यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के चौथे ग्राउंडब्रेकिंग समारोह में पूरे उत्तर प्रदेश में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की 14000 परियोजनाएं लॉन्च की गईं
"उत्तर प्रदेश की डबल इंजन सरकार राज्य के लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए दिन-रात काम कर रही है"
"पिछले 7 वर्षों में यूपी में व्यापार, विकास और विश्वास का माहौल बना है"
"डबल इंजन सरकार ने दिखा दिया है कि अगर बदलाव का इरादा सच्चा हो तो उसे कोई रोक नहीं सकता"
"वैश्विक स्तर पर, भारत के लिए अभूतपूर्व सकारात्मकता है"
"हमने यूपी में जीवन की सुगमता और व्यापार करने की सुगमता पर समान जोर दिया है"
"जब तक सरकारी योजनाओं का लाभ सभी तक नहीं पहुंच जाता, हम चैन से नहीं बैठेंगे"
"यूपी सबसे अधिक एक्सप्रेसवे और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला राज्य है"
"उत्तर प्रदेश की धरती के पुत्र चौधरी चरण सिंह जी का सम्मान, देश के करोड़ों किसानों का सम्मान है"

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, ऊर्जावान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी देश के रक्षामंत्री श्रीमान राजनाथ सिंह जी, यूपी के उपमुख्यमंत्री, विधानसभा के अध्यक्ष श्री, अन्य महानुभाव, देश विदेश से यहां आए औद्योगिक क्षेत्र के सभी प्रतिनिधिगण, और मेरे परिवारजनों।

आज हम यहां विकसित भारत के लिए विकसित उत्तर प्रदेश के निर्माण के संकल्प के साथ एकजुट हुए हैं। और मुझे बताया गया कि इस समय टेक्नॉलॉजी के माध्यम से हमारे साथ यूपी की 400 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर लाखों लोग इस कार्यक्रम के साथ जुड़े हुए हैं। जो लोग टेक्नोलॉजी से इस कार्यक्रम में जुड़े हैं, मैं मेरे इन सभी परिवारजनों का भी हृदय से स्वागत करता हूं। 7-8 वर्ष पहले हम सोच भी नहीं सकते थे कि उत्तर प्रदेश में भी निवेश और नौकरियों को लेकर ऐसा माहौल बनेगा। चारों तरफ अपराध, दंगे, छीना-झपटी, यही खबरें आती रहती थीं। उस दौरान अगर कोई कहता कि यूपी को विकसित बनाएंगे, तो शायद कोई सुनने को भी तैयार नहीं होता, विश्वास करने का तो सवाल ही नहीं था। लेकिन आज देखिए, लाखों करोड़ रुपए का निवेश उत्तर प्रदेश की धरती पर उतर रहा है। और मैं उत्तर प्रदेश का सांसद हूं। और मेरे उत्तर प्रदेश में जब कुछ होता है तो मुझे सबसे ज्यादा आनंद होता है। आज हज़ारों प्रोजेक्ट्स पर काम शुरु हो रहा है। ये जो फैक्ट्रियां लग रही हैं, ये जो उद्योग लग रहे हैं, ये यूपी की तस्वीर बदलने वाले हैं। मैं सभी निवेशकों को, और विशेषकर यूपी के सभी युवाओं को विशेष रूप से बधाई देता हूं।

साथियों,

यूपी में डबल इंजन की सरकार बने 7 वर्ष हो रहे हैं। बीते 7 वर्षों में प्रदेश में रेड टेप का जो कल्चर था, उस रेड टेप के कल्चर को खत्म करके रेड कार्पेट कल्चर बन गया है। बीते 7 वर्षों में यूपी में क्राइम कम तो हुआ, बिजनेस कल्चर का विस्तार हुआ है। बीते 7 वर्षों में यूपी में व्यापार, विकास और विश्वास का माहौल बना है। डबल इंजन सरकार ने दिखाया है कि अगर बदलाव की सच्ची नीयत है तो उसे कोई रोक नहीं सकता। बीते कुछ वर्षों में यूपी से होने वाला एक्सपोर्ट, अब दोगुना हो चुका है। बिजली उत्पादन हो या फिर ट्रांसमिशन, आज यूपी प्रशंसनीय काम कर रहा है। आज यूपी वो राज्य है, जहां देश के सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे हैं। आज यूपी वो राज्य है, जहां देश में सबसे ज्यादा इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स हैं। आज यूपी वो राज्य है, जहां देश की पहली रैपिड रेल चल रही है। वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का एक बड़ा नेटवर्क भी उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है। यूपी में नदियों के विशाल नेटवर्क का इस्तेमाल भी मालवाहक जहाजों के लिए किया जा रहा है। इससे यूपी में आवाजाही आसान हो रही है, ट्रांसपोर्टेशन तेज़ और सस्ता हुआ है।

साथियों,

आज के इस कार्यक्रम का आकलन, मैं सिर्फ निवेश के लिहाज से नहीं कर रहा हूं। यहां आप सभी निवेशकों के बीच जो आशावाद दिख रहा है, बेहतर रिटर्न की जो उम्मीद दिख रही है, उसका संदर्भ बहुत व्यापक है। आज आप दुनिया में कहीं भी जाएं, भारत को लेकर अभूतपूर्व पॉजिटिविटी दिख रही है। चार-पांच दिन पहले मैं यूएई और कतर की विदेश यात्रा से लौटा हूं। हर देश, भारत की ग्रोथ स्टोरी को लेकर आश्वस्त है, भरोसे से भरा हुआ है। आज देश में मोदी की गारंटी की बहुत चर्चा है। लेकिन आज पूरी दुनिया भारत को, बेहतर रिटर्न्स की गारंटी मान रही है। अक्सर हमने देखा है कि चुनाव के नज़दीक लोग नए निवेश से बचते हैं। लेकिन आज भारत ने ये धारणा भी तोड़ दी है। आज दुनियाभर के इन्वेस्टर्स को भारत में सरकार की, पॉलिसी की, स्टेबिलिटी पर पूरा भरोसा है। यही विश्वास यहां यूपी में, लखनऊ में भी झलक रहा है।

भाइयों और बहनों,

मैं जब विकसित भारत की बात करता हूं, तो इसके लिए नई सोच भी चाहिए, नई दिशा भी चाहिए। देश में जिस प्रकार की सोच आज़ादी के अनेक दशकों बाद तक रही, उस पर चलते हुए ये संभव ही नहीं था। वो सोच क्या थी? सोच थी, कि देश के नागरिकों का जैसे-तैसे गुज़ारा कराओ, उन्हें हर मूलभूत सुविधा के लिए तरसा कर रखो। पहले की सरकारें सोचती थीं कि सुविधाएं बनाओ तो 2-4 बड़े शहरों में, नौकरियों के अवसर बनाओ तो कुछ चुनिंदा शहरों में। ऐसा करना आसान था, क्योंकि इसमें मेहनत कम लगती थी। लेकिन इसके कारण, देश का एक बहुत बड़ा हिस्सा विकास से वंचित रह गया। यूपी के साथ भी अतीत में ऐसा ही हुआ है। लेकिन डबल इंजन सरकार ने उस पुरानी राजनीतिक सोच को बदल दिया है। हम उत्तर प्रदेश के हर परिवार के जीवन को आसान बनाने में जुटे हैं। जब जीवन आसान होगा, तो बिजनेस करना और कारोबार करना अपने आप में आसान होगा। आप देखिए, हमने गरीबों के लिए 4 करोड़ पक्के घर बनाए हैं। लेकिन साथ ही शहरों में रहने वाले मध्यम वर्गीय परिवारों को अपने घर का सपना पूरा करने के लिए हमने लगभग 60 हज़ार करोड़ रुपए की मदद भी की है। इस पैसे से शहरों में रहने वाले 25 लाख मध्यम वर्गीय परिवारों को ब्याज में छूट मिली है। इसमें डेढ़ लाख लाभार्थी परिवार मेरे यूपी के हैं। हमारी सरकार ने आयकर में जो कमी की है, उसका भी बड़ा लाभ मध्यम वर्ग को मिला है। 2014 से पहले सिर्फ 2 लाख रुपए की आय पर ही इनकम टैक्स लग जाता था। जबकि बीजेपी सरकार में अब 7 लाख रुपए तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना होता। इस वजह से मध्यम वर्ग के हजारों करोड़ रुपए बचे हैं।

साथियों,

हमने यूपी में ease of living और ease of doing business पर समान बल दिया है। डबल इंजन सरकार का मकसद है कि कोई भी लाभार्थी, किसी भी सरकारी योजना से वंचित न रहे। हाल में जो विकसित भारत संकल्प यात्रा हुई है, इसमें भी यूपी के लाखों लाभार्थियों को उनके घर के पास ही योजनाओं से जोड़ा गया है। मोदी की गारंटी वाली गाड़ी, गांव-गांव, शहर-शहर पहुंची है। सैचुरेशन यानि शत-प्रतिशत लाभ जब सरकार अपनी तरफ से लाभार्थियों तक पहुंचाती है, तो वही सच्चा सामाजिक न्याय है। यही सच्चा सैकुलरिज्म है। आप याद करिए, भ्रष्टाचार और भेदभाव का एक बहुत बड़ा कारण क्या होता है? पहले की सरकारों में लोगों को अपने ही लाभ पाने के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगानी पड़ती थी। एक खिड़की से दूसरी खिड़की तक कागज लेकर भागदौड़ करनी पड़ती थी। अब हमारी सरकार खुद गरीब के दरवाज़े पर आ रही है। और ये मोदी की गारंटी है कि जब तक हर लाभार्थी को उसका हक नहीं मिल जाता, हमारी सरकार शांत नहीं बैठेगी। चाहे राशन हो, मुफ्त इलाज हो, पक्का घर हो, बिजली-पानी-गैस कनेक्शन हो, ये हर लाभार्थी को मिलता रहेगा।

साथियों,

मोदी आज उनको भी पूछ रहा है, जिनको पहले किसी ने नहीं पूछा। शहरों में हमारे जो ये रेहड़ी-पटरी-ठेले वाले भाई-बहन होते हैं, पहले इनकी मदद करने के बारे में किसी सरकार ने नहीं सोचा। इन लोगों के लिए हमारी सरकार पीएम स्वनिधि योजना लेकर आई। अभी तक इससे देशभर में रेहड़ी-पटरी-ठेले वालों को लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपए की मदद दी जा चुकी है। यहां यूपी में भी 22 लाख रेहड़ी-पटरी-ठेले वाले साथियों को इसका लाभ मिला है। पीएम स्वनिधि योजना का जो प्रभाव हुआ है, वो दिखाता है कि जब गरीब को संबल मिलता है, तो वो कुछ भी कर सकता है। पीएम स्वनिधि योजना के अध्ययन में एक बहुत महत्वपूर्ण बात सामने आई है कि स्वनिधि की सहायता प्राप्त करने वाले साथियों की वार्षिक कमाई में औसतन 23 हज़ार रुपए की अतिरिक्त वृद्धि हुई है। आप मुझे बताइए, ऐसे साथियों के लिए ये अतिरिक्त कमाई कितनी बड़ी शक्ति बन जाती है। पीएम स्वनिधि योजना ने रेहड़ी-पटरी-ठेले वालों की खरीद शक्ति को भी बढ़ा दिया है। एक और अध्ययन में पता चला है कि स्वनिधि योजना के करीब 75 प्रतिशत लाभार्थी दलित, पिछड़े और आदिवासी भाई-बहन हैं। इसमें भी लगभग आधी लाभार्थी हमारी बहनें हैं। पहले इन्हें बैंकों से कोई मदद नहीं मिलती थी, क्योंकि इनके पास बैंकों को देने के लिए कोई गारंटी नहीं थी। आज इनके पास मोदी की गारंटी है, और इसलिए इन्हें बैंकों से भी मदद मिल रही है। यही तो सामाजिक न्याय है, जिसका सपना कभी जेपी ने देखा था, कभी लोहिया जी ने देखा था।

साथियों,

हमारी डबल इंजन सरकार के निर्णय और उसकी योजनाओं से सामाजिक न्याय और अर्थव्यवस्था, दोनों को फायदा होता है। आपने लखपति दीदी के संकल्प के बारे में ज़रूर सुना होगा। बीते 10 वर्षों के दौरान हमने देशभर में 10 करोड़ बहनों को सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से जोड़ा है। इनमें से अभी तक, आप उद्योग जगत के लोग हैं जरा ये आंकड़ा सुनिये, अभी तक 1 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाया जा चुका है। और अब सरकार ने तय किया है कि कुल 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाकर के रहेंगे। हमारे देश में करीब ढाई लाख ग्राम पंचायतें हैं। आप कल्पना कीजिए कि 3 करोड़ लखपति दीदी बनने से हर ग्राम पंचायत में खरीद शक्ति कितनी बढ़ेगी। इसका बहनों के जीवन के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर बहुत सकारात्मक असर पड़ रहा है।

भाइयों और बहनों,

जब हम विकसित यूपी की बात करते हैं, तो इसके पीछे एक और ताकत है। ये ताकत है, यहां के MSMEs, यानि छोटे, लघु और कुटीर उद्योगों की ताकत। डबल इंजन सरकार बनने के बाद यूपी में MSMEs का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। यहां MSMEs को हजारों करोड़ रुपए की मदद दी गई है। ये जो डिफेंस कॉरिडोर बन रहा है, जो नए इक्नॉमिक कॉरिडोर बन रहे हैं, इनसे भी MSMEs को बहुत लाभ होगा।

साथियों,

यूपी के करीब-करीब हर जिले में कुटीर उद्योगों की एक पुरानी परंपरा है। कहीं ताले बनते हैं, कहीं पीतल की कारीगरी है, कहीं कालीन बनते हैं, कहीं चूड़ियां बनती हैं, कहीं मिट्टी की कलाकारी होती है, कहीं चिकनकारी का काम होता है। इस परंपरा को हम One District, One Product - एक जिला, एक उत्पाद योजना से सशक्त कर रहे हैं। आप रेलवे स्टेशनों पर भी देखेंगे कि एक जिला- एक उत्पाद योजना, को कैसे प्रोत्साहित किया जा रहा है, प्रचारित किया जा रहा है। अब तो हम 13 हजार करोड़ रुपए की पीएम विश्वकर्मा योजना लेकर भी आए हैं। ये योजना, यूपी में परंपरागत रूप से हस्तशिल्प से जुड़े लाखों विश्वकर्मा परिवारों को आधुनिकता से जोड़ेगी। उन्हें अपना कारोबार बढ़ाने के लिए बैंकों से सस्ता और बिना गारंटी का ऋण दिलाने में मदद करेगी।

भाइयों और बहनों,

हमारी सरकार कैसे काम करती है, इसकी झलक आपको खिलौने बनाने वाले सेक्टर में भी मिलेगी। और मैं तो काशी का सांसद होने के नाते भी वहां बनने वाले लकड़ी के खिलौनों को प्रमोट करता ही रहता हूं।

साथियों,

कुछ साल पहले तक भारत अपने बच्चों के लिए अधिकतर खिलौने विदेशों से आयात करता था। ये स्थिति तब थी जब भारत में खिलौनों की एक समृद्ध परंपरा रही है। पीढ़ियों से लोग खिलौने बनाने में कुशल रहे हैं। लेकिन भारतीय खिलौनों को प्रमोट नहीं किया गया, कारीगरों को आधुनिक दुनिया के अनुसार बदलने के लिए मदद नहीं दी गई। जिसके कारण भारत के बाजारों और घरों पर विदेशी खिलौनों का कब्जा हो गया। मैंने इसे बदलने की ठानी और देशभर में खिलौना बनाने वालों के साथ खड़े रहना, उनकी मदद करना और मैंने उनको आगे बढ़ने की अपील की। आज स्थिति ये है कि हमारा इम्पोर्ट, हमारा आयात बहुत कम हो गया है और खिलौनों का निर्यात कई गुणा बढ़ गया है।

साथियों,

यूपी में भारत का सबसे बड़ा टूरिज्म हब बनने का सामर्थ्य है। आज देश का हर व्यक्ति वाराणसी और अयोध्या आना चाहता है। हर दिन लाखों लोग इन स्थानों पर दर्शन करने के लिए आ रहे हैं। इसके कारण यहां यूपी में छोटे उद्यमियों के लिए, एयरलाइंस कंपनियों के लिए, होटल-रेस्त्रां वालों के लिए अभूतपूर्व अवसर बन रहे हैं। और मेरा तो एक आग्रह है, मैं देश के ये सभी टूरिस्टों से आग्रह करता हूं, देश के सभी यात्रियों से आग्रह करता हूं कि आप जब टूर पर जाने का बजट बनाएं तो उसमें से 10 पर्सेंट बजट जिस जगह पर जा रहे हैं, वहां से कुछ न कुछ खरीदने के लिए रखें। आपके लिए वो कठिन नहीं है, क्योंकि आप हजारों रुपया खर्च करने के लिए यात्रा पर निकले हैं। अगर उसमें 10 पर्सेंट जिस जगह पर जा रहे हैं, वहां की लोकल चीज खरीदेंगे, वहां की economy आसमान को छूने लग जाएगी। मैं इन दिनों एक और बात कहता हूं, ये बड़े-बड़े धनी लोग बैठे हैं ना, उनको जरा ज्यादा चुभती है लेकिन मैं आदत से कहता रहता हूं। आजकल दुर्भाग्य से देश में फैशन चल पड़ी है, अमीरी का मतलब होता है विदेशों में जाओ, बच्चों की शादी विदेशों में करो। इतना बड़ा देश क्या आपके बच्चे हिन्दुस्तान में शादी नहीं कर सकते। कितने लोगों को रोजगार मिलेगा। और जब से मैंने शुरू किया है- वेड इन इंडिया, मुझे चिट्ठियां आ रही हैं। साहब हमने पैसा जमा कराया था, विदेश शादी करने वाले थे, लेकिन आपने कहा कैंसिल कर दिया है, अब हिन्दुस्तान में शादी करेंगे। देश के लिए भगत सिंह की तरह फांसी पर लटके, तभी देश की सेवा होती है ऐसा नहीं है। देश के लिए काम कर करके भी देश की सेवा हो सकती है दोस्तों। और इसलिए मैं कहता हूं बेहतर लोकल, नेशनल और इंटरनेशनल कनेक्टिविटी से यूपी में आना-जाना अब बहुत आसान हो गया है। वाराणसी के रास्ते बीते दिनों हमने दुनिया की सबसे लंबी क्रूज सर्विस को भी शुरू कराया है। 2025 में कुंभ मेले का आयोजन भी होने वाला है। ये भी यूपी की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है। आने वाले समय में टूरिज्म और हॉस्पिटेलिटी सेक्टर में यहां बहुत बड़ी संख्या में रोजगार बनने वाले हैं।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि हमारी जो ताकत है, उसे भी आधुनिकता के साथ जोड़ें, सशक्त करें और नए सेक्टर्स में भी कमाल करें। आज भारत इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और ग्रीन एनर्जी पर बहुत अधिक फोकस कर रहा है। हम भारत को ऐसी टेक्नॉलॉजी में, ऐसी मैन्युफेक्चरिंग में ग्लोबल हब बनाना चाहते हैं। हमारा प्रयास है कि देश का हर घर, हर परिवार सोलर पावर generator बन जाए। इसलिए हमने, पीएम सूर्यघर- मुफ्त बिजली योजना शुरु की है। इस योजना के तहत 300 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी और अतिरिक्त बिजली, लोग सरकार को बेच भी पाएंगे। अभी ये योजना 1 करोड़ परिवारों के लिए है। इसमें हर परिवार के बैंक खाते में सीधे, 30 हज़ार रुपए से लेकर करीब-करीब 80 हज़ार रुपए तक जमा कराए जाएंगे। यानि जो 100 यूनिट बिजली हर महीने जनरेट करना चाहता है, उन्हें 30 हज़ार रुपए की मदद मिलेगी। जो 300 यूनिट या उससे अधिक बिजली बनाना चाहेंगे, उन्हें करीब 80 हज़ार रुपए मिलेंगे। इसके अलावा, बैंकों से बहुत सस्ता और आसान ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा। एक आकलन है कि इससे इन परिवारों को मुफ्त बिजली तो मिलेगी ही, साल में 18 हज़ार रुपए तक की बिजली बेचकर अतिरिक्त कमाई भी कर सकते हैं। इतना ही नहीं, इससे इंस्टॉलेशन, सप्लाई चेन और मेंटनेस से जुड़े सेक्टर में ही लाखों रोजगार बनेंगे। इससे लोगों को 24 घंटे बिजली देना, तय यूनिट तक मुफ्त बिजली देना भी आसान हो जाएगा।

साथियों,

सोलर पावर की तरह ही हम इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर भी मिशन मोड पर काम कर रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफेक्चरिंग करने वाले साथियों को PLI योजना का लाभ दिया गया है। इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर टैक्स में छूट दी गई है। इसी का परिणाम है कि पिछले 10 वर्षों में लगभग साढ़े 34 लाख इलेक्ट्रिक वाहन बिके हैं। हम तेज़ गति से इलेक्ट्रिक बसें उतार रहे हैं। यानि सोलर हो या फिर EV, दोनों सेक्टर्स में यूपी में बहुत संभावनाएं बन रही हैं।

साथियों,

अभी कुछ दिन पहले हमारी सरकार को किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न देने का सौभाग्य मिला। उत्तर प्रदेश की धऱती के बेटे चौधरी साहब का सम्मान करना देश के करोड़ों मजदूर, देश के करोड़ों किसानों का सम्मान है। लेकिन दुर्भाग्य से ये बात कांग्रेस और उसके सहयोगियों को समझ में नहीं आती है। आपने देखा होगा कि जब चौधरी चरण सिंह जी के बारे में संसद में बात हो रही थी, तो कैसे कांग्रेस के लोगों ने चौधरी साहब के बारे में बोलना तक मुश्किल कर दिया था। कांग्रेस के लोग, भारत रत्न पर एक ही परिवार का हक समझते हैं। इसलिए कांग्रेस ने दशकों तक बाबा साहेब आंबेडकर को भी भारत रत्न नहीं दिया। ये लोग अपने ही परिवार के लोगों को भारत रत्न देते रहे। दरअसल कांग्रेस गरीब, दलित, पिछड़े, किसान, मजदूर का सम्मान करना ही नहीं चाहती है, ये उनकी सोच में नहीं है। चौधरी चरण सिंह जी के जीवन काल में भी कांग्रेस ने उनसे सौदेबाजी की बहुत कोशिश की थी। चौधरी साहब ने पीएम की कुर्सी को त्याग दिया पर अपने उसूलों से समझौता नहीं किया। उनको राजनीतिक सौदेबाजी से नफरत थी। लेकिन दुख की बात है कि उनका नाम लेकर राजनीति करने वाले उत्तर प्रदेश के तमाम दलों ने चौधरी साहब की बात को नहीं माना। चौधरी साहब ने छोटे किसानों के लिए जो किया वो पूरा देश कभी नहीं भूल सकता। आज चौधरी साहब से प्रेरणा लेकर हम देश के किसानों को निरंतर सशक्त कर रहे हैं।

साथियों,

हम देश की खेती को एक नए रास्ते पर ले जाने के लिए किसानों को मदद दे रहे हैं, प्रोत्साहन दे रहे हैं। प्राकृतिक खेती और मिलेट्स पर फोकस के पीछे भी यही ध्येय है। आज गंगा जी के किनारे, यूपी में बहुत बड़े पैमाने पर प्राकृतिक खेती होने लगी है। ये किसानों को कम लागत में अधिक लाभ देने वाली खेती है। और इससे गंगा जी जैसी हमारी पावन नदिय़ों का जल भी दूषित होने से बच रहा है। आज मैं फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्यमियों से भी विशेष आग्रह करुंगा। आपको ज़ीरो इफेक्ट, ज़ीरो डिफेक्ट के मंत्र पर ही काम करना चाहिए। आपको एक ही ध्येय के साथ काम करना चाहिए कि दुनियाभर के देशों के डायनिंग टेबल पर कोई न कोई मेड इन इंडिया फूड पैकेट ज़रूर होना चाहिए। आज आपके प्रयासों से ही सिद्धार्थ नगर का काला नमक, चावल, चंदौली का ब्लैक राइस हो, बड़ी मात्रा में एक्सपोर्ट होने लगा है। विशेष रूप से मिलेट्स यानि श्री अन्न को लेकर एक नया ट्रेंड हम देख रहे हैं। इस सुपरफूड को लेकर इन्वेस्टमेंट का भी ये सही समय है। इसके लिए आपको किसानों को उनकी पैदावर में मूल्य वृद्धि कैसे हो, पैकेजिंग कैसे हो दुनिया के बाजार में, मेरा किसान जो पैदा करता है वो कैसे पहुंचे, इसके लिए आगे आना चाहिए। आज सरकार भी छोटे-छोटे किसानों को बाज़ार की बड़ी ताकत बनाने में जुटी है। हम किसान उत्पाद संघ- FPOs और सहकारी समितियों को सशक्त कर रहे हैं। इन संगठनों के साथ आपको value edition कैसे हो, आप उनको टेक्नोलॉजी की नॉलेज कैसे दे सकते हैं, आप उनका माल खरीदने की गारंटी कैसे दे सकते हैं। जितना किसान का फायदा होगा, जितना मिट्टी का फायदा होगा, उतना ही फायदा आपके बिजनेस को भी होगा। यूपी ने तो भारत की rural economy, खेती आधारित अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में हमेशा बड़ी भूमिका निभाई है। इसलिए इस अवसर का आपको ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना चाहिए। मुझे अपने यूपी के परिवारजनों के सामर्थ्य और डबल इंजन सरकार के परिश्रम पर पूरा विश्वास है। आज जो आधारशिला रखी गई है वो यूपी और देश की प्रगति की आधारशिला बनेगी, और मैं योगी जी को, उत्तर प्रदेश सरकार को विशेष बधाई देता हूं। हर हिन्दुस्तानी को गर्व होता है, जब हम सुनते हैं कि उत्तर प्रदेश ने ठान लिया है कि एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाएंगे। मैं देश के सभी राज्यों से आग्रह करूंगा, राजनीति अपनी जगह पर छोड़िये, जरा उत्तर प्रदेश से सीखिए और आप कितने ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी अपने राज्य की बनाइये, जरा संकल्प करके आइये ना मैदान में, देश तभी आगे बढ़ेगा। उत्तर प्रदेश की तरह हर राज्य बड़े सपने, बड़े संकल्प लेकर के चल पड़े और मेरे उद्योग जगत के साथी भी अनंत अवसर की वेला हैं। आइये दम लगाइए, हम तैयार बैठे हैं।

साथियों,

जब लाखों लोग उत्तर प्रदेश के आज इस बात को सुन रहे हैं। 400 स्थान पर हजारों की तादाद में लोग बैठे हैं, तो मैं उनको भी विश्वास दिलाता हूं, आपने कभी सोचा नहीं होगा उतनी तेजी से उत्तर प्रदेश अपने सारे संकल्पों को पूरा कर देगा। आइये हम सब मिलकर के आगे बढ़ें। इसी कामना के साथ आप सबको बहुत-बहुत अभिनंदन, बहुत बहुत धन्यवाद!

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PM’s Statement prior to his departure to Bhutan
November 11, 2025

I will be visiting the Kingdom of Bhutan from 11-12 November 2025.

It would be my honour to join the people of Bhutan as they mark the 70th birth anniversary of His Majesty the Fourth King.

The exposition of the Sacred Piprahwa Relics of Lord Buddha from India during the organisation of the Global Peace Prayer Festival in Bhutan reflects our two countries’ deep-rooted civilisational and spiritual ties.

The visit will also mark another major milestone in our successful energy partnership with the inauguration of the Punatsangchhu-II hydropower project.

I look forward to meeting His Majesty the King of Bhutan, His Majesty the Fourth King, and Prime Minister Tshering Tobgay. I am confident that my visit will further deepen our bonds of friendship and strengthen our efforts towards shared progress and prosperity.

India and Bhutan enjoy exemplary ties of friendship and cooperation, rooted in deep mutual trust, understanding, and goodwill. Our partnership is a key pillar of our Neighbourhood First Policy and a model for exemplary friendly relations between neighbouring countries.