लोकतांत्रिक और सहभागी शासन के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही आवश्यक है: प्रधानमंत्री मोदी
सशक्त नागरिक हमारे लोकतंत्र का सबसे मजबूत स्तंभ है: पीएम मोदी
आज के आधुनिक इनफॉरमेशन हाईवे के 5 स्तंभ हैं - Ask, Listen, Interact, Act, और Inform: प्रधानमंत्री
आज भारत तेजी के साथ डिजिटल रुप से सशक्त समाज की ओर बढ़ रहा है: प्रधानमंत्री मोदी
एक नई कार्य संस्कृति विकसित हुई है; परियोजनाओं को अब निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जा रहा है: पीएम मोदी
GeM पोर्टल के माध्यम से अब देश का छोटे से छोटा उद्यमी, देश के दूर-दराज इलाकों में रहने वाला आदिवासी भी अपना उत्पाद सीधे सरकार को बेच सकता है: प्रधानमंत्री
हमने दशकों पुराने 1400 से ज्यादा अनावश्यक कानूनों को खत्म कर दिया है: प्रधानमंत्री मोदी

 

प्रधानमंत्री ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय सूचना आयोग के नए भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भवन का निर्माण कार्य निर्धारित समय से पहले पूरा किया गया है, जिसके लिए निर्माण में शामिल सभी एजेंसिया बधाई की पात्र हैं। उन्होंने कहा कि इस भवन को पर्यावरण अनुकूल रेटिंग गृह - IV प्रदान की गई है, जो में बचत सुनिश्चित करेगी और पर्यावरण संरक्षण में मददगार होगी।

प्रधानमंत्री ने उम्मीद जाहिर की कि नई सूचना प्रणाली से केंद्रीय आयोग की कार्य प्रणाली में बेहतर समन्वय और एकीकरण संभव होगा।

सीआईसी द्वारा मोबाइल ऐप शुरू किए जाने के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे लोगों को आयोग के कार्यालय में अपील दाखिल करने में आसानी होगी और वे आयोग द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली जानकारी आसानी से हासिल कर सकेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतांत्रिक और भागीदारीपूर्ण शासन के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में केंद्रीय सूचना आयोग महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। उन्होंने कहा कि ऐसे संस्थान विश्वास पर आधारित शासन के लिए प्रेरक के रूप में काम करते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘‘सशक्त नागरिक’’ हमारे लोकतंत्र के सबसे मजबूत स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों से केंद्र सरकार लोगों को विभिन्न साधनों से सूचना अधिकारिता प्रदान कर रही है।

उन्होंने कहा कि पहला स्तंभ प्रश्न पूछना है। उन्होंने इस संदर्भ में माई गव नागरिक भागीदारी मंच का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि दूसरा स्तंभ सुझावों को सुनने का है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सीपीग्राम्स अथवा सोशल मीडिया से प्राप्त सुझावों को मुक्त रूप से ग्रहण करती है।

श्री मोदी ने कहा कि तीसरा स्तंभ संवाद है। उन्होंने कहा कि इससे नागरिकों और सरकार के बीच एक संबंध कायम होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि चौथा स्तंभ सक्रियता है। उन्होने कहा कि जीएसटी के कार्यान्वयन के दौरान शिकायतों और सुझावों पर सक्रिय अनुवर्ती कार्रवाई की गई।

उन्होंने कहा कि पांचवां स्तंभ सूचना का है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का यह दायित्व है कि वह अपने कार्यों के बारे में नागरिकों को सूचना प्रदान करे। श्री मोदी ने कहा कि सरकार ने रियल टाइम अपडेट यानी वास्तविक समय पर अद्यतन जानकारी, आनलाइन डैशबोर्डों के जरिए प्रदान करने की एक नई प्रणाली शुरू की है। उन्होंने कहा कि सौभाग्य और उजाला जैसे कार्यक्रमों की प्रगति के बारे में जानकारी प्रदान की गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आमतौर पर पूछी जाने वाली जानकारी सम्बद्ध विभागों और मंत्रालयों के वेब पोर्टलों पर अपलोड की जा रही है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता और नागरिक सेवाओं में सुधार के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी प्रकार, परियोजनाओं की जानकारी भी वास्तविक समय आधार पर प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह प्रगति की एक बैठक में केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की निगरानी एक ड्रोन कैमरे के जरिए की गई। उन्होंने बताया कि प्रगति बैठकों से 9 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की गति तेज करने में मदद मिली है।

प्रधानमंत्री ने आपूर्ति और निपटान महानिदेशालय को बंद करने का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि अब गवर्मेंट ई-मार्केट अथवा जीईएम प्लेटफार्म के जरिए सरकारी खरीद की जा रही है। उन्होंने कहा कि इससे भ्रष्टाचार समाप्त करने में मदद मिली है और सरकारी खरीद में पारदर्शिता आई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार-जनता परस्पर संवाद के बीच मानव हस्तक्षेप कम हुआ है।

 प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यवस्था में जितनी पारदर्शिता बढ़ेगी, सरकार पर लोगों का भरोसा भी उतना ही बढ़ेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान स्थितियों और भावी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक जिम्मेदार संस्थान का यह दायित्व है कि वह अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बीच संतुलन बनाए रखे।

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January 23, 2025

प्रधानमंत्री : 2047 तक का क्या लक्ष्य है देश का?

विद्यार्थी: विकसित बनाना है अपने देश को।

प्रधानमंत्री: पक्का?

विद्यार्थी: यस सर।

प्रधानमंत्री: 2047 क्यों तय किया?

विद्यार्थी: तब तक हमारी जो पीढ़ी है वह तैयार हो जाएगी।

प्रधानमंत्री: एक, दूसरा?

विद्यार्थी: आजादी को 100 साल हो जाएंगे।

प्रधानमंत्री: शाबाश!

प्रधानमंत्री: नॉर्मली कितने बजे घर से निकलते हैं?

विद्यार्थी: 7:00 बजे।

प्रधानमंत्री: तो क्या खाने का डब्बा साथ रखते हैं?

विद्यार्थी: नहीं सर, नहीं सर।

प्रधानमंत्री: अरे मैं खाऊंगा नहीं, बताओ तो सही।

विद्यार्थी: सर खाकर कर आए हैं।

प्रधानमंत्री: खाकर आ गए, लेकर नहीं आए? अच्छा आपको लगा होगा प्रधानमंत्री वो ही खा लेंगे।

विद्यार्थी: नहीं सर।

प्रधानमंत्री: अच्छा आज का क्या दिवस है?

विद्यार्थी: सर आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी का जन्म दिन है।

प्रधानमंत्री : हां।

प्रधानमंत्री: उनका जन्म कहां हुआ था?

विद्यार्थी: ओडिशा।

प्रधानमंत्री: ओडिशा में कहां?

विद्यार्थी: कटक।

प्रधानमंत्री: तो आज कटक में बहुत बड़ा समारोह है।

प्रधानमंत्री: नेताजी का वो कौन सा नारा है, जो आपको मोटिवेट करता है?

विद्यार्थी: मैं तुम्हें आजादी दूंगा।

प्रधानमंत्री: देखो आजादी मिल गई अब तो खून देना नहीं, तो क्या देंगे?

विद्यार्थी: सर फिर भी वह दिखाता है कैसे वो लीडर थे, और कैसे वो अपने देश को अपने ऊपर सबसे उनकी प्रायोरिटी थी, तो उससे बहुत प्रेरणा मिलती है हमें।

प्रधानमंत्री: प्रेरणा मिलती है लेकिन क्या-क्या?

विद्यार्थी: सर हम SDG कोर्स जो हैं हमारे, हम उनके माध्यम से जो कार्बन फुटप्रिंट है हम उसे रिड्यूस करना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री: अच्छा क्या-क्या, भारत में क्या-क्या होता है.......कार्बन फुटप्रिंट कम करने के लिए क्या-क्या होता है?

विद्यार्थी: सर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स तो आ ही गए हैं।

प्रधानमंत्री: इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, शाबाश! फिर?

विद्यार्थी: सर buses भी अब इलेक्ट्रिक ही है।

प्रधानमंत्री: इलेक्ट्रिक बस आ गई है फिर?

विद्यार्थी: हां जी सर और अब...

प्रधानमंत्री: आपको मालूम है दिल्ली में भारत सरकार ने कितनी इलेक्ट्रिक बसे दी हैं?

विद्यार्थी: सर है बहुत।

प्रधानमंत्री: 1200, और भी देने वाले हैं। देश भर में करीब 10 हजार बसें, अलग-अलग शहरों में।

प्रधानमंत्री: अच्छा पीएम सूर्यघर योजना मालूम है? कार्बन फुटप्रिंट कम करने की दिशा में। आप सबको बताएंगे, मैं बताऊ आपको?

विद्यार्थी: हां जी, आराम से।

प्रधानमंत्री: देखिए पीएम सूर्यघर योजना ऐसी है कि ये क्लाइमेट चेंज के खिलाफ जो लड़ाई है, उसका एक हिस्सा है, तो हर घर पर सोलर पैनल है।

विद्यार्थी: यस सर, यस सर।

प्रधानमंत्री: और सूर्य की ताकत से जो बिजली मिलती है घर पर, उसके कारण क्या होगा? परिवार में बिजली बिल जीरो आएगा। अगर आपने चार्जर लगा दिया है तो इलेक्ट्रिक व्हीकल होगा, चार्जिंग वहीं से हो जाएगा सोलर से, तो वो इलेक्ट्रिक व्हीकल का खर्चा भी, पेट्रोल-डीजल का जो खर्चा होता है वह नहीं होगा, पॉल्यूशन नहीं होगा।

विद्यार्थी: यस सर, यस सर।

प्रधानमंत्री: और अगर उपयोग करने के बाद भी बिजली बची, तो सरकार खरीद करके आपको पैसे देगी। मतलब आप घर में बिजली बना करके अपनी कमाई भी कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री: जय हिंद।

विद्यार्थी: जय हिंद।

प्रधानमंत्री: जय हिंद।

विद्यार्थी: जय हिंद।

प्रधानमंत्री: जय हिंद।

विद्यार्थी: जय हिंद।