" सुदृढ ऊर्जा क्षेत्र राष्ट्र की प्रगति का शुभ संकेत"
"वैश्विक विशेषज्ञ भारत की विकास गाथा से उत्साहित हैं"
"भारत न केवल अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहा है बल्कि वैश्विक विकास की दिशा भी निर्धारित कर रहा है"
"भारत अभूतपूर्व गति से आधारभूत अवसंरचना के निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है"
"वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन ने वैश्विक सरकारों, संस्थानों और उद्योगों को एक मंच प्रदान किया "
"हम 'अपशिष्ट से धन प्रबंधन' के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति दे रहे हैं"
"भारत अपने ऊर्जा स्रोतों को बढ़ाने के लिए पर्यावरण के प्रति जागरूक ऊर्जा संसाधनों के विकास पर बल दे रहा है"
"हम सौर ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित कर रहे हैं"
"भारत ऊर्जा सप्ताह कार्यक्रम केवल भारत का कार्यक्रम ही नहीं है बल्कि 'भारत विश्व के साथ और विश्व के लिए' भावना को प्रतिबिंबित करता है"

गोवा के राज्यपाल श्रीमान पीएस श्रीधरन पिल्लई जी, गोवा के युवा मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी हरदीप सिंह पुरी जी, रामेश्वर तेली जी, विभिन्न देशों से आए अतिथि गण, देवियों और सज्जनों।

India Energy Week के इस दूसरे संस्करण में, मैं आप सभी का अभिनंदन करता हूं। हमारे लिए ये बहुत खुशी की बात है कि India Energy Week का ये आयोजन, हमेशा Energy से भरे रहने वाले गोवा में हो रहा है। गोवा अपने आतिथ्य भाव के लिए जाना जाता है। पूरी दुनिया से यहां आने वाले पर्यटक यहां की सुंदरता और संस्कृति से प्रभावित होते हैं। गोवा आज वो राज्य भी है जो विकास के नए प्रतिमानों को छू रहा है। इसलिए आज जब हम पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता की बात करने के लिए एकजुट हुए हैं...Sustainable Future के बारे में बात करने जा रहे हैं...तो इसके लिए गोवा, बहुत ही Perfect Destination है। मुझे विश्वास है, इस समिट में आए सभी विदेशी मेहमान, अपने साथ गोवा की लाइफटाइम मेमोरी लेकर जाएंगे।

साथियों,

India Energy Week का ये आयोजन एक बहुत महत्वपूर्ण कालखंड में हो रहा है। इस वित्तीय वर्ष के पहले 6 महीनों में ही, भारत की GDP दर साढ़े सात फीसदी से अधिक हो गई है। ये दर, Global Growth को लेकर जो अनुमान लगाया गया है, उससे भी बहुत अधिक है। भारत आज विश्व की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था है। और हाल ही में, IMF ने भी ये भविष्यवाणी की है कि हम ऐसे ही तेज गति से आगे बढ़ेंगे। आज पूरी दुनिया के एक्सपर्ट्स ये मान रहे हैं कि भारत जल्द ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। भारत की इस ग्रोथ स्टोरी में Energy Sector की बहुत महत्वपूर्ण, स्‍वाभाविक रूप से उसका महात्‍मय बढ़ रहा है।

साथियों,

भारत पहले ही विश्व का तीसरा सबसे बड़ा Energy Consumer है। भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा Oil Consumer और तीसरा सबसे बड़ा LPG Consumer भी है। हम दुनिया के चौथे सबसे बड़े LNG Importer, चौथे सबसे बड़े Refiner, और चौथे सबसे बड़े Automobile Market वाले देश हैं। आज भारत में दो पहिया और चार पहिया वाहनों की बिक्री के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। भारत में EVs की लगातार डिमांड बढ़ रही है। ऐसे अनुमान भी हैं कि भारत की Primary Energy Demand 2045 तक दोगुनी हो जाएगी। यानी आज अगर हमें हर रोज जो 19 मिलियन बैरल्स के आसपास तेल की जरूरत होती है, तो वो 2045 तक 38 मिलियन बैरल्स तक पहुंच जाएगी।

साथियों,

भविष्य की इन जरूरतों को देखते हुए, समझते हुए भारत अभी से तैयारी कर रहा है। बढ़ती हुई Energy Demand के बीच भारत, देश के हर कोने में Affordable Energy को भी Ensure कर रहा है। भारत ऐसा देश है, जहां अनेक Global Factors के बाद भी बीते 2 सालों में पेट्रोल और डीजल के दाम कम हुए हैं। इसके अलावा भारत ने 100 परसेंट इलेक्ट्रिसिटी कवरेज हासिल करते हुए बिजली को करोड़ों घरों तक पहुंचाया है। और ऐसे प्रयासों के कारण ही आज भारत विश्व के मंच पर Energy Sector में इतना आगे बढ़ रहा है। भारत ना सिर्फ अपनी जरूरतों को पूरा कर रहा है, बल्कि विश्व के विकास की दिशा भी तय कर रहा है।

साथियों,

आज भारत, अपने यहां 21वीं सदी का आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर बना रहा है। हम Infrastructure Building Mission पर काम कर रहे हैं। इस वित्तीय वर्ष में हम इंफ्रास्ट्रक्चर पर करीब 10 लाख करोड़ रुपये इंवेस्ट कर रहे हैं। अभी एक सप्ताह पहले जो भारत का बजट आया है, उसमें हमने अब इंफ्रास्ट्रक्चर पर 11 लाख करोड़ रुपए से अधिक के खर्च का संकल्प लिया है। इसका एक बड़ा हिस्सा Energy Sector के खाते में जाना तय है। इस बड़ी राशि से रेलवे, रोडवेज, वाटरवेज, एयरवेज या हाउसिंग जो भी इंफ्रास्ट्रक्चर देश में बनेगा, सभी को Energy की जरूरत होगी। और इसी कारण, आप देख रहे होंगे कि भारत कैसे अपनी ऊर्जा क्षमता को, Energy Capacity को लगातार बढ़ा रहा है।

हमारी सरकार ने जो Reforms किए हैं, उससे भारत में घरेलू गैस का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है। हम Primary Energy Mix में Natural Gas को Six Percent से बढ़ाकर Fifteen Percent तक करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए अगले 5-6 वर्षों में करीब Sixty Seven बिलियन डॉलर्स का निवेश होने जा रहा है। हम पहले ही विश्व के सबसे बड़े Refiners में से एक हैं। आज हमारी Refining Capacity, Two Fifty Four MMTPA से अधिक हो गई है। हमने 2030 तक भारत की रिफाइनिंग कैपेसिटी को Four Fifty MMTPA तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। भारत Petrochemical और अन्य Finished Products के क्षेत्र में भी एक बड़ा निर्यातक बनकर उभरा है।

मैं आपको ऐसे कई और उदाहरण दे सकता हूं। लेकिन इन सारी बातों का मूल ये है कि भारत इस समय एनर्जी पर इतना निवेश कर रहा है, जितना पहले कभी नहीं हुआ था। और इसलिए आज दुनिया में Oil, Gas और Energy Sector से जुड़ा करीब-करीब हर लीडर भारत में निवेश करना चाहता है। कितने ही लीडर्स इस समय मेरे सामने बैठे हुए हैं। हम पूरी गर्मजोशी से, आप का भी स्वागत करते हैं।

साथियों,

Circular Economy भारत की प्राचीन परंपरा का हिस्सा रही है। Reusing का Concept भी हमारे जीने के तरीके से जुड़ा हुआ है। और ये बात Energy Sector से भी उतनी ही जुड़ी हुई है। पिछले वर्ष जी-20 समिट में हमने जिस Global Biofuels Alliance को शुरू किया था, वो हमारी इसी भावना का प्रतीक है। इस Alliance ने पूरे विश्व की सरकारों, संस्थाओं और Industries को एक साथ इकट्ठा कर दिया है। जब से ये Alliance बना है, इसे व्यापक समर्थन मिल रहा है। बहुत कम समय में ही, 22 देश और 12 इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन इस Alliance से जुड़ गए हैं। इससे पूरे विश्व में Biofuels के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा। इससे करीब 500 बिलियन डॉलर की आर्थिक संभावनाओं को बनाने में भी मदद मिलेगी।

साथियों,

अपने यहां भी भारत ने इस क्षेत्र में बड़ी प्रगति की है। पिछले कुछ वर्षों में भारत में Biofuels का Adoption तेजी से बढ़ा है। 10 साल पहले हमारे यहां पेट्रोल में Ethanol की Blending डेढ़ प्रतिशत के आसपास थी। 2023 में ये 12 प्रतिशत से अधिक हो गई है। इससे लगभग 42 मिलियन मीट्रिक टन कार्बन Emission घटा है। हम 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत Ethanol Blending करने के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं। आप में से कई लोग जानते होंगे...पिछले India Energy Week के दौरान ही भारत ने 80 से ज्यादा रिटेल आउटलेट्स पर 20 प्रतिशत Ethanol Blending की शुरुआत की थी। अब हम देश के 9 हजार आउटलेट्स पर यही काम कर रहे हैं।

साथियों,

सरकार का प्रयास ग्रामीण अर्थव्यवस्था को Waste to Wealth Management के मॉडल पर नई गति देने का भी है। इसके लिए भारत में 5000 Compressed Biogas Plants लगाने की दिशा में काम किया जा रहा है।

साथियों,

विश्व की 17 प्रतिशत जनसंख्या वाला देश होने के बाद भी, विश्व में भारत का Carbon Emission Share सिर्फ 4 प्रतिशत है। इसके बाद भी, हम अपने Energy Mix को और बेहतर करने के लिए, पर्यावरण के प्रति संवेदनशील Energy Sources के विकास पर बल दे रहे हैं। 2070 तक हम Net Zero Emission का लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं। आज भारत Renewable Energy Installed Capacity में विश्व में चौथे स्थान पर है। हमारी Installed Electricity Capacity, इसका 40 प्रतिशत हिस्सा Non Fossil Fuel Sources से आता है। बीते एक दशक में भारत की Solar Energy Installed Capacity 20 गुना से ज्यादा बढ़ी है।

सौर ऊर्जा से जुड़ने का अभियान, भारत में जन-आंदोलन बन रहा है। कुछ दिन पहले ही, भारत में एक और बड़े मिशन की शुरुआत हुई है। भारत में 1 करोड़ घरों में Solar Rooftop लगाने की योजना का ऐलान किया गया है। इससे हमारे एक करोड़ परिवार, ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होंगे। उनके घरों में जो अतिरिक्त बिजली बनेगी, उसे सीधे ग्रिड तक पहुंचाने की भी व्यवस्था की जा रही है। आप कल्पना कर सकते हैं, भारत जैसे देश में इस योजना का कितना बड़ा असर होने जा रहा है। इससे आपके लिए भी इस पूरी Solar Value Chain में निवेश की बहुत बड़ी संभावना बनने वाली है।

साथियों,

आज भारत ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के कारण भारत जल्द ही हाइड्रोजन प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट का केंद्र बनने वाला है। मुझे विश्वास है, भारत का ग्रीन एनर्जी सेक्टर Investors और Industries, दोनों को Sureshot winner बना सकता है।

साथियों,

India Energy Week का ये आयोजन सिर्फ भारत का आयोजन नहीं है। ये आयोजन ‘India with the world and India for the world’ इस भावना का प्रतिबिंब है। और इसलिए ये मंच आज Energy Sector से जुड़े विचार विमर्श और अनुभवों को साझा करने का मंच बन गया है।

आइए, एक दूसरे से सीखने पर, तकनीक की साझेदारी पर, और Sustainable Energy के नए रास्तों को तलाशने पर एक साथ आगे बढ़ते हैं। Let us learn from each other, Let us collaborate on cutting-edge technologies, and Let us explore avenues for sustainable energy development.

हम एक साथ मिलकर एक ऐसा भविष्य बना सकते हैं जो समृद्ध भी हो और जिसमें पर्यावरण का संरक्षण भी हो सके। मुझे विश्वास है कि ये मंच हमारे प्रयासों का प्रतीक बनेगा। एक बार फिर, मैं इस आयोजन के लिए आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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December 18, 2025

नमस्ते!
अहलन व सहलन !!!

ये युवा जोश आपकी एनर्जी यहां का पूरा atmosphere चार्ज हो गया है। मैं उन सब भाई बहनों को भी नमस्कार करता हूँ, जो जगह की कमी के कारण, इस हॉल में नहीं हैं, और पास के हॉल में स्क्रीन पर यह प्रोग्राम लाइव देख रहें हैं। अब आप कल्पना कर सकते हैं, कि यहाँ तक आएं और अंदर तक नहीं आ पाएं तोह उनके दिल में क्या होता होगा।

साथियों,

मैं मेरे सामने एक मिनी इंडिया देख रहा हूं, मुझे लगता है यहां बहुत सारे मलयाली भी हैं।

सुखम आणो ?

औऱ सिर्फ मलयालम नहीं, यहां तमिल, तेलुगू, कन्नड़ा और गुजराती बोलने वाले बहुत सारे लोग भी हैं।

नलमा?
बागुन्नारा?
चेन्ना-गिद्दिरा?
केम छो?

साथियों,

आज हम एक फैमिली की तरह इकट्ठा हुए हैं। आज हम अपने देश को, अपनी टीम इंडिया को सेलिब्रेट कर रहे हैं।

साथियों,

भारत में हमारी diversity, हमारी संस्कृति का मजबूत आधार है। हमारे लिए हर दिन एक नया रंग लेकर आता है। हर मौसम एक नया उत्सव बन जाता है। हर परंपरा एक नई सोच के साथ आती है।

और यही कारण है कि हम भारतीय कहीं भी जाएं, कहीं भी रहें, हम diversity का सम्मान करते हैं। हम वहां के कल्चर, वहां के नियम-कायदों के साथ घुलमिल जाते हैं। ओमान में भी मैं आज यही होते हुए अपनी आंखों के सामने देख रहा हूं।

यह भारत का डायस्पोरा co-existence का, co-operation का, एक लिविंग Example बना हुआ है।

साथियों,

भारत की इसी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक और अद्भुत सम्मान हाल ही में मिला है। आपको शायद पता होगा, यूनेस्को ने दिवाली को Intangible Cultural Heritage of Humanity में शामिल किया है।

अब दिवाली का दिया हमारे घर को ही नहीं, पूरी दुनिया को रोशन करेगा। यह दुनिया भर में बसे प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का विषय है। दिवाली की यह वैश्विक पहचान हमारी उस रोशनी की मान्यता है, जो आशा, सद्भाव, और मानवता के संदेश को, उस प्रकाश को फैलाती है।

साथियों,

आज हम सब यहां भारत-ओमान "मैत्री पर्व” भी मना रहे हैं।

मैत्री यानि:
M से maritime heritage
A से Aspirations
I से Innovation
T से Trust and technology
R से Respect
I से Inclusive growth

यानि ये "मैत्री पर्व,” हम दोनों देशों की दोस्ती, हमारी शेयर्ड हिस्ट्री, और prosperous future का उत्सव हैं। भारत और ओमान के बीच शताब्दियों से एक आत्मीय और जीवंत नाता रहा है।

Indian Ocean की Monsoon Winds ने दोनों देशों के बीच ट्रेड को दिशा दी है। हमारे पूर्वज लोथल, मांडवी, और तामरालिप्ति जैसे पोर्ट्स से लकड़ी की नाव लेकर मस्कट, सूर, और सलालाह तक आते थे।

और साथियों,

मुझे खुशी है कि मांडवी टू मस्कट के इन ऐतिहासिक संबंधों को हमारी एंबेसी ने एक किताब में भी समेटा है। मैं चाहूंगा कि यहां रहने वाला हर साथी, हर नौजवान इसको पढ़े, और अपने ओमानी दोस्तों को भी ये गिफ्ट करे।

अब आपको लगेगा की स्कूल में भी मास्टरजी होमवर्क देते हैं, और इधर मोदीजी ने भी होमवर्क दे दिया।

साथियों,

ये किताब बताती है कि भारत और ओमान सिर्फ Geography से नहीं, बल्कि Generations से जुड़े हुए हैं। और आप सभी सैकड़ों वर्षों के इन संबंधों के सबसे बड़े Custodians हैं।

साथियों,

मुझे भारत को जानिए क्विज़ में ओमान के participation बारे में भी पता चला है। ओमान से Ten thousand से अधिक लोगों ने इस क्विज में participate किया। ओमान, ग्लोबली फोर्थ पोज़िशन पर रहा है।

लेकिन में तालियां नहीं बजाऊंगा। ओमान तो नंबर एक पे होना चाहिए। मैं चाहूँगा कि ओमान की भागीदारी और अधिक बढ़े, ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग जुड़ें। भारतीय बच्चे तो इसमें भाग ज़रूर लें। आप ओमान के अपने दोस्तों को भी इस क्विज़ का हिस्सा बनने के लिए मोटिवेट करें।

साथियों,

भारत और ओमान के बीच जो रिश्ता ट्रेड से शुरू हुआ था, आज उसको education सशक्त कर रही है। मुझे बताया गया है कि यहां के भारतीय स्कूलों में करीब फोर्टी सिक्स थाउज़ेंड स्टूड़ेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें ओमान में रहने वाले अन्य समुदायों के भी हज़ारों बच्चे शामिल हैं।

ओमान में भारतीय शिक्षा के पचास वर्ष पूरे हो रहे हैं। ये हम दोनों देशों के संबंधों का एक बहुत बड़ा पड़ाव है।

साथियों,

भारतीय स्कूलों की ये सफलता His Majesty the Late सुल्तान क़ाबूस के प्रयासों के बिना संभव नहीं थी। उन्होंने Indian School मस्कत सहित अनेक भारतीय स्कूलों के लिए ज़मीन दी हर ज़रूरी मदद की।

इस परंपरा को His Majesty सुल्तान हैथम ने आगे बढ़ाया।

वे जिस प्रकार यहां भारतीयों का सहयोग करते हैं, संरक्षण देते हैं, इसके लिए मैं उनका विशेष तौर पर आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

आप सभी परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम से भी परिचित हैं। यहां ओमान से काफी सारे बच्चे भी इस प्रोग्राम से जुड़ते हैं। मुझे यकीन है, कि यह चर्चा आपके काम आती होगी, पैरेंट्स हों या स्टूडेंट्स, सभी को stress-free तरीके से exam देने में हमारी बातचीत बहुत मदद करती है।

साथियों,

ओमान में रहने वाले भारतीय अक्सर भारत आते-जाते रहते हैं। आप भारत की हर घटना से अपडेट रहते हैं। आप सभी देख रहे हैं कि आज हमारा भारत कैसे प्रगति की नई गति से आगे बढ़ रहा है। भारत की गति हमारे इरादों में दिख रही है, हमारी परफॉर्मेंस में नज़र आती है।

कुछ दिन पहले ही इकॉनॉमिक ग्रोथ के आंकड़े आए हैं, और आपको पता होगा, भारत की ग्रोथ 8 परसेंट से अधिक रही है। यानि भारत, लगातार दुनिया की Fastest growing major economy बना हुआ है। ये तब हुआ है, जब पूरी दुनिया चुनौतियों से घिरी हुई है। दुनिया की बड़ी-बड़ी economies, कुछ ही परसेंट ग्रोथ अचीव करने के लिए तरस गई हैं। लेकिन भारत लगातार हाई ग्रोथ के पथ पर चल रहा है। ये दिखाता है कि भारत का सामर्थ्य आज क्या है।

साथियों,

भारत आज हर सेक्टर में हर मोर्चे पर अभूतपूर्व गति के साथ काम कर रहा है। मैं आज आपको बीते 11 साल के आंकड़े देता हूं। आपको भी सुनकर गर्व होगा।

यहां क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में, स्टूडेंट्स और पेरेंट्स आए हैं, तो शुरुआत मैं शिक्षा और कौशल के सेक्टर से ही बात करुंगा। बीते 11 साल में भारत में हज़ारों नए कॉलेज बनाए गए हैं।

I.I.T’s की संख्या सोलह से बढ़कर तेईस हो चुकी है। 11 वर्ष पहले भारत में 13 IIM थे, आज 21 हैं। इसी तरह AIIMs की बात करुं तो 2014 से पहले सिर्फ 7 एम्स ही बने थे। आज भारत में 22 एम्स हैं।

मेडिकल कॉलेज 400 से भी कम थे, आज भारत में करीब 800 मेडिकल कॉलेज हैं।

साथियों,

आज हम विकसित भारत के लिए अपने एजुकेशन और स्किल इकोसिस्टम को तैयार कर रहे हैं। न्यू एजुकेशन पॉलिसी इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है। इस पॉलिसी के मॉडल के रूप में चौदह हज़ार से अधिक पीएम श्री स्कूल भी खोले जा रहे हैं।

साथियों,

जब स्कूल बढ़ते हैं, कॉलेज बढ़ते हैं, यूनिवर्सिटीज़ बढ़ती हैं तो सिर्फ़ इमारतें नहीं बनतीं देश का भविष्य मज़बूत होता है।

साथियों,

भारत के विकास की स्पीड और स्केल शिक्षा के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी दिखती है। बीते 11 वर्षों में हमारी Solar Energy Installed Capacity 30 गुना बढ़ी है, Solar module manufacturing 10 गुना बढ़ी है, यानि भारत आज ग्रीन ग्रोथ की तरफ तेजी से कदम आगे बढ़ा रहा है।

आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा फिनटेक इकोसिस्टम है। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा Steel Producer है। दूसरा सबसे बड़ा Mobile Manufacturer है।

साथियों,

आज जो भी भारत आता है तो हमारे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर को देखकर हैरान रह जाता है। ये इसलिए संभव हो पा रहा है क्योंकि बीते 11 वर्षों में हमने इंफ्रास्ट्रक्चर पर पांच गुना अधिक निवेश किया है।

Airports की संख्या double हो गई है। आज हर रोज, पहले की तुलना में डबल स्पीड से हाइवे बन रहे हैं, तेज़ गति से रेल लाइन बिछ रही हैं, रेलवे का इलेक्ट्रिफिकेशन हो रहा है।

साथियों,

ये आंकड़े सिर्फ उपलब्धियों के ही नहीं हैं। ये विकसित भारत के संकल्प तक पहुंचने वाली सीढ़ियां हैं। 21वीं सदी का भारत बड़े फैसले लेता है। तेज़ी से निर्णय लेता है, बड़े लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ता है, और एक तय टाइमलाइन पर रिजल्ट लाकर ही दम लेता है।

साथियों,

मैं आपको गर्व की एक और बात बताता हूं। आज भारत, दुनिया का सबसे बड़ा digital public infrastructure बना रहा है।

भारत का UPI यानि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस, दुनिया का सबसे बड़ा रियल टाइम डिजिटल पेमेंट सिस्टम है। आपको ये बताने के लिए कि इस पेमेंट सिस्टम का स्केल क्या है, मैं एक छोटा सा Example देता हूं।

मुझे यहाँ आ कर के करीब 30 मिनट्स हुए हैं। इन 30 मिनट में भारत में यूपीआई से फोर्टीन मिलियन रियल टाइम डिजिटल पेमेंट्स हुए हैं। इन ट्रांजैक्शन्स की टोटल वैल्यू, ट्वेंटी बिलियन रुपीज़ से ज्यादा है। भारत में बड़े से बड़े शोरूम से लेकर एक छोटे से वेंडर तक सब इस पेमेंट सिस्टम से जुड़े हुए हैं।

साथियों,

यहां इतने सारे स्टूडेंट्स हैं। मैं आपको एक और दिलचस्प उदाहरण दूंगा। भारत ने डिजीलॉकर की आधुनिक व्यवस्था बनाई है। भारत में बोर्ड के एग्ज़ाम होते हैं, तो मार्कशीट सीधे बच्चों के डिजीलॉकर अकाउंट में आती है। जन्म से लेकर बुढ़ापे तक, जो भी डॉक्युमेंट सरकार जेनरेट करती है, वो डिजीलॉकर में रखा जा सकता है। ऐसे बहुत सारे डिजिटल सिस्टम आज भारत में ease of living सुनिश्चित कर रहे हैं।

साथियों,

भारत के चंद्रयान का कमाल भी आप सभी ने देखा है। भारत दुनिया का पहला ऐसा देश है, जो मून के साउथ पोल तक पहुंचा है, सिर्फ इतना ही नहीं, हमने एक बार में 104 सैटेलाइट्स को एक साथ लॉन्च करने का कीर्तिमान भी बनाया है।

अब भारत अपने गगनयान से पहला ह्युमेन स्पेस मिशन भी भेजने जा रहा है। और वो समय भी दूर नहीं जब अंतरिक्ष में भारत का अपना खुद का स्पेस स्टेशन भी होगा।

साथियों,

भारत का स्पेस प्रोग्राम सिर्फ अपने तक सीमित नहीं है, हम ओमान की स्पेस एस्पिरेशन्स को भी सपोर्ट कर रहे हैं। 6-7 साल पहले हमने space cooperation को लेकर एक समझौता किया था। मुझे बताते हुए खुशी है कि, ISRO ने India–Oman Space Portal विकसित किया है। अब हमारा प्रयास है कि ओमान के युवाओं को भी इस स्पेस पार्टनरशिप का लाभ मिले।

मैं यहां बैठे स्टूडेंट्स को एक और जानकारी दूंगा। इसरो, "YUVIKA” नाम से एक स्पेशल प्रोग्राम चलाता है। इसमें भारत के हज़ारों स्टूडेंट्स space science से जुड़े हैं। अब हमारा प्रयास है कि इस प्रोग्राम में ओमानी स्टूडेंट्स को भी मौका मिले।

मैं चाहूंगा कि ओमान के कुछ स्टूडेंट्स, बैंगलुरु में ISRO के सेंटर में आएं, वहां कुछ समय गुज़ारें। ये ओमान के युवाओं की स्पेस एस्पिरेशन्स को नई बुलंदी देने की बेहतरीन शुरुआत हो सकती है।

साथियों,

आज भारत, अपनी समस्याओं के सोल्यूशन्स तो खोज ही रहा है ये सॉल्यूशन्स दुनिया के करोड़ों लोगों का जीवन कैसे बेहतर बना सकते हैं इस पर भी काम कर रहा है।

software development से लेकर payroll management तक, data analysis से लेकर customer support तक अनेक global brands भारत के टैलेंट की ताकत से आगे बढ़ रहे हैं।

दशकों से भारत IT और IT-enabled services का global powerhouse रहा है। अब हम manufacturing को IT की ताक़त के साथ जोड़ रहे हैं। और इसके पीछे की सोच वसुधैव कुटुंबकम से ही प्रेरित है। यानि Make in India, Make for the World.

साथियों,

वैक्सीन्स हों या जेनरिक medicines, दुनिया हमें फार्मेसी of the World कहती है। यानि भारत के affordable और क्वालिटी हेल्थकेयर सोल्यूशन्स दुनिया के करोड़ों लोगों का जीवन बचा रहे हैं।

कोविड के दौरान भारत ने करीब 30 करोड़ vaccines दुनिया को भेजी थीं। मुझे संतोष है कि करीब, one hundred thousand मेड इन इंडिया कोविड वैक्सीन्स ओमान के लोगों के काम आ सकीं।

और साथियों,

याद कीजिए, ये काम भारत ने तब किया, जब हर कोई अपने बारे में सोच रहा था। तब हम दुनिया की चिंता करते थे। भारत ने अपने 140 करोड़ नागरिकों को भी रिकॉर्ड टाइम में वैक्सीन्स लगाईं, और दुनिया की ज़रूरतें भी पूरी कीं।

ये भारत का मॉडल है, ऐसा मॉडल, जो twenty first century की दुनिया को नई उम्मीद देता है। इसलिए आज जब भारत मेड इन इंडिया Chips बना रहा है, AI, क्वांटम कंप्यूटिंग और ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर मिशन मोड पर काम कर रहा है, तब दुनिया के अन्य देशों में भी उम्मीद जगती है, कि भारत की सफलता से उन्हें भी सहयोग मिलेगा।

साथियों,

आप यहां ओमान में पढ़ाई कर रहे हैं, यहां काम कर रहे हैं। आने वाले समय में आप ओमान के विकास में, भारत के विकास में बहुत बड़ी भूमिका निभाएंगे। आप दुनिया को लीडरशिप देने वाली पीढ़ी हैं।

ओमान में रहने वाले भारतीयों को असुविधा न हो, इसके लिए यहां की सरकार हर संभव सहयोग दे रही है।

भारत सरकार भी आपकी सुविधा का पूरा ध्यान रख रही है। पूरे ओमान में 11 काउंसलर सर्विस सेंटर्स खोले हैं।

साथियों,

बीते दशक में जितने भी वैश्विक संकट आए हैं, उनमें हमारी सरकार ने तेज़ी से भारतीयों की मदद की है। दुनिया में जहां भी भारतीय रहते हैं, हमारी सरकार कदम-कदम पर उनके साथ है। इसके लिए Indian Community Welfare Fund, मदद पोर्टल, और प्रवासी भारतीय बीमा योजना जैसे प्रयास किए गए हैं।

साथियों,

भारत के लिए ये पूरा क्षेत्र बहुत ही स्पेशल है, और ओमान हमारे लिए और भी विशेष है। मुझे खुशी है कि भारत-ओमान का रिश्ता अब skill development, digital learning, student exchange और entrepreneurship तक पहुंच रहा है।

मुझे विश्वास है आपके बीच से ऐसे young innovators निकलेंगे जो आने वाले वर्षों में India–Oman relationship को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। अभी यहां भारतीय स्कूलों ने अपने 50 साल celebrate किए हैं। अब हमें अगले 50 साल के लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ना है। इसलिए मैं हर youth से कहना चाहूंगा :

Dream big.
Learn deeply.
Innovate boldly.

क्योंकि आपका future सिर्फ आपका नहीं है, बल्कि पूरी मानवता का भविष्य है।

आप सभी को एक बार फिर उज्जवल भविष्य की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद!
Thank you!