और भारतीयता के उत्सव जैसा बने, हम सबको इसके लिए प्रयास करना चाहिए।
जब हमें लगता है कि सिंगापुर एयरपोर्ट पर उतरते हैं तो दीवाली के समय वहां रोशनी होती है। दीवाली की शुभकामनाएं लिखी होती हैं। दुनिया के अनेक देशों में जब दीवाली का दीया वहां के मुखिया जलाते हैं तो हमें आनंद होता है कि नहीं होता है। हमें गर्व होता है कि देखिए, हमारे देश की दीवाली वहां मना रहे हैं। वैसे ही हिंदुस्तान के हर राज्य का प्रमुख त्योहार अगर हम यहां मनाएंगे, उस पूरे राज्य में खुशी की लहर छा जाएगी दोस्तो। देश की एकता के लिए बहुत जरूरी है और हम जिन विचारों को लेकर के जीए हैं। देशभक्ति हमारे लिए प्रथम है। हमें उसको बढ़-चढ़कर के पूरा करना है।
साथियों,
मुझे दिल्ली भाजपा पर, भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता पर पूरा विश्वास है। आप जनता-जनार्दन की अपेक्षाओं पर इसी तरह खरा उतरते रहिए। ऐसे ही दिल्ली को दुनिया की सबसे बेहतरीन, हमें संकल्प लेकर के चलना है साथियो, हमें एक बेहतरीन राजधानी बनाने के लिए दिन-रात एक कर देने हैं, दोस्तो। और मुझे पूरा विश्वास है कि आप जब ये करेंगे ना, तो देश बड़े गर्व से भर जाएगा। देश के हर कोने में कि हमारी राजधानी ऐसी है। और ये हमें करना चाहिए। एक बार फिर आप सभी को इस नए कार्यालय के लिए, आने वाली विजयादशमी, दीपावली और छठ पर्व की मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।
मेरे साथ बोलिए...
भारत माता की जय !
भारत माता की जय !
भारत माता की जय !
बहुत-बहुत धन्यवाद।


