दुर्गम स्थानों पर डटे रहकर हमारी रक्षा करने वाले हमारे सुरक्षाकर्मियों पर हमें गर्व है : प्रधानमंत्री

भारत माता की जय!

देश के बॉर्डर पर सरक्रीक के पास, कच्छ की धरती पर, देश की सेनाओं के साथ, सीमा सुरक्षाबल के साथ आपके बीच, दीपावली…. ये मेरा सौभाग्य है, आप सभी को दीपावली की बहुत-बहुत बधाई!

जब मैं दीपावली का पर्व आप लोगों के बीच मनाता हूं तो मेरी दीपावली की मिठास कई गुना बढ़ जाती है और इस बार तो ये दीपावली भी बहुत खास है। आपको लगेगा हर दीपावली का अपना एक महत्व होता है, इस बार खास क्या है? खास है… अयोध्या में प्रभु राम 500 साल बाद फिर से अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं। मैं आप सभी को और मां भारती की सेवा में तैनात देश के हर जवान को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। मेरी इन शुभकामनाओं में आपके प्रति 140 करोड़ देशवासियों का कृतज्ञ भाव भी शामिल है, उनका आभार भी शामिल है।

साथियों,

मातृभूमि की सेवा का ये अवसर बड़े सौभाग्य से मिलता है। ये सेवा आसान नहीं है। ये मातृभूमि को सर्वस्व मानने वाले मतवालों की साधना है। ये मां भारती के लाडलों, लाडलियों, उनका तप है, उनकी तपस्या है। कहीं हिमालय की बर्फ और ग्लेशियर का शून्य से नीचा तापमान, कहीं नसों को जमाने वाली ठंडी रातें, कहीं गर्मियों में तपता हुआ रण का रेगिस्तान, आग बरसता हुआ सूरज, कहीं धूल भरी रेतीली आंधियां, कहीं दल-दल की चुनौतियां और कहीं उफान लेता हुआ समंदर… ये साधना हमारे जवानों को उस हद तक तपाती है जहां हमारे देश का सैनिक फौलाद बनकर चमकता है। एक ऐसा फौलाद जिसे देखकर दुश्मन की रूह दहल उठती है। दुश्मन भी आपको देखकर सोचता है कि जो ऐसे क्रूरतम प्रहारों से विचलित नहीं हुआ, उसे भला कौन हरा पाएगा। आपकी ये अटल इच्‍छा शक्ति, आपका ये अथाह शौर्य, पराक्रम की पराकाष्ठा, देश जब आपको देखता है तो उसे सुरक्षा और शांति की गारंटी दिखाई देती है। दुनिया जब आपको देखती है तो उसे भारत की ताकत दिखाई देती है और दुश्मन जब आपको देखता है तो उसे बुरे मंसूबों का अंत दिखाई देता है। आप जब जोश में दहाड़ते हैं तो आतंक के आका कांप जाते हैं। ये है मेरी सेना का, मेरे सुरक्षाबलों का पराक्रम, मुझे गर्व है हमारे जवानों ने हर मुश्किल से मुश्किल मौके पर अपने सामर्थ्य को सिद्ध किया है।

साथियों,

आज जब मैं कच्छ में खड़ा हूं तो यहां हमारी नेवी का जिक्र भी उतना ही स्वाभाविक हो जाता है, ये गुजरात का समुद्री तट देश की बहुत बड़ी ताकत है। इसलिए यहां की समुद्री सीमा भारत विरोधी षड्यंत्रों का सबसे ज्यादा सामना करती हैं। कच्छ के इसी क्षेत्र में भारत की अखंडता का उद्घोष करती ये सरक्रीक भी है, अतीत में इस क्षेत्र को रणभूमि बनाने की कोशिशें भी हुईं। देश जानता है सर क्रीक पर दुश्मन की नापाक नज़रें कब से टिकी हैं, लेकिन देश निश्‍चिंत भी है क्योंकि सुरक्षा में आप तैनात हैं। दुश्मन को भी पता है, 1971 के युद्ध में किस तरह आपने मुंहतोड़ जवाब दिया था। इसलिए हमारी नेवी की मौजूदगी में सर क्रीक और कच्छ की तरफ अब कोई आंख उठाने की भी हिम्मत नहीं करता है।

साथियों,

आज देश में एक ऐसी सरकार है जो देश की सीमा के एक इंच से भी समझौता नहीं कर सकती। एक समय था जब डिप्लोमेसी के नाम पर सर क्रीक को छल से हड़पने की पॉलिसी पर काम हो रहा था। मैंने तब गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में भी देश की आवाज को बुलंद किया था और इस क्षेत्र आज में पहली बार नहीं आया। मैं इस क्षेत्र से परिचित रहा हूं। कई बार आया हूं, बहुत आगे तक जाकर के आया हूं। इसलिए आज जब हमें जिम्मेदारी मिली है तो हमारी नीतियां, हमारी सेनाओं के संकल्पों के हिसाब से बनती हैं। हम दुश्मन की बातों पर नहीं, हमारी सेनाओं के संकल्पों पर भरोसा करते हैं।

साथियों,

21वीं सदी की जरूरतों को देखते हुए, आज हम अपनी सेनाओं को, हमारे सुरक्षाबलों को आधुनिक संसाधनों से लैस कर रहे हैं। हम हमारी सेनाओं का विश्व की सबसे आधुनिक मिलिट्री फोर्सेस की कतार में खड़ा कर रहे हैं। हमारे इन प्रयासों का आधार है रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत… अभी कुछ दिन पहले, यहीं गुजरात के वडोदरा में सी295 फैक्ट्री का उद्घाटन हुआ है। आज विक्रांत जैसा मेड इन इंडिया एयरक्राफ्ट, एयरक्राफ्ट कैरियर देश के पास है। आज भारत में अपनी सबमरीन बनाई जा रही है। आज हमारा तेजस फाइटर प्लेन वायु सेना की ताकत बन रहा है। हमारा अपना 5th Generation Fighter, फाइटर एयरक्राफ्ट बनाने का काम भी शुरू हो चुका है। पहले भारत की पहचान हथियार मंगाने वाले देश की थी, आज भारत दुनिया के कितने ही देशों को डिफेंस उपकरण एक्सपोर्ट कर रहा है। पिछले 10 वर्षों में हमारा रक्षा निर्यात 30 गुना बढ़ गया है।

साथियों,

सरकार के इस vision को सफल बनाने में हमारी सेनाओं और सैन्‍य बलों के सहयोग की भी बड़ी भूमिका है। हमारे सुरक्षाबलों की बहुत बड़ी भूमिका है। मैं देश की सेनाओं को, मैं देश के सुरक्षाबलों को बधाई दूंगा कि उन्होंने 5 हजार से अधिक सैन्य उपकरणों की लिस्ट बनाई है, जो वो अब विदेश से नहीं खरीदेंगे। इससे सैन्‍य क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत अभियान को नई गति भी मिली है।

साथियों,

आज जब new age warfare की बात होती है, तो ड्रोन टेक्नोलॉजी उसका एक अहम टूल बन गई है। हम देख रहे हैं, युद्ध में शामिल देश आज ड्रोन टेक्नोलॉजी का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। ड्रोन से निगरानी हो रही है, ड्रोन से खुफिया जानकारी जुटाई जा रही है। किसी व्यक्ति या जगह की पहचान करने में ड्रोन का उपयोग हो रहा है। ड्रोन सामान पहुंचाने में मदद कर रहे हैं। ड्रोन का इस्तेमाल हथियार के रूप में भी हो रहा है। इतना ही नहीं, ड्रोन पारंपरिक एयर डिफेंस के लिए भी चुनौती बनकर के उभर रहा है। ऐसे में भारत भी ड्रोन टेक्नोलॉजी की मदद से अपनी सेनाओं को, अपने सुरक्षाबलों को सक्षक्त कर रहा है। सरकार आज तीन सेनाओं के उपयोग में आने वाले प्रिडेटर ड्रोन खरीद रही हैं। ड्रोन के इस्तेमाल से जुड़ी स्‍ट्रेटजी बनाई जा रही है और मुझे खुशी है कि कई भारतीय कंपनियां पूरी तरह से स्वदेशी ड्रोन में भी लगी हैं। ढेर सारे स्‍टार्टअप्‍स मैदान में आए हैं।

साथियों,

आज युद्ध की प्रकृति बदल रही है। आज सुरक्षा के विषय भी नए-नए पनपते जा रहे हैं। भविष्‍य की चुनौतियां और जटिल होंगी। इसलिए बहुत जरूरी है कि तीनों सेनाओं की क्षमताओं को, हमारे सुरक्षाबलों की क्षमताओं को एक-दूसरे से जोड़ दिया जाए और खासकर कि हमारी तीनों सेनाओं के लिए, उनका प्रदर्शन इस जोड़ने के प्रयास के कारण, उनका सामर्थ्‍य कई गुना बेहतर हो जाएगा। और मैं कभी-कभी कहता हूं कि एक आर्मी, एक एयरफोर्स और एक नेवी, हमें एक-एक-एक नजर आते हैं। लेकिन उनका जब संयुक्‍त अभ्‍यास होता है, तो एक-एक-एक नहीं, एक सौ ग्यारह नजर आते हैं। सेनाओं के आधुनिकीकरण की इसी सोच के साथ, Chief of Defence Staff, CDS की नियुक्ति की गई। इसने देश की सेनाओं को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाई। अब हम Integrated Theatre Command की दिशा में बढ़ रहे हैं। Integrated Theatre Command के लिए एक ऐसा मेकेनिज्म तैयार कर लिया गया है जिससे सेना के तीनों अंगों के बीच और बेहतर तालमेल होगा। 

साथियों,

हमारा संकल्प है Nation First, राष्ट्र प्रथम… राष्ट्र की शुरुआत उसकी सीमाओं से होती है। इसलिए बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास देश की सबसे प्राथमिकताओं में है। बीआरओ ने 80 हजार किलोमीटर से ज्यादा सड़क का निर्माण किया है। लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में भी रणनीतिक रूप से महत्‍वपूर्ण सड़कें बनाई गई हैं। पिछले 10 वर्षों में बीआरओ ने 400 के आसपास बड़े पुल बनाए हैं। आप जानते हैं, देश के सबसे दूरदराज के इलाकों में All Weather Connectivity के लिए, हमारी सेनाओं के लिए टनल कितनी महत्वपूर्ण हैं। इसलिए पिछले 10 वर्षों में अटल और सेला जैसी सामरिक महत्व की अनेकों बड़ी सुरंगों का निर्माण पूरा किया है। बीआरओ देश के अलग-अलग हिस्सों में टनल बनाने के काम को तेज गति से पूरा कर रहा है।

साथियों,

हमने सीमावर्ती गांवों को, आखिरी गांव मानने की सोच भी बदली है। आज हम उन्हें देश का प्रथम गांव कहते हैं, आखिरी गांव नहीं वो प्रथम गांव है। Vibrant Village योजना के तहत देश के प्रथम गांवों का विकास किया जा रहा है। Vibrant Village यानी सीमा पर बसे ऐसे Vibrant गांव, जहां Vibrant भारत के प्रथम दर्शन हों। हमारा देश का तो ये विशेष सौभाग्य है कि हमारे ज्यादातर सीमावर्ती इलाकों को प्रकृति ने विशेष आविष्कार दिया है। वहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। हमें उसे तराशना है, निखारना है। इसके जरिए इन गांवों में बसे नागरिकों का जीवन बेहतर होगा। उन्हें नए अवसर मिलेंगे। Vibrant Village अभियान के जरिए हम ये होता देख रहे हैं। आप ही के यहां आसपास के जो दूरदराज के आखिरी गांव कहे जाते थे, जो आज पहले गांव हैं वहां seaweed का काम आपकी नजरों के आगे तेजी से बढ़ रहा है। बहुत बड़ा आर्थिक नया एक क्षेत्र खुल रहा है। यहां mangroves के पीछे एक बड़ी ताकत हम लगा रहे हैं। वो देश के पर्यावरण के लिए तो एक बहुत सुनहरा अवसर है लेकिन ये mangroves के जो जंगल तैयार होंगे, वो यहां के टूरिस्टों के लिए और जैसे धोरडो में रणोत्सव ने पूरे देश और दुनिया को आकर्षित किया है, देखते ही देखते ये इलाका टूरिस्टों का स्‍वर्ग बनने वाला है। आपकी आंखों के सामने बनने वाला है।

साथियों,

इस vision को बढ़ाने के लिए हमारी सरकार के मंत्री भी सीमावर्ती Vibrant Village में जा रहे हैं। आज वो Vibrant Village में रूकते हैं जहां ज्यादा से ज्यादा समय बिताते हैं। ऐसे में देश के लोगों में भी इन गांवों के लेकर के आकर्षण बढ़ रहा है, उत्सुकता बढ़ रही है।

साथियों,

राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ एक और पहलू भी जुड़ा हुआ है जिसकी उतनी चर्चा नहीं होती है। ये है बॉर्डर टूरिज्‍म और इसमें हमारे कच्छ के पास अपार संभावनाएं हैं। इतनी समृद्ध विरासत, आकर्षण और आस्था के इतने अद्भुत केंद्र और प्रकृति की अद्भुत देन। गुजरात में कच्छ और खम्भात की खाड़ी के mangrove forest बहुत महत्वपूर्ण हैं। गुजरात के समुद्री तटों पर समुद्री जीवों और वनस्पतियों का पूरा इकोसिस्टम है। सरकार ने भी mangrove के जंगलों के विस्तार के लिए कई कदम उठाए हैं। पिछले वर्ष लॉन्च की गई मिष्टी योजना पर सरकार तेजी से काम कर रही है। 

 साथियों,

UNESCO World Heritage Sites में हमारा धोलावीरा ये भी शामिल है और वो तो हमारे देश के हजारों साल के सामर्थ्य की पहचान है। धोलावीरा में सिंधु घाटी सभ्‍यता के अवशेष बताते हैं कि हजारों वर्ष पूर्व वो शहर कितने व्यवस्थित तरीके से बसा हुआ था। यहीं गुजरात के समुद्र से थोड़ी दूरी पर लोथल जैसे व्यापारिक केंद्रों ने भी एक समय में भारत की समृद्धि के अध्याय लिखे। लखपत में गुरु नानक देवजी की चरण रज है। कच्छ का कोटेश्वर महादेव मंदिर हो। माता आशापुरा का मंदिर हो। काला डूंगर पहाड़ी पर भगवान दत्तात्रेय का साक्षात दर्शन होता हो या फिर कच्छ का रण उत्सव या सरक्रीक को देखने का उत्साह, कच्छ के एक जिले में ही पर्यटन का इतना potential है कि टूरिस्‍ट को पूरा हफ्ता भी कम पड़ जाए। उत्तर गुजरात की सीमा पर नाडाबेट में हमने देखा है कि कैसे बॉर्डर टूरिज्म लोगों में छाया हुआ है। हमें ऐसी ही हर संभावना को साकार करना है। जब ऐसे स्थानों पर देश के अलग-अलग हिस्सों पर पर्यटक आते हैं, वो भारत के वो दो हिस्से आपस में कनेक्ट हो जाते हैं। वो पर्यटक अपने साथ राष्ट्रीय एकता का प्रवाह लेकर आता है और राष्ट्रीय एकता की ऊर्जा लेकर जाता है और यहां एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को जीवंत कर देता है। अपने क्षेत्र में जाकर के भी कर देता है। यही भावना हमारी राष्‍ट्र सुरक्षा का मजबूत आधार तैयार करती है। इसलिए कच्छ और दूसरे सीमावर्ती इलाकों को हमें विकास के नए मुकाम तक लेकर के जाना है। जब हमारे सीमावर्ती क्षेत्र विकसित होंगे, वहां सुविधाएं होंगी तो इससे यहां तैनात हमारे जवानों का Life Experience भी बेहतर होगा।

साथियों,

हमारा राष्ट्र जीवंत चेतना है जिसे हम मां भारती के रूप में पूजते हैं। हमारे जवानों के तप और त्याग के कारण ही आज देश सुरक्षित है। देशवासी सुरक्षित हैं, सुरक्षित राष्ट्र ही प्रगति कर सकते हैं। इसलिए आज जब हम विकसित भारत के लक्ष्य की ओर इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं तो इसमें आप सब इस स्वप्न के रक्षक हैं। आज हर देशवासी अपना शत-प्रतिशत देकर राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दे रहा है क्योंकि उसे आप पर भरोसा है। मुझे विश्वास आपका ये शौर्य इसी तरह भारत के विकास को बल देता रहेगा। इसी विश्वास के साथ आप सबको एक बार फिर दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं!

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद!

मेरे साथ बोलिए, भारत माता की जय! माता की जय! माता की जय! माता की जय!

वन्दे मातरम! वन्दे मातरम! वन्दे मातरम! वन्दे मातरम! वन्दे मातरम! वन्दे मातरम! वन्दे मातरम! 

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Prime Minister pays homage to Balasaheb Thackeray ji on his birth anniversary
January 23, 2025

The Prime Minister Shri Narendra Modi today paid homage to Balasaheb Thackeray ji on his birth anniversary. Shri Modi remarked that Shri Thackeray is widely respected and remembered for his commitment to public welfare and towards Maharashtra’s development.

In a post on X, he wrote:

“I pay homage to Balasaheb Thackeray Ji on his birth anniversary. He is widely respected and remembered for his commitment to public welfare and towards Maharashtra’s development. He was uncompromising when it came to his core beliefs and always contributed towards enhancing the pride of Indian culture.”