प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश में कोविड-19 की स्थिति पर आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत की।
मुख्यमंत्रियों ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री के नेतृत्व की प्रशंसा की। उन्होंने पूरे देश में टीकाकरण अभियान के सुचारू कार्यान्वयन के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। साथ ही टीकाकरण के दायरे को बढ़ाने के लिए कई सारे सुझाव भी दिए। जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक टीकाकरण अभियान पहुंच सके।
इस दौरान आम जनता में कोविड-19 से बचाव के लिए उचित व्यवहार को बनाए रखने की चुनौती पर भी चर्चा की गई। खास तौर से ऐसी स्थिति में जब हाल ही में कुछ राज्यों में संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हुई। राज्य के मुख्यमंत्रियों ने स्थिति को अधिक सतर्कता और निगरानी से हल करने की जरूरत पर भी सहमति जताई।
इस दौरान गृह मंत्री ने उन जिलों को सूची भी प्रस्तुत की, जहां पर मुख्यमंत्रियों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। जिससे कि वायरस के प्रसार को रोका जा सके। साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने देश में मौजूदा कोविड-19 की स्थिति और टीकाकरण के लिए उठाए जा रहे कदमों पर एक प्रस्तुति भी दी।

मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में कोविड-19 से संक्रमित 96 फीसदी लोग ठीक हो चुके हैं। और इसकी वजह से भारत दुनिया में सबसे कम मृत्यु दर वाला देश रहा है। उन्होंने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे मामलों पर चिंता जताई। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के 70 जिलों में पिछले कुछ हफ्तों में कोरोना के मामलों में 150 फीसदी की दर से बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने आग्रह किया कि दोबारा तेजी से बढ़ने वाले संक्रमण को तुरंत रोकने की जरूरत है। नहीं तो कोरोना की दूसरी लहर को रोकना मुश्किल होगा। और ऐसा नहीं कर पाने पर पूरे देश में कोरोना की विस्फोटर स्थिति होने का डर है।
कोरोना की "दूसरी लहर" को रोकने के लिए, प्रधानमंत्री ने तुरंत और निर्णायक कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके लिए उन्होंने स्थानीय स्तर पर प्रशासन की समस्याओं को दूर करने पर जोर दिया।
उन्होंने चेतावनी दी कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमारी उपलब्धियों से जो आत्मविश्वास आया है, वह लापरवाही में नहीं बदलना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि जनता के अंदर डर नहीं फैलने देना चाहिए। और उसे मजबूती के साथ कोरोना से छुटकारा भी दिलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें पिछले अनुभवों को शामिल करके रणनीति बनानी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने माइक्रो संक्रमित क्षेत्र के लिए जरूरी कदम उठाए जाने की बात कही है। उन्होंने कहा इस समय 'टेस्ट, ट्रैक एंड ट्रीट' की रणनीति पर गंभीर होने की जरूरत है। जैसा कि हम पिछले एक साल से कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क को कम से कम समय में ट्रैक करना और आरटी-पीसीआर परीक्षण दर को 70 प्रतिशत से ऊपर रखना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने केरल, ओडीशा, छत्तीसगढ़ और यूपी जैसे राज्यों में आरटी-पीसीआर परीक्षणों पर ज्यादा जोर देने को कहा। यह राज्य रैपिड एंटीजन परीक्षणों पर अधिक बल दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने छोटे शहरों में परीक्षण बढ़ाने, "रेफरल सिस्टम" और "एम्बुलेंस नेटवर्क" पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि अब पूरा देश यात्रा के लिए खुल चुका है और यात्रा करने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। प्रधानमंत्री ने आपस में जानकारी साझा करने के लिए एक नए तंत्र की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा इसी तरह विदेश से आने वाले यात्रियों के संपर्कों की निगरानी के लिए एसओपी का पालन कराने की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें कोरोना वायरस के म्यूटेंट की पहचान करने और उसके प्रभावों का आकलन करने की आवश्यकता है। उन्होंने देश में टीकाकरण की लगातार बढ़ रही गति और एक ही दिन 30 लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण किए जाने की भी सराहना की। लेकिन साथ ही उन्होंने टीके की खुराक के बर्बाद होने की समस्या को बहुत गंभीरता से लेने की चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में टीके की 10 फीसदी तक बर्बादी हो रही है। उन्होंने टीके के बर्बादी को रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर योजना और शासन की कमियों को तुरंत ठीक करने का भी आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उपरोक्त कदमों के अलावा संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बुनियादी कदमों में मास्क पहनना, शारीरिक दूरी बनाए रखना, स्वच्छता का ध्यान रखना जैसे कदम उठाना जरूरी है। उन्होंने आग्रह किया कि इस तरह के कदमों में कोई ढिलाई न बरती जाए और इन कदमों को लेकर लोगों में जागरूकता भी बढ़ाई जाय। उन्होंने टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाने का आह्वान किया और टीका बेकार होने तारीख के बारे में सतर्क रहने को भी कहा है। अंत में उन्होंने कहा कि “दवाई भी और कड़ाई भी” जरूरी है।
हमें कोरोना की इस उभरती हुई "सेकंड पीक" को तुरंत रोकना होगा।
— PMO India (@PMOIndia) March 17, 2021
इसके लिए हमें Quick और Decisive कदम उठाने होंगे: PM @narendramodi
कोरोना की लड़ाई में हम आज जहां तक पहुंचे हैं, उससे आया आत्मविश्वास, लापरवाही में नहीं बदलना चाहिए।
— PMO India (@PMOIndia) March 17, 2021
हमें जनता को पैनिक मोड में भी नहीं लाना है और परेशानी से मुक्ति भी दिलानी है: PM @narendramodi
‘टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट’ को लेकर भी हमें उतनी ही गंभीरता की जरूरत है जैसे कि हम पिछले एक साल से करते आ रहे हैं।
— PMO India (@PMOIndia) March 17, 2021
हर संक्रमित व्यक्ति के contacts को कम से कम समय में ट्रैक करना और RT-PCR टेस्ट रेट 70 प्रतिशत से ऊपर रखना बहुत अहम है: PM @narendramodi
हमें छोटे शहरों में टेस्टिंग को बढ़ाना होगा।
— PMO India (@PMOIndia) March 17, 2021
हमें छोटे शहरों में "रेफरल सिस्टम" और "एम्बुलेंस नेटवर्क" के ऊपर विशेष ध्यान देना होगा: PM @narendramodi
देश में वैक्सीनेशन की गति लगातार बढ़ रही है।
— PMO India (@PMOIndia) March 17, 2021
हम एक दिन में 30 लाख लोगों को वैक्सीनेट करने के आंकड़े को भी पार कर चुके हैं।
लेकिन इसके साथ ही हमें वैक्सीन doses waste होने की समस्या को बहुत गंभीरता से लेना है: PM @narendramodi


