Congress, RJD & JMM reign has given migration, poverty, and unemployment: PM in Jharkhand
The BJP-NDA government will fight the mafia-driven corruption in recruitment: PM in Jharkhand rally

भारत माता की जय,

भारत माता की जय।

मंदार पर्वत// माता जोगिनी // और बाबा बैजनाथ की इस पावन भूमि// मा आप सभी को...जय जोहार। की हाल चाल छै ?

मैं झारखंड में जहां-जहां गया हूं। हर एक रैली अगली रैली का रिकॉर्ड तोड़ देती है। आज जो मैं देख रहा हूं, ये अद्भुत दृश्य है। जिनको राजनीति का हिसाब-किताब करना, ये जिनका कारोबार है, इतना इधर जाएगा तो ये होगा, उधर जाएगा तो ये होगा, ऊपर जाएगा तो ये होगा। इन सबको मैं कह रहा हूं, मेहनत मत करो यार, जरा एक बार झारखंड में चक्कर लगा लो, नतीजा क्या आएगा, पता चल जाएगा।

साथियों,

आपको लगता होगा कि आज मोदी जी क्यों आए हैं। क्या मैं आपसे वोट मांगने आया हूं? आपका प्यार इतना है, आपके आशीर्वाद इतने हैं कि वो तो आप मेरी झोली भर ही देते हैं। लेकिन मैं आज आपको निमंत्रण देने आया हूं। न्योता देने आया हूं। 23 तारीख को चुनाव के नतीजे के बाद बीजेपी-एनडीए सरकार का शपथ समारोह होगा। मैं आप सबको न्योता देने आया हूं उस शपथ समारोह के लिए।

साथियों,

आने वाले नेमान पर्व की आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं ! आज झारखंड में पहले चरण का मतदान हो रहा है। बड़ी संख्या में लोग गाजे-बाजे के साथ, एक लोकतंत्र का उत्सव मनाते हुए जुलूस निकाल रहे हैं। एक-एक पोलिंग बूथ में 10-12 जुलूस निकल रहे हैं और लोग थाली बजाते, घंटी बजाते, गीत गाते-गाते लोकतंत्र का उत्सव मनाने के लिए मतदान करने के लिए निकल पड़े हैं। सुबह से लंबी-लंबी कतारें लग गईं। साथियों, ये खबर ही अपने आप में ताकतवर खबर है। और इसलिए मैं एडवांस में झारखंड के लोगों का आभार भी व्यक्त कर देता हूं। आपके इस समर्थन के लिए, आपके इस प्यार के लिए। और यहां मैं देख रहा हूं हैं, इतनी ही बड़ी संख्या में यहां आपका आना, हम सबको आशीर्वाद देने के लिए आप आए, ये दिखाता है कि झारखंड के लोग जेएमएम सरकार को हटाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। और मुझे तो लगता है कि झारखंड का मिजाज इस बार जेएमएम-कांग्रेस की सरकार हटाना, इतना ही नहीं है, इस बार झारखंड का मिजाज उनको कड़ी से कड़ी चुनावी सजा देने का मूड दिखता है मुझे। साथियों, जन-जन में, मन-मन में हर कोने में गांव हो, शहर हो, पहाड़ हो, जंगल हो, पढ़े-लिखे लोग हों, अनपढ़ लोग हों, व्यापारी हो, दुकानदार हो, मजदूर हो, माता हो, बहन हो, नौजवान हो, सब ओर एक ही आवाज गूंज रही है, एक ही आवाज गूंज रही है- रोटी, बेटी और माटी की पुकार, झारखंड में भाजपा-NDA सरकार। रोटी, बेटी और माटी की पुकार...।

साथियों,

गोड्डा की ये भूमि, शक्ति की भूमि है, मां योगिनी की भूमि है। हृदय पीठ भी यहां से ज्यादा दूर नहीं है। शक्ति की इस धरती से मैं झारखंड की माताओं-बहनों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं। हमारी सरकार जब भी कोई बड़ी नीति बनाती है या कोई बड़े फैसले लेती है, तो झारखंड की माताओं-बहनों-बेटियों के भी बहुत से आशीर्वाद मिलते हैं। गोड्डा, साहिबगंज और पाकुड़ से भी अनेकों ऐसे आशीर्वाद मिलते रहते हैं। बीते कुछ सालों से यहां की बहनें मुझे लगातार एक बात जरूर बताती है। वे बताती हैं, मोदी जी आप हमारे लिए जो योजनाएं लाते हैं। यहां JMM-RJD और कांग्रेस वाले उनको लूट लेते हैं।

साथियों,

मैंने झारखंड की लाखों बहनों के नाम से पक्के घर देने के लिए पैसा दिया है। वो पैसा मैं सीधे बहनों के खाते में भेजता हूं। लेकिन यहां की सरकार ये पक्का घर आपको मिलने नहीं दे रही है। ये अपनी ही कोई फर्ज़ी स्कीम लेकर आई ताकि उसमें इनके लोगों को कट-कमीशन मिले। इन्होंने यही किया है। मैं आप सभी की परेशानी जानता हूं। आपको बालू नहीं मिलती, गिट्टी नहीं मिलती। ये सबकुछ JMM-कांग्रेस-RJD के लोग बेच कर खा जाते हैं। मैंने पूरे देश की बहनों के लिए घर पर ही अपना नल लगाने की योजना शुरू की। जहां भाजपा-NDA की सरकार है, वहां तो धड़ा-धड़ नल लग रहे हैं। लोगों के घर में पानी पहुंच रहा है। गोड्डा-साहिबगंज की बहनों के घर में नल के लिए भी हमने दिल्ली से पैसा भेजा। लेकिन आपके घर में नल लगा ही नहीं। आपके नल का पैसा भी JMM-कांग्रेस-RJD के लोगों ने हड़प लिया, खा लिया।

साथियों,

यहां की हमारी गांव की, गरीब, आदिवासी, दलित-पिछड़े, हमारे वंचित परिवार की बहनें, उनका चूल्हा जलता रहे, कोई गरीब बच्चा भूखा सो न जाए, इसके लिए मैंने मुफ्त चावल की योजना शुरु की। लेकिन बहनें बताती हैं कि इन्होंने चावल वाली योजना भी नहीं छोड़ा। थाली में भी ये चोरी करना छोड़ते नहीं हैं। और ये लूट का पैसा जा कहां रहा है? ये वही पैसा है जो नोटों के पहाड़ के रूप में हमने टीवी पर देखा है। आप मुझे बताइए, JMM-कांग्रेस को रत्तीभर भी पछतावा होता क्या? इतने सारे रुपये पकड़े जा रहे और जो नहीं पकड़े गए वो तो कहीं दबे पड़े होंगे। वो मैं बाद में हिसाब करने वाला हूं उनका। लेकिन थोड़ा सा भी पछतावा होता कि इतनी चोरी पकड़ी गई, जरा मुंडी नीचे करके जरा अच्छी बात बोलते। ये माफी तो नहीं मांगेंगे, मुझे मालूम है। वो आपके सामने अपने इस पाप के लिए शर्मिंदगी भी महसूस नहीं करेंगे। नोटों के पहाड़, और वो वाला नेता जो जेल गया। देखिए नोटों के पहाड़ वाला नेता जो जेल गया उसके परिवार के सदस्य को ही इन्होंने टिकट दे दिया। मतलब चोरी करने को सर्टिफाई कर दिया। और यह सिर्फ टिकट दिया ऐसा नहीं है वह आपके घाव पर नमक छिड़कने का काम किया है। सीधी-सीधी झारखंड के लोगों को चुनौती है, हमारी आदिवासी माताओं बहनों को चुनौती है। ये सोचते हैं कि JMM-कांग्रेस कुछ भी करें, इनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा।

मेरे प्यारे भाई-बहनों

झारखंड के भाई-बहनों इनके इस अहंकार को तोड़ना है, इनके इस भ्रम को तोड़ना है। अरे ये लोकतंत्र है, हम मालिक नहीं हैं, मालिक आप हैं। माताओं-बहनों, आप लिख लीजिए, जो अभी झौंपड़ी में रहता है, ऐसे हर परिवार को भाजपा-NDA सरकार पक्का घर देगी। ये मोदी की गारंटी है। झारखंड में गरीब को पक्का घर भी मिलेगा, उसमें पानी का नल भी मिलेगा, और मुफ्त गैस कनेक्शन भी मिलेगा। मैं तो हर बहन के घर का बिजली बिल, ये जो बिजली का बिल होता है ना, आप सबको मैं कहता हूं मेरी कोशिश है कि आज जो बिजली का बिल आता है, आप सोचते हैं यार कैसे रहेंगे, चलो इस बार यह कट करें और पैसे दे दे वरना बिजली कट हो जाएगी। अब मोदी क्या करने वाला है मालूम है, आपका बिजली का बिल जीरो। अब आपको लगेगा मोदी जादू कहां से करेगा, ये जादू नहीं है। हम हर घर को करीब पौने लाख रुपया यानी 75 से 80 हजार रुपया उनको सोलार पैनल लगाने के लिए देंगे। उससे बिजली पैदा होगी, आपकी बिजली तो जीरो बिल वाली, लेकिन अगर ज्यादा बिजली हो गई, आपकी जरूरत से ज्यादा बिजली है तो सरकार आपकी बिजली खरीदेगी। पहले आप सरकार को पैसे देते थे, अब सरकार आपको पैसे देगी, ये काम मोदी कर रहा है। ये हर परिवार उसमें अभी रजिस्ट्री करवा रहे हैं, काम चल रहा है। और इससे मुफ्त बिजली भी मिलेगी और ज्यादा बिजली पैदा हुई तो सरकार उसे खरीदकर आपको पैसे भी देगी, आप कमाई करेंगे।

साथियों,

भाजपा सरकार की पहचान है, हम आपके लिए जीते हैं, हम आपके बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए मर मिटते हैं, दिन-रात काम करते हैं और इसलिए जो कहते हैं वो करने के लिए कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखते हैं। अभी ओडिशा में भाजपा ने सुभद्रा योजना घोषित की थी चुनाव के पहले। और छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना की घोषणा की थी। आज मुझे आपको ये हिसाब देते हुए आनंद हो रहा है, मैं अपना रिपोर्ट कार्ड दे रहा हूं कि हमारी उड़ीसा की सरकार ने और छत्तीसगढ़ की सरकार ने सरकार बनते ही माताओं-बहनों के लिए जो योजना बनाई थी सीधे उनके खाते में पैसा जमा करने की, वह योजना लागू हो गई, पैसे उनके खाते में जमा हो गए। अब झारखंड भाजपा ने गोगो दीदी योजना शुरु करने की गारंटी दी है। यहां भाजपा-NDA सरकार बनते ही, हर महीने हजारों रुपए बहनों के खाते में आना शुरू हो जाएंगे।

साथियों,

पहले कांग्रेस, फिर आरजेडी और JMM, इन दलों ने इस क्षेत्र में लंबे समय तक राज किया है। लेकिन आपको इन्होंने क्या दिया है? इन्होंने संथाल परगना को सिर्फ पलायन दिया है, गरीबी दी है, बेरोज़गारी दी है। खुद मुख्यमंत्री इसी क्षेत्र से चुनाव लड़ते हैं। लेकिन यहां के लोगों को काम के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है। भारत में रेलवे को डेढ़ सौ साल से ज्यादा का समय हो चुका है। लेकिन गोड्डा में आजादी के 75 साल बाद भी रेल नहीं पहुंच पाई थी। गोड्डा में रेल तब पहुंची, जब आपने मोदी पर भरोसा किया। अब यहां से दर्जनभर से अधिक ट्रेनें चलती हैं। मैं तो बाबा विश्वनाथ की काशी का सांसद हूं। काशी के लोगों ने चुन करके एमपी बनाया है और आप सबने मिलकर के मुझे पीएम बनाया है। और आज जब मैं आपके बीच आया हूं तो मैं गर्व से कह सकता हूं कि अब आप बाबा बैधनाथ के दर्शन करके वंदे भारत ट्रेन में बैठ के सीधे बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने जा सकते हैं। एक दिन में दो-दो ज्योतिर्लिंग।

साथियों,

भाजपा-NDA सरकार, इस क्षेत्र में उद्योगों को भी बढ़ावा दे रही है। यहां बिजली के कारखाने लगे हैं। यहां सीमेंट के कारखाने लगे हैं। यहां बड़ी संख्या में रोजगार मिले हैं। साहिबगंज में एक बहुत बड़ा मल्टीमोडल टर्मिनल बना है। इससे यहां नए उद्योगों को बल मिलेगा। JMM-कांग्रेस वालों का उद्योगों का दूर-दूर तक नाता नहीं है। उनका एक ही उद्योग है पेपरलीक उद्योग, उनका उद्योग है माफिया राज फैलाना। उनको माफिया राज फैलाना आता है। ये लोग पेपर लीक माफिया पैदा करते हैं। ये सरकारी भर्ती में घूस और ट्रांस्फर-पोस्टिंग का कारोबार करते हैं। आप चाहते हैं ना ऐसे भ्रष्ट्चारियों को कड़ी सजा मिले? सजा मिलनी चाहिए ना? जरा जोर से बताइए, कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ना? कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ना? आप भाजपा-NDA सरकार बनाइए, युवाओं का भविष्य बर्बाद करने वालों को पाताल से भी खोजकर लाया जाएगा। झारखंड भाजपा ने लाखों युवाओं को सरकारी नौकरी का वादा किया है। हमारे बेटे-बेटियों को अच्छी शिक्षा और भत्ते का वादा किया है। ये सारे वादे भाजपा-एनडीए सरकार जरूर पूरे करेगी। संथाल-परगना की पहचान, पलायन से नहीं बल्कि पर्यटन से हो, ये काम हम करने वाले हैं।

साथियों,

किसानों का कल्याण, हमेशा से भाजपा की प्राथमिकता रहा है। भाजपा-NDA सरकारें जहां भी हैं वहां सिंचाई की सुविधाएं बना रही हैं। जहां पानी कम है, वहां टपक सिंचाई पर बल दिया जा रहा है। ये भाजपा सरकार है, जो छोटे किसानों के खाते में सीधे पैसा भेज रही है। इससे किसानों को बहुत मदद मिल रही है। अब झारखंड भाजपा ने धान किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से धान खरीदने की गारंटी दी है। कांग्रेस के समय में सिर्फ 8-10 वन उपज पर ही MSP मिला करता था। भाजपा सरकार अब करीब-करीब 90 वन-उपज पर MSP दिया करती है। झारखंड भाजपा ने भी वन उपज के लिए कई घोषणाएं की हैं। इन सारे प्रयासों से किसानों की आय बढ़ेगी।

साथियों,

झारखंड की ये धरती, सिद्धो-कान्हो, चांद-भैरव, फूलो-झानो, तिलका-मांझी की भूमि है। झारखंड धरती आबा बिरसा मुंडा की भूमि है। दो दिन बाद यानि 15 नवंबर से भाजपा सरकार, धरती आबा की डेढ़ सौवीं जयंति को पूरे धूमधाम से मनाने जा रही है। हम सिद्धो-कान्हो और दूसरे सेनानियों के भव्य स्मारक बनाने जा रहे हैं, रिसर्च सेंटर्स बनाने जा रहे हैं। ये भाजपा-NDA की सरकार है, जिसने पहली बार आदिवासी समाज को इतनी भागीदारी दी। ये भाजपा-NDA ही है, जिसने देश को पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति दीं। द्रौपदी मुर्मू जी के रूप में एक आदिवासी बेटी को राष्ट्रपति बनाया। लेकिन JMM की सहयोगी कांग्रेस ने क्या किया? आदिवासी बेटी को हराने के लिए इन लोगों ने पूरा जोर लगा दिया। और ये भूलना नहीं है।

साथियों,

कांग्रेस हमेशा से ही आदिवासियों की घोर विरोधी रही है। कांग्रेस ने झारखंड आंदोलन के दौरान अनेक आदिवासी माताओं की कोख उजाड़ी है। और ये JMM वाले आज सत्ता के लिए कांग्रेस की ही गोद में जा बैठे हैं। कुर्सी के लिए ये किसी भी हद तक जा सकते हैं। संथाल परगना में तो हम देख रहे हैं कि इन्होंने कैसे रोटी-बेटी और माटी को ही दांव पर लगा दिया है। यहां आदिवासी समाज की संख्या लगातार घट रही है। आदिवासियों के जल-जंगल-जमीन पर धोखे से कब्जे करवाए जा रहे हैं। घुसपैठ की समस्या झारखंड में विकराल होती जा रही है। हमें मिलकर झारखंड को तबाह होने से रोकना ही होगा। और मुझे खुशी है, इस बड़े लक्ष्य के लिए भाजपा परिवार का विस्तार हो रहा है। झारखंडी गौरव को बचाने की इस बड़ी लड़ाई में, अब तो सिद्धो-कान्हो के वंशज मंडल मूर्मू जी भी हमारे साथ हैं। और मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे सार्वजनिक रूप से इस महान परंपरा की विरासत, उनका सम्मान करने का अवसर मिला है। मैं उनका भाजपा में स्वागत करता हूं।

साथियों,

कांग्रेस को SC/ST/OBC से हमेशा से नफरत रही है। इसलिए नेहरू जी से लेकर राजीव गांधी तक, इन्होंने आरक्षण का हमेशा विरोध किया। ये लोग कभी नहीं चाहते थे कि SC/ST/OBC एकजुट हो जाएं। इसलिए आजादी के बाद दशकों तक कांग्रेस ने SC/ST/OBC समाज को बांटे रखा। और जैसे ही SC/ST/OBC एकजुट हुए, कांग्रेस कमजोर हो गई। केंद्र सरकार में उसकी पूर्ण बहुमत वाली सरकार बननी बंद हो गई। अब कांग्रेस, केंद्र में सरकार बनाने के लिए छटपटा रही है। इसलिए उसने SC/ST/OBC की एकता को तोड़ने का, आपको बांटने का खेल खेला है, एक नई साजिश रची है। कांग्रेस SC/ST/OBC की सामूहिक ताकत को कमज़ोर करना चाहती है। जैसे संथाल में अनेकों आदिवासी जातियां हैं। यहां संथाल हैं, पहाड़िया हैं, पहाड़िया में भी अनेक उप-जातियां हैं। यहां कोरा, मुडी-कोरा हैं, लोहरा हैं, महली हैं, ओरांव-धनगर हैं, मुंडा-पातर हैं, खरवार हैं। ऐसी हर जाति जब आदिवासी के रूप में, ST के रूप में एक आवाज़ से कोई बात कहती है, तो उसमें वज़न होता है। लेकिन कांग्रेस इस आदिवासी पहचान को तोड़कर, इसे छोटी-छोटी जातियों में बांटना चाहती है। ये संथाल को पहाड़िया से, कोरा को लोहरा से, महली को ओरांव-धनगर से, मुंडा को खरवार से, ऐसे एक जनजाति को दूसरे से लड़ाने में जुटे हैं, टुकड़े करने में जुटे हैं। इसमें JMM, कांग्रेस का पूरा साथ दे रही है। इससे आदिवासियों की एकता कमज़ोर होगी और कांग्रेस-JMM अपने वोटबैंक की मदद से सत्ता हासिल करेगी। और इसके बाद कांग्रेस द्वारा आपका आरक्षण भी छीन लिया जाएगा। और इसलिए भाई-बहनों एक बात कभी भी मत भूलना और अब तो इसकी ज्यादा जरूरत है। हमें याद रखना है, एक हैं तो सेफ हैं। एक हैं तो... सेफ हैं। एक है तो... सेफ हैं। एक है तो... सेफ हैं।

साथियों,

झारखंड का ये चुनाव, सिर्फ आने वाले 5 सालों के लिए नहीं है। ये आने वाले 25 सालों का भविष्य तय करेगा। 20 नवंबर को अपने बाल-बच्चों के भविष्य के लिए आपको वोट डालना है। आपको रोटी, बेटी और माटी को बचाने के लिए, इन्हें सुरक्षित और समृद्ध बनाने के लिए वोट डालना है। अब कुछ ही दिन बाकी हैं। आप सबसे मेरी प्रार्थना है दिन-रात जुटना है घर-घर जाना है। साथियों, मैंने इतनी सारी रैलियां की हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिलने की मैंने कोशिश की है लेकिन फिर भी हर घर तक तो पहुंच नहीं पाता। अब ये आपकी जिम्मेदारी है कि आप मोदी बनकर मेरा संदेश पहुंचा दें। संथाल के घर-घर में पहुंचाएं, और हर घर में जाकर कहना, अपने मोदी भाई आए थे और मोदी जी ने आपको जय जोहार कहा है। मेरा जय जोहार पहुंचा देंगे। पक्का पहुंचा देंगे? हर घर से मेरे लिए आशीर्वाद लेंगे? पक्का लेंगे? मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं।

मेरे साथ बोलिए,
भारत माता की जय,
भारत माता की जय,
भारत माता की जय ।
बहुत-बहुत धन्यवाद

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November 17, 2025
India is eager to become developed, India is eager to become self-reliant: PM
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We are continuously working on the mission of saturation; Not a single beneficiary should be left out from the benefits of any scheme: PM
In our new National Education Policy, we have given special emphasis to education in local languages: PM

विवेक गोयनका जी, भाई अनंत, जॉर्ज वर्गीज़ जी, राजकमल झा, इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के सभी अन्य साथी, Excellencies, यहां उपस्थित अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों!

आज हम सब एक ऐसी विभूति के सम्मान में यहां आए हैं, जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र में, पत्रकारिता, अभिव्यक्ति और जन आंदोलन की शक्ति को नई ऊंचाई दी है। रामनाथ जी ने एक Visionary के रूप में, एक Institution Builder के रूप में, एक Nationalist के रूप में और एक Media Leader के रूप में, Indian Express Group को, सिर्फ एक अखबार नहीं, बल्कि एक Mission के रूप में, भारत के लोगों के बीच स्थापित किया। उनके नेतृत्व में ये समूह, भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और राष्ट्रीय हितों की आवाज़ बना। इसलिए 21वीं सदी के इस कालखंड में जब भारत विकसित होने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, तो रामनाथ जी की प्रतिबद्धता, उनके प्रयास, उनका विजन, हमारी बहुत बड़ी प्रेरणा है। मैं इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप का आभार व्यक्त करता हूं कि आपने मुझे इस व्याख्यान में आमंत्रित किया, मैं आप सभी का अभिनंदन करता हूं।

साथियों,

रामनाथ जी गीता के एक श्लोक से बहुत प्रेरणा लेते थे, सुख दुःखे समे कृत्वा, लाभा-लाभौ जया-जयौ। ततो युद्धाय युज्यस्व, नैवं पापं अवाप्स्यसि।। अर्थात सुख-दुख, लाभ-हानि और जय-पराजय को समान भाव से देखकर कर्तव्य-पालन के लिए युद्ध करो, ऐसा करने से तुम पाप के भागी नहीं बनोगे। रामनाथ जी आजादी के आंदोलन के समय कांग्रेस के समर्थक रहे, बाद में जनता पार्टी के भी समर्थक रहे, फिर जनसंघ के टिकट पर चुनाव भी लड़ा, विचारधारा कोई भी हो, उन्होंने देशहित को प्राथमिकता दी। जिन लोगों ने रामनाथ जी के साथ वर्षों तक काम किया है, वो कितने ही किस्से बताते हैं जो रामनाथ जी ने उन्हें बताए थे। आजादी के बाद जब हैदराबाद और रजाकारों को उसके अत्याचार का विषय आया, तो कैसे रामनाथ जी ने सरदार वल्‍लभभाई पटेल की मदद की, सत्तर के दशक में जब बिहार में छात्र आंदोलन को नेतृत्व की जरूरत थी, तो कैसे नानाजी देशमुख के साथ मिलकर रामनाथ जी ने जेपी को उस आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए तैयार किया। इमरजेंसी के दौरान, जब रामनाथ जी को इंदिऱा गांधी के सबसे करीबी मंत्री ने बुलाकर धमकी दी कि मैं तुम्हें जेल में डाल दूंगा, तो इस धमकी के जवाब में रामनाथ जी ने पलटकर जो कहा था, ये सब इतिहास के छिपे हुए दस्तावेज हैं। कुछ बातें सार्वजनिक हुई, कुछ नहीं हुई हैं, लेकिन ये बातें बताती हैं कि रामनाथ जी ने हमेशा सत्य का साथ दिया, हमेशा कर्तव्य को सर्वोपरि रखा, भले ही सामने कितनी ही बड़ी ताकत क्‍यों न हो।

साथियों,

रामनाथ जी के बारे में कहा जाता था कि वे बहुत अधीर थे। अधीरता, Negative Sense में नहीं, Positive Sense में। वो अधीरता जो परिवर्तन के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा कराती है, वो अधीरता जो ठहरे हुए पानी में भी हलचल पैदा कर देती है। ठीक वैसे ही, आज का भारत भी अधीर है। भारत विकसित होने के लिए अधीर है, भारत आत्मनिर्भर होने के लिए अधीर है, हम सब देख रहे हैं, इक्कीसवीं सदी के पच्चीस साल कितनी तेजी से बीते हैं। एक से बढ़कर एक चुनौतियां आईं, लेकिन वो भारत की रफ्तार को रोक नहीं पाईं।

साथियों,

आपने देखा है कि बीते चार-पांच साल कैसे पूरी दुनिया के लिए चुनौतियों से भरे रहे हैं। 2020 में कोरोना महामारी का संकट आया, पूरे विश्व की अर्थव्यवस्थाएं अनिश्चितताओं से घिर गईं। ग्लोबल सप्लाई चेन पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा और सारा विश्व एक निराशा की ओर जाने लगा। कुछ समय बाद स्थितियां संभलना धीरे-धीरे शुरू हो रहा था, तो ऐसे में हमारे पड़ोसी देशों में उथल-पुथल शुरू हो गईं। इन सारे संकटों के बीच, हमारी इकॉनमी ने हाई ग्रोथ रेट हासिल करके दिखाया। साल 2022 में यूरोपियन क्राइसिस के कारण पूरे दुनिया की सप्लाई चेन और एनर्जी मार्केट्स प्रभावित हुआ। इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ा, इसके बावजूद भी 2022-23 में हमारी इकोनॉमी की ग्रोथ तेजी से होती रही। साल 2023 में वेस्ट एशिया में स्थितियां बिगड़ीं, तब भी हमारी ग्रोथ रेट तेज रही और इस साल भी जब दुनिया में अस्थिरता है, तब भी हमारी ग्रोथ रेट Seven Percent के आसपास है।

साथियों,

आज जब दुनिया disruption से डर रही है, भारत वाइब्रेंट फ्यूचर के Direction में आगे बढ़ रहा है। आज इंडियन एक्सप्रेस के इस मंच से मैं कह सकता हूं, भारत सिर्फ़ एक emerging market ही नहीं है, भारत एक emerging model भी है। आज दुनिया Indian Growth Model को Model of Hope मान रहा है।

साथियों,

एक सशक्त लोकतंत्र की अनेक कसौटियां होती हैं और ऐसी ही एक बड़ी कसौटी लोकतंत्र में लोगों की भागीदारी की होती है। लोकतंत्र को लेकर लोग कितने आश्वस्त हैं, लोग कितने आशावादी हैं, ये चुनाव के दौरान सबसे अधिक दिखता है। अभी 14 नवंबर को जो नतीजे आए, वो आपको याद ही होंगे और रामनाथ जी का भी बिहार से नाता रहा था, तो उल्लेख बड़ा स्वाभाविक है। इन ऐतिहासिक नतीजों के साथ एक और बात बहुत अहम रही है। कोई भी लोकतंत्र में लोगों की बढ़ती भागीदारी को नजरअंदाज नहीं कर सकता। इस बार बिहार के इतिहास का सबसे अधिक वोटर टर्न-आउट रहा है। आप सोचिए, महिलाओं का टर्न-आउट, पुरुषों से करीब 9 परसेंट अधिक रहा। ये भी लोकतंत्र की विजय है।

साथियों,

बिहार के नतीजों ने फिर दिखाया है कि भारत के लोगों की आकांक्षाएं, उनकी Aspirations कितनी ज्यादा हैं। भारत के लोग आज उन राजनीतिक दलों पर विश्वास करते हैं, जो नेक नीयत से लोगों की उन Aspirations को पूरा करते हैं, विकास को प्राथमिकता देते हैं। और आज इंडियन एक्सप्रेस के इस मंच से मैं देश की हर राज्य सरकार को, हर दल की राज्य सरकार को बहुत विनम्रता से कहूंगा, लेफ्ट-राइट-सेंटर, हर विचार की सरकार को मैं आग्रह से कहूंगा, बिहार के नतीजे हमें ये सबक देते हैं कि आप आज किस तरह की सरकार चला रहे हैं। ये आने वाले वर्षों में आपके राजनीतिक दल का भविष्य तय करेंगे। आरजेडी की सरकार को बिहार के लोगों ने 15 साल का मौका दिया, लालू यादव जी चाहते तो बिहार के विकास के लिए बहुत कुछ कर सकते थे, लेकिन उन्होंने जंगलराज का रास्ता चुना। बिहार के लोग इस विश्वासघात को कभी भूल नहीं सकते। इसलिए आज देश में जो भी सरकारें हैं, चाहे केंद्र में हमारी सरकार है या फिर राज्यों में अलग-अलग दलों की सरकारें हैं, हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता सिर्फ एक होनी चाहिए विकास, विकास और सिर्फ विकास। और इसलिए मैं हर राज्य सरकार को कहता हूं, आप अपने यहां बेहतर इंवेस्टमेंट का माहौल बनाने के लिए कंपटीशन करिए, आप Ease of Doing Business के लिए कंपटीशन करिए, डेवलपमेंट पैरामीटर्स में आगे जाने के लिए कंपटीशन करिए, फिर देखिए, जनता कैसे आप पर अपना विश्वास जताती है।

साथियों,

बिहार चुनाव जीतने के बाद कुछ लोगों ने मीडिया के कुछ मोदी प्रेमियों ने फिर से ये कहना शुरू किया है भाजपा, मोदी, हमेशा 24x7 इलेक्शन मोड में ही रहते हैं। मैं समझता हूं, चुनाव जीतने के लिए इलेक्शन मोड नहीं, चौबीसों घंटे इलेक्शन मोड में रहना जरूरी होता है, इमोशनल मोड में रहना जरूरी होता है, इलेक्शन मोड में नहीं। जब मन के भीतर एक बेचैनी सी रहती है कि एक मिनट भी गंवाना नहीं है, गरीब के जीवन से मुश्किलें कम करने के लिए, गरीब को रोजगार के लिए, गरीब को इलाज के लिए, मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए, बस मेहनत करते रहना है। इस इमोशन के साथ, इस भावना के साथ सरकार लगातार जुटी रहती है, तो उसके नतीजे हमें चुनाव परिणाम के दिन दिखाई देते हैं। बिहार में भी हमने अभी यही होते देखा है।

साथियों,

रामनाथ जी से जुड़े एक और किस्से का मुझसे किसी ने जिक्र किया था, ये बात तब की है, जब रामनाथ जी को विदिशा से जनसंघ का टिकट मिला था। उस समय नानाजी देशमुख जी से उनकी इस बात पर चर्चा हो रही थी कि संगठन महत्वपूर्ण होता है या चेहरा। तो नानाजी देशमुख ने रामनाथ जी से कहा था कि आप सिर्फ नामांकन करने आएंगे और फिर चुनाव जीतने के बाद अपना सर्टिफिकेट लेने आ जाइएगा। फिर नानाजी ने पार्टी कार्यकर्ताओं के बल पर रामनाथ जी का चुनाव लड़ा औऱ उन्हें जिताकर दिखाया। वैसे ये किस्सा बताने के पीछे मेरा ये मतलब नहीं है कि उम्मीदवार सिर्फ नामांकन करने जाएं, मेरा मकसद है, भाजपा के अनगिनत कर्तव्य़ निष्ठ कार्यकर्ताओं के समर्पण की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना।

साथियों,

भारतीय जनता पार्टी के लाखों-करोड़ों कार्यकर्ताओं ने अपने पसीने से भाजपा की जड़ों को सींचा है और आज भी सींच रहे हैं। और इतना ही नहीं, केरला, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, ऐसे कुछ राज्यों में हमारे सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अपने खून से भी भाजपा की जड़ों को सींचा है। जिस पार्टी के पास ऐसे समर्पित कार्यकर्ता हों, उनके लिए सिर्फ चुनाव जीतना ध्येय नहीं होता, बल्कि वो जनता का दिल जीतने के लिए, सेवा भाव से उनके लिए निरंतर काम करते हैं।

साथियों,

देश के विकास के लिए बहुत जरूरी है कि विकास का लाभ सभी तक पहुंचे। दलित-पीड़ित-शोषित-वंचित, सभी तक जब सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचता है, तो सामाजिक न्याय सुनिश्चित होता है। लेकिन हमने देखा कि बीते दशकों में कैसे सामाजिक न्याय के नाम पर कुछ दलों, कुछ परिवारों ने अपना ही स्वार्थ सिद्ध किया है।

साथियों,

मुझे संतोष है कि आज देश, सामाजिक न्याय को सच्चाई में बदलते देख रहा है। सच्चा सामाजिक न्याय क्या होता है, ये मैं आपको बताना चाहता हूं। 12 करोड़ शौचालयों के निर्माण का अभियान, उन गरीब लोगों के जीवन में गरिमा लेकर के आया, जो खुले में शौच के लिए मजबूर थे। 57 करोड़ जनधन बैंक खातों ने उन लोगों का फाइनेंशियल इंक्लूजन किया, जिनको पहले की सरकारों ने एक बैंक खाते के लायक तक नहीं समझा था। 4 करोड़ गरीबों को पक्के घरों ने गरीब को नए सपने देखने का साहस दिया, उनकी रिस्क टेकिंग कैपेसिटी बढ़ाई है।

साथियों,

बीते 11 वर्षों में सोशल सिक्योरिटी पर जो काम हुआ है, वो अद्भुत है। आज भारत के करीब 94 करोड़ लोग सोशल सिक्योरिटी नेट के दायरे में आ चुके हैं। और आप जानते हैं 10 साल पहले क्या स्थिति थी? सिर्फ 25 करोड़ लोग सोशल सिक्योरिटी के दायरे में थे, आज 94 करोड़ हैं, यानि सिर्फ 25 करोड़ लोगों तक सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ पहुंच रहा था। अब ये संख्या बढ़कर 94 करोड़ पहुंच चुकी है और यही तो सच्चा सामाजिक न्याय है। और हमने सोशल सिक्योरिटी नेट का दायरा ही नहीं बढ़ाया, हम लगातार सैचुरेशन के मिशन पर काम कर रहे हैं। यानि किसी भी योजना के लाभ से एक भी लाभार्थी छूटे नहीं। और जब कोई सरकार इस लक्ष्य के साथ काम करती है, हर लाभार्थी तक पहुंचना चाहती है, तो किसी भी तरह के भेदभाव की गुंजाइश भी खत्म हो जाती है। ऐसे ही प्रयासों की वजह से पिछले 11 साल में 25 करोड़ लोगों ने गरीबी को परास्त करके दिखाया है। और तभी आज दुनिया भी ये मान रही है- डेमोक्रेसी डिलिवर्स।

साथियों,

मैं आपको एक और उदाहरण दूंगा। आप हमारे एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम का अध्ययन करिए, देश के सौ से अधिक जिले ऐसे थे, जिन्हें पहले की सरकारें पिछड़ा घोषित करके भूल गई थीं। सोचा जाता था कि यहां विकास करना बड़ा मुश्किल है, अब कौन सर खपाए ऐसे जिलों में। जब किसी अफसर को पनिशमेंट पोस्टिंग देनी होती थी, तो उसे इन पिछड़े जिलों में भेज दिया जाता था कि जाओ, वहीं रहो। आप जानते हैं, इन पिछड़े जिलों में देश की कितनी आबादी रहती थी? देश के 25 करोड़ से ज्यादा नागरिक इन पिछड़े जिलों में रहते थे।

साथियों,

अगर ये पिछड़े जिले पिछड़े ही रहते, तो भारत अगले 100 साल में भी विकसित नहीं हो पाता। इसलिए हमारी सरकार ने एक नई रणनीति के साथ काम करना शुरू किया। हमने राज्य सरकारों को ऑन-बोर्ड लिया, कौन सा जिला किस डेवलपमेंट पैरामीटर में कितनी पीछे है, उसकी स्टडी करके हर जिले के लिए एक अलग रणनीति बनाई, देश के बेहतरीन अफसरों को, ब्राइट और इनोवेटिव यंग माइंड्स को वहां नियुक्त किया, इन जिलों को पिछड़ा नहीं, Aspirational माना और आज देखिए, देश के ये Aspirational Districts, कितने ही डेवलपमेंट पैरामीटर्स में अपने ही राज्यों के दूसरे जिलों से बहुत अच्छा करने लगे हैं। छत्तीसगढ़ का बस्तर, वो आप लोगों का तो बड़ा फेवरेट रहा है। एक समय आप पत्रकारों को वहां जाना होता था, तो प्रशासन से ज्यादा दूसरे संगठनों से परमिट लेनी होती थी, लेकिन आज वही बस्तर विकास के रास्ते पर बढ़ रहा है। मुझे नहीं पता कि इंडियन एक्सप्रेस ने बस्तर ओलंपिक को कितनी कवरेज दी, लेकिन आज रामनाथ जी ये देखकर बहुत खुश होते कि कैसे बस्तर में अब वहां के युवा बस्तर ओलंपिक जैसे आयोजन कर रहे हैं।

साथियों,

जब बस्तर की बात आई है, तो मैं इस मंच से नक्सलवाद यानि माओवादी आतंक की भी चर्चा करूंगा। पूरे देश में नक्सलवाद-माओवादी आतंक का दायरा बहुत तेजी से सिमट रहा है, लेकिन कांग्रेस में ये उतना ही सक्रिय होता जा रहा था। आप भी जानते हैं, बीते पांच दशकों तक देश का करीब-करीब हर बड़ा राज्य, माओवादी आतंक की चपेट में, चपेट में रहा। लेकिन ये देश का दुर्भाग्य था कि कांग्रेस भारत के संविधान को नकारने वाले माओवादी आतंक को पालती-पोसती रही और सिर्फ दूर-दराज के क्षेत्रों में जंगलों में ही नहीं, कांग्रेस ने शहरों में भी नक्सलवाद की जड़ों को खाद-पानी दिया। कांग्रेस ने बड़ी-बड़ी संस्थाओं में अर्बन नक्सलियों को स्थापित किया है।

साथियों,

10-15 साल पहले कांग्रेस में जो अर्बन नक्सली, माओवादी पैर जमा चुके थे, वो अब कांग्रेस को मुस्लिम लीगी- माओवादी कांग्रेस, MMC बना चुके हैं। और मैं आज पूरी जिम्मेदारी से कहूंगा कि ये मुस्लिम लीगी- माओवादी कांग्रेस, अपने स्वार्थ में देशहित को तिलांजलि दे चुकी है। आज की मुस्लिम लीगी- माओवादी कांग्रेस, देश की एकता के सामने बहुत बड़ा खतरा बनती जा रही है।

साथियों,

आज जब भारत, विकसित बनने की एक नई यात्रा पर निकल पड़ा है, तब रामनाथ गोयनका जी की विरासत और भी प्रासंगिक है। रामनाथ जी ने अंग्रेजों की गुलामी से डटकर टक्कर ली, उन्होंने अपने एक संपादकीय में लिखा था, मैं अंग्रेज़ों के आदेश पर अमल करने के बजाय, अखबार बंद करना पसंद करुंगा। इसी तरह जब इमरजेंसी के रूप में देश को गुलाम बनाने की एक और कोशिश हुई, तब भी रामनाथ जी डटकर खड़े हो गए थे और ये वर्ष तो इमरजेंसी के पचास वर्ष पूरे होने का भी है। और इंडियन एक्सप्रेस ने 50 वर्ष पहले दिखाया है, कि ब्लैंक एडिटोरियल्स भी जनता को गुलाम बनाने वाली मानसिकता को चुनौती दे सकते हैं।

साथियों,

आज आपके इस सम्मानित मंच से, मैं गुलामी की मानसिकता से मुक्ति के इस विषय पर भी विस्तार से अपनी बात रखूंगा। लेकिन इसके लिए हमें 190 वर्ष पीछे जाना पड़ेगा। 1857 के सबसे स्वतंत्रता संग्राम से भी पहले, वो साल था 1835, 1835 में ब्रिटिश सांसद थॉमस बेबिंगटन मैकाले ने भारत को अपनी जड़ों से उखाड़ने के लिए एक बहुत बड़ा अभियान शुरू किया था। उसने ऐलान किया था, मैं ऐसे भारतीय बनाऊंगा कि वो दिखने में तो भारतीय होंगे लेकिन मन से अंग्रेज होंगे। और इसके लिए मैकाले ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन नहीं, बल्कि उसका समूल नाश कर दिया। खुद गांधी जी ने भी कहा था कि भारत की प्राचीन शिक्षा व्यवस्था एक सुंदर वृक्ष थी, जिसे जड़ से हटा कर नष्ट कर दिया।

साथियों,

भारत की शिक्षा व्यवस्था में हमें अपनी संस्कृति पर गर्व करना सिखाया जाता था, भारत की शिक्षा व्यवस्था में पढ़ाई के साथ ही कौशल पर भी उतना ही जोर था, इसलिए मैकाले ने भारत की शिक्षा व्यवस्था की कमर तोड़ने की ठानी और उसमें सफल भी रहा। मैकाले ने ये सुनिश्चित किया कि उस दौर में ब्रिटिश भाषा, ब्रिटिश सोच को ज्यादा मान्यता मिले और इसका खामियाजा भारत ने आने वाली सदियों में उठाया।

साथियों,

मैकाले ने हमारे आत्मविश्वास को तोड़ दिया दिया, हमारे भीतर हीन भावना का संचार किया। मैकाले ने एक झटके में हजारों वर्षों के हमारे ज्ञान-विज्ञान को, हमारी कला-संस्कृति को, हमारी पूरी जीवन शैली को ही कूड़ेदान में फेंक दिया था। वहीं पर वो बीज पड़े कि भारतीयों को अगर आगे बढ़ना है, अगर कुछ बड़ा करना है, तो वो विदेशी तौर तरीकों से ही करना होगा। और ये जो भाव था, वो आजादी मिलने के बाद भी और पुख्ता हुआ। हमारी एजुकेशन, हमारी इकोनॉमी, हमारे समाज की एस्पिरेशंस, सब कुछ विदेशों के साथ जुड़ गईं। जो अपना है, उस पर गौरव करने का भाव कम होता गया। गांधी जी ने जिस स्वदेशी को आज़ादी का आधार बनाया था, उसको पूछने वाला ही कोई नहीं रहा। हम गवर्नेंस के मॉडल विदेश में खोजने लगे। हम इनोवेशन के लिए विदेश की तरफ देखने लगे। यही मानसिकता रही, जिसकी वजह से इंपोर्टेड आइडिया, इंपोर्टेड सामान और सर्विस, सभी को श्रेष्ठ मानने की प्रवृत्ति समाज में स्थापित हो गई।

साथियों,

जब आप अपने देश को सम्मान नहीं देते हैं, तो आप स्वदेशी इकोसिस्टम को नकारते हैं, मेड इन इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को नकारते हैं। मैं आपको एक और उदाहरण, टूरिज्म की बात करता हूं। आप देखेंगे कि जिस भी देश में टूरिज्म फला-फूला, वो देश, वहां के लोग, अपनी ऐतिहासिक विरासत पर गर्व करते हैं। हमारे यहां इसका उल्टा ही हुआ। भारत में आज़ादी के बाद, अपनी विरासत को दुत्कारने के ही प्रयास हुए, जब अपनी विरासत पर गर्व नहीं होगा तो उसका संरक्षण भी नहीं होगा। जब संरक्षण नहीं होगा, तो हम उसको ईंट-पत्थर के खंडहरों की तरह ही ट्रीट करते रहेंगे और ऐसा हुआ भी। अपनी विरासत पर गर्व होना, टूरिज्म के विकास के लिए भी आवश्यक शर्त है।

साथियों,

ऐसे ही स्थानीय भाषाओं की बात है। किस देश में ऐसा होता है कि वहां की भाषाओं को दुत्कारा जाता है? जापान, चीन और कोरिया जैसे देश, जिन्होंने west के अनेक तौर-तरीके अपनाए, लेकिन भाषा, फिर भी अपनी ही रखी, अपनी भाषा पर कंप्रोमाइज नहीं किया। इसलिए, हमने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई पर विशेष बल दिया है और मैं बहुत स्पष्टता से कहूंगा, हमारा विरोध अंग्रेज़ी भाषा से नहीं है, हम भारतीय भाषाओं के समर्थन में हैं।

साथियों,

मैकाले द्वारा किए गए उस अपराध को 1835 में जो अपराध किया गया 2035, 10 साल के बाद 200 साल हो जाएंगे और इसलिए आज आपके माध्यम से पूरे देश से एक आह्वान करना चाहता हूं, अगले 10 साल में हमें संकल्प लेकर चलना है कि मैकाले ने भारत को जिस गुलामी की मानसिकता से भर दिया है, उस सोच से मुक्ति पाकर के रहेंगे, 10 साल हमारे पास बड़े महत्वपूर्ण हैं। मुझे याद है एक छोटी घटना, गुजरात में लेप्रोसी को लेकर के एक अस्पताल बन रहा था, तो वो सारे लोग महात्‍मा गांधी जी से मिले उसके उद्घाटन के लिए, तो महात्मा जी ने कहा कि मैं लेप्रोसी के अस्पताल के उद्घाटन के पक्ष में नहीं हूं, मैं नहीं आऊंगा, लेकिन ताला लगाना है, उस दिन मुझे बुलाना, मैं ताला लगाने आऊंगा। गांधी जी के रहते हुए उस अस्पताल को तो ताला नहीं लगा था, लेकिन गुजरात जब लेप्रोसी से मुक्त हुआ और मुझे उस अस्पताल को ताला लगाने का मौका मिला, जब मैं मुख्यमंत्री बना। 1835 से शुरू हुई यात्रा 2035 तक हमें खत्म करके रहना है जी, गांधी जी का जैसे सपना था कि मैं ताला लगाऊंगा, मेरा भी यह सपना है कि हम ताला लगाएंगे।

साथियों,

आपसे बहुत सारे विषयों पर चर्चा हो गई है। अब आपका मैं ज्यादा समय लेना नहीं चाहता हूं। Indian Express ग्रुप देश के हर परिवर्तन का, देश की हर ग्रोथ स्टोरी का साक्षी रहा है और आज जब भारत विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर चल रहा है, तो भी इस यात्रा के सहभागी बन रहे हैं। मैं आपको बधाई दूंगा कि रामनाथ जी के विचारों को, आप सभी पूरी निष्ठा से संरक्षित रखने का प्रयास कर रहे हैं। एक बार फिर, आज के इस अद्भुत आयोजन के लिए आप सभी को मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं। और, रामनाथ गोयनका जी को आदरपूर्वक मैं नमन करते हुए मेरी बात को विराम देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद!