एंकर- नमस्ते मोदी जी।

पीएम मोदी- नमस्कार भाई एएनआई वालों को।

एंकर- सर आपने समय दिया हमें इतने व्यस्त टाइम पर, बहुत शुक्रिया।

पीएम मोदी- एएनआई के तो दर्शकों की संख्या भांति- भांति की है। तो उन सभी दर्शकों को नमस्कार।

एंकर- मोदी जी अब लगभग आखिरी दौर आ गया है चुनाव का। क्या जो आपने लक्ष्य तय किया था 400 पार का, आपको लगता है कि वह पार हो रहा है क्योंकि विपक्ष तो कन्विंस्ड है कि ऐसा नहीं हो रहा है, वो कह रहे हैं कि 220-240 होगा।

पीएम मोदी- आखरी दौर शब्द प्रयोग किया आपने। मुझे उसमें बहुत सी चीजें नजर आ रही हैं। एक हमारा एक नया दौर शुरू होगा, उसका उसके अंदर संकेत है। दूसरा जो लोग बड़े सपने देख कर के बड़े वादे कर रहे थे उनके लिए भी आखिरी दौर है। तो चुनाव का आखिरी दौर इतना नहीं, उनकी स्थितियों का भी आखिरी दौर है।

एंकर- प्रधानमंत्री जी आरक्षण इतना बड़ा मुद्दा इस बार कैसे बन गया। आप तो माइक्रो चिप्स और मैन्युफैक्चरिंग इस पर बात हो रही थी, लेकिन आपको बार-बार अब आरक्षण पर बात करते हुए क्यों देखना पड़ रहा है?

पीएम मोदी- मुझे नहीं करना पड़ रहा है। मुझे सचेत करना है मेरे एससी, एसटी, ओबीसी और अति पिछड़े भाई-बहनों को। क्योंकि इनको अंधेरे में रख कर के ये लोग लूट चला रहे हैं। और चुनाव एक ऐसा समय है कि जो सबसे बड़ा संकट आ रहा है उससे देशवासियों को मुझे जागृत करना चाहिए। और इसलिए मैं आग्रहपूर्वक जनता-जनार्दन को समझा रहा हूं। क्योंकि ये दो चीजें हो रही है, एक भारत के संविधान की मूल भावना का हनन हो रहा है, संविधान की मर्यादाओं को तार-तार कर दिया जा रहा है और वह भी अपनी वोट बैंक की राजनीति के लिए। अब मुझे याद है मैंने हाउस में कभी कांग्रेस के नेताओं को सुना तो वे कहते थे कि पीएसयू का प्राइवेटाइजेशन कर रहे हैं आप। तो आप आरक्षण मिटा देना चाहते हैं। अब रियलिटी तो है नहीं, ये गपबाजी कर रहे थे। लेकिन मेरे सामने आया कि जो लोग इतने बड़े दलितों के हितैषी अपने आप को कहते हैं, आदिवासियों के हितैषी कहते हैं वे हकीकत में उनके घोर दुश्मन हैं। इन्होंने रातों-रात एजुकेशनल इंस्टिट्यूशन को माइनॉरिटी इंस्टिट्यूशन बना दिया। माइनॉरिटी इंस्टिट्यूशन बना दिया तो उन्होंने आरक्षण उसमें खत्म कर दिया। अब उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं था वैसा एक नियम बदल दिया उन्होंने। और यूनिवर्सिटी तक को माइनॉरिटी स्टेट्स दे दिया। अब दिल्ली में ही जामिया मिलिया जो यूनिवर्सिटी है उसको उन्होंने माइनॉरिटी बना दिया। उसमें सारे आरक्षण खत्म हो गए। एडमिशन में भी नहीं, नौकरी में भी नहीं और बाद में तो चीजें उभर करके आई कि करीब-करीब 10000 ऐसे इंस्टिट्यूशन हैं जिसको इस प्रकार से आरक्षण के जो एससी, एसटी, ओबीसी का अधिकार था वह पिछले दरवाजे से उसको छीन लिया गया है। संविधान की पीठ में छुरा घोंपा गया है। बाबा साहेब आंबेडकर ने जिस सपने से ये व्यवस्था खड़ी की थी उसको इन्होंने वोट बैंक के लिए गिरवी रख दिया। तो ये एक चिंताजनक बातें मेरे सामने जब आई तब मुझे लगा कि मेरा दायित्व बनता है कि मैं देश को अवगत कराऊं। इतने में इनका मेनिफेस्टो आया। इस मेनिफेस्टो ने और चौंका दिया। और इसलिए मेनिफेस्टो देखते ही मेरा पहला कमेंट था कि ये मेनिफेस्टो पर मुस्लिम लीग की छवि है। तो दो तीन दिन तो उनको लगा कि इसका जवाब देने की जरूरत नहीं है। ये अपने आप ही बात खत्म हो जाएगी। जब उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया मैं एक-एक चीज खोलने लगा। जैसे इस देश में वो ये कहें कि हम खेलकूद में भी माइनॉरिटी के लिए कोटा फिक्स करेंगे। आज पंजाब के मेरे बच्चे जो खेल जगत के अंदर बहुत अच्छा कर रहे हैं। बंगाल के मेरे नौजवान फुटबॉल में बहुत अच्छा कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के हमारे नौजवान जो एथलीट्स में काफी अच्छा कर रहे हैं। अब वो अपनी जवानी उसमें खपा देते हैं। 10-12 साल की उम्र से लेकर के 25-30 साल की उम्र तक पहुंचने तक ये लोग इतना तप करते हैं जी, तपते हैं, शरीर को तपाते हैं, खिलाड़ी ऐसे ही नहीं बनता है जी। रात को नींद नहीं आती, सुबह चार बजे उठ करके चले जाते हैं। अब कहते नहीं ये माइनॉरिटी के लिए कोटा होगा। तो मेहनत करने वाला मेरा नौजवान जाएगा कहां जी? उनका क्या होगा? दूसरा उन्होंने कहा कि देश में अब जो टेंडर होंगे उस टेंडर में भी वे माइनॉरिटी के लिए आरक्षण करेंगे। मतलब यह हुआ, आज मान लीजिए कहीं पर बहुत बड़ा महत्वपूर्ण ब्रिज बन रहा है। कौन ब्रिज बनाएगा, तो जिसके पास ट्रैक रिकॉर्ड है, जिसके पास संसाधन है, जिसके पास कैपेबिलिटी है, जो परफॉर्म कर सकता है, सारे उसकी जो रिक्वायरमेंट है, पूरी करता है। उसमें कंपटीशन होती है और कंपटीशन में जो निकलता है उसको टेंडर मिलता है। ये कहते नहीं ये सब बंद। अब मुझे बताइए, अगर इसी प्रकार से सिर्फ धर्म के आधार पर कोटा दे देंगे वो ब्रिज बनेगा, लोग मारे जाएंगे तो कौन जिम्मेवार होगा? क्या वोट बैंक के लिए आप आने वाली पीढ़ियों को भी तबाह करना चाहते हैं। तो यह ऐसे विषय थे जो कांग्रेस ने अपनी वोट बैंक की खातिर मैदान में उतारे। तब मेरा कर्तव्य बनता है कि मैं मेरे दलित भाइयों के अधिकार के लिए लडूं, मेरे आदिवासी भाई-बहनों के अधिकार के लिए लडूं, मेरे ओबीसी पिछड़े भाई-बहनों के अधिकार के लिए लडूं और इसलिए मैं लड़ाई लड़ रहा हूं।

एंकर- तो ये जो परसेप्शन बनाया जा रहा है कि आप आए तो बिल्कुल आरक्षण ही खत्म कर देंगे। ये क्या इस पर क्या बोलेंगे?

पीएम मोदी- इन्होंने ये पाप कर दिया है, उसके खिलाफ मैं बोल रहा हूं, इसलिए उनको झूठ बोलने के लिए ऐसी चीज का उपयोग करना पड़ रहा है।

एंकर- अभी कलकत्ता हाई कोर्ट का सर एक आर्डर आया है जिसमें 2010 के बाद जितने ओबीसी सर्टिफिकेट बांटे गए उसको खारिज कर दिया है।

पीएम मोदी- देखिए ये मोडस ऑपरेंडी है कि पहले इन्होंने कानून बना करके माइनॉरिटी को देने का पाप शुरू किया। पहले आंध्र में शुरू किया। सुप्रीम कोर्ट तक में वो हार गए। हाई कोर्ट ने उसको रिजेक्ट कर दिया। क्योंकि संविधान अलाउ करता नहीं है। तो इन्होंने चालाकी करके पिछले दरवाजे से खेल शुरू किया। और पिछले दरवाजे से खेल शुरू करने के लिए इन लोगों ने रातों-रात मुसलमान की सभी जातियों को ओबीसी बना दिया। सभी जातियों को ओबीसी बनाकर के जो ओबीसी का हक था वो रातों-रात डाका डाल दिया, लूट लिया। और इसके खिलाफ चुनाव की सरगर्मी चल रही है तब हम तो बोल ही रहे थे कि भई ये हो रहा है। कर्नाटक में हुआ है मैंने बताया था। हम बंगाल के लिए भी बोल चुके थे। लेकिन जब हाई कोर्ट का जजमेंट आ गया तब यह साफ हो गया कि इतना बड़ा धोखा हो रहा है। लेकिन इससे भी दुर्भाग्य की बात है कि इतना बड़ा वोट बैंक की राजनीति करने के लिए वे अब इनको भी गाली दे रहे हैं। जुडिशरी को गाली दे रहे हैं, न्यायपालिका को गाली दे रहे हैं और वो यहां तक कह रहे हैं कि कुछ भी हो जाए हम कोर्ट की बात मानने वाले नहीं है। ये जो स्थिति है वो किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं हो सकती है।

एंकर- सर केजरीवाल जी अभी जब जेल से बाहर आए तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ही तय करते हैं कि कौन जेल जाएगा। वो कहते हैं सोरेन को और मुझे उनके इशारे पर जेल में डाला गया।

पीएम मोदी- अच्छा होगा ये लोग संविधान पढ़ लें। देश के कानून-नियम पढ़ लें। मुझे किसी को कुछ कहने की जरूरत नहीं है।

एंकर- सर इस बार चुनाव में हम देख रहे हैं कि पर्सनल अटैक्स बहुत हो रहे हैं। लाइक आप पर भी कई बातें बोली गई हैं और आपकी तरफ से भी कुछ लोगों को कुछ बोला गया है। तो पर्सनल अटैक्स किस लिए इस बार, आपको लगता है नहीं कि ये शैली नहीं होनी चाहिए चुनावों में।

पीएम मोदी- जहां तक मोदी का सवाल है मैं तो पिछले 24 साल से गालियां खा-खा-खा करके गाली प्रूफ हो गया हूं। मौत का सौदागर किसने कहा था। गंदी नाली का कीड़ा किसने कहा था। और मेरे यहां तो पार्लियामेंट में एक दिन हमारे एक साथी ने हिसाब लगाया था 101 गालियां गिनाई थी। तो चुनाव या चुनाव ना हो ये लोग मानते हैं कि गालियां देने का हक उनका ही है। और वे हताश-निराश इतने हो चुके हैं कि गालियां देना अपशब्द बोलना ये उनके शायद जेहन में है, उनके स्वभाव में हो गया है।

एंकर- प्रधानमंत्री जी एक आरोप विपक्ष और लगा रहा है कि ईडी, आईटी, सीबीआई इसका इस्तेमाल किया जा रहा है विरोधियों को दबाने के लिए।

पीएम मोदी- मेरा मीडिया को सवाल है कि विपक्ष ने आपको ये कूड़ा-कचरा पकड़ा दिया। वो कूड़ा-कचरा लेकर के आप हमारे पास पहुंच जाते हैं। मीडिया वाले रिसर्च करें कि सरकार के लिए क्या सवाल पूछने चाहिए। प्रधानमंत्री को क्या सवाल पूछना चाहिए। जो कूड़ा-कचरा फेंक रहा है उसको पूछो न तुम ये जो कह रहे इसका सबूत क्या है। कानून-नियम क्या है उसको पूछो ना। उसकी आपकी हिम्मत नहीं है। लेकिन वो जो कूड़ा-कचरा फेंकते हैं वो कूड़ा-कचरा लेकर के आप मेरे यहां आते हैं। यह ठीक है कि मैं रिसाइकल को मानता हूं तो मैं इस कूड़े-कचरा को रिसाइकल करके उसको खाद में परिवर्तित कर दूंगा। और उसमें से देश के लिए कुछ अच्छी चीज पैदा कर दूंगा। इसलिए वो तो मैं करूंगा, लेकिन सरकार क्या करती है। आज गांव के सरपंच को चेक बुक पर सही करने का अधिकार होता है। देश के प्रधानमंत्री को नहीं है। इतना नॉलेज नहीं है इन लोगों को। देश के प्रधानमंत्री के पास इस प्रकार का कोई अधिकार नहीं होता है। मोदी सरकार का मैंडेट क्या है। मोदी सरकार ने अपने अफसरों को कहा है कि मेरी सरकार करप्शन के विषय में जीरो टॉलरेंस। अब ये दफ्तर के अंदर बैठे हुए लोगों का काम है कि उसको लागू करें। और सचमुच में तो किसी जमाने में 10 साल में मनमोहन सिंह जी की सरकार थी 34 लाख रुप पकड़े गए थे। 34 लाख रुपये मतलब एक स्कूल बैग में आ जाए। वर्तमान में ईडी ने 10 साल में 2200 करोड़ रुपये पकड़ा है। ये तो टीवी पर दिखता है। ये तो कोई जूठबाजी हो नहीं सकती है। अब जो 2200 करोड़ देश को वापस लाया है ये उसका सम्मान होना चाहिए कि उसको गाली गलौज होना चाहिए। तो गाली गलौज कौन करता है जिसका पैसा गया है वह गाली गलौज कर रहा है। 2200 करोड़ जिसकी जेब से गया है, जिसने चोरी कर करके इकट्ठा किया था। वह पकड़ा गया, वो चिल्ला रहा है। इसका मतलब ये जो चोर पकड़े जा रहे हैं इसमें जिसकी भागीदारी होगी, वो चिल्लाएगा।

एंकर- थोड़े से अलग मुद्दे पर आते हैं। कश्मीर में हम इस बार देख रहे हैं रिकॉर्ड वोटिंग हो रही है। ऐसे-ऐसे इलाकों में रिकॉर्डतोड़ वोटिंग हो रही है जहां पर ऐसा सोचा नहीं जा सकता था। इस पर आपका क्या आकलन है, आप कैसे देखते हैं।

पीएम मोदी- पहले तो मैं चाहूंगा कि कश्मीर की जो स्थिति बदली है उसके संदर्भ में सबसे तो पहले मैं मेरे देश के न्याय तंत्र को प्रार्थना करना चाहता हूं कि अगर सरकार किसी काम को करने के लिए... उसका एक डिजाइन होती है, उसकी स्ट्रेटेजी होती है। ऐसी समस्याओं के समाधान के लिए उस स्ट्रेटेजी के तहत काम करना होता था। अब उसके लिए कभी मुझे इंटरनेट बंद करना पड़ा। कोई एनजीओ कोर्ट चला गया और वो कोर्ट के अंदर बड़ा इशू बन गया। आज समझिए कि भले मैंने कुछ समय के लिए इंटरनेट बंद किया था, लेकिन आज बड़े गर्व के साथ वहां के बच्चे कहते हैं कि 5 साल से इंटरनेट बंद नहीं हुआ है। 5 साल से हमें सब सुविधाएं मिल रही हैं। कुछ दिन तकलीफ हुई, लेकिन अच्छे काम के लिए हुई थी। अब वो अदालत के अंदर जब विवादों में चढ़ जाता है, तब चीजें गड़बड़ा जाती हैं। तो ऐसे जो एनजीओ हैं जिन्होंने अदालतों के भरोसे लड़ाई लड़ना शुरू किया है एक तो देश को उनसे बचाना बहुत जरूरी है। दूसरा वहां का सामान्य मानवी जब मतदान करता है ना तब वो सिर्फ किसी को जिताता ऐसा नहीं है जी। मतदान करता है मतलब भारत के संविधान को गले लगाता है। मतदान करता है तब भारत की सरकार बनाने में वह गर्व के साथ भागीदारी करता है। मतदान करता है मतलब कि भारत के सार्वभौमत्व के प्रति अपना समर्पण व्यक्त करता है। दूसरा उनको विश्वास हुआ ये सरकार ऐसी है कि जहां फेयरनेस है। हम भरोसा कर सकते हैं कि ये सही होगा। और जब उसको ये विश्वास हो जाता है कि कोई हेराफेरी नहीं हो रही तो पक्का वोट करने के लिए उत्साह से आता है। और उसका परिणाम है कि आज मतदान यानी 40-40 साल के रिकॉर्ड टूट चुके हैं। मेरे लिए सबसे बड़ी संतोष की बात है कि मेरे कश्मीर के मेरे भाई-बहन, मेरे परिवारजन उमंग और उत्साह के साथ मतदान के लिए आगे आए। उन्होंने मतदान करके दुनिया को एक मैसेज दे दिया है। जो लोग आशंकाएं करते थे, उनको एक मैसेज दे दिया है।

एंकर- सर ये क्या विंडिकेशन है 370 को जो आपने हटाया, इससे क्या लगता है कि ये आपका विंडिकेशन है।

पीएम मोदी- 370 ये सिर्फ पांच-चार परिवारों का ही एजेंडा था। ये ना कश्मीर की जनता का एजेंडा था। ना देश के लोगों का एजेंडा था। ये अपने फायदे के लिए ये 370 की ऐसी एक दीवार बनाकर बैठे थे ताकि कोई झांक ना पाए। और कहते थे 370 हटेगी तो आग लग जाएगी। वो कहते थे 370 हटेगी तो कश्मीर चला जाएगा। आज ये सत्य हो गया कि 370 हटने के बाद ज्यादा एकता की अनुभूति हो रही है। कश्मीर के लोगों का अपनापन ज्यादा बढ़ रहा है और इसलिए इसका सीधा परिणाम चुनावों में भी दिखाई देता है, टूरिज्म में दिखाई दे रहा है ,जी 20 समिट वहां होती है, बड़े शांत से कश्मीर ने उनका स्वागत किया, पूरी दुनिया का। और इसलिए कैसे झूठी की दीवारें खड़ी करके देश को टुकड़ों में देखा गया इसका यह उदाहरण है और उसको मैंने ध्वस्त किया है।

एंकर- सर वेल्थ क्रिएटर्स को लेकर भी एक नैरेटिव आता है। कभी राहुल गांधी जी बोलते हैं कि आप कुछ परिवार को बढ़ा रहे हैं। अभी आपने हाल में उनको बोला तो क्या लगता है कि देश में जो वेल्थ क्रिएटर है उन पर राजनीति होनी चाहिए।

पीएम मोदी- मैं फिर कहता हूं जो लोग ये कूड़ा-कचरा फेंक रहे हैं उनको पूछो, ये तुम कहां से लाए हो। उनसे बात करो भाई। आप उनसे तो कुछ पूछते नहीं हो। और इसलिए मैं समझता हूं कि चर्चाएं उनके साथ करें तो ज्यादा अच्छा होगा।

एंकर- सर उड़ीसा में अभी चुनाव होने हैं अभी हाल में। उधर आपकी देखा जाए तो काफी अच्छे संबंध थे नवीन पटनायक जी के साथ। उन्होंने कई मुद्दों पर आपको सपोर्ट किया। अब आप लोगों का अलायंस नहीं है और आपस में एक दूसरे से लड़ रहे हैं। किस तरह से आप देखते हैं।

पीएम मोदी- हिंदुस्तान के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ हमारे संबंध अच्छे ही हैं और लोकतंत्र में हमारी दुश्मनी नहीं होती है, संबंध अच्छे होने ही चाहिए। अब सवाल यह है कि मैं मेरे संबंधों को संभालूं कि उड़ीसा के भाग्य की चिंता करूं। तब मैंने रास्ता चुना कि मैं उड़ीसा के उज्ज्वल भविष्य के लिए अपने आप को खपा दूंगा। उसके लिए मेरे संबंधों को मुझे अगर बलि चढ़ाना पड़ेगा तो मैं उड़ीसा की भलाई के लिए बलि चढ़ाऊंगा। और चुनाव के बाद मैं कन्विंस करूंगा हरेक को कि भई मुझे किसी से दुश्मनी नहीं है। लेकिन 25 साल से उड़ीसा में प्रगति नहीं हो रही है। सबसे बड़ी चिंता ऐसी है एक ऐसी टोली है जिसने पूरे उड़ीसा की व्यवस्था को कब्जा कर लिया है। ऐसा लगता है पूरी व्यवस्था को बंधक बना दिया है। और जब इतना बंधक बना दिया है तो बहुत स्वाभाविक है कि उड़ीसा अगर उन बंधनों से बाहर आएगा तो उड़ीसा खिलेगा। उड़ीसा की अस्मिता का सवाल है, इतने प्राकृतिक संसाधन हैं उड़ीसा के पास। एक समृद्ध राज्य के गरीब लोग देख कर के दुख होता है। हिंदुस्तान के समृद्ध राज्यों में उड़ीसा है इतनी प्राकृतिक संपदा है। और हिंदुस्तान के गरीब लोगों के राज्य में भी उड़ीसा है तो इसके लिए सरकार जिम्मेवार है। और इसलिए उड़ीसा के लोगों को उनका हक मिलना चाहिए। उड़ीसा को उसकी अस्मिता मिलनी चाहिए। उड़ीसा का भाग्य बदलने वाला है। सरकार बदल रही है। मैंने कहा है कि उड़ीसा की वर्तमान सरकार की एक्सपायरी डेट 4 जून है। और 10 जून को बीजेपी का मुख्यमंत्री उड़ीसा में शपथ लेगा।

एंकर- मोदी जी बंगाल में भी ताबड़तोड़ एक टक्कर की लड़ाई चल रही है। बहुत कैंपेनिंग वहां पर आपने की है और अभी आप शायद फिर जाने वाले हैं बंगाल। क्या लगता है आपके प्रॉस्पेक्ट कैसे रहेंगे बंगाल में।

पीएम मोदी- एक तो मुझे लगता है कि एएनआई के जो फुट सोल्जर्स हैं एक बार उनको वेरीफाई कर देना चाहिए कि वो कहां से रिपोर्टिंग आपको भेजते हैं। बंगाल के चुनाव में टीएमसी पार्टी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। आपने देखा होगा पिछले असेंबली के चुनाव में हम तीन थे। तीन में से बंगाल की जनता ने हमें 80 पर पहुंचा दिया। हमें लोकसभा के अंदर भारी बहुमत पिछले चुनाव में मिला था। इस बार पूरे हिंदुस्तान में द बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट कोई होगा तो पश्चिम बंगाल होने वाला है। भारतीय जनता पार्टी को सर्वाधिक सफलता पश्चिम बंगाल में मिल रही है। और पश्चिम बंगाल का चुनाव एकतरफा है जनता जनार्दन उसको लीड कर रही है। और उसके कारण सरकार में बैठे हुए लोग, टीएमसी के लोग बोखला हुए हैं, लगातार हत्याएं हो रहे हैं, हमले हो रहे हैं, भाजपा कार्यकर्ताओं को चुनाव के पहले जेलों में बंद कर दिया जा रहा है। ये सारे जुल्मों के बावजूद मतदान भी जनता ज्यादा कर रही है और वोट भी ज्यादा हो रहा है।

एंकर- मोदी जी आपके हिसाब से तो लगभग आपका तय है आना। और सबको लगता है ऐसा ज्यादातर लोग आपको प्रिडिक्ट कर रहे हैं कि आप वापस आ रहे हैं। तो मोदी 3.0 में यह देश क्या उम्मीदें रखे आपसे।

पीएम मोदी- विकसित भारत। वन पॉइंट एजेंडा विकसित भारत। चलिए बहुत-बहुत धन्यवाद भैया, नमस्कार।

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PM chairs 50th meeting of PRAGATI
December 31, 2025
In last decade, PRAGATI led ecosystem has helped accelerate projects worth more than ₹85 lakh crore: PM
PM’s Mantra for the Next Phase of PRAGATI: Reform to Simplify, Perform to Deliver, Transform to Impact
PM says PRAGATI is essential to sustain reform momentum and ensure delivery
PM says Long-Pending Projects have been Completed in National Interest
PRAGATI exemplifies Cooperative Federalism and breaks Silo-Based Functioning: PM
PM encourages States to institutionalise PRAGATI-like mechanisms especially for the social sector at the level of Chief Secretary
In the 50th meeting, PM reviews five critical infrastructure projects spanning five states with a cumulative cost of more than ₹40,000 crore
Efforts must be made for making PM SHRI schools benchmark for other schools of state governments: PM

Prime Minister Shri Narendra Modi chaired the 50th meeting of PRAGATI - the ICT-enabled multi-modal platform for Pro-Active Governance and Timely Implementation - earlier today, marking a significant milestone in a decade-long journey of cooperative, outcome-driven governance under the leadership of Prime Minister Shri Narendra Modi. The milestone underscores how technology-enabled leadership, real-time monitoring and sustained Centre-State collaboration have translated national priorities into measurable outcomes on the ground.

Review undertaken in 50th PRAGATI

During the meeting, Prime Minister reviewed five critical infrastructure projects across sectors, including Road, Railways, Power, Water Resources, and Coal. These projects span 5 States, with a cumulative cost of more than ₹40,000 crore.

During a review of PM SHRI scheme, Prime Minister emphasized that the PM SHRI scheme must become a national benchmark for holistic and future ready school education and said that implementation should be outcome oriented rather than infrastructure centric. He asked all the Chief Secretaries to closely monitor the PM SHRI scheme. He further emphasized that efforts must be made for making PM SHRI schools benchmark for other schools of state government. He also suggested that Senior officers of the government should undertake field visits to evaluate the performance of PM SHRI schools.

On this special occasion, Prime Minister Shri Narendra Modi described the milestone as a symbol of the deep transformation India has witnessed in the culture of governance over the last decade. Prime Minister underlined that when decisions are timely, coordination is effective, and accountability is fixed, the speed of government functioning naturally increases and its impact becomes visible directly in citizens’ lives.

Genesis of PRAGATI

Recalling the origin of the approach, the Prime Minister said that as Chief Minister of Gujarat he had launched the technology-enabled SWAGAT platform (State Wide Attention on Grievances by Application of Technology) to understand and resolve public grievances with discipline, transparency, and time-bound action.

Building on that experience, after assuming office at the Centre, he expanded the same spirit nationally through PRAGATI bringing large projects, major programmes and grievance redressal onto one integrated platform for review, resolution, and follow-up.

Scale and Impact

Prime Minister noted that over the years the PRAGATI led ecosystem has helped accelerate projects worth more than 85 lakh crore rupees and supported the on-ground implementation of major welfare programmes at scale.

Since 2014, 377 projects have been reviewed under PRAGATI, and across these projects, 2,958 out of 3,162 identified issues - i.e. around 94 percent - have been resolved, significantly reducing delays, cost overruns and coordination failures.

Prime Minister said that as India moves at a faster pace, the relevance of PRAGATI has grown further. He noted that PRAGATI is essential to sustain reform momentum and ensure delivery.

Unlocking Long-Pending Projects

Prime Minister said that since 2014, the government has worked to institutionalise delivery and accountability creating a system where work is pursued with consistent follow-up and completed within timelines and budgets. He said projects that were started earlier but left incomplete or forgotten have been revived and completed in national interest.

Several projects that had remained stalled for decades were completed or decisively unlocked after being taken up under the PRAGATI platform. These include the Bogibeel rail-cum-road bridge in Assam, first conceived in 1997; the Jammu-Udhampur-Srinagar-Baramulla rail link, where work began in 1995; the Navi Mumbai International Airport, conceptualised in 1997; the modernisation and expansion of the Bhilai Steel Plant, approved in 2007; and the Gadarwara and LARA Super Thermal Power Projects, sanctioned in 2008 and 2009 respectively. These outcomes demonstrate the impact of sustained high-level monitoring and inter-governmental coordination.

From silos to Team India

Prime Minister pointed out that projects do not fail due to lack of intent alone—many fail due to lack of coordination and silo-based functioning. He said PRAGATI has helped address this by bringing all stakeholders onto one platform, aligned to one shared outcome.

He described PRAGATI as an effective model of cooperative federalism, where the Centre and States work as one team, and ministries and departments look beyond silos to solve problems. Prime Minister said that since its inception, around 500 Secretaries of Government of India and Chief Secretaries of States have participated in PRAGATI meetings. He thanked them for their participation, commitment, and ground-level understanding, which has helped PRAGATI evolve from a review forum into a genuine problem-solving platform.

Prime Minister said that the government has ensured adequate resources for national priorities, with sustained investments across sectors. He called upon every Ministry and State to strengthen the entire chain from planning to execution, minimise delays from tendering to ground delivery.

Reform, Perform, Transform

On the occasion, the Prime Minister shared clear expectations for the next phase, outlining his vision of Reform, Perform and Transform saying “Reform to simplify, Perform to deliver, Transform to impact.”

He said Reform must mean moving from process to solutions, simplifying procedures and making systems more friendly for Ease of Living and Ease of Doing Business.

He said Perform must mean to focus equally on time, cost, and quality. He added that outcome-driven governance has strengthened through PRAGATI and must now go deeper.

He further said that Transform must be measured by what citizens actually feel about timely services, faster grievance resolution, and improved ease of living.

PRAGATI and the journey to Viksit Bharat @ 2047

Prime Minister said Viksit Bharat @ 2047 is both a national resolve and a time-bound target, and PRAGATI is a powerful accelerator to achieve it. He encouraged States to institutionalise similar PRAGATI-like mechanisms especially for the social sector at the level of Chief Secretary.

To take PRAGATI to the next level, Prime Minister emphasised the use of technology in each and every phase of the project life cycle.

Prime Minister concluded by stating that PRAGATI@50 is not merely a milestone it is a commitment. PRAGATI must be strengthened further in the years ahead to ensure faster execution, higher quality, and measurable outcomes for citizens.

Presentation by Cabinet Secretary

On the occasion of the 50th PRAGATI milestone, the Cabinet Secretary made a brief presentation highlighting PRAGATI’s key achievements and outlining how it has reshaped India’s monitoring and coordination ecosystem, strengthening inter-ministerial and Centre-State follow-through, and reinforcing a culture of time-bound closure, which resulted in faster implementation of projects, improved last-mile delivery of Schemes and Programmes and quality resolution of public grievances.