प्रधानमंत्री 71,850 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे
प्रधानमंत्री बिहार में राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का शुभारंभ करेंगे
क्षेत्रीय संपर्क को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री बिहार में पूर्णिया हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे
प्रधानमंत्री पूर्णिया में लगभग 36,000 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे
प्रधानमंत्री मिजोरम के आइजोल में 9,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे
प्रधानमंत्री मिजोरम को पहली बार भारतीय रेल नेटवर्क से जोड़ने वाली बैराबी-सैरांग नई रेल लाइन का उद्घाटन करेंगे
प्रधानमंत्री मणिपुर में 8,500 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे
प्रधानमंत्री असम के गुवाहाटी में भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती समारोह में भाग लेंगे
प्रधानमंत्री असम में 18,350 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे
प्रधानमंत्री कोलकाता में 16वें संयुक्त कमांडर सम्मेलन-2025 का उद्घाटन करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 13 से 15 सितम्बर तक मिजोरम, मणिपुर, असम, पश्चिम बंगाल और बिहार का दौरा करेंगे।

13 सितंबर को प्रधानमंत्री मिज़ोरम का दौरा करेंगे और सुबह लगभग 10 बजे आइज़ोल में 9000 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। वे एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

इसके बाद प्रधानमंत्री मणिपुर का दौरा करेंगे और दोपहर लगभग 12:30 बजे चूड़ाचांदपुर में 7,300 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इस अवसर पर वे उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे। इसके अलावा, वे दोपहर लगभग 2:30 बजे इम्फाल में 1,200 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और एक जनसभा को संबोधित करेंगे।

इसके बाद प्रधानमंत्री असम का दौरा करेंगे और शाम लगभग 5 बजे गुवाहाटी में भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती समारोह में भाग लेंगे। इस अवसर पर वे उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

14 सितंबर को प्रधानमंत्री असम में 18,530 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली प्रमुख अवसंरचना और औद्योगिक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। वह सुबह लगभग 11 बजे दरंग में विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे और एक जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद वह दोपहर लगभग 1:45 बजे गोलाघाट में असम बायो-एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड, नुमालीगढ़ रिफाइनरी प्लांट का उद्घाटन करेंगे। वह गोलाघाट में पॉलीप्रोपाइलीन प्लांट का शिलान्‍यास भी करेंगे।

15 सितंबर को प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे और सुबह लगभग 9:30 बजे कोलकाता में 16वें संयुक्त कमांडर सम्मेलन-2025 का उद्घाटन करेंगे।

इसके बाद, प्रधानमंत्री बिहार का दौरा करेंगे और दोपहर लगभग 2:45 बजे पूर्णिया हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा, वे पूर्णिया में लगभग 36,000 करोड़ रुपये की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी करेंगे और इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करेंगे। वे बिहार में राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का भी शुभारंभ करेंगे।

मिजोरम में प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री आइज़ोल में 9000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। ये परियोजनाएं रेलवे, सड़क मार्ग, ऊर्जा, खेल सहित कई क्षेत्रों को लाभान्वित करेंगी।

विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे और अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप प्रधानमंत्री 8,070 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली बैराबी-सैरांग नई रेल लाइन का उद्घाटन करेंगे, जो मिज़ोरम की राजधानी को पहली बार भारतीय रेल नेटवर्क से जोड़ेगी। एक चुनौतीपूर्ण पहाड़ी क्षेत्र में निर्मित इस रेल लाइन परियोजना में जटिल भौगोलिक स्थितियों के तहत 45 सुरंगें बनाई गई हैं। इसके अतिरिक्त इसमें 55 बड़े पुल और 88 छोटे पुल भी शामिल हैं। मिज़ोरम और देश के बाकी हिस्सों के बीच सीधा रेल संपर्क क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित, कुशल और किफ़ायती यात्रा विकल्प प्रदान करेगा। यह खाद्यान्न, उर्वरक और अन्य आवश्यक वस्तुओं की समय पर और विश्वसनीय आपूर्ति भी सुनिश्चित करेगा, जिससे समग्र रसद दक्षता और क्षेत्रीय पहुंच बढ़ेगी।

प्रधानमंत्री इस अवसर पर तीन नई एक्सप्रेस ट्रेनों, सैरांग (आइजोल)-दिल्ली (आनंद विहार टर्मिनल) राजधानी एक्सप्रेस, सैरांग-गुवाहाटी एक्सप्रेस और सैरांग-कोलकाता एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाएंगे। आइजोल, अब एक राजधानी एक्सप्रेस के माध्यम से दिल्ली से सीधा जुड़ जाएगा। सैरांग-गुवाहाटी एक्सप्रेस मिज़ोरम और असम के बीच आवाजाही को सुगम बनाएगी। सैरांग-कोलकाता एक्सप्रेस मिज़ोरम को सीधे कोलकाता से जोड़ेगी। इस बेहतर कनेक्टिविटी से अस्पतालों, विश्वविद्यालयों और बाज़ारों तक पहुंच में सुधार होगा, जिससे पूरे क्षेत्र में शैक्षिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध मज़बूत होंगे। इससे रोज़गार के अवसर भी पैदा होंगे और इस क्षेत्र में पर्यटन को भी काफ़ी बढ़ावा मिलेगा।

सड़क अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री कई सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। इनमें आइज़ोल बाईपास रोड, थेनज़ोल-सियालसुक रोड और खानकाउन-रोंगूरा रोड शामिल हैं।

प्रधानमंत्री की पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास पहल (पीएम-डीईवीआईएनई) योजना के तहत 500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली 45 किलोमीटर लंबी आइजोल बाईपास सड़क का उद्देश्य आइजोल शहर को भीड़भाड़ से मुक्त करना, लुंगलेई, सियाहा, लॉन्ग्टलाई, लेंगपुई हवाई अड्डे और सैरांग रेलवे स्टेशन आदि तक संपर्क में सुधार करना होगा। इससे दक्षिणी जिलों से आइजोल तक यात्रा का समय लगभग 1.5 घंटे तक कम हो जाएगा, जिससे क्षेत्र के लोगों को काफी लाभ होगा। पूर्वोत्तर विशेष अवसंरचना विकास योजना एनईएसआईडीएस (सड़क) के तहत थेनजोल-सियालसुक रोड से कई बागवानी किसानों, ड्रैगन फल उत्पादकों, धान की खेती करने वालों और अदरक प्रसंस्करणकर्ताओं को लाभ होगा, साथ ही आइजोल-थेनजोल-लुंगलेई राजमार्ग के साथ संपर्क मजबूत होगा। सेरछिप जिले में एनईएसआईडीएस (सड़क) के अंतर्गत खानकॉन-रोंगूरा सड़क बाजारों तक बेहतर पहुंच प्रदान करेगी और इस क्षेत्र के विभिन्न बागवानी किसानों और अन्य लोगों को लाभ होगा, साथ ही नियोजित अदरक प्रसंस्करण संयंत्र को भी समर्थन मिलेगा।

प्रधानमंत्री लॉन्ग्टलाई-सियाहा रोड पर छिमटुईपुई नदी पुल का भी शिलान्यास करेंगे। यह सभी मौसमों में संपर्क प्रदान करेगा और यात्रा के समय को दो घंटे कम करेगा। यह पुल कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ढांचे के तहत सीमा पार व्यापार को भी बढ़ावा देगा।

प्रधानमंत्री खेल विकास के लिए खेलो इंडिया बहुउद्देशीय इंडोर हॉल की आधारशिला रखेंगे। तुइकुआल में स्थित यह हॉल एक बहुउद्देशीय इनडोर क्षेत्र सहित आधुनिक खेल सुविधाएं प्रदान करेगा, जिससे मिज़ोरम के युवाओं को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए लाभ और प्रोत्साहन मिलेगा।

इस क्षेत्र में ऊर्जा अवसंरचना को मज़बूत करते हुए प्रधानमंत्री आइज़ोल के मुआलखांग में 30 टीएमटीपीए (हज़ार मीट्रिक टन प्रति वर्ष) क्षमता वाले एलपीजी बॉटलिंग प्लांट का शिलान्‍यास करेंगे। इसका उद्देश्य मिज़ोरम और पड़ोसी राज्यों में एलपीजी की निरंतर और विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित करना है, जिससे स्वच्छ रसोई ईंधन तक आसान पहुंच हो जाएगी। इससे स्थानीय रोज़गार के अवसर भी पैदा होंगे।

प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) योजना के तहत कवरथा में आवासीय विद्यालय का भी उद्घाटन करेंगे। मामित आकांक्षी ज़िले में स्थित इस विद्यालय में आधुनिक कक्षाएं, छात्रावास और कृत्रिम फ़ुटबॉल मैदान सहित खेल सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इससे 10,000 से ज़्यादा बच्चों और युवाओं को लाभ होगा तथा दीर्घकालिक सामाजिक एवं शैक्षिक प्रगति की नींव रखेगी।

सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अपने विजन को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री त्लांगनुआम में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय का भी उद्घाटन करेंगे। यह विद्यालय नामांकन में सुधार करेगा, स्कूल छोड़ने की दर को कम करेगा और जनजातीय युवाओं के लिए समग्र शिक्षा के अवसर प्रदान करेगा।

मणिपुर में प्रधानमंत्री

मणिपुर के समावेशी, सतत और समग्र विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप प्रधानमंत्री चूड़ाचांदपुर में 7,300 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। इन परियोजनाओं में 3,600 करोड़ रुपये से अधिक की मणिपुर शहरी सड़कें, जल निकासी और परिसंपत्ति प्रबंधन सुधार परियोजना; 2,500 करोड़ रुपये से अधिक की 5 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं; मणिपुर इन्फोटेक विकास (एमआईएनडी) परियोजना, 9 स्थानों पर कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास आदि शामिल हैं।

प्रधानमंत्री इम्फाल में 1,200 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे। इनमें मंत्रीपुखरी में सिविल सचिवालय; मंत्रीपुखरी में आईटी एसईजेड भवन और नया पुलिस मुख्यालय; दिल्ली और कोलकाता में मणिपुर भवन; और चार जिलों में महिलाओं के लिए अनूठा इमा मार्केट शामिल हैं।

असम में प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री 13 सितंबर को गुवाहाटी में भारत रत्न डॉ. भूपेन हज़ारिका की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में भाग लेंगे। यह समारोह डॉ. हज़ारिका के जीवन और विरासत का सम्मान करेगा, जिनका असमिया संगीत, साहित्य और संस्कृति में योगदान अद्वितीय है।

प्रधानमंत्री 14 सितंबर को असम में 18,530 करोड़ रुपये से अधिक की प्रमुख बुनियादी ढांचा और औद्योगिक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।

प्रधानमंत्री दरांग में कई परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इन परियोजनाओं में दरांग मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, जीएनएम स्कूल और बीएससी नर्सिंग कॉलेज शामिल हैं, जो इस क्षेत्र में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा वितरण को मज़बूत करेंगे; गुवाहाटी रिंग रोड परियोजना, जो शहरी गतिशीलता को बढ़ाएगी, यातायात की भीड़भाड़ कम करेगी और राजधानी शहर और उसके आसपास संपर्क में सुधार लाएगी; और ब्रह्मपुत्र नदी पर कुरुवा-नरेंगी पुल, जो संपर्क में सुधार लाएगा और इस क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।

गोलाघाट के नुमालीगढ़ में प्रधानमंत्री नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) में असम बायोएथेनॉल संयंत्र का उद्घाटन करेंगे, जिसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करना है।

वे नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) में पॉलीप्रोपाइलीन प्लांट की आधारशिला भी रखेंगे, जो असम के पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इससे रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे और क्षेत्र के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री

एक मज़बूत, सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप प्रधानमंत्री 15 सितंबर को कोलकाता में 16वें संयुक्त कमांडर सम्मेलन-2025 का उद्घाटन करेंगे और इसको संबोधित भी करेंगे। यह सशस्त्र बलों का शीर्ष-स्तरीय विचार-विमर्श मंच है, जो देश के शीर्ष असैन्य और सैन्य नेतृत्व को विचारों का आदान-प्रदान करने तथा भारत की सैन्य तैयारियों के भविष्य के विकास की नींव रखने के लिए एक साथ लाता है।

दो साल में एक बार आयोजित होने वाला 16वां संयुक्त कमांडर सम्मेलन 15 से 17 सितंबर तक कोलकाता में आयोजित किया जाएगा। इस वर्ष के सम्मेलन का विषय है - 'सुधारों का वर्ष-भविष्य के लिए परिवर्तन'।

बिहार में प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री बिहार में राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का शुभारंभ करेंगे। यह बोर्ड उत्पादन और नई प्रौद्योगिकी के विकास को बढ़ावा देगा, फसलोत्तर प्रबंधन को मज़बूत करेगा, मूल्य संवर्धन और प्रसंस्करण को बढ़ावा देगा तथा मखाना के बाज़ार, निर्यात और ब्रांड विकास को सुगम बनाएगा, जिससे बिहार और देश के मखाना किसानों को लाभ होगा।

देश के कुल मखाना उत्पादन में बिहार का योगदान लगभग 90% है। मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, सहरसा, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, किशनगंज और अररिया जैसे प्रमुख ज़िले मखाना उत्पादन के प्राथमिक केंद्र हैं, क्योंकि यहाँ की जलवायु और उपजाऊ मिट्टी मखाना की उच्च गुणवत्ता में योगदान करती है। बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना से राज्य और देश में मखाना उत्पादन को व्यापक बढ़ावा मिलेगा और इस क्षेत्र में वैश्विक मानचित्र पर बिहार की उपस्थिति और मज़बूत होगी।

प्रधानमंत्री पूर्णिया हवाई अड्डे के न्यू सिविल एन्क्लेव में अंतरिम टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे। इस क्षेत्र में यात्री प्रबंधन क्षमता बढ़ेगी।

प्रधानमंत्री पूर्णिया में लगभग 36,000 करोड़ रुपये की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे।

प्रधानमंत्री भागलपुर के पीरपैंती में 3x800 मेगावाट की ताप विद्युत परियोजना का शिलान्यास करेंगे। यह बिहार में निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा 25,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इसे अल्ट्रा-सुपर क्रिटिकल, कम उत्सर्जन वाली प्रौद्योगिकी का इस्‍तेमाल करके डिज़ाइन किया गया है। यह परियोजना समर्पित बिजली प्रदान करेगी और बिहार की ऊर्जा सुरक्षा को मज़बूत करेगी।

प्रधानमंत्री 2680 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कोसी-मेची अंतर-राज्यीय नदी संपर्क परियोजना के पहले चरण का शिलान्यास करेंगे। इस परियोजना में नहर के उन्नयन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिसमें गाद निकालना, क्षतिग्रस्त संरचनाओं का पुनर्निर्माण और सेटलिंग बेसिन का जीर्णोद्धार शामिल है। साथ ही, इसकी जल-निकासी क्षमता को 15,000 क्यूसेक से बढ़ाकर 20,000 क्यूसेक किया जाएगा। इससे पूर्वोत्तर बिहार के कई जिलों को सिंचाई विस्तार, बाढ़ नियंत्रण और कृषि मजबूती का लाभ मिलेगा।

रेल सम्पर्क में सुधार लाने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप प्रधानमंत्री बिहार में रेल परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे तथा कई रेलगाड़ियों को हरी झंडी दिखाएंगे।

प्रधानमंत्री बिक्रमशिला-कटारिया के बीच 2,170 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली रेल लाइन की आधारशिला रखेंगे, जो गंगा नदी के पार सीधा रेल संपर्क प्रदान करेगी। इससे गंगा के पार सीधा रेल संपर्क उपलब्ध होगा और इस क्षेत्र के लोगों को काफी लाभ होगा।

प्रधानमंत्री अररिया-गलगलिया (ठाकुरगंज) के बीच 4,410 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली नई रेल लाइन का उद्घाटन करेंगे।

प्रधानमंत्री अररिया-गलगलिया (ठाकुरगंज) खंड पर ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे, जिससे अररिया और किशनगंज जिलों के बीच सीधा रेल संपर्क स्थापित होगा और पूर्वोत्तर बिहार में पहुंच में उल्लेखनीय सुधार होगा। वे जोगबनी और दानापुर के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे, जिससे अररिया, पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, बेगूसराय, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, वैशाली और पटना जैसे जिलों को सीधा लाभ होगा। वे सहरसा और छेहरटा (अमृतसर) तथा जोगबनी और इरोड के बीच अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाएंगे। ये ट्रेनें आधुनिक इंटीरियर, बेहतर सुविधाएं और तेज़ यात्रा क्षमताएं प्रदान करेंगी, साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक एकीकरण को बढ़ावा देंगी।

प्रधानमंत्री पूर्णिया में सेक्स सॉर्टेड सीमेन सुविधा का भी उद्घाटन करेंगे। यह राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत एक अत्याधुनिक वीर्य केंद्र है, जो सालाना 5 लाख सेक्स सॉर्टेड सीमेन खुराक का उत्पादन करने में सक्षम है। यह सुविधा, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में अपनी तरह की पहली है, जो अक्टूबर 2024 में शुरू की गई स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकी का उपयोग करती है और जो मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के विजन के साथ संरेखित है। मादा बछड़ों के जन्म की संभावना बढ़ाकर यह प्रौद्योगिकी छोटे, सीमांत किसानों और भूमिहीन मजदूरों को अधिक प्रतिस्थापन बछिया प्राप्त करने, आर्थिक तनाव को कम करने और बेहतर डेयरी उत्पादकता के माध्यम से आय बढ़ाने में मदद करेगी।

प्रधानमंत्री पीएमएवाई (आर) के तहत 35,000 ग्रामीण लाभार्थियों और पीएमएवाई (यू) के तहत 5,920 शहरी लाभार्थियों के लिए आयोजित गृह प्रवेश समारोह में भी भाग लेंगे और कुछ लाभार्थियों को चाबियां सौंपेंगे।

प्रधानमंत्री बिहार में डीएवाई-एनआरएलएम के अंतर्गत क्लस्टर स्तरीय फेडरेशनों को लगभग 500 करोड़ रुपये का सामुदायिक निवेश कोष भी वितरित करेंगे तथा कुछ सीएलएफ अध्यक्षों को चेक सौंपेंगे।

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भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है: रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी
December 05, 2025

Your Excellency, My Friend, राष्ट्रपति पुतिन,
दोनों देशों के delegates,
मीडिया के साथियों,
नमस्कार!
"दोबरी देन"!

आज भारत और रूस के तेईसवें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक milestones के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी Strategic Partnership की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारी साझेदारी को "Special and Privileged Strategic Partnership” का दर्जा मिला।

पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व और दूरदृष्टि से इन संबंधों को निरंतर सींचा है। हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का, मेरे मित्र का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

Friends,

पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुज़रना पड़ा है। और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है।परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की हर कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की। आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी साझा प्राथमिकता है। इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक Economic Cooperation प्रोग्राम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश diversified, balanced, और sustainable बनेगा, और सहयोग के क्षेत्रों में नए आयाम भी जुड़ेंगे।

आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे India–Russia Business Forum में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ये मंच हमारे business संबंधों को नई ताकत देगा। इससे export, co-production और co-innovation के नए दरवाजे भी खुलेंगे।

दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ FTA के शीघ्र समापन के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि और Fertilisers के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग,food सिक्युरिटी और किसान कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन के प्रयास कर रहे हैं।

Friends,

दोनों देशों के बीच connectivity बढ़ाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है। हम INSTC, Northern Sea Route, चेन्नई - व्लादिवोस्टोक Corridors पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। मुजे खुशी है कि अब हम भारत के seafarersकी polar waters में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

उसी प्रकार से Shipbuilding में हमारा गहरा सहयोग Make in India को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारेwin-win सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे jobs, skills और regional connectivity – सभी को बल मिलेगा।

ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। Civil Nuclear Energy के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, Clean Energy की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस win-win सहयोग को जारी रखेंगे।

Critical Minerals में हमारा सहयोग पूरे विश्व में secure और diversified supply chains सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे clean energy, high-tech manufacturing और new age industries में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।

Friends,

भारत और रूस के संबंधों में हमारे सांस्कृतिक सहयोग और people-to-people ties का विशेष महत्व रहा है। दशकों से दोनों देशों के लोगों में एक-दूसरे के प्रति स्नेह, सम्मान, और आत्मीयताका भाव रहा है। इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए हमने कई नए कदम उठाए हैं।

हाल ही में रूस में भारत के दो नए Consulates खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम होगा, और आपसी नज़दीकियाँ बढ़ेंगी। इस वर्ष अक्टूबर में लाखों श्रद्धालुओं को "काल्मिकिया” में International Buddhist Forum मे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आशीर्वाद मिला।

मुझे खुशी है कि शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए निशुल्क 30 day e-tourist visa और 30-day Group Tourist Visa की शुरुआत करने जा रहे हैं।

Manpower Mobility हमारे लोगों को जोड़ने के साथ-साथ दोनों देशों के लिए नई ताकत और नए अवसर create करेगी। मुझे खुशी है इसे बढ़ावा देने के लिए आज दो समझौतेकिए गए हैं। हम मिलकर vocational education, skilling और training पर भी काम करेंगे। हम दोनों देशों के students, scholars और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान भी बढ़ाएंगे।

Friends,

आज हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है। हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।

आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस City Hall पर किया गया कायरतापूर्ण आघात — इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है।

भारत और रूस के बीच UN, G20, BRICS, SCO तथा अन्य मंचों पर करीबी सहयोग रहा है। करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते हुए, हम इन सभी मंचों पर अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।

Excellency,

मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें global challenges का सामना करने की शक्ति देगी — और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा।

मैं एक बार फिर आपको और आपके पूरे delegation को भारत यात्रा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ।