North-East has witnessed record development under the NDA: PM Modi in Assam
The choice in the upcoming elections is between a decisive government or a dynastic government: PM Modi
People of Assam have been decieved many times by the Congress party and will never support these ‘Maha-milawati’ forces with their future: Prime Minister Modi

भारत माता की जय
भारत माता की जय

असमिया कला और संस्कृति को समृद्ध करने वाली इस महान धरती को इस चौकीदार का नमन, मंच पर विराजमान असम सरकार के मंत्री हेमंता जी, लोकसभा चुनाव में हमारे प्रत्याशी, मंच पर उपस्थित अन्य सभी महानुभाव और इतनी भारी संख्या में आए मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, असम को हो क्या गया है भाई। ये मैदान छोटा पड़ गया, और उधर मैं देख रहा हूं कि हाइ-वे पूरा भरा पड़ा है। ये आपका प्यार ये आपका आशीर्वाद मां कामाख्या की कृपा नजर आ रही है। गुरु शंकर देव, गुरु माधव देव, वीर लाचित बोड़फुकन जी और भारत रत्न भूपेन हाजरिका जी की भूमि का मैं आज आदरपूर्वक वंदन करता हूं। असम में आज का मेरा दूसरा कार्यक्रम है, इससे पहले मोरान में एक बहुत बड़ी रैली में हिस्सा लेकर यहां पहुंचा हूं और यहां देख रहा हूं कि वैसे ही आप सभी यहां बड़ी संख्या में यहां पहुंचे हैं। आपके आशीर्वाद के लिए मैं फिर से एक बार आपका आभार व्यक्त करता हूं। आपका यही प्यार यही विश्वास इस चौकीदार को दिन-रात काम करने के लिए प्रेरित करता है।

भाइयो और बहनो, जो प्यार और विश्वास बीते पांच वर्षों में आपने मुझे दिया है। मेरे जीवन में इससे बढ़कर के कोई सौभाग्य नहीं हो सकता। मैंने भी पूरी ईमानदारी के साथ पूरी निष्ठा के साथ आपकी, असमवासियों की, देशवासियों की सेवा करने की भरसक कोशिश की है। मेरे भाइयो-बहनो, मैं ये दावा नहीं करता कि पांच साल में मैंने सारे काम पूरे कर लिए हैं। अगर 70 साल तक रहने वाले नहीं कर सकते दावा तो पांच साल वाला कैसे कर सकता है। लेकिन नम्रतापूर्वक कहना चाहूंगा बहुत कुछ करने के बाद भी देश को और आगे ले जाने के लिए बहुत कुछ करना जरूरी है, और इसलिए जो भी कसर रह गई हो कहीं गति धीमी रह गई हो गई हो, कहीं प्राथमिकता आगे-पीछे हुई हो, उसको पूरा करने के लिए मैं फिर एक बार आपका आदेश लेने के लिए आपके सामने आया हूं। आपका आशीर्वाद लेने के लिए फिर एक बार आपके पास आया हूं। 11 अप्रैल को असम के आप सभी साथी अपना वोट डालने पोलिंग बूथ पर जाएंगे तो आपको एक और बात याद रखनी है। रखोगे न, याद रखोगे ना, कि भूल जाओगे? असम को, हिंदुस्तान को घुसपैठियों से आतंकियों से मुक्त कराने का काम।

घुसपैठियों से आतंकियों से मुक्त कराने का काम कौन कर सकता है? एक तरफ दमदार चौकीदार और दूसरी तरफ महामिलावट वाले परिवार। एक तरफ असम का हित राष्ट्रहित का विचार और दूसरी तरफ वोट के लिए किसी भी हद तक जाने वालों का लंबा इतिहास आपके सामने हैं। गोहपुर के आप सभी राष्ट्रभक्तों के बीच मैं बात इसलिए भी कर हूं क्योंकि ये धरती भारत की आजादी से लेकर असम के नव निर्माण देने वाले आंदोलन का सेंटर रही है। यहां तिरंगे के लिए वीरों ने अपनी जान दे दी। यहां के वीरों ने गुलामी के उस कालखंड में पुलिस स्टेशन पर तिरंगा फहरा कर अपना साहस दिखाया था। यहीं हमारे जनजातीय क्रांति वीरों ने देश की आजादी के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।

साथियो, बहुत से वीरों ने अपने बलिदान से असम को मजबूत किया है। इनकी प्रेरणा से बीते पांच वर्षों से घुसपैठियों और आतंकियों पर जिस तरह का नियंत्रण लगाया गया है। क्या ऐसे पहले कभी हुआ है, जरा पूरी ताकत से बताइए ऐसा पहले कभी हुआ है ? ऐसा पहले कभी हुआ है ? अब हो रहा है कि नहीं हो रहा है? कैसे हो रहा है? ये कैसे संभव हो रहा है? दुश्मन को घर में घुसकर मारने की ताकत कहां से आई? कहां से आई? ये ताकत आपके आशीर्वाद की ताकत है, आपके साथ की ताकत है, आपके समर्थन की ताकत है। लेकिन महामिलावट करने वालों के अतीत और वर्तमान को देखें तो इतना तय है कि अगर ये लोग, होने वाले नहीं हैं लेकिन गलती से भी थोड़ी सी भी मजबूती आई तो आप मेरे शब्द लिख लेना कि ये ऐसे लोग है कि फिर से असम को उस पुरानी मुसीबत में झोंक देंगे। यहां बैठे बुजुर्ग लोग याद करें युवा साथियों से मेरा आग्रह है कि जरा अपने बुजुर्गों से पता करें कि कांग्रेस ने कैसे असम को हर बार ठगा है, हर बार धोखा दिया है। हर बार असम के लोगों के विश्वास को तोड़ा है। वो इतने किस्से सुनाएंगे कि आप हैरान हो जाएंगे।

क्या ये सच नहीं है कि अगर सरदार पटेल न होते अगर गोपीनाथ बोरदोलोई न होते तो असम की वो पहचान नहीं होती जो आज है। तेजपुर सहित देश का एक बड़ा हिस्सा सिर्फ और सिर्फ हमारे सैनिकों और यहां के वीर लोगों के हौसले के दम पर ही बच पाया। 70 के दशक में घुसपैठ को रोकने के लिए तब की सरकार ने जिस तरह का काम किया। उसके परिणाम को असम और पूरा नॉर्थ ईस्ट आज भी भुगत रहा है। आज जब कांग्रेस की इन एतिहासिक भूलों को सुधारने के लिए आपका ये चौकीदार प्रयास कर रहा है, तो कांग्रेस और इनके साथियों को बड़ी तकलीफ हो रही है, दर्द हो रहा है। जैसे उनके परिवार का कोई नुकसान हो रहा हो। भाइयो और बहनो, एक जनसंघ ही था अटल बिहारी वाजपेयी हमारे नेता, जिन्होंने बांग्लादेश की आजादी के समय हर मुद्दे हर समस्या के समाधान के लिए आवाज उठाई। हमने राष्ट्रहित में बांग्लादेश की आजादी के लिए तब की सरकार की ओर से उठाए गए कदमों को खुलेआम समर्थन किया था। उस समय हमारे सैनिकों ने जो पराक्रम दिखाया था, उसके बाद भारत कोई भी फैसला कर सकता था। लेकिन तब की कांग्रेस सरकार वो भी नहीं कर पाई।

साथियो, आज की स्थिति देखिए, आज भारत अपना दम दिखा रहा है। हमारे वीर जवान अपना दम दिखा रहे हैं। पुरानी नीति और रीति को भारत अब बदल चुका है। पूरी दुनिया आज भारत के साथ है, है कि नहीं है? आज पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी है कि नहीं है? हमारे हर कदम की सराहना हो रही है कि नहीं हो रही है? लेकिन हमारे घर में ये महामिलावटी की जमात इस गौरव के अंदर, इस गौरवपूर्ण बातों में अपना सुर मिलाने के लिए तैयार नहीं, वो कोई दूसरा ही बाजा बजा रहे हैं। और आदत इतनी खराब हो चुकी है मेरे भाइयो-बहनो कि चौकीदार का विरोध करते-करते वे अब भारत का भी विरोध करने लगे हैं। मैं आपसे पूछना चाहता हूं, जवाब देंगे...? भारत का विरोध करने वालों का साथ असम देगा क्या? भारत का विरोध करने वाले आपका हित कर सकते हैं क्या? लड़ाई आतंकवाद से हो या भ्रष्टाचारियों के खिलाफ आपका ये चौकीदार पूरी ताकत से डटा हुआ है। भारत को धोखा देने वालों और भारत को लूटने वालों के साथ देश से लेकर विदेश तक क्या हो रहा है वो आप आए दिन मीडिया में भी देख रहे हैं।

साथियो, असम और भारत का हित सिर्फ वहीं लोग कर सकते हैं, जिनके दिल में भारत बसता है। आप देख रहे हैं कि केंद्र और असम को विकास का डबल इंजन मिल जाने से कितनी तेज गति से विकास हो रहा है। सर्वानंद सोनोवाल जी की अगुवाई में यहां चल रही एनडीए की सरकार हर प्रकार से असम की आकांक्षाओं को धार दे रही है। साथियो, ये डबल इंजन की ताकत से ही आज असम में गरीबों का पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त में सुनिश्चित हुआ है। गरीबों को पक्के घर मिल रहे हैं। गरीब बहनों को एलपीजी गैस सिलेंडर मिल रहे हैं, और किसानों को साल में तीन बार बैंक खाते में सीधी मदद दी जा रही है। साथियो, चाय के बागान में काम करने वाले कामगारों के लिए भी पूरी संवेदना के साथ काम किया जा रहा है। आने वाले समय में इसे और विस्तार दिया जाएगा। चाय बगान में काम करने वाले साथियों के लिए ही इस चौकीदार ने प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना बनाई है। इस योजना से जुड़े लोगों को 60 वर्ष की आयु के बाद हर महीने 3 हजार रुपये की पेंशन सुनिश्चित होगी। साथियो, गरीबों और किसानों के साथ-साथ यहां गांवों में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। ब्रह्मपुत्र पर पांच नए ब्रिज बनाने की स्वीकृति सरकार ने दी है। ये पुल भी बोगीबील और भूपेन हाजरिका सेतु की तरह यहां के लाखों लोगों के जीवन को आसान बनाएगा। हाई-वे हो, रेलवे लाइन हो ऐसे अनेको प्रोजेक्ट हैं जिनपर काम या तो हो चुका है या काम फिर आखिरी चरण में पहुंच चुका है।

 

भाइयो और बहनो, असम की अस्मिता की रक्षा ये चौकीदार ही कर सकता है, आपको भरोसा है कि नहीं है। आपको इस चौकीदार पर भरोसा है। एक चौकीदार ऐसा है जिस पर आपको प्यार है और उनको खौफ है। अगर कांग्रेस की नीयत होती तो इतने बरसों में वो तमाम समस्याओं का समाधान कर सकती थी। आपने तो यहां से प्रधानमंत्री भी दिया था, दिया था कि नहीं था, याद है कि नहीं.. आपको मालूम है न कि यहां से प्रधानमंत्री थे। ये ऐसे प्रधानमंत्री थे कि असम के लोगों को याद भी नहीं रहा।

साथियो, यहां के महान संतान लाचित बोड़फुकन, उऩ्होंने एक बात कही थी, बहुत मजेदार बात कही थी, कोई भी मामा देश से बड़ा नहीं होता। लेकिन कांग्रेस के लिए हर वो मामा देशहित से बड़ा है। जो उनके स्वार्थ में उनका साथ देता है, और कितने मामा है। मिशेल मामा, क्वात्रोची मामा ना जाने मामाओं की भरमार है। जिनके लिए इन्होंने देश को भी दांव पर लगा दिया। 11 अप्रैल को आपको बोड़फुकन जी की बात पर अमल करना है। करोगे… करोगे... ये मामा भांजे के चक्कर से देश को बाहर निकालोगे? चौकीदार को मजबूत कर के असम और देश के दलालों और घुसपैठियों के इन हमदर्दों को कड़ा संदेश देने 11 अप्रैल ही अवसर है, और इसलिए मेरे प्यारे भाइयो बहनो ये काम एक मजबूत सरकार ही कर सकती है। पांच साल आपने देखा है। आप मुझे बताइए देश को एक मजबूत सरकार मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए। ये मजबूत सरकार और ज्यादा मजबूत होनी चाहिए कि नहीं चाहिए। ये मजबूत सरकार को और मजबूत फैसले लेने चाहिए कि नहीं चाहिए। ये काम कौन कर सकता है? कौन कर सकता है? कौन कर सकता है? मोदी तो बहाना है ये काम तो 11 अप्रैल को आपको करना है।

अगर आप एक बार बटन दबा देंगे और देखिए फिर क्या कमाल होता है। आपका ये सहयोग मुझे पांच साल काम करने के लिए बड़ी ताकत देता रहा है और उसी समर्पण भाव से आने वाला पांच साल भी आप ही के लिए खपा देना चाहता हूं। बस आपका आशीर्वाद मांगता हूं। आपका साथ मांगता हूं। आपका सहयोग मांगता हूं, और भाइयो-बहनो मैं चौकीदार हूं। मैं चौकीदार हूं। आप भी है ना आप भी है ना? मैं बोलूंगा चौकीदार आप बोलेंगे मैं भी। चौकीदार... मैं भी, चौकीदार... मैं भी, चौकीदार... मैं भी चौकीदार... मैं भी, चौकीदार... मैं भी, गांव के लोग भी, गांव के लोग भी शहर के लोग भी, नगर के लोग भी माताएं और बहनें भी किसान भी काम करने वाले भी

हर हिंदुस्तानी चौकीदार है।
बहुत बहुत धन्यवाद।

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Prime Minister welcomes Param Vir Gallery at Rashtrapati Bhavan as a tribute to the nation’s indomitable heroes
December 17, 2025
Param Vir Gallery reflects India’s journey away from colonial mindset towards renewed national consciousness: PM
Param Vir Gallery will inspire youth to connect with India’s tradition of valour and national resolve: Prime Minister

The Prime Minister, Shri Narendra Modi, has welcomed the Param Vir Gallery at Rashtrapati Bhavan and said that the portraits displayed there are a heartfelt tribute to the nation’s indomitable heroes and a mark of the country’s gratitude for their sacrifices. He said that these portraits honour those brave warriors who protected the motherland through their supreme sacrifice and laid down their lives for the unity and integrity of India.

The Prime Minister noted that dedicating this gallery of Param Vir Chakra awardees to the nation in the dignified presence of two Param Vir Chakra awardees and the family members of other awardees makes the occasion even more special.

The Prime Minister said that for a long period, the galleries at Rashtrapati Bhavan displayed portraits of soldiers from the British era, which have now been replaced by portraits of the nation’s Param Vir Chakra awardees. He stated that the creation of the Param Vir Gallery at Rashtrapati Bhavan is an excellent example of India’s effort to emerge from a colonial mindset and connect the nation with a renewed sense of consciousness. He also recalled that a few years ago, several islands in the Andaman and Nicobar Islands were named after Param Vir Chakra awardees.

Highlighting the importance of the gallery for the younger generation, the Prime Minister said that these portraits and the gallery will serve as a powerful place for youth to connect with India’s tradition of valour. He added that the gallery will inspire young people to recognise the importance of inner strength and resolve in achieving national objectives, and expressed hope that this place will emerge as a vibrant pilgrimage embodying the spirit of a Viksit Bharat.

In a thread of posts on X, Shri Modi said;

“हे भारत के परमवीर…
है नमन तुम्हें हे प्रखर वीर !

ये राष्ट्र कृतज्ञ बलिदानों पर…
भारत मां के सम्मानों पर !

राष्ट्रपति भवन की परमवीर दीर्घा में देश के अदम्य वीरों के ये चित्र हमारे राष्ट्र रक्षकों को भावभीनी श्रद्धांजलि हैं। जिन वीरों ने अपने सर्वोच्च बलिदान से मातृभूमि की रक्षा की, जिन्होंने भारत की एकता और अखंडता के लिए अपना जीवन दिया…उनके प्रति देश ने एक और रूप में अपनी कृतज्ञता अर्पित की है। देश के परमवीरों की इस दीर्घा को, दो परमवीर चक्र विजेताओं और अन्य विजेताओं के परिवारजनों की गरिमामयी उपस्थिति में राष्ट्र को अर्पित किया जाना और भी विशेष है।”

“एक लंबे कालखंड तक, राष्ट्रपति भवन की गैलरी में ब्रिटिश काल के सैनिकों के चित्र लगे थे। अब उनके स्थान पर, देश के परमवीर विजेताओं के चित्र लगाए गए हैं। राष्ट्रपति भवन में परमवीर दीर्घा का निर्माण गुलामी की मानसिकता से निकलकर भारत को नवचेतना से जोड़ने के अभियान का एक उत्तम उदाहरण है। कुछ साल पहले सरकार ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में कई द्वीपों के नाम भी परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखे हैं।”

“ये चित्र और ये दीर्घा हमारी युवा पीढ़ी के लिए भारत की शौर्य परंपरा से जुड़ने का एक प्रखर स्थल है। ये दीर्घा युवाओं को ये प्रेरणा देगी कि राष्ट्र उद्देश्य के लिए आत्मबल और संकल्प महत्वपूर्ण होते है। मुझे आशा है कि ये स्थान विकसित भारत की भावना का एक प्रखर तीर्थ बनेगा।”