The Congress Party has only indulged in appeasement politics, baseless criticism of the welfare programs of the poor, and the unnecessary hurling of abuses towards the OBCs, Lingayat Community, and Me: PM Modi
The BJP Government has not only been working for the poor by ameliorating poverty and providing them with socio-economic benefits but is at every level trying to reduce costs by progressive interventions: PM Modi
The Chalukyan Dynasty’s greatness in terms of promoting the culture and traditions of Badami is extremely prominent and we have always worked towards preserving the same: PM Modi
The Congress Party has only worked to destabilize and discourage India’s ancient democratic traditions. Congress Party does not even acknowledge India as the ‘Mother of Democracy’ in the world: PM Modi

भारत माता की.. भारत माता की... बजरंगबली की.. बजरंगबली की.. बजरंगबली की..
चालुक्य साम्राज्यदा राजधानी बादामिया सहोदर-सहोदरीयरिगे नमस्कारगळु!
भवानी बनशंकरी की भूमि को मैं श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। कर्नाटका में आप सभी द्वारा जिस प्रकार का स्नेह, जितना आशीर्वाद बीजेपी को मिल रहा है, वो अभूतपूर्व है। मेरी जो लोग अभी आ रहे हैं उनसे प्रार्थना है, अंदर कहीं जगह नहीं है आप जहां हैं वहीं रुक जाइए, और आपको जो असुविध हुई है, उसके लिए मैं क्षमा मांगता हूं, क्योंकि ये सबकुछ छोटा पड़ गया। आप मुझे देख नहीं पाएंगे आप मुझे क्षमा कीजिए, मैं आपका दर्शन कर पा रहा हूं, मेरा यह सौभाग्य है। इससे पहले आज सुबह बेंगलुरु में जनता जनार्दन के दर्शन के लिए निकला था। बेंगलुरू के लोगों ने भी आपकी तरह इतना प्यार दिया कि मैं अभीभूत हूं। 25 किलोमीटर से ज्यादा लंबे रास्ते में, दोनों तरफ लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ था, चप्पे-चप्पे पर लोग मौजूद थे। मैं तो हैरान था, लोग पूरा का पूरा परिवार लेकर आए थे। क्या बच्चे, क्या बुजुर्ग, माताएं, बहने नौजवान, प्रोफेशनल्स, दिव्यांगजन, हर कोई हमें आशीर्वाद देने आया था। मैंने देखा लोग अपने नवजात शिशुओं को भी लेकर आए थे। इतना प्यार देना, इतना स्नेह देना, ये कर्नाटक के लोगों की विशेषता है। कर्नाटक के लोगों का ये उत्साह, ये उमंग, ये जोश बता रहा है कि यहां फिर एक बार डबल इंजन की सरकार बननी तय है।

साथियों,
कभी-कभी हम राजनेता भ्रम में होते हैं, हम सोचते हैं कि हम चुनाव का प्रचार कर रहे हैं, हम चुनाव ल़ड़ा रहे हैं, लेकिन मैं जहां-जहां कर्नाटक में गया हूं और आज जो बेंगलुरू में देखा है, मैं विश्वास से कहता हूं कि ये चुनाव न मोदी लड़वा रहा है, न बीजेपी के नेता लड़वा रहे हैं ना ही हमारे उम्मीदवार लड़वा रहे हैं, ये कर्नाटक का चुनाव बीजेपी के लिए कर्नाटक की जनता लड़ रही है। पूरे चुनाव का कंट्रोल मैं जनता के हाथ में देख रहा हूं। और तब जाकर चारों तरफ सुनाई दे रहा है। कोने-कोने से आवाज़ आ रही है- ई बारिया निर्धारा.. ई बारिया निर्धारा.. ई बारिया निर्धारा.. ई बारिया निर्धारा बहुमतदा बीजेपी सरकारा।

सहोदर-सहोदरियरे,
बीजेपी आपके बीच कर्नाटक को नंबर वन बनाने के लिए एक रोडमैप लेकर आई है। आप मुझे बताइये, आज पूरे हिंदुस्तान में कर्नाटक को नंबर वन बनाना चाहिए कि नहीं बनाना चाहिए। आप सच्चे दिल से बताइए कर्नाटक को नंवर वन कौन बना सकता है?.. कौन बना सकता है?.. कौन बना सकता है? आपका एक वोट बना सकता है जो बीजेपी को आप वोट देंगे ना वो कर्नाटक को नंबर एक बनाएगा। भाइयों-बहनों हम तो कर्नाटक को नंबर वन बनाने के लिए लेकर आए हैं काम, लेकिन कांग्रेस ने तय किया है कि वो अपनी पुरानी आदतें नही छोड़ेगी। वो एपीजमेंट..तुष्टिकरण, तालाबंदी और गाली को ही चुनावी मुद्दा बनाएगी। तुष्टिकरण- अपने वोट बैंक का। तालाबंदी- बीजेपी सरकार की गरीब कल्याण की योजनाओं को बंद करना। गाली- ओबीसी समाज को गाली, लिंगायत समुदाय को गाली और जब इनसे भी जी ना भरे तो मोदी को गाली। कांग्रेस की इस कुनीति से पूरा कर्नाटका नाराज़ है। इसलिए कोने-कोने से आवाज आ रही है कि ई बारिया निर्धारा बहुमतदा बीजेपी सरकारा।



स्नेहितरे,
मैंने सुना है कि सिद्धारामैया जी यहां कह रहे हैं कि बीते साढ़े 3 साल में जो विकास यहां हुआ है, ये उन्होंने कराया है। अब उनका ये वाक्य, उनका ये कबूलनामा ये अपनेआप में बता रहा है कि काम अगर कोई करता है तो डबल इंजन सरकार काम करती है और ये भी बताया है कि बिना किसी भेदभाव करती है। ये बीजेपी सरकार की ही योजनाएं हैं जिनका लाभ इस क्षेत्र के लोगों को मिला है। यहां गांव की सड़कें अच्छी हुई हैं, तो ये प्रधानमंत्री सड़क योजना के कारण संभव हुआ है। यहां हाईवे अच्छे हो रहे हैं, तो ये भी डबल इंजन सरकार के प्रयास के कारण हो रहा है। आज रेलवे के इतने सारे प्रोजेक्ट्स पर तेज़ गति से काम चल रहा है, ये भी डबल इंजन सरकार की देन हैं।

स्नेहितरे,
वैसे तो सिद्धारामैया जी अब इस क्षेत्र को छोड़कर, आपको छोड़कर, दूसरी जगह चले गए हैं। वो हवा का रुख समझ गए हैं। लेकिन अगर अटकते-भटकते इधर आ जाएं तो उनसे एक सवाल ज़रूर पूछिएगा। आप सिद्धारामैया जी से सवाल पूछेंगे क्या? पूछेगे क्या? आप उनसे एक सवाल पूछेंगे? हाथ ऊपर करके बताइए पूछेंगे? आप उनसे पूछिएगा कि आखिर इस क्षेत्र के गरीब भाई-बहन, इतनी सारी मूलभूत सुविधाओं से इसके पहले वंचित क्यों थे? बागलकोटे के Three Lakhs से ज्यादा परिवारों को पहली बार नल से जल की सुविधा डबल इंजन सरकार ने दी। बागलकोटे के Twenty Five Thousand से अधिक गरीब परिवारों के लिए पक्के घर डबल इंजन सरकार ने स्वीकृत किए। बागलकोटे के लगभग Six Lakhs परिवारों को आयुष्मान भारत के तहत मुफ्त इलाज का सुरक्षा कवच मिला। करीब Five Lakhs साथी दुर्घटना और जीवन बीमा की सरकारी योजना से जुड़े। करीब One Lakh साथियों को पहली बार अटल पेंशन की सुविधा मिली। जिले के Eight Lakhs साथियों के पहली बार जनधन बैंक अकाउंट खुले। Seven Lakhs छोटे उद्यमियों को मुद्रा योजना के तहत बिना गारंटी का ऋण मिला। इतना सारा लाभ कांग्रेस सरकार में कभी नहीं मिल सकता। जिस पार्टी का ट्रैक रिकॉर्ड Eighty Five परसेंट कमीशन खाने का हो, वो कभी जनता के हित में इस सेवाभाव से काम नहीं कर सकती।

स्नेहितरे,
कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि कांग्रेस सरकार गरीब के लिए अगर दिल्ली से Hundred पैसा भेजती है, एक रुपया भेजती है, Hundred पैसे भेजती है तो सिर्फ Fifteen पैसे ही लोगों तक पहुंचते है। आप कल्पना कर सकते हैं। ये कांग्रेस के प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री पद से बोला था.. कि Eighty five परसेंट बीच में ही कोई लूट लेता है। भाइयों बहनों ये कौन सा पंजा है जो एक रुपये में 85 खा जाता है। यही कांग्रेस का काम करने का तरीका रहा है। कांग्रेस के यही कुकर्म रहे कि हमारा देश सदियों तक पिछड़ा बना रहा।

सहोदर-सहोदरियरे,
जिन बीमारियां को कांग्रेस ने अपने बरसों के शासन में मजबूत किया, अब बीजेपी उन्हीं बीमारियों का परमानेंट इलाज कर रही है। कांग्रेस की लूट के सिस्टम को बीजेपी ने आधार, मोबाइल और जनधन अकाउंट का ऐसा त्रिशूल चलाया है कि उनकी सारी पुरानी आदतें तहस नहस हो गई है। बीते Nine Years में बीजेपी सरकार ने Twenty Nine Lakh करोड़ रुपए, याद रखेंगे, मैं जो आंकड़ा बोलता हूं उसे याद रखेंगे, जरा हाथ ऊपर करके बताइए.. याद रखेंगे? उधर से आवाज आनी चाहिए.. याद रखेंगे? याद रखेंगे? बीते Nine Years में बीजेपी सरकार ने Twenty Nine Lakh करोड़ रुपए गरीब और मध्यम वर्ग के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर किए हैं। ये पूरा का पूरा पैसा, एक नए पैसे की चोरी के बिना लोगों के पास पहुंचे हैं। अगर यहीं कांग्रेस सरकार के समय होता, तो इसमें से Twenty Four Lakh करोड़ रुपए, कांग्रेस के नेता ही लूट लेते।, राजीव गांधी का जो हिसाब था उस हिसाब से Twenty Nine Lakh करोड़ में Twenty Four Lakh करोड़ रुपये कांग्रेस के नेता ही खा लेते। अब आप बताइए, किसी का Twenty Four Thousand का नुकसान हो जाए तो वो दुखी हो जाता है। यहां तो मोदी ने कांग्रेस का Twenty Four Lakh करोड़ रुपए का नुकसान कर दिया। अब यही पैसे देश के विकास में काम आ रहे हैं। अब ऐसे में कांग्रेस मुझे गाली देगी या नहीं देगी? मुझे बताइए।

सहोदर-सहोदरियरे,
बीजेपी सरकार ना सिर्फ गरीब और मध्यम वर्ग को उनके हक का पैसा दे रही है बल्कि उनके पैसे बचाने का भी प्रयास कर रही है। बीजेपी सरकार ने जो सस्ते LED बल्ब देने का अभियान शुरू किया, उसकी वजह से आज देश के नागरिकों के हर साल Twenty Thousand करोड़ रुपए बिजली बिल में बच रहे हैं। आयुष्मान भारत योजना की वजह से देश के गरीबों के Eighty Thousand करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होने से बचे हैं। सस्ती दवाइयों वाले जन-औषधि स्टोर्स की वजह से गरीब और मध्यम वर्ग के करीब Twenty Thousand करोड़ रुपए खर्च होने से बचे हैं। हार्ट के स्टेंट की कीमत कम करने से, Knee Implant की कीमत कम करने से भी गरीब और मध्यम वर्ग के करीब Fifteen Thousand करोड़ रुपए बचे हैं।

सहोदर-सहोदरियरे,
बीजेपी सरकार की नीति और निर्णयों से कैसे आपके पैसे बच रहे हैं, इसका एक उदाहरण आपका मोबाइल फोन भी है। एक समय था जब भारत में ज्यादातर मोबाइल विदेशों से आते थे। आज भारत दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल निर्माता देशों में से एक है। एक समय था जब भारत में मोबाइल बनाने वाली सिर्फ Two Factories थीं। आज भारत में मोबाइल बनाने वाली Two Hundred से ज्यादा फैक्ट्रियां काम कर रही हैं। भारत आज दुनिया के उन देशों में है जहां डेटा इतना सस्ता है। मैं आपको एक आंकड़ा दूंगा, आप बहुत ध्यान से सुनिएगा। और ये आंकड़ा पूरे कर्नाटक को, और विशेषतौर पर कर्नाटक के नौजवानों को जरूर सुनना चाहिए।

सहोदर-सहोदरियरे,
Two Thousand Fourteen से पहले, हमलोग सत्ता में आए उससे पहले, जब दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बैठी थी, तो 1GB डेटा की कीमत Three Hundred रुपए के करीब होती थीं। आज बीजेपी सरकार में 1GB डेटा का खर्च केवल Ten Rupees तक आ गया है। आज जितना डेटा आप लोग एक महीने में इस्तेमाल करते हैं, अगर पहले वाला ही रेट होता तो आपका बिल कितना आता, कभी आपने सोचा है। ये मैं बताता हूं आपको। डेटा की कीमत अगर कांग्रेस सरकार के समय वाली होती तो आज आपका मोबाइल बिल आता- Four to Five Thousand Rupees Monthly. चार से पांच हजार रुपये महीने का, आज बीजेपी सरकार में ये बिल कितना कम हो गया है, ये आपको हर महीने पता चल रहा है। आज भारत के लोगों के हर महीने, मोबाइल बिल में करीब-करीब Four Thousand Rupees बच रहे हैं।

सहोदर-सहोदरियरे,
बादामी-बागलकोटे का ये पूरा क्षेत्र भारत के सामर्थ्य का साक्षी है। भारत सोने की चिड़िया सिर्फ धन-दौलत से ही नहीं था, बल्कि हमारा ज्ञान-विज्ञान, इनोवेशन, आर्किटेक्चर, लिटरेचर, सबकुछ श्रेष्ठ दर्जे का था। सैकड़ों वर्ष पहले चालुक्य काल में हम किस बेहतरीन क्वालिटी का काम कर रहे थे, वो यहां दिखता है। लेकिन कांग्रेस ने भारत की इस समृद्धि को समझा नहीं, इस विरासत का सम्मान नहीं किया। कांग्रेस के लोग आज भी देश-दुनिया में भारत को मदर ऑफ डेमोक्रेसी कहने की हिम्मत नहीं करते। ये सिर्फ भारत की डेमोक्रेसी पर हमला करते हैं। इनको भगवान बस्वेश्वरा के अनुभव मंटपा के बारे में विश्व मंच पर बोलना पसंद नहीं है। यही गुलामी की मानसिकता है, जिससे आज भारत बाहर आ रहा है।

बंधु-भगिनियरे,
बीजेपी सरकार अपनी संस्कृति, अपनी विरासत के विकास के लिए समर्पित है। हम अपनी इन धरोहरों के विकास के लिए अनेकों टूरिस्ट सर्किट्स पर काम कर रहे हैं। हम्पी, बादामी, ऐहोले, पट्टद-कल्लु, बीजापुर टूरिज्म सर्किट से यहां के नौजवानों के लिए अनेकों नए अवसर बनेंगे। हमारी विरासत का एक और हिस्सा है, हमारा शिल्प, हमारी हस्तकला, हमारा आर्ट एंड क्राफ्ट। ये देश की संपदा है, इसलिए बीजेपी सरकार ने इसके सच्चे साधकों को ईमानदारी से सम्मानित किया है। कर्नाटक के कबीर कहे जाने वाले इब्राहिम सुतार जी हो या फिर बीदरी आर्ट के लिए समर्पित कादरी जी, इनकी साधना को बीजेपी सरकार ने पद्म सम्मान दिया है। हमारे यहां पीढ़ी-दर-पीढ़ी ऐसे कुशल कारीगरों की परंपरा है। हमारे कुंब्बारा, कम्मारा, अक्कसालिगा, शिल्पी, गारे-केलसदवा, बड़गी, ये हमारी बहुत बड़ी ताकत है। बागलकोटे तो पारंपरिक बुनकरों का एक प्रकार से हब है। इल्कल साड़ी और गुलेदगुड्डा खाना साड़ी देश की शान है। कांग्रेस की सरकारों ने इस प्रकार की पारंपरिक कला पर कभी ध्यान नहीं दिया। आज हम अपनी इस पारंपरिक कला की प्रतिष्ठा को फिर बढ़ाने में जुटे हैं। स्थानीय उत्पाद सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि दुनिया के बाज़ारों तक पहुंचे, इसके लिए बीजेपी सरकार काम कर रही है। ऐसे हर उत्पाद को देश के रेलवे स्टेशनों पर जगह मिले, इसके लिए वन स्टेशन, वन प्रॉडक्ट अभियान भी शुरू किया है। आज भारत में टेक्स्टाइल सेक्टर में अभूतपूर्व काम हो रहा है। हम पूरे देश में Seven नए मेगा टेक्सटाइल पार्क्स बना रहे हैं, जिसमें से एक कलबुर्गी में भी बनने जा रहा है। इससे पूरे ‘कल्याण कर्नाटक’ के कपास किसानों को तो लाभ होगा ही, रोज़गार के भी हज़ारों नए अवसर बनेंगे।

सहोदर-सहोदरियरे,
केंद्र सरकार की पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना भी आपके लिए बहुत मददगार साबित होने जा रही है। इससे पारंपरिक कला को नई टेक्नॉलॉजी, बाज़ार, फंडिंग, हर प्रकार की मदद दी जाएगी। कर्नाटक की बीजेपी सरकार की नेकारा सम्मान योजने, भी इसी भावना का विस्तार है।

सहोदर-सहोदरियरे,
बागलकोटे को तो प्रकृति ने लाल मिट्टी और काली मिट्टी दोनों से समृद्ध किया है। इसलिए यहां अनेक प्रकार की खेती संभव है। पिछले 9 वर्षों में बीजेपी की सरकार ने दलहन और तिलहन यानि Pulses and Edible Oil के उत्पादन पर बहुत अधिक फोकस किया है। आप याद कीजिए पहले कांग्रेस के शासन में दाल की उपज कितनी कम हो गई थी। इसकी वजह ये थी कि कांग्रेस को विदेशों से Import करना पसंद था, क्योंक उसमें कमीशन के अवसर थे। इसलिए कांग्रेस हमारे किसान जो दाल पैदा करते थे, उन किसानों को MSP भी कम देती थी और खरीद भी कम करती थी। कांग्रेस की सरकार ने 2014 से पहले के Five Years में सिर्फ One Point Five Lakh मीट्रिक टन दाल MSP पर खरीदी थी। हमारी सरकार ने इस खरीद को लगभग Hundred Times बढ़ाया है। कांग्रेस की सरकार ने दाल किसानों को Five Years में Six Hundred करोड़ रुपए ही MSP के रूप में दिए थे। बीजेपी सरकार अभी तक Eighty Thousand करोड़ रुपए दाल किसानों को MSP के रूप में दे चुकी है। यहां कर्नाटक बीजेपी सरकार ने भी किसानों को करोडों रुपए की मदद की है। ऐसे ही प्रयासों के कारण बीते सालों में देश में दाल का उत्पादन कई गुणा बढ़ा है और आयात कम हुआ है। पहले जो हज़ारों करोड़ रुपए विदेश जाते थे, वो अब कर्नाटक के, देश के किसानों को मिल रहे हैं।

बंधु-भगिनियरे,
जो परिवर्तन दलहन के क्षेत्र में हुआ है, हम उसी को तिलहन के क्षेत्र में भी दोहराना चाहते हैं। पिछले कुछ वर्षों में तिलहन का उत्पादन Twenty Percent से ज्यादा बढ़ा है, लेकिन इसको बहुत अधिक बढ़ाने की जरूरत है। अभी खाने के तेल के आयात के लिए हमें One point Five Lakh करोड़ रुपए तक हर वर्ष विदेश भेजने पड़ते हैं।
मैं चाहता हूं कि ये पैसा देश के किसानों को मिले, हम खाने के तेल में आत्मनिर्भर बनें। इसके लिए मिशन ऑयल पाम के तहत तिलहन किसानों को मदद भी दी जा रही है।

स्नेहितरे,
खेती हो, उद्योग हो, टूरिज्म हो, हर सेक्टर तभी आगे बढ़ेगा जब कर्नाटक नंबर वन राज्य बनेगा। और कर्नाटक को नंबर वन बनाने के लक्ष्य पर बीजेपी काम कर रही है। ऐसी अस्थिर सरकार जो 5 वर्ष आपस में लड़ती रहे, या फिर केंद्र सरकार से लड़ती रहे, वो ये काम नहीं कर सकती। इसलिए एक ही संकल्प है- हमें कर्नाटक में पूर्ण बहुमत वाली बीजेपी की मजबूत सरकार बनानी है। और इसिलए एक ही मंत्र गूंज रहा है ई बारिया निर्धारा, बहुमतदा बीजेपी सरकारा! हमें घर-घर जाकर ये संकल्प दोहराना है। कांग्रेस सिर्फ अपने वोटबैंक को खुश करने में जुटी है। हमें सर्वसमाज को एकजुट करना है, सबसे जुड़ना है।

भाइयों-बहनों,
ये सभा तो बड़ी जबरदस्त हो गई, लोग अभी भी यहां आ रहे हैं, चारों तरफ लोग ही लोग हैं, लेकिन इतनी ब़ड़ी सभा हो गई, तो अब जाकर के सो तो नहीं जाओगे ना.. जाकर के सो तो नहीं जाओगे ना.. काम करोगे? पोलिंग बूथ में जाओगे? जरा हाथ ऊपर कर के जोर से बताइए... पोलिंग बूथ में जाओगे? घर-घर जाओगे? मतदाताओं से मिलेंगे? ज्यादा से ज्यादा मतदान कराओगे? पोलिंग बूथ जीतोगे? पक्का जीतोगे? एक भी पोलिंग बूथ हारना नहीं है.. मंजूर है? ये काम करोगे? अच्छा मेरा भी एक काम करना है। करोगे? मेरे काम की बात आई तो आप ठंडे पड़ गए। मेरा एक काम करोगे? ऐसे नहीं.. पूरी ताकत से बताइए करोगे? पक्का करोगे? जरूर करोगे... देखिए मेरा एक काम है। घर-घर जाकर के सभी मतदाताओं से मिलना और उनसे कहना कि मोदी जी बादामी आए थे। और मोदी जी ने यादकर के आपको नमस्कार भेजा है। मेरा नमस्कार पहुंचाओगे? पक्का पहुंचाओगे? उनका आशीर्वादा मुझे कर्नाटक को नंबर वन बनाने में काम आएगा भाइयों-बहनों। बोलिए भारत माता की जय!

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‘Restoring Balance’ is a global urgency: PM Modi highlights global health challenges at WHO Global Summit on Traditional Medicine
December 19, 2025
It is India’s privilege and a matter of pride that the WHO Global Centre for Traditional Medicine has been established in Jamnagar: PM
Yoga has guided humanity across the world towards a life of health, balance, and harmony: PM
Through India’s initiative and the support of over 175 nations, the UN proclaimed 21 June as International Yoga Day; over the years, yoga has spread worldwide, touching lives across the globe: PM
The inauguration of the WHO South-East Asia Regional Office in Delhi marks another milestone. This global hub will advance research, strengthen regulation & foster capacity building: PM
Ayurveda teaches that balance is the very essence of health, only when the body sustains this equilibrium can one be considered truly healthy: PM
Restoring balance is no longer just a global cause-it is a global urgency, demanding accelerated action and resolute commitment: PM
The growing ease of resources and facilities without physical exertion is giving rise to unexpected challenges for human health: PM
Traditional healthcare must look beyond immediate needs, it is our collective responsibility to prepare for the future as well: PM

WHO के डायरेक्टर जनरल हमारे तुलसी भाई, डॉक्टर टेड्रोस़, केंद्रीय स्वास्थ्य में मेरे साथी मंत्री जे.पी. नड्डा जी, आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव जी, इस आयोजन से जुड़े अन्य देशों के सभी मंत्रीगण, विभिन्न देशों के राजदूत, सभी सम्मानित प्रतिनिधि, Traditional Medicine क्षेत्र में काम करने वाले सभी महानुभाव, देवियों और सज्जनों !

आज दूसरी WHO Global Summit on Traditional Medicine का समापन दिन है। पिछले तीन दिनों में यहां पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े दुनिया भर के एक्सपर्ट्स ने गंभीर और सार्थक चर्चा की है। मुझे खुशी है कि भारत इसके लिए एक मजबूत प्लेटफार्म का काम कर रहा है। और इसमें WHO की भी सक्रिय भूमिका रही है। मैं इस सफल आयोजन के लिए WHO का, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय का और यहां उपस्थित सभी प्रतिभागियों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

ये हमारा सौभाग्य है और भारत के लिए गौरव की बात है कि WHO Global Centre for Traditional Medicine भारत के जामनगर में स्थापित हुआ है। 2022 में Traditional Medicine की पहली समिट में विश्व ने बड़े भरोसे के साथ हमें ये दायित्व सौंपा था। हम सभी के लिए खुशी की बात है कि इस ग्लोबल सेंटर का यश और प्रभाव locally से लेकर के globally expand कर रहा है। इस समिट की सफलता इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इस समिट में Traditional knowledge और modern practices का कॉन्फ्लूएंस हो रहा है। यहां कई नए initiatives भी शुरू हुए हैं, जो medical science और holistic health के future को transform कर सकते हैं। समिट में विभिन्न देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रतिनिधियों के बीच विस्तार से संवाद भी हुआ है। इस संवाद ने ज्वाइंट रिसर्च को बढ़ावा देने, नियमों को सरल बनाने और ट्रेनिंग और नॉलेज शेयरिंग के लिए नए रास्ते खोले हैं। ये सहयोग आगे चलकर Traditional Medicine को अधिक सुरक्षित, अधिक भरोसेमंद बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

साथियों,

इस समिट में कई अहम विषयों पर सहमति बनना हमारी मजबूत साझेदारी का प्रतिबिंब है। रिसर्च को मजबूत करना, Traditional Medicine के क्षेत्र में डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ाना, ऐसे रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार करना जिन पर पूरी दुनिया भरोसा कर सके। ऐसे मुद्दे Traditional Medicine को बहुत सशक्त करेंगे। यहां आयोजित Expo में डिजिटल हेल्थ टेक्नोलॉजी, AI आधारित टूल्स, रिसर्च इनोवेशन, और आधुनिक वेलनेस इंफ्रास्ट्रक्चर, इन सबके जरिए हमें ट्रेडिशन और टेक्नोलॉजी का एक नया collaboration भी देखने को मिला है। जब ये साथ आती हैं, तो ग्लोबल हेल्थ को अधिक प्रभावी बनाने की क्षमता और बढ़ जाती है। इसलिए, इस समिट की सफलता ग्लोबल दृष्टि से बहुत ही अहम है।

साथियों,

पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली का एक अहम हिस्सा योग भी है। योग ने पूरी दुनिया को स्वास्थ्य, संतुलन और सामंजस्य का रास्ता दिखाया है। भारत के प्रयासों और 175 से ज्यादा देशों के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को योग दिवस घोषित किया गया था। बीते वर्षों में हमने योग को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचते देखा है। मैं योग के प्रचार और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले हर व्यक्ति की सराहना करता हूं। आज ऐसे कुछ चुनींदा महानुभावों को पीएम पुरस्कार दिया गया है। प्रतिष्ठित जूरी सदस्यों ने एक गहन चयन प्रक्रिया के माध्यम से इन पुरस्कार विजेताओं का चयन किया है। ये सभी विजेता योग के प्रति समर्पण, अनुशासन और आजीवन प्रतिबद्धता के प्रतीक हैं। उनका जीवन हर किसी के लिए प्रेरणा है। मैं सभी सम्मानित विजेताओं को हार्दिक बधाई देता हूं, अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

मुझे ये जानकर भी अच्छा लगा कि इस समिट के आउटकम को स्थायी रूप देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया हैं। Traditional Medicine Global Library के रूप में एक ऐसा ग्लोबल प्लेटफॉर्म शुरू किया गया है, जो ट्रेडिशनल मेडिसिन से जुड़े वैज्ञानिक डेटा और पॉलिसी डॉक्यूमेंट्स को एक जगह सुरक्षित करेगा। इससे उपयोगी जानकारी हर देश तक समान रूप से पहुंचने का रास्ता आसान होगा। इस Library की घोषणा भारत की G20 Presidency के दौरान पहली WHO Global Summit में की गई थी। आज ये संकल्प साकार हो गया है।

साथियों,

यहां अलग-अलग देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने ग्लोबल पार्टनरशिप का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। एक साझेदार के रूप में आपने Standards, safety, investment जैसे मुद्दों पर चर्चा की है। इस संवाद से जो Delhi Declaration इसका रास्ता बना है, वो आने वाले वर्षों के लिए एक साझा रोडमैप की तरह काम करेगा। मैं इस joint effort के लिए विभिन्न देशों के माननीय मंत्रियों की सराहना करता हूं, उनके सहयोग के लिए मैं आभार जताता हूं।

साथियों,

आज दिल्ली में WHO के South-East Asia Regional Office का उद्घाटन भी किया गया है। ये भारत की तरफ से एक विनम्र उपहार है। ये एक ऐसा ग्लोबल हब है, जहां से रिसर्च, रेगुलेशन और कैपेसिटी बिल्डिंग को बढ़ावा मिलेगा।

साथियों,

भारत दुनिया भर में partnerships of healing पर भी जोर दे रहा है। मैं आपके साथ दो महत्वपूर्ण सहयोग साझा करना चाहता हूं। पहला, हम बिमस्टेक देशों, यानी दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में हमारे पड़ोसी देशों के लिए एक Centre of Excellence स्थापित कर रहे हैं। दूसरा, हमने जापान के साथ एक collaboration शुरू किया है। ये विज्ञान, पारंपरिक पद्धितियों और स्वास्थ्य को एक साथ जोड़ने का प्रयास है।

साथियों,

इस बार इस समिट की थीम है- ‘Restoring Balance: The Science and Practice of Health and Well-being’, Restoring Balance, ये holistic health का फाउंडेशनल थॉट रहा है। आप सब एक्स्पर्ट्स अच्छी तरह जानते हैं, आयुर्वेद में बैलेन्स, अर्थात् संतुलन को स्वास्थ्य का पर्याय कहा गया है। जिसके शरीर में ये बैलेन्स बना रहता है, वही स्वस्थ है, वही हेल्दी है। आजकल हम देख रहे हैं, डायबिटीज़, हार्ट अटैक, डिप्रेशन से लेकर कैंसर तक अधिकांश बीमारियों के background में lifestyle और imbalances एक प्रमुख कारण नजर आ रहा है। Work-life imbalance, Diet imbalance, Sleep imbalance, Gut Microbiome Imbalance, Calorie imbalance, Emotional Imbalance, आज कितने ही global health challenges, इन्हीं imbalances से पैदा हो रहे हैं। स्टडीज़ भी यही प्रूव कर रही हैं, डेटा भी यही बता रहा है कि आप सब हेल्थ एक्स्पर्ट्स कहीं बेहतर इन बातों को समझते हैं। लेकिन, मैं इस बात पर जरूर ज़ोर दूँगा कि ‘Restoring Balance, आज ये केवल एक ग्लोबल कॉज़ ही नहीं है, बल्कि, ये एक ग्लोबल अर्जेंसी भी है। इसे एड्रैस करने के लिए हमें और तेज गति से कदम उठाने होंगे।

साथियों,

21वीं सदी के इस कालखंड में जीवन के संतुलन को बनाए रखने की चुनौती और भी बड़ी होने वाली है। टेक्नोलॉजी के नए युग की दस्तक AI और Robotics के रूप में ह्यूमन हिस्ट्री का सबसे बड़ा बदलाव आने वाले वर्षों में जिंदगी जीने के हमारे तरीके, अभूतपूर्व तरीके से बदलने वाले हैं। इसलिए हमें ये भी ध्यान रखना होगा, जीवनशैली में अचानक से आ रहे इतने बड़े बदलाव शारीरिक श्रम के बिना संसाधनों और सुविधाओं की सहूलियत, इससे human bodies के लिए अप्रत्याशित चुनौतियां पैदा होने जा रही हैं। इसलिए, traditional healthcare में हमें केवल वर्तमान की जरूरतों पर ही फोकस नहीं करना है। हमारी साझा responsibility आने वाले future को लेकर के भी है।

साथियों,

जब पारंपरिक चिकित्सा की बात होती है, तो एक सवाल स्वाभाविक रूप से सामने आता है। ये सवाल सुरक्षा और प्रमाण से जुड़ा है। भारत आज इस दिशा में भी लगातार काम कर रहा है। यहां इस समिट में आप सभी ने अश्वगंधा का उदाहरण देखा है। सदियों से इसका उपयोग हमारी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में होता रहा है। COVID-19 के दौरान इसकी ग्लोबल डिमांड तेजी से बढ़ी और कई देशों में इसका उपयोग होने लगा। भारत अपनी रिसर्च और evidence-based validation के माध्यम से अश्वगंधा को प्रमाणिक रूप से आगे बढ़ा रहा है। इस समिट के दौरान भी अश्वगंधा पर एक विशेष ग्लोबल डिस्कशन का आयोजन किया गया। इसमें international experts ने इसकी सुरक्षा, गुणवत्ता और उपयोग पर गहराई से चर्चा की। भारत ऐसी time-tested herbs को global public health का हिस्सा बनाने के लिए पूरी तरह कमिटेड होकर काम कर रहा है।

साथियों,

ट्रेडिशनल मेडिसिन को लेकर एक धारणा थी कि इसकी भूमिका केवल वेलनेस या जीवन-शैली तक सीमित है। लेकिन आज ये धारणा तेजी से बदल रही है। क्रिटिकल सिचुएशन में भी ट्रेडिशनल मेडिसिन प्रभावी भूमिका निभा सकती है। इसी सोच के साथ भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि आयुष मंत्रालय और WHO-Traditional Medicine Center ने नई पहल की है। दोनों ने, भारत में integrative cancer care को मजबूत करने के लिए एक joint effort किया है। इसके तहत पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को आधुनिक कैंसर उपचार के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। इस पहल से evidence-based guidelines तैयार करने में भी मदद मिलेगी। भारत में कई अहम संस्थान स्वास्थ्य से जुड़े ऐसे ही गंभीर विषयों पर क्लिनिकल स्टडीज़ कर रहे हैं। इनमें अनीमिया, आर्थराइटिस और डायबिटीज़ जैसे विषय भी शामिल हैं। भारत में कई सारे स्टार्ट-अप्स भी इस क्षेत्र में आगे आए हैं। प्राचीन परंपरा के साथ युवाशक्ति जुड़ रही है। इन सभी प्रयासों से ट्रेडिशनल मेडिसिन एक नई ऊंचाई की तरफ बढ़ती दिख रही है।

साथियों,

आज पारंपरिक चिकित्सा एक निर्णायक मोड़ पर खड़ी है। दुनिया की बड़ी आबादी लंबे समय से इसका सहयोग लेती आई है। लेकिन फिर भी पारंपरिक चिकित्सा को वो स्थान नहीं मिल पाया था, जितना उसमें सामर्थ्य है। इसलिए, हमें विज्ञान के माध्यम से भरोसा जीतना होगा। हमें इसकी पहुंच को और व्यापक बनाना होगा। ये जिम्मेदारी किसी एक देश की नहीं है, ये हम सबका साझा दायित्व है। पिछले तीन दिनों में इस समिट में जो सहभागिता, जो संवाद और जो प्रतिबद्धता देखने को मिली है, उससे ये विश्वास गहरा हुआ है कि दुनिया इस दिशा में एक साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार है। आइए, हम संकल्प लें कि पारंपरिक चिकित्सा को विश्वास, सम्मान और जिम्मेदारी के साथ मिलकर के आगे बढ़ाएंगे। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।