गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र भाई पटेल, भारतीय जनता पार्टी, गुजरात प्रदेश अध्यक्ष और संसद में मेरे साथी श्री सी. आर. पाटिल, राज्य सरकार के मंत्री मुकेश भाई, भारतीय जनता पार्टी के लाखों कार्यकर्ता, विभिन्न योजनाओं के सभी लाभार्थी भाई-बहन और सूरत जिले के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, आज सूरत में एक तरह से डबल इंजन सरकार, भूपेंद्र-नरेंद्र सरकार अलग-अलग योजनाओं के हजारों लाभार्थियों का ये संगम देखना, आप सबके दर्शन करना ये अपनेआप में मेरे लिए सौभाग्य का विषय है। मुझे खुशी होती कि आज मैं ओलपाड आया होता, आप सबके बीच में होता, तो मुझे और आनंद आया होता, लेकिन आपलोगो ने मुझे ऐसा काम दिया है कि मैं आपलोगों के बीच में उतना आ नहीं पाता हूं। फिर भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से टेक्नोलॉजी के माध्यम से आपको मिलने का मौका मिला, कुछ परिवारों से बातचीत करने का मौका मिला, आप सबका दर्शन करने का मौका मिला ये मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। और आज मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी की बात है मेगा मेडिकल कैंप, ये अपनेआप में कल्पना ही बहुत बड़ी है, एक साथ हजारों लोगों की जांच और मुफ्त इलाज की योजना, मैं मानता हूं कि लोगों को जोड़ना, ये सेवा-भाव, सेवा का इतना बड़ा पवित्र काम। इसके लिए मैं आपलोगों को जितनी बधाई दूं उतनी कम है।
गरीब से गरीब के आरोग्य की इतनी चिंता करना, सरकार की योजनाओं से कोई छूट ना जाए, इसके लिए विशेष कैंप लगाकर प्रयास करना, इसके लिए मैं मुकेश भाई को और उनकी पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। और देखिए आरोग्य में जब सेवा करते हैं तो कितने आशीर्वाद मिलते हैं, अभी मैं कंचन बैन को सुन रहा था, उनका किडनी का ऑपरेशन हुआ, किडनी में उन्हें पत्थर की तकलीफ थी, लेकिन आज वो कितने आशीर्वाद दे रही थी। आज जो आप आरोग्य का कैंप लगा रहे हैं, मुझे लगता है कि आपका आशीर्वाद पूरे गुजरात के काम आने वाले हैं। सेवा के ऐसे कार्यों में भूपेंद्र भाई के नेतृत्व में पूरी सरकार और सी. आर. पाटिल के नेतृत्व में भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता सेवा भाव से काम कर रहा है। यही सेवा भाव, यही सद्भावना है जिसको गुजरात की जनता का बार-बार आशीर्वाद मिलता है, प्यार और स्नेह मिलता है। आज इस मेडिकल कैंप में भी भाजपा के प्रति गुजरात के लोगों का ये जो स्नेह है, मैं दूर-दूर तक देख रहा हूं यहां टीवी पर, मेरी नजर जहां पहुंचती है वहां लोग ही लोग हैं।
भाइयों और बहनों,
मैं अक्सर सूरत की सद्भावना, सूरत के लोगों के सामर्थ्य, सूरत के लोगों की इच्छाशक्ति की बात करता रहता हूं। ...(गुजराती)... आपको याद है गुलामी के समय में, सूरत देश के उन पहले स्थानों में था जहां नमक कानून का विरोध हुआ था। सेवा-भाव क्या होता है, इसको सूरत और सूरत के लोग बखूबी समझते हैं, ...(गुजराती)... गरीब हो , दलित हो, पिछड़े हो, आदिवासी हो, श्रमिक हो, व्यापारी हो, कारोबारी हो, अन राज्यों से आए हुए लोग हो सभी मिलकर सूरत की प्रगति की बागडोर संभालते हैं। लाल किले से मैंने जिन पंच-प्राणों की बात की है, उनमें से एकता का प्राण मेरा पांचवां प्रण था, जिसका कि मैंने देश की एकता के रूप में उल्लेख किया था। आज आप सूरत के अंदर देखेंगे कि सूरत के रग-रग में एकता का भाव है। और इसलिए सूरत का मेरे हृदय में बहुत विशेष स्थान भी रहा है।
भाइयों और बहनों,
बाढ़ और महामारियों ने अनेक बार सूरत की परीक्षा ली है। लेकिन सूरत में एकजुटता के आगे कोई भी चुनौती टिक नहीं पाई है। महामारियों के नाम पर सूरत के विरुद्ध अपप्रचार की कोशिशों को भी हमने मिलकर नाकाम किया है। सूरत ने मुझे जितना सहयोग और आशीर्वाद दिया है, उसे मैं कभी नहीं भूल सकता। मुझे याद है, जब बरसों पहले तापी में बाढ़ आई थी तो मैंने युवाओं से मिलकर सूरत को फिर से संवारने का आग्रह किया था। देखते ही देखते, सूरत के युवा सड़कों पर निकल पड़े थे। उन्होंने साफ-सफाई का जिम्मा अपने ऊपर ले लिया था। यहां तक की सड़कों पर जो ज़ेब्रा क्रॉसिंग को पेंटिंग करना होता है उस काम को भी हमारे जवानों ने रातों-रात पूरा कर दिया।
साथियों,
बीते दशकों में इस पूरे क्षेत्र की विकास यात्रा में मुझे सूरत के अनेक वरिष्ठ नेताओं और सहयोगियों का साथ और आशीर्वाद मिला है। और जब सूरत की बात आए तो अनगिनत हमारे साथियों की याद आ जाना बहुत स्वाभाविक है, चाहे वो हमारे कांशीराम भाई राणा हो, प्रवीण भाई नायक हो, हमारे हेमंत भाई चपटवाला हो, हमारे भगुभाई विमल, हमारे डॉक्टर कनुभाई मावाणी, ईश्वर भाई, हमारे सुमनभाई देसाई, ऐसे अनगिनत नाम, इतने लोगों के साथ तीस-तीस, चालीस-चालीस साल तक मुझे काम करने का मौका मिला है। इनमें से कुछ बंधु हमें छोड़कर चले भी गए, लेकिन आज जो भी हैं उन सबकी प्रेरणाएं हमें काम आ रही हैं। उन सबका योगदान यानी तीन-तीन, चार-चार पीढी जिन्होंने सारा काम किया है इन सब स्मरण आना, यादे आना बहुत स्वाभाविक है।
साथियों,
किसी भी देश की प्रगति में, देशवासियों के स्वास्थ्य की भी उतनी ही बड़ी भूमिका होती है। हमारे यहां कहते हैं न कि अगर बच्चा स्वस्थ है तो उसका भविष्य भी स्वस्थ है। बेहतर स्वास्थ्य, बेहतर भविष्य का मार्ग बनाता है। इसी सोच के साथ बीते वर्षों में हमने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ जन-जागरूकता पर, बीमारियों से बचाव पर, बीमारियों को गंभीर होने से रोकने पर विशेष बल दिया है। आज पूरे गुजरात में भी मल्टीस्पेशियलिटी अस्पतालों का सशक्त नेटवर्क तैयार हुआ है। पिछले 2 दशकों में मेडिकल कॉलेज 11 से बढ़कर 31 हो चुके हैं, एम्स भी बन रहा है और कई मेडिकल कॉलेज प्रस्तावित हैं। सूरत में भी स्मी-मेर हो, नया सिविल हॉस्पिटल हो, जांच की सुविधाएं हों, स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की बात हो या फिर महामारियों को मॉनीटर करने के लिए विशेष सेंटर, अनेक आधुनिक व्यवस्थाएं बनाई गई हैं। आरोग्य को प्राथमिकता देने के इस प्रयास में हमने जनभागीदारी को सर्वोच्च मार्ग माना है। इसमें हमारे सूरत के रत्न कलाकारों ने, दूसरे व्यापारिक और सामाजिक संगठनों ने हमेशा ही बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। और मुझे खुशी है कि चाहे सौराष्ट्र से आए हुए लोग हों या उत्तर गुजरात से आए हुए लोग हों, चाहे हरियाणा से आए हो, राजस्थान से आए हों या आंध्र से आए हों, ओड़ीशा से आए हों.. हरेक ने कुछ न कुछ सूरत की भलाई के लिए किया ही किया है। आरोग्य के लिए बड़े-बड़े कैंप्स लगाने की एक समृद्ध परिपाटी बीते दशकों में सूरत में विकसित हुई है। आज का ये मेगा मेडिकल कैंप भी इसी की एक कड़ी है।
साथियों,
मेरी अभी इस कैंप के लाभार्थियों से बात हुई है। मैं इस कैंप से जुड़े डॉक्टरों से भी एक आग्रह करना चाहता हूं। मेरा आग्रह है कि आप इलाज के साथ-साथ मरीज़ों से उनकी लाइफ स्टाइल पर भी ज़रूर बातचीत करें। आप उन्हें पौष्टिक आहार के लिए प्रेरित करें। डॉक्टरों की एक छोटी सी सलाह बीमार व्यक्ति का जीवन बदल सकती है। उसे अनेक शारीरिक तकलीफों से छुटकारा दिला सकती है।
भाइयों और बहनों,
जब समाज और सरकारें सेवा भाव से एक साथ आते हैं, तब सफलता व्यापक भी होती है और सर्वस्पर्शी भी होती है। आज गुजरात संस्थागत प्रसूती, इंस्टीट्यूशनल डिलिवरी दर के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में से एक बन गया है। चिरंजीवी योजना, जननी सुरक्षा योजना, “खिलखिलाहट एम्बुलेस”, ऐसी अनेक योजनाओं के सार्थक परिणाम मिल रहे हैं। आपको याद होगा गुजरात देश का वो राज्य था जिसने इलाज के लिए 2 लाख रुपये तक की मदद शुरु की थी। ये मदद सिर्फ गरीबों तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसमें निम्न मध्यम वर्ग के भी अनेक परिवार शामिल थे। आज आयुष्मान भारत योजना इसी भावना को संपूर्ण देश में विस्तार दे रही है। पांच लाख रुपये का आरोग्य की सुविधा, और अभी सुखदेव सिंह जी से मैं बात कर रहा था। उन्होंने इतना बढ़िया ढंग से विषय को बताया, मैने भी कभी ये बताया नहीं था, लेकिन आज मैंने सुखदेव जी से सीखा। उन्होंने कहा कि साहब पांच लाख का अगर बीमा निकालना है तो 14-15 हजार का प्रीमियम आता है। और बोले आपने पूरे देश का 5-5 लाख रुपये का बीमा करा दिया। अब ये सुखदेव जी की सोच, कहते हैं न कि दिव्यांग हैं लेकिन दिव्य दृष्टि है जो उनके शब्दों में निकलता है। कितना बड़ा काम हुआ है, लेकिन हमारे देश में, ये सच्चे अर्थ में देश के नागरिकों को सशक्त करने वाला काम है। और इस योजना की मदद से पूरे देश में करीब चार करोड़ मरीज़ों को मुफ्त इलाज मिल चुका है। और इसमें 30 लाख से ज्यादा लाभार्थी गुजरात के हैं।
भाइयों और बहनों,
गरीब परिवारों में बीमारियों का एक बड़ा कारण साफ पानी का अभाव रहा है। पीने का पानी अगर शुद्ध नहीं मिलता है तो बीमारियां भी लेकर आता है। सूरत में बीते सालों में शुद्ध पेयजल के लिए प्रशंसनीय प्रयास हुए हैं। पोखरों, तालाबों और दूसरे स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए सबने मिलकर काम किया है। मुझे खुशी है कि डबल इंजन की सरकार के कारण, आज गुजरात के 97 परसेंट, एक प्रकार से सौ के करीब-करीब ग्रामीण परिवारों को नल से जल मिल रहा है।

भाइयों और बहनों,
गांव और किसान की स्थिति बदलने के लिए 2 दशक पहले जो सफल प्रयोग गुजरात में हमने मिलकर किए हैं, उन अनुभवों का लाभ आज पूरे देश को मिल रहा है। पीएम स्वामित्व योजना के तहत आज गांवों में ड्रोन से मैपिंग कर, मकान मालिकों को प्रॉपर्टी कार्ड दिए जा रहे हैं। अभी तक देश के 50 हज़ार से अधिक गांवों में ये काम पूरा किया जा चुका है। गुजरात के भी लगभग 16 सौ गांवों में भी ड्रोन सर्वे पूरा हो चुका है। प्रॉपर्टी कार्ड, ना सिर्फ गांवों में जमीन से जुड़े विवाद को कम करने में मदद कर रहे हैं बल्कि व्यापार-कारोबार के लिए बैंकों से मदद को भी आसान बना रहे हैं।
साथियों,
देश के करोड़ों छोटे किसानों का कदम-कदम पर साथ देना, ये हमारी सरकार की प्राथमिकता है। पीएम किसान सम्मान निधि ऐसा ही एक प्रयास है। इस योजना के तहत अब तक देशभर के किसानों के बैंक खातों में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर किए जा चुके हैं। गुजरात के भी 60 लाख से अधिक किसान परिवारों को भी इसका लाभ मिला है। सूरत के भी सवा लाख से ज्यादा किसान, पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थी हैं। और अभी मेरी जितने लाभार्थियों से बात हुई है, सबने पीएम किसान सम्मान निथि की काफी तारीफ की है। मुझे याद है, पहले की सरकारों में किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी घोषणाएं होती थीं, लेकिन किसानों के खाते में कुछ नहीं पहुंचता था। लेकिन डबल इंजन की सरकार, किसानों के हितों को सर्वोपरि मानते हुए काम कर रही है।इसी सच्ची नीयत के कारण ही देश का, गुजरात का किसान बार-बार हमें आशीर्वाद दे रहा है। हमारी सरकार ने गांवों में पक्के घर बनाने की जो योजना चलाई है, गांवों में गरीबों के लिए पक्के घर बनाने की जो यौजना बनाई है उससे भी चाहे शहर के गरीब हों या गांव के गरीब हों, छोटे किसान हों या मेहनकश मजदूर हो हरेक को बहुत लाभ हुआ है। बीते 8 वर्षों में देशभर में गरीबों के लिए 3 करोड़ से अधिक पक्के घर बनाए जा चुके हैं। इनमें से 10 लाख से अधिक घर गुजरात के गरीब परिवारों को मिले हैं। इसमें भी लगभग डेढ़ लाख परिवार हमारे सूरत और उसके आपास के जिले के हैं।

भाइयों और बहनों,
सूरत सहित पूरा गुजरात विकास की भावनाओं को भी समझता है, संभावनाओं को भी समझता है। इसलिए हर आंकड़े, हर हलचल पर विशेष नज़र रहती है। जब देश एक्सपोर्ट के नए रिकॉर्ड बनाता है, तब सूरत का उसमें योगदान होता है। हाल में GDP के आंकड़े आए हैं। भारत की तेज़ रिकवरी को पूरी दुनिया सराह रही है। जिस प्रकार भारत ने गुजरात ने कोविड का मुकाबला किया, दुनिया के सबसे तेज़ और विशाल टीकाकरण अभियान को चलाया, उसने व्यापारिक गतिविधियों को तेज़ी से पटरी पर लाने में मदद की है। सफल टीकाकरण का क्या असर हुआ है, इसको सूरत से बेहतर भला कौन समझ सकता है। पूरी दुनिया अब भारत से सीखने की बात कर रही है। कुछ दिन पहले ही भारत ने दुनिया की 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बनने का गौरव हासिल किया है। इस उपलब्धि से देश को और मेहनत करने का, अमृतकाल के बड़े संकल्पों की सिद्ध करने का हौसला मिला है। ये प्रगति मामूली नहीं है, हर हिंदुस्तानी का सीना गर्व से भर जाता है। हमें अपने उत्साह, अपनी उमंग को इसी तरह बनाए रखना है।
एक बार फिर सूरत के मेडिकल कैंप के सभी लाभार्थियों को मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं। और फिर एक बार भूपेंद्र भाई, सी आर पाटिल सबको बहुत-बहुत बधाई।
धन्यवाद!


