Published By : Admin | December 26, 2008 | 08:37 IST
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At an impressive inauguration ceremony of “Kankariya Carnival”, Chief Minister Shri Narendrabhai Modi dedicated a Mini-Train to the Children. He had made an announced,” Today is the birthday of our former Prime Minister Shri Atal Bihari Vajpayee, to mark his birth day, we would identify the Mini-Train as Atal-Express.”
Chief Minister flagged off the train, which also carried a group of mentally challenged children.
Chief Minister Inaugurates Kankariya Carnival
Kankariya Carnival to be held every year on 25th December
Adds soul to the Cultural Identity of Ahmedabad: Kankariya to become a Benchmark of Clean Ahmedabad
Dedication of Kankariya Lake Front Project marks the 1st Anniversary of present Government
Enthusiasm is palpable, jubilation is justified. Chief Minister inaugurated the Kankariya Carnival today. He said,” Kankariya Carnival would be celebrated every year on 25th December. It would infuse soul in to the cultural identity of Ahmedabad city.” The Kankariya Lake Front Project worth Rs.36 Crores, which was dedicated by the Chief Minister today.
In the history of last 550 years, during the 19th century, Kankariya was decorated twice only. Chief Minister stated that Kankariya is not only an ornament to Ahmedabad city but it is a jewel studded ornament for entire Gujarat. But, nobody ever spared a thought about its development.
Inspite of its innovative nature and the ever changing currents, Gujarat was ailing of stagnation. Visionary and welfare project remained oblivion. Ahmedabad was known world over for its textile industries. The textile industry lost its sheen, and gradually its glory was diminished. No one bothered about the devastating economy of Ahmedabad. “By implementing ambitious and public welfare oriented projects, we have made a history,” said the C.M.
Today is the birthday of our former Prime Minister Shri Atal Bihari Vajpayee, on the day the Carnival is organised and a Mini Train has been dedicated, naming it “Atal-Express.” On the one hand, we witness the narrow mindsets of Pradeshvad; against that, Gujarat has invited artists from all the states reflecting their cultures. Chief Minister described it as a “Unite India Festival.”
The vibrancy and throbbing culture of Gujarat is being experienced through the carnival. He expressed his confidence that, the carnival would definitely infuse new soul in the cultural life of Ahmedabad.
Mayor of Ahmedabad, Shri Kanaji Thakor said,” The vision of providing world class infrastructure facilities to the city is powered by Shri Narendrabhai's conviction and commitment. Under Kankariya Lake Front Development project, various amenities and facilities are created, which adds the glittering glory to the metro city. Special thrust is given to add recreational facilities. “He outlined the details of the project, which is immense and unique in its kind, the Kankariya Lake Front Development Project, which has been completed at the project cost of Rs.36 Crores.
Children and citizens greeted the Chief Minister when he arrived to flag off the decorated Mini-Train-“Atal-Express.” The Rushi-Kumars recited Taruvar-Stuti.
Speaker of the Assembly, Shri Ashokbhai Bhatt, BJP State Unit President Shri Purushottam Rupala, Revenue Minister Smt Anandiben Patel, State Ministers, M.P.s Shri Harin Pathak, Shri Ratilal Verma, MLAs, eminent leaders, Municipal Commissioner I.P Gautam were among the others who attended the function.
Information Bureau, Government of Gujarat, Date: 25/12/2008
India made G20 a people-driven national movement: PM Modi
September 26, 2023
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Releases 4 publications related to G20 Summit in India
“Events of such scale are bound to be a success when the youth gets behind them”
“Last 30 days saw unprecedented activities in every sphere. India’s range is beyond comparison”
“The unanimous New Delhi Declaration has become headlines all over the world”
“Due to strong diplomatic efforts, India is getting new opportunities, new friends and new markets, providing new opportunities to the youth”
“India made G20 a people-driven national movement”
“Today, the honest are being rewarded while the dishonest are being taken to task”
“Clean, clear and stable governance is mandatory for nation’s development journey”
“My strength lies in the youth of India”
“Friends, come walk with me, I invite you. 25 years are in front of us, what happened 100 years ago, they moved for Swaraj, we move for Samriddhi (prosperity)”
देश की अलग-अलग यूनिवर्सिटीज के वाइस चांसलर्स, प्रोफेसर्स, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधिगण और मेरे युवा साथियों! आज जितने लोग ये भारत मंडपम में हैं, उससे कहीं ज्यादा हमारे साथ Online जुड़े हुए हैं। मैं सभी का जी-20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट, इस कार्यक्रम में स्वागत करता हूं, और आप सब नौजवानों का अभिनंदन करता हूं।
Friends,
आज से दो सप्ताह पूर्व इसी भारत मंडपम में गजब की हलचल थी। ये भारत मंडपम बिल्कुल ‘happening’ place बना हुआ था। और मुझे खुशी है कि आज उसी भारत मंडपम में मेरा भावी भारत मौजूद है। जी-20 के आयोजन को भारत ने जिस ऊंचाई पर पहुंचा दिया है, ये देखकर दुनिया वाकई बहुत चकित है। लेकिन जानते हैं, मैं बिल्कुल हैरान नहीं हूं, बिल्कुल Surprised नहीं हूं। शायद आपके मन में होता होगा, इतना बड़ा हो गया, आप खुश नहीं हुए क्या कारण है? जानते हैं क्यों? क्योंकि जिस कार्यक्रम को सफल बनाने का बीड़ा आप जैसे Young Students उठा लेते हैं, youth जुड़ जाता है, तो फिर उसका सफल होना तय हो जाता है।
आप Youngsters की वजह से पूरा भारत ही एक ‘happening’ place बन गया है। और ये कितना Happening है, ये हम पिछले 30 दिनों को ही देखें, तो साफ-साफ नजर आता है। और जब मैं 30 दिन की बात करता हूं ना, आप भी साथ-साथ जरा अपने 30 दिन को जरा जोड़ते चलें, बीते हुए 30 दिन। आपकी यूनिवर्सिटी के 30 दिन भी याद कर लेना। और दोस्तों और भी लोगों के पराक्रम जो 30 दिन में हुए वो भी याद कर लेना। मैं आपको क्योंकि मेरे नौजवान साथियो आपके सामने मैं आज आया हूं तो मैं भी अपना रिपोर्ट कार्ड आपको दे रहा हूं। मैं आपको पिछले 30 दिन का एक recap देना चाहता हूं। उससे आपको नए भारत की स्पीड और नए भारत का स्केल दोनों का पता चलेगा।
साथियों,
आप सबको याद होगा 23 अगस्त का वो दिन जब Heartbeat गले तक आ रही थी, भूल गए, हर कोई प्रार्थना कर रहा था कि भाई साहब ठीक रहे, कुछ गड़बड़ ना हो जाए, कर रहे थे ना? और फिर अचानक हर किसी का चेहरा खिल उठा, पूरी दुनिया ने भारत की आवाज सुनी...India is on the Moon. 23 अगस्त की वो तारीख, हमारे देश में National Space Day के रूप में अमर हो गई है। लेकिन उसके बाद क्या हुआ? इधर मून मिशन सफल हुआ, उधर भारत ने अपना सोलर मिशन लॉन्च कर दिया। अपना चंद्रयान अगर 3 लाख किलोमीटर गया, तो ये 15 लाख किलोमीटर तक जाएगा। आप मुझे बताइए, भारत की Range का कोई मुकाबला है क्या?
Friends,
पिछले 30 दिनों में भारत की डिप्लोमेसी एक नई ऊंचाई पर पहुंची है। जी-20 से पहले दक्षिण अफ्रीका में BRICS समिट हुई है। भारत के प्रयास से BRICS कम्युनिटी में, 6 नए देश शामिल हुए हैं। साउथ अफ्रीका के बाद में ग्रीस गया था। ये 40 साल में किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। और जितने भी अच्छे काम हैं ना, वो करने के लिए आपने मुझे ही बिठाया है। G-20 के समिट से ठीक पहले मेरी इंडोनेशिया में भी अनेक वर्ल्ड लीडर्स से मीटिंग हुई। इसके बाद G-20 में इसी भारत मंडपम में दुनिया के लिए बड़े-बड़े फैसले लिए गए।
आज के polarised international atmosphere में इतने सारे देशों को एक साथ, एक मंच पर लाना छोटा काम नहीं है दोस्तों। आप एक पिकनिक ऑर्गेनाइज करो ना तो भी तय नहीं कर पाते हो कहां जायें। हमारे New Delhi Declaration को लेकर 100 परसेंट सहमति तो International Headline बनी हुई है। इस दौरान, भारत ने अनेक important initiatives और फैसलों को lead किया। जी-20 में कुछ फैसले ऐसे हुए हैं, जो 21वीं सदी की पूरी Direction ही Change करने की क्षमता रखते हैं। भारत की पहल पर अफ्रीकन यूनियन, G-20 के स्थाई सदस्य के रूप में उसको स्थान मिला। Global Bio fuels Alliance का नेतृत्व भी भारत ने किया। जी-20 समिट में ही हम सभी ने मिलकर इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर बनाने का भी फैसला लिया है। ये कॉरिडोर कई महाद्वीपों को आपस में जोड़ेगा। इससे आने वाली कई शताब्दियों तक, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलने वाला है ।
साथियों,
जी-20 समिट समाप्त हुई तो सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस की स्टेट विजिट दिल्ली में शुरू हुई। सउदी अरब भारत में 100 बिलियन डॉलर का निवेश करने जा रहा है। और मैं जो कथा सुना रहा हूं ना, ये 30 दिन की बता रहा हूं। बीते 30 दिनों में ही भारत के प्राइम मिनिस्टर के रूप में मेरी कुल 85 world leaders से मीटिंग्स हुई है। और ये करीब-करीब आधी दुनिया है। आप सोच रहे होंगे कि इससे आपको क्या फायदा होगा, होता है ना? जब भारत के रिश्ते दूसरे देशों से अच्छे होते हैं, जब नए-नए देश भारत के साथ जुड़ते हैं, तो भारत के लिए भी नई Opportunities बनती है, हमें नया साथी मिलता है, नया मार्केट मिलता है। और इन सबका फायदा मेरे देश की युवा पीढ़ी को होता है।
साथियों,
आप सब सोच रहे होंगे कि पिछले 30 दिन का रिपोर्ट कार्ड देते हुए मैं सिर्फ स्पेस साइंस और ग्लोबल रिलेशंस की ही बात करता रहूंगा क्या, यही काम किए हैं क्या मैंने 30 दिन में, ऐसा नहीं है। पिछले 30 दिनों में SC-ST-OBC के लिए, गरीबों और मिडिल क्लास के लिए, उनको Empower करने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती पर, पीएम विश्वकर्मा योजना लॉन्च की गई। ये योजना, हमारे शिल्पकारों, कुशल कारीगरों, पारंपरिक काम से जुड़े साथियों के लिए है। रोजगार मेला लगाकर बीते 30 दिन में 1 लाख से ज्यादा नौजवानों को, केंद्र सरकार में Government Job दी गई है। जब से ये कार्यक्रम शुरू हुआ है, 6 लाख से ज्यादा युवक-युवतियों को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं।
इन्हीं 30 दिनों में आपने देश के नए संसद भवन ने पहले संसद सत्र को भी देखा है। देश के नए संसद भवन में पहला विधेयक पास हुआ, जिसने पूरे देश को गर्व से भर दिया है। संसद ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के द्वारा Women Led Development के महत्व को सहर्ष स्वीकार किया।
साथियों,
बीते 30 दिनों में ही, देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के विस्तार के लिए एक और बड़ा निर्णय हुआ। हमारी सरकार ने Battery Energy Storage Systems को Empower करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण योजना को स्वीकृति दी है। कुछ दिनों पहले द्वारका में यशोभूमि, इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर को हमने राष्ट्र को समर्पित किया है। युवाओं को स्पोर्ट्स में अधिक अवसर मिले, इसके लिए मैंने वाराणसी में इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम का भी शिलान्यास किया है। 2 दिन पहले, मैंने 9 वंदे भारत Trains को हरी झंडी दिखाई। एक दिन में एक साथ इतनी आधुनिक ट्रेनें शुरू होना भी हमारी स्पीड और स्केल का प्रमाण है।
पेट्रोकेमिकल सेक्टर में भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के लिए एक और बड़ा कदम इन 30 दिनों में हमने उठाया है। मध्य प्रदेश में स्थित एक रिफाइनरी में पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स का शिलान्यास किया गया है। मध्य प्रदेश में ही renewable energy, आईटी पार्क, एक मेगा इंडस्ट्रियल पार्क, और 6 नए औद्योगिक क्षेत्रों पर काम शुरू हुआ है। ये जितने भी काम मैंने गिनाए हैं, इनका सीधा संबंध युवाओं की स्किल्स से है, युवाओं के लिए Job Creation से है। ये लिस्ट इतनी लंबी है कि पूरा समय इसी में बीत जाएगा। ये 30 दिन का मेरा हिसाब मैं दे रहा था आपको, अब आपने अपना हिसाब लगाया क्या? आप ज्यादा से ज्यादा कहेंगे दो मूवी देखीं। मेरे नौजवान साथियो मैं इसलिए कह रहा हूं कि देश कितनी तेज गति से चल रहा है, कितने अलग-अलग पहलुओं पर काम कर रहा है, ये मेरे देश के नौजवानों को पता होना चाहिए।
साथियों,
युवा वहीं पर आगे बढ़ते हैं, जहां optimism, opportunities और openness होती है। जिस तरीके से आज भारत आगे बढ़ रहा है, उसमें आपके उड़ने के लिए पूरा आसमान खुला है दोस्तो। मैं आपसे यही कहूंगा- बड़ा सोचें, Think Big. ऐसा कुछ नहीं है जिसे आप हासिल नहीं कर सकते हैं। ऐसी कोई उपलब्धि नहीं है, जिसे हासिल करने में देश आपका साथ नहीं देगा। आप किसी भी अवसर को मामूली ना समझें। बल्कि उस अवसर को एक नया बेंचमार्क बनाने के बारे में सोचें। हमने जी-20 को भी तो इसी अप्रोच से इतना भव्य और इतना विराट बनाया है। हम भी जी-20 प्रेसिडेंसी को सिर्फ diplomatic और Delhi-centric affair बना सकते थे। लेकिन भारत ने इसे people-driven national movement बना दिया। भारत की Diversity, Demography और Democracy की ताकत ने जी-20 को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया।
जी-20 की 200 से ज्यादा बैठकें हुईं, 60 शहरों में इनका आयोजन हुआ। जी-20 की गतिविधियों में डेढ़ करोड़ से ज्यादा नागरिकों ने अपना योगदान दिया। टीयर-2 और टीयर-3 शहरों ने भी, जहां पहले किसी international event का आयोजन नहीं हुआ था, उन्होंने भी शानदार ताकत दिखा दी। और मैं आज इस कार्यक्रम में जी-20 के लिए अपने Youth की विशेष तौर पर सराहना करूंगा। 100 से ज्यादा यूनिवर्सिटी और 1 लाख विद्यार्थियों ने University Connect programme के जरिए जी-20 में भागीदारी की। सरकार ने जी-20 को schools, higher education और अनेक institutes और skill development institutes में 5 करोड़ से ज्यादा Students तक पहुंचाया। हमारे लोगों ने बड़ा सोचा, लेकिन जो डिलीवर किया, वो उससे भी ज्यादा भव्य रहा है।
साथियों,
आज भारत अपने अमृतकाल में है। ये अमृतकाल आप जैसी अमृत पीढ़ी का ही काल है। 2047 में हम देश की आजादी के 100 वर्ष पूरे करेंगे, वो हमारे लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा। 2047 तक का कालखंड वही समय है जिसमें आप युवा भी अपने भविष्य का निर्माण करेंगे। यानी अगले 25 साल जितने आपकी जिंदगी में महत्वपूर्ण हैं उतने ही देश के जीवन में महत्वपूर्ण हैं। इसीलिए, ये एक ऐसा समय है, जिसमें देश के विकास के कई factors एक साथ जुड़ गए हैं। इस तरह का समय ना इतिहास में पहले कभी आया, ना भविष्य में आने का अवसर मिलेगा यानी ना भूतो ना भविष्यति। आज हम दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था हैं, पता है ना, नहीं पता। रिकॉर्ड कम समय में हम 10वें नंबर की अर्थव्यवस्था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए। आज भारत पर दुनिया का भरोसा बुलंद है, भारत में निवेश रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। आज भारत का मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर नई ऊंचाइयां छू रहा है, हमारा निर्यात नए रिकॉर्ड बना रहा है। सिर्फ 5 वर्षों में साढ़े 13 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आए हैं। यही भारत का नियो मिडिल क्लास बन गया है।
देश में सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर, फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण से विकास में अभूतपूर्व तेजी आ गई है। इस साल फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर में 10 लाख करोड़ का निवेश किया जा रहा है और इस तरह का निवेश साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है। आप कल्पना कीजिए कि इसका कितना बड़ा प्रभाव हमारी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा और कितने नए अवसर तैयार होंगे।
साथियों,
आप जैसे युवाओं के लिए ये अवसरों का दौर है। साल 2020 के बाद करीब 5 करोड़ साथी EPFO Payrolls से जुड़े हैं। इनमें से लगभग साढ़े 3 करोड़ लोग ऐसे हैं, जो पहली बार EPFO के दायरे में आए हैं, पहली फॉर्मल जॉब्स उन्हें मिली है। इसका मतलब ये है कि आप जैसे युवाओं के लिए formal jobs के मौके भारत में लगातार बढ़ रहे हैं।
2014 से पहले हमारे देश में 100 से भी कम स्टार्ट अप्स थे। आज इनकी संख्या एक लाख को भी पार कर गई है। स्टार्टअप की इस लहर ने कितने ही लोगों को रोजगार के मौके दिए हैं। आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा Mobile Manufacturer बन गया है। हम मोबाइल फोन्स के इंपोर्टर से आज एक्सपोर्टर बन गए हैं। इसके कारण भी बड़ी संख्या में नौकरियों के अवसर बने हैं। Defence Manufacturing के क्षेत्र में भी बीते कुछ वर्षों में बड़ा विकास हुआ है। 2014 की तुलना में डिफेंस एक्सपोर्ट करीब 23 गुना बढ़ा है। जब इतना बड़ा परिवर्तन होता है, तो डिफेंस इकोसिस्टम की पूरी सप्लाई चेन में भी बड़ी संख्या में नई नौकरियों के अवसर बनते हैं।
मैं जानता हूं कि हमारे कई युवा साथी job seeker के बजाय job creator बनना चाहते हैं। सरकार की मुद्रा योजना के जरिए देश के छोटे व्यापारियों को आर्थिक मदद मिलती है। आज 8 करोड़ लोगों ने First Time Entrepreneurs के तौर पर अपना कोई बिजनेस शुरू किया है, कोई कारोबार शुरू किया है, अपना काम शुरू किया है। पिछले 9 वर्षों में 5 लाख कॉमन सर्विस सेंटर भी खोले गए हैं। इनमें से हर एक में 2 से 5 लोगों को नौकरी मिली है।
साथियों,
ये सब भारत में आई, political stability, policy clarity और हमारे democratic values की वजह से हो रहा है। पिछले 9 वर्षों में भ्रष्टाचार को कंट्रोल करने के ईमानदार प्रयास हुए हैं। आप में से बहुत सारे विद्यार्थी वो होंगे जो 2014 में, आज से दस साल पहले उनकी उम्र क्या होगी, कोई दस कोई बारह, कोई चौदह। तो उस समय उनको पता ही नहीं होगा कि हेडलाइन अखबार में क्या आती थी। कैसे भ्रष्टाचार ने देश को बर्बाद करके रखा था।
साथियो,
आज मैं बड़ा गर्व से कह सकता हूं बिचौलियों और लीकेज को रोकने के लिए नए टेक्नोलॉजी आधारित सिस्टम हमने बनाये हैं। कई तरह के reforms लाकर और दलालों को सिस्टम से बाहर कर एक पारदर्शी व्यवस्था बनाई गई है। बेईमानों को सज़ा और ईमानदारी को सम्मान दिया जा रहा है। मैं हैरान हूं आजकल मुझ पर एक आरोप क्या है कि मोदी लोगों को जेल में डालता है। आप मुझे बताइये भाई देश का माल चोरी किया है तो कहां रहेंगे? कहां रहना चाहिए? ढूंढ-ढूंढ कर भेजना चाहिए कि नहीं भेजना चाहिए। जो काम आप चाहते हैं वही मैं कर रहा हूं ना? कुछ लोग बड़े परेशान रहते हैं।
साथियो,
विकास की यात्रा को जारी रखने के लिए, clean, clear और stable governance बहुत जरूरी है। अगर आपने निश्चय कर लिया तो 2047 तक भारत को एक विकसित, समावेशी और आत्मनिर्भर देश बनने से कोई नहीं रोक सकता है।
साथियो,
एक और बात भी हमें ध्यान रखनी होगी। सिर्फ भारत ही आपसे बेहतर करने की अपेक्षा नहीं कर रहा है, पूरी दुनिया आपको उम्मीद की नजर से देख रही है। दुनिया को भारत का और भारत के युवाओं का पोटेंशियल और परफॉर्मेंस, दोनों का पता चल चुका है। अब उनको समझाना नहीं पड़ता है इंडिया का बेटा है तो क्या होगा, इंडिया की बेटी है तो क्या होगा। वो समझ जाते हैं भाई ये तो मान लो।
दुनिया की प्रगति के लिए भारत की प्रगति, और भारत के युवाओं की प्रगति बहुत आवश्यक है। मैं निश्चिंत होकर देश को असंभव लगने वाली गारंटियां दे पाता हूं, तो उसकी वजह आप देशवासियों की उसके पीछे जो ताकत है ना, वो आप मेरे साथियों का सामर्थ्य हैं। मैं उन गारंटियों को पूरा कर पाता हूं तो उसके पीछे भी आप जैसे युवाओं का सामर्थ्य होता है। मैं दुनिया के मंचों पर ज़ोरदार तरीके से भारत की बात रख पाता हूं, तो उसकी प्रेरणा भी मेरी युवा शक्ति है। इसलिए भारत का युवा मेरी असली ताकत है, मेरा पूरा सामर्थ्य उसी में हैं। और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं आपके बेहतर भविष्य के लिए दिनरात परिश्रम करता रहूंगा।
लेकिन Friends,
मेरी आपसे भी अपेक्षाएं हैं। मैं आज आपसे भी कुछ मांगना चाहता हूं। बुरा नहीं लगेगा ना। आपको लगेगा ये कैसा प्रधानमंत्री है, हम नौजवानों से मांग रहा है। साथियों, मैं आपसे ये नहीं मांग रहा हूं कि आप मुझे चुनाव जिता देना। साथियों, मैं ये भी नहीं कहूंगा कि मेरी पार्टी में आप शामिल हो जाइए।
साथियो,
मेरा कुछ भी पर्सनल नहीं है, जो है वो देश का है, देश के लिए है। और इसलिए मैं आज आपसे कुछ मांग रहा हूं, देश के लिए मांग रहा हूं। स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने में आप युवाओं की बहुत बड़ी भूमिका रही है। लेकिन स्वच्छाग्रह एक-दो दिन का इवेंट नहीं है। ये एक सतत् प्रक्रिया है। इसे हमें आदत बनाना होगा। और इसलिए 2 अक्टूबर को पूज्य बापू की जन्म-जयंती से ठीक पहले, 1 अक्टूबर को स्वच्छता से जुड़ा बहुत बड़ा कार्यक्रम पूरे देश में होने वाला है। आप सभी युवा साथियों को इसमें बढ़- चढ़कर हिस्सा लेने के लिए मैं आपसे मांग कर रहा हूं। करेंगे पूरा, पक्का करेंगे। आपकी यूनिवर्सिटी में लगेगी। आप कोई एरिया तय करके पूरी तरह क्लीन करके रहेंगे?
मेरा दूसरा आग्रह, डिजिटल लेनदेन को लेकर है, UPI से जुड़ा है। आज पूरी दुनिया डिजिटल भारत की, UPI की इतनी प्रशंसा कर रही है। ये गौरव भी आपका है। आप सभी युवा साथियों ने इसको तेज़ी से अपनाया भी और फिनटेक में उससे जुड़े अद्भुत इनोवेशन भी किए। अब इसके विस्तार की, इसको नई दिशा देने का दायित्व भी मेरे नौजवानों को ही उठाना होगा। क्या आप तय करेंगे कि मैं कम से कम एक सप्ताह में सात लोगों को यूपीआई ऑपरेट करना सिखाऊंगा, यूपीआई से काम करना सिखाऊंगा, डिजिटल लेनदेन सिखाऊंगा, करेंगे? देखिए, देखते-देखते बदलाव शुरू हो जाता है दोस्तो।
साथियों,
मेरा आपसे तीसरा एक आग्रह, और मेरी मांग वोकल फॉर लोकल को लेकर है। साथियो, इसको भी आप ही आगे बढा सकते हैं। अगर एक बार आपने इसको हाथ में ले लिया ना, दुनिया फिर रुकने वाली नहीं है, मान लीजिए। क्योंकि मेरा आपकी ताकत पर भरोसा है। आपको अपनी ताकत पर भरोसा है कि नहीं मुझे मालूम नहीं, मुझे है। देखिए, ये समय त्योहारों का है। आप प्रयास करें कि त्योहारों में गिफ्ट देने के लिए जो भी आप खरीदारी करें, वो मेड इन इंडिया हो। अपने जीवन में भी आग्रह करें दोस्तो, उन्हीं चीजों का इस्तेमाल करें, उन्हीं प्रॉडक्ट का उपयोग करें, जिसमें भारत की मिट्टी की खुशबू हो, जिसमें भारत के श्रमिकों के पसीने की महक हो। और वोकल फॉर लोकल का ये अभियान सिर्फ त्यौहारों तक सीमित नहीं रहना चाहिए।
मैं एक काम बताता हूं आप करेंगे? होमवर्क के बिना तो क्लास होता ही नहीं है, करेंगे? कुछ लोग तो बोलते ही नहीं हैं। आप अपने परिवार के सब लोगों के साथ मिल करके, कागज-पेन ले करके, अगर मोबाइल पर लिखते हो तो मोबाइल पर सूची बनाइए। कि आपके घर में जिन चीजों का आप उपयोग करते हैं, 24 घंटे में जिन-जिन चीजों का आप उपयोग करते हैं, उसमें कितनी हमारे देश की हैं और कितनी बाहर की हैं। बनायेंगे सूची? आपको पता भी नहीं होगा कि आपकी जेब में जो कंघी है ना कंघी वो भी कभी विदेश से आ रही होगी, पता नहीं होगा। ऐसी-ऐसी चीजें विदेशी हमारे घर में, हमारे जीवन में घुस गई हैं, देश को बचाने के लिए बहुत जरूरी है दोस्तो। हां कुछ चीजें ऐसी हैं जो हमारे देश में जैसी चाहिए, वैसी नहीं हैं, ठीक है। लेकिन हम आग्रह से देखेंगे भाई जरा तलाशें तो, कहीं गलती तो नहीं हो रही है। एक बार मेरे देश में बनी हुई चीजें मैं खरीदना शुरू करूंगा ना, आप देखना दोस्तो, इतनी तेजी से हमारा उद्योग व्यापार बढ़ेगा जिसकी आप कल्पना नहीं कर सकते हैं। छोटा-छोटा काम भी बड़े-बड़े सपने पूरे करता है।
साथियों,
हमारे कैंपस भी वोकल फॉर लोकल के बहुत बड़े सेंटर हो सकते हैं। हमारे कैंपस सिर्फ पढ़ाई के नहीं बल्कि फैशन के भी सेंटर होते हैं। क्यों अच्छा नहीं लगा? कोई डे मनाते होते हैं तभी होता है क्या? आज रोज डे है। क्या हम खादी को, भारतीय फैब्रिक को कैंपस का फैशन स्टेटमेंट नहीं बना सकते? आप सभी युवाओं में ये ताकत है। आप मार्केट को, ब्रांड्स को, डिज़ायनर्स को, अपनी तरफ मोड़ने के लिए मजबूर कर सकते हैं। कॉलेज और यूनिवर्सिटी कैंपस में अनेक कल्चरल एक्टिविटीज़ होती हैं। उसमें हम खादी से जुड़े फैशन शो करा सकते हैं।
हम अपने विश्वकर्मा साथियों, हमारे आदिवासी साथियों के शिल्प को प्रदर्शित कर सकते हैं। ये भारत को आत्मनिर्भर बनाने का, भारत को विकसित बनाने का रास्ता है। इसी रास्ते पर चलते हुए हम बड़ी संख्या में रोजगार निर्मित कर सकते हैं। और आप देखिए, ये जो तीन छोटी-छोटी बातें मैंने बताई हैं, आपके सामने जो मैंने कुछ मांग रखी है, आप एक बार देख लेना आपको कितना फायदा होता है, देश को कितना फायदा होता है, किसको कितना फायदा होगा, जरूर देखिए।
मेरे नौजवान साथियो,
अगर हमारा Youth हमारी नई जेनरेशन एक बार ठान ले ना तो उचित परिणाम मिल ही जाता है। मुझे विश्वास है कि भारत मंडपम् से आप आज जाएंगे ये संकल्प ले करके जाएंगे। और संकल्प लेकर अपने इन सामर्थ्य को भी जरूर प्रकट करिएगा।
साथियो,
हम पल भर के लिए सोचें, हम वो लोग हैं जिन्हें देश के लिए मरने का मौका नहीं मिला है। जो सौभाग्य भगतसिंह को मिला, सुखदेव को मिला, चंद्रशेखर को मिला, आजाद को मिला, हमें नहीं मिला। लेकिन भारत के लिए जीने का मौका हमें मिला है। आज से 100 साल पहले की तरफ नजर करिए, 19,20,22,23,25 साल पहले की कल्पना कीजिए आप। उस समय को जो नौजवान था, उसने ठान लिया था कि मैं देश को आजाद कराने के लिए जो कुछ भी कर सकता हूं, मैं करूंगा। जो मार्ग मिलेगा मैं करूंगा। और उस समय के नौजवान चल पड़े थे। किताबें अलमारी में रख दी थीं, जेलों में जाना पसंद किया था। फांसी के तख्त पर चढ़ना पसंद किया था। जो राह मिली उस राह पर चल दिये थे। 100 साल पहले जो पराक्रम की पराकाष्ठा हुई, त्याग और तपस्या का माहौल बना, मातृभूमि के लिए जीने-मरने का इरादा मजबूत हुआ, देखते ही देखते 25 साल में देश आजाद हो गया। हुआ कि नहीं दोस्तो? उनके पुरुषार्थ से हुआ कि नहीं हुआ? अगर उस 25 साल के राष्ट्रव्यापी जो सामर्थ्य पैदा हुआ, उसने 1947 में देश को स्वराज दिया।
साथियो,
मेरे साथ चल पड़ो। आओ, मैं आपको निमंत्रण देता हूं। 25 साल हमारे सामने हैं। 100 साल पहले जो हुआ था, हम एक बार वो स्वराज के लिए चले थे, हम समृद्धि के लिए चल पड़ेंगे। 25 साल में देश को समृद्ध बना करके रहेंगे। उसके लिए मुझे जो करना पड़ेगा मैं पीछे नहीं हटूंगा। आत्मनिर्भर भारत समृद्धि के द्वार पर जाये दोस्तो। आत्मनिर्भर भारत स्वाभिमान को नई ऊंचाई पर पहुंचाता है। उस संकल्प को ले करके चलिए, आइए, हम मिल करके एक समृद्ध भारत का संकल्प पूरा करें, 2047 में हम developed country होने चाहिए। और तब आप भी जीवन के सबसे ऊंचे पायदान पर होंगे। 25 साल के बाद आप जहां भी होंगे, अपने जीवन के सबसे ऊंचे पायदान पर होंगे।
आप कल्पना करो दोस्तो, मैं जो आज मेहनत कर रहा हूं ना, और कल मैं आपको लेकर मेहनत करने वाला हूं, वो आपको कहां से कहां पहुंचा देगी। आपके सपने साकार होने से कोई रोक नहीं सकता। और मैं आपको गारंटी देता हूं दोस्तो, भारत को दुनिया की तीन टॉप इकोनॉमी में मैं ला करके रहूंगा। और इसीलिये मैं आपका साथ चाहता हूं, आपका सहयोग चाहता हूं, मां भारती के लिए चाहता हूं। 140 करोड़ भारतवासियों के लिए चाहता हूं।
मेरे साथ बोलिए – भारत माता की – जय, पूरी ताकत से बोलिए दोस्तो- भारत माता की – जय, भारत माता की – जय