Innovation is important for success of 'Make in India', says PM Modi

Published By : Admin | July 23, 2016 | 18:38 IST
Nowadays, there is an increasing global demand for handmade jewellery: PM
Excise duty issues gave the Government an opportunity to better understand the intricacies of jewellery sector: PM
Urge the Gems and Jewellery sector in India to look beyond the domestic market and establish a global presence: PM
I call upon all those with undisclosed income, to declare it before the September 30th deadline: PM
For initiatives like #MakeInIndia to succeed, innovation is very important, says PM Modi

मैं जानता हूं कि मैं कहां आया हूं क्‍योंकि आप वो लोग हैं जिन्‍होंने बहुत सरकारों को झुकाया है। आप वो लोग है जिन्‍होंने अच्‍छी-अच्‍छी सरकारों को कदम वापिस लेने के लिए मजबूर किया है। लेकिन झुकना वहां होता है, जहां जंग होती है। हम तो जंग के लिए नहीं निकले थे, हम तो आपको जीतने के लिए निकले थे। मुझे खुशी है कि हमने आपको जीत लिया है और आपने भी हमें जीत लिया है।

देखिए, एक्‍साइज का मसला पहले भी आया और आप लोगों ने तूफान खड़ा कर दिया, सरकारें डर गई। हर MP आपका client होता है। तो आपको सरकार पर दबाव डालने के लिए कोई delegation भेजने की जरूरत नहीं। बस MP के यहां गए और रोज का नाता रहता है आपका। लेकिन उसके कारण क्‍या हुआ? सरकारें डर गई और सरकारों ने चीजें वापिस कर ली और मामले वहीं के वहीं रह गए। मैं समझता हूं कभी-कभी कोई चीज एक लंबे अर्से का अच्‍छा काम भी कर देती है। इस बजट की Excise Duty ने पहली बार आप लोगों को यह समझाने के लिए मजबूर किया कि सरकार क्‍या होती है? क्‍योंकि आप सरकार नहीं जानते थे, आप सिर्फ Excise Officer को जानते थे। और गलती वही से होती है। आपको लगता था कि एक Excise Officer से मिल लिया तो बात हो गई। यह अब सरकार बदल चुकी है जी।

पहली बार आपको पता चला कि सरकार क्‍या होती है और पहली बार सरकार को पता चला कि इस व्‍यवसाय में कितनी बारीकियां हैं, कितनी कठिनाइयां हैं। मैं जब अफसरों से बात कर रहा था तो मैं पूछता था उनको कि ये जो विषय industry की तरफ से आया है, क्‍या पहले ध्‍यान में नहीं था? बोले, नहीं साहब कभी ध्‍यान में नहीं आया। यानी ऐसी संवादहीनता और इतने बड़े क्षेत्र के लिए। ये अपने आप में सरकार के लिए अपने आप में झांकने के लिए काफी मात्रा है। इसलिए इस बार के Excise के निर्णय ने, यह ठीक है कि आपका कुछ खर्चा हुआ होगा, advertisement देने पड़े होंगे, आंदोलन करने पड़े होंगे, पुतले जलाने के लिए पेट्रोल लाना पड़ा होगा, बहुत कुछ करना पड़ा होगा। लेकिन इस खर्चा करने के बावजूद भी फायदा यह हुआ कि सरकार और आपके बीच में गहन संवाद हुआ और लोकतंत्र की यही ताकत है जी। आपको भी अपनी बात, अपने तरीके से रखने का पूरा हक है और सरकार को आपकी बात को समझने का भरपूर प्रयास करने की जिम्‍मेवारी है। अगर हम पहले ही डर गए होते, MP के कहने पर मान लिया होता, तो फिर कोई सरकार आती, कभी 25-30-40 साल के बाद। तो फिर उसको आपकी याद आती। फिर वो 1%-2% लेकर के आ जाती। समस्‍या का समाधान नहीं होता।

आपको लगता होगा कि मोदी झुकता नहीं है, मोदी अड़ा रहा, मोदी ये नहीं। सवाल मोदी का नहीं है जी, सवाल समस्‍याओं का समाधान करने का है। इसलिए हमने कमेटी बनाई। कमेटी में आपके लोग रहे। आपके हर पहलू को सुनने का प्रयास किया गया। इसके कारण भविष्‍य में भी सरकार जब भी कुछ निर्णय करेगी, ये सारे पहलू overall देश की economy और development के लिए एक बहुत बड़ी भूमिका अदा करेंगे, ऐसा मेरा विश्‍वास है।

अब जैसा जीतू भाई बता रहे थे कि 28 फरवरी को बजट आया। 03 मार्च को आ गए, आ गए तो मोदी जी को मिल लिए और कहते हुए कि पहले तो कोई मिलता ही नहीं था। देखिए, सरकार आपकी है, ये द्वार आपके लिए हमेशा-हमेशा खुले हैं। आपको अपनी बात नाराजगी से भी रखने का अधिकार है जी। क्‍योंकि अगर सरकार संवाद नहीं करती है, संवाद नहीं होता है तो समस्‍या का समाधान ही नहीं होता है और अच्‍छा हुआ कि Excise भी रही और समस्‍याओं का समाधान भी हुआ।


आपको ऐसा लगता था कि Excise अब सब, वो ठीक है पुराना अनुभव है आपका और इसलिए आपको डर लगना स्‍वाभाविक है। लेकिन ये बदली हुई स्‍थिति में आपको भी मजा आएगा कि चलो भई नियमों से रहने का कितना बड़ा आनंद होता है। रात को कितनी गहरी नींद आती है। ये जो भय का माहौल था, वो हमने खत्‍म कर दिया है।

मैंने बीच में अफसरों के साथ एक मीटिंग की थी, तब भी मैंने कहा था कि हम नागरिकों को Nation building के partner समझे, करदाताओं को हम चोर न समझे। ये मेरा साफ मत है। लेकिन यह बात सही है कि अपने यहां क्‍या-क्‍या चलता है, ये आपको भी मालूम है। अच्‍छे-अच्‍छों को जेल जाना पड़ा है, मुझे याद है। इस सरकार ने अभी वो शुरू नहीं किया है। मैं तो पुरानी बात बता रहा हूं। तो हमारे में भी कुछ लोग है, जिनके कारण बदनामी आती है। लेकिन यह आवश्‍यक है, जैसा प्रवीण जी, उदाहरण दे रहे थे सूरत का। एक समय सूरत की भी वही छवि थी, लेकिन उन्‍होंने सभी कानून-नियमों का पालन करते हुए अपने आपको आधुनिक बनाया और उसके कारण आज दुनिया के साथ लोहा ले रहे हैं वो लोग। आप भी ले सकते हैं और मैं आपके साथ खड़ा हूं।

दुनिया में Jewellery market इतना बड़ा है, जी, उसकी growth इतनी है, उसकी तुलना में हम बहुत पीछे है। विश्‍व में एक चीज की बहुत बड़ी मांग है और जिसकी पूरी ताकत हमारे पास है, लेकिन हम match नहीं कर पा रहे हैं। पूरी दुनिया में Handwork manual jewellery उसका बड़ा craze है। मैं सही बोल रहा हूं न। मुझे आपके व्‍यवसाय में नहीं आना है, चिंता मत करो।

मैं जब गुजरात में था, मैं jewellery वालों से लगातार मिलता था। मैंने jewellery के skill development का institute चालू किया क्‍योंकि मुझे मालूम है कि उसकी इतनी ताकत है। हमारे यहां Man-made jewellery में गुरु-शिष्‍य परंपरा है। बहुत कम क्षेत्र है जिसमें गुरु-शिष्‍य परंपरा है, उसमें एक jewellery है। सोनार के यहां जो काम करने वाला होता है, भट्टी जलाने वाला, वो धीरे-धीरे सोनार बन जाता है। गुरु-शिष्‍य परंपरा वहां है और उसके कारण कुछ अच्‍छा भी हुआ और कुछ रुकावटें भी आईं। गुरु जितनी चीजें जितना था, शिष्‍य को इतनी मिल गई, उसको लगा एक पीढ़ी निकल गई। नया करना, नया खोजना, नए प्रयोग करना उसका element बहुत कम रहा और उसके कारण वैश्‍विक क्षेत्र में हम लुढ़क गए। हमारे पास हजारों साल की विरासत है। एक क्षेत्र ऐसा है, हजारों साल की विरासत है। सोना कैसे निकाला जाता था, ये चीजें हमारे यहां वेद कालीन ग्रंथों में पाई जाती हैं, तो हमारे यहां इस क्षेत्र से जुड़े हुए पूर्वज ही तो होंगे ये करने वाले।


इतनी बड़ी पुरानी विरासत हो और विश्‍व में हमारा दबदबा न हो। ये चुनौती हमको स्‍वीकार करनी चाहिए। हम किस प्रकार से नए designing पर जाए, हम किस प्रकार से quality product, zero defect जिसे कहे, quality product और आज product के साथ sustainable होने की जरूरत है। वर्ना जो चीजें आती हैं, बढ़िया दिखती है और कुछ महीनें में चली जाती हैं, उसको एक नया प्रकार का टैग लगता है, मैं बोलना नहीं चाहता। हम चाहते हैं भई ये भारत का है, अरे आंख बंदकर के ले लो, बढ़िया है। ये होना चाहिए। Make in India इस बात से sufficient नहीं है कि यहां पर काम होता है और यहां पर रोजगार होता है। उसका एक stage वो होना चाहिए, जब दुनिया को पता चला Make in India, अरे भई आंख बंद करो चलो ले लो। ये brand है, उठाओ।

ये credibility पैदा करने के लिए innovations बहुत आवश्‍यक है, बहुत आवश्‍यक है। Innovation के लिए एक environment create करना होता है, skill development mission जो चला है सरकार का, मैं चाहता हूं कि Gems & Jewellery के लोग skill development के काम में partner बने। हम syllabus वो तैयार करे जो Gems & Jewellery के लोगों का vision हो और मैं मानता हूं कि सरकार में जो लोग बैठे हैं उससे ज्‍यादा इसमें आपका vision ज्‍यादा और स्‍पष्‍ट होगा कि हां ये समय की मांग है और ऐसा होना चाहिए। और आप जो University की बात करते हैं तो already बड़ौदा में skill University बन चुकी है, Gems & Jewellery के लोग उनके साथ जुड़े, उनके साथ अपना syllabus बनावाएं। आपको जैसा चाहिए, वैसा ही। Human Resource Development के लिए पूरी सुविधा होगी और मैं सहमत हूं कि दो चीजों पर बल; एक Human Resource Development और दूसरा Technology Up-gradation. देखिए, सूरत में डायमंड ने दुनिया में अपना डंका जमाया, उसका कारण एक है कि उन्‍होंने Technology Up gradation में कोताही नहीं बरती। उन्‍होंनें हर बार नई चीज आईं और उनका लगा कि diamond cutting में इतनी तकलीफ होती है और किसी ने lesser technique से diamond cutting की व्‍यवस्‍था कर दी तो उन्‍होंनें adopt कर ली तुरंत। और हमारे यहां home ground पर वो technology develop हुई। जिसको स्‍वीकृति मिली। अरे कहने का मतलब है कि हम लोग अगर चाहे तो ये सब काम कर सकते हैं।

यह बात सही है कि भारत में gold ये सामाजिक प्रतिष्‍ठा से जुड़ गया है और उसके कारण किसी के घर में gold पड़ा भी होगा, गहने पड़े होंगे, साल में एक-दो बार, पांच बार पहनने का मौका आता है। वो dead money के रूप में पड़ा रहता है। उसको किस प्रकार से राष्‍ट्र के विकास में जोड़ना है, उसके लिए स्‍कीम बनाई है। आप भी प्रेरित कर सकते हैं अपने client को कि भई कुछ जाने वाला नहीं है, वहां रखो तुम। जब जरूरत पड़े तो ले आना। उसके कारण देश की economy को बल मिलता है और देश की economy को बल मिले, उसमें हम लोगों को contribute करना चाहिए। सुविधाएं जो भी खड़ी करनी होगी, जहां भी खड़ी करनी होगी, ये सरकार स्‍पष्‍ट मानती है कि ये सबसे अधिक लोगों को रोजगार देने का एक क्षेत्र है जो अभी भी untapped है, उसकी potential से हम बहुत पीछे है। लेकिन हम domestic market में इतना बड़ा market है कि हमको नया करने का मन ही नहीं करता। हमारा सबसे बड़ा problem यह है कि domestic market बहुत बड़ा है। सवा सौ करोड़ लोग है, अगर साल में दो करोड़ भी शादियां होती हैं, तो आपकी तो पांचों अंगुलियां घी में। इसलिए आपको मन नहीं करता है कि विश्‍व मार्किट की ओर देखे। आपसे मेरा आग्रह है कि आप domestic market के सीमित विचार से बाहर नहीं आएंगे, तब तक breakthrough नहीं होगा जी। ये ठीक है कि domestic market बहुत बड़ा है कि उसको भी आप शायद पूरा नहीं कर पाते होंगे। लेकिन अगर आप Global market को देखेंगे तो शायद domestic market को अपने आप by product के रूप में serve कर पाएंगे। कोई समस्‍या नहीं आएगी। और उसके लिए जो आवश्‍यक है उसको सोचा जाएगा।

अब आपने आज तो तारीफ ही तारीफ कर दी है, तो कल अखबार में कुछ नहीं छपेगा। कुछ इधर-उधर की बात बोल देते तो छप जाता कुछ। हमें इसको एक अवसर के रूप में पलटना चाहिए। जितना आगे बढ़ सकते हैं बढ़ना चाहिए। प्रवीण जी ने बाद में कहा कि अब black money से मुक्‍ति लेनी चाहिए। कम से कम तालियां उस समय पड़ी। मैं सच कहता हूं और मैं आपके माध्‍यम से देश के लोगों को भी कहना चाहता हूं कि हम क्‍यों ये बोझ पालकर के बैठे हैं जी, चैन से सो जाना, नींद आ जाना, इससे बड़ा जीवन का आनंद क्‍या होगा? ये इनकम टैक्‍स अफसरों का डर काहे का। ये सरकार का डर क्‍यों? ये स्‍थिति बदलने का सबसे बड़ा उपाय है, 30 सितम्‍बर के पहले जो भी है declare कर दो। क्‍योंकि मैं नहीं चाहता हूं कि 30 सितम्‍बर के बाद किसी की भी नींद खराब हो। मैं सवा सौ करोड़ देशवासी सुख-चैन की नींद सोये, ये चाहता हूं जी। और मैं उस पाप को करना नहीं चाहता हूं जो 30 सितम्‍बर को मुझे करना पड़े। इसलिए मैं आपको निमंत्रण देता हूं और आपके साथ जुड़े हुए लोगों को आप आसानी से बता दीजिए क्‍योंकि सबसे ज्‍यादा आपसे जुड़े रहते है।

मुझे ये Association के लोग, इतना हुआ जी कि आप लोगों ने खुलकर के सब बातें बताईं। वरना सरकार को कोई बताता नहीं है। जब ये Lahiri committee बनी तो आपके लोग मिलकर के आए तो कहते थे कि साहब हमारे यहां तो लोग ठेले में पैसे लेकर आते थे। हमको कहां डालते हो इसमें। अरे काफी सच बता दिया आप लोगों ने। इसका मतलब है कि आप उन सब को जानते हैं। तो मेरा संदेश पहुंचा दीजिए न। क्‍योंकि ये आप ही का क्षेत्र है कि जहां उसको सबसे ज्यादा सुविधा है, उसके बाद जमीन वाले है, उसके बाद Building construction की दुनिया है। आप सबसे पहले है। तो आप मेरी मदद करेंगे तो देश की मदद हो जाएगी।

तो आपने देखा होगा कि संवाद से कितना फर्क आता है। हम आराम से अपनी कठिनाइयां बता सकते हैं। और अब आप इतना छोटा क्‍या मांग रहे हो प्रवीण जी। वो कह रहे है कि एक मंत्री, क्‍या देगा एक department, एक मंत्रालय। अरे, पूरा प्रधानमंत्री रख लो यार। देखिए, देश के विकास के लिए Make in India के लिए और Globally आपका सामर्थ्‍य बढ़े, इसके लिए ये सरकार हमेशा आपके साथ है, प्रधानमंत्री स्‍वयं आपके साथ है। इसलिए छोटे मंत्रालयों में मत उलझिए जी, मैं खुद आपके लिए बैठा हूं। लेकिन मैं आपको निमंत्रण देता हूं। अब पुराना जो जैसा आप करते थे, छोड़िए उन चीजों को, बहुत हो चुका है जी, अब क्‍या जरूरत है। अब एक नए नियम बने है, नए व्‍यवस्‍था बनी है और अच्‍छाई के लिए बनी है, देश के विकास के लिए बनी है। हम सब मिलकर के काम करे, देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं।

आपने आज मेरा स्‍वागत किया, सम्‍मान किया, इसके लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। मैं विश्‍वास दिलाता हूं कि कभी किसी को दिक्‍कत हो, ये हम सोच ही नहीं सकते और मुझे खुशी है कि आपने सरकार व्‍यवस्‍था को स्‍वीकार किया। और ये स्‍वीकृति का मूल कारण विश्‍वास है। शायद इस सरकार पर भी आपका भरोसा न होता, तो आज भी आप पुतले जलाते रहते होते, काम नहीं होता लेकिन ये हुआ इसलिए कि आपका सरकार पर विश्‍वास है और लोकतंत्र में विश्‍वास सबसे बड़ी पूंजी होता है। जनता का शासन के प्रति, शासन का जनता के प्रति, ये विश्‍वास ही तो है जो हमें जोड़ता है और हम जब जुड़ते हैं तो कुछ करने के लिए जुटते भी हैं। मुझे विश्‍वास है कि हम देश के लिए बहुत कुछ करने का संकल्‍प लेकर के यहां से जाएंगे। बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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PM to visit Assam on 20-21 December
December 19, 2025
PM to inaugurate and lay the foundation stone of projects worth around Rs. 15,600 crore in Assam
PM to inaugurate New Terminal Building of Lokapriya Gopinath Bardoloi International Airport in Guwahati
Spread over nearly 1.4 lakh square metres, New Terminal Building is designed to handle up to 1.3 crore passengers annually
New Terminal Building draws inspiration from Assam’s biodiversity and cultural heritage under the theme “Bamboo Orchids”
PM to perform Bhoomipujan for Ammonia-Urea Fertilizer Project of Assam Valley Fertilizer and Chemical Company Limited at Namrup in Dibrugarh
Project to be built with an estimated investment of over Rs. 10,600 crore and help meet fertilizer requirements of Assam & neighbouring states and reduce import dependence
PM to pay tribute to martyrs at Swahid Smarak Kshetra in Boragaon, Guwahati

Prime Minister Shri Narendra Modi will undertake a visit to Assam on 20-21 December. On 20th December, at around 3 PM, Prime Minister will reach Guwahati, where he will undertake a walkthrough and inaugurate the New Terminal Building of Lokapriya Gopinath Bardoloi International Airport. He will also address the gathering on the occasion.

On 21st December, at around 9:45 AM, Prime Minister will pay tribute to martyrs at Swahid Smarak Kshetra in Boragaon, Guwahati. After that, he will travel to Namrup in Dibrugarh, Assam, where he will perform Bhoomi Pujan for the Ammonia-Urea Project of Assam Valley Fertilizer and Chemical Company Ltd. He will also address the gathering on the occasion.

On 20th December, Prime Minister will inaugurate the new terminal building of Lokapriya Gopinath Bardoloi International Airport in Guwahati, marking a transformative milestone in Assam’s connectivity, economic expansion and global engagement.

The newly completed Integrated New Terminal Building, spread over nearly 1.4 lakh square metres, is designed to handle up to 1.3 crore passengers annually, supported by major upgrades to the runway, airfield systems, aprons and taxiways.

India’s first nature-themed airport terminal, the airport’s design draws inspiration from Assam’s biodiversity and cultural heritage under the theme “Bamboo Orchids”. The terminal makes pioneering use of about 140 metric tonnes of locally sourced Northeast bamboo, complemented by Kaziranga-inspired green landscapes, japi motifs, the iconic rhino symbol and 57 orchid-inspired columns reflecting the Kopou flower. A unique “Sky Forest”, featuring nearly one lakh plants of indigenous species, offers arriving passengers an immersive, forest-like experience.

The terminal sets new benchmarks in passenger convenience and digital innovation. Features such as full-body scanners for fast, non-intrusive security screening, DigiYatra-enabled contactless travel, automated baggage handling, fast-track immigration and AI-driven airport operations ensure seamless, secure and efficient journeys.

On 21st December morning before heading to Namrup, Prime Minister will also visit the Swahid Smarak Kshetra to pay homage to the martyrs of the historic Assam Movement, a six-year-long people’s movement that embodied the collective resolve for a foreigner-free Assam and the protection of the State’s identity.

Later in the day, Prime Minister will perform Bhoomipujan of the new brownfield Ammonia-Urea Fertilizer Project at Namrup, in Dibrugarh, Assam, within the existing premises of Brahmaputra Valley Fertilizer Corporation Limited (BVFCL).

Furthering Prime Minister’s vision of Farmers’ Welfare, the project, with an estimated investment of over Rs. 10,600 crore, will meet fertilizer requirements of Assam and neighbouring states, reduce import dependence, generate substantial employment and catalyse regional economic development. It stands as a cornerstone of industrial revival and farmer welfare.