"जनरल बिपिन रावत जी का जाना हर भारतप्रेमी के लिए, हर राष्ट्रभक्त के लिए बहुत बड़ी क्षति है"
"देश उन वीरों के परिवारों के साथ है जिन्हें हमने खो दिया है"
"सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का पूरा होना इस बात का सबूत है कि जब सोच ईमानदार होती है, तो काम भी दमदार होता है"
"सरयू नहर परियोजना में जितना काम 5 दशक में हो पाया था, उससे ज्यादा काम हमने 5 साल से पहले करके दिखाया है। यही डबल इंजन की सरकार है। यही डबल इंजन की सरकार के काम की रफ्तार है"

 

 
भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!

हम येह पावन धरती का बारम्बार प्रणाम करित है। आज हम्मै आदि शक्ति माँ पाटेश्वरी की पावन धरती, औ छोटी काशी कै नाम से विख्यात बलरामपुर की धरती पा फिर आवे कै मौका मिला। आपसे हम्मै खूब आशीर्वाद मिला है।

यूपी की राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन, यूपी के ऊर्जावान, कर्मठ, लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, उप मुख्यमंत्री श्रीमान केशव प्रसाद मौर्या जी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत जी, कौशल किशोर जी, राज्य सरकार में मंत्री महेंद्र सिंह जी, रमापति शास्त्री जी, मुकुट बिहारी वर्मा जी, ब्रजेश पाठक जी, आशुतोष टंडन जी, बलदेव ओलाख जी, श्री पलटू राम जी, मंच पर उपस्थित सभी संसद के मेरे साथीगण, सभी आदरणीय विधायकगण, जिला पंचायतों के सदस्य, और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, क्रांतिकारियों की इस धरती ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में अपना अमूल्य योगदान दिया है। राजा देवी बख्श सिंह, राजा कृष्ण दत्त राम, और पृथ्वी पाल सिंह जैसे पराक्रमियों ने अंग्रेजी शासन से लोहा लेने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी थी। अयोध्या में बन रहे प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर की जब-जब बात होगी बलरामपुर रियासत के महाराजा पाटेश्वरी प्रसाद सिंह के योगदान का उल्लेख जरुर होगा। बलरामपुर के लोग तो इतने पारखी हैं कि उन्होंने नाना जी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी के रूप में दो-दो भारत रत्नों को गढ़ा है, उन्हें संवारा है।

साथियों,

राष्ट्र निर्माताओं और राष्ट्र रक्षकों की इस धरती से मैं आज देश के उन सभी वीर योद्धाओं को भी श्रद्धांजलि दे रहा हूं जिनका 8 दिसंबर को हुए हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हो गया। भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल बिपिन रावत जी का जाना हर भारतप्रेमी के लिए, हर राष्ट्रभक्त के लिए बहुत बड़ी क्षति है। जनरल बिपिन रावत जी जितने जांबांज थे, देश की सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जितनी मेहनत करते थे, पूरा देश उसका साक्षी रहा है। एक सैनिक, सिर्फ उसी समय तक सैनिक नहीं रहता जितने दिन वो सेना में रहता है। उसका पूरा जीवन एक योद्धा की तरह होता है, अनुशासन, देश की आन-बान-शान के लिए वो हर पल समर्पित होता है। गीता में कहा गया है- नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः। ना शस्त्र उसे छिन्न भिन्न कर सकते हैं ना अग्नि उसे जला सकती है। जनरल बिपिन रावत, आने वाले दिनों में, अपने भारत को नए संकल्पों के साथ वे जहां होंगे वहां से भारत को आगे बढ़ते हुए देखेंगे। देश की सीमाओं की सुरक्षा बढ़ाने का काम, बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का काम, देश की सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान, तीनों सेनाओं में तालमेल सुदृढ़ करने का अभियान, ऐसे अनेक काम तेजी से आगे बढ़ता रहेगा। भारत दुख में है लेकिन दर्द सहते हुए भी हम ना अपनी गति रोकते हैं और ना ही हमारी प्रगति। भारत रुकेगा नहीं, भारत थमेगा नहीं। हम भारतीय मिलकर और मेहनत करेंगे, देश के भीतर और देश के बाहर बैठी हर चुनौती का मुकाबला करेंगे, भारत को और शक्तिशाली और समृद्ध बनाएंगे।

साथियों,

यूपी के सपूत, देवरिया के रहने वाले ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जी का जीवन बचाने के लिए डॉक्टर जी-जान से लगे हुए हैं। मैं मां पाटेश्वरी से उनके जीवन की रक्षा की प्रार्थना करता हूं। देश आज वरुण सिंह जी के परिवार के साथ है, जिन वीरों को हमने खोया है, उनके परिवारों के साथ है।

भाइयों और बहनों,

राष्ट्र प्रथम की भावना को सर्वोपरि रखते हुए, देश आज हर वो काम कर रहा है, जो 21वीं सदी में हमें नई ऊंचाई पर ले जाए। देश के विकास के लिए ये भी बहुत जरूरी है कि पानी की कमी कभी बाधा ना बने। इसलिए देश की नदियों के जल के सदुपयोग हो, किसानों के खेत तक पर्याप्त पानी पहुंचे, ये सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का पूरा होना इस बात का सबूत है कि जब सोच ईमानदार होती है, तो काम भी दमदार होता है। दशकों से आप इसके पूरा होने का इंतजार कर रहे थे। घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा और रोहिणी की जलशक्ति अब इस क्षेत्र में समृद्धि का नया दौर लेकर आने वाली है। बलरामपुर के साथ-साथ बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, बस्ती, गोरखपुर, महराजगंज और कुशीनगर के सभी साथियों को, लाखों मेरे किसान भाइयों - बहनों को आज हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बारिश के मौसम में इस क्षेत्र में जो परेशानियां आती हैं, उनका हल निकालने में इससे मदद मिलेगी। और मैं जानता हूं, मेरे प्यारे भाइयों – बहनों, हमारे यहां तो इतिहास गवाह है अगर किसी ने प्यासे को एक प्याला भर पानी पिला दिया होता है तो वो इंसान जीवन भर कभी उस ऋण को भुलता नहीं है, जीवन भर उस इंसान को भुलता नहीं है। और आज लाखों किसानों के प्यासे खेत जब पानी प्राप्त करेंगे। मुझे पक्का भरोसा है आपके आर्शीवाद जीवन भर हमें काम करने की ताकत देंगे। आपके आर्शीवाद हमें नई ऊर्जा देंगे।

भाइयो – बहनों,

आज मैं यह भी कहना चाहूँगा, विशेष रूप से वो किसान, जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि है, उनके लिए सिंचाई की ये व्यवस्था जीवन बदलने वाली होती है। जैसे कोई व्यक्ति मृत्यु शैया पर पड़ा हो। उसको बल्ड की जरूरत हो, लहु की जरूरत हो, रक्त की आवश्यकता हो और जैसे ही डॉक्टर रक्त लाकर के उसको चढ़ाएं और उसका जीवन बच जाता है। इस पूरे क्षेत्र के खेतों को ऐसी ही नई जिंदगी मिलने वाली है।

साथियों,

बलरामपुर की मसूर दाल का स्वाद तो बीते सालों में देशभर में फैला ही है। अब पारंपरिक फसलों के साथ-साथ इन क्षेत्रों के किसान, अधिक दाम देने वाली, अधिक आय देने वाली दूसरी फसलों की खेती भी व्यापक रूप से कर पाएंगे।

साथियों,

सार्वजनिक जीवन में मुझे एक लंबे समय से काम करने का सौभाग्य मिला है। मैंने, पहले की कितनी ही सरकारें देखी हैं, उनका कामकाज भी देखा है। इस लंबे कालखंड में जो मुझे सबसे अधिक अखरा, जिससे मुझे सबसे ज्यादा पीड़ा हुई है। वो है देश के धन, देश के समय और देश के संसाधनों का दुरुपयोग, उसका अपमान। सरकारी पैसा है तो मुझे क्या, मेरा क्या, ये तो सरकारी है। ये सोच देश के संतुलित और संपूर्ण विकास में सबसे बड़ी रुकावट बन गई है। इसी सोच ने सरयू नहर परियोजना को लटकाया भी, भटकाया भी। आज से करीब 50 साल पहले इस पर काम शुरु हुआ था। आप सोचिये 50 साल के बाद आज इसका काम पूरा हो रहा है। जब इस परियोजना पर काम शुरू हुआ था। ये सिर्फ यहां के नागरिक नहीं, देश के नागरिक भी इस बात को समझें, हिन्दुस्तान का हर नागरिक समझे, हिन्दुस्तान को मेरा नौजवान समझे, जो अपने उज्जवल भविष्य की कामना करता है वो मेरा देश का हर नौजवान समझे।

साथियों,

जब इस परियोजना पर काम शुरू हुआ था, तो इसकी लागत 100 करोड़ रुपए से भी कम थी। जरा आप बोलेंगे, कितनी लगात थी उस समय जब शुरू होना था तब - 100 करोड़ , कितनी थी - 100 करोड़, कितनी थी - 100 करोड़। और आज कहां पहुंचा मालुम है। आज ये लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपए खर्च करने के बाद पूरी हुई है। 10 हज़ार करोड़, कितना - 10 हज़ार करोड़, कितना- 10 हज़ार करोड़। पहले होना था 100 करोड़ में, आज हुआ 10 हजार करोड़ में। ये पैसा किसका था भाइयों, ये पैसा किसका था, ये धन किसका था, आपका था कि नहीं था? इसके मालिक आप कि नहीं थे? आपके मेहनत का एक-एक रुपया सही समय पर सही काम के लिए उपयोग होना चाहिए था कि नहीं होना चाहिए था? जिन्होंने ये नहीं किया वे आपके गुनहगार है कि नहीं हैं? आपके गुनहगार है कि नहीं हैं? ऐसे लोगों को आप सजा देंगे के नहीं देंगे? पक्का देंगे?


मेरे प्यारे भाइयों-बहनों,

पहले की सरकारों की लापरवाही की 100 गुना ज्यादा कीमत इस देश को चुकानी पड़ी है। हमारे इस क्षेत्र के लाखों किसानों को भी अगर सिंचाई का यही पानी, अगर बीस साल – तीस साल पहले मिला होता, आप कल्पना कर सकते थे। अगर मेरे किसान के पास पानी होता, पिछले 25-30 साल में पानी उसके पास पहुंचा होता, तो वो सोना पैदा करता कि नहीं करता? देश का खजाना भर देता कि नहीं भर देता? अपने बच्चों की शिक्षा-दिक्षा अच्छी कर पाता के नहीं कर पाता।

भाइयों – बहनों,

दशकों की इस देरी की वजह से, मेरे यहां के किसान भाइयों – बहनों का भी अरबों-खरबों रुपयों का नुकसान हुआ है।

वैसे साथियों,

जब मैं आज दिल्ली से चला, तो सुबह से मैं इंतजार कर रहा था कि कब कोई आएगा, कहेगा कि मोदी जी इस योजना का फीता तो हमने काटा था, ये योजना तो हमने शुरू की थी। कुछ लोग हैं जिनकी आदत है ऐसा कहने की। हो सकता है, बचपन में इस योजना का फीता भी उन्होंने ही काटा हो।

साथियों,

कुछ लोगों की प्राथमिकता फीता काटना है, हम लोगों की प्राथमिकता, योजनाओं को समय पर पूरा करना है। 2014 में जब मैं सरकार में आया था, तो ये देखकर हैरान था कि देश में सिंचाई की 99 बड़ी परियोजनाएं हैं जो देश के अलग – अलग कोनों में दशकों से अधूरी पड़ी हैं। हमने देखा कि सरयू नहर परियोजना में कितनी ही जगहों पर नहरें आपस में जुड़ी ही नहीं थीं, पानी आखिरी छोर तक पहुंचाने की व्यवस्था ही नहीं थी। सरयू नहर परियोजना में जितना काम 5 दशक में हो पाया था, उससे ज्यादा काम हमने 5 साल से पहले करके दिखाया है। साथियों, यही तो डबल इंजन की सरकार है, यही तो डबल इंजन सरकार के काम का रफ्तार है। और आप याद रखिए, योगी जी के आने के बाद हमने बाणसागर परियोजना का लोकार्पण किया। कुछ दिन पहले ही अर्जुन सहायक नहर परियोजना का लोकार्पण किया। इसी हफ्ते गोरखपुर में जो फर्टिलाइज़र कारखाने और एम्स का लोकार्पण किया गया, उनका भी बरसों से इंतजार हो रहा था। कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की भी फाइलें बरसों से चल रही थी। लेकिन इस एयरपोर्ट को भी शुरू करवाने का काम डबल इंजन की सरकार ने ही किया है।

साथियों,

हमारी सरकार किस तरह बरसों पुराने सपनों को साकार कर रही है इसका एक और उदाहरण केन-बेतबा लिंक परियोजना भी है। सालों से इस परियोजना की मांग हो रही थी। अभी दो-तीन दिन पहले ही कैबिनेट ने इस परियोजना को स्वीकृति दे दी है और इस पर 45 हज़ार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। ये उत्तर प्रदेश को इतनी बड़ी सौगात मिल रही है, 45 हज़ार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। ये परियोजना बुंदेलखंड को जल संकट से मुक्ति दिलाने में बड़ी भूमिका निभाएगी।

भाइयों और बहनों,

आज देश में आजादी के बाद पहली ऐसी सरकार है, जो छोटे किसानों की सुध ले रही है। पहली बार 2 हेक्टेयर से कम भूमि वाले छोटे किसानों को सरकारी लाभ से, सरकारी सुविधा से जोड़ा गया है। बीज से लेकर बाजार तक, खेत से लेकर खलिहान तक, उनकी हर तरह से मदद की जा रही है। इन छोटे किसानों के बैंक खातों में पीएम किसान सम्मान निधि के हज़ारों करोड़ रुपए सीधे भेजे जा रहे हैं। उनकी आय बढ़ाने के लिए उन्हें खेती से जुड़े अन्य विकल्पों की तरफ भी प्रेरित किया जा रहा है। ऐसे विकल्प जिसमें बहुत बड़ी जमीन की उतनी जरूरत नहीं पड़ती, उन्हें इसका मार्ग दिखाया जा रहा है। इसी सोच के साथ, पशुपालन हो, मधुमक्खी पालन हो या फिर मछली पालन इनके लिए राष्ट्रीय स्तर पर नई योजनाएं शुरू की गई है। आज भारत दूध उत्पादन के मामले में दुनिया में अग्रणी है ही, लेकिन आपको जानकर के खुशी होगी आज हम शहद, हनी, मधु निर्यातक के रूप में भी विश्व में अपना स्थान बना रहे हैं। हमारी सरकार के प्रयासों की वजह से, बीते सात वर्षों में शहद का निर्यात बढ़कर, करीब-करीब दोगुना हो गया है और इससे किसानों की 700 करोड़ से ज्यादा की कमाई हुई है।


भाइयों और बहनों,

किसान की आय बढ़ाने का एक और विकल्प बायोफ्यूल भी है। हम खाड़ी के तेल से चलाते थे अब हम झाड़ी का तेल भी लेकर के आ रहे हैं। बायोफ्यूल की अनेक फैक्ट्रियां यूपी में बनाई जा रही हैं। बदायूं और गोरखपुर में बायोफ्यूल के बड़े कॉम्प्लेक्स बनाए जा रहे हैं। यहां पास में, गोंडा में भी इथेनॉल का एक बड़ा प्लांट बन रहा है। इसका लाभ इस क्षेत्र के बहुत से किसानों को होगा। गन्ने से इथेनॉल बनाने के अभियान में भी यूपी अग्रणी भूमिका की ओर बढ़ रहा है। बीते साढ़े 4 साल में लगभग 12 हज़ार करोड़ रुपए का इथेनॉल यूपी से खरीदा गया है। योगी जी की सरकार जब से आई है, तब से गन्ने के भुगतान में भी बहुत तेज़ी आई है। एक समय 2017 से पहले का भी था जब गन्ना किसान, सालों-साल बकाया मिलने के लिए इंतज़ार करते थे। पिछली सरकारों के दौरान जहां 20 से अधिक चीनी मिलों में ताला लग गया, वहीं योगी जी की सरकार ने इतनी ही चीनी मिलों का विस्तार और आधुनिकीकरण किया है। मैं आज बलरामपुर से, देश भर के किसानों को एक विशेष निमंत्रण भी देना चाहता हूं। और मैं चाहुंगा सिर्फ उत्तर प्रदेश के नहीं, देश भर के किसान मेरे इस निमंत्रण को स्वीकार करें और मेरे साथ जुड़ें। मेरा निमंत्रण किस बात का है? इसी महीने 5 दिन के बाद 16 तारीख को, 16 दिसम्बर को सरकार, प्राकृतिक खेती पर, natural farming पर एक बहुत बड़ा आयोजन करने जा रही है। हमारे पद्म पुरस्कार विजेता सुभाष जी करके हैं महाराष्ट्र के, उन्होंने जीरो बजट खेती का एक विचार विकसित किया है। ये वो प्राकृतिक खेती वाला विषय है, इससे हमारी धरती मां भी बचती है, हमारा पानी भी बचता है और फसल भी अच्छी और पहले से ज्यादा होती है। मेरा आप सभी किसान साथियों को, देश भर के किसान साथियों को आग्रह है कि आप 16 दिसम्बर को टीवी के माध्यम से या कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से जरूर इस कार्यक्रम में जुड़िये आप सारी बात को समझेंगे, मुझे पक्का विश्वास है आप उसको अपने खेत में लागू करेंगे। ये आपको बहुत लाभकारी होने वाला है।

साथियों,

आपकी हर जरूरत को ध्यान में रखते हुए, आपका जीवन आसान बनाने के लिए हम दिन रात मेहनत कर रहे हैं। इसकी छाप आपको प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे गरीब के पक्के घर में भी दिखेगी। पीएम आवास के तहत मिल रहे घरों में, इज्जत घर यानि शौचालय है, उज्जवला की गैस है, सौभाग्य योजना का बिजली कनेक्शन है, उजाला का LED बल्ब है, हर घर जल योजना के तहत मिल रहा पानी का कनेक्शन है। और मुझे तो खुशी तब होती है क्योंकि मैं इस क्षेत्र में भी दौरा कर चुका हूं, मुझे मालूम है। जब यहां मेरे थारू जनजाति के भाई-बहनों को भी इन योजनाओं का लाभ मिल रहा है, तो हमे खुशी भी ज्यादा होती है और हमे आर्शीवाद भी ज्यादा मिलता है।

साथियों,

हमारे यहां सदियों से एक तौर-तरीका चला आ रहा है कि घर होगा, मेरी माताएं –बहनें मेरी बात जरूर समझें और मेरे पुरुष भाई भी अपने घर में बताएं। हमारे यहां एक मान्यता चली, परंपरा चली, व्यवस्था चली। वो क्या, घर होगा तो पुरुष के नाम, दुकान होगी, तो पुरुष के नाम, गाड़ी होगी, तो पुरुष के नाम, खेत होगा तो पुरुष के नाम। महिलाओं के नाम पर कुछ भी नहीं, कुछ होता है क्या महिलाओं के नाम पर? नहीं होता है ना। ये मैं आपकी पीड़ाएं जानता हूं बराबर माताओं बहनों और इसलिए हमने क्या किया? मुझे खुशी है हमने क्या किया पीएम आवास योजना के तहत जो घर बन रहे है ना ज्यादातर घरों का मालिकाना हक हमने हमारी माताओं – बहनों, बेटियों को दे दिया है। इस वजह से देश में ऐसी बहनों की संख्या में बहुत अधिक वृद्धि हुई है, जिनके अपने नाम पर कम से कम एक प्रॉपर्टी तो है। डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से यूपी के 30 लाख से अधिक गरीब परिवारों को पक्का घर मिल चुका है। आने वाले दिनों में, और भी ज्यादा नए घर बनाने के लिए अभी हमारी सरकार ने 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक का प्रावधान किया है। यानि जिनकों अभी तक पक्के घर नहीं मिले, उन्हें आने वाले समय में भी जरूर मिलेंगे।

साथियों,

जब सरकार संवेदनशील हो, गरीबों की सुनती हो, उनका दुख-दर्द समझती हो, तो फर्क आता ही है। आता है कि नहीं आता है - आता है, फर्क आता है कि नहीं आता है- आता है। अभी देश, सौ साल में आई सबसे बड़ी महामारी से लड़ रहा है। कोरोना आने के बाद, हर कोई यही सोच रहा था कि क्या होगा, कैसे होगा। हर किसी ने कम-अधिक मात्रा में कोरोना की वजह से कष्ट सहा।

लेकिन साथियों, इस कोरोना काल में हमने पूरी ईमानदारी से प्रयास किया है कि कोई गरीब भूखा ना सोए। अभी इसलिए पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मिल रहे मुफ्त राशन के अभियान को होली से आगे तक बढ़ा दिया गया है। गरीबों के मुफ्त राशन पर सरकार 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा खर्च कर रही है।

भाइयों और बहनों,

पहले जो सरकार में थे- आप जानते हैं ना, अच्छी तरह जानते हैं ना, पहले जो सरकार में थे, वो माफिया को संरक्षण देते थे। आज योगी जी की सरकार, माफिया की सफाई में जुटी है। तभी तो यूपी के लोग कहते हैं- फर्क साफ है। पहले जो सरकार में थे- वो बाहुबलियों को बढ़ाते थे। आज योगी जी की सरकार गरीब, दलित, पिछड़े और आदिवासी, सभी को सशक्त करने में जुटी है। तभी तो यूपी के लोग कहते हैं- फर्क साफ है। पहले जो सरकार में थे, वो यहां जमीनों पर अवैध कब्जे करवाते थे। आज ऐसे माफियाओं पर जुर्माना लग रहा है, बुलडोजर चल रहा है। तभी तो यूपी के लोग कहते हैं- फर्क साफ है। पहले यूपी की बेटियां घर से निकलने से पहले 100 बार सोचने के लिए मजबूर थीं। आज अपराधी गलत काम से पहले 100 बार सोचता है। तभी तो यूपी के लोग कहते हैं- फर्क साफ है। पहले बेटियां घर में दुबक कर रहने को मजबूर थीं, अब यूपी के अपराधी जेल में दुबकते हैं। तभी तो कहते हैं- फर्क साफ है।

साथियों,

आज मैं एक और योजना के बारे में जरूर बताना चाहता हूं जो यूपी के लोगों की बहुत मदद करने वाली है। और ये योजना है- स्वामित्व योजना। स्वामित्व योजना के तहत आज गांवों में प्रॉपर्टी की मैपिंग करा कर, घरों के, खेतों के मालिकाना हक के कागज लोगों को दिए जा रहे हैं। ये अभियान कुछ ही समय में यूपी के हर गांव तक पहुंचने वाला है। इससे आपको अवैध कब्जे के डर से मुक्ति मिलेगी और बैंकों से मदद लेना भी आपके लिए आसान हो जाएगा। अब गांव के युवाओं को बैंक से अपने काम के लिए पैसा जुटाने में दिक्कत भी नहीं आएगी।

साथियों,

हम सभी को मिलकर उत्तर प्रदेश को नई ऊंचाई पर ले जाना है, उत्तर प्रदेश की नई पहचान देनी है। उत्तर प्रदेश को दशकों पीछे धकेलने वाले लोगों से आपको निरंतर सतर्क रहना है। भाइयों – बहनों, एक बार फिर से आप सभी को सरयू नहर परियोजना के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मेरे साथ दोनों हाथ उपर के पुरी ताकत से बोलिये, भारत माता की – जय। भारत माता की – जय। भारत माता की – जय।

बहुत-बहुत धन्यवाद !
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पश्चिम बंगाल में जो महा-जंगलराज चल रहा है, हमें उससे मुक्ति पानी है: पीएम मोदी

PM Modi addressed a public rally in Nadia, West Bengal through video conferencing after being unable to attend the programme physically due to adverse weather conditions. He sought forgiveness from the people, stating that dense fog made it impossible for the helicopter to land safely. Earlier today, the PM also laid the foundation stone and inaugurated development works in Ranaghat, a major way forward towards West Bengal’s growth story.

The PM expressed deep grief over a mishap involving BJP karyakartas travelling to attend the rally. He conveyed heartfelt condolences to the families of those who lost their lives and prayed for the speedy recovery of the injured.

PM Modi said that Nadia is the sacred land where Shri Chaitanya Mahaprabhu, the embodiment of love, compassion and devotion, manifested himself. He noted that the chants of Harinaam Sankirtan that once echoed across villages and along the banks of the Ganga were not merely expressions of devotion, but a powerful call for social unity.

He highlighted the immense contribution of the Matua community in strengthening social harmony, recalling the teachings of Shri Harichand Thakur, the social reform efforts of Shri Guruchand Thakur, and the motherly compassion of Boro Maa. He bowed to all these revered figures for their lasting impact on society.

The PM said that Bengal and the Bengali language have made invaluable contributions to India’s history and culture, with Vande Mataram being one of the nation’s most powerful gifts. He noted that the country is marking 150 years of Vande Mataram and that Parliament has recently paid tribute to this iconic song. He said West Bengal is the land of Bankim Chandra Chattopadhyay, whose creation of Vande Mataram awakened national consciousness during the freedom struggle.

He stressed that Vande Mataram should inspire a Viksit Bharat and awaken the spirit of a Viksit West Bengal, adding that this sacred idea forms the BJP’s roadmap for the state.

PM Modi said BJP-led governments are focused on policies that enhance the strength and capabilities of every citizen. He cited the GST Savings Festival as an example, noting that essential goods were made affordable, enabling families in West Bengal to celebrate Durga Puja and other festivals with joy.

He also highlighted major investments in infrastructure, mentioning the approval of two important highway projects that will improve connectivity between Kolkata and Siliguri and strengthen regional development.

The PM said the nation wants fast-paced development and referred to Bihar’s recent strong mandate in favour of the BJP-NDA. He recalled stating that the Ganga flows from Bihar to Bengal and that Bihar has shown the path for BJP’s victory in West Bengal as well.

He said that while Bihar has decisively rejected jungle raj, West Bengal must now free itself from what he described as Maha Jungle Raj. Referring to the popular slogan, he said the state is calling out, “Bachte Chai, BJP Tai.”

The PM emphasised that there is no shortage of funds, intent or schemes for West Bengal’s development, but alleged that projects worth thousands of crores are stalled due to corruption and commissions. He appealed to the people to give BJP a chance and form a double-engine government to witness rapid development.

He cautioned people to remain alert against what he described as TMC’s conspiracies, alleging that the party is focused on protecting infiltrators. He said that whenever BJP raises concerns over infiltration, TMC leaders respond with abuse, which also explains their opposition to SIR in West Bengal.

Concluding his address, PM Modi said West Bengal needs a BJP government that works at double speed to restore the state’s pride. He assured that he would speak in greater detail about BJP’s vision when he visits the state in person.