गुजरात के लोगों की सेवा-भावना की प्रशंसा की
"हमें सरदार पटेल के विचारों का पालन करना चाहिए और अपने देश से प्रेम करना चाहिए, आपसी स्नेह और सहयोग से अपना भाग्य बनाना चाहिए"
“अमृतकाल हमें नए संकल्पों के साथ ही, उन व्यक्तित्वों को याद करने की भी प्रेरणा देता है, जिन्होंने जनचेतना जागृत करने में बड़ी भूमिका निभाई, आज की पीढ़ी को उनके बारे में जानना बहुत आवश्यक है"
"देश अपने पारंपरिक कौशल को भी अब आधुनिक संभावनाओं से जोड़ रहा है"
'सबका साथ, सबका विकास' की शक्ति क्या है, यह मैंने गुजरात से सीखा है
"कोरोना के कठिन समय के बाद हमारी अर्थव्यवस्था ने जितनी तेजी से वापसी की है, उससे पूरा विश्व भारत को लेकर आशा से भरा हुआ है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सूरत में सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज द्वारा निर्मित छात्रावास चरण-1 के भूमि पूजन समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने गुजरात के लोगों की भावना की प्रशंसा की और कहा कि यह उनके लिए गर्व की बात है कि गुजरात ने सामाजिक विकास के कार्यों में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने इस अवसर पर सरदार पटेल को याद किया और महान राजनेता की इस बात को उद्धृत किया कि जाति और पंथ को राष्ट्रीय विकास के कार्य में बाधा नहीं बनने देना चाहिए। प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल को उद्धृत करते हुए कहा “हम सभी भारत के बेटे और बेटियां हैं। हम सभी को अपने देश से प्रेम करना चाहिए, आपसी स्नेह और सहयोग से अपना भाग्य बनाना चाहिए।“

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत इस समय अपनी आजादी के 75वें वर्ष में है। यह अमृत काल हमें नए संकल्पों के साथ ही, उन व्यक्तित्वों को याद करने की भी प्रेरणा देता है जिन्होंने जनचेतना जागृत करने में बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को उनके बारे में जानना बहुत आवश्यक है।

प्रधानमंत्री ने वल्लभ विद्यानगर के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि इस जगह को इसलिए विकसित किया गया ताकि शिक्षा का प्रसार हो सके, ग्राम विकास कार्यों में तेजी लाई जा सके। उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में गुजरात की सेवा करने के अपने अनुभव के बारे में बताया और कहा कि राजनीति में बिना किसी जातीय-आधार के उनके जैसे व्यक्ति को 2001 में राज्य की सेवा करने के लिए लोगों ने आशीर्वाद दिया था। उन्होंने जनता के आशीर्वाद की ताकत की प्रशंसा की जिसने उन्हें राज्य की सेवा और फिर बाद में, पूरे देश की सेवा 20 से अधिक वर्षों तक बिना किसी ब्रेक के जारी रखने के लायक बनाया। उन्होंने कहा, "सबका साथ, सबका विकास' की शक्ति क्या है, यह मैंने गुजरात से ही सीखा है।" उन्होंने बताया कि पहले गुजरात में अच्छे स्कूलों की कमी थी, अच्छी शिक्षा के लिए शिक्षकों की कमी थी। प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिए लोगों को जोड़ा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रोफेशनल कोर्सेस की पढ़ाई स्थानीय भाषा में कराए जाने का विकल्प भी दिया गया है। अब पढ़ाई का मतलब केवल डिग्री तक सीमित नहीं है, बल्कि पढ़ाई को स्किल के साथ जोड़ा जा रहा है। देश अपने पारंपरिक कौशल को भी अब आधुनिक संभावनाओं से जोड़ रहा है।

महामारी की पृष्ठभूमि में अर्थव्यवस्था की तेज पुनर्वापसी का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस गति से अर्थव्यवस्था ने कोरोना के कठिन समय के बाद वापसी की है उससे पूरी दुनिया भारत को लेकर आशा से भरी है। उन्होंने एक विश्व संस्था के इस दावे का भी हवाला दिया कि भारत फिर से दुनिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री की प्रशंसा की और प्रौद्योगिकी के साथ-साथ जमीन से भी उनके जुड़ाव की चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा, "अलग-अलग स्तर पर काम करने का उनका अनुभव गुजरात के विकास में बहुत काम आने वाला है।”

 

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PM extends greetings on occasion of BSF Raising Day
December 01, 2023

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has conveyed his greetings on the occasion of BSF Raising Day.

The Prime Minister posted on X;

“On BSF’s Raising Day, we laud this excellent force, which has made a mark as a guardian of our frontiers. Their valour and unwavering spirit in protecting our nation is a testament to their dedication. I would also like to appreciate the role of BSF during rescue and relief work in the wake of natural disasters.”