भारत ज्ञान और कौशल का देश है, यह बौद्धिक शक्ति हमारी सबसे बड़ी शक्ति है: श्री नरेन्द्र मोदी
आईटीआई न केवल औद्योगिक शिक्षा के प्रमुख संस्थान हैं, बल्कि वे आत्मनिर्भर भारत की कार्यशालाएं भी हैं: प्रधानमंत्री
पीएम-सेतु योजना भारत के युवाओं को दुनिया की कौशल मांगों से जोड़ेगी: श्री नरेन्द्र मोदी
भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर जी ने अपना पूरा जीवन समाज सेवा और शिक्षा को समर्पित किया, उनके नाम पर बन रही स्किल यूनिवर्सिटी उसी विजन को आगे बढ़ाएगी: पीएम
युवाओं की ताकत बढ़ने से राष्ट्र की मजबूती होती है: प्रधानमंत्री

बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान नीतीश कुमार जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी जुएल ओरांव जी, राजीव रंजन जी, जयंत चौधरी जी, सुकांता मजूमदार जी, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी जी, विजय कुमार सिन्हा जी, बिहार सरकार के मंत्रीगण, संसद में मेरे साथी संजय झा जी, अन्य जनप्रतिनिधि और देश भर की ITI से जुड़े लाखों छात्र-छात्राएं, बिहार के लाखों विद्यार्थी और शिक्षक गण, देवियों और सज्जनों।

कुछ साल पहले हमारी सरकार ने ITI के विद्यार्थियों के लिए व्यापक स्तर पर दीक्षांत समारोह की नई परंपरा शुरू की थी। आज इसी परंपरा की एक और कड़ी के साक्षी हम सभी बना रहे हैं मैं भारत के कोने-कोने से जुड़े ITI के सभी युवा साथियों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं!

साथियों,

आज का समारोह इस बात का प्रतीक है कि आज का भारत कौशल को कितनी प्राथमिकता देता है। आज देश भर के नौजवानों के लिए शिक्षा और कौशल विकास की दो और बड़ी योजनाएं लॉन्च हुई हैं।

साथियों,

यह Convocation के पीछे जो विचार मन में था, यही था, कि जब तक हम श्रम को प्रतिष्ठा नहीं देंगे, हुनर के लिए जो लोग काम करते हैं, जिनमें सामर्थ्य है, अगर उनका सार्वजनिक जीवन में सम्मान नहीं होगा, तो शायद वो अपने आप को कम महसूस करेगा और एक मानसिकता बदलने का एक अभियान है, हम श्रमेव जयते भी कहते हैं और हम श्रमेव पूज्यते भी कहते हैं, और इसलिए उसी भाव को लेकर के देशभर में ITI के जो शिक्षार्थी हैं, उनमें भी एक विश्वास पैदा हो कि वो कहीं नहीं जा पाए इसलिए यहां आए हैं, ऐसा नहीं है, ये भी एक बहुत ब्राइट फ्यूचर का रास्ता है इसलिए आए हैं। और राष्ट्र निर्माण में कौशल का बहुत बड़ा योगदान होता है। मैं इसलिए ITI के लिए सभी साथियों का उतने ही सम्मान के साथ आज अभिनंदन करता हूं। आज दो और बड़ी योजनाएं जो लॉन्च हुई हैं, 60 हजार करोड़ रुपए की पीएम सेतु स्कीम से हमारी ITI’s अब इंडस्ट्रीज के साथ सीधा और मजबूती से जुड़ेगी। देशभर में नवोदय विद्यालयों और एकलव्य मॉडल स्कूलों में 1200 स्किल लैब्स का भी आज उद्घाटन किया गया है!

साथियों,

जब इस कार्यक्रम की रूपरेखा बनी, तो मूल कार्यक्रम तो यही था कि यहां विज्ञान भवन में दीक्षांत समारोह का आयोजन तय हुआ था, लेकिन कहते हैं ना सोने पर सुहागा, वैसा ही यहां भी हुआ, नीतीश जी के नेतृत्व में इस उत्सव को महा उत्सव बनाने का प्रस्ताव आया है और इसलिए आज एक कार्यक्रम में दो कार्यक्रम बन गए। एक तो ITI का भारत सरकार का कार्यक्रम और बिहार के ढेर सारे कार्यक्रम। आज बिहार के युवाओं के लिए भी इस मंच से अनेक योजनाएं और परियोजनाएं समर्पित हुई हैं। बिहार में नई स्किल ट्रेनिंग यूनिवर्सिटी, अन्य यूनिवर्सिटीज में सुविधाओं का विस्तार, नौजवानों के लिए युवा आयोग, हजारों युवाओं को पक्की सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र, ये सब बिहार के युवाओं के बेहतर भविष्य की गारंटी है।

साथियों,

कुछ दिन पहले ही बिहार की बहनों के रोजगार और आत्मनिर्भरता से जुड़ा एक बहुत भव्य कार्यक्रम में मुझे शरीख होने का अवसर मिला था। उसमें लाखों बहनों ने हिस्सा लिया था। आज बिहार के युवाओं के सशक्तिकरण का ये मेगा प्रोग्राम है। ये दिखाता है कि एनडीए सरकार बिहार के नौजवानों को बिहार की महिलाओं को कितनी प्राथमिकता दे रही है।

साथियों,

भारत नॉलेज और स्किल का देश है। यही बौद्धिक शक्ति हमारी सबसे बड़ी ताकत है और जब यह स्किल, यह नॉलेज देश की आवश्यकताओं से जुड़ जाती है, देश की जरूरतों को पूरा करने से जुड़ जाती है, तो इनकी ताकत कई गुना बढ़ जाती है। आज 21वीं सदी की मांग है की हम देश की जरूरत को ध्यान में रखते हुए लोकल टैलेंट, लोकल रिसोर्सेस, लोकल स्किल्स और लोकल नॉलेज को तेजी से आगे बढ़ाएं और इसमें हमारी हजारों ITI's की बहुत बड़ी भूमिका है। आज इन ITI's में करीब 170 ट्रेड्स में हमारे नौजवानों को ट्रेनिंग दी जा रही है। बीते 11 सालों में डेढ़ करोड़ से ज्यादा नौजवान इन ट्रेड्स में प्रशिक्षित हो चुके हैं, यानी उन्हें अलग-अलग क्षेत्रों की स्किल से, उसकी टेक्निकल क्वालीफिकेशन से जोड़ा गया है और सबसे बड़ी बात यह है कि इन युवाओं को उनकी स्थानीय भाषाओं में, लोकल लैंग्वेज में, उनकी स्किल सिखाई गई है। इस साल भी 10 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स ऑल इंडिया ट्रेड टेस्ट में शामिल हुए हैं, इनमें से मुझे अभी 45 से ज्यादा ऐसे सफल साथियों को सम्मानित करने का अवसर मिला है।

साथियों,

मेरे लिए गर्व का क्षण इसलिए भी है क्योंकि इसमें बड़ी संख्या में वो नौजवान साथी हैं, जो ग्रामीण भारत से आते हैं, दूर-दूर से आते हैं, इनको देखेंगे तो लगता है कि जैसे लघु भारत यहां बैठा है। इसमें हमारी बेटियां हैं, हमारे दिव्यांग साथी है और इन सब ने अपने परिश्रम से यह सफलता हासिल की है।

साथियों,

हमारी ITIs इंडस्ट्रियल एजुकेशन के बेहतरीन संस्थान तो हैं ही, ये आत्मनिर्भर भारत की वर्कशॉप है। इसलिए हमारा फोकस इनकी संख्या बढ़ाने के साथ ही इनको लगातार अपग्रेड करने पर भी है। साल 2014 तक हमारे देश में 10,000 ITI’s बनी थीं, लेकिन बीते एक दशक में करीब 5000 नई ITI’s देश में बनाई गई हैं। यानी देश आजाद होने के बाद 10,000 और मोदी आने के बाद नई 5,000। इंडस्ट्री को आज कैसी स्किल चाहिए, 10 साल बाद किस प्रकार की स्किल लगेगी, इसके लिए ITI नेटवर्क को तैयार किया जा रहा है, इसलिए इंडस्ट्री और आईटीआई के बीच तालमेल को बढ़ाया जा रहा है। आज हमने इस दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। आज पीएम सेतु योजना की शुरुआत की गई है। देश भर में हमारे 1000 से ज्यादा आईटीआई इंस्टीट्यूशंस को इसका फायदा होगा। पीएम सेतु योजना के माध्यम से इन ITI’s को अपग्रेड किया जाएगा। यहां नई मशीनें आएंगी, आधुनिक मशीनें आएंगी, इंडस्ट्री के ट्रेनिंग एक्सपर्ट्स यहां आएंगे, करिकुलम भी आज की और फ्यूचर की डिमांड के हिसाब से अपग्रेड होगा। एक तरह से, पीएम सेतु योजना, दुनिया की स्किल डिमांड से भी भारत के युवाओं को जोड़ेगी।

मेरे नौजवान साथियों,

आप लोग देखते होंगे, इन दिनों अनेक देशों के साथ हमारे जो एग्रीमेंट हो रहे हैं, उसमें एक विषय उनका होता है कि भई हमें आपके देश के स्किल्ड मैनपॉवर की जरूरत है, हमारे नौजवानों के लिए दुनिया में नए अवसर बन रहे हैं।

साथियों,

आज इस कार्यक्रम से बिहार के हजारों युवा भी हमारे साथ जुड़े हैं। इस पीढ़ी को उतना अंदाजा नहीं होगा कि दो-ढाई दशक पहले बिहार में शिक्षा व्यवस्था किस तरह तबाह थी। ईमानदारी से न स्कूल खुलते थे, न भर्तियां होती थीं। कौन मां-बाप नहीं चाहता कि उसका बच्चा यहीं पढ़े और यहीं आगे बढ़े। लेकिन मजबूरी में लाखों बच्चों को बिहार छोड़कर बनारस, दिल्ली, मुंबई जाना पड़ा। यही पलायन की असली शुरुआत थी।

साथियों,

जिस पेड़ की जड़ों में कीड़ा लग जाता है, उसको फिर से जीवित करना बहुत बड़ा पराक्रम होता है। RJD के कुशासन ने बिहार की हालत उसी पेड़ की तरह कर दी थी। सौभाग्य से बिहार के लोगों ने नीतीश जी को सरकार का दायित्व सौंपा, और हम सभी साक्षी हैं कि कैसे NDA की पूरी टीम मिलकर बिगड़ी हुई व्यवस्थाओं को फिर पटरी पर लाई। आज यहां इस कार्यक्रम में भी हम इसकी एक झलक देख रहे हैं।

साथियों,

मुझे खुशी है कि आज के कौशल दीक्षांत समारोह में, बिहार को एक नई स्किल यूनिवर्सिटी मिली है। नीतीश जी की सरकार ने इस यूनिवर्सिटी का नाम भारत रत्न, जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के नाम पर रखा है। और कर्पूरी ठाकुर जी को जननायक ये सोशल मीडिया की ट्रोल करने वाली टीम ने नहीं बनाया, कर्पूरी ठाकुर को जननायक, बिहार के जन-जन ने बनाया और उनके जीवन को देखकर के बनाया था। और मैं तो बिहार के लोगों को कहूंगा, जरा चोकन्ने रहिए, ये जननायक पद कर्पूरी ठाकुर से ही है, आजकल लोग ये जननायक की भी चोरी करने में लगे हैं, और इसलिए बिहार के लोगों से में जागृत रहने का आग्रह करूंगा, कि हमारे कर्पूरी ठाकुर साहब का ये जनता द्वारा दिया गया सम्मान कोई चोरी न कर जाए। भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर जी ने अपना पूरा जीवन समाज की सेवा और शिक्षा के विस्तार में लगाया। उन्होंने हमेशा इस बात पर ज़ोर दिया कि समाज का सबसे कमजोर व्यक्ति भी आगे बढ़े। उनके नाम पर बनने वाली ये स्किल यूनिवर्सिटी, उसी सपने को आगे बढ़ाने का सशक्त माध्यम बनेगी।

साथियों,

NDA की डबल इंजन सरकार, लगातार बिहार के शिक्षा संस्थाओं को आधुनिक बनाने में जुटी है। I.I.T पटना में इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार का काम भी शुरु हो चुका है। आज भी बिहार में कई बड़े शिक्षा संस्थानों के आधुनिकीकरण का काम आरंभ हुआ है। NIT पटना के बिहटा कैंपस को भी अब हमारे होनहार विद्यार्थियों के लिए खोल दिया गया है। इसके अलावा, पटना यूनिवर्सिटी, भूपेंद्र मंडल यूनिवर्सिटी, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा और नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी, इन सभी संस्थानों में नए अकैडमिक इंफ्रास्ट्रक्चर की नींव रखी गई है।

साथियों,

अच्छे संस्थानों के साथ-साथ नीतीश जी की सरकार, बिहार के नौजवानों की पढ़ाई का खर्च भी कम कर रही है। उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को फीस की परेशानी ना हो, इसकी भी चिंता की जा रही है। बिहार सरकार, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए मदद करती रही है। अब एक और बड़ा निर्णय लिया गया है। इस क्रेडिट कार्ड से मिलने वाले एजुकेशन लोन को, इंटरेस्ट फ्री कर दिया गया है, ब्याज मुक्त कर दिया गया है। और ये बिहार सरकार का निर्णय है, इतना ही नहीं विद्यार्थियों के लिए स्कॉलरशिप भी 1800 से बढ़ाकर के 3600 कर दी गई है।

साथियों,

आज भारत दुनिया के युवा देशों में से एक है। और बिहार उन राज्यों में शामिल है जहाँ आबादी के अनुपात में सबसे अधिक युवा हैं। इसलिए, जब बिहार के युवाओं का सामर्थ्य बढ़ता है, तो स्वाभाविक रूप से देश की भी ताकत बढ़ती है। बिहार के युवाओं का सामर्थ्य और बढ़ाने के लिए NDA सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। RJD-कांग्रेस के शासनकाल की तुलना में, बिहार का शिक्षा बजट कई गुणा बढ़ाया गया है। आज बिहार में करीब-करीब हर गांव-टोले में एक स्कूल बन चुका है, इंजीनियरिंग कॉलेज हों, मेडिकल कॉलेज हों, इनकी संख्या भी कई गुणा बढ़ी है। हाल में ही केंद्र सरकार ने बिहार के 19 जिलों के लिए केंद्रीय विद्यालय स्वीकृत किए हैं। एक समय था, जब बिहार में स्पोर्ट्स से जुड़ा इंटरनेशनल लेवल का इंफ्रास्ट्रक्चर तक नहीं था। आज बिहार में स्पोर्ट्स के नेशनल और इंटरनेशनल इवेंट्स हो रहे हैं।

साथियों,

बिहार सरकार ने बीते दो दशकों में 50 लाख नौजवानों को बिहार में रोजगार से जोड़ा है। बीते कुछ वर्षों में ही करीब 10 लाख पक्की सरकारी नौकरियां बिहार के नौजवानों को दी गई हैं। आप शिक्षा विभाग में ही देखिए, कितने बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्तियां हो रही हैं। पिछले दो वर्षों में ही ढाई लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति बिहार में हुई है। इससे नौजवानों को नौकरी मिली और शिक्षा व्यवस्था का स्तर भी ऊपर उठा।

साथियों,

बिहार सरकार अब नए लक्ष्यों को लेकर काम कर रही है। राज्य सरकार ने जितने रोजगार 20 साल में बनाए, और अभी नीतीश जी ने भी हमें अपने भाषण में बाताया, आने वाले पांच साल में उससे दोगुने रोजगार निर्माण का लक्ष्य है। संकल्प यही है कि बिहार के नौजवान को बिहार में ही नौकरी मिले, बिहार में ही काम मिले।

साथियों,

ये समय बिहार के युवाओं के लिए डबल बोनस का भी है। इस समय देश में GST बचत उत्सव चल रहा है, मुझे कोई कह रहा था कि बाइक और स्कूटर पर GST कम होने से बिहार के युवा बहुत खुश हैं। बहुत से युवाओं ने तो इस धनतेरस को ये खरीदने की भी प्लानिंग कर ली है। मैं बिहार के, देश के युवाओं को उनकी जरूरतों की ज्यादातर चीजों पर GST कम होने की भी बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

जब स्किल्स बढ़ती हैं, देश आत्मनिर्भर होता है, निर्यात बढ़ता है, तो रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं। 2014 से पहले भारत को फ्रजाइल फाइव इकॉनॉमी कहा जाता था। यानी ग्रोथ कम थी, रोजगार भी बहुत कम थे। आज भारत टॉप थ्री इकॉनॉमी बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। यानी मैन्युफेक्चरिंग बढ़ रही है, रोजगार बढ़ रहे हैं। मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबील और डिफेंस सेक्टर में भी मैन्युफेक्चरिंग और एक्सपोर्ट में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। बड़े उद्योगों से लेकर, जो हमारे MSMEs हैं, उनमें अभूतपूर्व रोजगार का निर्माण हुआ है। इन सबका बड़ा लाभ हमारे युवाओं को और विशेषकर ITI के स्किल्ड युवाओं को भी हुआ है। मुद्रा स्कीम ने भी करोड़ों नौजवानों को अपना रोजगार शुरू करने में मदद की है। अभी भारत सरकार ने एक लाख करोड़ रुपए की प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना भी लागू की है। इससे देश के करीब साढ़े तीन करोड़ नौजवानों को प्राइवेट सेक्टर में रोजगार पाने में मदद मिलेगी।

साथियों,

ये समय देश के हर युवा के लिए अवसरों से भरा हुआ है। हर चीज का विकल्प हो सकता है, लेकिन कौशल का, इनोवेशन का, परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है। ये सबकुछ भारत के आप सभी नौजवानों के पास है। आप सभी की शक्ति, विकसित भारत की शक्ति बनेगी, इसी विश्वास के साथ, देशभर के आईटीआई के नौजवान मेरे साथ जुड़े हैं और बिहार के नौजवानों को जो बिहार की सरकार ने अनेक विविध नए तोहफे दिए हैं, इन सबके लिए मैं आप सबको को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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