"मानव-केंद्रित, सामूहिक प्रयासों और सतत विकास को आगे बढ़ाने वाली मजबूत कार्रवाई का उपयोग करके हमारे ग्रह के सामने आने वाली चुनौती को हल करना समय की जरूरत"
"मिशन लाइफ अतीत से सीखता है, वर्तमान में संचालित होता है और भविष्य पर ध्यान केंद्रित करता है"
"रिड्यूस, रीयूज और रीसायकल हमारे जीवन की जरूरी अवधारणाएं हैं। सर्कुलर इकोनॉमी हमारी संस्कृति और जीवन शैली का एक अभिन्न अंग रही है"
“जब तकनीक और परंपरा का मेल होता है तो ये जीवन के दृष्टिकोण को और आगे ले जाता है।“
"हमारा ग्रह एक है मगर हमारे प्रयास अनेक होने चाहिए- एक धरती, अनके प्रयास"
मैं जलवायु समर्थक व्यवहारों को बढ़ावा देने के लिए नागरिक कार्रवाई की इस वैश्विक पहल का नेतृत्व करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देता हूं: बिल गेट्स
भारत और प्रधानमंत्री पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन तथा मानव व्यवहार के मामले में वर्ल्ड लीडर रहे हैं और हममें से कई लोग प्रेरणा तथा विचारों के लिए भारत की ओर देख रहे हैं: नज थ्योरी के लेखक प्रो. कैस सनस्टीन
भारत वैश्विक पर्यावरणीय कार्रवाई का केंद्र है: सुश्री इंगर एंडरसन, यूएनईपी ग्लोबल हेड
भारत जैसे देश विश्व मंच पर निर्णायक जलवायु कार्रवाई के पीछे काइनेटिक एनर्जी के रूप में काम कर रहे हैं : यूएनडीपी के ग्लोबल हेड श्री अचिम स्टेनर
विश्व संसाधन संस्थान के सीईओ और अध्यक्ष श्री अनिरुद्ध दासगुप्ता ने भी प्रधानमंत्री को एक बहुत ही आवश्यक वैश्विक आंदोलन और बातचीत के लिए धन्यवाद दिया
लॉर्ड निकोलस स्टर्न, क्लाइमेट इकोनॉमिस्ट ने ग्लासगो में सीओपी 26 में प्रधानमंत्री के ऐतिहासिक भाषण को याद किया, जिसमें विकास के एक नए मार्ग की एक प्रेरक दृष्टि स्थापित की गई थी
विश्व बैंक के अध्यक्ष श्री डेविड मलपास ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व और भारत की महत्वपूर्ण पहलों जैसे स्वच्छ भारत, जन धन और पोषण से फ्रंटलाइन वर्कर्स को सशस्त करने के लिए प्रशंसा की

नमस्कार!

हमने अभी-अभी इन सभी के विवेकपूर्ण विचार सुने हैं:

यूएनईपी की वैश्विक प्रमुख महामहिम इंगर एंडरसन, यूएनडीपी के वैश्विक प्रमुख महामहिम अचिम स्टेनर, विश्व बैंक के अध्यक्ष मेरे मित्र श्री डेविड मलपास, लॉर्ड निकोलस स्टर्न, श्री कैस सनस्टीन, मेरे मित्र श्री बिल गेट्स, श्री अनिल दासगुप्ता, भारत के पर्यावरण मंत्री श्री भूपेंद्र यादव,

मैं इनके विचारों के लिए इनका धन्यवाद करता हूं।

देवियों और सज्जनों,

प्रिय मित्रों,

नमस्ते।

आज का अवसर और अवसर की तारीख, दोनों ही बहुत प्रासंगिक हैं। हम लाइफ-लाइफस्टाइल फॉर एन्वॉयरमेंट- अभियान की शुरुआत कर रहे हैं। इस वर्ष के विश्व पर्यावरण दिवस अभियान का नारा “ओनली वन अर्थ (केवल एक पृथ्वी)” है। साथ ही इसका प्रमुख विषय “प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर रहना।” इन मुहावरों में गंभीरता और समाधान बहुत अच्छे ढंग से शामिल हैं।

मित्रों,

हम सभी हमारी धरती की चुनौतियों को जानते हैं। मानव-केन्द्रित, सामूहिक प्रयास और ठोस कार्य समय की मांग है जो सतत विकास को बढ़ावा दें। ग्लासगो में पिछले वर्ष कॉप-26 शिखर सम्मेलन हुआ। मैंने पर्यावरण के लिए जीवनशैली-लाइफ मिशन का प्रस्ताव रखा। इस तरह के एक मिशन के प्रयासों को दुनिया भर से समर्थन मिला। मुझे खुशी है कि लाइफ अभियान का यह संकल्प आज साकार हो रहा है। इस तरह के रिकॉर्ड स्तर के समर्थन के लिए मेरा आभार। जैसा कि नाम से पता चलता है कि मिशन लाइफ हम सभी का व्यक्तिगत और सामूहिक दायित्व है कि हम एक बेहतर धरती के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं वह करें। लाइफ का दृष्टिकोण एक ऐसी जीवनशैली जीना है जो हमारी धरती के अनुरूप हो और इसे नुकसान न पहुंचाए। साथ ही जो लोग इस तरह की जीवनशैली जीते हैं उन्हें ‘प्रो-प्लैनेट पीपल” कहा जाता है। मिशन लाइफ अतीत का अनुकरण करता है, वर्तमान में संचालित होता है और भविष्य पर ध्यान केंद्रित करता है।

मित्रों,

पृथ्वी के लंबे जीवन के पीछे का रहस्य हमारे पूर्वजों द्वारा प्रकृति के साथ बनाए रखा गया सामंजस्य है। जब परंपरा की बात आती है, तो दुनिया के लगभग सभी हिस्सों में ऐसी परंपराएं होती हैं जो पर्यावरणीय समस्याओं के एक आसान और स्थायी समाधान के रूप में दिखाई देती है।

घाना में पारपंरिक नियमों ने कछुए के संरक्षण में मदद की है। तंजानिया के सेरेन्गेटी क्षेत्र में, हाथी और चित्तीदार हिरण महत्वपूर्ण है।

इस प्रकार, उन्हें अवैध शिकार से कम नुकसान हुआ है। इथियोपिया में ओकपाघा और ओग्रिकी पेड़ विशेष हैं। जापान में फुरोशिकी है जो प्लास्टिक का एक स्थायी विकल्प हो सकता है। स्वीडन का लैगोम दर्शन संतुलित जीवन को प्रोत्साहित करता है। हमने भारत में प्रकृति को देवत्व के समान समझा है। हमारे देवी-देवताओं के साथ पौधे और जानवर जुड़े हैं। मैंने केवल कुछ उदाहरण दिए हैं। ऐसी और भी कई प्रथाएं हैं। रीड्यूस, रीयूज और रीसाइकल हमारे जीवन में गुंथी हुई अवधारणाएं हैं। चक्रीय अर्थव्यवस्था हमारी संस्कृति और जीवनशैली का अभिन्न अंग रही है।

मित्रों,

हमारे 1.3 अरब भारतीयों की वजह से हम अपने देश में पर्यावरण के लिए कई अच्छे काम कर पाए हैं। हमारा वन क्षेत्र बढ़ रहा है और इसी तरह शेरों, बाघों, तेंदुओं, हाथियों और गैंडों की आबादी भी बढ़ रही है। गैर-जीवाश्म-ईंधन आधारित स्त्रोतों से स्थापित विद्युत क्षमता के 40 प्रतिशत तक पहुंचने की हमारी प्रतिबद्धता निर्धारित समय से 9 साल पहले हासिल की गई है। पिछले कुछ वर्षों में लगभग 370 मिलियन एलईडी बल्ब वितरित किए गए हैं। इसने प्रति वर्ष लगभग 50 बिलियन यूनिट बिजली की ऊर्जा की बचत में योगदान दिया है। इसने प्रति वर्ष लगभग 40 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड की कमी भी सुनिश्चित की है। हमने नवंबर 2022 से 5 महीने पहले पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य को हासिल कर लिया है।

यह एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि 2013-14 में सम्मिश्रण मुश्किल से 1.5 प्रतिशत और 2019-20 में 5 प्रतिशत था। इससे भारत की ऊर्जा संबंधी सुरक्षा बढ़ी है, कच्चे तेल का आयात 5.5 अरब डॉलर से अधिक कम हुआ है। इसने कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में भी 2.7 मिलियन टन की कमी की है। साथ ही इसने किसानों की आय में लगभग 5.5 बिलियन डॉलर की वृद्धि की है। नवीकरणीय ऊर्जा व्यापक रूप से लोकप्रिय हो रही है और इस क्षेत्र के विकास के लिए हमारी सरकार बहुत अधिक ध्यान दे रही है।

मित्रों,

आगे का रास्ता नवाचार और खुलेपन पर निर्भर है। आइए हम हर स्तर पर सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करने वाले नवोन्मेषकों को प्रोत्साहित करें। इसे हासिल करने के लिए प्रौद्योगिकी एक महत्वपूर्ण समर्थक हो सकती है। जब परंपरा और तकनीक का तालमेल होगा तो लाइफ के दृष्टिकोण को और आगे ले जाया जा सकेगा। मैं विशेष रूप से अकादमिक जगत के लोगों, शोधकर्ताओं और हमारे सक्रिय स्टार्ट-अप से इस बारे में सोचने का आग्रह करता हूं। उनकी युवा ऊर्जा ठीक वैसी ही है जैसी दुनिया को इस महत्वपूर्ण समय में चाहिए। हमें अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं को दूसरों के साथ साझा करने और दूसरों की सफल प्रथाओं से सीखने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।

महात्मा गांधी जीरो-कार्बन आधारित जीवनशैली की बात करते थे। हमारे दैनिक जीवन के विकल्पों में, आइए हम चुनें

सबसे टिकाऊ विकल्प। आइए हम री-यूज, रीड्यूस और री-साइकल के सिद्धांत का पालन करें। हमारी धरती एक है लेकिन हमारे प्रयास कई होने चाहिए। एक धरती, अनेक प्रयास।

मित्रों,

भारत बेहतर पर्यावरण और वैश्विक कल्याण को आगे बढ़ाने के लिए किसी भी प्रयास का समर्थन करने के लिए तैयार है। हमारा ट्रैक रिकॉर्ड खुद अपनी बात कहता है। हमें इस बात पर गर्व है कि हमने योग को और अधिक लोकप्रिय बनाने का बीड़ा उठाया है। इंटरनेशनल सोलर एलायंस, वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड पर फोकस, डिजास्टर रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए गठबंधन जैसी पहल प्रमुख योगदान दे रही हैं। हमें खुशी है कि दुनिया इन प्रयासों का समर्थन कर रही है। मुझे यकीन है कि लाइफ अभियान हमें और एकजुट करेगा तथा आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करेगा। मैं एक बार फिर दुनिया को इस यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करता हूं। आइए हम सब मिलकर अपनी धरती को बेहतर बनाएं। आइए हम एक साथ मिलकर काम करें। यह काम करने का समय है। पर्यावरण के संरक्षण के लिए एक्शन फॉर लाइफ, एक्शन फॉर लाइफस्टाइल।

धन्यवाद

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

 

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Prime Minister shares Sanskrit Subhashitam highlighting the power of collective effort
December 17, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi, shared a Sanskrit Subhashitam-

“अल्पानामपि वस्तूनां संहतिः कार्यसाधिका।

तृणैर्गुणत्वमापन्नैर्बध्यन्ते मत्तदन्तिनः॥”

The Sanskrit Subhashitam conveys that even small things, when brought together in a well-planned manner, can accomplish great tasks, and that a rope made of hay sticks can even entangle powerful elephants.

The Prime Minister wrote on X;

“अल्पानामपि वस्तूनां संहतिः कार्यसाधिका।

तृणैर्गुणत्वमापन्नैर्बध्यन्ते मत्तदन्तिनः॥”