QuoteIndia will give a befitting reply to the perpetrators of the Pulwama terror attack: PM Modi
QuoteDefence corridor in Bundelkhand will be a boon for the region: PM Modi
QuoteGuided by the mantra of 'Sabka Saath, Sabka Vikas', we are moving ahead on the path of development: PM Modi in Jhansi

मेरे प्‍यारे भाइयों और बहनों,

आज देश बहुत ही उद्वेलित और दुखी है। यहां आए आप सभी की भावनाओं को भी मैं भलीभांति समझ पा रहा हूं। पुलवामा में आतंकियों ने जो हमला किया है, उससे हर भारतीय आक्रोश में है। हमारे वीर जवानों ने देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी है, उनका बलिदान व्‍यर्थ नहीं जाएगा। ये भरोसा झांसी की धरती से, वीरों और वीरांगनाओं की धरती से  मैं 130 करोड़ हिंदुस्‍तानवासियों को देना चाहता हूं।

हमारे सुरक्षा बलों का शौर्य, उनका पराक्रम देश ने देखा है और हमारे देश में कोई ऐसा नहीं हो सकता जिसे हमारी सेना के शौर्य और सामर्थ्‍य पर रत्ती भर भी शक हो। देश को उनके सामर्थ्‍य और शौर्यपर बहुत-बहुत भरोसा है।

और मेरे प्‍यारे देशवासियों, यहां आशीर्वाद देने के लिए आए हुए मेरे प्‍यारे भाइयों-बहनों, सुरक्षाबलों के लिए आगे की कार्रवाई तय करने के लिए समय क्‍या हो, स्‍थान क्‍या हो, स्‍वरूप क्‍या हो, वो सारे फैसले करने के लिए इजाजत दे दी गई है। पुलवामा हमले के गुनहगार, पुलवामा हमले के साजिशकर्ताओं को उनके किये की सजा जरूर मिलेगी। हमारा पड़ोसी देश ये भूल रहा है कि ये नई नीति और नई रीति वाला भारत है। आतंकी संगठनों और उनके आकाओं ने जो हैवानियत दिखाई है, उसका पूरा हिसाब किया जाएगा।

साथियों, हमारा पड़़ोसी देश इस समय आर्थिक बदहाली से बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है। वो अब इस समय इतना अलग-थलग है, उसकी हालत इतनी खराब कर दी गई है कि बड़े-बड़े देश उससे दूरी बनाने लगे हैं। उसके लिए अपना रोजमर्रा का खर्चा तक चलाना मुश्किल हो गया है। वो कटोरा ले करके घूम रहा है, लेकिन, आज दुनिया, दुनिया से उसे आसानी से मदद भी नहीं मिल पा रही है। बदहाली के इस दौर में वो भारत पर इस तरह के हमले करके, पुलवामा जैसी तबाही मचाकर, वो सोचता है कि भारत भी बदहाल हो जाएगा तो हमारे उस दुश्‍मन, पाकिस्‍तान में बैठे हुए लोग ये भलीभांति समझ लें- आपने जो रास्‍ता अपनाया है, आपने अपनी बर्बादी देखी है। हमने जो रास्‍ता अपनाया है, हमारी दिन दोगुना, रात चार गुना उन्‍नति भी दुनिया देख रही है।

भाइयों-बहनों, हमारे पड़ोसी उसके इस मंसूबे का, देश के 130 करोड़ लोग मिल करके जवाब देंगे, मुंहतोड़ जवाब देंगे।

साथियों, आज विश्‍व के बड़े-बड़े देश भारत के साथ खड़े हैं, भारत की भावनाओं का समर्थन कर रहे हैं। मेरे पास जो संदेश आ रहे हैं, उनसे पता चल रहा है कि वो भी उतने ही दुखी हैं, उतने ही गुस्‍से में हैं। पूरी विश्‍व-बिरादरी आतंक के इन सरपरस्तों को खत्‍म करने के पक्ष में है।

साथियों, वीर बेटियों और वीर बेटों की ये धरती जानती है कि दुश्‍मन चाहे जितनी भी साजिश करे, उसका मुकाबला कैसे करना है। ये धरती गवाह है कि मां भारती की रक्षा, उसकी संतानों की रक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है।

साथियों, ये धरती मणिकर्णिका के शौर्य की भूमि है, जिन्‍होंने झांसी की रानी के रूप में देश की आजादी के आंदोलन को नया जोश, नई प्रेरणा दी। मणिकर्णिका काशी की बेटी थी और मेरा सौभाग्‍य है कि वहां के लोगों ने, काशी ने, मुझे अपना सांसद बनाया है; और इसलिए उनकी जन्‍मभूमि, मेरी कर्मभूमि अपने-आप बुंदेलखंड से एक विशेष स्‍नेह से भी मुझे जोड़ देती है। बुदेलखंड नेराष्‍ट्र भक्ति से लेकर, देश की आस्‍था तक, हर पल एक नई ऊंचाई देने वाली ये धरती है। मुझे याद है कि जब मैं पहले आपके बीच आया था, तब आपसे वादा किया था कि जो स्‍नेह आप मुझे दे रहे हैं, उसको मैं ब्‍याज समेत लौटाऊंगा। आपको याद है ना? मैंने ऐसा कहा था, आपको याद है ना? ब्‍याज समेत लौटाऊंगा, ऐसा कहा था मैंने, याद है ना? हम वादा निभाने वाले व्‍यक्ति हैं। इरादे ले करके निकलते हैं, इरादे पूरे करके रुकते हैं।

बीते साढ़े चार वर्ष से केन्‍द्र सरकार इस काम में निरन्‍तर जुटी हुई है और यहां भाजपा सरकार बनने के बाद विकास की गति योगी जी के नेतृत्‍व में, राज्‍य की उनकी पूरी टीम ने विकास की गति को और तेज कर दिया है।

साथियों, विकास की पंचधारा यानी बच्‍चों की पढ़ाई, युवा को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसानों को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई के लिए भाजपा की सरकारें काम कर रही हैं। इसी लक्ष्‍य पर आगे बढ़ते हुए अभी-अभी हमने बुंदेलखंड और यूपी के विकास से जुड़े लगभग 20 हजार करोड़ रुपये के विकास कार्यों का शिलान्‍यास और लोकार्पण किया है। इसमें सुरक्षा, रोजगार, रेल, बिजली, पानी; ऐसे अनेक प्रोजेक्‍ट जुड़े हुए हैं।

भाइयों और बहनों, अब बुंदेलखंड को देश की सुरक्षा और विकास का कॉरिडोर बनाने का अभियान शुरू हो चुका है। झांसी से आगरा तक बन रहा ये defence corridor देश को सशक्‍त करने के साथ ही बुंदेलखंड और उत्‍तर प्रदेश के युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी उपलब्‍ध कराने वाला है। देश और दुनिया के बड़े-बड़े निवेशकों ने यहां उद्योग लगाने के लिए रुचि दिखाई है।

मुझे बताया गया है कि लगभग चार हजार करोड़ रुपये के समझौते हो भी चुके हैं। इस defence corridor में रक्षा और सुरक्षा का सामान, उसके निर्माण करने वाली देश की बड़ी-बड़ी सरकारी कम्‍पनियों के साथ-साथ विदेशी कम्‍पनियां भी उद्योग लगाएंगी।

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भाइयों और बहनों, जब बड़े उद्योग लगते हैं तब उनके आसपास छोटे उद्योगों का भी विकास होता है। एक पूरा eco-system, एक पूरा वातावरण तैयार होता है। झांसी और आसपास के क्षेत्रों में जो छोटे और मझले उद्योग हैं, उनको इस corridor से बहुत बड़ा लाभ होने वाला है। इस corridor से यहां के लाखों युवाओं को सीधा रोजगार मिलेगा। इतना ही नहीं, यहां के नौजवानों का कौशल कैसे बढ़े, skill development कैसे हो; कौशल विकास भी यहां आने वाली कम्‍पनियां करेंगी ताकि उनको इस काम के लिए कौशल्‍य की महारत हासिल हो और वे अपने ही गांव में रह करके रोजी-रोटी कमा सकें, उनको यहां से जाना न पड़े।

मैं तो गुजरात में रहता था, शायद ही बुंदेलखंड का कोई ब्‍लॉक ऐसा होगा कि जहां के लोग गुजरात में हमारे यहां न रहते हों। मैं भलीभांति परिचित रहा हूं आप लोगों से। और जिन लोगों ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि बुंदेलखंड जैसा क्षेत्र भी औद्योगिक विकास का केन्‍द्र बन सकता है- मैं आपको अपना अनुभव बताना चाहता हूं। गुजरात के अंदर, पाकिस्‍तान की सीमा पर रेगिस्‍तान जैसा एक हमारा कच्‍छ जिला है; बड़ा जिला है। कोई अफसर उस तरफ, वहां नौकरी करने को जाने को तैयार नहीं और लोग भी वहां रहने को तैयार नहीं। Population का भी minus growth होता था, जनसंख्‍या बढ़ने के बजाय कम होती थी- क्‍योंकि न पानी था, न रोजी-रोटी की संभावना थी।

लेकिन 2001 के भूकंप के बाद मुझे वहां मुख्‍यमंत्री के नाते कार्य की जिम्‍मेदारी आई मेरे सिर पर। इतने कम समय में जो कच्‍छ जिला रेगिस्‍तान के नाते जाना जाता था, पानी तक मुहैया नहीं था, कोई अपनी बेटी वहां शादी के लिए देने को तैयार नहीं था; आज वो कच्‍छ जिला हिन्‍दुस्‍तान के सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाले जिलों में बन चुका है, बन चुका है। जो मैंने अपनी आंखों से देखा है, कच्‍छ को विकसित होते हुए अपनी आंखों से देखा है। मैं आज कल्‍पना कर सकता हूं, ये बुंदेलखंड वैसा ही बनकर रहेगा, ये मैं अपनी आंखों से देख सकता हूं।

अगर कच्‍छ बन सकता है तो बुंदेलखंड भी बन सकता है, ये मेरा विश्‍वास है। और इसलिए अब तक जो निराशा में जीते रहे हैं, सोचने की भी अकर्मण्‍यता रही है, हम उससे इस धरती को बाहर निकालने का संकल्‍प ले करके, एक बहुत बड़े परिवर्तन के इरादे के साथ इस defence corridor के पीछे हम लगे हुए हैं, काम कर रहे हैं।

साथियों, मैं अभी यहां की एक और चुनौती के बारे में भी बात करना चाहता हूं। ये चुनौती है- पानी। पानी यहां की सबसे बड़ी चुनौती है। बुंदेलखंड की मेरे आप सभी लोगों को पानी के लिए कितना संघर्ष करना पड़ता रहा है, मुझे इसका भलीभांति एहसास है। योगी आदित्‍यनाथ जी की सरकार को भी इसका पूरा एहसास है। और आपको पानी की समस्‍या से मुक्ति दिलाने के प्रयास को आगे बढ़ाते हुए आज 9 हजार करोड़ की पाइप लाइन का शिलान्‍यास किया जा रहा है।

बुंदेलखंड की सभी माताएं-बहनें हमें भरपूर आशीर्वाद दें ताकि हम इस काम को जल्‍द से जल्‍द पूरा करके पीने का पानी आप तक पहुंचा दें। आज पानी के लिए किसी को सबसे ज्‍यादा घर में परेशानी होती है तो मां-बहनों को होती है। उनकी पूरी शक्ति पानी के पीछे लग जाती है। आप मां-बहनें, मैं आपका कर्ज चुकाने आया हूं, आपको इस संकट से मुक्ति दिलाने आया हूं। आप हमें आशीर्वाद दीजिए ताकि हम पाइप लाइन से पानी पहुंचा सकें। मैं तो कहूंगा ये पानी की पाइप लाइन, ये सिर्फ पाइप लाइन का प्रोजेक्‍ट नहीं है; ये तो इस क्षेत्र की पाइप लाइन नहीं, लाइफ लाइन है लाइफ लाइन।

भाइयों और बहनों, इस प्रोजेक्‍ट के पूरा होने के बाद बुंदेलखंड के हर जिले यानी झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट के करीब-करीब हर गांव को पीने का पानी पाइप लाइन से मिलना आसान होने वाला है। इसी तरह झांसी शहर और आसपास के गांवों के लिए भी अमृत योजना के तहत केन्‍द्र सरकार ने 600 करोड़ रुपयों की लागत से योजना बनाई है। बेतवा नदी के पानी से झांसी शहर के लोगों की प्‍यास तो बुझेगी ही, साथ ही आसपास के अनेक गांवों तक भी पीने का पानी पहुंच जाएगा।

भाइयों और बहनों, ये तमाम प्रोजेक्‍ट वर्तमान की आवश्‍यकताओं को तो पूरा करेंगे ही, भविष्‍य की जरुरतों को भी पूरा करने वाले हैं।

भाइयों और बहनों, पहाड़ी बांध परियोजना के आधुनिकीकरण से भी किसानों को बहुत लाभ मिलने वाला है। पहले इस बांध से किसानों के खेत तक उपयुक्‍त मात्रा में पानी पहुंचता नहीं था और गेट गिरने से तो leakage होती रहती थी। अब पानी की leakage बंद कर दी है, साथ ही इस बजट में भाजपा सरकार ‘प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि’ नाम से एक ऐतिहासिक योजना भी लाई है। इसके तहत ऐसे किसान जिनके पास पांच एकड़ से कम जमीन है, उनके बैंक खाते में हर वर्ष 6000 रुपये केन्‍द्र सरकार द्वारा सीधे जमा कराए जाएंगे। ये राशि दो-दो हजार रुपये की तीन किश्‍तों में आप तक पहुंचेगी। सरकार का अनुमान है कि उत्‍तर प्रदेश में भी दो करोड़ 25 लाख किसान, उत्‍तर प्रदेश में 2 करोड़ 25 लाख किसानों में से 2 करोड़ 14 लाख किसान इस योजना के लाभार्थी होंगे, जिनको इसका लाभ मिलने वाला है। यानी एक प्रकार से करीब-करीब सबको, यानी यूपी के हर जिले में 95 प्रतिशत से ज्‍यादा किसानों को इस योजना से फायदा होगा।

साथियों, पीएम किसान सम्‍मान योजना के तहत अगले दस वर्ष में कुल मिलाकर साढ़े सात लाख करोड़; ये आंकड़ा छोटा नहीं है, साढ़े सात लाख करोड़ रुपये किसानों के बैंक में सीधे जमा होने वाले हैं। और ये हमेशा याद रखिए, ये पैसे सीधे किसानों के बैंक खाते में पहुंचेंगे, कोई बिचौलिया नहीं होगा, कोई दलाल नहीं नहीं होगा, कोई आपका हक नहीं मार पाएगा।

साथियों, पिछले साढ़े चार वर्षों से इतनी तेजी के साथ गरीबों के, किसानों के बैंक खाते खुलवाए जा रहे थे, पर उसके पीछे भी हमारी लम्‍बे समय तक काम करने की सोच थी; ऐसे ही खाते खुलवाने के लिए मेहनत नहीं कर रहे थे। आपके बैंक खाते खुलवा कर हमारी सरकार ने इंतजाम किया है कि आपकी गैस की सब्सिडी, मनरेगा की मजदूरी, पेंशन, बच्‍चों की स्‍कॉलरशिप; ये सारे पैसे सरकारी खजाने से इधर-उधर कहीं न जाते हुए सीधे आपके खाते में जमा हो जाएं- और उसके कारण leakage बंद हो गया। आप जानते हैं कि सीधे पैसे आपके खातों में जमा करने से देश का करीब-करीब एक लाख करोड़ रुपया बच रहा है, एक लाख करोड़ रुपया, वो पहले किसी की जेब में जाता था। आपको लूटने वाले बिचौलियों के बीच आज मोदी दीवार बनकर खड़ा है।

भाइयों और बहनों, किसानों के साथ-साथ हमारी सरकार ने पशुपालकों- और बुंदेलखंड में ये बात बड़ी महत्‍वपूर्ण है- पशुपालकों और मछली पालकों के लिए भी बहुत बड़ा फैसला लिया है। अब पशु पालने वालों को भी किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण की सुविधा दी जा रही है ताकि वो अपने व्‍यवसाय को बढ़ा सकें। आज उसको पशुपालक को जो साहूकारों से पैसा लेना पड़ता है और ब्‍याज देते-देते उसकी जिंदगी खत्‍म हो जाती है, उस चक्र से भी अब पशुपालक और मछुआरों को निकालने का हमने बीड़ा उठाया है।

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इसके अतिरिक्‍त एक और महत्‍वपूर्ण फैसला किसानों के हित के लिए लिया गया है। पहले बैंकों से किसानों को एक लाख रुपये तक का कृषि लोन बिना बैंक गारंटी मिला करता था। हमने निर्णय किया है कि समय की आवश्‍यकता को देखते हुए और किसान भी आधुनिक खेती करने लगे, वैज्ञानिक खेती करने लगे और उसका हाथ भी थोड़ा फ्री रहे, इसलिए अब हमने एक लाख रुपये से ज्‍यादा करके एक लाख साठ हजार रुपया देने का निर्णय किया है; वृद्धि कर दी गई है। यानी अब किसान एक लाख साठ हजार रुपये तक का कृषि ऋण बिना बैंक गारंटी ले सकता है। उसको साहूकारों के पास जाने की जरूरत नहीं है।

इसी तरह पशुधन को ध्‍यान में रखते हुए सरकार द्वारा कामधेनु आयोग के गठन का भी फैसला किया गया है। इस आयोग के तहत 500 करोड़ रुपये का प्रावधान गोमाता और गोवंश की देखभाल और इससे जुड़े नियम-कायदों को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए किया गया है। बुंदेलखंड में जिस तरह जानवरों के लिए चारे की समस्‍या और गोवंश की तस्‍करी का गंभीर विषय रहा है, उसको देखते हुए कामधेनु आयोग बहुत महत्‍वपूर्ण कदम है।

साथियों, इन चुनौतियों के साथ ही आपकी बिजली की समस्‍या को दूर करने के लिए यहां का transmission system सुधारा गया है। अब बुंदेलखंड सहित पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश के कई इलाकों की बिजली व्‍यवस्‍था सुधर जाएगी। अब पश्‍चिमी और उत्‍तरी ग्रिड में उत्‍पन्‍न होने वाली बिजली का आसानी से अलग-अलग क्षेत्रों में  transmission हो सकेगा।

साथियों, बुंदेलखंड एक्‍सप्रेस-वे या फिर यहां की rail connectivity; हमारी सरकार ने निरन्‍तर इस पर बल दिया है। झांसी से मानिकपुर और खैरार-भीमसेन सेक्‍शन का दोहरीकरण हो या फिर झांसी से खैरार और से भीमसेन तक के रूट का विद्युतिकरण हो, इन तमाम परियोजनाओं से इस पूरे क्षेत्र को बहुत लाभ होगा।

भाइयों और बहनों, किसान हो, जवान हो या फिर मेरे नौजवान बेटे-बेटियां हों, सबके लिए एक सम्‍पूर्ण सोच के साथ विकास का मंत्र ले करके, ‘सबका साथ-सबका विकास’, कोई भेदभाव नहीं, कोई मेरा-तेरा नहीं, कोई अपना-पराया नहीं, ‘सबका साथ-सबका‍‍ विकास’ इसी एक मंत्र को ले करके हमने काम किया है। और इसलिए ये संभव हो पा रहा है क्‍योंकि आपने साढ़े चार वर्ष पहले एक मजबूत सरकार केन्‍द्र में बनाई थी। और मैं मानूंगा पूरा देश उत्‍तर प्रदेश का आभारी है क्‍योंकि हिन्‍दुस्‍तान को 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार देना, हिन्‍दुस्‍तान को पहली बार, 30 साल के बाद स्थिर सरकार देना, हिन्‍दुस्‍तान को 30 साल के बाद मजबूत सरकार देना हिन्‍दुस्‍तान को 30 साल के बाद फैसले लेने वाली सरकार देना; अगर उसमें सबसे बड़ी भूमिका किसी ने अदा की है तो ये मेरे उत्‍तर प्रदेश ने की है, मेरे उत्‍तर प्रदेश के मतदाताओं ने की है। ये उत्‍तर प्रदेश के मतदाताओं की निर्णय शक्ति ने भारत का भाग्‍य बदल दिया है। भारत के भाग्‍य की दिशा बदल दी है। 30 साल से निराशा के गर्त में डूबे हुए देश को नई आशा जगाने का काम 2014 में, ये उत्‍तर प्रदेश की जनता ने किया है। और मजबूत सरकार का मतलब क्‍या होता है, मजबूत सरकार का जन-जन को लाभ क्‍या होता है, मजबूत सरकार से दुनिया में गौरव कैसे पैदा होता है; ये उत्‍तर प्रदेश ने करके दिखाया है, जिसका लाभ पूरे हिन्‍दुस्‍तान ने पाया है।

मुझे विश्‍वास है कि विकास के लिए, नए भारत के लिए आप आने वाले दिनों में भी मुझे और मजबूती से आशीर्वाद देंगे।

भाइयों और बहनों, एक बार फिर विकास की रोजगार से जुड़ी सभी परियोजनाओं के लिए आपको मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। मैं उमाजी का भी विशेष रूप से अभिनंदन करता हूं कि हर छोटी-छोटी चीजों को ले करके इस क्षेत्र के विकास के लिए जिस मनोयोग से सरकार के हर विभाग को वो हिलाती रहती हैं, दौड़ाती रहती हैं। मैं समझता हूं एक सांसद के रूप में भी पूरे देश की जिम्‍मेदारियों के साथ जिस प्रकार से वो जिम्‍मेदारियों को निर्वाह कर रही हैं, मैं उमाजी का भी हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, उनका बहुत-बहुत धन्‍यवाद करता हूं।

मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए-

भारत माता की – जय

भारत माता की – जय

भारत माता की – जय

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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Cabinet approves construction of 4-Lane Badvel-Nellore Corridor in Andhra Pradesh
May 28, 2025
QuoteTotal capital cost is Rs.3653.10 crore for a total length of 108.134 km

The Cabinet Committee on Economic Affairs chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi has approved the construction of 4-Lane Badvel-Nellore Corridor with a length of 108.134 km at a cost of Rs.3653.10 crore in state of Andhra Pradesh on NH(67) on Design-Build-Finance-Operate-Transfer (DBFOT) Mode.

The approved Badvel-Nellore corridor will provide connectivity to important nodes in the three Industrial Corridors of Andhra Pradesh, i.e., Kopparthy Node on the Vishakhapatnam-Chennai Industrial Corridor (VCIC), Orvakal Node on Hyderabad-Bengaluru Industrial Corridor (HBIC) and Krishnapatnam Node on Chennai-Bengaluru Industrial Corridor (CBIC). This will have a positive impact on the Logistic Performance Index (LPI) of the country.

Badvel Nellore Corridor starts from Gopavaram Village on the existing National Highway NH-67 in the YSR Kadapa District and terminates at the Krishnapatnam Port Junction on NH-16 (Chennai-Kolkata) in SPSR Nellore District of Andhra Pradesh and will also provide strategic connectivity to the Krishnapatnam Port which has been identified as a priority node under Chennai-Bengaluru Industrial Corridor (CBIC).

The proposed corridor will reduce the travel distance to Krishanpatnam port by 33.9 km from 142 km to 108.13 km as compared to the existing Badvel-Nellore road. This will reduce the travel time by one hour and ensure that substantial gain is achieved in terms of reduced fuel consumption thereby reducing carbon foot print and Vehicle Operating Cost (VOC). The details of project alignment and Index Map is enclosed as Annexure-I.

The project with 108.134 km will generate about 20 lakh man-days of direct employment and 23 lakh man-days of indirect employment. The project will also induce additional employment opportunities due to increase in economic activity in the vicinity of the proposed corridor.

Annexure-I

 

 The details of Project Alignment and Index Map:

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 Figure 1: Index Map of Proposed Corridor

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 Figure 2: Detailed Project Alignment