“हमने अमृत काल का नाम 'कर्तव्य काल' रखा है। प्रतिज्ञाओं में हमारे आध्यात्मिक मूल्यों के मार्गदर्शन के साथ-साथ भविष्य के संकल्प भी शामिल हैं"
"आज एक ओर देश में आध्यात्मिक केन्द्रों का पुनरोद्धार हो रहा है, वहीं भारत प्रौद्योगिकी और अर्थव्यवस्था में भी अग्रणी है"
"देश में देखा गया परिवर्तन प्रत्येक सामाजिक वर्ग के योगदानों का परिणाम है"
"हमारे संतों ने हजारों वर्षों से 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की भावना का पोषण किया है"
“भारत जैसे देश में धार्मिक और आध्यात्मिक संस्थाएं हमेशा सामाजिक कल्याण के केन्द्र में रही हैं"
"हमें सत्य साईं जिले को पूरी तरह से डिजिटल बनाने का संकल्प लेना चाहिए''
"सत्य साईं ट्रस्ट जैसे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संस्थानों की पर्यावरण और टिकाऊ जीवन शैली जैसे क्षेत्रों में भारत के उभरते नेतृत्व के ऐसे सभी प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी में साईं हीरा ग्लोबल कन्वेंशन सेंटर का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह में दुनिया भर के प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों और भक्तों की उपस्थिति देखी गई।

प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए सभी को इस कार्यक्रम के लिए बधाई दी, जहां आवश्यक व्यस्तताओं के कारण वह शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं हो सके। "श्री सत्य साईं का आशीर्वाद और प्रेरणा आज हमारे साथ है," श्री मोदी ने टिप्पणी की और खुशी व्यक्त की कि आज उनके मिशन का विस्तार हो रहा है और देश को साईं हीरा ग्लोबल कन्वेंशन सेंटर के नाम से एक नया प्रमुख सम्मेलन केन्द्र मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि नया केन्द्र आध्यात्मिकता और आधुनिकता के वैभव का अनुभव कराएगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र में सांस्कृतिक विविधता और वैचारिक भव्यता शामिल है और यह आध्यात्मिकता और शैक्षणिक कार्यक्रमों पर चर्चा का केन्द्र बिंदु बन जाएगा जहां विद्वान और विशेषज्ञ एक साथ मिलेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी विचार तब सबसे प्रभावी होता है, जब वह कार्य के रूप में आगे बढ़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि आज साईं हीरा ग्लोबल कन्वेंशन सेंटर को समर्पित करने के अलावा, श्री सत्य साईं ग्लोबल काउंसिल के नेताओं का सम्मेलन भी होगा। प्रधानमंत्री ने आयोजन के विषय 'अभ्यास और प्रेरणा' की सराहना की और इसे प्रभावी और प्रासंगिक बताया। श्री मोदी ने समाज के नेताओं द्वारा अच्छे आचरण के महत्व पर जोर दिया, क्योंकि समाज उनका अनुसरण करता है। उन्होंने कहा कि श्री सत्य साईं का जीवन इसका जीवंत उदाहरण है। “आज भारत भी अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता देते हुए आगे बढ़ रहा है। आजादी की सदी की ओर बढ़ते हुए हमने अमृत काल को 'कर्तव्य काल' का नाम दिया है। इन प्रतिज्ञाओं में हमारे आध्यात्मिक मूल्यों के मार्गदर्शन के साथ-साथ भविष्य के संकल्प भी शामिल हैं। इसमें विकास भी है और विरासत भी।)”

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, जहां आध्यात्मिक महत्व के स्थानों का कायाकल्प हो रहा है, वहीं भारत प्रौद्योगिकी और अर्थव्यवस्था में भी अग्रणी है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत अब दुनिया की शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है जो दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप ईको-सिस्टम में सहयोग कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत डिजिटल

टेक्नोलॉजी और 5जी जैसे क्षेत्रों में दुनिया के अग्रणी देशों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया में होने वाले वास्तविक समय के 40 प्रतिशत ऑनलाइन लेनदेन भारत में हो रहे हैं और भक्तों से पूरे पुट्टपर्थी जिले को डिजिटल अर्थव्यवस्था में बदलने का आग्रह किया। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि सभी मिलकर इस संकल्प को पूरा करें तो श्री सत्य साईं बाबा की अगली जयंती तक पूरा जिला डिजिटल हो जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, "देश में देखा गया परिवर्तन प्रत्येक सामाजिक वर्ग के योगदानों का परिणाम है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि ग्लोबल काउंसिल जैसे संगठन भारत के बारे में अधिक जानने और दुनिया से जुड़ने का एक प्रभावी माध्यम हैं। प्राचीन हस्तलिपियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि संतों को बहते पानी की तरह माना जाता है क्योंकि वे अपने विचारों को कभी नहीं छोड़ते और अपने व्यवहार से कभी नहीं थकते। श्री मोदी ने कहा, "संतों का जीवन निरंतर परिवर्तन और उनके प्रयासों से परिभाषित होता है।" उन्होंने कहा कि किसी संत का जन्मस्थान उसके अनुयायियों का निर्धारण नहीं करता है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, भक्तों के लिए, उनमें से कोई एक सच्चा संत बन जाता है और वह उनकी मान्यताओं और संस्कृतियों का प्रतिनिधि बन जाता है। उन्होंने कहा कि सभी संतों ने भारत में हजारों वर्षों से 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की भावना को पोषित किया है। भले ही श्री सत्य साईं बाबा का जन्म पुट्टपर्थी में हुआ था, उनके अनुयायी दुनिया भर में पाए जा सकते हैं और भारत के हर राज्य में उनके संस्थानों और आश्रमों तक पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि भाषा और संस्कृति से परे सभी भक्त प्रशांति निलयम से जुड़े हुए हैं और यही इच्छा भारत को एक सूत्र में पिरोकर इसे अमर बनाती है।

प्रधानमंत्री ने सेवा की शक्ति पर सत्य साईं को उद्धृत किया। प्रधानमंत्री ने उनके साथ बातचीत करने और सत्य साईं के आशीर्वाद की शरण में रहने के अवसर को कृतज्ञतापूर्वक याद किया। श्री मोदी ने उनके उस सहज भाव को याद किया, जिसके साथ श्री सत्य साईं गहरे संदेश देते थे। उन्होंने 'सभी से प्रेम करो, सभी की सेवा करो'; 'हमेशा मदद करो, कभी चोट नहीं पहुंचाओ'; 'बातें कम, काम ज़्यादा,' 'प्रत्येक अनुभव एक सबक है- प्रत्येक हानि एक लाभ है'। जैसी कालजयी शिक्षाओं को याद किया। प्रधानमंत्री ने कहा, "इन शिक्षाओं में संवेदनशीलता के साथ-साथ जीवन का गहरा दर्शन भी है।" प्रधानमंत्री ने गुजरात में आए भूकंप के दौरान उनके मार्गदर्शन और मदद को याद किया। श्री मोदी ने श्री सत्य साईं के अत्यंत करुणामय आशीर्वाद को याद किया और कहा कि उनके लिए मानवता की सेवा ही ईश्वर की सेवा थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जैसे देश में धार्मिक और आध्यात्मिक संस्थाएं हमेशा सामाजिक कल्याण के केन्द्र में रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब हम अमृत काल के संकल्पों के साथ विकास और विरासत को गति दे रहे हैं, तो सत्य साईं ट्रस्ट जैसी संस्थाओं को उसमें बहुत बड़ी भूमिका निभानी है।

उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि सत्य साईं ट्रस्ट की आध्यात्मिक शाखा बाल विकास जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से नई पीढ़ी के भीतर सांस्कृतिक भारत का निर्माण कर रही है। राष्ट्र निर्माण और समाज के सशक्तिकरण में सत्य साईं ट्रस्ट के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने प्रशांति निलयम में हाई-टेक अस्पताल और वर्षों से मुफ्त शिक्षा के लिए चलाए जा रहे स्कूलों और कॉलेजों का उल्लेख किया। उन्होंने सत्य साईं से जुड़े उन संगठनों का भी जिक्र किया जो समर्पण भाव से काम कर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट दूरदराज के गांवों में निशुल्क पानी उपलब्ध कराने के मानवीय कार्य में भागीदार बन गया है क्योंकि देश 'जल जीवन मिशन' के तहत हर गांव को स्वच्छ जल आपूर्ति से जोड़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने मिशन लाइफ जैसी जलवायु पहलों की वैश्विक स्वीकृति और जी-20 की प्रतिष्ठित अध्यक्षता का उल्लेख किया। उन्होंने एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य विषय पर प्रकाश डाला। भारत में बढ़ती वैश्विक रुचि का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में बनाए गए विश्व रिकॉर्ड के बारे में बात की जहां योग के लिए सबसे अधिक संख्या में विभिन्न देशों के नागरिक एक साथ आए। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि योग के साथ-साथ लोग भारत से आयुर्वेद और स्थायी जीवन शैली प्रथाओं को अपना रहे हैं। उन्होंने हाल के दिनों में चोरी हुई कलाकृतियों की वापसी पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत के इन प्रयासों और नेतृत्व के पीछे, हमारी सांस्कृतिक सोच ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। इसलिए, सत्य साईं ट्रस्ट जैसे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संस्थानों के ऐसे सभी प्रयासों में एक महान भूमिका है।”

प्रधानमंत्री ने 'प्रेम तरु' पहल पर प्रकाश डाला जहां अगले 2 वर्षों में 1 करोड़ पेड़ लगाने का संकल्प लिया गया है। श्री मोदी ने सभी से ऐसी पहलों का समर्थन करने के लिए आगे आने का आग्रह किया, चाहे वह वृक्षारोपण हो या प्लास्टिक मुक्त भारत का संकल्प हो। उन्होंने लोगों से सौर ऊर्जा और स्वच्छ ऊर्जा के विकल्पों से प्रेरित होने का भी आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने आंध्र के लगभग 40 लाख छात्रों को श्री अन्न रागी-जावा से बना भोजन उपलब्ध कराने की सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट की पहल की सराहना की। श्री अन्न के स्वास्थ्य लाभों को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि अन्य राज्य भी इस तरह की पहल से जुड़ेंगे तो देश को काफी लाभ होगा। “श्री अन्न में स्वास्थ्य भी है, संभावनाएं भी हैं। हमारे सभी प्रयासों से वैश्विक स्तर पर भारत की क्षमता बढ़ेगी और भारत की पहचान मजबूत होगी।''

प्रधानमंत्री ने अंत में कहा, “सत्य साईं का आशीर्वाद हम सभी के साथ है। इस शक्ति के साथ, हम एक विकसित भारत का निर्माण करेंगे और पूरी दुनिया की सेवा करने के अपने संकल्प को पूरा करेंगे।”

पृष्ठभूमि

श्री सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट ने प्रशांति निलयम, पुट्टपर्थी में एक नई सुविधा, साईं हीरा ग्लोबल कन्वेंशन सेंटर का निर्माण किया है। प्रशांति निलयम श्री सत्य साईं बाबा का मुख्य आश्रम है। परोपकारी श्री रयुको हीरा द्वारा दान किया गया कन्वेंशन सेंटर सांस्कृतिक आदान-प्रदान, आध्यात्मिकता और वैश्विक सद्भाव को बढ़ावा देने की कल्पना का साक्षी है। यह विविध पृष्ठभूमि के लोगों को एकजुट होने, आपस में जुड़ने और श्री सत्य साईं बाबा की शिक्षाओं को खोजने के लिए एक विकसित वातावरण प्रदान करता है। इसकी विश्वस्तरीय सुविधाएं और बुनियादी ढांचा सम्मेलनों, सेमिनारों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे जीवन के सभी क्षेत्रों के व्यक्तियों के बीच संवाद और समझ को बढ़ावा मिलेगा। विशाल परिसर में ध्यान कक्ष, शांत उद्यान और आवास की सुविधाएं भी हैं।

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पीएम मोदी को प्राप्त सर्वोच्च नागरिक सम्मान और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों की सूची
July 09, 2025

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कई देशों द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया है। ये सभी सम्मान पीएम मोदी के नेतृत्व और दूरदृष्टि का प्रतिबिंब हैं जिसने वैश्विक मंच पर भारत के उदय को मजबूत किया है। यह दुनिया भर के देशों के साथ भारत के बढ़ते संबंधों को भी दर्शाता है।

आइए, एक नजर डालते हैं पिछले 7 वर्षों में पीएम मोदी को दिए गए पुरस्कारों पर।

विभिन्न देशों द्वारा प्रदान किए जाने वाले पुरस्कार:

1.अप्रैल 2016 में सऊदी अरब की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सऊदी अरब के सर्वोच्च नागरिक सम्मान- 'किंग अब्दुलअजीज सैश' से सम्मानित किया गया था। किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज ने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से पीएम मोदी को सम्मानित किया।

2. उसी वर्ष, प्रधानमंत्री मोदी को अफगानिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘अमीर अमानुल्लाह खान पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।

3. वर्ष 2018 में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फिलिस्तीन की ऐतिहासिक यात्रा की, तो उन्हें 'ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्तीन' पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को दिया जाने वाला फिलिस्तीन का सर्वोच्च सम्मान है।

4. प्रधानमंत्री मोदी को 2019 में 'ऑर्डर ऑफ जायद' पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह संयुक्त अरब अमीरात का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।

5. रूस ने 2019 में प्रधानमंत्री मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' से सम्मानित करने की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने यह सम्मान जुलाई 2024 में अपनी मॉस्को यात्रा के दौरान प्राप्त किया।

6. 2019 में मालदीव ने विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को दिया जाने वाला अपना सर्वोच्च सम्मान 'निशान इज्जुद्दीन' से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सम्मानित किया।

7. पीएम मोदी को 2019 में 'द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां' अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान बहरीन द्वारा प्रदान किया गया था।

8. 2020 में पीएम मोदी को यूनाइटेड स्टेट आर्म्ड फोर्सेस अवार्ड 'लीजन ऑफ मेरिट' से सम्मानित किया गया, जो उत्कृष्ट सेवाओं और उपलब्धियों के प्रदर्शन में असाधारण मेधावी आचरण के लिए अमेरिकी सरकार द्वारा दिया जाता है।

9. भूटान ने दिसंबर 2021 में प्रधानमंत्री मोदी को, सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो' से सम्मानित किया। पीएम मोदी ने मार्च 2024 में, भूटान यात्रा के दौरान यह पुरस्कार ग्रहण किया।

10. 2023 में पापुआ न्यू गिनी की यात्रा के दौरान पीएम मोदी को पलाऊ गणराज्य के राष्ट्रपति सुरंगेल एस व्हिप्स जूनियर द्वारा एबाक्ल अवॉर्ड (Ebakl Award) से सम्मानित किया गया।

11. पीएम नरेन्द्र मोदी को उनके वैश्विक नेतृत्व के लिए फिजी के सर्वोच्च सम्मान, कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी से भी सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार फिजी के प्रधानमंत्री सित्विनी राबुका द्वारा प्रदान किया गया।

12. पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर-जनरल सर बॉब डाडे ने पीएम मोदी को ग्रैंड कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू से सम्मानित किया। यह पापुआ न्यू गिनी का सर्वोच्च सम्मान है।

13. मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने जून 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिस्र के सर्वोच्च राजकीय सम्मान 'ऑर्डर ऑफ नाइल' से सम्मानित किया।

 14. 13 जुलाई 2023 को पीएम मोदी को राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा फ्रांस के सर्वोच्च पुरस्कार ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया।

 15. 25 अगस्त 2023 को ग्रीस की राष्ट्रपति कतेरीना सकेलारोपोलू ने पीएम मोदी को 'द ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया।

16. डोमिनिका ने पीएम मोदी को ‘डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया। यह सम्मान पीएम मोदी को नवंबर 2024 में उनकी गुयाना यात्रा के दौरान डोमिनिका की राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन द्वारा प्रदान किया गया।

17. नाइजीरिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नवंबर 2024 में उनकी यात्रा के दौरान 'द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर' से सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें राष्ट्रपति बोला अहमद टिनुबू द्वारा प्रदान किया गया।

18. गुयाना ने पीएम मोदी को नवंबर 2024 में उनकी यात्रा के दौरान 'ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस' से सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली ने प्रदान किया।

19. बारबाडोस की पीएम मिया अमोर मोटली ने नवंबर 2024 में प्रधानमंत्री की गुयाना यात्रा के दौरान पीएम मोदी को ‘ऑनररी ऑर्डर ऑफ फ्रीडम ऑफ बारबाडोस अवॉर्ड’ से सम्मानित करने के अपने सरकार के निर्णय की घोषणा की।

20. दिसंबर 2024 में, पीएम मोदी को कुवैत के महामहिम अमीर, शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल सबा द्वारा ‘मुबारक अल-कबीर ऑर्डर’ से सम्मानित किया गया।

21. मार्च 2025 में पीएम मोदी की मॉरीशस यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति धरमबीर गोकुल ने पीएम मोदी को मॉरीशस के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान 'द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन' से सम्मानित किया।

22. अप्रैल 2025 में पीएम मोदी की श्रीलंका यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने पीएम मोदी को श्रीलंका के सर्वोच्च सम्मान 'श्रीलंका मित्र विभूषण' अवार्ड से सम्मानित किया।

23) पीएम मोदी को जून 2025 में उनकी साइप्रस यात्रा के दौरान 'ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III' से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस द्वारा प्रदान किया गया।

24) पीएम मोदी को जुलाई 2025 के दौरे पर ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा ने पीएम मोदी को यह सम्मान प्रदान किया।

25) पीएम मोदी को जुलाई 2025 में अपनी यात्रा के दौरान ‘द ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति क्रिस्टीन कंगालू ने पीएम मोदी को यह सम्मान प्रदान किया।

26) PM Modi has been conferred with ‘The Grand Collar of the National Order of the Southern Cross’ during his visit to Brazil in July 2025. It was bestowed upon PM Modi by President Lula.

सर्वोच्च नागरिक सम्मानों के अलावा, पीएम मोदी को दुनिया भर के प्रतिष्ठित संगठनों द्वारा कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।

1. सियोल शांति पुरस्कार : यह सियोल पीस प्राइज कल्चरल फाउंडेशन द्वारा उन व्यक्तियों को द्विवार्षिक रूप से सम्मानित किया जाता है जिन्होंने मानव जाति के सदभाव, राष्ट्रों के बीच सुलह और विश्व शांति में योगदान के माध्यम से अपनी पहचान बनाई है। प्रधानमंत्री मोदी को 2018 में इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

2. संयुक्त राष्ट्र चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवार्ड : यह संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान है। 2018 में संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक मंच पर साहसिक पर्यावरण नेतृत्व के लिए पीएम मोदी सम्मानित किया।

3. 2019 में प्रथम फिलिप कोटलर प्रेसिडेंशियल अवार्ड से प्रधानमंत्री मोदी को सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष किसी राष्ट्र के नेता को दिया जाता है। पुरस्कार के प्रशस्ति पत्र में कहा गया कि पीएम मोदी को उनके "राष्ट्र के लिए उत्कृष्ट नेतृत्व" के लिए चुना गया।

4. पीएम मोदी को स्वच्छ भारत अभियान के लिए 2019 में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा 'ग्लोबल गोलकीपर' पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पीएम मोदी ने यह पुरस्कार उन भारतीयों को समर्पित किया जिन्होंने स्वच्छ भारत अभियान को 'जन-आंदोलन' में बदल दिया और अपने दैनिक जीवन में स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।

5. 2021 में कैम्ब्रिज एनर्जी रिसर्च एसोसिएट्स CERA द्वारा ग्लोबल एनर्जी एंड एनवायरनमेंट लीडरशिप अवार्ड पीएम मोदी को दिया गया था। यह पुरस्कार वैश्विक ऊर्जा और पर्यावरण के भविष्य के प्रति नेतृत्व की प्रतिबद्धता को मान्यता देता है।