"पीएम-जनमन महाअभियान का लक्ष्य आदिवासी समुदाय के प्रत्येक सदस्य को सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करना है"
"आज देश में ऐसी सरकार है जो सबसे पहले निर्धनों के बारे में सोचती है"
"श्री राम की कथा माता शबरी के बिना संभव नहीं"
"मोदी उन लोगों तक पहुंचे जिनकी ओर कभी ध्यान नहीं दिया गया"
"केंद्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे आकांक्षी जिला कार्यक्रम के सबसे बड़े लाभार्थी मेरे आदिवासी भाई-बहन हैं"
"आज आदिवासी समाज यह देख और समझ रहा है कि हमारी सरकार आदिवासी संस्कृति और उनके सम्मान के लिए कैसे काम कर रही है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री-जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के 1 लाख लाभार्थियों को पहली किस्त जारी की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने पीएम-जनमन के लाभार्थियों से बातचीत भी की।

छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले की सुश्री मानकुंवरी बाई अपने पति के साथ कृषि कार्य में संलग्न हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि वह स्वयं सहायता समूहों के साथ जुड़कर दोना-पत्तल बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं, साथ ही जनमन के रूप में पीएम-जनमन से संबंधित योजनाओं के बारे में जनमन-संगी के रूप में घर-घर अभियान चलाकर लोगों को जागरूक बना रही हैं। वह दीप समूह नामक स्वयं सहायता समूह का हिस्सा हैं जिसमें 12 सदस्य शामिल हैं। सुश्री मानकुंवरी ने प्रधानमंत्री को स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित उपज को वन धन केन्द्रों पर बेचने की अपनी योजना के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने इससे प्राप्त फायदों के बारे में बात की और पक्के घर, पानी, गैस और बिजली कनेक्शन और आयुष्मान कार्ड का उल्लेख किया। आयुष्मान कार्ड के माध्यम से उनके पति को कान की बीमारी का मुफ्त इलाज मिला और उनकी बेटी को भी 30,000 रुपये का निशुल्क उपचार मिला। उन्होंने वन अधिकार अधिनियम (एफआरए), किसान क्रेडिट कार्ड और पीएम किसान सम्मान निधि से संबंधित लाभ प्राप्त करने के बारे में भी बताया। सुश्री मानकुंवरी ने कहा कि नल से जल का कनेक्शन उन्हें दूषित पानी पीने से बचा रहा है और इस तरह उन्हें और उनके परिवार को जल-जनित बीमारियों से सुरक्षा हो रही है। उन्होंने बताया कि गैस कनेक्शन उनका समय बचा है और जलाऊ लकड़ी से निकलने वाले धुएं से मुक्ति मिली है। उन्होंने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा, ''जो काम पिछले 75 वर्षों में नहीं हुआ वह अब 25 दिनों में पूरा हो गया।'' प्रधानमंत्री ने इस दौरान खेलों में रुचि के बारे में भी पूछताछ की और भीड़ के बीच युवा महिलाओं और लड़कियों से हाथ उठाने के लिए कहा। उन्होंने खेलों में शामिल होने पर बल दिया और कहा कि हाल के दिनों में अधिकांश खेल पुरस्कार आदिवासी समुदाय के एथलीटों को मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि सुश्री मानकुंवरी को कई योजनाओं के तहत लाभ मिल रहा है और वे उनके जीवन को सरल बना रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "आपने न केवल लाभ उठाया है बल्कि समुदाय के बीच जागरूकता भी पैदा की है।" उन्होंने रेखांकित किया कि जब जनता की भागीदारी देखी जाती है तो सरकारी योजनाओं का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। उन्होंने प्रत्येक लाभार्थी को शामिल करने और किसी को पीछे न छोड़ने के सरकार के प्रयास को दोहराते हुए अपनी बातचीत समाप्त की।

मध्य प्रदेश के शिवपुरी की सहरिया जनजाति की श्रीमती ललिता आदिवासी 3 बच्चों की मां हैं और आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, पीएम किसान निधि की लाभार्थी हैं। उनकी बेटी छठी कक्षा की छात्रा है और उसे लाडली लक्ष्मी योजना के लाभ के साथ-साथ छात्रवृत्ति, यूनीफॉर्म और किताबें भी निशुल्क मिलती हैं। उनका बेटा दूसरी कक्षा का छात्र है और उसे भी छात्रवृत्ति और अन्य सुविधाएं मिलती हैं। श्रीमती ललिता आदिवासी का सबसे छोटा बेटा आंगनवाड़ी स्कूल में जाता है। वह शीतला मैया स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं। वह किसानों को कृषि कार्य से संबंधित आवश्यक उपकरण, मशीन एवं यंत्र उपलब्ध कराने वाले कस्टम हायरिंग सेंटर से जुड़ी हैं। प्रधानमंत्री ने उन्हें पक्के मकान की पहली किस्त के लिए बधाई दी। श्रीमती ललिता ने जनजातीय मुद्दों के बारे में इतनी संवेदनशीलता के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और उन्हें जनमन अभियान द्वारा लाए गए परिवर्तन के बारे में बताया, क्योंकि अब जनजातीय आबादी उपलब्ध योजनाओं का लाभ उठाने में सक्षम है। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि उन्हें स्वयं सहायता समूह की बैठकों में जनमन अभियान और अन्य योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई और उन्हें आवास आवंटन जैसे लाभ मिले तथा उनके ससुर को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ मिला। जनमन अभियान के दौरान 100 अतिरिक्त आयुष्मान कार्ड बनाये गये। उनके गांव में उज्ज्वला योजना का फायदा सभी को मिला और नए घरों को भी अभियान के अंतर्गत लाभ मिला। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आदिवासी और ग्रामीण महिलाओं के नेतृत्व गुणों की सराहना की। स्थानीय पंचायत सदस्या सुश्री विद्या आदिवासी ने प्रधानमंत्री को गांव के मॉडल के साथ गांव के मानचित्र और विकास योजनाओं के बारे में भी बताया। प्रधानमंत्री ने निचले स्तर पर पीएम-जनमन से हुए परिवर्तन पर संतोष व्यक्त किया और प्रत्येक योग्य लाभार्थी को योजना का लाभ उपलब्ध कराने के लिए सरकार के दृढ़ संकल्प को दोहराया।

सुश्री भारती नारायण रण, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय, पिंपरी में 9वीं कक्षा की छात्रा हैं और महाराष्ट्र के नासिक की निवासी हैं। भारती नारायण रण के हिंदी भाषा कौशल ने प्रधानमंत्री को प्रभावित किया। जब प्रधानमंत्री ने उनसे अपने विद्यालय में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में पूछताछ की तो भारती ने बताया कि यहां खेल का बड़ा मैदान, आवासीय छात्रावास और स्वच्छ भोजन उपलब्ध है। उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने की अपनी आकांक्षा को भी प्रधानमंत्री से साझा किया। भारती ने बताया कि इसकी प्रेरणा उन्हें अपने बड़े भाई से मिली जो आश्रम स्कूल में शिक्षक हैं। सुश्री भारती के भाई श्री पांडुरंगा ने प्रधानमंत्री को बताया कि उन्होंने सीबीएसई बोर्ड के अंतर्गत कक्षा छठी से 12वीं तक एकलव्य मॉडल स्कूल में पढ़ाई की और नासिक से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने अन्य बच्चों को भी एकलव्य मॉडल स्कूल में पढ़ने के लिए प्रेरित करने की जानकारी दी, विशेषकर उन बच्चों को जो बड़े शहरों में रहना चाहते हैं। अब तक प्राप्त सुविधाओं के बारे में बताते हुए श्री पांडुरंगा ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पक्का घर, शौचालय, मनरेगा के तहत रोजगार, उज्ज्वला गैस कनेक्शन, बिजली कनेक्शन, नल से पानी की आपूर्ति, वन नेशन वन राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड का उल्लेख किया। उन्होंने पीएम-जनमन के अंतर्गत आज हस्तांतरित की जाने वाली 90,000 रुपये की पहली किस्त का भी उल्लेख किया। उन्होंने सभी छात्रों को शिक्षित करने की इच्छा व्यक्त की ताकि वे देश के हर कोने में जाकर देश की सेवा कर सकें। प्रधानमंत्री ने सभी मंदिरों में स्वच्छता अभियान चलाने के अपने आह्वान को भी दोहराया और छात्रों से अपने क्षेत्र में उत्साहपूर्वक भाग लेने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने दोनों को आशीर्वाद दिया और बच्चों को शिक्षित करने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए उनके माता-पिता को भी नमन किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सुश्री भारती का सपना साकार होगा और सरकार देश में एकलव्य विद्यालयों की संख्या को और बढ़ाने के लिए सभी कदम उठा रही है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित छात्रों से आग्रह किया कि वे एकलव्य विद्यालयों का हिस्सा बनें।

आंध्र प्रदेश के अल्लूरीसीताराम राजू जिले की श्रीमती स्वावी गंगा दो बच्चों की मां हैं और उन्हें जनमन योजना के अंतर्गत एक आवास, गैस कनेक्शन, बिजली कनेक्शन और पानी कनेक्शन आवंटित किया गया है। उनका क्षेत्र, अराकू घाटी कॉफी के लिए प्रसिद्ध है और वह कॉफी बागानों से जुड़ी हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि सरकारी योजनाओं के कारण उन्हें अपनी उपज के अच्छे दाम मिल रहे हैं और उन्हें पीएम किसान सम्मान निधि के लाभ के साथ-साथ खेती, प्रसंस्करण, पैकेजिंग और विपणन के लिए कौशल विकास योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। उन्होंने बताया कि वन-धन योजना ने न केवल उनकी आय में वृद्धि की है बल्कि उन्हें बिचौलियों से भी बचाया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें लखपति दीदी बनने पर बधाई दी और देश में 2 करोड़ लखपति दीदी बनाने के अपने प्रयासों की जानकारी दी। श्रीमती स्वावी ने गांव में नई सड़कों, पानी और बिजली की सुविधाओं पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उनकी घाटी की कठिन ठंडी जलवायु में, एक पक्का घर उनके जीवन में वास्तविक परिवर्तन लाएगा। उनसे बातचीत के बाद प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया कि 2047 तक विकसित भारत का संकल्प अवश्य प्राप्त किया जाएगा।

झारखंड के गुमला जिले की श्रीमती शशि किरण बिरजिया के परिवार में 7 सदस्य हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को स्वयं सहायता समूह से जुड़ने, फोटोकॉपी मशीन और सिलाई मशीन खरीदने और कृषि कार्य में शामिल होने के बारे में बताया। प्रधानमंत्री को इनसे प्राप्त लाभ के बारे में भी सूचित करते हुए उन्होंने बताया कि नल के पानी का कनेक्शन, बिजली, पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ प्राप्त हुआ। उन्होंने, उनकी मां को पीएम-जनमन के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में पक्का घर के लिए स्वीकृति प्राप्त होने और किसान क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने तथा वन-धन केंद्र से जुड़े होने का उल्लेख किया। स्वयं सहायता समूह के माध्यम से ऋण प्राप्त करने के बारे में प्रधानमंत्री के प्रश्न पर श्रीमती शशि ने बताया कि उन्होंने हाल ही में एक फोटोकॉपी मशीन खरीदी है जो उनके गांव में कठिनाई से उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि 12 सदस्यों वाले अपने स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं, जिसे एकता आजीविका सखी मंडल के नाम से जाना जाता है। इस समूह के माध्यम से वह पीएम कौशल विकास योजना के तहत दोना-पत्तल और विभिन्न प्रकार के अचार बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं और वह इसे वन-धन केंद्रों के माध्यम से बेचती हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि सरकारी योजनाओं को लाभार्थियों तक पहुंचने का असर निम्न स्तर पर भी देखा जा सकता है, चाहे वह कौशल विकास हो, बुनियादी सुविधाएं हों या पशुपालन। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम जनमन के लागू होने के साथ इसकी गति और पैमाना कई गुना बढ़ गया है। उन्होंने कहा, ''पिछले 10 वर्षों से हमारी सरकार सभी सरकारी योजनाओं को आसान और समयबद्ध तरीके से सभी लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।'' उन्होंने यह भी कहा, ''सरकारी योजनाएं सभी लाभार्थियों तक पहुंचेंगी, यह मोदी की गारंटी है।” श्रीमती शशि ने पीएम-जनमन और अन्य सरकारी योजनाओं को लागू करने के लिए गुमला जिले के सभी निवासियों की ओर से प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने उत्तरायण, मकर संक्रांति, पोंगल और बिहू उत्सवों का उल्लेख करते हुए पूरे देश में उत्सव के उल्लास की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि आज का अवसर उत्सव को और भी प्रभावशाली बनाता है और लाभार्थियों के साथ बातचीत ने उन्हें प्रसन्नता से प्रफुल्लित कर दिया है। प्रधानमंत्री ने पक्के घरों के निर्माण के लिए उनके बैंक खातों में धनराशि के हस्तांतरण का उल्लेख करते हुए कहा, "एक तरफ, अयोध्या में दिवाली मनाई जा रही है, वहीं अत्यंत पिछड़े आदिवासी समुदाय के 1 लाख लोग भी दिवाली मना रहे हैं।"

प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि लाभार्थी इस साल की दिवाली अपने घर में ही मनाएंगे। प्रधानमंत्री ने अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक के शुभ अवसर का उल्लेख करते हुए ऐसे ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा बनने का अवसर मिलने के लिए आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि राम मंदिर के अभिषेक के सम्मान में उनके द्वारा किए गए 11 दिवसीय उपवास अनुष्ठान के दौरान माता शबरी को याद करना स्वाभाविक है।

प्रधानमंत्री ने राजकुमार राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम के रूप में परिवर्तित करने में माता शबरी की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा, “श्री राम की कहानी माता शबरी के बिना संभव नहीं है।” उन्होंने कहा, "दशरथ के पुत्र राम तभी दीनबंधु राम बन सके, जब उन्होंने आदिवासी माता शबरी के झूठे बेर खाए थे।" प्रधानमंत्री ने रामचरित मानस का उल्लेख करते हुए बताया कि भगवान श्रीराम से भक्ति का रिश्ता सर्वोच्च बताया गया है। “चाहे वह त्रेता में राजाराम की कहानी हो या वर्तमान स्थिति, गरीबों, वंचितों और आदिवासियों के बिना कल्याण संभव नहीं है”। श्री मोदी ने पिछले 10 वर्षों में निर्धनों के लिए 4 करोड़ स्थायी आवासों के निर्माण का उल्लेख करते हुए कहा कि मोदी उन लोगों तक पहुंचे हैं जिनकी ओर कभी ध्यान नहीं दिया गया था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम-जनमन महाअभियान का लक्ष्य आदिवासी समुदाय के प्रत्येक सदस्य को सरकारी योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित करना है। उन्होंने बताया कि दो महीने के भीतर, पीएम-जनमन मेगा अभियान ने ऐसे परिणाम हासिल किए हैं जिनका अन्य लोग केवल सपना देख सकते हैं। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर पीएम-जनमन के उद्घाटन के दौरान चुनौतियों को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने आदिवासी समुदायों का घर- देश के दूर-दराज, सुदूर और सीमावर्ती क्षेत्रों तक लाभ पहुंचाने में आने वाली कठिनाइयों का उल्लेख किया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि यह वर्तमान सरकार ही थी, जिसने बहुत बड़ा काम किया और दूषित पानी, बिजली, गैस कनेक्शन की पहुंच न होने और ऐसे क्षेत्रों में सड़कों और कनेक्टिविटी की कमी की चुनौतियों पर कार्य किया। उन्होंने बताया कि इस योजना को जनमन इसलिए कहा गया, क्योंकि 'जन' का अर्थ है लोग और 'मन' का अर्थ है उनके 'मन की बात' या उनकी 'आंतरिक आवाज'। उन्होंने दोहराया कि आदिवासी समुदायों की सभी इच्छाएं अब पूर्ण होंगी, क्योंकि सरकार ने पीएम-जनमन मेगा अभियान पर 23,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने की योजना बनाई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश तभी विकसित हो सकता है जब समाज में कोई भी पीछे न छूटे और सरकारी योजनाओं का लाभ सभी तक पहुंचे। प्रधानमंत्री ने बताया कि देश के लगभग 190 जिलों में सर्वाधिक पिछड़े आदिवासी समुदाय निवास करते हैं। उन्होंने बताया कि दो महीने के भीतर 80,000 से अधिक आयुष्मान कार्ड वितरित किये गये हैं। इसी तरह, सरकार ने अत्यंत पिछड़े आदिवासी समुदाय के लगभग 30,000 किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि से जोड़ा है, और 40,000 ऐसे लाभार्थियों के बैंक खाते खोले गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 30,000 से अधिक वंचितों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं, और लगभग 11,000 लोगों को वन-अधिकार अधिनियम के तहत भूमि के पट्टे दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि यह सिर्फ कुछ सप्ताहों की प्रगति है और यह संख्या हर दिन बढ़ रही है। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए अपना पूरा प्रयास कर रही है कि सरकार की हर योजना जल्द से जल्द हमारे सबसे पिछड़े आदिवासी समुदायों तक पहुंचे। प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं आपको यह आश्वासन देता हूं और यह मोदी की गारंटी है और आप जानते हैं कि मोदी की गारंटी का अर्थ पूर्ति की गारंटी है।”

विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) को पक्के घर उपलब्ध कराने के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि पैसा सीधे जनजातीय लाभार्थियों के खातों में स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्हें पक्के घर के लिए 2.5 लाख रुपये मिलेंगे जो बिजली, गैस कनेक्शन, पाइप जल और शौचालय के साथ सम्मानजनक जीवन का स्रोत होगा। उन्होंने कहा कि ये एक लाख लाभार्थी सिर्फ शुरुआत हैं और सरकार प्रत्येक योग्य उम्मीदवार तक पहुंचेगी। प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों को आश्वासन दिया और सख्ती से कहा कि वे इन लाभों के लिए किसी को भी रिश्वत न दें।

आदिवासी समुदायों के साथ अपने लंबे जुड़ाव का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने पीएम जनमन महा अभियान में अपने व्यक्तिगत अनुभव पर भरोसा किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने मार्गदर्शन के लिए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु को श्रेय दिया।

प्रधानमंत्री ने योजनाओं का लाभ उठाने में आने वाली चुनौतियों की ओर इंगित करते हुए कहा, "अगर योजनाएं कागजों पर चलती रहीं, तो वास्तविक लाभार्थी को ऐसी किसी भी योजना के अस्तित्व के बारे में कभी पता नहीं चलेगा।" उन्होंने इस बात पर बल दिया कि पीएम-जनमन महाअभियान के अंतर्गत सरकार ने उन सभी नियमों को बदल दिया है जो बाधा उत्पन्न करते थे। प्रधानमंत्री ने ग्राम सड़क योजना का उदाहरण दिया, जिससे पिछड़ी जनजातियों के गांवों तक सड़कों की पहुंच संभव हो सकी। मोबाइल मेडिकल इकाइयों से संबंधित नियमों में बदलाव किया गया। हर आदिवासी घर तक बिजली पहुंचाने के लिए सौर ऊर्जा कनेक्शन लगाये गये। सैकड़ों नए मोबाइल टावर स्थापित किये गये, जिससे तेज़ इंटरनेट कनेक्शन सुनिश्चित हो सके।

खाद्य सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री ने निशुल्क राशन योजना का उल्लेख किया, जिसे 5 साल के लिए बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कमजोर आदिवासी समूहों के लिए टीकाकरण, प्रशिक्षण और आंगनवाड़ी जैसी सभी सुविधाएं एक ही छत के नीचे प्रदान करने के लिए 1000 केंद्र बनाने की योजना के बारे में भी बताया। प्रधानमंत्री ने आदिवासी युवाओं के लिए हॉस्टल बनाने का भी उल्लेख भी किया। उन्होंने यह भी बताया कि नए वन-धन केंद्र भी लाये जा रहे हैं।

यह देखते हुए कि 'मोदी की गारंटी' वाहन के साथ विकसित भारत संकल्प-यात्रा देश के हर गांव तक पहुंच रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह वाहन केवल लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए चलाया जा रहा है। आकांक्षी जिला कार्यक्रम के बारे में उन्होंने बताया कि आदिवासी समुदाय के सदस्य सबसे बड़े लाभार्थी रहे हैं। उन्होंने बिजली कनेक्शन, वन नेशन वन राशन कार्ड और आयुष्मान भारत योजना का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने सिकल सेल एनीमिया के खतरों पर भी चर्चा की और कहा कि आदिवासी समाज की कई पीढ़ियां इस बीमारी से प्रभावित हुई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में फैलने वाली इस बीमारी को समाप्त करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया, “विकास भारत संकल्प यात्रा के दौरान सिकल सेल की भी जांच की जा रही है। पिछले 2 महीनों में 40 लाख से अधिक लोगों का सिकल सेल परीक्षण किया गया है।”

प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने अनुसूचित जनजाति से जुड़ी योजनाओं का बजट 5 गुना बढ़ा दिया है। आदिवासी बच्चों की शिक्षा के लिए पहले मिलने वाली छात्रवृत्ति का कुल बजट अब ढाई गुना से अधिक बढ़ा दिया गया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि 10 साल पहले तक देश में आदिवासी बच्चों के लिए केवल 90 एकलव्य मॉडल स्कूल बनाए गए थे, जबकि वर्तमान सरकार ने पिछले 10 वर्षों में 500 से अधिक नए एकलव्य मॉडल स्कूल बनाने पर काम शुरू किया है। उन्होंने आदिवासी छात्रों के उच्च शिक्षा हासिल करने और बड़ी कंपनियों के लिए काम करने पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा, "इसके लिए आदिवासी क्षेत्रों में कक्षाओं का आधुनिकीकरण किया जा रहा है और उच्च शिक्षा के केंद्र बढ़ाए जा रहे हैं।"

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2014 से पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) केवल लगभग 10 वन उपज के लिए निर्धारित किया गया था। वर्तमान सरकार लगभग 90 वन उपज को एमएसपी के दायरे में लाई है। श्री मोदी ने लाखों लाभार्थियों में महिलाओं की बड़ी संख्या पर प्रकाश डालते हुए कहा, "वन उपज की अधिक कीमत पाने के लिए हमने वन-धन योजना बनाई।" “पिछले 10 वर्षों में, आदिवासी परिवारों को 23 लाख पट्टे जारी किए गए हैं। हम आदिवासी समुदाय के हाट बाजार को भी बढ़ावा दे रहे हैं। हमारे आदिवासी भाई जो सामान बाजार में बेचते हैं, वही सामान देश के दूसरे बाजारों में भी बेच सकें, इसके लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं।''

संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ''मेरे आदिवासी भाई-बहन भले ही दूर-दराज के इलाकों में रहते हों, लेकिन उनमें अद्भुत दूरदर्शिता है। आज आदिवासी समाज यह देख और समझ रहा है कि हमारी सरकार आदिवासी संस्कृति और उनके सम्मान के लिए कैसे काम कर रही है।” उन्होंने सरकार द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा और देश भर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के 10 बड़े संग्रहालयों के विकास का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने आदिवासी समुदाय को आश्वासन दिया कि वे उनके सम्मान और सुख-सुविधा के लिए निरंतर काम करते रहेंगे।

पृष्ठभूमि

अंतिम छोर पर अंतिम व्यक्ति को सशक्त बनाने के अंत्योदय के दृष्टिकोण की दिशा में प्रधानमंत्री के प्रयासों के अनुरूप जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर 15 नवंबर 2023 को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के सामाजिक-आर्थिक कल्याण के लिए पीएम-जनमन की शुरुआत की गई थी।

लगभग 24,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ पीएम-जनमन योजना 9 मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए केंद्रित है। इसका उद्देश्य पीवीटीजी घरों और बस्तियों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराकर उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार करना और स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, बिजली, सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी और स्थायी आजीविका के अवसरों तक बेहतर पहुंच बनाना है।

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भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है: रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी
December 05, 2025

Your Excellency, My Friend, राष्ट्रपति पुतिन,
दोनों देशों के delegates,
मीडिया के साथियों,
नमस्कार!
"दोबरी देन"!

आज भारत और रूस के तेईसवें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक milestones के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी Strategic Partnership की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारी साझेदारी को "Special and Privileged Strategic Partnership” का दर्जा मिला।

पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व और दूरदृष्टि से इन संबंधों को निरंतर सींचा है। हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का, मेरे मित्र का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

Friends,

पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुज़रना पड़ा है। और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है।परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की हर कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की। आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी साझा प्राथमिकता है। इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक Economic Cooperation प्रोग्राम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश diversified, balanced, और sustainable बनेगा, और सहयोग के क्षेत्रों में नए आयाम भी जुड़ेंगे।

आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे India–Russia Business Forum में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ये मंच हमारे business संबंधों को नई ताकत देगा। इससे export, co-production और co-innovation के नए दरवाजे भी खुलेंगे।

दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ FTA के शीघ्र समापन के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि और Fertilisers के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग,food सिक्युरिटी और किसान कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन के प्रयास कर रहे हैं।

Friends,

दोनों देशों के बीच connectivity बढ़ाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है। हम INSTC, Northern Sea Route, चेन्नई - व्लादिवोस्टोक Corridors पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। मुजे खुशी है कि अब हम भारत के seafarersकी polar waters में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

उसी प्रकार से Shipbuilding में हमारा गहरा सहयोग Make in India को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारेwin-win सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे jobs, skills और regional connectivity – सभी को बल मिलेगा।

ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। Civil Nuclear Energy के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, Clean Energy की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस win-win सहयोग को जारी रखेंगे।

Critical Minerals में हमारा सहयोग पूरे विश्व में secure और diversified supply chains सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे clean energy, high-tech manufacturing और new age industries में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।

Friends,

भारत और रूस के संबंधों में हमारे सांस्कृतिक सहयोग और people-to-people ties का विशेष महत्व रहा है। दशकों से दोनों देशों के लोगों में एक-दूसरे के प्रति स्नेह, सम्मान, और आत्मीयताका भाव रहा है। इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए हमने कई नए कदम उठाए हैं।

हाल ही में रूस में भारत के दो नए Consulates खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम होगा, और आपसी नज़दीकियाँ बढ़ेंगी। इस वर्ष अक्टूबर में लाखों श्रद्धालुओं को "काल्मिकिया” में International Buddhist Forum मे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आशीर्वाद मिला।

मुझे खुशी है कि शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए निशुल्क 30 day e-tourist visa और 30-day Group Tourist Visa की शुरुआत करने जा रहे हैं।

Manpower Mobility हमारे लोगों को जोड़ने के साथ-साथ दोनों देशों के लिए नई ताकत और नए अवसर create करेगी। मुझे खुशी है इसे बढ़ावा देने के लिए आज दो समझौतेकिए गए हैं। हम मिलकर vocational education, skilling और training पर भी काम करेंगे। हम दोनों देशों के students, scholars और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान भी बढ़ाएंगे।

Friends,

आज हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है। हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।

आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस City Hall पर किया गया कायरतापूर्ण आघात — इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है।

भारत और रूस के बीच UN, G20, BRICS, SCO तथा अन्य मंचों पर करीबी सहयोग रहा है। करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते हुए, हम इन सभी मंचों पर अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।

Excellency,

मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें global challenges का सामना करने की शक्ति देगी — और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा।

मैं एक बार फिर आपको और आपके पूरे delegation को भारत यात्रा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ।