Shri Narendra Modi unveils in-house magazine of Gujarat Maritime Board

Published By : Admin | January 29, 2014 | 12:56 IST
"Shri Modi suggests that ports should be seen in terms of overall logistics infrastructure"
"Shri Modi’s thoughts and plans for port development in the State have been put forth in an article in the magazine"

Shri Narendra Modi unveils in-house magazine of Gujarat Maritime Board

Chief Minister of Gujarat, Shri Narendrabhai Modi today unveiled the January edition of Maritime Horizon, an in-house magazine of Gujarat Maritime Board. The Hon’ble Chief Minister articulated vision, thoughts and plans for the port development in the State through an article in the Magazine.

With more than 35% of the country’s traffic currently handled by Gujarat, its role in the development of the country is significant. Gujarat in the last decade had added almost 228 MMTPA to its port capacity, which is the highest so far by any state.

Chief Minister suggested that ports should not be seen on a stand-alone basis, but should be seen in terms of overall logistics infrastructure and therefore, he highlighted the need for development of overall logistics and infrastructure including the hinterland connectivity and the access of port facilities to the land-locked states.

Additional Chief Secratry Ports Shri H. K. Das, Vice Chairman of Gujarat Maritime Board Shri A. K. Rakesh & officials remained present on the occasion.

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Text Of PM Modi's speech at launch of development works in Panipat, Haryana
December 09, 2024
PM lays the foundation stone of the main campus of Maharana Pratap Horticultural University, Karnal
Our government has taken unprecedented steps for women empowerment in the last 10 years: PM
Today, India is moving forward with the resolve to develop by the year 2047: PM
To empower women, it is very important that they get ample opportunities to move forward and every obstacle in their way is removed: PM
Today, a campaign has started to make lakhs of daughters Bima Sakhis: PM

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

हरि के ठिकाणे हरियाणे के सारे भाण भाइयां नै राम राम।

हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय जी, यहां के लोकप्रिय और ऊर्जावान मुख्यमंत्री श्रीमान नायब सिंह जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी निर्मला सीतारमण जी, और यहीं के संतान और यहीं के सांसद पूर्व मुख्यमंत्री और सरकार में मेरे साथी श्री मनोहर लाल जी, श्री कृष्ण पाल जी, हरियाणा सरकार में मंत्री श्रुति जी, आरती जी, सांसदगण, विधायकगण...देश के अनेकों LIC केंद्रों से जुड़े हुए सभी साथी, और प्यारे भाइयों और बहनों।

आज महिला सशक्तिकरण की दिशा में भारत एक और मजबूत कदम उठा रहा है। आज का दिन और भी वजहों से विशेष है। आज 9 तारीख है। शास्त्रों में 9 अंक को बहुत शुभ माना जाता है। 9 अंक नव दुर्गा की नौ शक्तियों से जुड़ा है। हम सब साल में नवरात्रि के 9 दिन शक्ति की उपासना करते हैं। आज का दिन भी नारी शक्ति की उपासना जैसा ही है।

साथियों,

आज 9 दिसंबर को ही संविधान सभा की पहली बैठक हुई थी। ऐसे समय में जब देश संविधान के 75 वर्ष का महोत्सव मना रहा है, 9 दिसंबर की ये तारीख हमें समानता की, विकास को सर्वस्पर्शी बनाने की प्रेरणा देती है।

साथियों,

विश्व को नीति और धर्म का ज्ञान देने वाली महान धरती पर आज के दिन आना और भी सुखद है। इस समय कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव भी चल रहा है। मैं गीता की इस धरती को प्रणाम करता हूं, नमन करता हूं। मैं पूरे हरियाणा को, यहां के देशभक्त लोगों को राम-राम करता हूं। हरियाण ने एक हैं तो सेफ हैं इस मंत्र को जिस तरह अपनाया, वो पूरे देश के लिए उदाहरण बना है।

साथियों,

हरियाणा से मेरा रिश्ता, मेरा लगाव किसी से छिपा नहीं है। आप सभी ने हम सभी को इतना आशीर्वाद दिया, लगातार तीसरी बार हरियाणा में भाजपा सरकार बनाई, इसके लिए मैं हरियाणा के हर परिवारजन का वंदन करता हूं। सैनी जी की नई सरकार को अभी कुछ हफ्ते ही हुए हैं वैसे तो, और उनकी प्रशंसा पूरे देश में हो रही है। सरकार बनने के तुरंत बाद जिस तरह यहां बिना खर्ची, बिना पर्ची के हज़ारों नौजवानों को पक्की नौकरियां मिली हैं, वो देश ने देखा है। अब यहां डबल इंजन की सरकार, डबल रफ्तार से काम कर रही है।

साथियों,

चुनाव के दौरान आप सभी माताओं-बहनों ने नारा दिया था- म्हारा हरियाणा, नॉन स्टॉप हरियाणा। उस नारे को हम सभी ने अपना संकल्प बना दिया है। उसी संकल्प के साथ आज मैं यहां आप सबके दर्शन करने के लिए आया हूं। और मैं देख रहा हूं, जहां मेरी नजर पहुंच रही है माताएं-बहनें इतनी बड़ी तादाद में हैं।

साथियों,

अभी यहां देश की बहनों-बेटियों को रोजगार देने वाली बीमा सखी योजना की शुरुआत की गई है। बेटियों को अभी यहां बीमा सखी के प्रमाण पत्र दिए गए हैं। मैं देश की सभी बहनों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

कुछ साल पहले मुझे यहां पानीपत से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान शुरु करने का सौभाग्य मिला था। इसका सकारात्मक प्रभाव हरियाणा के साथ-साथ पूरे देश में हुआ, अकेले हरियाणा में ही, बीते दशक में हज़ारों बेटियों का जीवन बचा है। अब 10 साल बाद, इसी पानीपत की धरती से बहनों-बेटियों के लिए बीमा सखी योजना का शुभारंभ हुआ है। यानि हमारा पानीपत एक प्रकार से नारीशक्ति की प्रतीक भूमि बन गया है।

साथियों,

आज भारत साल 2047 तक विकसित होने के संकल्प के साथ चल रहा है। 1947 से लेकर आजतक के कालखंड में हर वर्ग, हर क्षेत्र की ऊर्जा ने भारत को इस उंचाई तक पहुंचाया। लेकिन 2047 के विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि के लिए हमें ऊर्जा के ढेर सारे नए स्रोतों की ज़रूरत है। ऊर्जा का ऐसा ही एक स्रोत, हमारा पूर्वी भारत है, हमारे भारत का नॉर्थ ईस्ट है। और ऊर्जा का ऐसा ही महत्वपूर्ण स्रोत है, हमारे देश की नारीशक्ति, भारत की नारीशक्ति। भारत को विकसित बनाने के लिए हमें अतिरिक्त ऊर्जा, ये कोटि-कोटि हमारी माताएं-बहनें हैं, हमारी नारीशक्ति है, वो ही हमारी प्रेरणा की स्रोत रहने वाली है। आज जो ये महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप हैं, बीमा सखी हैं, बैंक सखी हैं, कृषि सखी हैं, ये विकसित भारत का बहुत बड़ा आधार स्तंभ बनेंगी।

साथियों,

नारी को सशक्त करने के लिए बहुत आवश्यक है कि उन्हें आगे बढ़ने के खूब अवसर मिलें, उनके सामने से हर बाधा हटे। जब नारी को आगे बढ़ने का अवसर मिलता है, तो वो देश के सामने अवसरों के नए द्वार खोल देती हैं। लंबे समय तक हमारे देश में ऐसे अनेक काम थे, जो महिलाओं के लिए वर्जित थे, वहां महिलाएं काम कर ही नहीं सकती थीं। भाजपा की हमारी सरकार ने बेटियों के सामने से हर बाधा को हटाने की ठानी। आज आप देखिए, सेना के अग्रिम मोर्चों में बेटियों की तैनाती हो रही हैं। हमारी बेटियां अब बड़ी संख्या में फाइटर पायलट बन रही हैं। आज पुलिस में भी बड़ी संख्या में बेटियों की भर्ती हो रही है। आज बड़ी-बड़ी कंपनियों को, और उसकी कमान हमारी बेटियां संभाल रही हैं। देश में किसानों के, पशुपालकों के 1200 ऐसे उद्पादक संघ या सहकारी समितियां हैं, जिनका नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं। खेल का मैदान हो या पढ़ाई का, बेटियां हर क्षेत्र में बहुत आगे चल रही हैं। गर्भवती महिलाओं की छुट्टी को बढ़ाकर 26 हफ्ते करने का भी लाभ लाखों बेटियों को मिला है।

साथियों,

कई बार जब हम किसी खिलाड़ी को मेडल पाकर गर्व से घूमते देखते हैं तो ये भूल जाते हैं कि उस मेडल को पाने के लिए उस खिलाड़ी ने, उस बेटी ने बरसों तक कितनी मेहनत की है। कोई एवरेस्ट पर तिरंगे के साथ फोटो खिंचवाता है तो उस खुशी में हम ये भूल जाते हैं कि वो व्यक्ति कितने बरसों के संघर्षों के बाद एवरेस्ट की ऊंचाई पर पहुंचा है। आज यहां जिस बीमा सखी कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है, उसकी नींव में भी बरसों की मेहनत है, बरसों की तपस्या है। आज़ादी के 60-65 सालों बाद भी, अधिकतर महिलाओं के पास बैंक खाते नहीं थे। यानि पूरी बैंकिंग व्यवस्था से ही महिलाएं कटी हुई थीं। इसलिए हमारी सरकार ने सबसे पहले माताओं-बहनों के जनधन बैंक खाते खुलवाए। और आज मुझे गर्व है कि जनधन योजना से 30 करोड़ से ज्यादा बहनों-बेटियों के बैंक खाते खुले। क्या आपने कभी सोचा है अगर ये जनधन बैंक खाते ना होते तो क्या होता? जनधन बैंक खाते ना होते तो गैस सब्सिडी के पैसे सीधे आपके खाते में ना आते, कोरोना के समय मिलने वाली मदद ना मिली होती, किसान कल्याण निधि के पैसे महिलाओं के खाते में जमा ना हो पाते, बेटियों को ज्यादा ब्याज देने वाली सुकन्या समृद्धि योजना का लाभ मिलना मुश्किल होता, अपना घर बनाने के लिए पैसे बेटियों के खाते में सीधे ट्रांसफर ना होते, रेहड़ी-पटरी लगाने वाली बहनों के लिए बैंक के दरवाजे बंद ही रहते, और मुद्रा योजना से करोड़ों बहनों को बिना गारंटी का लोन भी मिलना मुश्किल होता। महिलाओं के पास अपने बैंक खाते थे, इसलिए वो मुद्रा लोन ले पाईं, पहली बार अपने मन का काम शुरू कर पाईं।

साथियों,

गांव-गांव में बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने में हमारी बहनों ने ही बड़ी भूमिका निभाई है। आप कल्पना कर सकते हैं जिनके बैंक खाते तक नहीं थे, वो अब बैंक सखी के रूप में गांव के लोगों को बैंकों से जोड़ रही हैं। बैंक में कैसे बचत होती है, कैसे लोन मिलता है, ये सब कुछ लोगों को सीखा रही हैं हमारी माताएं-बहनें। ऐसी लाखों बैंक सखियां आज गांव में सेवाएं दे रही हैं।

साथियों,

बैंक खाते की तरह ही, कभी महिलाओं का बीमा भी नहीं होता था। आज लाखों बेटियां, उनको बीमा एजेंट, बीमा सखी बनाने का अभियान शुरु हो रहा है। यानि जिस सेवा का लाभ पाने से कभी वो वंचित रहीं, आज उसी सेवा से दूसरे लोगों को जोड़ने का ज़िम्मा उन्हें दिया जा रहा है। आज बीमा जैसे सेक्टर के विस्तार का नेतृत्व भी एक प्रकार से अब महिलाएं ही करेंगी। बीमा सखी योजना के तहत 2 लाख महिलाओं को रोजगार के अवसर देने का लक्ष्य है। बीमा सखी कार्यक्रम के माध्यम से दसवीं पास बहनों-बेटियों को ट्रेनिंग दी जाएगी, उन्हें तीन साल तक आर्थिक मदद भी दी जाएगी, भत्ता दिया जाएगा। बीमा के सेक्टर से जुड़ा डेटा बताता है कि एक LIC एजेंट, हर महीने औसतन, average 15 हज़ार रुपए कमाता है। इस हिसाब से देखें तो हमारी बीमा सखियां, हर वर्ष पौने दो लाख रुपए से अधिक कमाएंगी। बहनों की ये कमाई परिवार को अतिरिक्त आय देगी।

साथियों,

बीमा सखियों के इस काम का महत्व सिर्फ इतना ही नहीं है कि उन्हें हर महीने हज़ारों रुपए कमाई होगी। बीमा सखियों का योगदान इससे कहीं अधिक होने वाला है। विकसित होते हमारे देश में Insurance for All हम सभी का ध्येय है। ये सोशल सिक्योरिटी के लिए, गरीबी को जड़ से मिटाने के लिए अति आवश्यक है। आज बीमा सखी के रूप में आप जिस भूमिका में आ रही हैं, उससे Insurance for All उस मिशन को बल मिलेगा।

साथियों,

जब व्यक्ति के पास बीमा की ताकत होती है, तो कितना लाभ होता है, इसके उदाहरण भी हमारे सामने हैं। सरकार, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजनाएं चला रही है। इसके तहत बहुत ही कम प्रीमियम पर 2-2 लाख रुपए तक का बीमा कराया जाता है। देश के 20 करोड़ से ज्यादा लोग जो कभी बीमा के बारे में सोच भी नहीं सकते थे, उनका बीमा हुआ है। इन दोनों योजनाओं के तहत अभी तक करीब 20 हज़ार करोड़ रुपए की क्लेम राशि दी जा चुकी है। आप कल्पना कीजिए, किसी का एक्सीडेंट हुआ, किसी ने अपने स्वजन को खोया, उस मुश्किल परिस्थिति में ये 2 लाख रुपए कितने काम आए होंगे। यानि बीमा सखियां, देश के अनेक परिवारों को सामाजिक सुरक्षा का कवच देने जा रही हैं, पुण्य का काम करने जा रही हैं।

साथियों,

भारत में पिछले 10 साल में ग्रामीण महिलाओं के लिए जो क्रांतिकारी नीतियां बनीं, जो निर्णय लिए हैं वो वाकई स्टडी का विषय हैं। बीमा सखी, बैंक सखी, कृषि सखी, पशु सखी, ड्रोन दीदी, लखपति दीदी ये नाम भले ही बड़े सहज से लगते हों, सामान्य लगते हों, लेकिन ये भारत का भाग्य बदल रहे हैं। खासतौर पर भारत का सेल्फ हेल्प ग्रुप अभियान, महिला सशक्तिकरण की ऐसी गाथा है, जिसे इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। हमने महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप को ग्रामीण अर्थव्यवस्था में परिवर्तन लाने का बड़ा माध्यम बनाया है। आज देशभर की 10 करोड़ बहनें, सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी हैं, उनसे जुड़कर महिलाओं की कमाई हो रही है। बीते 10 साल में हमने सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं को 8 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की मदद दी है।

साथियों,

मैं देशभर में सेल्फ हेल्फ ग्रुप्स से जुड़ी बहनों से भी कहूंगा, आपकी भूमिका असाधारण है, आपका योगदान बहुत बड़ा है। आप सभी, भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनाने के लिए काम कर रही हैं। इसमें हर समाज, हर वर्ग, हर परिवार की बहनें जुड़ी हैं। इसमें सबको अवसर मिल रहे हैं। यानि सेल्फ हेल्प ग्रुप्स का ये आंदोलन, सामाजिक समरसता को, सामाजिक न्याय को भी सशक्त कर रहा है। हमारे यहां कहा जाता है कि एक बेटी पढ़ती है, तो दो परिवार पढ़ते हैं। वैसे ही सेल्फ हेल्प ग्रुप से सिर्फ एक महिला की आय बढ़ती है, इतना ही नहीं है, इससे एक परिवार का आत्मविश्वास बढ़ता है, पूरे गांव का आत्मविश्वास बढता है। इतना काम, इतना बड़ा काम आप सभी कर रहे हैं।

साथियों,

मैंने लाल किले से 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने की भी घोषणा की है। अभी तक देशभर में 1 करोड़ 15 लाख से अधिक लखपति दीदी बन चुकी हैं। ये बहनें हर साल एक लाख रुपए से अधिक की कमाई करने लगी हैं। सरकार की नमो ड्रोन दीदी योजना से भी लखपति दीदी अभियान को बल मिल रहा है। हरियाणा में तो नमो ड्रोन दीदी की बहुत चर्चा है। हरियाणा चुनाव के दौरान मैंने कुछ बहनों के इंटरव्यू पढ़े थे। उसमें एक बहन ने बताया कि कैसे उसने ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग ली, उनके ग्रुप को ड्रोन मिला। उस बहन ने बताया कि पिछले खरीफ सीज़न में उनको ड्रोन से स्प्रे करने का काम मिला। उन्होंने लगभग 800 एकड़ खेती में ड्रोन से स्प्रे दवा का छिड़काव किया। आप जानती हैं उनको इससे कितना पैसा मिला? इससे उनको 3 लाख रुपए की कमाई हुई। यानि एक सीज़न में ही लाखों की कमाई हो रही है। इस योजना से ही खेती और बहनों का जीवन, दोनों बदल रहा है।

साथियों,

आज देश में आधुनिक खेती, प्राकृतिक खेती, नैचुरल फार्मिंग इसके बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए हज़ारों कृषि सखियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। करीब 70 हज़ार कृषि सखियों को सर्टिफिकेट मिल भी चुके हैं। ये कृषि सखियां भी हर वर्ष 60 हज़ार रुपए से अधिक कमाने का सामर्थ्य रखती हैं। ऐसे ही, सवा लाख से अधिक पशु सखियां आज पशुपालन को लेकर जागरूकता अभियान का हिस्सा बनी हैं। कृषि सखी, पशु सखी ये भी सिर्फ रोजगार का माध्यम नहीं हैं, आप सभी मानवता की भी बहुत बड़ी सेवा कर रही हैं। जैसे मरीज़ को नई ज़िंदगी देने में नर्स का बहुत बड़ा योगदान होता है, वैसे ही हमारी कृषि सखियां, आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती माता को बचाने का काम कर रही हैं। ये प्राकृतिक खेती के लिए जागरूकता फैलाकर मिट्टी की, हमारे किसानों की, धरती माता की सेवा कर रही हैं। इसी प्रकार हमारी पशु सखियां भी, पशुओं की सेवा से मानव सेवा का बहुत पुण्य काम कमा रही हैं।

साथियों,

हर चीज़ को राजनीति के, वोटबैंक को उस तराज़ू पर तौलने वाले लोग, आजकल बहुत हैरान- परेशान हैं। उनको समझ ही नहीं आ रहा है कि चुनाव दर चुनाव, मोदी के खाते में माताओं-बहनों-बेटियों का आशीर्वाद बढ़ता ही क्यों जा रहा है। जिन लोगों ने माताओं-बहनों को सिर्फ वोट बैंक समझा और चुनाव के समय घोषणाएं करने की ही राजनीति की, वो इस मजबूत रिश्ते को समझ भी नहीं पाएंगे। आज माताओं-बहनों का इतना लाड-प्यार मोदी को क्यों मिलता है, ये समझने के लिए उन्हें बीते 10 वर्षों के सफर को याद करना होगा। 10 साल पहले करोड़ों बहनों के पास एक अदद शौचालय नहीं था। मोदी ने देश में 12 करोड़ से अधिक टॉयलेट बनाए। 10 साल पहले करोड़ों बहनों के पास गैस कनेक्शन नहीं था, मोदी ने उन्हें उज्ज्वला के मुफ्त कनेक्शन दिए, सिलेंडर सस्ते किए। बहनों के घरों में पानी का नल नहीं था, हमने घर-घर नल से जल पहुंचाना शुरु किया। पहले कोई प्रॉपर्टी महिलाओं के नाम नहीं होती थी, हमने करोड़ों बहनों को पक्के घर की मालकिन बना दिया। कितने लंबे समय से महिलाएं मांग कर रही थीं, कि उन्हें विधानसभा और लोकसभा में 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए। आपके आशीर्वाद से इस मांग को पूरा करने का सौभाग्य भी हमें मिला। जब सही नीयत से, ऐसे ईमानदार प्रयास होते हैं, तभी आप बहनों का आशीर्वाद मिलता है।

साथियों,

हमारी डबल इंजन सरकार किसानों के कल्याण के लिए भी ईमानदारी से काम कर रही है। पहले दो कार्यकाल में हरियाणा के किसानों को MSP के रूप में सवा लाख करोड़ रुपए से अधिक मिला है। यहां तीसरी बार सरकार बनने के बाद धान, बाजरा और मूंग किसानों को MSP के रूप में 14 हज़ार करोड़ रुपए दिए गए हैं। सूखा प्रभावित किसानों की मदद के लिए भी 800 करोड़ रुपए से अधिक दिए गए हैं। हम सब जानते हैं, हरियाणा को हरित क्रांति का अगुआ बनाने में चौधरी चरण सिंह विश्विद्यालय ने बड़ी भूमिका निभाई है। अब 21वीं सदी में हरियाणा को फल और सब्ज़ी के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में महाराणा प्रताप विश्वविद्यालय का रोल अहम होगा। आज महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय के नए कैंपस का शिलान्यास हुआ है। इससे इस यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे नौजवानों को नई सहूलियत मिलेगी।

साथियों,

आज मैं हरियाणा के आप सभी लोगों को, सभी बहनों को फिर से ये भरोसा दे रहा हूं कि राज्य का तेजी से विकास होगा, डबल इंजन की सरकार, तीसरे कार्यकाल में तीन गुना तेजी से काम करेगी। और इसमें यहां की नारीशक्ति की भूमिका इसी तरह लगातार बढ़ती रहेगी। आपका प्यार, आपका आशीर्वाद, यूं ही हम पर बना रहे। इसी कामना के साथ फिर से सभी को बहुत-बहुत बधाई, बहुत-बहुत शुभकामनाएं। मेरे साथ बोलिए-

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

बहुत-बहुत धन्यवाद।