प्रधानमंत्री कुरनूल में लगभग 13,430 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण करेंगे
परियोजनाएँ उद्योग, बिजली पारेषण, सड़क, रेलवे, रक्षा विनिर्माण और पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस सहित कई क्षेत्रों से संबंधित हैं
प्रधानमंत्री श्रीशैलम में श्री भ्रामराम्बा मल्लिकार्जुन स्वामी वरला देवस्थानम में पूजा और दर्शन करेंगे
प्रधानमंत्री छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत मनाने के क्रम में श्रीशैलम में श्री शिवाजी स्फूर्ति केंद्र का दौरा करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 16 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश की यात्रा पर जायेंगे। लगभग 11:15 बजे, वे नंदयाल जिले के श्रीशैलम में श्री भ्रामराम्बा मल्लिकार्जुन स्वामी वरला देवस्थानम में पूजा और दर्शन करेंगे। इसके बाद, दोपहर लगभग 12:15 बजे, वह श्रीशैलम स्थित श्री शिवाजी स्फूर्ति केंद्र का दौरा करेंगे।

इसके बाद प्रधानमंत्री कुरनूल जाएँगे, जहाँ वे लगभग 2:30 बजे करीब 13,430 करोड़ रुपये की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। इस अवसर पर वे एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

श्रीशैलम में प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री भ्रामराम्बा मल्लिकार्जुन स्वामी वरला देवस्थानम में पूजा और दर्शन करेंगे, जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक और 52 शक्तिपीठों में से एक है। इस मंदिर की अनूठी विशेषता एक ही मंदिर परिसर में एक ज्योतिर्लिंग और एक शक्तिपीठ का सह-अस्तित्व है, जो इसे पूरे देश में अपनी तरह का एक अनूठा मंदिर बनाता है।

प्रधानमंत्री श्री शिवाजी स्फूर्ति केंद्र का भी दौरा करेंगे, जो एक स्मारक परिसर है जिसमें एक ध्यान मंदिर (ध्यान कक्ष) है जिसके चारों कोनों पर चार प्रतिष्ठित किलों—प्रतापगढ़, राजगढ़, रायगढ़ और शिवनेरी—के मॉडल स्थापित हैं। इसके केंद्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की गहन ध्यान मुद्रा में एक प्रतिमा है। यह केंद्र श्री शिवाजी स्मारक समिति द्वारा संचालित है, जिसकी स्थापना श्रीशैलम में छत्रपति शिवाजी महाराज की 1677 में इस पवित्र तीर्थस्थल की ऐतिहासिक यात्रा के उपलक्ष्य में की गई थी।

कुरनूल में प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी लगभग 13,430 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण करेंगे। ये परियोजनाएँ उद्योग, विद्युत पारेषण, सड़क, रेलवे, रक्षा विनिर्माण, और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस सहित प्रमुख क्षेत्रों से जुड़ी हैं, जो क्षेत्रीय अवसंरचना को बढ़ाने, औद्योगीकरण में तेज़ी लाने और राज्य में समावेशी सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करती हैं।

प्रधानमंत्री 2,880 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से कुरनूल-III पूलिंग स्टेशन पर पारेषण प्रणाली सुदृढ़ीकरण परियोजना की आधारशिला रखेंगे। इस परियोजना में 765 केवी डबल-सर्किट कुरनूल-III पूलिंग स्टेशन-चिलकलुरिपेटा पारेषण लाइन का निर्माण शामिल है, जिससे रूपांतरण क्षमता में 6,000 एमवीए की वृद्धि होगी, नवीकरणीय ऊर्जा का बड़े पैमाने पर पारेषण संभव होगा और देश के विकास को गति मिलेगी।

प्रधानमंत्री कुरनूल में ओर्वाकल औद्योगिक क्षेत्र और कडप्पा में कोप्पर्थी औद्योगिक क्षेत्र की आधारशिला भी रखेंगे, जिन पर कुल 4,920 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा। राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास एवं कार्यान्वयन ट्रस्ट (एनआईसीडीआईटी) और आंध्र प्रदेश औद्योगिक अवसंरचना निगम लिमिटेड (एपीआईआईसी) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित, ये आधुनिक, बहु-क्षेत्रीय औद्योगिक केंद्र प्लग-एंड-प्ले (तुरंत शुरु करने लायक) अवसंरचना और वॉक-टू-वर्क (तुरंत काम करने लायक) अवधारणा से युक्त हैं। इनसे 21,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होने और लगभग एक लाख रोजगार सृजित होने की उम्मीद है, जिससे आंध्र प्रदेश के रायलसीमा क्षेत्र में औद्योगिक विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा।

सड़क अवसंरचना को बढ़ाने के लिए, प्रधानमंत्री सब्बावरम से शीलानगर तक छह लेन वाले ग्रीनफील्ड राजमार्ग की आधारशिला रखेंगे, जिसकी लागत 960 करोड़ रुपये से अधिक है तथा जिसका उद्देश्य विशाखापत्तनम में भीड़भाड़ कम करना और व्यापार एवं रोजगार को सुविधाजनक बनाना है। इसके अलावा, लगभग 1,140 करोड़ रुपये की छह सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा, जिनमें पिलेरू-कलूर खंड का चार लेन का निर्माण, कडप्पा/नेल्लोर सीमा से सीएस पुरम तक चौड़ीकरण, राष्ट्रीय राजमार्ग-165 पर गुडीवाड़ा और नुजेला रेलवे स्टेशनों के बीच चार लेन का रेल ओवर ब्रिज (आरओबी), राष्ट्रीय राजमार्ग-716 पर पापाग्नि नदी पर प्रमुख पुल, राष्ट्रीय राजमार्ग-565 पर कनिगिरी बाईपास और राष्ट्रीय राजमार्ग-544डीडी पर एन. गुंडलापल्ली शहर में बाईपास खंड का सुधार शामिल हैं। इन परियोजनाओं से सुरक्षा में सुधार होगा, यात्रा की अवधि में कमी आयेगी तथा आंध्र प्रदेश में क्षेत्रीय परिवहन-संपर्क मजबूत होगा।

प्रधानमंत्री 1,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई प्रमुख रेल परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। इन परियोजनाओं में कोट्टावलसा-विजयनगरम चौथी रेलवे लाइन और पेंडुर्ती व सिम्हाचलम उत्तर के बीच रेल फ्लाईओवर का शिलान्यास तथा कोट्टावलसा-बोड्डावारा खंड और शिमिलिगुड़ा-गोरपुर खंड के दोहरीकरण का लोकार्पण शामिल हैं। ये परियोजनाएँ भीड़भाड़ कम करेंगी, तेज़ और सुरक्षित यात्राएँ सुनिश्चित करेंगी, यात्रियों और माल की सुगम आवाजाही को सुविधाजनक बनाएँगी और पूरे क्षेत्र में औद्योगिक, व्यापारिक और पर्यटन विकास को बढ़ावा देंगी, साथ ही स्थानीय समुदायों के लिए रोज़गार के अवसर पैदा करेंगी।

प्रधानमंत्री ऊर्जा क्षेत्र में लगभग 1,730 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित गेल इंडिया लिमिटेड की श्रीकाकुलम-अंगुल प्राकृतिक गैस पाइपलाइन राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जो आंध्र प्रदेश में लगभग 124 किलोमीटर और ओडिशा में 298 किलोमीटर तक फैली है। वे चित्तूर, आंध्र प्रदेश में लगभग 200 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित, इंडियन ऑयल के 60 टीएमटीपीए (हजार मीट्रिक टन प्रति वर्ष) एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र का भी उद्घाटन करेंगे। यह संयंत्र आंध्र प्रदेश के चार जिलों, तमिलनाडु के दो जिलों और कर्नाटक के एक जिले में 80 वितरकों के माध्यम से 7.2 लाख से अधिक ग्राहकों को सेवा प्रदान करेगा। यह संयंत्र क्षेत्र में घरेलु और व्यावसायिक उपयोग के लिए विश्वसनीय एलपीजी आपूर्ति सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

रक्षा विनिर्माण को मजबूत करने के लिए, प्रधानमंत्री कृष्णा जिले के निम्मलुरु में एडवांस्ड नाइट विजन प्रोडक्ट्स फैक्ट्री का लोकार्पण करेंगे, जिसे लगभग 360 करोड़ रुपये के निवेश से भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा स्थापित किया गया है। यह सुविधा भारतीय रक्षा बलों के लिए उन्नत इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल प्रणालियों का निर्माण करेगी, जिससे रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और क्षेत्र में कुशल रोज़गार को प्रोत्साहन मिलेगा।

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भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है: रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी
December 05, 2025

Your Excellency, My Friend, राष्ट्रपति पुतिन,
दोनों देशों के delegates,
मीडिया के साथियों,
नमस्कार!
"दोबरी देन"!

आज भारत और रूस के तेईसवें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक milestones के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी Strategic Partnership की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारी साझेदारी को "Special and Privileged Strategic Partnership” का दर्जा मिला।

पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व और दूरदृष्टि से इन संबंधों को निरंतर सींचा है। हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का, मेरे मित्र का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

Friends,

पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुज़रना पड़ा है। और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है।परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की हर कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की। आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी साझा प्राथमिकता है। इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक Economic Cooperation प्रोग्राम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश diversified, balanced, और sustainable बनेगा, और सहयोग के क्षेत्रों में नए आयाम भी जुड़ेंगे।

आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे India–Russia Business Forum में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ये मंच हमारे business संबंधों को नई ताकत देगा। इससे export, co-production और co-innovation के नए दरवाजे भी खुलेंगे।

दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ FTA के शीघ्र समापन के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि और Fertilisers के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग,food सिक्युरिटी और किसान कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन के प्रयास कर रहे हैं।

Friends,

दोनों देशों के बीच connectivity बढ़ाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है। हम INSTC, Northern Sea Route, चेन्नई - व्लादिवोस्टोक Corridors पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। मुजे खुशी है कि अब हम भारत के seafarersकी polar waters में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

उसी प्रकार से Shipbuilding में हमारा गहरा सहयोग Make in India को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारेwin-win सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे jobs, skills और regional connectivity – सभी को बल मिलेगा।

ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। Civil Nuclear Energy के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, Clean Energy की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस win-win सहयोग को जारी रखेंगे।

Critical Minerals में हमारा सहयोग पूरे विश्व में secure और diversified supply chains सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे clean energy, high-tech manufacturing और new age industries में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।

Friends,

भारत और रूस के संबंधों में हमारे सांस्कृतिक सहयोग और people-to-people ties का विशेष महत्व रहा है। दशकों से दोनों देशों के लोगों में एक-दूसरे के प्रति स्नेह, सम्मान, और आत्मीयताका भाव रहा है। इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए हमने कई नए कदम उठाए हैं।

हाल ही में रूस में भारत के दो नए Consulates खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम होगा, और आपसी नज़दीकियाँ बढ़ेंगी। इस वर्ष अक्टूबर में लाखों श्रद्धालुओं को "काल्मिकिया” में International Buddhist Forum मे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आशीर्वाद मिला।

मुझे खुशी है कि शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए निशुल्क 30 day e-tourist visa और 30-day Group Tourist Visa की शुरुआत करने जा रहे हैं।

Manpower Mobility हमारे लोगों को जोड़ने के साथ-साथ दोनों देशों के लिए नई ताकत और नए अवसर create करेगी। मुझे खुशी है इसे बढ़ावा देने के लिए आज दो समझौतेकिए गए हैं। हम मिलकर vocational education, skilling और training पर भी काम करेंगे। हम दोनों देशों के students, scholars और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान भी बढ़ाएंगे।

Friends,

आज हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है। हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।

आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस City Hall पर किया गया कायरतापूर्ण आघात — इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है।

भारत और रूस के बीच UN, G20, BRICS, SCO तथा अन्य मंचों पर करीबी सहयोग रहा है। करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते हुए, हम इन सभी मंचों पर अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।

Excellency,

मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें global challenges का सामना करने की शक्ति देगी — और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा।

मैं एक बार फिर आपको और आपके पूरे delegation को भारत यात्रा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ।