QuoteCongress wants to impose heavy taxes on the earnings of youth: PM Modi in Munger
QuoteFight is between NDA’s ‘Santushtikaran model’ & INDI alliance’s 'Tushtikaran model': PM in Munger

भारत माता की, भारत माता की।

चंडिका माई के ई पवित्र धरती के गोड़ लागै छीये,
अंग राज कर्ण के ई भूमि के प्रणाम करै छीये.

मुंगेर की ये धरती स्वाभिमान की धरती है, विरासत की धरती है। इस क्षेत्र ने भारत की समृद्धि का वो दौर देखा है, जिसकी कई बार कल्पना तक मुश्किल हो जाती है। आज NDA सरकार, भारत की वही समृद्धि लौटाने का प्रयास कर रही है। और इस समय दुनिया भी जानती है कि ये समय भारत का है। दुनिया को भी लगता है कि जितनी मज़बूत सरकार भारत के लोग बनाएंगे, उतनी ही मज़बूती दुनिया को भी मिलेगी। 10 साल में भारत की जो ये साख बढ़ी है, आज दुनिया में भारत का डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है। आज दुनिया के हर देश में भारतीय का गौरव हो रहा है कि नहीं हो रहा है। आज भारत का सम्मान बढ़ रहा है कि नहीं बढ़ रहा है। ये किसके कारण हुआ है? ये आपका जवाब गलत है। ये मोदी के कारण नहीं हुआ है, ये आपके एक वोट के कारण हुआ है। ये आपके वोट की ताकत है जिसने दुनिया में हिंदुस्तान का डंका बजा दिया है। आपने अपने वोट से पहली बार NDA की मजबूत सरकार बनाई, मोदी को आशीर्वाद दिया। आज जो दिख रहा है न वो आपके उस वोट का का ये परिणाम है। आज भी इतनी विशाल संख्या में आप यहां आए हैं। उससे ज्यादा बाहर धूप में दिख रहे हैं मुझे। ये इस बात का प्रमाण है कि मुंगेर, बेगुसराय और खगड़िया भी एक स्वर से कह रहा है- फिर एक बार—मोदी सरकार !

भाइयों और बहनों,

लालटेन वाले उस अंधकार युग में जो जंगलराज चलता था, उसको मुंगेर ने सबसे अधिक सहा है। पहले हर कोई यहां से पलायन के बारे में ही सोचता था। लेकिन नीतीश जी जेडीयू-बीजेपी के नेतृत्व में NDA सरकार ने लालटेन के उस अंधेरे से बिहार को बाहर निकाला है। बड़ी मेहनत करके बिहार को बाहर निकाला है। अब जब भारत तेज़ी से विकसित हो रहा है, तो बिहार के तेज़ विकास का भी ये सही समय है। साथियों,आज हम देश में वंदे भारत, अमृत भारत और बुलेट ट्रेन जैसी नई ट्रेनें चला रहे हैं। ये सिर्फ आधुनिक सुविधाएं भर नहीं हैं। आज हम पटरी से लेकर, ट्रेन के इंजन और डिब्बे तक भारत में ही बना रहे हैं, इतना ही नहीं, दुनिया के और देशों को यानि विदेशों को भी बेच रहे हैं। इससे आने वाले समय में बिहार के रेल कारखानों को भी बहुत लाभ होने वाला है। हम भारत को दलहन और तिलहन में भी आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लेकर चले हैं। इसके लिए आने वाले 5 साल में मिशन मोड पर काम होगा। ऐसे में दलहन के कटोरे के रूप में इस क्षेत्र के किसानों की भूमिका और बड़ी होने जा रही है।

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साथियों,

आज बिहार में, इस चुनावी जंग में जो लड़ाई चल रही है एक तरफ NDA के संतुष्टिकरण मॉडल और इंडी गठबंधन के तुष्टिकरण मॉडल के बीच है। हमारा मॉडल है संतुष्टिकरण कोई छूट न जाए, जिसके हक का है वो मिलना चाहिए। हमने माताओं-बहनों को टॉयलेट, गैस, बिजली, पानी की सुविधा दी। हमने मुफ्त राशन और मुफ्त इलाज की गारंटी दी। कभी किसी से नहीं पूछा कि तुम्हारा धर्म क्या है। तुम मंदिर जाते हो कि मस्जिद जाते हो। तुम्हारी जाति क्या है। हमने तो कहा जो हकदार है उनको सबको मिलेगा। यही सच्चा सेकुलरिज्म है, यही सच्चा सामाजिक न्याय है। हमने गरीबों के पक्के घर बनाए, वो भी माताओं-बहनों के नाम किए। लेकिन इंडी-गठबंधन अपनी पूरी ताकत सिर्फ तुष्टिकरण पर लगा रहा है। कांग्रेस के शहज़ादे का कहना है कि वो देशभर में हर परिवार की कमाई का, प्रॉपर्टी का सर्वे करेंगे। परिवार के पास क्या होता है?...कुछ छोटी-मोटी बचत होती है, छोटी-मोटी गुमटी-दुकान-मकान होता है। हमारी बहनों के पास कुछ जेवर-गहने होते हैं, स्त्रीधन तो हमारे यहां बहुत पवित्र होते हैं। मंगलसूत्र होता है। भ्रष्टाचार करके लोगों को तबाह करने वाली कांग्रेस की गलत नज़र अब आपकी इस संपत्ति पर भी पड़ गई है।

साथियों,

कांग्रेस कहती है कि वो किसानों के घर और ज़मीन के सर्वे कराएगी और आप पर विरासत टैक्स लगाएगी। हर परिवार का एक्सरे निकालेंगे। यानि आप अपनी पूरी संपत्ति, आज तो आपके पास जो भी है, मरते समय अपने बच्चों को दे देते हैं। कोई लिखकरके जाता है या मरने के बाद उनके बच्चों को मिल जाता है। लेकिन अब कांग्रेस ऐसा घोषणापत्र लेकर आई है। कांग्रेस ने ऐसी घोषणा की है कि अब आप अपना घर, खेत-खलिहान, दुकान जो आपकी मेहनत से बना है, जिसके मालिक आप हैं। अब आप अपने बच्चों को नहीं दे। कांग्रेस का कहना है, शहजादे के गुरु का कहना है कि उसमें से आधे से अधिक कांग्रेस सत्ता में आई तो उसे हड़प लेंगे। यानि आपके पास गांव में 4 कमरों का घर है, तो आपके बाद आपकी संतान को सिर्फ 2 कमरे मिलेंगे। मान लीजिए किसी किसान के पास 10 बीघा ज़मीन है। कांग्रेस की सरकार बनी, तो 5 बीघा ही उसकी संतानों को मिलेगा। ऐसा भयानक विचार लेकरके ये इंडी गठबंधन वाले आए हैं। और इधर आरजेडी वाले इतनी चर्चा चल रही है, लेकिन मुंह पर ताला लगाकर बैठ गए हैं। क्यों वो भी मौन रखकर ये संपत्ति का भागीदारी का मजा लेना चाहते हैं। विरासत टैक्स के रूप में कांग्रेस अपनी जो खासमखास वोट-बैंक को देगी। आरजेडी की अपनी खासमखास वोटबैंक होगी ये आपका लूटकर उनको देगी। और इसीलिए आज पूरा देश चिंतित है, हर नौजवान चिंतित है, हर बुजुर्ग मां-बाप चिंतित है। इसलिए आज पूरा देश कह रहा है - कांग्रेस की लूट: ज़िंदगी के साथ भी, ज़िंदगी के बाद भी। मरने के बाद भी लूटेंगे। कांग्रेस की इस योजना में आरजेडी उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। साथियों,युवाओं को ज्यादा से ज्यादा नए अवसर देना, रोजगार के मौके देना NDA की प्राथमिकता है। NDA सरकार मुद्रा योजना, स्टार्ट अप योजना से, नौजवानों को लाखों रुपए की मदद दे रही है। मकसद यही है कि देश के युवा अपने स्टार्ट अप शुरू करें, अपनी कंपनियां खोलें, अपने इच्छा अनुसार काम शुरू करें। लेकिन कांग्रेस, नौजवानों की सैलरी, उनकी कमाई पर, छोटे उदयोगों की कमाई पर भी भारी टैक्स लगाना चाहती है।

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भाइयों और बहनों,

इंडी गठबंधन की दूसरी योजना तो और भी खतरनाक है। ये भारत के संविधान की भावना के विरुद्ध, हमारे पूर्वजों ने महीनों तक चर्चा करके जो हमारा देश का संविधान बनाया, जिस संविधान को बाबा अंबेडकर ने लिखा उस संविधान की भावना खिलाफ, बाबा साहब अंबेडकर की योजना और विचार के खिलाफ अब वे धर्म के आधार पर आरक्षण लाना चाहते हैं। कांग्रेस ने कर्नाटक में उन्होंने एक मॉडल बनाया है। मेरे ओबीसी समाज के जो भाई यहां हैं, ये जरा समझ लें, कितना बड़ा भयंकर संकट इनका खेल है। कर्नाटक में उन्होंने एक मॉडल बनाया है। जो अब संविधान का उनका, बेईमानी के साथ धर्म के आधार पर आरक्षण लाने की कोशिश की। सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया, तो अब वो पिछले दरवाजे से खेल खेल रहे हैं। और इसलिए उन्हेंने क्या किया, कर्नाटका में जो ओबीसी को 27 परसेंट आरक्षण संविधान ने दिया है, बाबा साहब अंबेडकर ने दिया है, भारत की संसद ने दिया है। उन्होंने क्या किया रातोंरात कर्नाटका में जितने भी मुसलमान समाज के लोग हैं, जरूरी नहीं है वो अगड़ा हो पिछड़ा हो, कुछ भी नहीं, सब के सब, रातोंरात एक कागज निकाला, ठप्पा मार दिया और कह दिया कि सारे के सारे मुसलमान ओबीसी है। और उसका परिणाम ये आया कि ओबीसी समाज का जो 27 परसेंट का आरक्षण था, उसका बहुत हिस्सा उन्होंने ध्रर्म के नाम पर दे दिया। ओबीसी समाज का आरक्षण उन्होंने काट दिया। अब वो यही काम पूरे देश में करना चाहती है। बिहार में भी ये इनकी कर्नाटका का फार्मूला है, वो इंडी गठबंधन वाले यादव हो, मंडल हो, कुर्मी हो, कुशवाहा हो, निशाद हो ऐसी जितनी भी पिछड़ी जातियां है, उनको जो आरक्षण मिला है, अब उसमें से डाका डालेंगे, लूट लेंगे और धर्म के नाम पर बांट देंगे। अपने वोट बैंक को देना चाहते हैं। इसमें भी कांग्रेस को आरजेडी का पूरा-पूरा साथ मिल रहा है। ओबीसी का हक लूटने का एक खेल चल रहा है। और आरजेडी वाले तालियां बजा रहे हैं। लेकिन ये लोग कान खोलकर सुन लें। जबतक मोदी है, तबतक ये SC/ST/OBC का हक छीनकर धर्म के आधार पर नहीं बांट पाएंगे। ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,

वोटबैंक की राजनीति के कारण ही, कांग्रेस की सरकारों ने हमारी हज़ारों वर्षों की समृद्ध विरासत की सुध नहीं ली। आज जब मैं गर्व के साथ पूरी दुनिया में जाकर कहता हूं कि भारत लोकतंत्र की जननी है, तो ये RJD-कांग्रेस-लेफ्ट वाले, मेरे देश का मज़ाक उड़ाते हैं। ये मज़ाक सिर्फ मोदी का नहीं है, बल्कि बिहार के महान लोकतांत्रिक इतिहास का मज़ाक है। बीते 10 वर्षों में हमने अपनी विरासत, अपनी धरोहर को फिर विश्व पटल पर स्थापित किया है। गुलामी की मानसिकता से घिरे ये लोग, अब चाहकर भी इस नए भारत को बदल नहीं सकते। आप देखिए, दिल्ली में G-20 सम्मेलन के दौरान हमने हमारे देश की महान विरासत नालंदा विश्वविद्याल के गौरवमयी इतिहास को दुनिया के सामने रखा। आज दुनिया के जी20 के जितने बड़े नेता हैं, उनके घर में नालंदा के उस विश्वविद्यालय के साथ फोटो है। NDA, भारत को 21वीं सदी के वैश्विक ज्ञान का केंद्र बनाने के लिए समर्पित है। मुंगेर में विश्व का सबसे बड़ा योग का विद्यालय है। पद्मश्री स्वामी निरंजनानंद सरस्वती जी के प्रयासों से पूरे विश्व से लोग यहां योग सीखने आते हैं। लेकिन गुलामी की मानसिकता से भरे दलों ने तो हमारे योग तक को विदेशियों के हवाले कर दिया था। आज पूरी दुनिया, जून के महीने में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाती है। इससे मुंगेर को, बिहार को गर्व होना बहुत स्वाभाविक है।

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साथियों,

अब भाजपा ने योग और आयुर्वेद को वैश्विक बनाने के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं। NDA सरकार, योग और आयुर्वेद के लिए विश्व स्तर पर मान्यता देने की, प्रमाण पत्र देने की, व्यवस्था स्थापित करेगी। NDA सरकार, दुनिया के लिए योग और आयुर्वेद के प्रमाणित पाठ्यक्रम बनाने के लिए इससे जुड़े संस्थानों को मदद देगी। इससे योग और आयुर्वेद सेक्टर में हमारे नौजवानों के लिए पूरी दुनिया में अवसर बनेंगे। साथियों, मोदी का एक और मिशन, भारत को हमारे छोटे किसानों के मोटे अनाज-श्री अन्न को दुनिया में घर-घर पहुंचाने का है। बिहार में हमारे किसान बड़ी मात्रा में श्री-अन्न उगाते हैं। ये देश के करोड़ों छोटे किसानों की कमाई को कई गुणा बढ़ाने वाला है।

भाइयों और बहनों,

यहां इस क्षेत्र में तो साक्षात माता सीता के निशान हैं। 500 साल बाद अयोध्या में प्रभु राम का भव्य मंदिर बना है। पूरे देश को गर्व हो रहा है। सबको गर्व हुआ। प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में ये इंडी गठबंधन वालों को निमंत्रण दिया, उन्होंने उसे ठुकरा दिया। और दूसरी तरफ वो अंसारी परिवार को देखिए, जो दो-दो पीढ़ी से राम मंदिर के खिलाफ अदालत में मुकदमा लड़ते थे। मुसलमानों के लिए मुकदमा लड़ते थे। लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ गया, तो उन्होंने गर्व के साथ उस निर्णय को माथे पर चढ़ाया, इतना ही नहीं, श्रीमान अंसारी खुद प्रभु श्री राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में खुद आए। लेकिन कांग्रेस-RJD के लोगों ने निमंत्रण ठुकरा दिया। ऐसे अहंकारी लोग जो अपने आप को भगवान राम से भी बड़ा मानते हैं। ऐसे लोगों को सबक सिखाने का ये मौका है।

भाइयों और बहनों,

आपको ये ध्यान रखना है कि इस बार आपका एक-एक वोट, भारत के विकास और विरासत को नई ऊंचाई देने के लिए पड़ने वाला है। इसलिए, मुंगेर से हमारे मित्र श्रीमान राजीव रंजन जी, बेगुसराय से गिरिराज सिंह जी और खगड़िया से राजेश वर्मा जी को हर बूथ पर विजयी बनाना है। कहीं 7 मई को मतदान है, तो कहीं 13 मई को, लेकिन हर बूथ पर मतदान के रिकॉर्ड जरूर टूटने चाहिए। टूटेंगे, घर-घर जाएंगे, ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे। सुबह 10 बजे से पहले मतदान कराएंगे। अच्छा मेरा एक काम करेंगे। ये मेरा काम है ललन सिंह का नहीं है, गिरिराज का नहीं है। देखिए घर-घर जाइएगा और कहिएगा कि मोदी जी मुंगेर आए थे, और मोदी जी ने आपको प्रणाम कहा है। हर परिवार में मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे। जब हर परिवार में आप मेरा प्रणाम पहुंचाएंगे न तो हर परिवार मुझे आशीर्वाद देगा, वो आशीर्वाद मेरी ऊर्जा है, वो आशीर्वाद मेरी शक्ति है, वो आशीर्वाद मेरी प्रेरणा है। और उस आशीर्वाद को लेकर के पूरी ताकत के साथ आपकी सेवा में जुट जाऊंगा।

मेरे साथ बोलिए...भारत माता की। भारत माता की। भारत माता की।

बहुत-बहुत धन्यवाद !

  • Jitendra Kumar May 05, 2025

    ❤️🇮🇳🇮🇳
  • Dheeraj Thakur February 03, 2025

    जय श्री राम।
  • Dheeraj Thakur February 03, 2025

    जय श्री राम
  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम 🚩 वन्दे मातरम् जय भाजपा विजय भाजपा
  • Devendra Kunwar October 08, 2024

    BJP
  • दिग्विजय सिंह राना September 18, 2024

    हर हर महादेव
  • Vivek Kumar Gupta July 07, 2024

    नमो ...................🙏🙏🙏🙏🙏
  • Vivek Kumar Gupta July 07, 2024

    नमो .............................🙏🙏🙏🙏🙏
  • Dr Mukesh Ludanan July 02, 2024

    Jai ho
  • Pradhuman Singh Tomar June 24, 2024

    BJP 885
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June 28, 2025
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प्रधानमंत्रीशुभांशु नमस्कार!

शुभांशु शुक्लानमस्कार!

प्रधानमंत्रीआप आज मातृभूमि से, भारत भूमि से, सबसे दूर हैं, लेकिन भारतवासियों के दिलों के सबसे करीब हैं। आपके नाम में भी शुभ है और आपकी यात्रा नए युग का शुभारंभ भी है। इस समय बात हम दोनों कर रहे हैं, लेकिन मेरे साथ 140 करोड़ भारतवासियों की भावनाएं भी हैं। मेरी आवाज में सभी भारतीयों का उत्साह और उमंग शामिल है। अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराने के लिए मैं आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। मैं ज्यादा समय नहीं ले रहा हूं, तो सबसे पहले तो यह बताइए वहां सब कुशल मंगल है? आपकी तबीयत ठीक है?

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शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! बहुत-बहुत धन्यवाद, आपकी wishes का और 140 करोड़ मेरे देशवासियों के wishes का, मैं यहां बिल्कुल ठीक हूं, सुरक्षित हूं। आप सबके आशीर्वाद और प्यार की वजह से… बहुत अच्छा लग रहा है। बहुत नया एक्सपीरियंस है यह और कहीं ना कहीं बहुत सारी चीजें ऐसी हो रही हैं, जो दर्शाती है कि मैं और मेरे जैसे बहुत सारे लोग हमारे देश में और हमारा भारत किस दिशा में जा रहा है। यह जो मेरी यात्रा है, यह पृथ्वी से ऑर्बिट की 400 किलोमीटर तक की जो छोटे सी यात्रा है, यह सिर्फ मेरी नहीं है। मुझे लगता है कहीं ना कहीं यह हमारे देश के भी यात्रा है because जब मैं छोटा था, मैं कभी सोच नहीं पाया कि मैं एस्ट्रोनॉट बन सकता हूं। लेकिन मुझे लगता है कि आपके नेतृत्व में आज का भारत यह मौका देता है और उन सपनों को साकार करने का भी मौका देता है। तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि है मेरे लिए और मैं बहुत गर्व feel कर रहा हूं कि मैं यहां पर अपने देश का प्रतिनिधित्व कर पा रहा हूं। धन्यवाद प्रधानमंत्री जी!

प्रधानमंत्रीशुभ, आप दूर अंतरिक्ष में हैं, जहां ग्रेविटी ना के बराबर है, पर हर भारतीय देख रहा है कि आप कितने डाउन टू अर्थ हैं। आप जो गाजर का हलवा ले गए हैं, क्या उसे अपने साथियों को खिलाया?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! यह कुछ चीजें मैं अपने देश की खाने की लेकर आया था, जैसे गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम रस और मैं चाहता था कि यह बाकी भी जो मेरे साथी हैं, बाकी देशों से जो आए हैं, वह भी इसका स्वाद लें और चखें, जो भारत का जो rich culinary हमारा जो हेरिटेज है, उसका एक्सपीरियंस लें, तो हम सभी ने बैठकर इसका स्वाद लिया साथ में और सबको बहुत पसंद आया। कुछ लोग कहे कि कब वह नीचे आएंगे और हमारे देश आएं और इनका स्वाद ले सकें हमारे साथ…

प्रधानमंत्री: शुभ, परिक्रमा करना भारत की सदियों पुरानी परंपरा है। आपको तो पृथ्वी माता की परिक्रमा का सौभाग्य मिला है। अभी आप पृथ्वी के किस भाग के ऊपर से गुजर रहे होंगे?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! इस समय तो मेरे पास यह इनफॉरमेशन उपलब्ध नहीं है, लेकिन थोड़ी देर पहले मैं खिड़की से, विंडो से बाहर देख रहा था, तो हम लोग हवाई के ऊपर से गुजर रहे थे और हम दिन में 16 बार परिक्रमा करते हैं। 16 सूर्य उदय और 16 सनराइज और सनसेट हम देखते हैं ऑर्बिट से और बहुत ही अचंभित कर देने वाला यह पूरा प्रोसेस है। इस परिक्रमा में, इस तेज गति में जिस हम इस समय करीब 28000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहे हैं आपसे बात करते वक्त और यह गति पता नहीं चलती क्योंकि हम तो अंदर हैं, लेकिन कहीं ना कहीं यह गति जरूर दिखाती है कि हमारा देश कितनी गति से आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्रीवाह!

शुभांशु शुक्ला: इस समय हम यहां पहुंचे हैं और अब यहां से और आगे जाना है।

प्रधानमंत्री: अच्छा शुभ अंतरिक्ष की विशालता देखकर सबसे पहले विचार क्या आया आपको?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, सच में बोलूं तो जब पहली बार हम लोग ऑर्बिट में पहुंचे, अंतरिक्ष में पहुंचे, तो पहला जो व्यू था, वह पृथ्वी का था और पृथ्वी को बाहर से देख के जो पहला ख्याल, वो पहला जो thought मन में आया, वह ये था कि पृथ्वी बिल्कुल एक दिखती है, मतलब बाहर से कोई सीमा रेखा नहीं दिखाई देती, कोई बॉर्डर नहीं दिखाई देता। और दूसरी चीज जो बहुत noticeable थी, जब पहली बार भारत को देखा, तो जब हम मैप पर पढ़ते हैं भारत को, हम देखते हैं बाकी देशों का आकार कितना बड़ा है, हमारा आकार कैसा है, वह मैप पर देखते हैं, लेकिन वह सही नहीं होता है क्योंकि वह एक हम 3D ऑब्जेक्ट को 2D यानी पेपर पर हम उतारते हैं। भारत सच में बहुत भव्य दिखता है, बहुत बड़ा दिखता है। जितना हम मैप पर देखते हैं, उससे कहीं ज्यादा बड़ा और जो oneness की फीलिंग है, पृथ्वी की oneness की फीलिंग है, जो हमारा भी मोटो है कि अनेकता में एकता, वह बिल्कुल उसका महत्व ऐसा समझ में आता है बाहर से देखने में कि लगता है कि कोई बॉर्डर एक्जिस्ट ही नहीं करता, कोई राज्य ही नहीं एक्जिस्ट करता, कंट्रीज़ नहीं एक्जिस्ट करती, फाइनली हम सब ह्यूमैनिटी का पार्ट हैं और अर्थ हमारा एक घर है और हम सबके सब उसके सिटीजंस हैं।

प्रधानमंत्रीशुभांशु स्पेस स्टेशन पर जाने वाले आप पहले भारतीय हैं। आपने जबरदस्त मेहनत की है। लंबी ट्रेनिंग करके गए हैं। अब आप रियल सिचुएशन में हैं, सच में अंतरिक्ष में हैं, वहां की परिस्थितियां कितनी अलग हैं? कैसे अडॉप्ट कर रहे हैं?

शुभांशु शुक्ला: यहां पर तो सब कुछ ही अलग है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग की हमने पिछले पूरे 1 साल में, सारे systems के बारे में मुझे पता था, सारे प्रोसेस के बारे में मुझे पता था, एक्सपेरिमेंट्स के बारे में मुझे पता था। लेकिन यहां आते ही suddenly सब चेंज हो गया, because हमारे शरीर को ग्रेविटी में रहने की इतनी आदत हो जाती है कि हर एक चीज उससे डिसाइड होती है, पर यहां आने के बाद चूंकि ग्रेविटी माइक्रोग्रेविटी है absent है, तो छोटी-छोटी चीजें भी बहुत मुश्किल हो जाती हैं। अभी आपसे बात करते वक्त मैंने अपने पैरों को बांध रखा है, नहीं तो मैं ऊपर चला जाऊंगा और माइक को भी ऐसे जैसे यह छोटी-छोटी चीजें हैं, यानी ऐसे छोड़ भी दूं, तो भी यह ऐसे float करता रहा है। पानी पीना, पैदल चलना, सोना बहुत बड़ा चैलेंज है, आप छत पर सो सकते हैं, आप दीवारों पर सो सकते हैं, आप जमीन पर सो सकते हैं। तो पता सब कुछ होता है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग अच्छी है, लेकिन वातावरण चेंज होता है, तो थोड़ा सा used to होने में एक-दो दिन लगते हैं but फिर ठीक हो जाता है, फिर normal हो जाता है।

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प्रधानमंत्री: शुभ भारत की ताकत साइंस और स्पिरिचुअलिटी दोनों हैं। आप अंतरिक्ष यात्रा पर हैं, लेकिन भारत की यात्रा भी चल रही होगी। भीतर में भारत दौड़ता होगा। क्या उस माहौल में मेडिटेशन और माइंडफूलनेस का लाभ भी मिलता है क्या?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बिल्कुल सहमत हूं। मैं कहीं ना कहीं यह मानता हूं कि भारत already दौड़ रहा है और यह मिशन तो केवल एक पहली सीढ़ी है उस एक बड़ी दौड़ का और हम जरूर आगे पहुंच रहे हैं और अंतरिक्ष में हमारे खुद के स्टेशन भी होंगे और बहुत सारे लोग पहुंचेंगे और माइंडफूलनेस का भी बहुत फर्क पड़ता है। बहुत सारी सिचुएशंस ऐसी होती हैं नॉर्मल ट्रेनिंग के दौरान भी या फिर लॉन्च के दौरान भी, जो बहुत स्ट्रेसफुल होती हैं और माइंडफूलनेस से आप अपने आप को उन सिचुएशंस में शांत रख पाते हैं और अपने आप को calm रखते हैं, अपने आप को शांत रखते हैं, तो आप अच्छे डिसीजंस ले पाते हैं। कहते हैं कि दौड़ते हो भोजन कोई भी नहीं कर सकता, तो जितना आप शांत रहेंगे उतना ही आप अच्छे से आप डिसीजन ले पाएंगे। तो I think माइंडफूलनेस का बहुत ही इंपॉर्टेंट रोल होता है इन चीजों में, तो दोनों चीजें अगर साथ में एक प्रैक्टिस की जाएं, तो ऐसे एक चैलेंजिंग एनवायरमेंट में या चैलेंजिंग वातावरण में मुझे लगता है यह बहुत ही यूज़फुल होंगी और बहुत जल्दी लोगों को adapt करने में मदद करेंगी।

प्रधानमंत्री: आप अंतरिक्ष में कई एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। क्या कोई ऐसा एक्सपेरिमेंट है, जो आने वाले समय में एग्रीकल्चर या हेल्थ सेक्टर को फायदा पहुंचाएगा?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बहुत गर्व से कह सकता हूं कि पहली बार भारतीय वैज्ञानिकों ने 7 यूनिक एक्सपेरिमेंट्स डिजाइन किए हैं, जो कि मैं अपने साथ स्टेशन पर लेकर आया हूं और पहला एक्सपेरिमेंट जो मैं करने वाला हूं, जो कि आज ही के दिन में शेड्यूल्ड है, वह है Stem Cells के ऊपर, so अंतरिक्ष में आने से क्या होता है कि ग्रेविटी क्योंकि एब्सेंट होती है, तो लोड खत्म हो जाता है, तो मसल लॉस होता है, तो जो मेरा एक्सपेरिमेंट है, वह यह देख रहा है कि क्या कोई सप्लीमेंट देकर हम इस मसल लॉस को रोक सकते हैं या फिर डिले कर सकते हैं। इसका डायरेक्ट इंप्लीकेशन धरती पर भी है कि जिन लोगों का मसल लॉस होता है, ओल्ड एज की वजह से, उनके ऊपर यह सप्लीमेंट्स यूज़ किए जा सकते हैं। तो मुझे लगता है कि यह डेफिनेटली वहां यूज़ हो सकता है। साथ ही साथ जो दूसरा एक्सपेरिमेंट है, वह Microalgae की ग्रोथ के ऊपर। यह Microalgae बहुत छोटे होते हैं, लेकिन बहुत Nutritious होते हैं, तो अगर हम इनकी ग्रोथ देख सकते हैं यहां पर और ऐसा प्रोसेस ईजाद करें कि यह ज्यादा तादाद में हम इन्हें उगा सके और न्यूट्रिशन हम प्रोवाइड कर सकें, तो कहीं ना कहीं यह फूड सिक्योरिटी के लिए भी बहुत काम आएगा धरती के ऊपर। सबसे बड़ा एडवांटेज जो है स्पेस का, वह यह है कि यह जो प्रोसेस है यहां पर, यह बहुत जल्दी होते हैं। तो हमें महीनों तक या सालों तक वेट करने की जरूरत नहीं होती, तो जो यहां के जो रिजल्‍ट्स होते हैं वो हम और…

प्रधानमंत्री: शुभांशु चंद्रयान की सफलता के बाद देश के बच्चों में, युवाओं में विज्ञान को लेकर एक नई रूचि पैदा हुई, अंतरिक्ष को explore करने का जज्बा बढ़ा। अब आपकी ये ऐतिहासिक यात्रा उस संकल्प को और मजबूती दे रही है। आज बच्चे सिर्फ आसमान नहीं देखते, वो यह सोचते हैं, मैं भी वहां पहुंच सकता हूं। यही सोच, यही भावना हमारे भविष्य के स्पेस मिशंस की असली बुनियाद है। आप भारत की युवा पीढ़ी को क्या मैसेज देंगे?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, मैं अगर मैं अपनी युवा पीढ़ी को आज कोई मैसेज देना चाहूंगा, तो पहले यह बताऊंगा कि भारत जिस दिशा में जा रहा है, हमने बहुत बोल्ड और बहुत ऊंचे सपने देखे हैं और उन सपनों को पूरा करने के लिए, हमें आप सबकी जरूरत है, तो उस जरूरत को पूरा करने के लिए, मैं ये कहूंगा कि सक्सेस का कोई एक रास्ता नहीं होता कि आप कभी कोई एक रास्ता लेता है, कोई दूसरा रास्ता लेता है, लेकिन एक चीज जो हर रास्ते में कॉमन होती है, वो ये होती है कि आप कभी कोशिश मत छोड़िए, Never Stop Trying. अगर आपने ये मूल मंत्र अपना लिया कि आप किसी भी रास्ते पर हों, कहीं पर भी हों, लेकिन आप कभी गिव अप नहीं करेंगे, तो सक्सेस चाहे आज आए या कल आए, पर आएगी जरूर।

प्रधानमंत्री: मुझे पक्का विश्वास है कि आपकी ये बातें देश के युवाओं को बहुत ही अच्छी लगेंगी और आप तो मुझे भली-भांति जानते हैं, जब भी किसी से बात होती हैं, तो मैं होमवर्क जरूर देता हूं। हमें मिशन गगनयान को आगे बढ़ाना है, हमें अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाना है, और चंद्रमा पर भारतीय एस्ट्रोनॉट की लैंडिंग भी करानी है। इन सारे मिशंस में आपके अनुभव बहुत काम आने वाले हैं। मुझे विश्वास है, आप वहां अपने अनुभवों को जरूर रिकॉर्ड कर रहे होंगे।

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, बिल्कुल ये पूरे मिशन की ट्रेनिंग लेने के दौरान और एक्सपीरियंस करने के दौरान, जो मुझे lessons मिले हैं, जो मेरी मुझे सीख मिली है, वो सब एक स्पंज की तरह में absorb कर रहा हूं और मुझे यकीन है कि यह सारी चीजें बहुत वैल्युएबल प्रूव होंगी, बहुत इंपॉर्टेंट होगी हमारे लिए जब मैं वापस आऊंगा और हम इन्हें इफेक्टिवली अपने मिशंस में, इनके lessons अप्लाई कर सकेंगे और जल्दी से जल्दी उन्हें पूरा कर सकेंगे। Because मेरे साथी जो मेरे साथ आए थे, कहीं ना कहीं उन्होंने भी मुझसे पूछा कि हम कब गगनयान पर जा सकते हैं, जो सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने बोला कि जल्द ही। तो मुझे लगता है कि यह सपना बहुत जल्दी पूरा होगा और मेरी तो सीख मुझे यहां मिल रही है, वह मैं वापस आकर, उसको अपने मिशन में पूरी तरह से 100 परसेंट अप्लाई करके उनको जल्दी से जल्दी पूरा करने की कोशिश करेंगे।

प्रधानमंत्री: शुभांशु, मुझे पक्का विश्वास है कि आपका ये संदेश एक प्रेरणा देगा और जब हम आपके जाने से पहले मिले थे, आपके परिवारजन के भी दर्शन करने का अवसर मिला था और मैं देख रहा हूं कि आपके परिवारजन भी सभी उतने ही भावुक हैं, उत्साह से भरे हुए हैं। शुभांशु आज मुझे आपसे बात करके बहुत आनंद आया, मैं जानता हूं आपकी जिम्मे बहुत काम है और 28000 किलोमीटर की स्पीड से काम करने हैं आपको, तो मैं ज्यादा समय आपका नहीं लूंगा। आज मैं विश्वास से कह सकता हूं कि ये भारत के गगनयान मिशन की सफलता का पहला अध्याय है। आपकी यह ऐतिहासिक यात्रा सिर्फ अंतरिक्ष तक सीमित नहीं है, ये हमारी विकसित भारत की यात्रा को तेज गति और नई मजबूती देगी। भारत दुनिया के लिए स्पेस की नई संभावनाओं के द्वार खोलने जा रहा है। अब भारत सिर्फ उड़ान नहीं भरेगा, भविष्य में नई उड़ानों के लिए मंच तैयार करेगा। मैं चाहता हूं, कुछ और भी सुनने की इच्छा है, आपके मन में क्योंकि मैं सवाल नहीं पूछना चाहता, आपके मन में जो भाव है, अगर वो आप प्रकट करेंगे, देशवासी सुनेंगे, देश की युवा पीढ़ी सुनेगी, तो मैं भी खुद बहुत आतुर हूं, कुछ और बातें आपसे सुनने के लिए।

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शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी! यहां यह पूरी जर्नी जो है, यह अंतरिक्ष तक आने की और यहां ट्रेनिंग की और यहां तक पहुंचने की, इसमें बहुत कुछ सीखा है प्रधानमंत्री जी मैंने लेकिन यहां पहुंचने के बाद मुझे पर्सनल accomplishment तो एक है ही, लेकिन कहीं ना कहीं मुझे ये लगता है कि यह हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ा कलेक्टिव अचीवमेंट है। और मैं हर एक बच्चे को जो यह देख रहा है, हर एक युवा को जो यह देख रहा है, एक मैसेज देना चाहता हूं और वो यह है कि अगर आप कोशिश करते हैं और आप अपना भविष्य बनाते हैं अच्छे से, तो आपका भविष्य अच्छा बनेगा और हमारे देश का भविष्य अच्छा बनेगा और केवल एक बात अपने मन में रखिए, that sky has never the limits ना आपके लिए, ना मेरे लिए और ना भारत के लिए और यह बात हमेशा अगर अपने मन में रखी, तो आप आगे बढ़ेंगे, आप अपना भविष्य उजागर करेंगे और आप हमारे देश का भविष्य उजागर करेंगे और बस मेरा यही मैसेज है प्रधानमंत्री जी और मैं बहुत-बहुत ही भावुक और बहुत ही खुश हूं कि मुझे मौका मिला आज आपसे बात करने का और आप के थ्रू 140 करोड़ देशवासियों से बात करने का, जो यह देख पा रहे हैं, यह जो तिरंगा आप मेरे पीछे देख रहे हैं, यह यहां नहीं था, कल के पहले जब मैं यहां पर आया हूं, तब हमने यह यहां पर पहली बार लगाया है। तो यह बहुत भावुक करता है मुझे और बहुत अच्छा लगता है देखकर कि भारत आज इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच चुका है।

प्रधानमंत्रीशुभांशु, मैं आपको और आपके सभी साथियों को आपके मिशन की सफलता के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। शुभांशु, हम सबको आपकी वापसी का इंतजार है। अपना ध्यान रखिए, मां भारती का सम्मान बढ़ाते रहिए। अनेक-अनेक शुभकामनाएं, 140 करोड़ देशवासियों की शुभकामनाएं और आपको इस कठोर परिश्रम करके, इस ऊंचाई तक पहुंचने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। भारत माता की जय!

शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी, धन्यवाद और सारे 140 करोड़ देशवासियों को धन्यवाद और स्पेस से सबके लिए भारत माता की जय!