Quoteअसम और नॉर्थ ईस्ट में ग्रोथ, डेवलपमेंट और कनेक्टिविटी सरकार की प्राथमिकताएं हैं: प्रधानमंत्री
Quoteमोदी रो-पैक्स सेवाएं दूरियों को काफी कम कर देंगी : प्रधानमंत्री मोदी

नमस्कार असम!
श्रीमंत शंकरदेव की कर्मस्थली और सत्रों की भूमि मजूली को मेरा प्रणाम! केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी श्री नितिन गडकरी जी, श्री रविशंकर प्रसाद जी, श्री मनसुख मांडविया जी, असम के मुख्यमंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल जी, मेघालय के मुख्यमंत्री, कोनरेड संगमा जी, असम के वित्त मंत्री डॉक्टर हिमंता बिस्वा सरमा जी, और असम के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों। ऐसा लग रहा कि आलि-आये-लिगांग उत्सव की उमंग दूसरे दिन भी जारी है। कल मिसिंग समुदाय के लिए, खेती और किसानी के उत्सव का दिन था और आज मजूली सहित पूरे असम और नॉर्थ ईस्ट के विकास का एक बहुत बड़ा महोत्‍सव है। ताकामे लिगांग आछेँगेँ छेलिडुंग!

भाइयों और बहनों,

भारत रत्न डॉक्टर भूपेन हज़ारिका ने कभी लिखा था- महाबाहु ब्रह्मपुत्र महामिलनर तीर्थ(अ) कत(अ) जुग धरि आहिछे प्रकाखि हमन्वयर अर्थ(अ)! यानि ब्रह्मपुत्र का विस्तार बंधुत्व का, भाईचारे का, मिलन का तीर्थ है। सालों-साल से ये पवित्र नदी, मेलजोल का, कनेक्टिविटी का पर्याय रही है। लेकिन ये भी सही है कि ब्रह्मपुत्र पर कनेक्टिविटी से जुड़े जितने काम पहले होने चाहिए थे, उतने हुए नहीं। इस वजह से असम के भीतर भी और नॉर्थ ईस्ट के अन्य क्षेत्रों में कनेक्टिविटी हमेशा एक बड़ी चुनौती बनी रही। महाबाहु ब्रह्मपुत्र के आशीर्वाद से अब इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है। बीते वर्षों में केंद्र और असम की डबल इंजन सरकार ने, इस पूरे क्षेत्र की भौगोलिक और सांस्कृतिक, दोनों प्रकार की दूरियों को कम करने का प्रयास किया है। हमने ब्रह्मपुत्र की शाश्वत भावना के अनुरूप, सुविधा, सुअवसरों और संस्कृति के पुल बनाए हैं, सेतु बनाए हैं। असम सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट की Physical और Cultural Integrity को बीते सालों में सशक्त किया गया है।

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साथियों,

आज का दिन असम सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट के लिए इस व्यापक विजन को विस्तार देने वाला है। डॉक्टर भूपेन हज़ारिका सेतु हो, बोगीबिल ब्रिज हो, सरायघाट ब्रिज हो, ऐसे अनेक ब्रिज आज असम का जीवन आसान बना रहे हैं। ये देश की सुरक्षा को मजबूत करने के साथ ही, हमारे वीर जांबाजों को भी बड़ी सहूलियत दे रहे हैं। असम और नॉर्थ ईस्ट के अलग-अलग हिस्सों को जोड़ने के इस अभियान को आज और आगे बढ़ाया गया है। आज से 2 और बड़े ब्रिज पर काम शुरु हो रहा है। जब कुछ वर्ष पहले मैं माजूली द्वीप गया था तो वहां की समस्याओं को करीब से महसूस किया था। मुझे खुशी है कि सर्बानंद सोनोवाल जी की सरकार ने इन मुश्किलों को कम करने के लिए पूरी निष्ठा से प्रयास किया है। मजूली में असम का पहला हेलीपोर्ट भी बन चुका है।

भाइयों और बहनों,

अब मजूली वासियों को सड़क का भी तेज़ और सुरक्षित विकल्प मिलने जा रहा है। आपकी बरसों पुरानी मांग आज पुल के भूमि पूजन के साथ ही पूरी होनी शुरू हो गई है। कालीबाड़ी घाट से जोहराट को जोड़ने वाला 8 किलोमीटर का ये पुल मजूली के हज़ारों परिवारों की जीवन रेखा बनेगा। ये ब्रिज आपके लिए सुविधा और संभावनाओं का सेतु बनने वाला है। इसी तरह धुबरी से मेघालय में फुलबारी तक 19 किमी लंबा पुल जब तैयार हो जाएगा, तो इससे बराक घाटी की कनेक्टिविटी मजबूत होगी। यही नहीं इस पुल से मेघालय, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा की असम से दूरी भी बहुत कम हो जाएगी। सोचिए, मेघालय और असम के बीच अभी सड़क मार्ग से जो दूरी करीब ढाई सौ किलोमीटर है भविष्य में सिर्फ 19-20 किलोमीटर रह जाएगी। ये ब्रिज अन्य देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय यातायात के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा।

भाइयों और बहनों,

ब्रह्मपुत्र और बराक सहित असम को अनेक नदियों की जो सौगात मिली है, उसको समृद्ध करने के लिए आज महाबाहू ब्रह्मपुत्र प्रोग्राम शुरु किया गया है। ये प्रोग्राम, ब्रह्मपुत्र के जल से इस पूरे क्षेत्र में Water Connectivity को, Port Led Development को सशक्त करेगा। इस अभियान की शुरुआत में आज नीमाती-मजूली, नॉर्थ और साउथ गुवाहाटी, धुबरी-तसिंगीमारी के बीच 3 रो-पैक्स सेवाओं का उद्घाटन किया गया है। इसी के साथ असम इतने बड़े स्तर पर रो-पैक्स सर्विस से जुड़ने वाला देश का अग्रणी राज्य बन गया है। इसके अलावा जोगीघोपा में Inland Water Transport Terminal सहित ब्रह्मपुत्र पर 4 जगह टूरिस्ट जेटी बनाने का काम भी शुरु किया गया है। मजूली सहित असम को, नॉर्थ ईस्ट को बेहतर कनेक्टिविटी देने वाले ये प्रोजेक्ट्स, इस क्षेत्र में विकास की गति को और तेज करेंगे। 2016 में आपके दिए एक वोट ने, कितना कुछ करके दिखा दिया है। आपके वोट की ये ताकत अभी असम को और ऊंचाई पर लेकर जाने वाली है।

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भाइयों और बहनों,

गुलामी के कालखंड में भी असम देश के संपन्न और अधिक रेवेन्यु देने वाले राज्यों में से एक था। यहां तक कि चिटगांव और कोलकाता पोर्ट तक चाय और पेट्रोलियम पदार्थ, ब्रह्मपुत्र-पदमा-मेघना नदियों और रेल लाइनों से होकर ही पहुंचते थे। कनेक्टिविटी का यही नेटवर्क असम की समृद्धि का बड़ा कारण था। लेकिन आज़ादी के बाद जहां इस इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाना जरूरी था, इन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया गया। जलमार्ग पर फोकस नहीं किया गया, तो लगभग खत्म ही हो गए। इस क्षेत्र में अव्यवस्था और अशांति के पीछे, विकास को लेकर ये लापरवाही भी एक बड़ी वजह बनी। इतिहास में की गईं उन गलतियों को सुधारने की शुरुआत अटल बिहारी वाजपेई जी ने की थी। अब उनका और विस्तार किया जा रहा है, उन्हें और गति दी जा रही है। अब, असम का विकास प्राथमिकता में भी है और इसके लिए दिन-रात प्रयास भी हो रहा है।

भाइयों और बहनों,

बीते पांच वर्षों में असम की मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी को फिर से स्थापित करने के लिए एक के बाद एक कदम उठाए गए हैं। कोशिश ये है कि असम को, नॉर्थ ईस्ट को, दूसरे पूर्वी एशियाई देशों के साथ हमारे सांस्कृतिक और व्यापारिक रिश्तों का भी केंद्र बनाया जाए। इसलिए Inland Waterways को यहां एक बड़ी ताकत बनाने पर काम चल रहा है। हाल में ही बांग्लादेश के साथ Water Connectivity बढ़ाने के लिए एक समझौता भी किया गया है। ब्रह्मपुत्र और बराक नदी को जोड़ने के लिए हुगली नदी में इंडो-बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट पर काम चल रहा है। इससे असम के अलावा मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और त्रिपुरा को भी हल्दिया, कोलकाता, गुवाहाटी और जोगीघोपा के लिए एक वैकल्पिक कनेक्टिविटी मिलेगी। यानि अभी नॉर्थ ईस्ट को शेष भारत से जोड़ने के लिए जिस संकरे से क्षेत्र पर हमारी निर्भरता रहती है, उस निर्भरता को ये रास्ता कम करेगा।

भाइयों और बहनों,

जोगीघोपा का IWT टर्मिनल इस वैकल्पिक रास्ते को और मजबूत बनाएगा और असम को कोलकाता से, हल्दिया पोर्ट से जलमार्ग द्वारा जोड़ेगा। इस टर्मिनल पर भूटान और बांग्लादेश के कार्गो, जोगीघोपा मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क के कार्गो और ब्रह्मपुत्र नदी पर अलग-अलग स्थानों के लिए आने-जाने की सुविधा मिलेगी।

साथियों,

अगर सामान्य जन की सुविधा प्राथमिकता हो और विकास का लक्ष्य अटल हो, तो नए रास्ते बन ही जाते हैं। मजूली और नेमाती के बीच रो-पैक्स सेवा ऐसा ही एक रास्ता है। इससे अब आपको सड़क के रास्ते करीब सवा 4 सौ किलोमीटर घूमकर आने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। अब आप रो-पैक्स से सिर्फ 12 किलोमीटर का सफर करते हुए अपनी साइकिल, स्कूटर, बाइक या कार को जहाज़ में ले जा सकते हैं। इस रास्ते पर जो 2 जहाज चलाए जा रहे हैं, वो एक बार में करीब 1600 यात्री और दर्जनों वाहनों को ले जा पाएंगे। ऐसी ही सुविधा, अब गुवाहाटी के लोगों को भी मिलेगी। अब उत्तरी और दक्षिण गुवाहाटी के बीच की दूरी 40 किलोमीटर से कम होकर सिर्फ 3 किलोमीटर तक सिमट जाएगी। इसी तरह धुबरी और हतसिंगीमारी के बीच की दूरी करीब सवा 2 सौ किलोमीटर से कम होकर 30 किलोमीटर तक रह जाएगी।

साथियों,

हमारी सरकार द्वारा सिर्फ जलमार्ग ही नहीं बनाए जा रहे हैं, बल्कि इनका उपयोग करने वालों को सटीक जानकारी भी मिले, इसके लिए भी आज ई-पोर्टल लॉन्च किए गए हैं। Car-D पोर्टल से नेशनल वॉटरवे के सभी कार्गो और क्रूज़ से जुड़े ट्रैफिक डेटा को रियल टाइम पर क्लेक्ट करने में मदद मिलेगी। इसी तरह पानी पोर्टल, नौचालन के अलावा वॉटरवे के इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी जानकारियां भी देगा। GIS आधारित भारत मैप पोर्टल, उन लोगों की मदद करता है जो यहां घूमने-फिरने या व्यापार-कारोबार के लिए आना चाहते हैं। आत्मनिर्भर भारत के लिए मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी का देश में विकास हो रहा है, असम उसका बेहतरीन उदाहरण होने वाला है।

भाइयों और बहनों,

असम और नॉर्थ ईस्ट की वॉटरवे-रेलवे-हाईवे कनेक्टिविटी के साथ ही इंटरनेट कनेक्टिविटी भी उतनी ही जरूरी है। इस पर भी लगातार काम हो रहा है। अब सैकड़ों करोड़ रुपए के निवेश से गुवाहाटी में नॉर्थ ईस्ट का पहला और देश का छठा डेटा सेंटर भी बनने वाला है। ये सेंटर नॉर्थ ईस्ट के सभी 8 राज्यों के लिए डेटा सेंटर हब के रूप में काम करेगा। इस डेटा सेंटर के बनने से असम सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट में e-governance को, आईटी सर्विस आधारित इंडस्ट्री को, स्टार्ट अप्स को और बल मिलेगा। बीते सालों से नॉर्थ ईस्ट के युवाओं के लिए BPO का जो इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है, उसको अब ताकत मिलेगी। यानि एक प्रकार से ये सेंटर डिजिटल इंडिया के विजन को नॉर्थ ईस्ट में भी मज़बूत करेगा।

भाइयों और बहनों,

भारत रत्न डॉक्टर भूपेन हज़ारिका ने लिखा था:- कर्मइ आमार धर्म, आमि नतुन जुगर नतुन मानब, आनिम नतुन स्वर्ग, अबहेलित जनतार बाबे धरात पातिम स्वर्ग! यानि हमारे लिए काम ही हमारा धर्म है। हम नए युग के नए लोग हैं। जिनकी सुध कभी नहीं ली गई, हम उनके लिए नया स्वर्ग बनाएंगे, धरती पर स्वर्ग बनाएंगे। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की इसी भावना के साथ आज असम और नॉर्थ ईस्ट सहित पूरे देश में सरकार काम कर रही है। ब्रह्मपुत्र के इर्दगिर्द समृद्ध हुई असमिया संस्कृति, आध्यात्म, जनजातियों की समृद्ध परंपरा और biodiversity हमारी धरोहर है। श्रीमंत शंकरदेव जी भी मजूली द्वीप इसी धरोहर को सशक्त करने के लिए आए थे। इसके बाद मजूली की पहचान आध्यात्म के केंद्र के रूप में, असम की संस्कृति की आत्मा के रूप में बनी। आप सभी ने सत्रिया संस्कृति को जिस प्रकार आगे बढ़ाया, वो प्रशंसनीय है। मुखा शिल्प और रास उत्सव को लेकर जिस प्रकार देश और दुनिया में अब उत्साह बढ़ रहा है, वो अद्भुत है। ये ताकत, ये आकर्षण सिर्फ आपके पास ही है। इसको बचाना भी है और आगे बढ़ाना भी है।

भाइयों और बहनों,

मैं सर्वानंद सोनोवाल जी और उनकी पूरी टीम को बधाई दूंगा कि मजूली के, असम के इस सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और प्राकृतिक सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए उन्होंने प्रशंसनीय काम किए हैं। सत्रों और दूसरे महत्वपूर्ण स्थानों को अवैध कब्जे से मुक्त करने का अभियान हो, कल्चरल यूनिवर्सिटी की स्थापना हो, मजूली को “Biodiversity Heritage Site” का दर्जा देना हो, तेजपुर-मजूली-सिवसागर Heritage circuit हो, नमामि ब्रह्मपुत्र और नमामि बराक जैसे उत्सवों का आयोजन हो, ऐसे कदमों से Assam की पहचान और समृद्ध हो रही है।

साथियों,

आज कनेक्टिविटी के जिन प्रोजेक्ट्स का शुभारंभ और शिलान्यास किया गया है, उनसे असम में टूरिज्म के लिए नए द्वार खुलने वाले हैं। क्रूज़ टूरिज्म के मामले में असम देश का एक बड़ा डेस्टिनेशन बन सकता है। नेमाती, विश्वनाथ घाट, गुवाहाटी और जोगीघोपा में टूरिस्ट जेटी बनने से असम की टूरिज्म इंडस्ट्री को एक नया आयाम मिलेगा। जब क्रूज़ में घूमने के लिए देश और दुनिया का ज्यादा खर्च करने वाला टूरिस्ट पहुंचेगा, तो असम के युवाओं की कमाई के साधन भी बढ़ेंगे। टूरिज्म तो ऐसा सेक्टर है, जिसमें कम से कम पढ़ा लिखा, कम से कम निवेश करने वाला भी कमाता है और स्किल्ड प्रोफेशनल भी कमाता है। यही तो विकास है, जो गरीब से गरीब को भी, सामान्य नागरिक को भी आगे बढ़ने का अवसर देता है। विकास के इसी क्रम को हमें बनाए रखना है और गति देनी है। असम को, नॉर्थ ईस्ट को आत्मनिर्भर भारत का मज़बूत स्तंभ बनाने के लिए हमें मिलकर काम करना है। एक बार फिर आप सभी को विकास के नए प्रोजेक्ट्स के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

 

बहुत-बहुत धन्यवाद !

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पीएम मोदी का BRICS सेशन में संबोधन: ‘एनवायरनमेंट, COP-30 और ग्लोबल हेल्थ’
July 07, 2025

Your Highness,
Excellencies,

मुझे खुशी है कि ब्राजील की अध्यक्षता में ब्रिक्स ने पर्यावरण और स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों को उच्च प्राथमिकता दी है। ये विषय न केवल आपस में जुड़े हुए हैं, बल्कि मानवता के उज्जवल भविष्य के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

Friends,

इस वर्ष, COP-30 का आयोजन ब्राज़ील में हो रहा है। ऐसे में BRICS में पर्यावरण पर चर्चा प्रासंगिक भी है और समयानुकूल भी।

भारत के लिए Climate Change और पर्यावरण सुरक्षा हमेशा से उच्च प्राथमिकता के विषय रहे हैं। हमारे लिए Climate Change केवल ऊर्जा का विषय नहीं है। ये जीवन और प्रकृति के बीच संतुलन का विषय है।

जहां कुछ लोग इसे आंकड़ों में मापते हैं, भारत इसे संस्कारों में जीता है। भारतीय सभ्यता और संस्कृति में, पृथ्वी को माँ का दर्जा दिया गया है। इसीलिए जब पृथ्वी माँ पुकारती है, तो हम चुप नहीं रहते। हम अपनी सोच, अपने व्यवहार और अपनी जीवनशैली में बदलाव करते हैं।

भारत ने "People, Planet और Progress” की भावना से Mission LiFE, यानि, Lifestyle for Environment, एक पेड़ माँ के नाम, International Solar Alliance, Coalition for Disaster Resilient Infrastructure, Green Hydrogen Mission, Biofuels Alliance, Big Cats Alliance, जैसे कई initiatives की शुरुआत की है।

भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान, हमने sustainable development और North-South के gap को कम करने पर जोर दिया था। इस उद्देश्य से हमने सभी देशों के साथ Green Development Pact पर सहमति बनाई थी। Environment-friendly actions को प्रोत्साहित करने के लिए Green Credits Initiative की शुरुआत की है।

विश्व की fastest growing major economy होते हुए भी, भारत Paris Commitments को समय से पहले पूरा करने वाला पहला देश है। हम 2070 तक Net Zero के लक्ष्य की ओर भी तेज़ी से बढ़ रहे हैं।

पिछले दस वर्षों में भारत में solar energy की installed capacity में 4000 परसेंट की बढ़ोतरी हुई है। इन प्रयासों से हम एक sustainable और green future की मजबूत नींव रख रहे हैं।

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Friends,

भारत के लिए Climate Justice कोई विकल्प नहीं, एक नैतिक कर्तव्य है। भारत का मानना है कि ज़रूरतमंद देशों को technology transfer और affordable financing के बिना, climate एक्शन सिर्फ climate talks तक ही सीमित रहेगा।

Climate Ambition और Financing के बीच gap को कम करने में विकसित देशों की विशेष और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। हमें उन सभी देशों को साथ लेकर चलना होगा जो विभिन्न तनावों के चलते food, fuel, fertiliser और financial crisis से जूझ रहे हैं।

भविष्य को लेकर जो आत्मविश्वास विकसित देशों में है, वही आत्मबल इन देशों में भी होना चाहिए। किसी भी प्रकार के दोहरे मापदंड के रहते, मानवता का सतत और समावेशी विकास संभव नहीं है। आज जारी किया जा रहा "Framework Declaration on Climate Finance” एक सराहनीय कदम है। भारत इसका समर्थन करता है।

Friends,

पृथ्वी का स्वास्थ्य और मनुष्य का स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। कोविड महामारी ने हमें सिखाया है कि वायरस वीसा लेकर नहीं आते, और समाधान भी पासपोर्ट देखकर नहीं चुने जाते ! साझा चुनौतियों का हल सिर्फ साझे प्रयासों से ही संभव है।

भारत ने "One Earth, One Health” के मूलमंत्र से, सभी देशों के साथ सहयोग बढ़ाया है। आज भारत में विश्व की सबसे बड़ी insurance scheme, "आयुष्मान भारत” 500 मिलियन से भी ज्यादा लोगों के लिए वरदान बनी है। आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा जैसे traditional medicine systems का ecosystem खड़ा किया गया है। Digital Health के माध्यम से हम देश के हर कोने में ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचा रहे हैं। इन सभी क्षेत्रों में भारत का सफल अनुभव साझा करने में हमें खुशी होगी।

मुझे खुशी है कि ब्रिक्स में भी स्वास्थ्य सहयोग बढ़ाने पर विशेष बल दिया गया है। 2022 में लॉन्च किया गया BRICS वैक्सीन R&D Centre इस दिशा में एक मजबूत पहल है। आज जारी की जा रहा Leader’s statement on "BRICS Partnership for Elimination of Socially Determined Diseases”, हमारे सहयोग को मजबूत करने के लिए नई प्रेरणा देगा।

Friends,

आज की बहुत ही महत्वपूर्ण एवं उपयोगी चर्चाओं के लिए मैं सभी का आभार व्यक्त करता हूँ। अगले वर्ष भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता में हम सभी विषयों पर करीबी सहयोग जारी रखेंगे। भारत की BRICS अध्यक्षता में हम BRICS को नए रूप में परिभाषित करने पर काम करेंगे। BRICS का मतलब होगा – Building Resilience and Innovation for Cooperation and Sustainability.

जिस तरह, अपनी अध्यक्षता के दौरान, हमने G-20 को व्यापकता दिलाई, Global South के विषयों को agenda में प्राथमिकता दिलाई, उसी तरह BRICS की अध्यक्षता के दौरान हम इस Forum को people-centric और humanity First की भावना से आगे बढाएंगें।

एक बार फिर, राष्ट्रपति लूला को सफल BRICS Summit की हार्दिक शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।