Prime Minister Shri Narendra Modi paid homage to Lord Basaveshwara and greeted the people on the occasion of Basava Jayanthi, the Birth anniversary of Lord Basaveshwara, in a video message today.  

Basava Jayanthi is an annual event celebrated in the honour of the birth of Vishwaguru Basaveshwara, the 12th century philosopher and social reformer.  

Global Basava Jayanthi – 2020 is being held digitally today, connecting followers in India and abroad.  

In his message, Prime Minister sought blessings of Lord Basaveshwara to give country the strength for defeating the pandemic coronavirus.

Prime Minister recalled that on many occasions earlier, he had the privilege of learning from the teachings of Lord Basaveshwara, be it the event of the translations of holy Vachanas into 23 languages, or the unveiling of Basaveshwara Statue in London.

Describing Lord Basaveshwara as a great reformer and a great administrator, Prime Minister said Lord Basaveshwara did not just preach about the reforms he wanted in the individuals or in the society but also adopted and inculcated them in his own life.

Prime Minister said the teachings of Lord Basaveshwara are the source of spiritual knowledge, as well as serve as the practical guide of our lives. His teachings teach us to be a better human being, and to make our society liberal, kind and humane. He had guided our society on issues of social and gender equality, several centuries ago.

Prime Minister said Lord Basaveshwara laid the foundations of a democracy, which prioritises, and promotes the rights of person, standing on the last rungs of the society. Basavanna had touched each and every aspect of human life, and had suggested solutions to improve it, he added.

Prime Minister was also pleased to note the extensive work done on the digitization of holy Vachanas of Basavanna, the suggestion Prime Minister had made in 2017.

Appreciating the Basava Samithi for conducting today’s event digitally across the world, Prime Minister said this sets a perfect example for conducting an event while also following the guidelines of lockdown.

The Prime Minister said, “Today, Indians feel that change starts with them. This belief is helping the country to overcome challenges.” He urged to carry forward and strengthen this message of hope and faith. This will inspire us to work hard and will take our nation to new heights, he added. He urged to keep spreading Lord Basavanna's works and his ideals around the world to make the world a better place.

While wishing the people on Basava Jayanti, Prime Minister also stressed on following the rule of “Do Gaj Doori” in order to maintain social distance.

 

Following is the text of PM Modi's message on Basaveswara Jayanti:

नमस्कार !!    

आप सभी को भगवान बसवेश्वर की जन्म जयंती पर बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

कोरोना वैश्विक महामारी ने जो संकट पूरे विश्व के सामने उपस्थित किया है, उसे देखते हुए मेरी यही कामना है कि हम सभी पर बसवेश्वर की कृपा बनी रहे, हम भारतवासी मिलकर इस महामारी को परास्त कर पाएं।   और ना सिर्फ़ भारत का, पूरी  मानव जाति के कल्याण में कुछ ना कुछ हम योगदान दे पाएं। 

साथियों,    

मुझे भगवान बसवेश्वर के वचनों, उनके संदेशों से निरंतर सीखने का सौभाग्य मिला है।  चाहे उनके वचनों का देश की 23 भाषाओं में अनुवाद हो या फिर लंदन में उनकी मूर्ति के अनावरण का अवसर, हर बार मैंने एक नई ऊर्जा महसूस की है।     

साथियों,   

मुझे बताया गया है कि 2017 में बसवन्ना के वचन के Digitization का जो सुझाव मैंने रखा था, उस पर आपने व्यापक काम किया है। बल्कि इस बार का ये समारोह भी डिजिटली पूरी दुनिया में आयोजित किया जा रहा है। 

लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए एक प्रकार से ये ऑनलाइन समागम का भी बहुत उत्तम उदाहरण है। 

 आपके इस प्रयास से बसवन्ना के बताए रास्ते और उनके आदर्शों से दुनिया के ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ पाएंगे।    

साथियों,     

संसार में भांति-भांति के लोग होते हैं। हम देखते हैं कुछ लोग बातें तो अच्छी करते हैं, लेकिन खुद आचरण नहीं करते। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो ये तो जानते हैं कि सही क्या है, लेकिन सही को सही बोलने से डरते हैं। लेकिन बसवन्ना ने सिर्फ उपदेश का रास्ता नहीं चुना बल्कि जो सुधार वो व्यक्ति में, समाज में चाहते थे, उन्होंने वो खुद से शुरु किया। जब हम परिवर्तन को, Reform को खुद जीते हैं, खुद उदाहरण बनते हैं, तभी हमारे आसपास भी सार्थक परिवर्तन होते हैं। बसवन्ना से आप उनके दैवीय गुण भी सीख सकते हैं, और साथ ही एक अच्छे प्रशासक, 

एक अच्छे सुधारक के रूप में भी उनसे प्रेरणा पा सकते हैं। भगवान बसवेश्वर की वाणी, उनके वचन, उनके उपदेश ज्ञान का ऐसा स्रोत हैं जो आध्यात्मिक भी हैं और हमें एक practical guide की तरह मार्ग भी दिखाते हैं। उनके उपदेश हमें भी एक बेहतर मानव बनने की शिक्षा देते हैं, और हमारे समाज को भी और अधिक उदार, 

दयालु और मानवीय बनाते हैं।    

और साथियों, भगवान बसवेश्वर ने जो कहा, वो ये भी बताता है कि वो कितने बड़े दूर-दृष्टा थे। आज से सदियों पहले ही भगवान बसवेश्वर ने social और gender equality जैसे विषयों पर समाज का मार्गदर्शन किया था। जब तक कमजोर को बराबरी का अधिकार और सम्मान नहीं मिलता तब तक हमारी हर उन्नति अधूरी है, 

ये बात उन्होने उस दौर में समाज को सिखाई थी।    

बसवन्ना ने एक ऐसे सामाजिक लोकतन्त्र की नींव रखी थी जहां समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की चिंता पहली प्राथमिकता हो। बसवन्ना ने मानव जीवन के हर पहलू को छुआ है, उसको बेहतर बनाने के लिए समाधान सुझाए हैं। बसवन्ना ने हमेशा श्रम का सम्मान किया। उन्होंने मेहनत को महत्व दिया। वो कहते थे समाज में बड़ा और छोटा हर व्यक्ति राष्ट्र की सेवा में एक श्रमिक ही है।    

उनका विश्व दर्शन करुणा और प्रेम से ही भरा हुआ था। उन्होने हमेशा अहिंसा और प्रेम को ही भारतीय संस्कृति के केंद्र में रखा। इसलिए आज जब हमारा देश, हमारा भारत, अनेक चुनौतियों को पार करते हुए आगे बढ़ रहा है, तो बसवन्ना के विचार उतने ही प्रासंगिक हो जाते हैं।    

उनके ईश्वरीय वचन हों या अनुभव मंटपा की उनकी लोकतांत्रिक व्यवस्था, या फिर स्वाबलंबन के प्रयास हों, 

बसवेश्वर ने हमेशा इन्हें समाज निर्माण का अहम हिस्सा माना। समाज और प्रकृति का एक-भाव, प्राकृतिक और सामाजिक संसाधनों का संयम के साथ उपयोग, उनकी ये भावनाएं जितनी सैकड़ों वर्ष पूर्व महत्वपूर्ण थीं, उतनी ही आज भी हैं।     

साथियों, 

21वीं सदी के भारत में भी मैं आज अपने आसपास, युवा साथियों में, देशवासियों में सार्थक बदलाव के लिए एक मजबूत इच्छाशक्ति, संकल्पशक्ति अनुभव करता हूं। वही संकल्पशक्ति, जिसकी प्रेरणा बसवन्ना ने दी थी।

आज भारतवासियों को ये लगता है कि परिवर्तन वाकई उनसे शुरु होता है। इस प्रकार की आशा और विश्वास देश को मुश्किल से मुश्किल चुनौतियों से बाहर निकलने में बहुत मदद करता है और कर रहा है।    

साथियों,

इसी आशा और विश्वास के संदेश को हमें आगे बढ़ाना है और मजबूत करना है। यही हमें परिश्रम और परोपकार के लिए प्रेरित करेगा। यही इस दशक में हमारे राष्ट्र को नई ऊंचाई पर ले जाएगा।    

आप सभी भगवान बसवन्ना के वचनों को, उनके आदर्शों को दुनिया भर में प्रसारित करते रहें, दुनिया को और अच्छा बनाते रहें, इसी कामना के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं।     

हां, इन सब कार्यों के बीच, आप सभी अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखिएगा और दो गज दूरी’ के नियम का भी पालन करते चलिएगा। एक बार फिर आपको बसव जयंति की अनेकों शुभकामनाएं !!

धन्यवाद !!!

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Cabinet approves and announces Productivity Linked Bonus (PLB) for 78 days to railway employees
October 03, 2024

In recognition of the excellent performance by the Railway staff, the Union Cabinet chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi has approved payment of PLB of 78 days for Rs. 2028.57 crore to 11,72,240 railway employees.

The amount will be paid to various categories, of Railway staff like Track maintainers, Loco Pilots, Train Managers (Guards), Station Masters, Supervisors, Technicians, Technician Helpers, Pointsman, Ministerial staff and other Group C staff. The payment of PLB acts as an incentive to motivate the railway employees for working towards improvement in the performance of the Railways.

Payment of PLB to eligible railway employees is made each year before the Durga Puja/ Dusshera holidays. This year also, PLB amount equivalent to 78 days' wages is being paid to about 11.72 lakh non-gazetted Railway employees.

The maximum amount payable per eligible railway employee is Rs.17,951/- for 78 days. The above amount will be paid to various categories, of Railway staff like Track maintainers, Loco Pilots, Train Managers (Guards), Station Masters, Supervisors, Technicians, Technician Helpers, Pointsman, Ministerial staff and other Group 'C staff.

The performance of Railways in the year 2023-2024 was very good. Railways loaded a record cargo of 1588 Million Tonnes and carried nearly 6.7 Billion Passengers.

Many factors contributed to this record performance. These include improvement in infrastructure due to infusion of record Capex by the Government in Railways, efficiency in operations and better technology etc.