QuoteNDA's 6 sutras for development of Bihar-for people: Education, Employment, Medical facilities; for state: Power, Water, Roads: PM
QuoteIf hitting out at Modi develops Bihar, then I'm ready to take all allegations: PM Modi
QuoteFor NDA biggest of the grounds seem minute while for 'Mahaswarthbandhan' even a small pandal becomes huge: PM Modi
QuotePeople of Bihar do not spare the one's who betrays the state. Nitish Kumar would be wiped off in the elections: PM
QuoteLies spread by Nitish & Lalu are unveiling the truth of reservation: PM Modi
QuotePeople of Bihar would press the button of development. They would vote for the NDA: PM
QuoteThe term 'Darbhanga Module' was used after blasts in Mumbai & Pune, innocent policewoman had to face consequences: PM

मंच पर विराजमान यहाँ के सभी वरिष्ठ नेतागण। चुनाव में कुशेश्वर स्थान से लोजपा के उम्मीदवार धनंजय कुमार, लोजपा के उम्मीदवार विनोद साहनी, बेनीपुर से भाजपा के उम्मीदवार गोपाल जी ठाकुर, अलीनगर से भाजपा के उम्मीदवार लाल जी यादव, दरभंगा ग्रामीण से हम पार्टी के उम्मीदवार नौशाद आलम जी, दरभंगा नगर से भाजपा के उम्मीदवार संजय जी, हयागढ़ से लोजपा के उम्मीदवार आर। के। चौधरी जी, बहादूरपुर से भाजपा के उम्मीदवार हरीश साहनी, और केवटी से भाजपा के उम्मीदवार अशोक यादव, झाले से भाजपा के उम्मीदवार द्विवेश कुमार मिश्रा, विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे भाईयों एवं बहनों।

दरभंगा के ई पावन मिथिला भूमि के नमन करै छी। बाबा कुशेश्वर के ई पावन धरती पर आई के गौरवान्वित महसूस काय रहल छी। दरभंगा की जो पहचान है – पग-पग पोखर पान मखान, सरस बोल मुस्की मुस्कान; विद्या, वैभव, शांति प्रतीक, ललित नगर मिथिला ठीक। आप सबके दिल से अभिनंदन करै छी।

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आज मैं सबसे पहले अपने प्रिय मित्र कीर्ति आज़ाद के खिलाफ़ शिकायत करना चाहता हूँ। मेरी शिकायत ये है कि जब कीर्ति स्वयं चुनाव लड़ रहे थे, मैं लोकसभा का चुनाव लड़ रहा था, तब तो आधी भीड़ भी नहीं थी और आज क्या कमाल कर दिया आप लोगों ने। जहाँ भी मेरी नज़र पहुँचती है, लोग ही लोग नज़र आते हैं। दरभंगा का मैदान भी छोटा पड़ गया है, ये चुनाव ऐसा है कि एनडीए वालों के लिए मैदान छोटा पड़ता है और महास्वार्थबंधन वालों के लिए पंडाल भी बड़ा हो जाता है।

भाईयों-बहनों, इस चुनाव अभियान का ये मेरा आखिरी कार्यक्रम है। पिछली बार मैं जब दरभंगा आया था, समय-सीमा के कारण 12-15 मिनट ही बोल पाया था, मेरे मन में भी कसक थी कि जिस मिथिला की भूमि को अटल जी इतना प्यार करते थे, वहां इतनी कम देर लेकिन आज मैं आपसे जी भर कर मिलने आया हूँ। मुझे बिहार के हर कोने में जाने और एक से बढ़कर एक रैलियों को संबोधित करने का अवसर मिला। इसे क्या कहें, चुनाव सभा, जन सभा, रैली, रैला कहें, मुझे तो लगता है कि ये मेला है, परिवर्तन का मेला है।

दिल्ली में बैठकर पॉलिटिकल पंडित हिसाब लगाते हैं कि 2% इधर जाएगा तो ये होगा, 2% उधर जाएगा तो ये होगा। पंडित जी, अपने पुराने हिसाब-किताब बंद कर दो, बिहार नया इतिहास लिखने जा रहा है। ये पुराने समीकरण और नई गिनतियाँ अब नहीं चलेंगी। बिहार की जनता ने बिहार की तो सेवा की है, इस चुनाव के माध्यम से देश की बहुत बड़ी सेवा की है। जातिवाद और संप्रदायवाद का ज़हर हमारे लोकतंत्र में खरोच पैदा कर रहा है लेकिन इस चुनाव में बिहार का नौजवान नेतृत्व कर विकास के मुद्दे पर लड़ रहा है। इस चुनाव के बाद हिन्दुस्तान की सभी पॉलिटिकल पार्टियों को विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा और इसका क्रेडिट बिहार के लोगों को जाता है। इस चुनाव में बिहार का माहौल देश के भविष्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

मैं आज सार्वजनिक रूप से प्रधान देवक के रूप में बिहार के नागरिकों का सर झुका कर अभिनंदन करता हूँ। मैं जहाँ-जहाँ गया, एनडीए के लोग जहाँ-जहाँ गए, बिहार की जनता ने पलकें बिछाकर हम सभी का स्वागत किया, इसलिए मैं आप सभी को सर झुका कर धन्यवाद करता हूँ। दूसरी बात कि पहले के मतदान के सारे रिकॉर्ड बिहार के चार चरणों ने तोड़ दिए, भारी मतदान किया, माओवादियों के बम-बंदूक की धमकी के बावजूद अभूतपूर्व मतदान किया। इससे लोकतंत्र में जो विश्वास बढ़ा है, इसके लिए मैं बिहार की जनता को नमन करता हूँ। तीसरी बात, पहले बिहार में जब भी चुनाव होता था तो ये ख़बर आती थी कि इतने पोलिंग बूथ लूटे गए, इतनी गोलीबारी हुई, इतनी हत्याएं हुईं लेकिन इस बार के शांतिपूर्ण चुनाव के लिए बिहार के मतदाताओं का ह्रदय से अभिनंदन करता हूँ।

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भाईयों-बहनों, इस चुनाव में हम विकास का मुद्दा लेकर पहले दिन से चले, लोकसभा के चुनाव में भी हमारा मुद्दा विकास था लेकिन हम आशा करते थे कि जिन्होंने यहाँ 60 साल राज किया, मैडम सोनिया जी ने 35 साल राज किया, 15 साल तक लालू जी और 10 साल तक नीतीश जी ने राज किया; ये हमारे साथ विकास के मुद्दों पर चर्चा करते, बिहार की बर्बादी के कारण और बिहार से नौजवानों के पलायन का जवाब देते लेकिन अभी भी वे 1990 के कालखंड में जी रहे हैं। उन्हें पता नहीं है कि ये 21वीं सदी चल रही है और 1990 में पैदा हुआ बच्चा आज बिहार का भाग्य बदलने को लालायित है।

दो महीने से चुनाव का अभियान चल रहा है लेकिन लालू जी हो या नीतीश जी या मैडम सोनिया जी, ये लोग बिहार के विकास पर कुछ भी नहीं बोलते। बिहार के भविष्य की किसी योजना के बारे में बात नहीं करते। 25 साल इन्होंने सरकार चलाई, ये कोई कम समय नहीं होता। एक बालक में भी 25 साल के बाद अपने माँ-बाप का पेट भरने की ताक़त आ जाती है। आप मुझे बताईये, 25 साल की इनकी सरकार में किसी का भी कोई भला हुआ? मेरी सरकार को अभी 25 महीने नहीं हुए हैं और ये लोग मेरा हिसाब मांग रहे हैं। ख़ुद का 25 साल का हिसाब देने का तैयार नहीं हैं; और हमसे हिसाब मांग रहे हैं।

चुनाव लोकतंत्र का पर्व होता है और यह पर्व लोकतंत्र को ताक़तवर बनाता है। सभी राजनीतिक दलों को अपनी बात और अपनी नीतियां बतानी होती हैं और जो सरकार में हैं उन्हें अपना हिसाब देना होता है। 2019 में जब मैं लोकसभा चुनाव के लिए आपसे वोट मांगने आऊंगा, तो मेरा फ़र्ज बनता है कि मैं आपको अपने 5 सालों का हिसाब दूँ और आपका हक़ बनता है कि आप मुझसे हिसाब मांगें। लेकिन इन लोगों को देखो, इन्हें मोदी पर कीचड़ उछालने के सिवा और कोई काम ही नहीं है। रोज नए-नए आरोप और गालियां गढ़ी जाती है, क्या इससे बिहार का भला होगा क्या? लालू जी, नीतीश जी, अगर मोदी पर आरोप लगाने से या कीचड़ उछालने से बिहार का भला होता है तो मैं मौजूद हूँ, आपको जो कहना है कहिये। बिहार का भला हो तो मैं ये झेलने के लिए तैयार हूँ।

मेरा जीवन बिहार के काम आए, इससे बड़ा भाग्य मेरा क्या हो सकता है। लालू जी, नीतीश जी, कान खोलकर सुन लीजिये, अहंकार ने आपके आँखों पर ऐसी पट्टी बांध दी है कि आप देख नहीं पाओगे, आप जितना कीचड़ उछालोगे, कमाल उतना ही ज्यादा खिलने वाला है। पहले चरण से लेकर चौथे चरण तक लगातार मतदान करने वालों की संख्या बढ़ी है और एक बात जो बाहर नहीं आई है, मुझे भी आश्चर्य लगा कि हर चरण के बाद 12-15 पोलिंग बूथ ऐसे थे जहाँ मतदान के बाद लालू जी और नीतीश जी के कार्यकर्ताओं के बीच झगड़े हुए, कहीं हाथापाई हुई, धमकियाँ हुई; मतदान पूरा होने के बाद अगर ये तुरंत लड़ना शुरू कर देते हैं तो आगे क्या होगा, आप समझ सकते हैं।

पिछले दो महीनों से चुनाव अभियान चल रहा है लेकिन क्या आपने लालू जी, नीतीश जी और राहुल जी को एक साथ मंच पर देखा, पत्रकार परिषद् में देखा, कार्यकर्ता की मीटिंग में देखा? आप उनसे सवाल पूछिये, उनके दरबारी तो पूछेंगे नहीं। जो तीन लोग चुनावी अभियान में एकसाथ नहीं आए, वो बाद में क्या साथ आएंगे और साथ में चलेंगे। जिन्हें ख़ुद पर विश्वास नहीं है, वो आपका भला नहीं कर सकते।

मुझे अपने विश्वस्त सूत्रों से पता चला, उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने उनसे पूछा कि क्या हमारा मुख्यमंत्री नहीं बन सकता है, क्या आपका बेटा नहीं बन सकता है, लालू जी के मुंह में पानी आ गया, उनको ख़ुशी होने लगी कि हाँ, संभावना दिखती है; दूसरे ने पूछा कि अगर चुनाव हार जाते हैं तो विपक्ष का नेता कौन बनेगा; इस पर लालू जी ने जवाब दिया कि मैंने तो नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनने पर समर्थन देने का वाद किया है न कि विपक्ष के नेता बनने का वादा। लालू जी ने कहा कि चुनाव हारने पर तो विपक्ष का नेता हमारा बेटा बनेगा। मैं सार्वजनिक रूप से मैं लालू जी से पूछना चाहता हूँ कि आप बिहार की जनता को बताओ कि विपक्ष का नेता कौन होगा, लालू जी का बेटा होगा या नीतीश बाबू होंगे, क्योंकि आपका चुनाव हारना तय है। ये मेरी मांग है आपसे।

मैं आपको एक पुरानी घटना याद कराना चाहता हूँ। जब मुंबई में बम धमाके हुए तो हमारे देश में आतंकी दुनिया के लिए एक शब्द चल पड़ा था - दरभंगा मॉड्युल, और कारण ये थे कि कुछ लोग यहाँ बैठ कर हिन्दुस्तान में आतंकवाद फ़ैलाने का षड़यंत्र रच रहे हैं। यहाँ पर एक जाबांज पुलिस अधिकारी महिला थी, दलित कन्या थी, उसने हिन्दुस्तान के निर्दोष नागरिकों की रक्षा के लिए आतंकवादी गतिविधि करने वाले लोगों की कार ढूंढने की कोशिश की। इस महास्वार्थबंधन के निकट के नेता के घर तक आतंकवाद के तार जाने लगे थे, तब सरकार में बैठे लोगों ने आतंकवाद से जुड़े नेताओं पर कदम नहीं उठाया लेकिन उस पुलिस अफसर को यहाँ से जाने और बिहार छोड़ने के लिए मज़बूर कर दिया। आप देश की रक्षा के साथ समझौता करने वाले और आतंकवादियों पर कृपा करने वाले लोगों को पटना में सरकार में बिठाएंगे क्या?

बिहार का भाग्य बदलने के लिए भाजपा, एनडीए का आप समर्थन करें, इसके लिए मैं आपके पास वोट मांगने आया हूँ। भाईयों-बहनों, मेरे पास एक जानकारी है, सही है या गलत पता नहीं क्योंकि समय के अभाव के कारण मैं वेरीफाई नहीं कर पाया, 1990 में लालू जी की सरकार ने बिहार के लोक सेवा आयोग से मैथिलि भाषा को निकाल दिया था, लालू जी ने मैथिलि भाषा का अपमान किया लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली में एनडीए की सरकार बनने के तुरंत बाद 2002 में संविधान की 8वीं सूची में इसे स्थान दिया गया। हम अपमानित करना नहीं बल्कि सम्मानित करना जानते हैं।  

हमने 1 लाख 25 हज़ार करोड़ का पैकेज और 40 हज़ार करोड़ पुराना वाला जो कागज़ पर पड़ा था जिसकी न कोई फाइल थी, न बजट था लेकिन बिहार के प्रति मेरा यह प्यार है, बिहार के लिए हमें कुछ करना है, हमने निर्णय लिया इसे देने का। हमने सब मिलाकर 1 लाख 65 हज़ार करोड़ का पैकेज दिया जो बिहार का भाग्य बदलने और यहाँ के लोगों का जीवन बदलने की ताकत रखता है। विकास के बिना बिहार की समस्याओं का समाधान नहीं होगा। बिहार एक ज़माने में हिन्दुस्तान का सिरमौर हुआ करता था लेकिन 25 साल में जंगलराज और जंतर-मंतर ने बिहार को बर्बाद कर दिया। इन दोनों की जुगलबंदी वो भी बर्बाद कर देगी जो कुछ बिहार में अब बचा हुआ है।

कोई स्कूटर अगर छोटे से गड्ढ़े में फंस जाए तो 3-4 लोग निकालें तो निकल जाता है लेकिन अगर स्कूटर कुएं में गिरा हो तो उसको निकालने के लिए ट्रेक्टर की ज़रुरत होती है। 25 साल की इनकी सरकार ने बिहार को ऐसे गड्ढ़े में डाल दिया है जिसे निकालने के लिए दो-दो इंजन की जरुरत है। पटना और दिल्ली के दो इंजन लगेंगे तब यह बिहार गड्ढ़े में से बाहर आएगा। एक इंजन बिहार में जो नई सरकार बनेगी वो और दूसरा इंजन दिल्ली में मेरी सरकार जो आपने बनाई है।

भाईयों-बहनों, हम चुनाव के मैदान में विकास के मुद्दे को लेकर आए थे। लालू जी और नीतीश जी के पास विकास का ‘व’ बोलने की कोई जगह नहीं है और इसलिए उन्होंने चुनाव को जातिवाद के रंग में रंगने का नाटक किया। आरक्षण को लेकर महीने भर चीखते-चिल्लाते रहे, दिल्ली में उनके दरबारी भी इसी बात को बढ़ाते रहे। इन्होंने एक काल्पनिक भय पैदा किया और आरक्षण के नाम पर हौवा खड़ा किया। उनकी हर बात में बस आरक्षण था। जब एक दिन मुझे लगा कि इनका गुब्बारा बहुत बड़ा हो गया है तो मैंने एक छोटी सी सुई लगा दी और उनका पूरा गुब्बारा नीचे आ गया। उनकी सारी पोल खुल गई है।

यही लालू जी और नीतीश जी ने आरक्षण पर पुनर्विचार करने की मांग की थी। उन्हें चिंता अपनी कुर्सी की थी और जब मैंने उनका वीडियो निकाल दिया तो पिछले एक हफ़्ते से आरक्षण का नाम लेना भूल गए। बिजली की तो वो कोई बात ही नहीं करते क्योंकि उन्हें डर है कि अगर बोल दिया तो लोग उनसे हिसाब मांगेंगे क्योंकि 2010 में नीतीश जी ने कहा था कि अगर घर-घर बिजली नहीं पहुंचाऊंगा तो 2015 में अगले चुनाव में वोट मांगने नहीं आऊंगा। बिजली नहीं तो वोट नहीं, ऐसे उन्होंने कहा था कि नहीं? उन्होंने अपना वादा तोड़ा है, आपसे धोखा किया है। जो जनता से धोखा कर सकते हैं, जनता उन्हें कभी स्वीकार नहीं करती।

बिहार की जनता जब देती है तो छप्पर फाड़ कर देती है; कांग्रेस को 35 साल तक दिया और जब लेती है तो चुन-चुन कर साफ़ कर देती है। जब लालू जी को दिया तो जी भर दिया लेकिन जब लालू जी पर गुस्सा आया तो फ़िर किसी को बचने नहीं दिया। अब बारी आई अहंकार की, बिहार अहंकार को बर्दाश्त नहीं कर सकता और अब अहंकार की विदाई की बारी है। नीतीश बाबू ने कहा था कि अगर किसी का भ्रष्टाचार पकड़ा गया तो उसकी मिल्कियत जब्त कर ली जाएगी और उसके घर में स्कूल खोला जाएगा। नीतीश जी रोज इस बात का ढोल पीटते थे। लोगों को क्यों मूर्ख बना रहे हैं? जेडीयू के मंत्री कैमरा के सामने घूस लेते पकड़े गए। ये अभी से ऐसा काम कर रहे हैं तो चुनाव के बाद क्या करेंगे। बिहार बेचने का एडवांस लिया जा रहा है। अब नीतीश बाबू बताएं कि उनका घर कब्ज़े में किया क्या, उनके घर में स्कूल खोला?

भाईयों-बहनों, बिहार में आप लोगों के लिए मेरा तीन सूत्रीय कार्यक्रम है – पढ़ाई, कमाई और दवाई। बिहार के गरीब से गरीब बच्चे को अच्छी एवं सस्ती शिक्षा मिलनी चाहिए। हर मां अपने बच्चों को पढ़ाना चाहती है, लेकिन बिहार में पढ़ाई की इतनी हालत खराब है कि बच्चों की पढ़ाई के लिए माँ-बाप को अपनी ज़मीन गिरवी रखनी पड़ती है। ये हमें शोभा देता है क्या? इसलिए मेरा संकल्प है, बिहार के बच्चों को सस्ती एवं अच्छी पढ़ाई। मेरा दूसरा सपना है, कमाई; नौजवान के लिए रोजगार। बिहार में नौजवान को अपना राज्य और अपने माँ-बाप को छोड़ना पड़ता है। बिहार के नौजवान को यहीं पर रोजगार का अवसर मिलना चाहिए और ये पलायन बंद होना चाहिए। इसलिए मेरा दूसरा संकल्प है, बिहार के नौजवानों के लिए कमाई। मेरा तीसरा सपना है, दवाई; बुजुर्गों के लिए सस्ती दवाई, दवाखाना और डॉक्टर होना चाहिए।

बिहार राज्य के लिए तीन कार्यक्रम है - बिजली, पानी एवं सड़क। बिजली आएगी तो कारखाने लगेंगे, और इससे रोजगार मिलेगा। बिजली के लिए अकेले दरभंगा को मैंने पौने 400 करोड़ आवंटित कर दिये हैं। बिहार को जो सौभाग्य मिला है, वो किसी और राज्य को नहीं मिला है; बिहार की दो ताक़त है - बिहार का पानी और बिहार की जवानी। ये दोनों पूरे हिन्दुस्तान का भाग्य बदल सकती हैं। किसान को अगर पानी मिल जाए तो वो मिट्टी में से सोना पैदा कर सकता है। हमारा दूसरा संकल्प है - खेतों में पानी, उद्योगों को पानी और पीने का पानी पहुँचाना। तीसरा मेरा संकल्प है – सड़क; बिहार में सडकों का जाल हो। गाँव ज़िले से, ज़िला राज्य से, राज्य दिल्ली से जुड़ जाए, ऐसा नेटवर्क बनाना है ताकि बिहार का सीधा मार्ग विकास की ओर चल पड़े, इन कामों को लेकर मैं आगे बढ़ना चाहता हूँ।

विकास ही एक मंत्र है, विकास के लिए मैं आपका आशीर्वाद लेने आया हूँ। मैं आपसे वोट विकास के लिए मांगता हूँ। पहले चरण से लेकर चौथे चरण तक लगातार मतदान करने वालों की संख्या बढ़ी है और अब पांचवे चरण में आप सारे रिकॉर्ड तोड़ दोगे न? आप सब दस-दस परिवारों से वोट कराओ, भाजपा, एनडीए को वोट कराओ।  मेरे साथ बोलिये –

भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!        

बहुत-बहुत धन्यवाद!

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For the benefits of central schemes to reach Bengal, a BJP government is essential: PM Modi in Kolkata
August 22, 2025
QuoteThe BJP government at the Centre has continuously supported Bengal’s growth: PM Modi in Kolkata
QuoteTMC and Congress have surrendered to appeasement and encourage infiltrators for vote-bank politics: PM Modi exposed the opposition big time in Bengal
QuoteFor the benefits of central schemes to reach Bengal too, a BJP government in the state is essential: PM’s promise of a double-engine government in Bengal
QuoteTMC’s mission is not to help people, but only to block BJP: PM Modi in Bengal rally
Quote“TMC jabe, BJP ashbe!”: PM Modi’s reassurance in Bengal

भारत माता की, भारत माता की।

बोरोरा आमार// प्रोणाम नेबेन// छोटारा भालोबासा। दक्षिणेश्वर काली मंदिर और कालीघाट मंदिर, श्री श्री 108 करुणामयी काली माता मंदिर, दमदम बालाजी हनुमान, रामकृष्ण सेवा मंदिर, इन सभी पावन स्थानों में विराजमान देवी-देवताओं को मैं आस्थापूर्वक नमन करता हूं। आज कौशकी अमावस्या का पावन दिन भी है। मैं आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,
मैं ऐसे समय में कोलकाता आया हूं, जब दुर्गापूजा की तैयारियां शुरु हो गई हैं। कुमरटुली में, माता दुर्गा की प्रतिमा गढ़ी जा रही है। बड़ा बाजार से पार्क स्ट्रीट तक, कोलकाता नए रंग में, नई रौनक के साथ सज रहा है। आस्था और आनंद के पर्व के साथ, जब विकास का पर्व भी जुड़ जाता है, तो खुशी दोगुनी हो जाती है। यहां से कुछ ही दूरी पर मुझे कोलकाता मेट्रो और हाईवे से जुड़े बड़े प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण का अवसर मिला है। मैं दमदम के, कोलकाता के आप सभी लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

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साथियों,
पश्चिम बंगाल आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्यों में से एक है। इसलिए, जबतक पश्चिम बंगाल का सामर्थ्य नहीं बढ़ेगा तबतक विकसित भारत की यात्रा सफल नहीं हो पाएगी। क्योंकि बीजेपी का conviction है, बीजेपी मानती है, बीजेपी की श्रद्धा है... बांग्लार उदोय// तबेई// विकोशितो भारोतेर जॉय! इसलिए बीते 11 वर्षों में केंद्र की बीजेपी सरकार ने पश्चिम बंगाल के विकास के लिए लगातार हर प्रकार की मदद दी है। बंगाल में नेशनल हाईवे के निर्माण के लिए जितना पैसा कांग्रेस की यूपीए सरकार ने अपने 10 साल में दिया था, उससे तीन गुना ज्यादा पैसा भारत सरकार ने पश्चिम बंगाल को दिया। रेलवे के लिए भी बंगाल का बजट, पहले की तुलना में तीन गुणा बढ़ाया गया है। लेकिन साथियों, बंगाल में विकास कार्यों के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती भी है। चुनौती ये कि बंगाल के लिए जो पैसा हम राज्य सरकार को सीधे भेजते हैं, उसका ज्यादातर हिस्सा यहां लूट लिया जाता है। जो पैसा भारत सरकार दिल्ली से भेजती है वो पैसा आप पर नहीं खर्च होता, वो पैसा महिलाओं का जीवन आसान बनाने के लिए नहीं खर्च होता, वो पैसा TMC काडर पर खर्च होता है। इसलिए गरीब कल्याण की अनेक योजनाओं में बंगाल देश के दूसरे राज्यों से पिछड़ा हुआ है।

साथियों,
यही स्थिति कुछ साल पहले हमारे पड़ोस में असम की थी, त्रिपुरा की थी। लेकिन जब से असम और त्रिपुरा में भाजपा सरकार बनी है, गरीब कल्याण की योजनाओं का लाभ वहां जनता को मिलने लगा है। आज इन राज्यों में हर घर जल का काम तेजी से चल रहा है। आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज हर गरीब को मिल रहा है। गरीबों के पक्के घर बन रहे हैं। बंगाल में भी जनता तक सारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए जरूरी है कि यहां पश्चिम बंगाल में भाजपा सरकार होनी चाहिए। ये अब तय है टीएमसी जाबे//बीजेपी आशबे!

भाइयों और बहनों,
ये धरती सतीश चंद्र दासगुप्त, सुरेंद्रनाथ बंद्दोपाध्याय, गोष्ठ पाल और हरिनाथ डे...ऐसी अनेक विभूतियों की धरती है। इस धरती ने, देश को, समाज को समय-समय पर नई चेतना दी है। ये धरती पुनर्जागरण का केंद्र रही है। यहीं वो अमर वाणी गूंजी है, जो कहती है “जागो// ओठो// नबोजीबोनेर गाने नबो आलोक// जालाओ// प्राणे-प्राणे।”

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साथियों,
आज पश्चिम बंगाल को सच में नई रोशनी की ज़रूरत है, सच्चे परिवर्तन की ज़रूरत है। पश्चिम बंगाल ने, आज़ादी के बाद पहले कांग्रेस और फिर लेफ्ट का लंबा दौर देखा है। इसके बाद, 15 साल पहले, पश्चिम बंगाल के आप लोगों ने परिवर्तन करने का फैसला किया था। आप लोगों ने मां-माटी-मानुष के नारे पर भरोसा किया था। लेकिन हालात पहले से भी ज्यादा खराब हो गए। भर्ती घोटालों से नौजवानों का भविष्य खराब हो गया। बहनों-बेटियों पर अत्याचार बढ़ गए। क्राइम और करप्शन, ये टीएमसी सरकार की पहचान बन गए। ये पक्का है कि जब तक बंगाल में TMC की सरकार रहेगी, तब तक बंगाल का विकास अवरुद्ध रहेगा, रुका रहेगा। इसलिए आज बंगाल का जन-जन कह रहा है- टीएमसी जाएगी तभी असली बदलाव आएगा। टीएमसी जाबे// तॉबेई,// आशोल // पोरिबोर्तोन //आशबे।

साथियों,
21वीं सदी के 25 साल तो बीत चुके हैं। आने वाले साल देश की तरह ही बंगाल के लिए भी बहुत अहम हैं। हमें ये समय ऐसे ही नहीं निकलने देना है। इसलिए बंगाल को चाहिए--सच्चा परिवर्तन। आशोल पोरिबोर्तोन परिवर्तन, जो नारे में नहीं, काम में दिखे। परिवर्तन, जो उद्योग लगाए, घर के बेटे-बेटी को बंगाल में ही नौकरी दे। परिवर्तन, जो बेटियों को सुरक्षा दे, मकान और दुकान को जलने से बचाए। परिवर्तन, जो किसान को सुविधा दे, सम्मान दे, फसल का सही दाम दे। परिवर्तन, जहां अपराधी और भ्रष्टाचारी, सरकार में नहीं जेल में होंगे। ऐसा परिवर्तन, जहां सुशासन होगा, गरीब से गरीब भी सम्मान का जीवन जीएगा। और ये सच्चा परिवर्तन सिर्फ और सिर्फ भाजपा ही ला सकती है। और इसीलिए बंगाल के घर-घर में हमें एक बात पहुंचानी है। बंगाल के हर कोने से एक ही आवाज आनी चाहिए- बाचते चाई,// बीजेपी ताई। यही बंगाल की असली पुकार है, यही बंगाल का भविष्य है।

साथियों,
ये वर्ष डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जन्म-जयंति का 125वां वर्ष है। भाजपा का तो जन्म ही डॉक्टर मुखर्जी के आशीर्वाद से हुआ है। वे भारत के औद्योगिक विकास के जनक रहे हैं। दुर्भाग्य से कांग्रेस ने कभी उनको इसका श्रेय नहीं दिया। देश के पहले उद्योग मंत्री के रूप में, भारत की पहली इंडस्ट्रियल पॉलिसी उन्होंने ही बनाई थी। उनकी नीतियों में बंगाल की इस धरती की कुशलता थी, यहां से मिला अनुभव था। अगर हम उसी नीति पर चले होते तो देश की तस्वीर कुछ और होती। लेकिन उन नीतियों को भुला दिया गया। फिर ऐसा भटकाव हुआ कि हम पूरी तरह से विदेशों पर निर्भर हो गए। मेरे प्यारे बंगाल के भाइयों-बहनों हमें गर्व है कि हम डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सैनिक हैं। हम मां भारती के सेवक हैं। जो सपने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देखे थे। उसके लिए एक सैनिक की तरह हम अपना जीवन खपा रहे हैं। बंगाल की प्रबुद्ध जनता जानती है कि दूसरों पर निर्भरता यानि आत्मसम्मान पर चोट। इस स्थिति से हमें देश को बाहर निकालना है। इसलिए आज देश ने आत्मनिर्भरता का मूलमंत्र लेकर के नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने का फैसला लिया है। मेक इन इंडिया आज एक बड़ी सिद्धि बन रहा है। जिसके लिए हमारा कोलकाता, हमारा बंगाल जाना जाता था। वो गौरवशाली अतीत हमें मिलकर फिर से लौटाना है। इसलिए आज बंगाल में एक ही गूंज है- टीएमसी के// शोराओ, बांग्ला के // बाचाओ !

साथियों,
भाजपा जो संकल्प लेती है, वो सिद्ध करके दिखाती है। इसका ताजा प्रमाण अभी हमने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखा है। हमारी सेना ने सीमापार आतंकियों और आतंक के आकाओं के अड्डों को खंडहर में बदल दिया। हमारी सेनाओं ने आतंकियों को ऐसा सबक सिखाया कि पाकिस्तान की आज भी नींद उड़ी हुई है। भारत की इस सफलता के पीछे बहुत बड़ी शक्ति, मेड इन इंडिया अस्त्र-शस्त्र की रही है। और मुझे गर्व है कि भारत की सेना को ताकत देने में बंगाल की, इस इलाके की भी बड़ी भूमिका है, बहुत बड़ा योगदान है। इच्छापुर में गुलामी के कालखंड में डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग का काम शुरु हुआ था। लेकिन कांग्रेस की सरकारों ने भारत की ऐसी डिफेंस इंडस्ट्री को बर्बाद कर दिया था। हमारी सेना को विदेशों पर निर्भर कर दिया था। अब भाजपा सरकार ने भारत की डिफेंस इंडस्ट्री को नई ऊर्जा दी। इसका लाभ, यहां की फैक्ट्री को भी मिला है। आज ये फैक्ट्री आधुनिक राइफल और अन्य हथियार बना रही है। इससे यहां छोटे-छोटे उद्यमियों के लिए भी नए अवसर बने हैं। इन कारखानों के कारण, दमदम–बैरकपुर क्षेत्र में हज़ारों लोगों को रोज़गार मिल रहा है।

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साथियों,
इच्छापुर डिफेंस फैक्ट्री सिर्फ एक उदाहरण है। आप यहां 2026 में भाजपा सरकार बनाइए, हम बंगाल को डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों का बंगाल बनाएंगे। बंद पड़े कारखाने फिर से खुलेंगे, नया निवेश और नए कारखाने लगेंगे और दमदम फिर से इंडस्ट्रियल हब बनेगा। ये भाजपा का संकल्प है। बीकोशितो// बांग्ला, मोदीर गारंटी।

साथियों,
भाजपा के पास पश्चिम बंगाल के विकास का एक ठोस प्लान है, एक रोडमैप है। लेकिन टीएमसी- विकास की दुश्मन है। इसका साक्षी ये दमदम क्षेत्र भी है। ये कोलकाता के सबसे अधिक भीड़भाड़ वाले इलाकों में से एक है। यहां की स्थिति क्या है, ये आप आए दिन महसूस करते हैं। देश के ऐसे शहरी क्षेत्रों के विकास के लिए स्मार्ट सिटी मिशन चल रहा है। लेकिन टीएमसी सरकार ने इस मिशन से जुड़ने से भी इनकार कर दिया है। लोगों को असुविधा होती रहे, विकास ठप्प होता रहे, लेकिन टीएमसी का मिशन, जैसे-तैसे बीजेपी को रोकना है, केंद्र की योजनाओं को रोकना है। मैं बंगाल के भद्रलोक से पूछता हूं। क्या ये तरीका सही है? क्या ऐसी पॉलिटिक्स से पश्चिम बंगाल का भला होगा? इसलिए, मुझे आप सभी का आशीर्वाद चाहिए। आप यहां भी भाजपा को एक बार अवसर देकर देखिए।

साथियों,
बंगाल में भाजपा आएगी, तो रेल और मेट्रो का तेज़ी से विस्तार होगा। मैं तो चाहूंगा कि यहीं पर इलेक्ट्रिक वीकल से जुड़ा व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर बने। यहां बहुत बड़ी मात्रा में इन्वेस्टमेंट आए, नौजवानों को रोजगार मिले। ये तभी होगा जब यहां कानून का राज आएगा। जब यहां भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और जब बंगाल में डबल इंजन की भाजपा सरकार होगी।

साथियों,
पश्चिम बंगाल के पास, इतिहास और संस्कृति की भी अनमोल धरोहर है। ये बांग्ला विरासत, विकसित बंगाल बनाने के अभियान को प्रेरणा देगी। बीजेपी सरकार पूरे गर्व के साथ बांग्ला भाषा और बांग्ला संस्कृति को सशक्त करने में जुटी है। ये हमारा सौभाग्य है कि हमें बांग्ला भाषा को, क्लासिकल लैंग्वेज यानि शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने का सौभाग्य मिला। साथियों, यहां बनने वाली भाजपा सरकार हैरिटेज टूरिज्म पर भी बल देगी।

साथियों,
हम गंगा जी पर जो इनलैंड वॉटरवे बना रहे हैं या फिर जो हमारा समंदर है, इसमें क्रूज़ टूरिज्म के लिए बहुत संभावनाएं हैं। ऐसी हर संभावना को भाजपा सरकार बनने के बाद तलाशा जाएगा। ताकि पश्चिम बंगाल के नौजवानों को काम के लिए कहीं और जाने के लिए मजबूर न होना पड़े।

साथियों,
इस बार लाल किले से मैंने देश की एक बहुत बड़ी चिंता की चर्चा की है। ये चिंता घुसपैठ के बढ़ते खतरे की है। कोलकाता के, पश्चिम बंगाल के लोग, समय से आगे की सोचते हैं। इसलिए आपके बीच मैं लगातार इस बहुत बड़ी राष्ट्रीय चुनौती की चर्चा करता रहा हूं। आजकल आप देखते हैं, जिन देशों को विकसित कहा जाता है, जिनके पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है, वहां घुसपैठियों के खिलाफ मुहिम चल रही है। ये देश अब घुसपैठियों को ज्यादा नहीं सह सकता। घुसपैठियों को निकालना चाहिए कि नहीं निकालना चाहिए? घुसपैठिए जाने चाहिए कि नहीं जाने चाहिए? उनको भगाना होगा कि नहीं भगाना होगा? कौन भगा सकता है? कौन भगा सकता है? घुसपैठियों से बंगाल को कौन मुक्त करा सकता है? साथियों, मोदी नहीं, भाजपा नहीं, आपका एक वोट करा सकता है, आपका एक वोट। एक बार वोट दे दीजिए, ये घुसपैठिए भाग जाने लग जाएंगे।

साथियों,
भारत के पास तो संसाधन सीमित हैं। हमें अपने नौजवानों को रोजगार देना है। अपने नागरिकों को सुविधाएं देनी हैं। जो घुसपैठिए, हमारे नौजवानों का रोजगार छीन रहे हैं, जो हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर पर दबाव डाल रहे हैं, जो हमारी बहनों-बेटियों के साथ आत्याचार कर रहे हैं, ऐसे घुसपैठियों को हम भारत में नहीं रहने देंगे। इसलिए भारत सरकार ने घुसपैठियों के खिलाफ इतना बड़ा अभियान चलाया हुआ है। लेकिन साथियों, मुझे हैरानी है कि TMC- कांग्रेस समेत कुछ इंडी अलायंस के राजनीतिक दल, तुष्टिकरण के आगे घुटने टेक चुके हैं। ये राजनीतिक दल, सत्ता की भूख के लिए घुसपैठ को बढ़ावा दे रहे हैं। कुछ जगह पर दिख रहा है, उन्होंने घुसपैठियों की शरण ले ली है।

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साथियों,
पश्चिम बंगाल तो सीमावर्ती राज्य है। जिस प्रकार, बॉर्डर के इलाकों में डेमोग्राफी बदली जा रही है। ये पश्चिम बंगाल में सामाजिक संकट भी पैदा कर रहा है। खासतौर पर किसानों से धोखाधड़ी करके उनकी ज़मीन पर कब्जा किया जा रहा है। आदिवासियों को गुमराह करके उनकी जमीन हड़पी जा रही है। देश ये सहन नहीं कर सकता। इसको रोकना ही होगा। इसलिए, इस बार लाल किले से मैंने घुसपैठ के खिलाफ विशेष डेमोग्राफी मिशन की घोषणा की है। जो लोग सिर्फ यहां हमारे लोगों की रोज़ी-रोटी छीनने आए हैं, जो फर्जी तरीके से कागज बनाकर रुक गए हैं, उनको यहां से जाना ही होगा। और ये काम ईमानदारी से हो पूरा हो सके, इसके लिए टीएमसी सरकार को भी यहां से जाना ही होगा।

साथियों,
पिछले 11 साल से देश भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है। अब इसी दिशा में देश ने एक और बड़ा कदम उठाया है। इस बार लोकसभा में भाजपा सरकार एक बहुत बड़ा एंटी करप्शन बिल लेकर आई है। मैं बंगाल के लोगों से इस बिल के बारे में विशेष तौर पर बात करूंगा। साथियों, आप भी जानते हैं... हमारे देश में, अगर एक छोटा सा सरकारी कर्मचारी...चाहे वो कर्मचारी ड्राइवर हो, प्यून हो, सरकार की किसी कैंटीन में काम करता हो, सरकार में कहीं साफ-सफाई का काम करता हो, अगर उस कर्मचारी को किसी पुलिस वाले ने जेल में बंद कर दिया तो करीब-करीब 50 घंटे में अगर उसको जमानत नहीं मिली और 50 घंटे जेल में रह गया, तो ऑटोमेटिक उसकी नौकरी चली जाती है, सस्पेंड हो जाता है। एक छोटा मुलाजिम दो दिन अगर जेल में रहे तो उसकी जिंदगी तबाह करने के कानून है, लेकिन कोई मुख्यमंत्री, कोई मंत्री, प्रधानमंत्री अगर जेल चला जाए तो उसके लिए कोई कानून नहीं है। और हालत तो देखिए, आजकल ये लोग, इतने गिरे हैं, इतने गिरे हैं कि जेल से भी सरकार चलाने की कोशिश कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल ने ये साक्षात देखा है। बार-बार कई बार अनुभव किया है। टीएमसी के एक मंत्री टीचर्स घोटाले में आज तक जेल में हैं। शिक्षक भर्ती का गंभीर घोटाला, घर से नोटों का पहाड़ मिला, लेकिन तब भी वो मंत्री कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं थे। जनता की हर भावना को यहां निर्ममता से कुचला जाता रहा। इसी तरह, टीएमसी के एक और मंत्री पर गरीबों का राशन लूटने का आरोप है। इनकी भी करोड़ों रुपए की संपत्ति ज़ब्त हो चुकी है। ये मंत्री भी जेल जाने के बाद कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं थे। इन्होंने भी जनता की भावना की, संविधान की भावना की कोई परवाह नहीं की।

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साथियों,
आप मुझे बताइए, ऐसे लोग जो भ्रष्ट हैं, जो जनता को धोखा दे रहे हैं, क्या उन्हें सरकार में अपने पद पर रहने का हक है? हमने तो ये देखा है कि मुख्यमंत्री तक जेल जाते हैं लेकिन वो जेल से सरकार चलाते हैं। ये संविधान का, लोकतंत्र का सरासर अपमान है। और मोदी संविधान का ये अपमान होते नहीं देख सकता। इसलिए मैंने तय किया कि ये सब नहीं चल सकता। मंत्री और मुख्यमंत्री हो, और इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री को भी इस सख्त कानून के दायरे में ले आया हूं। अगर पीएम भी 30 दिन जेल में रहें और उन्हें जमानत ना मिले तो अगले दिन उनकी कुर्सी चली जाएगी। लेकिन साथियों, टीएमसी के लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ इस कार्रवाई पर भड़क गए हैं। वो इस कानून का विरोध कर रहे हैं। टीएमसी के लोगों ने संसद में इस बिल को फाड़ने की कोशिश की है। ये दिखाता है कि टीएमसी की पूरी राजनीति कैसे भ्रष्टाचार के पहाड़ पर टिकी है। इसलिए ये लोग इतने डरे हुए हैं भ्रष्टाचारियों को बचाने में जुटे हैं।

साथियों,
हर चुनौतियों को परास्त करते हुए पश्चिम बंगाल, फिर से भारत के विकास का पावर हाउस बनकर रहेगा। इस संकल्प को लेकर हमें आगे बढ़ना है। आप याद रखिए और औरों को भी बताइए, हर गली-मोहल्ले में, बंगाल के हर कोने में एक ही मंत्र एक ही नारा गूंजता रहना चाहिए ... बाचते चाई,// बीजेपी ताई। एक बार फिर, आप सभी को इतनी विशाल संख्या में, और इतनी ऊर्जा के साथ इस सभा को सफल बनाने के लिए मैं आपका आभार मानता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय ! भारत माता की जय ! भारत माता की जय !
वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे।