"भारत टेक्स 2024 कपड़ा उद्योग में भारत की असाधारण क्षमताओं को उजागर करने का एक उत्कृष्ट मंच है"
“भारत टेक्स का यह सूत्र भारतीय परंपरा के गौरवशाली इतिहास को आज की प्रतिभा से, परंपराओं के साथ प्रौद्योगिकी को जोड़ता है; और यह स्टाइल, निरंतरता, दायरे और कौशल को एक साथ लाने का सूत्र है”
"हम परंपरा, प्रौद्योगिकी, प्रतिभा और प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं"
"विकसित भारत के निर्माण में टेक्सटाइल सेक्टर का योगदान और बढ़ाने के लिए हम बहुत विस्तृत दायरे में काम कर रहे हैं"
"टेक्सटाइल के अलावा खादी ने भी हमारे भारत की महिलाओं को नई शक्ति दी है"
"आज प्रौद्योगिकी और आधुनिकीकरण विशिष्टता और प्रामाणिकता के साथ समान रूप से रह सकते हैं"
"कस्तूरी कॉटन भारत की अपनी पहचान बनाने की ओर एक बड़ा कदम होने वाला है"
"पीएम-मित्र पार्कों में, सरकार संपूर्ण मूल्य श्रृंखला इको-सिस्टम को एक ही स्थान पर स्थापित करने का प्रयास करती है, जहां प्लग एंड प्ले सुविधाओं के साथ आधुनिक अवसंरचना उपलब्ध कराई जाती है"
आज देश में 'वोकल फॉर लोकल और लोकल टू ग्लोबल' के लिए जन-आंदोलन चल रहा है

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में देश में आयोजित होने वाले अब तक के सबसे बड़े वैश्विक टेक्सटाइल कार्यक्रमों में से एक, भारत टेक्स 2024 का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित एक प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत टेक्स 2024 में सभी का स्वागत किया और कहा कि आज का अवसर विशेष है, क्योंकि यह कार्यक्रम भारत के दो सबसे बड़े प्रदर्शनी केंद्रों भारत मंडपम और यशो भूमि में हो रहा है। उन्होंने लगभग 100 देशों के 3000 से अधिक प्रदर्शकों और व्यापारियों तथा लगभग 40,000 आगंतुकों के समागम को सराहते हुए कहा कि भारत टेक्स इन सभी को एक मंच प्रदान करता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का कार्यक्रम कई आयामों को अंगीकार करता है, क्योंकि “भारत टेक्स का यह सूत्र भारतीय परंपरा के गौरवशाली इतिहास को आज की प्रतिभा से, परंपराओं के साथ प्रौद्योगिकी को जोड़ता है; और यह स्टाइल, निरंतरता, दायरे और कौशल को एक साथ लाने का सूत्र है।” उन्होंने एक भारत, श्रेष्ठ भारत के एक महान उदाहरण के रूप में भी इस आयोजन का जिक्र किया, जिसमें पूरे भारत की असंख्य वस्त्र परंपराओं को शामिल किया गया है। उन्होंने भारत की वस्त्र परंपरा की गहराई, जिजीविषा और क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए कार्यक्रम स्थल पर आयोजित प्रदर्शनी की भी सराहना की।

वस्त्र मूल्य श्रृंखला से संबंधित विभिन्न हितधारकों की उपस्थिति को मद्देनजर रखते हुए, प्रधानमंत्री ने भारत के कपड़ा क्षेत्र को समझने के साथ-साथ चुनौतियों और आकांक्षाओं के बारे में जागरूक होने के प्रति उनकी सूझबूझ का हवाला दिया। उन्होंने बुनकरों की उपस्थिति और जमीनी स्तर पर उनके पीढ़ीगत अनुभव पर भी ध्यान दिलाया, जो मूल्य श्रृंखला के लिए महत्वपूर्ण हैं। अपने संबोधन में उनकी चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने विकसित भारत और उसके चार मुख्य स्तंभों के संकल्प पर जोर दिया और इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत का कपड़ा क्षेत्र गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं, सभी से जुड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसीलिए भारत टेक्स 2024 जैसे आयोजन का महत्व और बढ़ जाता है।

प्रधानमंत्री ने उस दायरे के बारे में विस्तार से बताया, जिसमें सरकार विकसित भारत की यात्रा में कपड़ा क्षेत्र की भूमिका का विस्तार करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा, "हम परंपरा, प्रौद्योगिकी, प्रतिभा और प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।" उन्होंने बताया कि आज के विश्व की मांगों के अनुरूप पारंपरिक डिजाइनों को अपडेट करने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने फाइव-एफ - फार्म से फाइबर, फाइबर से फैक्ट्री, फैक्ट्री से फैशन, फैशन से फॉरेन की अवधारणा को दोहराया, जो मूल्य श्रृंखला के सभी तत्वों को संपूर्णता में बांध रहा है। एमएसएमई सेक्टर की मदद करने के हवाले से, प्रधानमंत्री ने आकार में वृद्धि के बाद भी निरंतर लाभ सुनिश्चित करने के लिए एमएसएमई के ताने-बाने में बदलाव का उल्लेख किया। उन्होंने प्रत्यक्ष बिक्री, प्रदर्शनियों और ऑनलाइन पोर्टलों की भी चर्चा की, जिससे कारीगरों और बाजार के बीच की दूरी कम हो गई है।

प्रधानमंत्री ने विभिन्न राज्यों में सात पीएम मित्र पार्क बनाने की सरकार की व्यापक योजनाओं पर प्रकाश डाला और पूरे कपड़ा क्षेत्र के लिए अवसर पैदा करने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, "पीएम-मित्र पार्कों में, सरकार संपूर्ण मूल्य श्रृंखला इको-सिस्टम को एक ही स्थान पर स्थापित करने का प्रयास करती है, जहां प्लग एंड प्ले सुविधाओं के साथ आधुनिक अवसंरचना उपलब्ध कराई जाती है।" उन्होंने कहा कि इससे न केवल दायरे और संचालन में सुधार होगा, बल्कि लॉजिस्टिक लागत में भी कमी आएगी।

टेक्सटाइल सेक्टर में रोजगार की संभावना और ग्रामीण आबादी व महिलाओं की भागीदारी का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि 10 परिधान निर्माताओं में से सात महिलाएं हैं तथा हथकरघा उद्योग में यह संख्या और भी अधिक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले 10 वर्षों में उठाए गए कदमों ने खादी को विकास और नौकरियों का एक मजबूत माध्यम बना दिया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह, पिछले दशक की कल्याणकारी योजनाओं और बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने से कपड़ा क्षेत्र को भी फायदा हुआ है।

कपास, जूट और रेशम उत्पादक के रूप में भारत के बढ़ते कदमों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि सरकार कपास किसानों का समर्थन कर रही है और उनसे कपास खरीद रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लॉन्च किया गया कस्तूरी कॉटन वैश्विक स्तर पर भारत की ब्रांड वैल्यू बनाने में एक बड़ा कदम होगा। प्रधानमंत्री ने जूट और रेशम क्षेत्र के प्रोत्साहन के लिए भी विभिन्न उपायों का उल्लेख किया। उन्होंने तकनीकी वस्त्र जैसे नए क्षेत्रों की भी चर्चा की और राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन और इस क्षेत्र में स्टार्टअप की संभावनाओं के बारे में जानकारी दी।

प्रधानमंत्री ने एक ओर प्रौद्योगिकी और मशीनीकरण की आवश्यकता और दूसरी ओर विशिष्टता और प्रामाणिकता पर प्रकाश डाला और कहा कि भारत ही वह स्थान है, जहां ये दोनों मांगें साथ-साथ हो सकती हैं। भारत के कारीगरों द्वारा निर्मित उत्पादों की अनूठी विशेषता को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बेमिसाल फैशन की मांग के साथ ऐसी प्रतिभा की मांग बढ़ जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसीलिए सरकार कौशल के साथ-साथ दायरा बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। इस सिलसिले में देश में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) संस्थानों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है। उन्होंने कहा कि स्थानीय बुनकरों और कारीगरों को भी निफ्ट से जोड़ा जा रहा है, जिसमें नई प्रौद्योगिकी के बारे में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने समर्थ योजना का भी उल्लेख किया, जहां अब तक ढाई लाख से अधिक लोगों को क्षमता निर्माण और कौशल विकास प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना में अधिकांश महिलाओं ने भाग लिया है, जहां लगभग 1.75 लाख लोगों को पहले ही उद्योग में प्लेसमेंट मिल चुका है।

प्रधानमंत्री ने वोकल फॉर लोकल के आयाम पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ''आज देश में 'वोकल फ़ॉर लोकल और लोकल टू ग्लोबल' के लिए एक जन-आंदोलन चल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार छोटे कारीगरों के लिए प्रदर्शनी और मॉल जैसी व्यवस्थाएं बना रही है।

सकारात्मक, स्थिर और दूरदर्शी सरकारी नीतियों के प्रभाव की चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि भारतीय कपड़ा बाजार का मोल 2014 में 7 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले अब 12 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। यार्न, कपड़ा और परिधान उत्पादन में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस सेक्टर में 380 नए बीआईएस मानक गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इससे पिछले 10 वर्षों में इस क्षेत्र में एफडीआई दोगुना हो गया है।

भारत के कपड़ा क्षेत्र से होने वाली बड़ी उम्मीदों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कोविड महामारी के दौरान पीपीई किट और फेस मास्क के निर्माण के लिए उद्योग के प्रयासों को याद किया। उन्होंने रेखांकित किया कि सरकार ने कपड़ा क्षेत्र के साथ मिलकर आपूर्ति श्रृंखला को सुव्यवस्थित किया और पूरी दुनिया को पर्याप्त संख्या में पीपीई किट और फेस मास्क उपलब्ध कराए। इन उपलब्धियों के मद्देनजर, प्रधानमंत्री ने निकट भविष्य में भारत के वैश्विक निर्यात केंद्र बनने पर विश्वास व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने हितधारकों को आश्वासन दिया, "सरकार आपकी हर ज़रूरत के लिए आपके साथ खड़ी रहेगी"। उन्होंने कपड़ा क्षेत्र के विभिन्न हितधारकों के बीच सहयोग बढ़ाने का भी आग्रह किया, ताकि उद्योग के विकास को आगे बढ़ाने के लिए एक व्यापक समाधान प्राप्त किया जा सके। भोजन, स्वास्थ्य देखभाल और समग्र जीवन शैली सहित जीवन के हर पहलू में 'जड़ों की ओर वापसी' के लिए दुनिया भर के लोगों के रुझान को देखते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि कपड़ा क्षेत्र में भी ऐसा ही हो रहा है। उन्होंने परिधान उत्पादन के लिए रसायन मुक्त रंगीन धागों की मांग की ओर ध्यान आकर्षित किया। प्रधानमंत्री ने कपड़ा उद्योग से केवल भारतीय बाजार तक सीमित रहने की मानसिकता से बाहर निकलने और निर्यात की ओर ध्यान देने का आग्रह किया। उन्होंने अफ़्रीकी बाज़ार की विशिष्ट ज़रूरतों या जिप्सी समुदायों की ज़रूरतों का उदाहरण दिया, जहां अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने मूल्य श्रृंखला में रासायनिक तत्वों को शामिल करने और प्राकृतिक रसायन प्रदाताओं को तलाशने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने खादी को उसकी पारंपरिक छवि से बाहर निकालने का आह्वान किया और कहा कि खादी को फैशन स्टेटमेंट में बदलने की जरूरत है, ताकि युवाओं में आत्मविश्वास पैदा हो। इस तरह के प्रयास करने के बारे में उन्होंने ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने वस्त्रों के आधुनिक क्षेत्रों में और अधिक शोध करने और विशिष्ट वस्त्रों की प्रतिष्ठा फिर से हासिल करने के लिए भी कहा। भारत के हीरा उद्योग का उदाहरण देते हुए, जो अब उद्योग से संबंधित सभी उपकरण स्वदेशी रूप से बनाता है, प्रधानमंत्री ने कपड़ा क्षेत्र से कपड़ा उपकरण निर्माण के क्षेत्र में अनुसंधान करने और संबंधित लोगों को नए विचार पेश करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने हितधारकों से चिकित्सा क्षेत्र में उपयोग होने वाले वस्त्र जैसे नए क्षेत्रों का पता लगाने के लिए भी कहा। उन्होंने उनसे नेतृत्व करने और वैश्विक फैशन प्रवृत्ति का अनुसरण न करने को कहा।

संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि सरकार उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने और लोगों के सपनों को पूरा करने की दिशा में काम करने के लिए तत्पर है। उन्होंने उद्योगों से एक नई दृष्टि के साथ आगे आने का आग्रह किया, जो दुनिया की जरूरतों को पूरा करती है और उनके बाज़ारों की विविधता बढ़ाती है।

इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और कपड़ा मंत्री, श्री पीयूष गोयल और केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश तथा अन्य लोग भी उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

भारत टेक्स 2024 का आयोजन 26-29 फरवरी 2024 तक किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के 5-एफ विजन से प्रेरणा लेते हुए, इस कार्यक्रम में फाइबर, फैब्रिक और फैशन फोकस के माध्यम से विदेशी एकीकृत स्वरूप है, जो संपूर्ण कपड़ा मूल्य श्रृंखला को कवर करता है। यह कपड़ा क्षेत्र में भारत की शक्ति को प्रदर्शित करेगा और वैश्विक कपड़ा महाशक्ति के रूप में भारत की स्थिति की पुष्टि करेगा।

11 कपड़ा निर्यात संवर्धन परिषदों के एक संघ द्वारा आयोजित और सरकार द्वारा समर्थित, भारत टेक्स 2024 व्यापार और निवेश के दोहरे स्तंभों पर बनाया गया है, जिसमें स्थिरता पर अत्यधिक ध्यान दिया गया है। चार दिवसीय कार्यक्रम में 65 से अधिक ज्ञान सत्र होंगे, जिसमें 100 से अधिक वैश्विक पैनलिस्ट इस क्षेत्र के सामने आने वाले विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसमें स्थिरता और निरंतरता पर समर्पित मंडप, एक 'इंडी हाट', भारतीय कपड़ा विरासत, स्थिरता और वैश्विक डिजाइन जैसे विविध विषयों पर फैशन प्रस्तुतियां, साथ ही इंटरैक्टिव फैब्रिक परीक्षण क्षेत्र और उत्पाद प्रदर्शन भी हैं।

भारत टेक्स 2024 में नीति निर्माताओं और वैश्विक सीईओ के साथ 3,500 से अधिक प्रदर्शकों, 100 से अधिक देशों के 3,000 से अधिक खरीदारों और 40,000 से अधिक व्यापारिक आगंतुकों के अलावा कपड़ा छात्रों, बुनकरों, कारीगरों और कपड़ा श्रमिकों के भाग लेने की उम्मीद है। आयोजन के दौरान 50 से अधिक घोषणाओं और समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है, जिससे कपड़ा क्षेत्र में निवेश और व्यापार को और बढ़ावा मिलेगा तथा निर्यात को बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।

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November 07, 2025
भभुआ में, पीएम मोदी का मतदाताओं से आग्रह: एनडीए को एक वोट घुसपैठियों को रोक सकता है; एक वोट आपकी पहचान की रक्षा कर सकता है।
वे आपको डराएँगे, लोगों को उनके घरों से घसीटेंगे और आतंक का राज चलाएँगे क्योंकि उनके अपने गाने हिंसा का महिमामंडन करते हैं: पीएम मोदी का विपक्ष पर कटाक्ष
NDA के संस्कार सबको सम्मान देने और सबको साथ लेकर चलने के हैं: भभुआ में पीएम मोदी

भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की...
मां मुंडेश्वरी के ई पावन भूमि पर रऊआ सब के अभिनंदन करअ तानी।

कैमूर की इस पावन भूमि पर चारों दिशाओं से आशीर्वाद बरसता है। मां बिंध्यवासिनी, मां ताराचंडी, मां तुतला भवानी, मां छेरवारी, सब यहीं आसपास विराजती हैं। चारों ओर शक्ति ही शक्ति का साम्राज्य है। और मेरे सामने...विशाल मातृशक्ति है...जिनका आशीर्वाद हमेशा हम सभी पर रहा है... NDA पर रहा है। और मैं बिहार की मातृशक्ति का आभारी हूं। पहले चरण में NDA के उम्मीदवारों के पक्ष में जबरदस्त मतदान हुआ है। अब कैमूर की बारी है...अब रोहतास की बारी है...मैं इस मंच पर NDA के इन सभी उम्मीदवारों के लिए...आप सभी का साथ और समर्थन मांगने आया हूं। आपके आशीर्वाद मांगने के लिए आया हूं.. तो मेरे साथ बोलिए... फिर एक बार...फिर एक बार...NDA सरकार! फिर एक बार... फिर एक बार... फिर एक बार... बिहार में फिर से...सुशासन सरकार !

साथियों,
जब ये चुनाव शुरू हुआ था...तो RJD और कांग्रेस के लोग फूल-फूल के गुब्बारा हुए जा रहे थे।और RJD और कांग्रेस के नामदार आसमान पर पहुंचे हुए थे। लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान RJD-कांग्रेस के गुब्बारे की हवा निकलनी शुरू हुई...और पहले चरण के बाद इनका गुब्बारा पूरी तरह फूट गया है। अब तो आरजेडी-कांग्रेस का इकोसिस्टम...उनके समर्थक भी कह रहे हैं...फिर एक बार... फिर एक बार...NDA सरकार!

साथियों,
आरजेडी-कांग्रेस ने बिहार के युवाओं को भ्रमित करने की बहुत कोशिश की..लेकिन उनकी सारी प्लानिंग फेल हो गई...इसका एक बहुत बड़ा कारण है...बिहार का जागरूक नौजवान... बिहार का नौजवान ये देख रहा है कि आरजेडी-कांग्रेस वालों के इरादे क्या हैं।

साथियों,
जंगलराज के युवराज से जब भी पूछा जाता है कि जो बड़े-बडे झूठ उन्होंने बोले हैं...वो पूरे कैसे करेंगे...तो वो कहते हैं...उनके पास प्लान है... और जब पूछा जाता है कि भाई बताओ कि प्लान क्या है.. तो उनके मुंह में दही जम जाता है, मुंह में ताला लग जाता है.. उत्तर ही नहीं दे पाते।

साथियों,
आरजेडी वालों का जो प्लान है...उससे मैं आज आप सब को, बिहार को और देश को भी सतर्क कर रहा हूं। आप देखिए....आरजेडी के नेताओं के किस तरह के गाने वायरल हो रहे हैं। चुनाव प्रचार के जो गाने हैं कैसे गाने वायरल हो रहे हैं। आरजेडी वालों का एक गाना है...आपने भी सुना होगा आपने भी वीडियों में देखा होगा। आरजेडी वालों का एक गाना है। आएगी भइया की सरकार... क्या बोलते हैं आएगी भइया की सरकार, बनेंगे रंगदार! आप सोचिए...ये RJD वाले इंतजार कर रहे हैं कि कब उनकी सरकार आए और कब अपहरण-रंगदारी ये पुराना गोरखधंधा फिर से शुरू हो जाए। RJD वाले आपको रोजगार नहीं देंगे...ये तो आपसे रंगदारी वसूलेंगे.. रंगदारी ।

साथियों,
RJD वालों का एक और गाना है... अब देखिए, ये क्या-क्या कर रहे हैं, क्या-क्या सोच रहे हैं...और मैं तो देशवासियों से कहूंगा। देखिए, ये बिहार में जमानत पर जो लोग हैं वो कैसे लोग है.. उनका क्या गाना है भइया के आबे दे सत्ता... भइया के आबे दे सत्ता...कट्टा सटा के उठा लेब घरवा से, आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ये जंगलराज वाले सरकार में वापसी के लिए क्यों इतना बेचैन हैं। इन्हें जनता की सेवा नहीं करनी...इन्हें जनता को कट्टा दिखाकर लूटना है...उन्हें घर से उठवा लेना है। साथियों, आरजेडी का एक और गाना चल रहा है...बताऊं... बताऊं.. कैसा गाना चल रहा है.. मारब सिक्सर के 6 गोली छाती में...यही इनका तौर-तरीका है...यही इनका प्लान है...इनसे कोई भी सवाल पूछेगा तो यही जवाब मिलेगा...मारब सिक्सर के 6 गोली छाती में...

साथियों,
यही जंगलराज की आहट है। ये बहनों-बेटियों को गरीब, दलित-महादलित, पिछड़े, अतिपिछड़े समाज के लोगों को डराने का प्रयास है। भय पैदा करने का खेल है इनका। साथियों, जंगलराज वाले कभी कोई निर्माण कर ही नहीं सकते वे तो बर्बादी और बदहाली के प्रतीक हैं। इनकी करतूतें देखनी हों तो डालमिया नगर में दिखती हैं। रोहतास के लोग इस बात को अच्छी तरह जानते हैं।
((साथी आप तस्वीर लाए हैं, मैं अपनी टीम को कहता हूं वे ले लेते हैं, लेकिन आप तस्वीर ऊपर करते हैं तो पीछे दिखता नहीं है। मैं आपका आभारी हूं। आप ले आए हैं... मैं मेरे टीम को कहता हूं, जरा ले लीजिए भाई। और आप बैठिए नीचे। वे ले लेंगे। बैठिए, पीछे औरों को रुकावट होती है.. ठीक है भैया ))

साथियों,
अंग्रेज़ों के जमाने में डालमिया नगर की नींव पड़ी थी। दशकों के परिश्रम के बाद। एक फलता-फूलता औद्योगिक नगर बनता जा रहा था। लेकिन फिर कुशासन की राजनीति आ गई। कुशासन की राजनीति आ गई, जंगलराज आ गया। फिरौती, रंगदारी, करप्शन, कट-कमीशन, हत्या, अपहरण, धमकी, हड़ताल यही सब होने लगा। देखते ही देखते जंगलराज ने सबकुछ तबाह कर दिया।

साथियों,
जंगलराज ने बिहार में विकास की हर संभावना की भ्रूण हत्या करने का काम किया था। मैं आपको एक और उदाहरण याद दिलाता हूं। आप कैमूर में देखिए, प्रकृति ने क्या कुछ नहीं दिया है। ये आकर्षक पर्यटक स्थलों में से एक हो सकता था। लेकिन जंगलराज ने ये कभी होने नहीं दिया। जहां कानून का राज ना हो...जहां माओवादी आतंक हो बढ़ रहा हो.. क्या वहां पर कोई टूरिज्म जाएगा क्या? जरा बताइए ना जाएगा क्या? नहीं जाएगा ना.. नीतीश जी ने आपके इस क्षेत्र को उस भयानक स्थिति से बाहर निकाला है। मुझे खुशी है कि अब धीरे-धीरे यहा पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। जिस कर्कटगढ़ वॉटरफॉल... उस वाटरफॉल के आसपास माओवादी आतंक का खौफ होता था। आज वहां पर्यटकों की रौनक रहती है... यहां जो हमारे धाम हैं...वहां तीर्थ यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जागृत देवता हरषू ब्रह्म के दर्शन करने लोग आते हैं। आज यहां नक्सलवाद...माओवादी आतंक दम तोड़ रहा है....

साथियों,
यहां उद्योगों और पर्यटन की जो संभावनाएं बनी हैं... इसका हमें और तेजी से विस्तार करना है...देश-विदेश से लोग यहां बिहार में पूंजी लगाने के लिए तैयार हैं...बस उन्हें लालटेन, पंजे और लाल झंडे की तस्वीर भी नहीं दिखनी चाहिए। अगर दिख गई.. तो वे दरवाजे से ही लौट जाएंगे इसलिए हमें संकल्प लेना है...हमें बिहार को जंगलराज से दूर रखना है।

साथियों,
बिहार के इस चुनाव में एक बहुत ही खास बात हुई है। इस चुनाव ने कांग्रेस-आरजेडी के बीच लड़ाई को सबके सामने ला दिया है। कांग्रेस-आरजेडी की जो दीवार है ना वो टूट चुकी है कांग्रेस-आरजेडी की टूटी दीवार पर ये लोग चाहे जितना ‘पलस्तर’ कर लें... अब दोनों पार्टियों के बीच खाई गहरी होती जा रही है। पलस्तर से काम चलने वाला नहीं है। आप देखिए, इस क्षेत्र में भी कांग्रेस के नामदार ने रैलियां कीं। लेकिन पटना के नामदार का नाम नहीं लिया। कितनी छुआछूत है देखिए, वो पटना के नामदार का नाम लेने को तैयार नहीं है। कांग्रेस के नामदार दुनिया-जहां की कहानियां कहते हैं, लेकिन आरजेडी के घोषणापत्र पर, कोई सवाल पूछे कि भाई आरजेडी ने बड़े-बड़े वादे किए हैं इस पर क्या कहना है तो कांग्रेस के नामदार के मुंह पर ताला लग जाता है। ये कांग्रेस के नामदार अपने घोषणापत्र की झूठी तारीफ तक नहीं कर पा रहे हैं। एक दूसरे को गिराने में जुटे ये लोग बिहार के विकास को कभी गति नहीं दे सकते।

साथियों,
ये लोग अपने परिवार के अलावा किसी को नहीं मानते। कांग्रेस ने बाबा साहेब आंबेडकर की राजनीति खत्म की...क्योंकि बाब साहेब का कद दिल्ली में बैठे शाही रिवार से ऊंचा था। इन्होंने बाबू जगजीवन राम को भी सहन नहीं किया। सीताराम केसरी...उनके साथ भी ऐसा ही किया. बिहार के एक से बढ़कर एक दिग्गज नेता को अपमानित करना यही शाही परिवार का खेल रहा है। जबकि साथियों, भाजपा के, NDA के संस्कार...सबको सम्मान देने के हैं...सबको साथ लेकर चलने के हैं।

हमें लाल मुनी चौबे जी जैसे वरिष्ठों ने सिखाया है...संस्कार दिए हैं। यहां भभुआ में भाजपा परिवार के पूर्व विधायक, आदरणीय चंद्रमौली मिश्रा जी भी हमारी प्रेरणा हैं...अब तो वो सौ के निकट जा रहे हैं.. 96 साल के हो चुके हैं... और जब कोरोना का संकट आया तब हम हमारे सभी सीनियर को फोन कर रहा था। तो मैंने मिश्राजी को भी फोन किया। चंद्रमौली जी से मैंने हालचाल पूछे। और मैं हैरान था कि ये उमर, लेकिन फोन पर वो मेरा हाल पूछ रहे थे, वो मेरा हौसला बढ़ा रहे थे। ये इस धरती में आदरणीय चंद्रमौली मिश्रा जी जैसे व्यक्तित्वों से सीखते हुए हम भाजपा के कार्यकर्ता आगे बढ़ रहे हैं।

साथियों,
ऐसे वरिष्ठों से मिले संस्कारों ने हमें राष्ट्रभक्तों का देश के लिए जीने-मरने वालों का सम्मान करना सिखाया है। इसलिए, हमने बाबा साहेब आंबेडकर से जुड़े स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया। और मैं तो काशी का सांसद हूं, मेरे लिए बड़े गर्व की बात है कि बनारस संत रविदास जी की जन्मभूमि है। संत रविदास की जयंति पर...मुझे कई बार वहां जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। 10-11 साल पहले वहां क्या स्थिति थी...और आज वहां कितनी सुविधाएं श्रद्धालुओं के लिए बनी हैं... इसकी चर्चा बनारस में, और बनारस के बाहर भी सभी समाजों में होती है।

साथियों,
बनारस ही नहीं...भाजपा सरकार मध्य प्रदेश के सागर में भी संत रविदास का भव्य मंदिर और स्मारक बना रही है। हाल ही में...मुझे कर्पूरी ग्राम जाने का अवसर मिला था..वहां पिछले कुछ वर्षों में सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाओं का विस्तार हुआ है। कर्पूरीग्राम रेलवे स्टेशन को आधुनिक बनाया जा रहा है। साथियों, ये हमारी ही सरकार है...जो देशभर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के स्मारक बना रही है। भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिवस को...हमने जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया है। 1857 के क्रांतिवीर...वीर कुंवर सिंह जी की विरासत से भावी पीढ़ियां प्रेरित हों...इसके लिए हर वर्ष व्यापक तौर पर विजय दिवस का आयोजन किया जा रहा है।

साथियों,
कैमूर को धान का कटोरा कहा जाता है। और हमारे भभुआ के मोकरी चावल की मांग दुनियाभर में हो रही है। प्रभु श्रीराम को भोग में यही मोकरी का चावल अर्पित किया जाता है। राम रसोई में भी यही चावल मिलता है। आप मुझे बताइए साथियों, आप अयोध्या का राम मंदिर देखते हैं। या उसके विषय में सुनते हैं। यहां पर बैठा हर कोई मुझे जवाब दे, जब राममंदिर आप देखते हैं या उसके बारे में सुनते हैं तो आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? माताओं-बहनों आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? भव्य राम मंदिर का आपको आनंद आता है कि नहीं आता है? आप काशी में बाबा विश्वनाथ का धाम देखते हैं, आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? आपका हृदय गर्व से भर जाता है कि नहीं भर जाता है? आपका माथा ऊंचा होता है कि नहीं होता है? आपको तो गर्व होता है। हर हिंदुस्तानी को गर्व होता है, लेकिन कांग्रेस-RJD के नेताओं को नहीं होता। ये लोग दुनियाभर में घूमते-फिरते हैं, लेकिन अयोध्या नहीं जाते। राम जी में इनकी आस्था नहीं है और रामजी के खिलाफ अनाप-शनाप बोल चुके हैं। उनको लगता है कि अगर अयोध्या जाएंगे, प्रभु राम के दर्शन करेंगे तो उनके वोट ही चले जाएंगे, डरते हैं। उनकी आस्था नाम की कोई चीज ही नहीं है। लेकिन मैं इनलोगों से जरा पूछना चाहता हूं.. ठीक है भाई चलो भगवान राम से आपको जरा भय लगता होगा लेकिन राम मंदिर परिसर में ही, आप मे से तो लोग गए होंगे। उसी राम मंदिर परिसर में भगवान राम विराजमान हैं, वहीं पर माता शबरी का मंदिर बना है। महर्षि वाल्मीकि का मंदिर बना है। वहीं पर निषादराज का मंदिर बना है। आरजेडी और कांग्रेस के लोग अगर रामजी के पास नहीं जाना है तो तुम्हारा नसीब, लेकिन वाल्मीकि जी के मंदिर में माथा टेकने में तुम्हारा क्या जाता है। शबरी माता के सामने सर झुकाने में तुम्हारा क्या जाता है। अरे निषादराज के चरणों में कुछ पल बैठने में तुम्हारा क्या जाता है। ये इसलिए क्योंकि वे समाज के ऐसे दिव्य पुरुषों को नफरत करते हैं। अपने-आपको ही शहंशाह मानते हैं। और इनका इरादा देखिए, अभी छठ मैया, छठी मैया, पूरी दुनिया छठी मैया के प्रति सर झुका रही है। हिंदुस्तान के कोने-कोने में छठी मैया की पूजा होने लगी है। और मेरे बिहार में तो ये मेरी माताएं-बहनें तीन दिन तक इतना कठिन व्रत करती है और आखिर में तो पानी तक छोड़ देती हैं। ऐसी तपस्या करती है। ऐसा महत्वपूर्ण हमारा त्योहार, छठी मैया की पूजा ये कांग्रेस के नामदार छठी मैया की इस पूजा को, छटी मैया की इस साधना को, छठी मैया की इस तपस्या को ये ड्रामा कहते हैं.. नौटंकी कहते हैं.. मेरी माताएं आप बताइए.. ये छठी मैया का अपमान है कि नहीं है? ये छठी मैया का घोर अपमान करते हैं कि नहीं करते हैं? ये छठी मैया के व्रत रखने वाली माताओ-बहनों का अपमान करते हैं कि नहीं करते हैं? मुझे बताइए मेरी छठी मैया का अपमान करे उसको सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? पूरी ताकत से बताइए उसे सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? अब मैं आपसे आग्रह करता हूं। अभी आपके पास मौका है उनको सजा करने का। 11 नवंबर को आपके एक वोट से उन्हें सजा मिल सकती है। सजा दोगे? सब लोग सजा दोगे?

साथियों,
ये आरजेडी-कांग्रेस वाले हमारी आस्था का अपमान इसलिए करते हैं, हमारी छठी मैया का अपमान इसलिए करते हैं। हमारे भगवान राम का अपमान इसलिए करते हैं ताकि कट्टरपंथी खुश रहें। इनका वोटबैंक नाराज ना हो।

साथियों,
ये जंगलराज वाले, तुष्टिकरण की राजनीति में एक कदम और आगे बढ़ गए हैं। ये अब घुसपैठियों का सुरक्षा कवच बन रहे हैं। हमारी सरकार गरीबों को मुफ्त अनाज-मुफ्त इलाज की सुविधा देती है। RJD-कांग्रेस के नेता कहते हैं ये सुविधा घुसपैठियों को भी देना चाहिए। गरीब को जो पक्का आवास हम दे रहे हैं, वो घुसपैठियों को भी देना चाहिए ऐसा कह रहे हैं। मैं जरा आपसे पूछना चाहता हूं, क्या आपके हक का अनाज घुसपैठिये को मिलना चाहिए क्या? आपके हक का आवास घुसपैठिये को मिलना चाहिए क्या? आपके बच्चों का रोजगार घुसपैठियों को जाना चाहिए क्या? भाइयों-बहनों मैं आज कहना नहीं चाहता लेकिन तेलंगाना में उनके एक मुख्यमंत्री के भाषण की बड़ी चर्चा चल रही है। लेकिन दिल्ली में एयरकंडीसन कमरों में जो सेक्युलर बैठे हैं ना उनके मुंह में ताला लग गया है। उनका भाषण चौंकाने वाला है। मैं उसकी चर्चा जरा चुनाव के बाद करने वाला हूं। अभी मुझे करनी नहीं है। लेकिन मैं आपसे कहना चाहता हूं मैं आपको जगाने आया हूं। मैं आपको चेताने आया हूं। इनको, कांग्रेस आरजेडी इन जंगलराज वालों को अगर गलती से भी वोट गया तो ये पिछले दरवाज़े से घुसपैठियों को भारत की नागरिकता दे देंगे। फिर आदिवासियों के खेतों में महादलितों-अतिपिछड़ों के टोलों में घुसपैठियों का ही बोलबाला होगा। इसलिए मेरी एक बात गांठ बांध लीजिए। आपका एक वोट घुसपैठियों को रोकेगा। आपका एक वोट आपकी पहचान की रक्षा करेगा।

साथियों,
नरेंद्र और नीतीश की जोड़ी ने बीते वर्षों में यहां रोड, रेल, बिजली, पानी हर प्रकार की सुविधाएं पहुंचाई हैं। अब इस जोड़ी को और मजबूत करना है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत...किसानों को अभी छह हज़ार रुपए मिलते हैं।बिहार में फिर से सरकार बनने पर...तीन हजार रुपए अतिरिक्त मिलेंगे। यानी कुल नौ हज़ार रुपए मिलेंगे। मछली पालकों के लिए अभी पीएम मत्स्य संपदा योजना चल रही है। केंद्र सरकार...मछली पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड दे रही है। अब NDA ने..मछुआरे साथियों के लिए जुब्बा सहनी जी के नाम पर नई योजना बनाने का फैसला लिया है। इसके तहत मछली के काम से जुड़े परिवारों को भी नौ हज़ार रुपए दिए जाएंगे।

साथियों,
डबल इंजन सरकार का बहुत अधिक फायदा...हमारी बहनों-बेटियों को हो रहा है। हमारी सरकार ने..बेटियों के लिए सेना में नए अवसरों के दरवाज़े खोले हैं...सैनिक स्कूलों में अब बेटियां भी पढ़ाई कर रही हैं। यहां नीतीश जी की सरकार ने...बेटियों को नौकरियों में आरक्षण दिया है। मोदी का मिशन है कि बिहार की लाखों बहनें...लखपति दीदी बनें। नीतीश जी की सरकार ने भी जीविका दीदियों के रूप में, बहनों को और सशक्त किया है।

साथियों,
आजकल चारों ओर मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की चर्चा है। अभी तक एक करोड़ 40 लाख बहनों के बैंक-खाते में दस-दस हज़ार रुपए जमा हो चुके हैं। NDA ने घोषणा की है कि फिर से सरकार बनने के बाद...इस योजना का और विस्तार किया जाएगा।

साथियों,
बिहार आज विकास की नई गाथा लिख रहा है। अब ये रफ्तार रुकनी नहीं चाहिए। आपको खुद भी मतदान करना है...और जो साथी त्योहार मनाने के लिए गांव आए हैं... उनको भी कहना है कि वोट डालकर ही वापस लौटें...याद रखिएगा...जब हम एक-एक बूथ जीतेंगे...तभी चुनाव जीतेंगे। जो बूथ जीतेगा वह चुनाव जीतेगा। एक बार फिर...मैं अपने इन साथियों के लिए, मेरे सभी उम्मीदवारों से मैं आग्रह करता हूं कि आप आगे आ जाइए.. बस-बस.. यहीं रहेंगे तो चलेगा.. मैं मेरे इन सभी साथियों से उनके लिए आपसे आशीर्वाद मांगने आया हूं। आप सभी इन सब को विजयी बनाइए।

मेरे साथ बोलिए...
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
वंदे... वंदे... वंदे... वंदे...
बहुत-बहुत धन्यवाद।