We have given priority to the health of the poor and middle class: PM Modi

Published By : Admin | March 25, 2023 | 11:40 IST
Pays tributes to Sir M M Visvesvaraya
“With 'Sabka Prayas', India is on the path of becoming a developed nation”
“Karnataka has a glorious tradition of religious and social institutions that serve the poor”
“Our government works for the welfare of the poor. It has given an option of medical education in all Indian languages including Kannada”
“We have given priority to the health of the poor and middle class”
“We are giving top priority to women in health-related policies”

कर्नाटका के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई जी, सदगुरू श्री मधुसूदन साई जी, मंच पर उपस्थित महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

कर्नाटका दा एल्ला सहोदरा सहोदरियारिगे नन्ना नमस्कारागलु !

आप सभी इतने उमंग और उत्साह के साथ अनेक सपने लेकर के, नए संकल्प लेकर के सेवा की इस महान प्रवृत्ति में जुड़े हैं। आपके दर्शन करना ये भी मेरे लिए सौभाग्य है। मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। चिक्क-बल्लापुरा, आधुनिक भारत के आर्किटेक्ट्स में से एक, सर एम. विश्वेश्वरैया की जन्मस्थली है। अभी मुझे सर विश्वेश्वरैया की समाधि पर पुष्पांजलि का और उनके म्यूजियम पर जाने का सौभाग्य मिला। इस पुण्य भूमि को मैं सर झुकाकर के नमन करता हूं। इस पुण्यभूमि से प्रेरणा लेकर ही उन्होंने किसानों, सामान्य जनों के लिए नए इनोवेशन किए, इंजीनियरिंग के बेहतरीन प्रोजेक्ट्स बनाए।

साथियों,

इस धरती ने सत्य साईं ग्राम के रुप में भी सेवा का एक अद्भुत मॉडल देश को दिया है। शिक्षा और स्वास्थ्य के माध्यम से जिस प्रकार मानव सेवा का मिशन यहां चल रहा है वो वाकई अद्भुत है। आज जो ये मेडिकल कॉलेज शुरु हो रहा है, इससे ये मिशन और सशक्त हुआ है। श्री मधुसूदन साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च, हर वर्ष अनेक नए प्रतिभावान डॉक्टर देश की कोटी-कोटी जनता की सेवा में राष्ट्र को समर्पित करेगा। मैं संस्थान को और चिक्क-बल्लापुरा यहां के सभी लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

भाइयों और बहनों,

आजादी के अमृत महोत्सव में देश ने विकसित होने का संकल्प लिया है। कई बार लोग पूछते हैं कि भारत इतने कम समय में क्योंकि मैंने कहा 2047 जब आजादी के 100 साल होंगे तो लोग पूछते हैं कि इतने कम समय में भारत विकसित कैसे बनेगा ? इतनी चुनौतियां हैं, इतना काम है, इतने काम कम समय में पूरा कैसे होगा? इस सवाल का एक ही जवाब है, सशक्त जवाब है, संकल्प से भरा जवाब है, सिद्धियां प्राप्त होने की ताकत वाला जवाब है और वो जवाब है - सबका प्रयास। हर देशवासी के साझा प्रयासों से ये संभव होकर के ही रहेगा। इसलिए भाजपा सरकार निरंतर सबकी भागीदारी पर बल दे रही है। विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति में हमारे सामाजिक संगठनों की, धार्मिक संगठनों की भूमिका भी बहुत बड़ी है। कर्नाटका में तो संतों, आश्रमों, मठों की महान परंपरा रही है। ये धार्मिक और सामाजिक संस्थाएं, आस्था और आध्यात्म के साथ-साथ गरीबों, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों को सशक्त करती रही हैं। आपके संस्थान द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्य भी, सबका प्रयास की भावना को ही सशक्त करते हैं।

साथियों,

मैं देख रहा था, श्री सत्य साई यूनिवर्सिटी का ध्येय वाक्य है- "योगः कर्मसु कौशलम्’। अर्थात, कर्मों में कुशलता ही योग है। बीते 9 वर्षों में भारत में भी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बहुत ईमानदारी से, बहुत कुशलता से कार्य करने का प्रयास किया गया है। देश में मेडिकल एजुकेशन से जुड़े अनेक रिफॉर्म किए गए हैं। इससे सरकार के साथ-साथ जो दूसरे संगठन हैं, उनके लिए भी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज खोलना अब आसान हो गया है। सरकार हो, प्राइवेट सेक्टर हो, सामाजिक सेक्टर हो, सांस्कृतिक गतिविधि हो सभी के प्रयासों का परिणाम आज दिख रहा है। साल 2014 में हमारे देश में 380 से भी कम मेडिकल कॉलेज थे Less than 380। आज देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर के 650 से भी अधिक हो गई है। इनमें से 40 मेडिकल कॉलेज Aspirational Districts में बने हैं, जो जिले विकास के हर पहलू में पीछे थे, वहां पर मेडिकल कॉलेज बने हैं।

साथियों,

पिछले 9 वर्षों में देश में मेडिकल सीटों की संख्या लगभग दोगुनी हो चुकी हैं। आजादी के 75 वर्षों में जितने डॉक्टर देश में बने, उतने डॉक्टर अगले 10 साल में बनने जा रहे हैं। ये जो काम देश में हो रहा है, उसका लाभ कर्नाटका को भी मिल रहा है। कर्नाटका में आज लगभग 70 मेडिकल कॉलेज हैं। डबल इंजन सरकार के प्रयासों से जो मेडिकल कॉलेज बीते वर्षों में बने हैं, उनमें से एक यहां चिक्क-बल्लापुरा में भी बना है। इस वर्ष के केंद्र सरकार के बजट में तो हमने डेढ़ सौ नर्सिंग संस्थान बनाने की भी घोषणा की है। इससे नर्सिंग के क्षेत्र में भी युवाओं के लिए बहुत अवसर बनने वाले हैं।

साथियों,

आज जब मैं आपके बीच आया हूं, तो भारत के मेडिकल प्रोफेशन के सामने रही एक चुनौती का भी जिक्र जरूर करना चाहूंगा। इस चुनौती की वजह से गांव के, गरीब के, पिछड़े समाज के युवाओं के लिए डॉक्टर बनना बहुत मुश्किल था। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए, वोट बैंक के लिए कुछ दलों ने भाषाओं का खेल खेला। लेकिन सही मायने में भाषा को बल देने के लिए जितना होना चाहिए था, उतना नहीं हुआ। कन्नड़ा तो इतनी समृद्ध भाषा है, देश का गौरव बढ़ाने वाली भाषा है। कन्नड़ा में भी मेडिकल की, इंजीनीयरिंग की, टेक्नॉलॉजी की पढ़ाई हो, इसके पहले की सरकारों ने कदम नहीं उठाए। ये राजनीतिक दल नहीं चाहते थे कि गांव, गरीब, दलित, पिछड़े परिवारों के बेटे-बेटी भी डॉक्टर-इंजीनियर बन सके। गरीबों के हित में काम करने वाली हमारी सरकार ने कन्नड़ा सहित सभी भारतीय भाषाओं में मेडिकल की पढ़ाई का विकल्प दिया है।

भाइयों और बहनों,

लंबे समय तक देश में ऐसी राजनीति चली है, जहां गरीबों को सिर्फ वोटबैंक समझा गया। जबकि भाजपा सरकार ने गरीब की सेवा को अपना सर्वोच्च कर्तव्य माना है। हमने गरीब और मिडिल क्लास के आरोग्य को प्राथमिकता दी है। हमने देश में सस्ती दवाओं की दुकानें, जनऔषधि केंद्र खोले हैं। आज देशभर में लगभग 10 हज़ार जनऔषधि केंद्र हैं, जिसमें से एक हजार से ज्यादा हमारे यहां कर्नाटका में ही हैं। इन केंद्रों की वजह से कर्नाटका के गरीबों के हजारों करोड़ रुपए दवाओं पर खर्च होने से बचे हैं।

साथियों,

मैं आपको वो पुराने दिन भी याद करने को कहूंगा जब गरीब, इलाज के लिए अस्पताल जाने की हिम्मत नहीं कर पाता था। भाजपा सरकार ने गरीब की इस चिंता को समझा, उसका समाधान किया। आज आयुष्मान भारत योजना ने गरीब परिवार के लिए अच्छे अस्पतालों के दरवाज़े खोल दिए हैं। भाजपा सरकार ने गरीब को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज करने की गारंटी दी है। कर्नाटका के भी लाखों लोगों को इस योजना का लाभ हुआ है।

साथियों,

पहले हार्ट सर्जरी हो, नी रिप्लेसमेंट हो, डायलिसिस हो, ये सब भी बहुत महंगा होता था। गरीबों की सरकार ने, भाजपा की सरकार ने, इनको भी सस्ता कर दिया है। मुफ्त डायलिसिस की सुविधा ने भी गरीबों के हजारों करोड़ रुपए खर्च होने से बचाए हैं।

साथियों,

हम स्वास्थ्य से जुड़ी नीतियों में माताओं-बहनों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं। जब मां का स्वास्थ्य, मां का पोषण बेहतर होता है तो पूरी पीढ़ी का स्वास्थ्य सुधरता है। इसलिए चाहे शौचालय बनाने की योजना हो, मुफ्त गैस कनेक्शन की योजना हो, हर घर तक नल से जल पहुंचाने की योजना हो, मुफ्त सैनिटरी पैड्स देने की योजना हो, या पौष्टिक खाने के लिए सीधे बैंक में पैसे भेजना हो, ये सब माताओं-बहनों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। विशेषकर ब्रेस्ट कैंसर को लेकर भी भाजपा सरकार सतर्क है। अब गांवों में जो हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले जा रहे हैं, वहां पर ऐसी बीमारियों की स्क्रीनिंग का प्रयास हो रहा है। मकसद यही है कि शुरुआती दौर में ही बीमारियों की पहचान की जा सके। इससे माताओं-बहनों के जीवन पर बड़े संकट को हम रोकने में सफल हो रहे हैं। मैं बोम्मई जी और उनकी टीम को बधाई दूंगा कि कर्नाटका में भी 9 हज़ार से अधिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बने हैं। हमारी सरकार बेटियों को ऐसा जीवन देने में जुटी है, जिससे वो खुद भी स्वस्थ रहे और आगे जाकर के संतान भी स्वस्थ रहे।

भाइयों और बहनों,

आज मैं कर्नाटका सरकार की, एक और वजह से प्रशंसा करूंगा। बीते वर्षों में भाजपा सरकार ने ANM औऱ आशा बहनों को और सशक्त किया है। उन्हें आधुनिक टेक्नॉलॉजी वाले गैजेट्स दिए गए हैं, उनका काम आसान बनाया गया है। कर्नाटका में आज लगभग 50 हजार आशा और ANM कार्यकर्ता हैं, लगभग एक लाख रजिस्टर्ड नर्सें और दूसरे हेल्थ वर्कर हैं। डबल इंजन सरकार इन सभी साथियों को हर संभव सुविधाएं देने के लिए, जीवन आसान बनाने के लिए प्रयासरत है।

साथियों,

आरोग्य के साथ-साथ माताओं-बहनों-बेटियों के आर्थिक सशक्तिकरण पर भी डबल इंजन सरकार का पूरा ध्यान है। ये धरती तो milk और silk की धरती है। ये हमारी सरकार है जिसने पशुपालकों के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा सुनिश्चित की है। पशुओं का स्वास्थ्य ठीक रहे, इसके लिए सबसे बड़ा मुफ्त टीकाकरण अभियान भी हमारी सरकार ने शुरु किया। इस अभियान पर 12 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। डबल इंजन सरकार का ये भी प्रयास है कि डेयरी को-ऑपरेटिव्स में महिलाओं की भागीदारी और अधिक बढ़े। गांवों में महिलाओं के जो सेल्फ हेल्प ग्रुप्स हैं, उनको भी सशक्त किया जा रहा है।

साथियों,

जब देश स्वस्थ रहेगा, जब विकास में सबका प्रयास लगेगा, तो विकसित भारत का लक्ष्य हम और तेजी से प्राप्त करेंगे। मैं एक बार फिर से श्री मधुसूदन साई इंस्टीट्यूट से जुड़े सभी साथियों को मानवसेवा के इस उत्तम प्रयास के लिए हद्य से बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

भगवान साई बाबा से मेरा बहुत निकट संबंध रहा और हमारे श्रीनिवास जी से भी काफी नाता रहा पुराना, करीब 40 साल हो गए इस नाते को और इसलिए ना मैं यहां अतिथि हूं, ना मैं मेहमान हूं, मैं तो आप ही के यहां की इस धरती का ही संतान हूं। और जब भी आपके बीच आता हूं तो रिन्यू हो जाता है नाता, पुरानी यादें ताजा हो जाती हैं और, और अधिक मजबूती से जुड़ने का मन कर जाता है।

मुझे यहां आमंत्रित करने के लिए मैं आपका पुन: बहुत-बहुत आभारी हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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PM to distribute more than 51,000 appointment letters under Rozgar Mela
November 28, 2023
Rozgar Mela is a step towards fulfilment of the commitment of PM to accord highest priority to employment generation
New appointees to contribute towards PM’s vision of Viksit Bharat
Newly inducted appointees to also train themselves through online module Karmayogi Prarambh

Prime Minister Shri Narendra Modi will distribute more than 51,000 appointment letters to newly inducted recruits on 30th November, 2023 at 4 PM via video conferencing. Prime Minister will also address the appointees on the occasion.

Rozgar Mela will be held at 37 locations across the country. The recruitments are taking place across Central Government Departments as well as State Governments/UTs supporting this initiative. The new recruits, selected from across the country will be joining the Government in various Ministries/Departments including Department of Revenue, Ministry of Home Affairs, Department of Higher Education, Department of School Education and Literacy, Department of Financial Services, Ministry of Defence, Ministry of Health & Family Welfare and Ministry of Labour & Employment, among others.

Rozgar Mela is a step towards fulfilment of the commitment of the Prime Minister to accord highest priority to employment generation. Rozgar Mela is expected to act as a catalyst in further employment generation and provide meaningful opportunities to the youth for their empowerment and participation in national development.

The new appointees with their innovative ideas and role-related competencies, will be contributing, inter alia, in the task of strengthening industrial, economic and social development of the nation thereby helping to realise the Prime Minister’s vision of Viksit Bharat.

The newly inducted appointees are also getting an opportunity to train themselves through Karmayogi Prarambh, an online module on iGOT Karmayogi portal, where more than 800 e-learning courses have been made available for ‘anywhere any device’ learning format.