Better health paves the way for a better future: PM Modi

Published By : Admin | September 8, 2022 | 11:01 IST
Surat is exemplary for their unity and one of the “Panch Pran” is instilled in the people of Surat: PM Modi on how Surat united itself against colonial rule
Ayushman Bharat has been strengthening the people of India and making them “Aatmanirbhar”: PM Modi on how health of countrymen is an important factor for the progress of the nation
India has achieved the distinction of becoming the world's 5th largest economy. With this achievement, the country has got the courage to work harder: PM Modi

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र भाई पटेल, भारतीय जनता पार्टी, गुजरात प्रदेश अध्यक्ष और संसद में मेरे साथी श्री सी. आर. पाटिल, राज्य सरकार के मंत्री मुकेश भाई, भारतीय जनता पार्टी के लाखों कार्यकर्ता, विभिन्न योजनाओं के सभी लाभार्थी भाई-बहन और सूरत जिले के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, आज सूरत में एक तरह से डबल इंजन सरकार, भूपेंद्र-नरेंद्र सरकार अलग-अलग योजनाओं के हजारों लाभार्थियों का ये संगम देखना, आप सबके दर्शन करना ये अपनेआप में मेरे लिए सौभाग्य का विषय है। मुझे खुशी होती कि आज मैं ओलपाड आया होता, आप सबके बीच में होता, तो मुझे और आनंद आया होता, लेकिन आपलोगो ने मुझे ऐसा काम दिया है कि मैं आपलोगों के बीच में उतना आ नहीं पाता हूं। फिर भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से टेक्नोलॉजी के माध्यम से आपको मिलने का मौका मिला, कुछ परिवारों से बातचीत करने का मौका मिला, आप सबका दर्शन करने का मौका मिला ये मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। और आज मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी की बात है मेगा मेडिकल कैंप, ये अपनेआप में कल्पना ही बहुत बड़ी है, एक साथ हजारों लोगों की जांच और मुफ्त इलाज की योजना, मैं मानता हूं कि लोगों को जोड़ना, ये सेवा-भाव, सेवा का इतना बड़ा पवित्र काम। इसके लिए मैं आपलोगों को जितनी बधाई दूं उतनी कम है।

गरीब से गरीब के आरोग्य की इतनी चिंता करना, सरकार की योजनाओं से कोई छूट ना जाए, इसके लिए विशेष कैंप लगाकर प्रयास करना, इसके लिए मैं मुकेश भाई को और उनकी पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। और देखिए आरोग्य में जब सेवा करते हैं तो कितने आशीर्वाद मिलते हैं, अभी मैं कंचन बैन को सुन रहा था, उनका किडनी का ऑपरेशन हुआ, किडनी में उन्हें पत्थर की तकलीफ थी, लेकिन आज वो कितने आशीर्वाद दे रही थी। आज जो आप आरोग्य का कैंप लगा रहे हैं, मुझे लगता है कि आपका आशीर्वाद पूरे गुजरात के काम आने वाले हैं। सेवा के ऐसे कार्यों में भूपेंद्र भाई के नेतृत्व में पूरी सरकार और सी. आर. पाटिल के नेतृत्व में भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता सेवा भाव से काम कर रहा है। यही सेवा भाव, यही सद्भावना है जिसको गुजरात की जनता का बार-बार आशीर्वाद मिलता है, प्यार और स्नेह मिलता है। आज इस मेडिकल कैंप में भी भाजपा के प्रति गुजरात के लोगों का ये जो स्नेह है, मैं दूर-दूर तक देख रहा हूं यहां टीवी पर, मेरी नजर जहां पहुंचती है वहां लोग ही लोग हैं।

भाइयों और बहनों,

मैं अक्सर सूरत की सद्भावना, सूरत के लोगों के सामर्थ्य, सूरत के लोगों की इच्छाशक्ति की बात करता रहता हूं। ...(गुजराती)... आपको याद है गुलामी के समय में, सूरत देश के उन पहले स्थानों में था जहां नमक कानून का विरोध हुआ था। सेवा-भाव क्या होता है, इसको सूरत और सूरत के लोग बखूबी समझते हैं, ...(गुजराती)... गरीब हो , दलित हो, पिछड़े हो, आदिवासी हो, श्रमिक हो, व्यापारी हो, कारोबारी हो, अन राज्यों से आए हुए लोग हो सभी मिलकर सूरत की प्रगति की बागडोर संभालते हैं। लाल किले से मैंने जिन पंच-प्राणों की बात की है, उनमें से एकता का प्राण मेरा पांचवां प्रण था, जिसका कि मैंने देश की एकता के रूप में उल्लेख किया था। आज आप सूरत के अंदर देखेंगे कि सूरत के रग-रग में एकता का भाव है। और इसलिए सूरत का मेरे हृदय में बहुत विशेष स्थान भी रहा है।

भाइयों और बहनों,

बाढ़ और महामारियों ने अनेक बार सूरत की परीक्षा ली है। लेकिन सूरत में एकजुटता के आगे कोई भी चुनौती टिक नहीं पाई है। महामारियों के नाम पर सूरत के विरुद्ध अपप्रचार की कोशिशों को भी हमने मिलकर नाकाम किया है। सूरत ने मुझे जितना सहयोग और आशीर्वाद दिया है, उसे मैं कभी नहीं भूल सकता। मुझे याद है, जब बरसों पहले तापी में बाढ़ आई थी तो मैंने युवाओं से मिलकर सूरत को फिर से संवारने का आग्रह किया था। देखते ही देखते, सूरत के युवा सड़कों पर निकल पड़े थे। उन्होंने साफ-सफाई का जिम्मा अपने ऊपर ले लिया था। यहां तक की सड़कों पर जो ज़ेब्रा क्रॉसिंग को पेंटिंग करना होता है उस काम को भी हमारे जवानों ने रातों-रात पूरा कर दिया।

साथियों,

बीते दशकों में इस पूरे क्षेत्र की विकास यात्रा में मुझे सूरत के अनेक वरिष्ठ नेताओं और सहयोगियों का साथ और आशीर्वाद मिला है। और जब सूरत की बात आए तो अनगिनत हमारे साथियों की याद आ जाना बहुत स्वाभाविक है, चाहे वो हमारे कांशीराम भाई राणा हो, प्रवीण भाई नायक हो, हमारे हेमंत भाई चपटवाला हो, हमारे भगुभाई विमल, हमारे डॉक्टर कनुभाई मावाणी, ईश्वर भाई, हमारे सुमनभाई देसाई, ऐसे अनगिनत नाम, इतने लोगों के साथ तीस-तीस, चालीस-चालीस साल तक मुझे काम करने का मौका मिला है। इनमें से कुछ बंधु हमें छोड़कर चले भी गए, लेकिन आज जो भी हैं उन सबकी प्रेरणाएं हमें काम आ रही हैं। उन सबका योगदान यानी तीन-तीन, चार-चार पीढी जिन्होंने सारा काम किया है इन सब स्मरण आना, यादे आना बहुत स्वाभाविक है।

साथियों,

किसी भी देश की प्रगति में, देशवासियों के स्वास्थ्य की भी उतनी ही बड़ी भूमिका होती है। हमारे यहां कहते हैं न कि अगर बच्चा स्वस्थ है तो उसका भविष्य भी स्वस्थ है। बेहतर स्वास्थ्य, बेहतर भविष्य का मार्ग बनाता है। इसी सोच के साथ बीते वर्षों में हमने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ जन-जागरूकता पर, बीमारियों से बचाव पर, बीमारियों को गंभीर होने से रोकने पर विशेष बल दिया है। आज पूरे गुजरात में भी मल्टीस्पेशियलिटी अस्पतालों का सशक्त नेटवर्क तैयार हुआ है। पिछले 2 दशकों में मेडिकल कॉलेज 11 से बढ़कर 31 हो चुके हैं, एम्स भी बन रहा है और कई मेडिकल कॉलेज प्रस्तावित हैं। सूरत में भी स्मी-मेर हो, नया सिविल हॉस्पिटल हो, जांच की सुविधाएं हों, स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की बात हो या फिर महामारियों को मॉनीटर करने के लिए विशेष सेंटर, अनेक आधुनिक व्यवस्थाएं बनाई गई हैं। आरोग्य को प्राथमिकता देने के इस प्रयास में हमने जनभागीदारी को सर्वोच्च मार्ग माना है। इसमें हमारे सूरत के रत्न कलाकारों ने, दूसरे व्यापारिक और सामाजिक संगठनों ने हमेशा ही बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। और मुझे खुशी है कि चाहे सौराष्ट्र से आए हुए लोग हों या उत्तर गुजरात से आए हुए लोग हों, चाहे हरियाणा से आए हो, राजस्थान से आए हों या आंध्र से आए हों, ओड़ीशा से आए हों.. हरेक ने कुछ न कुछ सूरत की भलाई के लिए किया ही किया है। आरोग्य के लिए बड़े-बड़े कैंप्स लगाने की एक समृद्ध परिपाटी बीते दशकों में सूरत में विकसित हुई है। आज का ये मेगा मेडिकल कैंप भी इसी की एक कड़ी है।

साथियों,

मेरी अभी इस कैंप के लाभार्थियों से बात हुई है। मैं इस कैंप से जुड़े डॉक्टरों से भी एक आग्रह करना चाहता हूं। मेरा आग्रह है कि आप इलाज के साथ-साथ मरीज़ों से उनकी लाइफ स्टाइल पर भी ज़रूर बातचीत करें। आप उन्हें पौष्टिक आहार के लिए प्रेरित करें। डॉक्टरों की एक छोटी सी सलाह बीमार व्यक्ति का जीवन बदल सकती है। उसे अनेक शारीरिक तकलीफों से छुटकारा दिला सकती है।

भाइयों और बहनों,

जब समाज और सरकारें सेवा भाव से एक साथ आते हैं, तब सफलता व्यापक भी होती है और सर्वस्पर्शी भी होती है। आज गुजरात संस्थागत प्रसूती, इंस्टीट्यूशनल डिलिवरी दर के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में से एक बन गया है। चिरंजीवी योजना, जननी सुरक्षा योजना, “खिलखिलाहट एम्बुलेस”, ऐसी अनेक योजनाओं के सार्थक परिणाम मिल रहे हैं। आपको याद होगा गुजरात देश का वो राज्य था जिसने इलाज के लिए 2 लाख रुपये तक की मदद शुरु की थी। ये मदद सिर्फ गरीबों तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसमें निम्न मध्यम वर्ग के भी अनेक परिवार शामिल थे। आज आयुष्मान भारत योजना इसी भावना को संपूर्ण देश में विस्तार दे रही है। पांच लाख रुपये का आरोग्य की सुविधा, और अभी सुखदेव सिंह जी से मैं बात कर रहा था। उन्होंने इतना बढ़िया ढंग से विषय को बताया, मैने भी कभी ये बताया नहीं था, लेकिन आज मैंने सुखदेव जी से सीखा। उन्होंने कहा कि साहब पांच लाख का अगर बीमा निकालना है तो 14-15 हजार का प्रीमियम आता है। और बोले आपने पूरे देश का 5-5 लाख रुपये का बीमा करा दिया। अब ये सुखदेव जी की सोच, कहते हैं न कि दिव्यांग हैं लेकिन दिव्य दृष्टि है जो उनके शब्दों में निकलता है। कितना बड़ा काम हुआ है, लेकिन हमारे देश में, ये सच्चे अर्थ में देश के नागरिकों को सशक्त करने वाला काम है। और इस योजना की मदद से पूरे देश में करीब चार करोड़ मरीज़ों को मुफ्त इलाज मिल चुका है। और इसमें 30 लाख से ज्यादा लाभार्थी गुजरात के हैं।

भाइयों और बहनों,

गरीब परिवारों में बीमारियों का एक बड़ा कारण साफ पानी का अभाव रहा है। पीने का पानी अगर शुद्ध नहीं मिलता है तो बीमारियां भी लेकर आता है। सूरत में बीते सालों में शुद्ध पेयजल के लिए प्रशंसनीय प्रयास हुए हैं। पोखरों, तालाबों और दूसरे स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए सबने मिलकर काम किया है। मुझे खुशी है कि डबल इंजन की सरकार के कारण, आज गुजरात के 97 परसेंट, एक प्रकार से सौ के करीब-करीब ग्रामीण परिवारों को नल से जल मिल रहा है।

भाइयों और बहनों,

गांव और किसान की स्थिति बदलने के लिए 2 दशक पहले जो सफल प्रयोग गुजरात में हमने मिलकर किए हैं, उन अनुभवों का लाभ आज पूरे देश को मिल रहा है। पीएम स्वामित्व योजना के तहत आज गांवों में ड्रोन से मैपिंग कर, मकान मालिकों को प्रॉपर्टी कार्ड दिए जा रहे हैं। अभी तक देश के 50 हज़ार से अधिक गांवों में ये काम पूरा किया जा चुका है। गुजरात के भी लगभग 16 सौ गांवों में भी ड्रोन सर्वे पूरा हो चुका है। प्रॉपर्टी कार्ड, ना सिर्फ गांवों में जमीन से जुड़े विवाद को कम करने में मदद कर रहे हैं बल्कि व्यापार-कारोबार के लिए बैंकों से मदद को भी आसान बना रहे हैं।

साथियों,

देश के करोड़ों छोटे किसानों का कदम-कदम पर साथ देना, ये हमारी सरकार की प्राथमिकता है। पीएम किसान सम्मान निधि ऐसा ही एक प्रयास है। इस योजना के तहत अब तक देशभर के किसानों के बैंक खातों में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर किए जा चुके हैं। गुजरात के भी 60 लाख से अधिक किसान परिवारों को भी इसका लाभ मिला है। सूरत के भी सवा लाख से ज्यादा किसान, पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थी हैं। और अभी मेरी जितने लाभार्थियों से बात हुई है, सबने पीएम किसान सम्मान निथि की काफी तारीफ की है। मुझे याद है, पहले की सरकारों में किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी घोषणाएं होती थीं, लेकिन किसानों के खाते में कुछ नहीं पहुंचता था। लेकिन डबल इंजन की सरकार, किसानों के हितों को सर्वोपरि मानते हुए काम कर रही है।इसी सच्ची नीयत के कारण ही देश का, गुजरात का किसान बार-बार हमें आशीर्वाद दे रहा है। हमारी सरकार ने गांवों में पक्के घर बनाने की जो योजना चलाई है, गांवों में गरीबों के लिए पक्के घर बनाने की जो यौजना बनाई है उससे भी चाहे शहर के गरीब हों या गांव के गरीब हों, छोटे किसान हों या मेहनकश मजदूर हो हरेक को बहुत लाभ हुआ है। बीते 8 वर्षों में देशभर में गरीबों के लिए 3 करोड़ से अधिक पक्के घर बनाए जा चुके हैं। इनमें से 10 लाख से अधिक घर गुजरात के गरीब परिवारों को मिले हैं। इसमें भी लगभग डेढ़ लाख परिवार हमारे सूरत और उसके आपास के जिले के हैं।

भाइयों और बहनों,

सूरत सहित पूरा गुजरात विकास की भावनाओं को भी समझता है, संभावनाओं को भी समझता है। इसलिए हर आंकड़े, हर हलचल पर विशेष नज़र रहती है। जब देश एक्सपोर्ट के नए रिकॉर्ड बनाता है, तब सूरत का उसमें योगदान होता है। हाल में GDP के आंकड़े आए हैं। भारत की तेज़ रिकवरी को पूरी दुनिया सराह रही है। जिस प्रकार भारत ने गुजरात ने कोविड का मुकाबला किया, दुनिया के सबसे तेज़ और विशाल टीकाकरण अभियान को चलाया, उसने व्यापारिक गतिविधियों को तेज़ी से पटरी पर लाने में मदद की है। सफल टीकाकरण का क्या असर हुआ है, इसको सूरत से बेहतर भला कौन समझ सकता है। पूरी दुनिया अब भारत से सीखने की बात कर रही है। कुछ दिन पहले ही भारत ने दुनिया की 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बनने का गौरव हासिल किया है। इस उपलब्धि से देश को और मेहनत करने का, अमृतकाल के बड़े संकल्पों की सिद्ध करने का हौसला मिला है। ये प्रगति मामूली नहीं है, हर हिंदुस्तानी का सीना गर्व से भर जाता है। हमें अपने उत्साह, अपनी उमंग को इसी तरह बनाए रखना है।

एक बार फिर सूरत के मेडिकल कैंप के सभी लाभार्थियों को मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं। और फिर एक बार भूपेंद्र भाई, सी आर पाटिल सबको बहुत-बहुत बधाई।

धन्यवाद!

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Press statement by the Prime Minister during the joint press statement with the President of Russia
December 05, 2025

Your Excellency, My Friend, राष्ट्रपति पुतिन,
दोनों देशों के delegates,
मीडिया के साथियों,
नमस्कार!
"दोबरी देन"!

आज भारत और रूस के तेईसवें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक milestones के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी Strategic Partnership की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारी साझेदारी को "Special and Privileged Strategic Partnership” का दर्जा मिला।

पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व और दूरदृष्टि से इन संबंधों को निरंतर सींचा है। हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का, मेरे मित्र का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

Friends,

पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुज़रना पड़ा है। और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है।परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की हर कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की। आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी साझा प्राथमिकता है। इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक Economic Cooperation प्रोग्राम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश diversified, balanced, और sustainable बनेगा, और सहयोग के क्षेत्रों में नए आयाम भी जुड़ेंगे।

आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे India–Russia Business Forum में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ये मंच हमारे business संबंधों को नई ताकत देगा। इससे export, co-production और co-innovation के नए दरवाजे भी खुलेंगे।

दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ FTA के शीघ्र समापन के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि और Fertilisers के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग,food सिक्युरिटी और किसान कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन के प्रयास कर रहे हैं।

Friends,

दोनों देशों के बीच connectivity बढ़ाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है। हम INSTC, Northern Sea Route, चेन्नई - व्लादिवोस्टोक Corridors पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। मुजे खुशी है कि अब हम भारत के seafarersकी polar waters में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

उसी प्रकार से Shipbuilding में हमारा गहरा सहयोग Make in India को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारेwin-win सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे jobs, skills और regional connectivity – सभी को बल मिलेगा।

ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। Civil Nuclear Energy के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, Clean Energy की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस win-win सहयोग को जारी रखेंगे।

Critical Minerals में हमारा सहयोग पूरे विश्व में secure और diversified supply chains सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे clean energy, high-tech manufacturing और new age industries में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।

Friends,

भारत और रूस के संबंधों में हमारे सांस्कृतिक सहयोग और people-to-people ties का विशेष महत्व रहा है। दशकों से दोनों देशों के लोगों में एक-दूसरे के प्रति स्नेह, सम्मान, और आत्मीयताका भाव रहा है। इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए हमने कई नए कदम उठाए हैं।

हाल ही में रूस में भारत के दो नए Consulates खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम होगा, और आपसी नज़दीकियाँ बढ़ेंगी। इस वर्ष अक्टूबर में लाखों श्रद्धालुओं को "काल्मिकिया” में International Buddhist Forum मे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आशीर्वाद मिला।

मुझे खुशी है कि शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए निशुल्क 30 day e-tourist visa और 30-day Group Tourist Visa की शुरुआत करने जा रहे हैं।

Manpower Mobility हमारे लोगों को जोड़ने के साथ-साथ दोनों देशों के लिए नई ताकत और नए अवसर create करेगी। मुझे खुशी है इसे बढ़ावा देने के लिए आज दो समझौतेकिए गए हैं। हम मिलकर vocational education, skilling और training पर भी काम करेंगे। हम दोनों देशों के students, scholars और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान भी बढ़ाएंगे।

Friends,

आज हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है। हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।

आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस City Hall पर किया गया कायरतापूर्ण आघात — इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है।

भारत और रूस के बीच UN, G20, BRICS, SCO तथा अन्य मंचों पर करीबी सहयोग रहा है। करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते हुए, हम इन सभी मंचों पर अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।

Excellency,

मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें global challenges का सामना करने की शक्ति देगी — और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा।

मैं एक बार फिर आपको और आपके पूरे delegation को भारत यात्रा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ।