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प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन ऐप और राष्ट्रीय जल जीवन कोष का शुभारंभ किया
“जल जीवन मिशन विकेंद्रीकरण के लिए भी एक बड़ा अभियान है, यह एक गांव-संचालित-महिला-संचालित अभियान है; इसका मुख्य आधार जन आंदोलन और जन भागीदारी है"
“लोगों तक नल का पानी पहुंचाने के लिए, पिछले 7 दशकों में जो काम हुआ था, आज के भारत ने सिर्फ 2 साल में उससे ज्यादा काम करके दिखाया है"
“मैं तो गुजरात जैसे राज्य से हूं, जहां अधिकतर सूखे की स्थिति मैंने देखी है; मैंने ये भी देखा है कि पानी की एक-एक बूंद का कितना महत्व होता है; इसलिए गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए, लोगों तक जल पहुंचाना और जल संरक्षण, मेरी प्राथमिकताओं में रहा”
"आज देश के लगभग 80 जिलों के करीब सवा लाख गांवों के हर घर में नल से जल पहुंच रहा है”
“आकांक्षी जिलों में नल से जल पहुंचने वाले घरों की संख्या 31 लाख से बढ़कर 1.16 करोड़ हो गई है”
"प्रत्येक घर और स्कूल में शौचालय, सस्ते सैनिटरी पैड, गर्भावस्था के दौरान पोषण सहायता तथा टीकाकरण जैसे उपायों ने 'मातृशक्ति' को मजबूत किया है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जल जीवन मिशन पर ग्राम पंचायतों और पानी समितियों/ग्राम जल और स्वच्छता समितियों (वीडब्ल्यूएससी) के साथ बातचीत की। उन्होंने हितधारकों को और जागरूक बनाने तथा मिशन के तहत योजनाओं की अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए जल जीवन मिशन ऐप का शुभारंभ किया। उन्होंने राष्ट्रीय जल जीवन कोष की भी शुरुआत की, जहां कोई भी व्यक्ति, संस्था, निगम, या परोपकारी, चाहे वह भारत में हो या विदेश में, प्रत्येक ग्रामीण घर, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, आश्रम शाला और अन्य सार्वजनिक संस्थानों में नल से जल पहुँचाने में मदद करने के लिए योगदान दे सकता है। इस अवसर पर ग्राम पंचायतों एवं पानी समितियों के सदस्यों सहित केन्द्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, श्री प्रहलाद सिंह पटेल, श्री बिश्वेश्वर टुडू, राज्यों के मुख्यमंत्री एवं मंत्री उपस्थित थे।         

समितियों से बातचीत करते हुये प्रधानमंत्री ने उत्तरप्रदेश के बांदा जिले के उमरी गांव के श्री गिरिजाकान्त तिवारी से उनके गांव में जल जीवन मिशन के प्रभाव के बारे में पूछा। श्री तिवारी ने बताया कि अब साफ और स्वच्छ पानी उपलब्ध है तथा इसके कारण गांव की महिलाओं के जीवन में भी सुधार आया है। प्रधानमंत्री ने श्री तिवारी से पूछा कि क्या उनके गांव वालों को यह भरोसा था कि उन्हें नल द्वारा पानी मिलने लगेगा और अब वे कैसा महसूस करते हैं। श्री तिवारी ने बताया कि गांव के हर घर में शौचालय बन गये हैं और सभी उनका इस्तेमाल करते हैं। प्रधानमंत्री ने बुंदेलखंड के ग्रामीणों की उनके समर्पण के लिये सराहना की और कहा कि महिलायें शक्ति सम्पन्न हो रही हैं तथा प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला और जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं के जरिये उन्हें वह सम्मान मिल रहा है, जिसकी वे हकदार हैं।

प्रधानमंत्री ने गुजरात के पिपली गांव के श्री रमेशभाई पटेल से उनके गांव में पानी की उपलब्धता के बारे में सवाल किया। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या पानी की गुणवत्ता की नियमित रूप से जांच होती या नहीं। श्री रमेशभाई ने बताया कि पानी की गुणवत्ता बढ़िया है और गांव की महिलायें खुद पानी की गुणवत्ता की जांच करने के लिये प्रशिक्षित हो चुकी है। प्रधानमंत्री ने पूछा कि लोगों को पेयजल के लिये भुगतान करना पड़ता है या नहीं। श्री रमेशभाई ने बताया कि पानी के मूल्य के बारे में गांवों को स्पष्ट जानकारी है और उसके लिये भुगतान करने के लिये सब राजी हैं। प्रधानमंत्री ने पानी बचाने के लिये स्प्रिंक्लरों और पानी की बूंद-बूंद द्वारा (ड्रिप) सिंचाई के बारे में सवाल किया। प्रधानमंत्री को बताया गया कि गांव में सिंचाई के लिये अभिनव तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। स्वच्छ भारत 2.0 का उल्लेख करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों ने स्वच्छता अभियान को अत्यधिक समर्थन दिया है और उन्हें उम्मीद है कि जल जीवन मिशन को भी यही सफलता मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड की श्रीमती कौशल्या रावत से जल जीवन मिशन के पहले और बाद में पानी की उपलब्धता के बारे में सवाल किया। श्रीमती रावत ने भी बताया कि जल जीवन मिशन के जरिये पानी उपलब्ध होने से पर्यटकों ने उनके गांव में आना शुरू कर दिया है और वहां घरों में ठहरने भी लगे हैं। उन्होंने बताया कि उनके गांव का पूरी तरह टीकाकरण हो चुका है। प्रधानमंत्री ने वन-संवर्धन, पर्यटन में सुधार और होम-स्टे जैसी गतिविधियों को अपनाने के लिये श्रीमती रावत और गांवों की प्रशंसा की।

प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु के वेल्लेरी की श्रीमती सुधा से जल जीवन मिशन के प्रभाव के बारे में पूछा। उन्होंने बताया कि मिशन के शुरू होने के बाद से सभी घरों में नल द्वारा पीने का पानी मिलने लगा है। प्रधानमंत्री ने उनके गांव में तैयार की जाने वाली विश्व-प्रसिद्ध अरनी सिल्क साड़ी के बारे में पूछा। प्रधानमंत्री ने यह भी पूछा कि क्या पानी का कनेक्शन मिलने से घर के दूसरे कामों के लिये उन्हें समय मिलता है कि नहीं। श्रीमती सुधा ने बताया कि पानी की उपलब्धता ने उन सबके जीवन में सुधार किया है और उनके पास अन्य रचनात्मक गतिविधियों के लिये समय रहता है। उन्होंने बताया कि उनके गांव में कच्चे बांधों, पोखरों, आदि के निर्माण के जरिये बरसात के पानी को बचाने जैसी गतिविधियां चल रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों द्वारा जल मिशन को अपनाना महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है।

मणिपुर की श्रीमती लैथन्थेम सरोजिनी देवी जी के साथ बातचीत में श्री मोदी को यह बताया गया कि पहले पानी काफी दूरी पर और लंबी कतारों में ही उपलब्ध होता था। अब स्थिति में सुधार हुआ है क्योंकि सभी घरों में पाइप के जरिए पानी की आपूर्ति की सुविधा उपलब्ध है। सरोजिनी देवी जी ने यह भी बताया कि खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) और पानी की आपूर्ति की पूर्ण कवरेज वाला गांव बनने से यहां के लोगों का स्वास्थ्य बेहतर हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि उनके गांव में पानी की गुणवत्ता का नियमित परीक्षण एक मानक बन गया है और इसके लिए पांच महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार लोगों के जीवन को आसान (ईज ऑफ लिविंग) बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि पूर्वोत्तर में वास्तविक परिवर्तन हो रहा है।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पूज्य बापू और लाल बहादुर शास्त्री जी के ह्रदय में भारत के गांव ही बसे थे। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि आज के दिन देशभर के लाखों गांवों के लोग ‘ग्राम सभाओं’ के रूप में जल जीवन संवाद का आयोजन कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन का विजन सिर्फ लोगों तक पानी पहुंचाना नहीं है। यह विकेंद्रीकरण का भी एक बड़ा आंदोलन है। उन्होंने कहा, “यह एक गांव द्वारा संचालित,  महिलाओं द्वारा संचालित आंदोलन है। इसका मुख्य आधार जनआंदोलन और जनभागीदारी है।” प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि गांधीजी कहा करते थे कि 'ग्राम स्वराज' का वास्तविक अर्थ आत्मबल से परिपूर्ण होना है। प्रधानमंत्री ने कहा, “इसलिए मेरा निरंतर प्रयास रहा है कि ग्राम स्वराज की यह सोच सिद्धियों की ओर बढ़े।” श्री मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान ग्राम स्वराज के लिए किए गए उपायों जैसे कि खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) गांवों के लिए निर्मल गांव, गांवों में पुरानी बावड़ियों और कुओं को पुनर्जीवित करने के लिए जल मंदिर अभियान, गांवों में चौबीस घंटे बिजली के लिए ज्योतिग्राम,  गांवों में सौहार्द के लिए तीर्थ ग्राम, गांवों में ब्रॉडबैंड के लिए ई-ग्राम की याद दिलायी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में भी उन्होंने विभिन्न योजनाओं के नियोजन और प्रबंधन में स्थानीय समुदायों को शामिल करने का काम किया। उन्होंने बताया कि इसके लिए, विशेष रूप से पानी और स्वच्छता के लिए, ढाई लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे ग्राम पंचायतों को प्रदान की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि पंचायतों की शक्तियों के साथ-साथ उनके कामकाज की पारदर्शिता पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन और पानी समितियां ग्राम स्वराज के प्रति केन्द्र सरकार की वचनबद्धता का एक प्रमुख उदाहरण हैं।

प्रधानमंत्री ने पानी की समस्या को लेकर प्रचलित धारणाओं का उल्लेख करते हुए कहा फिल्मों, कहानियों एवं कविताओं का संदर्भ दिया और कहा, “हमने बहुत सी ऐसी फिल्में देखी हैं, कहानियां पढ़ी हैं, कविताएं पढ़ी हैं जिनमें विस्तार से ये बताया जाता है कि कैसे गांव की महिलाएं और बच्चे पानी लाने के लिए मीलों दूर चलकर जा रहे हैं। कुछ लोगों के मन में, गांव का नाम लेते ही यही तस्वीर उभरती है। लेकिन बहुत कम ही लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि आखिर इन लोगों को हर रोज किसी नदी या तालाब तक क्यों जाना पड़ता है, आखिर क्यों नहीं पानी इन लोगों तक पहुंचता?” उन्होंने कहा, “मैं समझता हूं, जिन लोगों पर लंबे समय तक नीति-निर्धारण की जिम्मेदारी थी, उन्हें ये सवाल खुद से जरूर पूछना चाहिए था।” प्रधानमंत्री ने कहा कि शायद पूर्व के नीति नियंताओं को इस वजह से पानी का महत्व समझ में नहीं आया कि वे पानी की प्रचुरता वाले क्षेत्रों से आते थे। श्री मोदी ने कहा कि वह गुजरात जैसे राज्य से हैं जहां उन्होंने अधिकतर सूखे की स्थिति देखी है। उन्होंने यह भी देखा है कि पानी की एक-एक बूंद का कितना महत्व होता है। इसलिए गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए, लोगों तक जल पहुंचाना और जल संरक्षण, उनकी प्राथमिकताओं में रहा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी से लेकर 2019 तक, देश में सिर्फ तीन करोड़ घरों तक ही नल से जल पहुंचता था। 2019 में जल जीवन मिशन शुरू होने के बाद से, पांच करोड़ घरों को पानी के कनेक्शन से जोड़ा गया है। आज देश के लगभग 80 जिलों के करीब सवा लाख गांवों के हर घर में नल से जल पहुंच रहा है। आकांक्षी जिलों में नल के पानी के कनेक्शन की संख्या 31 लाख से बढ़कर 1.16 करोड़ हो गयी है।

श्री मोदी ने कहा कि पिछले सात दशकों में जो काम हुआ था, आज के भारत ने सिर्फ दो साल में उससे ज्यादा काम करके दिखाया है। उन्होंने कहा, “मैं देश के हर उस नागरिक से कहूंगा जो पानी की प्रचुरता में रहते हैं, कि आपको पानी बचाने के ज्यादा प्रयास करने चाहिए और निश्चित तौर पर इसके लिए लोगों को अपनी आदतें भी बदलनी ही होंगी।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में देश की बेटियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। घर और स्कूल में टॉयलेट्स, सस्ते सैनिटेरी पैड्स से लेकर, गर्भावस्था के दौरान पोषण के लिए हजारों रुपए की मदद तथा टीकाकरण अभियान से ‘मातृशक्ति’ और मजबूत हुई है। उन्होंने बताया कि गांवों में बने ढाई करोड़ घरों में से अधिकतर महिलाओं के नाम पर हैं, उज्ज्वला योजना ने महिलाओं को धुएं से भरी जिंदगी से मुक्ति दिलाई है। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर मिशन से जोड़ा जा रहा है और पिछले सात वर्षों में इन समूहों की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई है। श्री मोदी ने यह भी बताया कि 2014 से पहले के पांच वर्षों की तुलना में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को प्रदान की जाने वाली सहायता में पिछले सात वर्षों में 13 गुना वृद्धि हुई है।

 

 

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PM Modi's telephonic conversation with Crown Prince and PM of Saudi Arabia
June 08, 2023
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Prime Minister Narendra Modi holds telephone conversation with Crown Prince and Prime Minister of Saudi Arabia.
The leaders review a number of bilateral, multilateral and global issues.
PM thanks Crown Prince Mohammed bin Salman for Saudi Arabia's support during evacuation of Indian nationals from Sudan via Jeddah.
PM conveys his best wishes for the upcoming Haj pilgrimage.
Crown Prince Mohammed bin Salman conveys his full support to India’s ongoing G20 Presidency.

Prime Minister Narendra Modi had a telephone conversation today with Crown Prince and Prime Minister of Saudi Arabia, HRH Prince Mohammed bin Salman bin Abdulaziz Al Saud.

The leaders reviewed a number of issues of bilateral cooperation and exchanged views on various multilateral and global issues of mutual interest.

PM thanked Crown Prince Mohammed bin Salman for Saudi Arabia's excellent support during evacuation of Indian nationals from Sudan via Jeddah in April 2023. He also conveyed his best wishes for the upcoming Haj pilgrimage.

Crown Prince Mohammed bin Salman conveyed his full support to India’s initiatives as part of its ongoing G20 Presidency and that he looks forward to his visit to India.

The two leaders agreed to remain in touch.