प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ मेरी बातचीत ने स्वास्थ्य, विकास और जलवायु के क्षेत्र में भारत द्वारा की जाने वाली प्रगति के बारे में पहले से अधिक आशावान बना दिया हैः बिल गेट्स
प्रधानमंत्री श्री मोदी का विश्वास है कि को-विन विश्व के लिये आदर्श है, और मैं इससे सहमत हूं: बिल गेट्स
भारत यह दर्शा रहा है कि जब हम नवाचार में निवेश करते हैं, तो क्या से क्या संभव हो जाता हैः बिल गेट्स

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में बिल गेट्स से मुलाकात की।

श्री गेट्स ने ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने भारत की अपनी हाल की यात्रा पर अपने ‘उद्गार’ साझा किये थे जिसके जवाब में प्रधानमंत्री ने ट्वीट कियाः

“ @BillGates से मिलकर प्रसन्नता हुई और हमने प्रमुख विषयों पर विस्तार से चर्चा की। उनकी विनम्रता तथा बेहतर और अधिक चिरस्थायी ग्रह की रचना करने का उनका उत्साह स्पष्ट दिखाई देता है।”

अपने ‘संवाद’ में श्री गेट्स ने कहा, “मैं इस सप्ताह भारत में रहा, यहां स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और अन्य महत्त्वपूर्ण क्षेत्रो में जो नवाचारी कार्य हो रहे हैं, उन्हें देखा-सीखा। ऐसे समय में जब दुनिया को अनेक चुनौतियों का सामना है, तब भारत जैसे जीवंत और रचनात्मक स्थान पर आना प्रेरणास्पद है।”

प्रधानमंत्री से अपनी मुलाकात को अपनी यात्रा का चरम-बिंदु बताते हुये, श्री गेट्स ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी और मैं एक-दूसरे के संपर्क में रहे हैं, खासतौर से कोविड-19 वैक्सीन के विकास और भारत की स्वास्थ्य प्रणालियों में निवेश के विषय पर। भारत में तमाम सुरक्षित, कारगर और सस्ती वैक्सीन बनाने की अद्भुत क्षमता है, इनमें से कुछ को गेट्स फाउंडेशन समर्थन देता है। भारत में उत्पादित वैक्सीनों ने महामारी के दौरान लाखों जाने बचाई हैं और पूरे विश्व में अन्य बीमारियों को फैलने से रोका है।”

श्री गेट्स ने महामारी के प्रति भारत की व्यवस्था पर कहा, “प्राणरक्षा के नये उपकरण बनाने के अलावा, भारत ने उनकी आपूर्ति में भी उत्कृष्टता प्राप्त की है – उसकी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली ने कोविड वैक्सीन की 2.2 अरब खुराक से अधिक की आपूर्ति की। उन्होंने को-विन नामक ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म बनाया, जिसके तहत लोगों ने टीकाकरण के अरबों अप्वॉन्टमेंट लिये और जिन्हें टीके लगाये गये, उन्हें डिजिटल प्रमाणपत्र दिये गये। इस प्लेटफॉर्म को अब विस्तृत किया जा रहा, ताकि भारत के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम को समर्थन दिया जाये। प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि को-विन पूरी दुनिया के लिये आदर्श है, और मैं इससे सहमत हूं।”

डिजिटल भुगतान में भारत के बढ़ते कदम की तारीफ करते हुये बिल गेट्स ने कहा, “महामारी के दौरान भारत 200 मिलियन महिलाओं सहित 300 मिलियन लोगों को आपातकालीन डिजिटल भुगतान करने में सक्षम रहा है। यह इसीलिये संभव हो सका क्योंकि भारत ने वित्तीय समावेश को प्राथमिकता दी, एक डिजिटल पहचान प्रणाली (आधार) में निवेश किया और डिजिटल बैंकिंग के लिये नवाचारी प्लेटफॉर्मों की रचना की। यह बताता है कि वित्तीय समावेश एक शानदार निवेश है।”

श्री गेट्स के ‘संवाद’ में पीएम गतिशक्ति मास्टर-प्लान, जी-20 अध्यक्षता, शिक्षा, नवोन्मेष, रोगों से लड़ना और मोटे अनाज के प्रति आग्रह जैसी उपलब्धियों पर भी बात की गई है।

श्री गेट्स ने अंत में लिखा है, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ मेरी बातचीत ने स्वास्थ्य, विकास और जलवायु के क्षेत्र में भारत द्वारा की जाने वाली प्रगति के बारे में पहले से अधिक आशावान बना दिया है। भारत यह दर्शा रहा है कि जब हम नवाचार में निवेश करते हैं, तो क्या से क्या संभव हो जाता है। मुझे उम्मीद है कि भारत इस प्रगति को कायम रखेगा और दुनिया के साथ अपने नवाचारों को साझा करेगा।”

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कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो के फेज V (A) प्रोजेक्ट के अंतर्गत तीन नए कॉरिडोर्स को स्वीकृति दी
December 24, 2025

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के फेज-V (ए) परियोजना के हिस्से के रूप में तीन नए कॉरिडोर को मंजूरी दी है: 1. आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी), 2. एरोसिटी से आई.जी.डी. एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी) और 3. तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी)। यह 16.076 किलोमीटर लंबी परियोजना राष्ट्रीय राजधानी के भीतर कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगी। दिल्ली मेट्रो के फेज-V (ए) की कुल लागत 12014.91 करोड़ रुपये है, जिसे भारत सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय वित्त पोषण एजेंसियों द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा।

सेंट्रल विस्टा कॉरिडोर सभी कर्तव्य भवनों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिससे इस क्षेत्र के कार्यालय जाने वालों और आगंतुकों को सीधे ऑफिस तक पहुंचने में आसानी होगी। इस कनेक्टिविटी से दैनिक आधार पर लगभग 60,000 कार्यालय जाने वाले कर्मचारियों और 2 लाख आगंतुकों को लाभ होगा। ये कॉरिडोर प्रदूषण और जीवाश्म ईंधन के उपयोग को और कम करेंगे, जिससे जीवन जीने की सुगमता में वृद्धि होगी।

विवरण:

आर.के. आश्रम मार्ग – इंद्रप्रस्थ सेक्शन, बॉटनिकल गार्डन - आर.के. आश्रम मार्ग कॉरिडोर का विस्तार होगा। यह सेंट्रल विस्टा क्षेत्र को मेट्रो कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिसका वर्तमान में पुनर्विकास किया जा रहा है। एयरोसिटी – आईजीडी एयरपोर्ट टर्मिनल 1 और तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज सेक्शन, एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर का विस्तार होंगे। यह विस्तार हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी को राष्ट्रीय राजधानी के दक्षिणी हिस्सों जैसे तुगलकाबाद, साकेत, कालिंदी कुंज आदि क्षेत्रों के साथ मजबूत करेगा। इन विस्तारों में कुल 13 स्टेशन शामिल होंगे, जिनमें से 10 स्टेशन भूमिगत और 03 स्टेशन एलिवेटेड होंगे।

पूरा होने के बाद, कॉरिडोर-1 यानी आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी) पश्चिमी, उत्तरी और पुरानी दिल्ली की सेंट्रल दिल्ली के साथ कनेक्टिविटी में सुधार करेगा। वहीं अन्य दो कॉरिडोर— एयरोसिटी से आईजीडी एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी) और तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी)— दक्षिण दिल्ली को साकेत, छतरपुर आदि के माध्यम से घरेलू हवाई अड्डे टर्मिनल-1 से जोड़ेंगे, जिससे राष्ट्रीय राजधानी के भीतर कनेक्टिविटी में जबरदस्त वृद्धि होगी।

फेज-V (ए) परियोजना के ये मेट्रो विस्तार मध्य दिल्ली और घरेलू हवाई अड्डे तक दिल्ली मेट्रो नेटवर्क की पहुंच बढ़ाएंगे, जिससे अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती मिलेगी। मजेंटा लाइन और गोल्डन लाइन के ये विस्तार सड़कों पर भीड़भाड़ को कम करेंगे। इस प्रकार, मोटर वाहनों के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।

आरके आश्रम मार्ग - इंद्रप्रस्थ सेक्शन पर जो स्टेशन बनेंगे, वे हैं: आर.के. आश्रम मार्ग, शिवाजी स्टेडियम, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट, कर्तव्य भवन, इंडिया गेट, वॉर मेमोरियल - हाई कोर्ट, बड़ौदा हाउस, भारत मंडपम, और इंद्रप्रस्थ।

तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज सेक्शन के स्टेशन सरिता विहार डिपो, मदनपुर खादर और कालिंदी कुंज होंगे, जबकि एयरोसिटी स्टेशन को आगे आईजीडी टी-1 स्टेशन से जोड़ा जाएगा।

फेज-IV का निर्माण कार्य, जिसमें 111 किमी लंबाई और 83 स्टेशन शामिल हैं, वर्तमान में प्रगति पर है। आज की स्थिति के अनुसार, फेज-IV के (3 प्राथमिकता वाले) कॉरिडोर का लगभग 80.43 प्रतिशत सिविल निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। फेज-IV के इन तीनों प्राथमिकता वाले कॉरिडोर के दिसंबर 2026 तक चरणों में पूरा होने की संभावना है।

आज, दिल्ली मेट्रो प्रतिदिन औसतन 65 लाख यात्रियों को सर्विस देती है। अब तक की सर्वाधिक यात्रा का रिकॉर्ड 8 अगस्त 2025 को 81.87 लाख दर्ज किया गया है। दिल्ली मेट्रो समयपालन, विश्वसनीयता और सुरक्षा जैसे एमआरटीएस के मुख्य मानकों में उत्कृष्टता का प्रतीक बनकर शहर की जीवनरेखा बन गई है।

वर्तमान में दिल्ली और एनसीआर में डीएमआरसी द्वारा लगभग 395 किमी लंबाई वाली कुल 12 मेट्रो लाइनों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें 289 स्टेशन शामिल हैं। आज, दिल्ली मेट्रो भारत का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है और दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्कों में से भी एक है।