कोच्चि-लक्षद्वीप द्वीपसमूह सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन का उद्घाटन किया
कदमत में लो टेम्परेचर थर्मल डिसेलिनेशन (एलटीटीडी) संयंत्र का लोकार्पण किया
अगत्ती और मिनिकॉय द्वीप समूह के सभी घरों में कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) समर्पित किए गए
कवरत्ती में सौर ऊर्जा संयंत्र का लोकार्पण किया
प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधा और पांच मॉडल आंगनवाड़ी केंद्रों के नवीनीकरण की आधारशिला रखी
"भले ही लक्षद्वीप का भौगोलिक क्षेत्र छोटा है, लोगों का दिल, समंदर जितना विशाल है"
"हमारी सरकार ने सुदूर, सीमावर्ती, तटीय और द्वीपीय क्षेत्रों को हमारी प्राथमिकता बनाया है"
"केंद्र सरकार सभी सरकारी योजनाओं को हर लाभार्थी तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है"
"यहां निर्यात गुणवत्ता वाली स्थानीय मछली के लिए अनेक संभावनाएं हैं, जो यहां के हमारे मछुआरे परिवारों का जीवन बदल सकती हैं"
"लक्षद्वीप के सौंदर्य के सामने दुनिया के अन्य स्थल धूमिल"
"विकसित भारत के निर्माण में लक्षद्वीप निभाएगा सशक्त भूमिका"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज लक्षद्वीप के कवरत्ती में 1150 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास किया। आज की विकास परियोजनाएं प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, जल संसाधन, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा सहित कई क्षेत्रों को कवर करती हैं। प्रधानमंत्री ने लैपटॉप योजना के तहत छात्रों को लैपटॉप दिए और ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के तहत स्कूली छात्राओं को साइकिलें दीं। उन्होंने किसान और मछुआरें लाभार्थियों को पीएम किसान क्रेडिट कार्ड भी सौंपे।

 

एकत्रजनों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लक्षद्वीप का सौंदर्य शब्दों से परे है और नागरिकों से मिलने के लिए अगत्ती, बंगारम और कवरत्ती के अपने दौरे का उल्लेख किया। अभिभूत प्रधानमंत्री ने उनकी उपस्थिति के लिए उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा, “भले ही लक्षद्वीप का भौगोलिक क्षेत्र छोटा है, लेकिन लोगों का दिल, समंदर जितना विशाल है।”

प्रधानमंत्री ने दूरदराज, सीमावर्ती या तटीय और द्वीप क्षेत्रों की लंबे समय से उपेक्षा का संकेत दिया। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार ने ऐसे क्षेत्रों को हमारी प्राथमिकता बनाया है।" उन्होंने बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी, पानी, स्वास्थ्य और बाल देखभाल से संबंधित परियोजनाओं के लिए क्षेत्र के लोगों को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने लक्षद्वीप के विकास की दिशा में सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) को अंतिम छोर तक पहुंचाने, प्रत्येक लाभार्थी को मुफ्त राशन उपलब्ध कराने, पीएम किसान क्रेडिट कार्ड और आयुष्मान कार्ड के वितरण व विकास तथा आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, ''केंद्र सरकार सभी सरकारी योजनाओं को हर लाभार्थी तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है।'' प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से लाभार्थियों को धन वितरित करते समय बरती जाने वाली पारदर्शिता का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे भ्रष्टाचार पर काफी हद तक अंकुश लगा है। उन्होंने लक्षद्वीप के लोगों को आश्वासन दिया कि उनके अधिकार छीनने की कोशिश करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

प्रधानमंत्री ने 2020 में 1000 दिनों के भीतर तेज इंटरनेट सुनिश्चित करने के बारे में उनके द्वारा दी गई गारंटी को याद किया। कोच्चि-लक्षद्वीप द्वीप समूह सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन (केएलआई - एसओएफसी) परियोजना आज लोगों को समर्पित कर दी गई है और यह लक्षद्वीप के लोगों के लिए 100 गुना तेज इंटरनेट सुनिश्चित करेगी। इससे सरकारी सेवाओं, चिकित्सा उपचार, शिक्षा और डिजिटल बैंकिंग जैसी सुविधाओं में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप को लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करने की क्षमता को इससे ताकत मिलेगी। कदमत में लो टेम्परेचर थर्मल डिसेलिनेशन (एलटीटीडी) संयंत्र का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि लक्षद्वीप में हर घर तक नल से जल पहुंचाने का काम तेज गति से चल रहा है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने लक्षद्वीप आगमन पर प्रसिद्ध पारिस्थितिकी विज्ञानी श्री अली मानिकफान के साथ अपनी बातचीत के बारे में बताया और लक्षद्वीप द्वीपसमूह के संरक्षण की दिशा में उनके शोध व नवाचार पर प्रकाश डाला। उन्होंने वर्ष 2021 में श्री अली मानिकफान को पद्मश्री से सम्मानित करने पर वर्तमान सरकार के प्रति अत्यधिक संतोष व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि केंद्र सरकार लक्षद्वीप के युवाओं के नवाचार और शिक्षा का मार्ग प्रशस्त कर रही है। इस क्रम में उन्होंने आज छात्रों को साइकिलें व लैपटॉप सौंपने का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने पिछले वर्षों में लक्षद्वीप में किसी भी शीर्ष शिक्षा संस्थान की अभाव की ओर इशारा किया, जिसके कारण द्वीपों से युवाओं का पलायन हुआ। उच्च शिक्षा संस्थान खोलने की दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए, श्री मोदी ने एंड्रोट और कदमत द्वीपों में कला और विज्ञान के लिए शैक्षणिक संस्थानों और मिनिकॉय में पॉलिटेक्निक संस्थान की शुरुआत का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ''इससे ​​लक्षद्वीप के युवाओं को काफी फायदा हो रहा है।''

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हज यात्रियों के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र किया, जिससे लक्षद्वीप के लोगों को भी फायदा हुआ है। उन्होंने हज वीज़ा के लिए आसानी और महिलाओं के लिए 'मेहरम' के बिना हज पर जाने की वीज़ा और अनुमति की प्रक्रिया के डिजिटलीकरण का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, इन प्रयासों से 'उमरा' के लिए जाने वाले भारतीयों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

प्रधानमंत्री ने ग्लोबल सी-फूड बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के भारत के प्रयास पर प्रकाश डाला, जिससे लक्षद्वीप को लाभ हुआ क्योंकि स्थानीय टूना मछली जापान को निर्यात की जा रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने निर्यात गुणवत्ता वाली स्थानीय मछली की संभावनाओं को रेखांकित किया, जो मछुआरों के जीवन को बदल सकती है। उन्होंने समुद्री शैवाल खेती की संभावनाओं की खोज के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने क्षेत्र की नाजुक पारिस्थितिकी की रक्षा पर जोर दिया और कहा कि कवरत्ती में सौर ऊर्जा संयंत्र, जो लक्षद्वीप की पहली बैटरी समर्थित सौर ऊर्जा परियोजना है, ऐसी पहल का हिस्सा है।

आजादी के अमृत काल में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में लक्षद्वीप की भूमिका को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने केंद्र शासित प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर लाने के सरकार के प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने यहां हाल ही में संपन्न हुई जी-20 बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि लक्षद्वीप को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत, प्रधानमंत्री ने बताया कि लक्षद्वीप के लिए एक गंतव्य-विशिष्ट मास्टर प्लान का मसौदा तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप दो ब्लू-फ्लैग समुद्र तटों का घर है और कदमत व सुहेली द्वीपों पर वॉटर-विला परियोजनाओं के विकास का उल्लेख किया। श्री मोदी ने कहा, "लक्षद्वीप क्रूज पर्यटन के लिए एक प्रमुख गंतव्य बनता जा रहा है।" उन्होंने बताया कि पांच साल पहले की तुलना में पर्यटकों की आमद पांच गुना बढ़ गई है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत के नागरिकों से विदेश यात्रा का निर्णय लेने से पहले देश में कम से कम पंद्रह स्थानों की यात्रा करने का अपना आह्वान भी दोहराया। उन्होंने विदेशी भूमि पर द्वीप राष्ट्रों की यात्रा के इच्छुक लोगों से लक्षद्वीप की यात्रा करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, "एक बार जब आप लक्षद्वीप की सुंदरता देखेंगे, तो दुनिया के अन्य गंतव्य फीके नजर आएंगे।"

प्रधानमंत्री ने लक्षद्वीप के लोगों को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार उनके जीवन में आसानी, यात्रा में आसानी और व्यापार करने में आसानी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाती रहेगी। प्रधानमंत्री ने कहा, "लक्षद्वीप विकसित भारत के निर्माण में एक मजबूत भूमिका निभाएगा"।

इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा लक्षद्वीप के उपराज्यपाल श्री प्रफुल्ल पटेल भी उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

एक परिवर्तनगामी कदम के तहत प्रधानमंत्री ने कोच्चि-लक्षद्वीप द्वीप समूह सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन (केएलआई - एसओएफसी) परियोजना की शुरुआत करके लक्षद्वीप में धीमी इंटरनेट गति वाली कमी को दूर करने का संकल्प लिया था, जिसकी घोषणा 2020 में लाल किले में स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान की गई थी। यह परियोजना अब पूरी हो चुकी है और इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री ने किया था। इससे इंटरनेट स्पीड 100 गुना से ज्यादा (1.7 जीबीपीएस से 200 जीबीपीएस तक) बढ़ जाएगी। आजादी के बाद पहली बार लक्षद्वीप को सबमरीन ऑप्टिक फाइबर केबल से जोड़ा जाएगा। समर्पित पनडुब्बी ओएफसी लक्षद्वीप द्वीपों में संचार बुनियादी ढांचे में एक आदर्श बदलाव सुनिश्चित करेगी, जिससे तेज और अधिक विश्वसनीय इंटरनेट सेवाएं, टेलीमेडिसिन, ई-गवर्नेंस, शैक्षिक पहल, डिजिटल बैंकिंग, डिजिटल मुद्रा उपयोग, डिजिटल साक्षरता आदि सक्षम होंगी।

प्रधानमंत्री ने कदमत में लो टेम्परेचर थर्मल डिसेलिनेशन (एलटीटीडी) संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया। इससे प्रतिदिन 1.5 लाख लीटर स्वच्छ पेयजल का उत्पादन होगा। प्रधानमंत्री ने अगत्ती और मिनिकॉय द्वीपों के सभी घरों में कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) भी राष्ट्र को समर्पित किया। लक्षद्वीप के द्वीपों में पीने योग्य पानी की उपलब्धता हमेशा एक चुनौती रही है क्योंकि मूंगा द्वीप होने के कारण यहां भूजल की उपलब्धता न्यूनतम है। ये पेयजल परियोजनाएं द्वीपों की पर्यटन क्षमता को मजबूत करने में भी मदद करेंगी, जिससे स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

राष्ट्र को समर्पित अन्य परियोजनाओं में कावारत्ती में सौर ऊर्जा संयंत्र शामिल है, जो लक्षद्वीप की पहली बैटरी समर्थित सौर ऊर्जा परियोजना है। इससे कवरत्ती में इंडिया रिजर्व बटालियन (आईआरबीएन) कॉम्प्लेक्स में डीजल आधारित बिजली उत्पादन संयंत्र, नए प्रशासनिक ब्लॉक और 80 पुरुष बैरक पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कल्पेनी में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधा के नवीनीकरण और आंड्रोट, चेटलाट, कदमत, अगत्ती और मिनिकॉय के पांच द्वीपों में पांच मॉडल आंगनवाड़ी केंद्रों (नंद घरों) के निर्माण की आधारशिला रखी।

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कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो के फेज V (A) प्रोजेक्ट के अंतर्गत तीन नए कॉरिडोर्स को स्वीकृति दी
December 24, 2025

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के फेज-V (ए) परियोजना के हिस्से के रूप में तीन नए कॉरिडोर को मंजूरी दी है: 1. आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी), 2. एरोसिटी से आई.जी.डी. एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी) और 3. तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी)। यह 16.076 किलोमीटर लंबी परियोजना राष्ट्रीय राजधानी के भीतर कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगी। दिल्ली मेट्रो के फेज-V (ए) की कुल लागत 12014.91 करोड़ रुपये है, जिसे भारत सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय वित्त पोषण एजेंसियों द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा।

सेंट्रल विस्टा कॉरिडोर सभी कर्तव्य भवनों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिससे इस क्षेत्र के कार्यालय जाने वालों और आगंतुकों को सीधे ऑफिस तक पहुंचने में आसानी होगी। इस कनेक्टिविटी से दैनिक आधार पर लगभग 60,000 कार्यालय जाने वाले कर्मचारियों और 2 लाख आगंतुकों को लाभ होगा। ये कॉरिडोर प्रदूषण और जीवाश्म ईंधन के उपयोग को और कम करेंगे, जिससे जीवन जीने की सुगमता में वृद्धि होगी।

विवरण:

आर.के. आश्रम मार्ग – इंद्रप्रस्थ सेक्शन, बॉटनिकल गार्डन - आर.के. आश्रम मार्ग कॉरिडोर का विस्तार होगा। यह सेंट्रल विस्टा क्षेत्र को मेट्रो कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिसका वर्तमान में पुनर्विकास किया जा रहा है। एयरोसिटी – आईजीडी एयरपोर्ट टर्मिनल 1 और तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज सेक्शन, एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर का विस्तार होंगे। यह विस्तार हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी को राष्ट्रीय राजधानी के दक्षिणी हिस्सों जैसे तुगलकाबाद, साकेत, कालिंदी कुंज आदि क्षेत्रों के साथ मजबूत करेगा। इन विस्तारों में कुल 13 स्टेशन शामिल होंगे, जिनमें से 10 स्टेशन भूमिगत और 03 स्टेशन एलिवेटेड होंगे।

पूरा होने के बाद, कॉरिडोर-1 यानी आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी) पश्चिमी, उत्तरी और पुरानी दिल्ली की सेंट्रल दिल्ली के साथ कनेक्टिविटी में सुधार करेगा। वहीं अन्य दो कॉरिडोर— एयरोसिटी से आईजीडी एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी) और तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी)— दक्षिण दिल्ली को साकेत, छतरपुर आदि के माध्यम से घरेलू हवाई अड्डे टर्मिनल-1 से जोड़ेंगे, जिससे राष्ट्रीय राजधानी के भीतर कनेक्टिविटी में जबरदस्त वृद्धि होगी।

फेज-V (ए) परियोजना के ये मेट्रो विस्तार मध्य दिल्ली और घरेलू हवाई अड्डे तक दिल्ली मेट्रो नेटवर्क की पहुंच बढ़ाएंगे, जिससे अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती मिलेगी। मजेंटा लाइन और गोल्डन लाइन के ये विस्तार सड़कों पर भीड़भाड़ को कम करेंगे। इस प्रकार, मोटर वाहनों के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।

आरके आश्रम मार्ग - इंद्रप्रस्थ सेक्शन पर जो स्टेशन बनेंगे, वे हैं: आर.के. आश्रम मार्ग, शिवाजी स्टेडियम, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट, कर्तव्य भवन, इंडिया गेट, वॉर मेमोरियल - हाई कोर्ट, बड़ौदा हाउस, भारत मंडपम, और इंद्रप्रस्थ।

तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज सेक्शन के स्टेशन सरिता विहार डिपो, मदनपुर खादर और कालिंदी कुंज होंगे, जबकि एयरोसिटी स्टेशन को आगे आईजीडी टी-1 स्टेशन से जोड़ा जाएगा।

फेज-IV का निर्माण कार्य, जिसमें 111 किमी लंबाई और 83 स्टेशन शामिल हैं, वर्तमान में प्रगति पर है। आज की स्थिति के अनुसार, फेज-IV के (3 प्राथमिकता वाले) कॉरिडोर का लगभग 80.43 प्रतिशत सिविल निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। फेज-IV के इन तीनों प्राथमिकता वाले कॉरिडोर के दिसंबर 2026 तक चरणों में पूरा होने की संभावना है।

आज, दिल्ली मेट्रो प्रतिदिन औसतन 65 लाख यात्रियों को सर्विस देती है। अब तक की सर्वाधिक यात्रा का रिकॉर्ड 8 अगस्त 2025 को 81.87 लाख दर्ज किया गया है। दिल्ली मेट्रो समयपालन, विश्वसनीयता और सुरक्षा जैसे एमआरटीएस के मुख्य मानकों में उत्कृष्टता का प्रतीक बनकर शहर की जीवनरेखा बन गई है।

वर्तमान में दिल्ली और एनसीआर में डीएमआरसी द्वारा लगभग 395 किमी लंबाई वाली कुल 12 मेट्रो लाइनों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें 289 स्टेशन शामिल हैं। आज, दिल्ली मेट्रो भारत का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है और दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्कों में से भी एक है।