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Bihar has made a lot of progress under Nitish Kumar: PM Modi in Darbhanga
The ones who questioned dateline of Ayodhya Ram Mandir are now clapping in appreciation: PM Modi
In Darbhanga rally, PM Modi says 'Aatmanirbhar Bihar' is the next vision in development of Bihar

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।
सीता मैय्या, राजा जनक, कविराज विद्यापति के ई मिथिला भूमि के नमन करे छी। ज्ञान, धान, पान, मखान से समृद्ध हुई ई गौरवशाली धरती पर अपने सबके अभिनंदन करे छी।

बिहार के मुख्यमंत्री, मेरे मित्र भाई नितीश जी, जो हमारे भावी मुख्यमंत्री के रूप में आपके आशीर्वाद निश्चित मिलने वाले हैं। जेडीयू, भाजपा, हम पार्टी, वीआईपा पार्टी के अन्य सभी प्रतिनिधिगण और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्रिय भाइयो-बहनो।

बिहार की पवित्र भूमि पर मैं राजा सल्हेश, वीर शिरोमणि बाबा चौहरमल, राह बाबा और गौरैया बाबा को भी नमन करता हूं।
बाबा चौहरमल और तमाम संत जनों के आशीर्वाद से ही ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ आज देश के विकास का आधार है।
साथियो, आज यहां दरभंगा के अलावा मधुबनी और समस्तीपुर सहित अनेक विधानसभा क्षेत्रों से आप सभी हमें आशीर्वाद देने के लिए आए हैं, मैं आपका हृदय से अभिनंदन करता हूं। साथ-साथ हजारों साथी अलग-अलग इलाकों में डिजिटल माध्यम से भी आज हमारे साथ जुड़े हैं, आप सभी भाइयो-बहनो को, आपके उत्साह को, आपके संकल्प को, बिहार के प्रति आपके समर्पण को मैं आज आदरपूर्वक प्रणाम करता हूं।

भाइयो और बहनो, आज पहले चरण का मतदान चल रहा है, जहां-जहां मतदान हो रहा है उन सभी साथियो से मेरा आग्रह है कि कोरोना से बचने के लिए पूरी सावधानी बरतें, चुनाव के व्यस्त कार्यक्रमों के बीच हमारे सहयोगी और वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष और मेरे मित्र भाई मुकेश सहानी जी को कोरोना हो गया। बिहार के उपमुख्यमंत्री भाई सुशील मोदी जी को भी कोरोना से लड़ना पड़ रहा है। मैं बिहार के किसी भी दल के राजनीतिक कार्यकर्ता, जो इस गहमागहमी के समय कोरोना से ग्रस्त हैं तो मैं न सबके स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना करता हूं। बिहार के नागरिक भी इस कोरोना के संकट काल से अगर कोई बीमार है तो जल्द स्वस्थ हो जाए, यही मैं प्रार्थना करता हूं।

साथियो, महा कवि विद्यापति ने इस क्षेत्र के लिए एक बार मां सीता जी से प्रार्थना की थी और विद्यापति जी ने मां सीता जी से कहा था,

जनम भूमि अछि मिथिला सम्हारु हे माँ,

कनि आबि अपन नैहर निहारु हे माँ।

विद्यापति जी ने तब के मिथिला की स्थिति पर मां से यह आग्रह किया था। अब आज हम देखें तो बीते 15 वर्षों में बिहार नितीश जी के नेतृत्व में बहुत आगे बढ़ा है। आज मां सीता अपने नैहर को तो प्रेम से निहार ही रही होगी। अयोध्या पर भी आज यहां नजर अवश्य होगी। सदियों की तपस्या के बाद अब आखिरकार अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है। वो सियासी लोग जो बार-बार हमें तारीख पूछा करते थे बहुत मजबूरी में अब वो भी तालियां बजा रहे हैं। मां सीता के इस क्षेत्र में आकर मैं यहां के लोगों को राम मंदिर निर्माण की बहुत-बहुत बधाई देता हूं क्योंकि आप उसके प्रमुख हकदार हैं।

भाइयो और बहनो, भाजपा की पहचान है, एनडीए की पहचान है, जो कहते हैं वो करके दिखाते हैं। देश में पहली बार ये हुआ है, जब मेनिफेस्टो को उठाकर ये आकलन लगाया जा रहा है कि अब आगे कौन सा कदम सरकार उठाने वाली है। हमने कहा था हर किसान के बैंक खाते में सीधी मदद भेजेंगे। आज करीब 1 लाख करोड़ की सीधी मदद किसान के खाते में जमा कराई जा चुकी है। हमने कहा था हम गरीब का बैंक खाता खोलेंगे, आज 40 करोड़ से ज्यादा गरीबों का बैंक खाता खुल चुका है। हमने कहा था हर गरीब बहन-बेटी की रसोई में मुफ्त गैस कनेक्शन पहुंचाएंगे। उज्जवला योजना ने बिहार की भी करीब 90 लाख महिलाओं को लकड़ी के धुएं से मुक्त किया है। हमने कहा था, हर गरीब को पाँच लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा देंगे, आज बिहार के भी हर गरीब को ये सुविधा मिल रही है।

और भाइयो और बहनो, कोरोना के इस संकट काल में हमने ये भी कहा था कि हर गरीब को मुफ्त में अनाज देंगे। 130 करोड़ का देश, दुनिया को अचरज हो रहा है आठ महीने तक इस देश का कोई व्यक्ति भूखा ना सो जाए। इतनी बड़ी व्यवस्था कोरोना के संकटकाल में भी हम कर पाए हैं। आज बिहार के भी गरीबों के लिए दीवाली और छठ पूजा तक मुफ्त में राशन की व्यवस्था की गई है बाढ़ के दिनों में, सरकार की इन योजनाओं ने गरीबों की बहुत मदद की है।

साथियो, इस क्षेत्र में पानी से होने वाली बीमारियों की दिक्कत हमेशा से रही है। इस दिक्कत का एक बड़ा इलाज है- हर घर पीने का शुद्ध पानी पहुंचे। बीते समय में पूरी ताकत से बिहार में ये काम किया गया है। अगर मैं दरभंगा और मधुबनी की ही बात करूं तो इस क्षेत्र में 11 लाख से ज्यादा लाख घरों को पाइप कनेक्शन से जोड़ा गया है। बहुत जल्द बिहार, देश के उन राज्यों में होगा जहां हर घर में पीने का साफ पानी पाइप से ही पहुंचेगा। तब ये गंदे पानी से होने वाली बीमारी नहीं होंगी, किसी मां को अपना लाल, अपनी लाडली को खोना नहीं पड़ेगा। हमने ये संकल्प लिया है और इसे भी पूरा करके दिखाएंगे।

भाइयो और बहनो, NDA का यही ट्रैक रिकॉर्ड आज बिहार के जन-जन को आशवस्त करने वाला है। NDA ने, भाजपा ने, विकास का जो रोडमैप अपने मैनिफेस्टो में खींचा है, उस पर तेजी से अमल होगा, ये तय है। आत्मनिर्भर बिहार का जो संकल्प लिया है, उस पर हम और तेजी से आगे बढ़ेंगे। दरभंगा में एम्स बनने से मिथिलांचल को बहुत बड़ी सुविधा मिलेगी। दरभंगा एम्स के लिए 1200 करोड़ रुपए से ज्यादा मंजूर किए गए हैं।

एम्स बनने से यहां के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं तो मिलेंगी ही, मेडिकल की पढ़ाई की सीटें भी बढ़ेंगी।
इसी तरह सॉफ्टवेयर पार्क बनने से भी यहां के प्रतिभाशाली युवाओं को टेक्नॉलॉजी के क्षेत्र में अधिक से अधिक अवसर मिल रहे हैं। दरभंगा में एयरपोर्ट की आधुनिक सुविधाएं मिलने से पूरे मिथिलांचल की कनेक्टिविटी और सशक्त होगी।

रामायण सर्किट का अहम हिस्सा होने के कारण मिथिलांचल में पर्यटन, तीर्थाटन की संभावनाओं का विस्तार होगा। आत्मनिर्भर बिहार में उद्योगों के लिए नए अवसर बनेंगे, युवाओं के लिए रोजगार-स्वरोजगार के अवसर बनेंगे।

गरीबों के लिए जो 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है, उसका लाभ भी इस क्षेत्र के युवाओं को मिल रहा है। इसके साथ ही सरकार ने हमारे दलित, पिछड़े, अति-पिछड़े भाई बहनों के लिए आरक्षण को जो अगले 10 साल तक के लिए बढ़ा दिया है, वो भी यहां के नौजवानों के लिए लाभकारी है।
साथियो, बिहार की, मिथिलांचल की कनेक्टिविटी को पीएम पैकेज से भी बहुत ताकत मिल रही है। पीएम पैकेज के तहत बिहार के गांवों में हज़ारों किलोमीटर की सड़कों पर काम हुआ है।
55 हज़ार करोड़ रुपए से भी अधिक बिहार के रोड नेटवर्क पर खर्च किए जा रहे हैं। दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी की आपस में रोड कनेक्टिविटी ठीक करने के लिए सड़कों पर तेजी से काम चल रहा है। दरभंगा-समस्तीपुर रेलवे लाइन के दोहरीकरण का लाभ भी इस क्षेत्र को होगा।

साथियो, पहले के समय, जो लोग सरकार में थे, उनका मंत्र रहा है, - पैसा हजम, परियोजना खत्म। उन्हें कमीशन शब्द से इतना प्रेम था, कि कनेक्टिविटी पर कभी ध्यान ही नहीं दिया।

मिथिलांचल को जोड़ने वाले कोसी महासेतु के साथ क्या-क्या हुआ, ये मेरे से ज्यादा आप सभी मेरे भाई-बहने जानते, भलीभांति जानते हैं।
2003 में जब हमारे मित्र नीतीश जी अटल जी की सरकार में रेल मंत्री थे और अटल जी प्रधानमंत्री थे, तब इस क्षेत्र मांग को पूरा करते हुए, अटल जी ने महासेतु का काम शुरू करवाया। लेकिन उनके बाद जिस तरह इस पर काम हुआ, उससे लगता था कि मिथिलांचल की जनता का ये सपना, सपना ही रह जाएगा।
केंद्र में एनडीए की सरकार बनने के बाद और यहां नितीश जी की ताकत मिलने के कारण कोसी महासेतु का काम कई गुना तेजी से आगे बढ़ा और कुछ दिनों पहले ही मुझे कोसी महासेतु के लोकार्पण का सौभाग्य मिला है।

इससे 300 किलोमीटर की दूरी 20-22 किलोमीटर तक सिमट गई है। अब 8 घंटे की यात्रा सिर्फ आधे घंटे में ही पूरी होने लगी है।
साथियो, ऐसी सुविधाएं, किसान, व्यापारी, उद्योग जगत, विद्यारथियों हर किसी को लाभ देती हैं और युवाओं के लिए रोजगार के साधन पैदा करती है।
बिहार के लोगों को, मिथिलांचल के लोगों को विकास के ऐसे ही कामों की रफ्तार बढ़ाने के लिए मतदान करना है।
साथियो, बिहार के विकास के व्यापक रोडमैप का अगला चरण है आत्मनिर्भर बिहार, आत्मनिर्भर मिथिलांचल। यहां मिथिला पेंटिंग, कृषि, डेयरी उद्योग, मछली के उत्पादन और कारोबार से जुड़ी अनेक संभावनाएं हैं।

मिथिलांचल के लिए तो कहा ही जाता है कि-

पग पग पोखर माछ मखान,
मधुर बोल मुस्की मुख पान,
विद्या वैभव शांति प्रतीक,
विद्यपतिक डीह ई मिथिला थीक
ऐसे में पान-माछ-मखाना, इन सबमें आत्मनिर्भर भारत को ताकत देने की बहुत बड़ी संभावना इस क्षेत्र में है। समस्तीपुर तो एक प्रकार से देश में कृषि, पशुपालन और मत्यस्य पालन से जुड़ी रिसर्च का हब बन चुका है।
डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी से लेकर जननायक कर्पूरी ठाकुर जी ने जो सपने देखे थे वो अब पूरे होते दिख रहे हैं।
डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद विश्वविद्यालय को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया है। मत्स्य संपदा योजना के तहत इस क्षेत्र के अनेक जिलों में मछली के उत्पादन से लेकर चारे तक के अनेक प्रोजेक्ट शुरु किए गए हैं। जब करोड़ों का निवेश यहां होगा, युवा उद्यमियों को आर्थिक मदद मिलेगी, तो बड़ी मात्रा में नए रोज़गार तैयार होंगे।

साथियो, फसल हो, दूध हो, सब्जी हो, मछली हो, कोशिश ये है कि बिहार के अलग-अलग जिलों में जो बेहतरीन उत्पाद पीढ़ियों से उपजते हैं या तैयार होते हैं, उनसे जुड़े उद्योग लगाए जाएं। इसके लिए ज़रूरी सुविधाएं गांवों में तैयार की जा रही हैं।

गांवों में भंडारण और कोल्ड स्टोरेज की सुविधा के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का विशेष फंड बनाया गया है।
गांव में इन सुविधाओं के लिए निवेश बढ़े इसके लिए जरूरी कानूनी सुधार किए गए हैं। छोटे किसानों को बिचौलियों के चंगुल से बाहर निकालकर कृषि उत्पादक संघों- FPOs से संगठित किया जा रहा है। ऐसे ही FPOs और दीदियों के समूह, भंडारण की सुविधाओं से लेकर कृषि उद्योगों तक को चलाने वाले हैं।
बिहार के युवा उद्यमियों, स्टार्ट अप्स के लिए भी अनेक अवसर नए कृषि सुधारों से बनाए जा रहे हैं।

साथियो, दरभंगा सहित मिथिलांचल के एक बड़े हिस्से में आप अगले चरण में मतदान करेंगे। राज्य के अन्य क्षेत्र के लोगों ने जो प्रण किया है, उसी प्रण का आपको भी ध्यान रखना है। ये प्रण बिहार के भविष्य के लिए, आत्मनिर्भर बिहार के निर्माण के लिए बहुत जरूरी है। बिहार के लोग ये ठान चुके हैं- बिहार में जंगलराज लाने वाली ताकतों को फिर परास्त करेंगे।
बिहार के लोग ये ठान चुके हैं- बिहार को लूटने वालों को फिर हराएंगे। बिहार के लोग ये ठान चुके हैं- इस प्रतिभाशाली धरती के नौजवानों को धोखा देने वालों को फिर हराएंगे। बिहार के लोग ये ठान चुके हैं- बिहार की महिलाओं का जीना दूभर कर देने वालों को फिर हराएंगे।

साथियो, जिन लोगों की ट्रेनिंग समाज को बांटकर राज करने की हो, जिन लोगों की ट्रेनिंग कमीशनखोरी की हो, वो बिहार के हित में कभी सोच नहीं सकते। बिहार के मेरे भाइयो और बहनो, इनके ट्रैक रिकॉर्ड को याद रखिएगा।

ये वो लोग हैं जिनके राज में बिहार में अपराध इतना फला-फूला कि लोगों का जीना मुश्किल हो गया था। ये वो लोग हैं जो किसान कर्जमाफी का बात करके, कर्जमाफी के पैसे में भी घोटाला कर जाते हैं। ये वो लोग हैं जो नौकरी देने के काम को करोड़ों रुपए कमाने का जरिया मानते हैं। इसलिए इनसे सावधान रहिए, सतर्क रहिए।

भाइयो और बहनो, एक तरफ NDA है, आत्मनिर्भर बिहार बनाने का संकल्प लेकर खड़ा है। दूसरी तरफ ये लोग हैं जो बिहार की विकास परियोजनाओं के पैसों पर नजरें गड़ाए हुए है। याद रखिए, NDA यानी भाजपा, JDU, हम पार्टी और VIP, इनके सभी प्रत्याशियों को आपका एक-एक वोट जो मिलन वाला है को बिहार को तेज गति देगा, बिहार को नई ताकत देगा, बिहार के उज्जवल भविष्य में आगे बढ़ेगा, बिहार आत्मनिर्भर बनाएगा। NDA को पड़ा आपका हर एक वोट बिहार को फिर से बीमार होने से बचाएगा।

इन्हीं संकल्पों के साथ, माता जानकी को प्रणाम करते हुए, फिर से आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए
भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Changing Economic Scenario of India: From Fragile Five to Bright Spot
May 29, 2023
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The State of Indian Economy has undergone a significant change in the last nine years. There was a time where the Indian Economy was termed as one of the Fragile Economies of the World. The inheritance of Indian coffers to the newly elected Prime Minister Narendra Modi and his government was not very sound. Indian Banks were evergreening the NPA and were sitting on a ticking bomb. There were scores of scams, and investor confidence was shaken. A policy paralysis resulting in lower growth and very high inflation rate was staring India. There was unnecessary liability of Rs.1.5 lakhs oil bonds on account of artificially lowering of fuel prices.

Year 2014 welcomed the PM Modi led government which came with the promise of ‘Ache Din’ and they were soon seen rolling out the carpet for ‘Ache Din’.

There were multi sectoral reforms in all the sectors of the Economy. This was possible with an overhaul of the Indian economy. The bank's balance sheets were cleaned up to reflect a true picture. Recovery mechanisms were revised, banks were recapitalised and further banks were merged. Insolvency Bankruptcy Code was launched. All these efforts have led to an important change in the banking sector. There was a time when a situation in Europe or the USA had a major impact on India. At times such impact was magnified in its magnitude. During the subprime crisis of 2008, fall of Lehman brothers, India too was caught in the turmoil despite not having any exposure on subprime loans. But with changed times, effective control, the banks have emerged stronger. Today when we see the collapse of Credit Suisse or American banks falling like a pack of cards, Indian banks stand tall, their adherence to rules, RBI’s proactiveness and government commitment have made Indian banks much more reliable.

Despite the recessionary winds in the west of today, India stands tall. It is being termed as a bright spot, with the economy with the highest projected growth is nearly 6 % in 2024 as per IMF. The country's vibrant domestic market, rising consumer spending, and increasing urbanization contribute to its sustained economic expansion. The Indian economy is one of the few economies of the world which has been a beacon of growth and potential.

The COVID- 19 had a very bad impact on the economies of the world. Many countries gave stimulus packages including India to revive the industry but putting a break was much necessary. Many thought that the stimulus break was not needed and just like western countries India should also continue. However, India treaded cautiously and used fiscal prudence which contained the inflation levels. The average inflation level was 4.8 % from 2014 – 2022. Even today despite supply pressures due to the Ukraine – Russia war, the Consumer inflation in India is at an 18 months low at 4.7% and Wholesale inflation rate is (0.92).

The macro economy was balanced and India on other hand saw aggressive infrastructure investment. Rudimentary changes like ease of doing mechanisms were introduced enabling a better economic atmosphere for foreign investments. India’s EOB ranking has improved from 142 in 2014 to 63 in 2022. As per the Business Environment Rankings (BER) report published by the Economist Intelligence Unit (EIU) in March 2023, India has successfully improved its BER ranking by four spots globally. India’s rank has improved from 14 for the period of 2018-22 to 10th rank for the period of 2023-27.

The Foreign investments in India has increased from the level of USD 36.05 billion in 2013-14 to USD 84.80 billion in 2021-22 indicating a jump of over 135% in 8 years.

The increased FDI is a testament of Indian businesses. Parallelly, other changes like use of technology on Economy had a major impact. The trinity of Jan-Dhan, Aadhar and Mobile was perfect for the success of Direct Benefit transfer. 48 crore+ Jan Dhan bank accounts opened, with an increase of more than 150% internet subscription in both - Rural and Urban areas, with 1,498 crore Aadhaar e-KYC completed, India saw in nine years alone a saving of Rs. 2.23 lakh crore was made. The digital economy grew many folds as internet users more than doubled. The other reason for the growth of the digital economy was the reduction in the cost of 1 GB data declined from Rs.308 in 2014 to less than 10 rupees in 2022. The digital Economy of India is humungous, about 46 % of the world’s digital transactions takes place in India. UPI alone was able to generate Rs. 139 lakh crore+ transactions in FY 2022-23 alone.

The economic reforms taken by the PM Modi led government since 2014 has now successfully elevated the Indian startup ecosystem to become the third largest startup ecosystem in the world. India now has around 115 unicorns (billion-dollar enterprises). The various schemes like Pradhan Mantri Mudra Yojana, Start – up India, Stand Up India aims at creating an ecosystem which enables an entrepreneurial spirit. Till March 2023,1.44 lakh loans worth Rs. 33,152 crore under Stand-Up India was given to women entrepreneurs alone.

The PM Modi led government in the last nine years through the various reforms has emphasised significantly on improving the ease of doing business for the masses and unlocking the entrepreneurial instinct among them. The focus has been on embedding a deeper and fresh mindset among Indians i.e to evolve to be job creators rather than just be restricted to job seekers. Another scheme that is testimony to this effort is the Pradhan Mantri Mudra Yojana (PMMY). Approximately 8-9 crore citizens have become first-time entrepreneurs after availing of loans under the PM Mudra Yojana.

Co-partnering with the private sector in creating public goods, adopting trust-based governance have been the next steps that follow. By liberalising the entry of private players in the strategic sectors like defence, mining and space, the business opportunities have been enhanced for private players in the economy. The Digitalisation of Economy has done wonders. Total UPI transactions in FY 2022-23 in India through UPI was Rs.139 lakh crore. 

The Indian economy has emerged as an inspiration of growth and potential,driven by strong economic indicators, a favourable demographic dividend, FDI inflows, digital transformation, infrastructure development, and sectoral growth. As India continues its journey towards becoming a global economic powerhouse, sustained reforms, inclusive growth, and investments in human capital will continue to remain the priority of the Indian Government.